Monday, April 28, 2025
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31 जनवरी तक कुम्भ से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाए,सौन्दर्यीेकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जायः मुख्यमंत्री

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हरिद्वार 03 दिसम्बर (कुल भूषण शर्मा)  । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को नारसन से रूड़की के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों एवं रूड़की बाईपास पर चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। इसके उपरान्त उन्होंने कुम्भ क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों एवं पुलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 31 दिसम्बर 2020 तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण किये जाय। 31 जनवरी2021 तक कुम्भ से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाए।
मुख्यमंत्री ने पुहाना-छुटमलपुर बाईपासफ्लाईओवर ब्रिजकोर काॅलेज के समीप से मंगलौर को जोड़ने वाले बाईपासरानीपुल झाल में बनाये जा रहे पुल एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाये जा रहे विभिन्न पुलों एवं मेला क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 98 प्रतिशत कार्य दिसम्बर 2020 के अन्त तक पूर्ण हो जायेंगे। जनवरी अन्त तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि पुलोंबाईपास को जोेड़ने एवं सड़क निर्माण के जो कार्य हो रहे हैंइससे लोगों को आने वाले समय में काफी फायदा होगा। हरिद्वार में सालभर में अनेक स्नान पर्व एवं कांवड़ मेले का आयोजन होता है। इन पर्वों में भी श्रद्धालुओं को आवागमन के लिए काफी सुविधा होगी एवं स्थानीय लोगों को भी सुविधा होगी। हरिद्वार देश-विदेश के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र है। हरिद्वार में श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानी न इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये कि कुंभ मेला क्षेत्र में सौन्दर्यीेकरण के कार्यों पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। यात्रा मार्गों पर साइनेज की पर्याप्त व्यवस्था हो। पार्किंग स्थलोंस्वच्छतापेयजल एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की उचित व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण बीच में जो निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैंउनमें और तेजी लाई जाय। कुंभ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाय।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुंभ कार्यों का निरीक्षण करने के बाद हरकी पैड़ी पर पूजा-अर्चना की एवं प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना ही।
मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ मेला क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थाई प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्णता की ओर हैंअवशेष कार्य भी कुंभ शुरू होने से पूर्व पूर्णं हो जायेंगे। सौन्दर्यीकरणघाटों की सफाईअतिक्रमण हटानेस्वच्छता आदि के कार्य लगातार किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिकविधायक आदेश चैहान,  प्रदीप बत्राकुंवर प्रणव चैंपियनमुख्य सचिव ओम प्रकाशसचिव आर.के. सुधांशु, शैलेष बगोलीआईजी मेला संजय गुंज्यालजिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकरएसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एसअपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह आदि उपस्थित थे।

देहरादून में पहली बार, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एंडोस्कोपिक सबम्यूकोसल डिसेक्शन किया गया

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देहरादून,  मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हाल ही में, मलाशय से रक्तस्राव से पीडित 46 साल की महिला की ईएसडी (एंडोस्कोपिक सबम्यूकोसल डिसेक्शन) सर्जरी कर उसे एक जटिल और बडी सर्जरी से बचाया। ओपन सर्जरी की बजाय ईएसडी का विकल्प चुन कर, डॉक्टरों की टीम ने न केवल संभावित जटिलताओं, लंबे समय तक अस्पताल में रहने और अधिक खर्च से बचाया बल्कि मलाशय को सुरक्षित रखने और रोगी के प्राकृतिक रूप से मल त्याग को बरकरार रखने में भी मदद की।

 

इस प्रक्रिया में उच्च स्तर की विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, लेकिन मैक्स में डॉक्टरों ने आसानी से इस प्रक्रिया को अंजाम दिया और ओपन सर्जरी की बजाय उपचार के इस विकल्प का चयन करने से न केवल रोगी को तेजी से ठीक होने में मदद मिली, बल्कि अन्य ओपन या लेप्रोस्कोपिक सर्जिकल प्रक्रियाओं की तुलना में उसे कम दर्द हुआ।

 

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर और गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ रविकांत गुप्ता ने रोगी की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा, श्श् उन्होंने फरवरी में देहरादून में एक अन्य गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से सलाह ली थी, जिसने मलाशय में ट्यूमर पाये जाने पर कोलोनोस्कोपी की थी। इसके अलावा, जब बायोप्सी की गयी, तो पता चला कि यह एक प्रीमैलिग्नेंट ट्यूमर था। फिर रोगी को परमानेंट कोलोस्टोमी (एक ऐसी शल्य प्रक्रिया जिसमें क्षतिग्रस्त हिस्से को हटाकर मलाशय को छोटा किया जाता है और पेट की दीवार में छेद कर मल द्वार को मोड़ दिया जाता है) कर उसके पूरे मलाशय को हटाने के लिए एक बड़ी सर्जरी कराने की सलाह दी गई थी। जब वह कुछ दिन पहले हमारे पास आई तो हमने एक और कोलोनोस्कोपी, जिसमें पता चला कि ट्यूमर बहुत लंबा हो गया था। लेकिन सौभाग्य से, सीटी स्कैन से पता चला है कि यह मलाशय की दीवार से आगे नहीं फैला था। ”

 

टीम में डॉ रविकांत गुप्ता और डॉ मयंक गुप्ता शामिल थे। टीम के सदस्यों के बीच व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया कि ट्यूमर को बिना किसी ओपन सर्जरी के एंडोस्कोपिक रूप से हटाया जाए ताकि मलाशय और प्राकृतिक मल मार्ग को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

 

डॉ रविकांत गुप्ता ने कहा, “रेक्टल सर्जरी कई बार जटिल हो सकती है क्योंकि इस सर्जरी के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। सर्जरी के दुष्प्रभावों में सर्जरी की जगह पर रक्तस्राव या संक्रमण और यहां तक कि पैरों में रक्त के थक्के हो सकते हैं। कभी-कभी, मलाशय के सिरे एक दूसरे से नहीं जुड पाते और ये लीक करने लगते हैं जिसके कारण पेट दर्द, बुखार या यहां तक कि संक्रमण हो सकते हैं और इसे ठीक करने के लिए एक से अधिक सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। यह सब ध्यान में रखते हुए और रोगी की स्थिति को देखते हुए, हमने ईएसडी एंडोस्कोपिक सर्जरी करने का फैसला किया जो लगभग ढाई घंटे तक चला। पूरे ट्यूमर को किसी रक्तस्राव या चीरे (और सर्जरी के बाद आने वाली जटिलताओं के बगैर) के बगैर हटा दिया गया। मरीज को 6 घंटे बाद खाना दिया गया और अगले दिन घर भेज दिया गया। ”

 

ईएसडी डे केयर या 24 घंटे की एडमिशन प्रक्रिया है जो एंडोस्कोप नामक लचीली, ट्यूब जैसी इमेजिंग टूल का उपयोग करके जठरांत्र (जीआई) पथ से गहरे ट्यूमर को हटाने में मदद करती है। ईएसडी के परिणामों को अब सर्जिकल प्रक्रियाओं की तुलना में स्वीकार किया जा रहा है और आरंभिक चरण कैंसर के ट्यूमर या कोलोन पॉलिप्स और इसोफेगस के ट्यूमर, पेट या कोलोन के वैसे ट्यूमर के इलाज के लिए किया जा रहा है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की दीवार में प्रवेश नहीं किया है। इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं जिनमें गले में खराश, मतली, उल्टी या कुछ गैस, सूजन या ऐंठन आदि हैं।

 

मैक्स हॉस्पिटल, देहरादून में, अधिक से अधिक ऐसे मामलों में रोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए एंडोस्कोपिक सर्जरी का विकल्प दिया जा रहा है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्यूमर के एंडोस्कोपिक प्रबंधन ने पिछले दो दशकों में तेजी से प्रगति की है। इसका विकास आरंभ में गैस्ट्रिक कैंसर के इलाज के लिए हुआ था और उसके बाद से इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल अन्य बीमारियों में भी होने लगा क्योंकि यह तुलनात्मक तौर पर सरल, सुरक्षित एवं कारगर है और इन्हीं कारणों से इन्हें एसोफैगेक्टोमी जैसी सर्जिकल विधियों का एक स्वीकृत विकल्प बन गया है। इसे मिनिमली इनवेसिव विधि के रूप में तेजी से पसंद किया जा रहा हैय यह पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत तेजी से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

 

ग्रैंड फिनाले : सपना रावत व व्यंकटेश गुणालवर बने मिस्टर व मिस डीसी इंडिया 2020, रैंप पर मास्क के साथ उतरे मॉडल

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देहरादून, उत्तराखंड़ की राजधानी दून में गुड लुक्स, स्टाइल, फैशन और मेकअप स्टाइलिंग के परफैक्ट कॉम्बिनेशन और दिलकश अदाओं के साथ मॉडल्स जब रैंप पर उतरे तो हर किसी की धड़कन थम गई। मौका था मिस्टर एंड मिस डीसी इंडिया 2020 के ग्रैंड फिनाले का। जहां प्रतिभागियों ने न सिर्फ अपना टैलेंट दिखाया बल्कि कोविड—19 को लेकर लोगों को एक अलग अंदाज में जागरूक भी किया।
कार्यक्रम में नागपुर के व्यंकटेश को मिस्टर डीसी इंडिया 2020 से नवाजा गया। जबकि देहरादून की सपना रावत के सिर मिस डीसी इंडिया का ताज सजा।

डिजाइनर मास्क रहे आकर्षण का केंद्र

प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर सूफी साबरी द्वारा आयोजित मिस्टर एंड मिस डीसी इंडिया 2020 मॉडलिंग कांटेस्ट का ग्रैंड फिनाले आयोजित किया गया। फिनाले में प्रतिभागियों ने रैंप पर अपनी अदाओं और स्टाइल के जलवे बिखेरे। कांटेस्ट में बतौर जज सूफी साबरी, अनु डागर, पायल साहू व जया हांडा ने प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया। कार्यक्रम के आयोजक डिजाइनर साबरी ने बताया कि इस समय परा विश्व कोरोना से जंग लड़ रहा है। आज समाज को कोविड—19 के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारे प्रतिभागियों ने न सिर्फ डिजाइनर परिधानों बल्कि कोरोना से बचाव करने वाले डिजानर मास्क का भी प्रदर्शन रैंप पर किया। खास बात यह कि यह डिजानर मास्क सभी को काफी पसंद भी आए। बताया कि आने वाले समय में ऐसे ही कुछ नए प्रयोग और करते हुए फैशन इं​डस्ट्री को साथ लेकर समाजहित के कार्य करते रहेंगें।

जज सूफी साबरी ने बताया कि ग्रैंड फिनाले से पहले प्रतिभगियों का चयन आनलाइन माध्यम से किया गया। जिसमें 15 युवक और 15 युवतियों को देश भर के विभिन्न राज्यों से चुना गया । इस अकेला ऐसा शो है जिसमे मॉडल्स को डारेक्ट फिनाले के लिए एंट्री दी गयी। जिसके बाद प्रतिभागियों को एक दिसम्बर को एक दिवसीय ग्रूमिंग के बाद रैंप पर उतारा गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन किया गया। फिनाले में तीन राउंड आयोजित किए गए। पहले राउंड में इंट्रोडक्शन, दूसरा राउंड इंडियन एथिनिक व तीसरे राउंड में फिनाले के बाद विजेताओं की घोषणा की गई। इस मौके पर कुलदीप प्रताप, अनुराग, तारीक, सुभाष व मानव आदि मौजूद रहे।

यह रहे विजेता
Winner Mr. Dc india 2020 व्यंकटेश गुणालवर नागपुर
First runner up .पीयूष चंडीगढ़
Second .अविजीत
Third.सत्यजीत

Winner Miss dc india 2020 सपना रावत देहरादून,
First runner up-पारुल सिंह रुड़की
Second -हरप्रीत कौर
Third- राशी

मसाला ब्रांड एमडीएच के मालिक ‘महाशय’ धर्मपाल गुलाटी का निधन

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नई दिल्ली, एमडीएच के मसाला ब्रांड के मालिक ‘महाशय’ धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार सुबह निधन हो गया है। वे 98 साल के थे। खबरों के मुताबिक, गुलाटी का पिछले तीन हफ्तों से दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। गुरुवार सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उन्होंने सुबह 5:38 बजे अंतिम सांस ली। इससे पहले वे कोरोना से संक्रमित हो गए थे। हालांकि बाद में वे ठीक हो गए थे। पिछले साल उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1947 में भारत आए गुलाटी कुछ समय तक शरणार्थी शिविर में भी रहे |

‘दादाजी’, ‘मसाला किंग’, ‘किंग ऑफ स्पाइसेज’ और ‘महाशयजी’ के नाम से मशहूर धरमपाल गुलाटी का जन्म 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वाले धर्मपाल गुलाटी शुरुआती दिनों में अपने पिता के मसाले के व्यवसाय में शामिल हो गए थे। 1947 में विभाजन के बाद, धर्मपाल गुलाटी भारत आ गए और अमृतसर में एक शरणार्थी शिविर में रहे।

दिल्ली के करोल बाग में पहला खोला पहला स्टोर
फिर वह दिल्ली आ गए थे और दिल्ली के करोल बाग में एक स्टोर खोला। गुलाटी ने 1959 में आधिकारिक तौर पर कंपनी की स्थापना की थी। यह व्यवसाय केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी फैल गया। इससे गुलाटी भारतीय मसालों के एक वितरक और निर्यातक बन गए
गुलाटी की कंपनी ब्रिटेन, यूरोप, यूएई, कनाडा आदि सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारतीय मसालों का निर्यात करती है। 2019 में भारत सरकार ने उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था। एमडीएच मसाला के अनुसार, धर्मपाल गुलाटी अपने वेतन की लगभग 90 प्रतिशत राशि दान करते थे।

गेस्ट हाउस में गर्लफ्रेंड के मर्डर के बाद प्रेमी ने किया सरेंडर, 10 दिसंबर को होनी थी युवती की शादी

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मथुरा. यूपी के मथुरा के सदर बाजार इलाके में उस वक्त हड़ंकप मच गया जब एक युवक ने अपनी प्रेमिका की गोली मारकर हत्या कर दी. आरोपी युवक ने प्रेमिका को औरंगाबाद स्थित गोपी गेस्ट हाउस बुलाया और वहां गोली मारकर उसकी जान ले ली. बताया जा रहा है कि युवती की किसी दूसरी जगह शादी तय हो गई थी. उसका प्रेमी इसी बात से खफा था. आरोपी का नाम सुखवीर (26) है जबकि उसकी प्रेमिका का नाम नगीना (24) था.

खबर के मुताबिक, नगला रिफाइनरी इलाके के नगला पोपी के रहने वाले सुखवीर ने प्रेमिका की हत्या के बाद पुलिस के सामने सरेंडर भी कर दिया. सुखवीर ने नगीना के सिर में गोली मारी थी. वारदात के बाद उसने घटनास्थल पर खुद पुलिस को बुलाया. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच लंबे समय से प्रेम संबंध चल रहा था. मृतका नगीना आरोपी युवक के भाई की रिश्ते में साली है. 10 दिसंबर को नगीना की शादी होने वाली थी.

वारदात से पहले हुई लंबी बातचीत
सुखवीर ने नगीना को फोन कर गेस्ट हाउस बलुया था. दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत भी हुई. इसी दौरान सुखवीर ने नगीना को गोली मार दी. आशंका ये भी जताई जा रही है कि दोनों ने गेस्ट हाउस पहुंच कर आत्महत्या का प्लान बनाया था. कहा जा रहा है कि युवती ने तो खुद को गोली मार ली, लेकिन युवक खुद को गोली नहीं मार सका. पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल मामले की जांच जारी है.

2020 रहा खराब तो न हों परेशान, काफी सस्‍ता हुआ Gold जल्‍दी करें न‍िवेश

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नई द‍िल्‍ली: बहुतों का मानना है कि साल 2020 खराब रहा है। लेकिन वहीं कुछ के ल‍िए ये साल काफी शानदार रहा। जहां तक पैसों कि बात है तो ये बात ब‍िलकुल सच है कि आर्थिक रुप से ये साल घातक साब‍ित हुआ है। इसकी एकलौती वजह वैश्विक महामारी रही है। इस महामारी के कारण बहुत सी कंपनियों के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है।

लोगों की नौकरियों से भी हाथ थोना पड़ा है। कई सेक्टर्स पूरी तरह डूब गए। दुनिया में आर्थिक संकट की स्थिति बन गई। भारत भी तकनीकी तौर पर मंदी में आ चुका है। जानकारों के मुताबिक इस महामारी की वजह से सबसे बड़ी मंदी आ सकती है। लेकिन इसके बाद भी परेशान होने की जरुरत नहीं है, क्‍योंकि अभी आपके पास न‍िवेश के जरि‍ए मुनाफा कमाने का मौका है। जी हां फ‍िलहाल सोना में न‍िवेश करना एक बेहतर व‍िकल्‍प हो सकता है। सोना काफी सस्‍ता होगा है।

सोना 7425 रुपये प्रति 10 ग्राम तक हो चुका है

महामारी के दौराना सोना अपने सर्वोच्च शिखर पर जा पहुंचा था, लेक‍िन मौजूदा हालात में कीमतों में भारी गिरावट आई है। तो अगर आप चाहें तो 2020 को अच्‍छे अवसर में बदल सकते है। और सस्‍ता सोना में न‍िवेश कर के भारी मुनाफा कमा सकते है। महामारी में तेजी का नया रिकॉर्ड बनाने वाले सोने की चमक नवंबर तक आते-आते फीकी पड़ गई। वहीं कोविड-19 के टीके की पॉजिटिव खबरों से चांदी की रंगत भी उड़ गई है। अगस्त में अपने सर्वोच्च शिखर से सोना 7425 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो चुका है। शुक्रवार को सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना 48829 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। सात अगस्त की सुबह सोना 56254 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था। यह ऑल टाइम हाई रेट है। वहीं चांदी की बात करें तो इस दिन यह 76008 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई थी और 27 नवंबर तक आते-आते यह 60069 रुपये प्रति किलो रह गई है। इस दौरान चांदी 15939 रुपये प्रति किलो सस्ती हुई है।

2000 रु से ज्‍यादा लुढ़का सोना नवंबर में

इसके साथ ही बीते महीने नवंबर की सोने-चांदी की कीमतों की बात करें तो उतार-चढ़ाव जारी है। इन कारोबारी दिनों में सोना-चांदी में फेरबदल देखने को म‍िली है। हम अपने इस खबर में 2 नवंबर ज‍िस द‍िन सोना 51037 रु पर बंद हुआ और चांदी 61867 रु पर बंद हुआ से 27 नवंबर के दिन 48829 रु सोना बंद हुआ और चांदी 60069 रु तक के बाजार बंद भाव का आकलन करते हैं, तो इस महीने सोने-चांदी में भारी गिरावट देखने को मि‍ली है। सोने का हाजिर भाव जहां 2208 रु लुढ़का वहीं चांदी भी जबरदस्‍त ग‍िरावट के साथ 1798 रुपए लुढ़का है।

इस वजह से गिरे सोने-चांदी के दाम

महामारी वैक्सीन को लेकर आई खबरों के कारण सोने-चांदी के दामों में गिरावट देखने को मिल रही है। महामारी वैक्सीन के कारण शेयर बाजार में रौनक बढ़ी है। निवेशक सोने से पैसा निकालकर शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं। वहीं डॉलर के कमजोर होने से महामारी वैक्सी आने और इकोनॉमी में रिकवरी की आशा से इक्विटी की तरफ ध्यान जाने लगा। इन कारणों से सोने की कीमत में गिरावट आ रही है। इसके साथ-साथ अमेरिकी में बाइडेन के सस्ता संभलाने से व्यापार युद्ध थमने की उम्मीद की जा रही है। जिसके बाद व्यापार में तेजी आएगी।

45000 रुपये तक लुढ़क सकता सोना

वहीं निवेश के लिए जोखिम के दौर में सोने को अच्छा विकल्प माना जाता है। ऐसे में निवेशकों ने जमकर सोने में पैसा लगाया, लेकिन अब कीमतों में गिरावट आ रही है। हालांकि मौजूदा हालातों को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि अगर नए साल तक वैक्सीन लॉन्च हो जाती है तो सोना की कीमतें 45000 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। मजबूत होते अमेरिकी डॉलर और कोविड-19 वैक्सीन की खबरों के बीच सोना-चांदी सस्ता हुआ है। वहीं गोल्ड ईटीएफ में भी अब निवेशक कुछ खास रुचि नहीं ले रहे हैं।

सोना खरीदने वक्‍त इस वेबसाइट पर चेक करें दाम

बता दें कि इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) जो रेट देता है वो देश भर में माना जाता है हालांकि इस वेबसाइट पर दिए गए सोने और चांदी के भाव में जीएसटी शामिल नहीं होता है। सोने-चांदी का करेंट रेट जिसे हाजिर भाव भी कहते हैं ये अलग-अलग जगहों पर अलग हो सकते हैं पर इनकी कीमतों में थोड़ा अंतर होता है। इसलिए सोना और चांदी की खरीददारी करने जो से पहले (आईबीजेए) वेबसाइट (ibjarates.com) की वेबसाइडट पर जाकर सही मूल्‍य अवश्‍य जांच लिया करें। सोना खरीदते-बेचते समय आप आईबीजेए के रेट का हवाला दे सकते हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक आईबीजेए देशभर के 14 सेंटरों से सोने-चांदी का करेंट रेट लेकर इसका औसत मूल्य बताता है। source: goodreturns.in

नौकरी का लालच देकर तीन युवतियों से 60 हजार रुपये ठगे

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दादरी : दादरी कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली इंटरमीडिएट उत्तीर्ण तीन युवतियों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर 20-20 हजार रुपये ठग लिए गए हैं। एक माह बाद भी जब पीड़ित युवतियों को नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने आरोपित से अपनी रकम वापस मांगी। आरोप है कि आरोपित ने उन्हें डरा-धमका और डांटकर भगा दिया। युवतियों के स्वजन का कहना है कि उन्होंने पांच फीसद ब्याज पर रकम उधार ली थी। बुधवार को इन युवतियों ने सामूहिक रूप से पुलिस से शिकायत की है।

दादरी कोतवाली प्रभारी राजवीर सिंह चौहान ने बताया कि तीनों पीड़िता निशी, अरसा व मुस्कान दादरी की नई आबादी के मेवतियान पीपलवाली मस्जिद के पास रहती हैं। आरोप है कि दादरी रेलवे रोड स्थित एक इंस्टीट्यूट की दो महिला कर्मचारी तीन अक्टूबर को निशी के घर पहुंची और उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपये जमा करने को कहा। दोनों ठगों ने निशी के साथ उनकी दो सहेलियों अरसा व मुस्कान से भी 20-20 हजार रुपये जमा करवा लिए। आरोप है कि कुछ दिन ट्रेनिग देने के नाम पर तीनों युवतियों को एक माह तक संस्थान बुलाया। एक माह बाद भी जब नौकरी नहीं लगी, तो युवतियों ने अपनी रकम वापस मांगी।

इस पर उन्हें रकम वापस करने से इनकार करते हुए कार्यालय से भगा दिया गया। आरोप है कि इंस्टीट्यूट मालिक ने हर लड़की से तीन-तीन अन्य लड़कियों को जोड़ने की बात कही, तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। देर शाम पीड़ित युवतियों ने पुलिस से मामले की शिकायत की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं,जानें कब से शुरू हो सकती है, जानें इससे संबंधित डिटेल

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नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन यानी सीबीएसई, बोर्ड की परीक्षाएं ऑनलाइन नहीं होंगी। 2021 में होने वाली यह परीक्षाएं छात्रों को पहले की तरह ही कागज और पैन से ही लिखित देनी होगी। सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि बोर्ड परीक्षाओं को ऑनलाइन करवाने का कोई प्रस्ताव ही नहीं है। ये परीक्षाएं बीते वर्षों की तरह सामान्य लिखित रूप में ली जाएंगी। हालांकि परीक्षाओँ की तारीख अभी तय नहीं हुई है। सीबीएसई ने आधिकारिक जानकारी देते कहा, “2021 की बोर्ड परीक्षाएं सामान्य लिखित तरीके से होंगी न कि ऑनलाइन।”जल्द ही cbse.nic.in पर अपडेट की जाएगी.

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, विद्यार्थियों की प्रगति एवं बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए परीक्षाओं का आयोजन बेहद जरूरी है। इस साल परीक्षाओं के आयोजन को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। अब तक कोविड के चलते देश भर के स्कूल कॉलेज पूरी तरह से नहीं खोले जा सके हैं। बोर्ड परीक्षाओं के रजिस्ट्रेशन से लेकर कक्षा संचालन तक सारे कार्य वर्चुअल या ऑनलाइन तरीके से संचालित हो रहे हैं।

इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा, “लगातार स्कूल कॉलेज से दूर रह रहे छात्रों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई करना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन इस चुनौती को अवसर में बदलने के लिए छात्रों को हमेशा तैयार रहना चाहिए।”

ऐसी तमाम संभावनाओं को देखते हुए कोविड महामारी के बीच समय पर परीक्षाओं के संचालन के लिए सरकार ने नई पहल की है। शिक्षा मंत्री ने परीक्षाओं के संचालन के पूर्व छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ त्रिस्तरीय संवाद की योजना बनाई है। शिक्षा मंत्री डॉ. निशंक तीन अलग-अलग तिथियों पर छात्रों, अभिभावकों शिक्षकों के साथ वेबिनार के जरिए सीधे संवाद करेंगे।

डॉ. निशंक ने कहा, “बेहतर संकल्प और इच्छाशक्ति के साथ पढ़ाई और समय पर रिजल्ट जारी करवाना सबसे बड़ी चुनौती है ताकि छात्रों का एक साल बर्बाद न हो। कोरोना नियमों पालन करते हुए इन परीक्षाओं के आयोजन से छात्रों की योग्यता, विश्वसनीयता और विश्व के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश की स्वीकार्यता और बेहतर भविष्य-निर्माण की संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।”

 

 

अब जल्द होगा मेडिकल कॉलेज का निर्माण, मुख्य नगर आयुक्त ने प्रिंसिपल को सौंपे जमीन से जुड़े दस्तावेज

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हरिद्वार, हरि की नगरी हरिद्वार को जल्द ही मेडिकल कालेज मिल जायेगा, हरिद्वार नगर निगम द्वारा दी गई भूमि पर अब बहुत जल्द हरिद्वार में पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज निर्माण का रास्ता साफ हो गया ।

मंगलवार को हरिद्वार नगर आयुक्त जय भारत सिंह और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कॉलेज निर्माण स्थल का निरीक्षण किया।

इस दौरान मुख्य नगर आयुक्त ने प्रिंसिपल को कॉलेज की जमीन से जुड़े दस्तावेज भी सौंपे। जनपद के मुख्य नगर आयुक्त जय भारत सिंह ने कहा कि, बहुत जल्दी यहां पर मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाएगा। हरिद्वार जिले में मेडिकल कॉलेज की बहुत आवश्यकता थी, मेडिकल कॉलेज बनने के बाद यहाँ के लोगों को बहुत सुविधा मिलेगी।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रदीप भारती गुप्ता ने बताया कि हमारा लक्ष्य है वर्ष 2022 में यहां पर एमबीबीएस का पहले बैच की पढ़ाई शुरू की जाए तथा इस क्षेत्र के लोगों को उच्च श्रेणी की मेडिकल शिक्षा के साथ ही बेहतर स्वास्थय सेवाएं भी प्रदान कर सके।

मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए रोडमैप तैयार करने के उद्देश्य से कार्यबल का गठन

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नई दिल्ली, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए रोडमैप तैयार करने के उद्देश्य से आज यहां कार्यबल का गठन किया है। सचिव, उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में बना यह कार्यबल विभिन्न हितधारकों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार कर एक महीने में रिपोर्ट देगा। मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा देने के संबंध में उच्च स्तरीय बैठक में केन्द्रीय मंत्री ने यह निर्णय लिया। सचिव, उच्च शिक्षा, श्री अमित खरे, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के निदेशक, शिक्षाविद और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। बैठक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के संबंध में चर्चा और विचार विमर्श के लिए बुलाई गई थी।

पोखरियाल ने कहा कि आज की बैठक प्रधानमंत्री की इस सोच को हासिल करने की दिशा में कदम है कि विद्यार्थी अपनी मातृभाषा में मेडिकल, इंजीनियरिंग और कानून आदि व्यावसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर सकें।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि किसी भी विद्यार्थी पर कोई भाषा थोपी नहीं जाएगी लेकिन उनको सक्षम बनाने के प्रावधान जरूर किए जाएंगे जिससे कोई भी होनहार विद्यार्थी इसलिए तकनीकी शिक्षा से वंचित न रह जाए क्योंकि वह अंग्रेजी भाषा नहीं जानता था।
उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सम्मिलित प्रयास किए जा रहे हैं।