Thursday, May 1, 2025
Home Blog Page 1773

किसान आंदोलन : कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करेगी सरकार, शंकाओं के लिए दिया प्रस्ताव

0

नई दिल्ली, कृषि कानूनों को सरकार निरस्त नहीं करेगी इधर किसानों को विरोध में दिल्ली में डेरा डाले दो हफ्ते हो रहे हैं। सरकार के साथ कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही, अब सरकार की ओर से किसानों को एक प्रस्ताव भेजकर उनकी शंकाओं का समाधान करने की बात कही गई है।

कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को मनाने के लिए सरकार ने आज एक प्रस्ताव उनके पास भेजा है। इसमें कई महत्वपूर्ण बातें कही गई हैं। आइए जानते हैं कि किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सरकार ने लिखित रूप में क्या आश्वासन दिया है। यहां प्रस्ताव को हूबहू बिंदुवार तरीके से रखा जा रहा है।

कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम, 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम, 2020 उठाए गए मुद्दों पर प्रस्ताव।

मुद्दा 1- आशंका है कि मंडी समितियों द्वारा स्थापित मंडियां कमजोर होंगी और किसान निजी मंडियों के चंगुल में फंस जाएगा।

• नए प्रावधान पुराने विकल्प को चालू रखते हुए फसल बेचने के अधिक विकल्प उपलब्ध कराते हैं। किसान अब मंडी के बाहर किसी भंडारगृह से, कोल्ड स्टोरेज से या अपने खेत से भी फसल बेच सकेगा।
• किसान की फसल को खरीदने में अधिक प्रतिस्पर्धा होगी क्योंकि नए व्यापारी भी फसल के खरीदार हो सकेंगे जिससे किसान को अधिक मूल्य प्राप्त हो सकेगा।
• अंतर-राज्य एवं राज्य के भीतर व्यापार के सभी बंधन हट जाएंगे।
• किसान को नए विकल्पों के अतिरिक्त पूर्व की तरह मंडी में बेचने तथा समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी केंद्र पर बेचने का विकल्प यथावत रहेगा।

प्रस्ताव –
• अधिनियम को संशोधित करके यह प्रावधानित किया जा सकता है कि राज्य सरकार निजी मंडियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू कर सके। साथ ही ऐसी मंडियों से राज्य सरकार एपीएमसी मंडियों में लागू सेस/शुल्क की दर तक सेस/शुल्क निर्धारित कर सकेगी।

मुद्दा 2- व्यापारी के पंजीकरण की व्यवस्था न करके मात्र पैन कार्ड के आधार पर किसान से फसल खरीद की व्यवस्था है जिससे धोखा होने की आशंका है।
• नए अधिनियमों में किसान को विपणन के अधिक विकल्प प्रदान करने की दृष्टि से पैन कार्ड के आधार पर व्यापारी को कृषि व्यापार करने की व्यवस्था है।
• कानून में केंद्र सरकार को व्यापारियों के पंजीकरण, व्यापार के तरीके तथा भुगतान की व्यवस्था के संबंध में नियम बनाने की शक्ति है।
• पैन कार्ड के अतिरिक्त अन्य दस्तावेजों को आधार बनाकर पंजीकरण की व्यवस्था लागू करने का प्रावधान पूर्व से है।

प्रस्ताव –
• उठाई गई शंका के समाधान हेतु राज्य सरकारों को इस प्रकार के पंजीकरण के लिए नियम बनाने की शक्ति प्रदान की जा सकती है जिससे स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार राज्य सरकारें किसानों के हित में नियम बना सकें।

मुद्दा 3- किसान को विवाद समाधान हेतु सिविल न्यायालय में जाने का विकल्प नहीं है जिससे न्याय न मिलने की आशंका है।
• किसानों को त्वरित, सुलभ एवं कम व्यय पर न्याय मिल सके तथा विवाद का समाधान स्थानीय स्तर पर 30 दिन के भीतर हो सके, ऐसा प्रावधान किया गया है।
• दोनों अधिनियमों में प्रथम व्यवस्था सुलह बोर्ड के माध्यम से आपसी समझौते के आधार पर विवाद निराकरण की है।

प्रस्ताव –
• शंका के समाधान हेतु विवाद निराकरण की नए कानूनों में प्रावधानित व्यवस्था के अतिरिक्त सिविल न्यायालय में जाने का विकल्प भी दिया जा सकता है।

मुद्दा 4- कृषि अनुबंधों के पंजीकरण की व्यवस्था नहीं है।

• कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार अधिनियम, 2020 के अंतर्गत पूर्व से ही राज्य सरकार द्वारा करारों के पंजीकरण की व्यवस्था बनाने का प्रावधान है।
• पंजीकरण प्राधिकरण की स्थापना का अधिकार भी राज्य सरकार को है।

प्रस्ताव –

• जब तक राज्य सरकारें रजिस्ट्रीकरण की व्यवस्था नहीं बनाती हैं तब तक सभी लिखित करारों की एक प्रतिलिपि करार पर हस्ताक्षर होने के 30 दिन के भीतर संबंधित एसडीएम कार्यालय में उपलब्ध कराने हेतु उपयुक्त व्यवस्था की जाएगी।

मुद्दा 5- किसान की भूमि पर ब़ड़े उद्योगपति कब्जा कर लेंगे। किसान भूमि से वंचित हो जाएगा।
• कृषि करार अधिनियम के अंतर्गत कृषि भूमि की बिक्री, लीज तथा मार्टगेज पर किसी प्रकार का करार नहीं हो सकता है।

• यह प्रावधान है कि किसान की भूमि पर किसी प्रकार की संरचना का निर्माण नहीं किया जा सकता, और यदि निर्माण किया जाता है तो उसे करार की अवधि समाप्त होने पर फसल खरीददार हटायेगा।
• यदि संरचना हटाई नहीं जाती तो उसकी मिल्कियत किसान की होगी।

प्रस्ताव –

• प्रावधान पूर्व से ही स्पष्ट है फिर भी यह स्पष्ट कर दिया जाएगा कि किसान की भूमि पर बनाई जाने वाली संरचना पर खरीददार (स्पांसर) द्वारा किसी प्रकार का ऋण नहीं लिया जा सकेगा और न ही ऐसी संरचना उसके द्वारा बंधक रखी जा सकेगी।

मुद्दा 6- किसान की भूमि की कुर्की हो सकेगी।
• कृषि करार अधिनियम की धारा 15 के अंतर्गत यह स्पष्ट प्रावधान है कि किसान की भूमि के विरुद्ध किसी प्रकार की वसूली हेतु कुर्की नहीं की जा सकती है।

• इस अधिनियम में किसान के ऊपर कोई पेनाल्टी नहीं लग सकती जबकि खरीददार व्यापारी के विरुद्ध बकाया राशि के 150 प्रतिशत का जुर्माना लग सकता है।
• जहां व्यापारी करार के अंतर्गत फसल को पूरे मूल्य पर खरीदने के लिए बाध्य है वहीं किसान पर कोई बंधन नहीं है।

प्रस्ताव –

• प्रावधान स्पष्ट है, फिर भी किसी भी प्रकार के स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो तो उसे जारी किया जाएगा।

मुद्दा 7- किसान को अपनी उपज समर्थन मूल्य पर सरकारी एजेंसी के माध्यम से बेचने का विकल्प समाप्त हो जाएगा और समस्त कृषि उपज का व्यापार निजी हाथों में चला जाएगा।
• नए अधिनियमों में समर्थन मूल्य की व्यवस्था तथा सरकारी खरीदी में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है।

• समर्थन मूल्य के केंद्रों की स्थापना का अधिकार राज्य सरकारों को है तथा वह इन केंद्रों को मंडियों में स्थापित करने के लिए स्वतंत्र हैं।
• केंद्र सरकार द्वारा लगातार समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था मजबूत की गयी है जिसका उदाहरण इस वर्ष की रबी और खरीफ की बम्पर खरीदी है।

प्रस्ताव –

• केंद्र सरकार एमएसपी की खरीदी व्यवस्था के संबंध में लिखित आश्वासन देगी।

मुद्दा 8- बिजली संशोधन विधेयक, 2020 को समाप्त किया जाए।
• बिजली संशोधन विधेयक अभी चर्चा हेतु रखा गया है।

• डीबीटी के संबंध में प्रस्तावित है कि राज्य सरकार अग्रिम तौर पर सब्सिडी का भुगतान सीधे उपभोक्ता के खाते में जमा कराएगी।

प्रस्ताव –
• किसानों से बिजली वितरण कंपनी द्वारा विद्युत बिल भुगतान की वर्तमान व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

मुद्दा 9- एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आफ एनसीआर ऑर्डिनेंस, 2020 को समाप्त किया जाए।
• वर्तमान प्रावधान के अंतर्गत पराली के जलाने पर जुर्माना तथा आपराधिक कार्रवाई हो सकती है।

प्रस्ताव –
• पराली को जलाने से संबंधित प्रावधान एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आफ एनसीआर आर्डिनेंस, 2020 के अंतर्गत किसानों की आपत्तियों का समुचित समाधान किया जाएगा।

मुद्दा 10– कृषि सुधार कानूनों को निरस्त करना।

प्रस्ताव
•कानून के वे प्रावधान जिन पर किसानों को आपत्ति है, उन पर सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार है(साभार NBT)|

Netflix Film ‘ए के वर्सिस ए के’ में अनिल कपूर के सीन पर भारतीय वायु सेना ने जताया कड़ा एतराज़, दृश्य हटाने की मांग

0

नई दिल्ली, । नेटफ्लिक्स की फ़िल्म AK VS AK के एक सीन पर विवाद हो गया है। इस दृश्य में अनिल कपूर को भारतीय वायु सेना की वर्दी पहने हुए दिखाया गया है। वायु सेना ने यूनिफॉर्म को सम्मानजनक ढंग से ना दिखाने पर कड़ा एतराज़ जताया है और दृश्य को फ़िल्म से हटाने की मांग की है।

एके वर्सेज़ एके का ट्रेलर हाल ही में जारी किया गया था। इस फ़िल्म में अनिल कपूर और अनुराग कश्यप लीड रोल्स में हैं। ट्रेलर के कुछ दृश्यों में अनिल कपूर वायु सेना की यूनिफॉर्म पहने हुए हैं। इसका संज्ञान लेते हुए भारतीय वायु सेना ने ट्रेलर को रीट्वीट करके लिखा- इस वीडियो में इंडियन एयरफोर्स की वर्दी ग़लत ढंग से पहने हुए दिखाया गया है और जिस भाषा का उपयोग किया गया है, वो भी सही नहीं है। सशस्त्र सेना बल में इस तरह का व्यवहार नियमों के विपरीत है। इस दृश्य को फ़िल्म से हटाने की ज़रूरत है।

 

बता दें, एके वर्सेज़ एके को विक्रमादित्य मोटवाने ने निर्देशित किया है। 24 दिसम्बर को रिलीज़ हो रही फ़िल्म में अनिल कपूर फ़िल्म कलाकार बने हैं और अनुराग कश्यप निर्देशक ही बने हैं। दोनों के बीच तकरार फ़िल्म की कहानी है। अनिल और अनुराग एक-दूसरे के लिए काफ़ी कुछ कहते हुए नज़र आ रहे हैं। ट्रेलर आने से पहले भी दोनों के बीच सोशल मीडिया के ज़रिए इस तरह का माहौल बनाया गया, जैसे एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं।

वैसे, यह पहली बार नहीं है, जब नेटफ्लिक्स की फ़िल्म को लेकर भारतीय वायु सेना ने आपत्ति जताई हो। इससे पहले अनिल कपूर की भतीजी जाह्नवी कपूर की फ़िल्म गुंजन सक्सेना को लेकर भी काफ़ी विवाद हुआ था। पूर्व आईएएफ अधिकारी गुंजन सक्सेना की बायोपिक में जिस तरह से पुरुष अधिकारियों को दिखाया गया था, उसको लेकर इंडियन एयरफोर्स ने एतराज़ जताया था। मामले ने काफ़ी तूल पकड़ा था।((साभार-जेएनएन)

मुख्यमंत्री ने प्रदान की कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के अंतर्गत विभिन्न कार्यो हेतु वित्तीय स्वीकृति

0

देहरादून,  मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आगामी कुम्भ मेला 2021 की व्यवस्थाओं के तहत किये जाने वाले विभिन्न कार्यों के लिये धनराशि अनुमोदित करने के साथ ही वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेला 2021 के अन्तर्गत जनपद हरिद्वार में अस्थाई, पार्किंग स्थलों में 11 के.वी लाईन, एल.टी. लाईन, पथ प्रकाश संयोजन 11/04 के.वी उपसंस्थान के निर्माण व उद्ध्वसन कार्य हेतु रू. 1229.61 लाख, विभिन्न अस्थायी सैक्टरों में पेयजल व्यवस्था से सम्बन्धित 08 कार्यों हेतु रू. 463.12 लाख, जनपद हरिद्वार में बहादराबाद-धनौरी-ईमलीखेड़ा-भगवानपुर मार्ग का एस.डी.बी.सी. द्वारा नवीनीकरण हेतु रू. 169.69 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा कुम्भ मेला-2021 के अंतर्गत दक्ष द्वीप सैक्टर की पेयजल आपूर्ति एवं रख-रखाव तथा तत्सम्बन्धी कार्य हेतु रू. 135.70 लाख, पुहाना-इकबालपुर-झबरेड़ा-गुरूकुल नारसन मार्ग का एस.डी.बी.सी द्वारा नवीनीकरण कार्य हेतु रू. 189.95 लाख, मायापुर स्थित राज्य अतिथि गृह (डाम कोठी) के जीर्णोद्धान सुदृढ़ीकरण एवं साज-सज्जा के कार्य हेतु रू. 187.96 लाख, बैरागी सैक्टर की पेयजल आपूर्ति एवं रख-रखाव तथा तत्ससम्बन्धी कार्य हेतु रू. 129.54 लाख, हरिद्वार में पिरान कलियर लिंक मार्ग का एस.डी.बी.सी द्वारा नवीनीकरण हेतु रू. 97.19 लाख, हर की पैड़ी, हरिद्वार स्थित 3 अस्थाई सेतुओं की मेंटिनेंस एवं एप्रोच मार्ग/रैम्प के निर्माण हेतु रू. 96.97 लाख, विभिन्न सैक्टरों में अस्थाई पार्किंग निर्माण के 9 कार्यों हेतु रू. 43.96 लाख, दक्षेश्वर अस्थाई बस अड्डे के निर्माण हेतु रू. 44.89 लाख के साथ ही ऋषिकेश स्थित त्रिवेणी घाट की सुरक्षा, चैन पिलर की स्थापना एवं क्षतिग्रस्त रैड स्टोन की जीर्णोद्धार हेतु रू. 42.13 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

केन्द्रीय पंचायती राज सचिव करेंगे स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा

0

देहरादून , केन्द्रीय पंचायतीराज सचिव सुनील कुमार, 10 दिसम्बर, 2020 को प्रातः 10ः00 बजे से सर्वेयर जनरल ऑफ इण्डिया के साथ स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में चर्चा करेंगे। तत्पश्चात मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। इसके पश्चात केन्द्रीय पंचायती राज सचिव सर्वे ऑफ इण्डिया, राजस्व परिषद तथा पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों के साथ स्वामित्व योजना की प्रगति व निर्धारित समय में लक्ष्यों की प्राप्ति के सम्बन्ध में समीक्षा करने के पश्चात अपरान्ह् 3:00 बजे से पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, केन्द्रीय वित्त आयोग तथा अन्य कार्यक्रमों की समीक्षा की जायेगी।

इस बैठक में सचिवालय, निदेशालय एवं जनपदों के अधिकारीगण तथा पंचायतों के प्रतिनिधि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष  मधु चौहान, क्षेत्र पंचायत देवाल, चमेली के प्रमुख  दर्शन सिंह दानू, क्षेत्र पंचायत कालसी, देहरादून से  मठोर सिंह तथा प्रधान क्रमशः  पिंकी देवी,  तबस्सुम, संगीता पंवार, नीलम नेगी, बलवन्त सिंह,  प्रीतम राणा एवं  आमिर खान एवं जिला पंचायत क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायत के कुछ सदस्यगण भी उपस्थित रहेंगे।

केन्द्रीय पंचायती राज सचिव सुनील कुमार 11 दिसम्बर, 2020 को देहरादून के डोईवाला विकास खण्ड की ग्राम पंचायत जीवनवाला में ड्रोन फ्लाईंग का निरीक्षण करेंगे। इसके पश्चात जनपद हरिद्वार के बहादराबाद विकास खण्ड में स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन एवं ड्रोन फ्लाईगं सर्वे कार्य का स्थलीय निरीक्षण तथा जिन गॉवों में यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, उन गॉवों के स्थलीय भ्रमण उपरान्त सॉय दिल्ली को प्रस्थान करेंगे।

कोरोना ब्रैकिंग : उत्तराखण्ड़ नये 515 कोरोना संक्रमित मिले, देहरादून में 171 तो नैनीताल में 56, आज 13 मरीजों की हुई मौत

0

देहरादून, उत्तराखण्ड़ में कोरोना संक्रमण फिर बढ़ने लगा है, पिछले कई दिनों से आ रही रिपोर्ट में बढ़ने के संकेत साफ दिखाई दे रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमित मरीजों की आज लेटेस्ट रिपोर्ट जारी की है जिसमें राज्य में 515 और नए मरीजो में कोरोना पॉजिटिव की हुई पुष्टि। और 13 मरीजों की मौत हुई है। जबकि उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 79656 पहुँच चुका है | प्रदेश में अभी तक 71966 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक हो चुके हैं।

राज्य में कोरोना संक्रमितों का रेट पहुंचा 90.35 प्रतिशत और मौजूदा कोरोना संक्रमितों के 5456 एक्टिव केस हैं | राज्य में अभी तक 1320 कोरोना पॉजिटिव मरीजो की मौत हो चुकी है ।

राज्य में अभी तक 1385201 सैम्पल की रिपोर्ट आ चुकी है निगेटिव और 17634 मरीजों की सैम्पल रिपोर्ट आना अभी बाकी है। जबकि आज 10671 सैम्पल की रिपोर्ट आई है निगेटिव।

आज टेस्टिंग के लिए लैब में भेजे गए 14714 सैम्पल।

हेल्थ बुलेटिन के अनुसार कोरोना पॉजिटिव के जिलेवार आंकड़ों पर एक नजर…

देहरादून – 171
नैनीताल – 56
पौड़ी – 52
पिथौरागढ़ – 48
हरिद्वार – 45
चमोली – 30
बागेश्वर – 24
उत्तराकाशी – 23
टिहरी – 21
यूएसनगर – 18
रुद्रप्रयाग – 16
चंपावत – 07
अल्मोड़ा – 04

साप्ताहिक बंदी पर पुलिस की सख्ती, तीन रेस्टोरेंट के चालान किए

0

मसूरी। कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटन नगरी मसूरी में साप्ताहिक बंदी पूरी तरह सफल रही। केवल आवश्यक वस्तुओं दूध, सब्जी, मेडिकल, आदि के अलावा सभी दुकानें बंद रही। जिसके कारण मालरोड पर पर्यटकों की चहल कदमी कम दिखी।
उत्तराखंड मंे कोरोना संक्रमण के बढते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने साप्ताहिक बंदी को सख्ती से लागू किया है। मसूरी में बुध वार को साप्ताहिक बंदी रहती है जिसके कारण पूरी मसूरी बंद रही। केवल आवश्यक वस्तुओ दूध, सब्जी, शराब, मांस की दुकान, पेट्रोल पंप आदि खुले रहेंगे वहीं चाय, रेस्टोंरेंट, हलवाई व बेकरी आदि होम डिलेवरी के लिए खोले जायेंगे। साप्ताहिक बंदी के दौरान बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा व बहुत कम संख्या में पर्यटक नजर आये

लेकिन इस बार पर्यटकों को खाना, चाय आदि की परेशानी नहीं हुई क्यों कि पिछले सप्ताह सभी दुकानें बंद होने के कारण पर्यटक चाय पानी तक को तरसते व भटकते रहे लेकिन इस बार प्रशासन ने चाय, रेस्टोरेंट आदि को होम डिलीवरी की छूट दी जिसके कारण पर्यटकों को खाने पीने की परेशानी नहीं हुई। वहीं साप्ताहिक बंदी को पूरी तरह सफल बनाने के लिए पुलिस प्रशासन दिन भर जुटा रहा।

बाक्स- साप्ताहिक बंदी को लेकर पुलिस ने सख्त रूख अपनाया व मालरोड पर तीन रेस्टोरेंट वालों के दस दस हजार के चालान काट कर न्यायालय को प्रेषित किए वहीं करीब 60 से अधिक लोगों के मास्क न पहनने पर चालान किए। मालूम हो कि साप्ताहिक बंदी में रेस्टोरेंट वाले केवल होम डिलीवरी कर सकते हैं लेकिन जिन तीन रेस्टोरेंट के चालान किए गये उन्होंने रेस्टोंरेट में ग्राहक बिठा रखे थे। कोतवाल देवेंद्र असवाल ने बताया कि साप्ताहिक बंदी को कड़ाई से लागू किया गया है तथा उलंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

मालरोड पर अनियंत्रित कार दीवार से टकराई एक मजदूर घायल

0

मसूरी। मालरोड पर एक कार अनियंत्रित होकर दीवार की साइड टकरा गई जिससे वहां पर धूम सेंक रहा एक मजदूर घायल हो गया। जबकि कार चालक व साथ में बैठे व्यक्ति को चोट नहीं आई। घायल मजदूर को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।
मालरोड पर पदमिनी निवास होटल के समीप एक अल्टो कार यूके 07 एटी 7660 अनियंत्रित होकर दीवार की ओर टकरा गई जिसमंे रोड के किनारे धूप सेंक रहा एक नेपाली मजदूर चपेट मंे आ गया व रोड के किनारे पौधों को सुरक्षित रखने के लिए लगाई गई जाली भी टूट गई।

दुर्घटना होने के चलते मौके पर भीड़ एकत्र हो गई व चोटिल नेपाली मजदूर मनवीर पुत्र चंद्रभान हाल निवासी कटियार गोदाम बूचर खाना को अस्पताल पहुंचाया गया। जबकि कार चालक अंशुल पुत्र स्व राजकुमार निवासी साउथ रोड लंढौर बाजार मसूरी व साथ मंे बैठा युवक रजत पुत्र रामू निवासी साउथ रोड मसूरी को चोट नहीं आई। कोतवाल देवेद्र असवाल ने बताया कि वाहन चालक को हिरासत में लेकर घटना की जांच की जा रही है। वहीं मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि कार चालक नशे में था।

कर्मचारियों की मांगो से मुख्यमंत्री को कराया जायेगा अवगत: आदेश चौहान

0

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग चतुर्थ श्रेणी संघ के दिनेश लखेडा बने प्रदेश अध्यक्ष

हरिद्वार,9 दिसम्बर (कुल भूषण) चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ का पूर्व घोषित प्रांतीय अधिवेशन/चुनाव राजपूत धर्मशाला कनखल में किया गया। जिसमे विशिष्ट अतिथि के तौर पर विधायक रानीपुर आदेश  चौहान ने दीप प्रज्वलित कर अधिवेशन का शुभ आरंभ किया। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष मनवर सिंह नेगी चिक्तिसा स्वास्थ्य, प्रदेश महामंत्री महासंघ बनवारी सिंह रावत, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष जम्बू  प्रशाद, लैब टेकनीशियन असोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज वर्मा, जिला अध्यक्ष महावीर चौहान,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश रावत, प्रदेश महामंत्री दिनेश लखेड़ा समिलित थे।

संघ के पदाधिकारियों ने विधायक आदेश  चौहान का बुखे ओर शाल उड़ा कर स्वागत किया तथा प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री चिकित्सा स्वास्थ्य ने6 सूत्रयी मांग पत्र का ज्ञापन विधयक को सौपा। आदेश चौहान ने प्रदेश के पदाधिकारियों को आश्वासन देते हुए कहा कि वह आपकी मांग मुख्यमंत्री तक पहुँचा कर मुख्यमंत्री से वार्ता कराएंगे।वरिष्ठ अतिथि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ शम्भू नाथ झा ने कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी और सभी मांगों के निस्तारण के लिए कर्मचारियों को भरोसा दिलाया। इसमें विशेष रूप से संगठन को सहयोग करने के लिये, डॉ महेन्द्र आहूजा, दिनेश अग्रवाल, एच् सी पांडेय, हेमू, सुन्नी, संगीता, महावीर चौहान, अजय कुमार सैनी, यूनिक खुराना, रविश भतीजा, अजय शर्मा, शिव कुमार, मदन आदि ने सहयोग किया।

अधिवेशन के दूसरे चरन में निम्न पदों पर सभी कर्मचारी निर्विरोध निर्वाचित हुए। प्रदेश अध्यक्ष पद पर दिनेश लखेड़ा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश पन्त, उपाध्यक्ष दीपक धवन, प्रदेश महामंत्री सुनील सिंह, कोषाध्यक्ष राकेश, ऑडिटर महेश कुमार, संयुक्त मंत्री रविन्द्र सिंह, संगठन मंत्री छत्रपाल चौहान और अरुण कुमार निर्विरोध निर्वाचित हुए। नैनीताल से प्रकाश पांडेय, उत्तरकाशी से महेन्द पडयर, अर्जुन पडयर, पिथौरागढ़ से ललित शाह, चम्पावत से जीवन सिंह, उधम सिंह नगर से भोपाल सिंह शाह, गिरिश पन्त, देहरादून से गुरु प्रशाद गोदियाल, त्रिभवन पाल, टिहरी से मंगल लाल आर्या, भगवती प्रसाद बद्री, अल्मोडा से पूरन सिंह सतवाल, शिव नारायण सिंह, राकेश भवर, ताजवर सिंह, रमेश चंद पन्त, अनिल कुमार, मोहित कुमार, सूरज बलि, राम कुमार, जय नारायण, कमल कुमार, नाथी राम, आशुतोष गैरोला, बाला देवी, नीलम, रजनी, सुदेश, ममता, अनिता, अर्जुन, नरेंद्र भगडी, जीवन कुमार, जोहर सिंह,सुरेन्द्र सैनी आदि शामिल थे। मुख्य चुनाव अधिकारी बनवारी सिंह रावत ओर सहायक चुनाव अधिकारी पंकज वर्मा ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियो को पद एवं गोपनीयता की शपत दिलाई।

विरक्ता व त्याग की मूर्ति थे टाट वाले बाबा: स्वामी विजयानंद

0

हरिद्वार,9 दिसम्बर (कुल भूषण) वेदांत वेत्ता  टाट वाले बाबा के 31 वे वार्षिक वेदांत सम्मेलन  में आज  तृतीय दिवस पर भक्ति एवं वेदांत की गंगा  गुरु वंदना से बिरला घाट पर प्रवाहित हुई।

दुर्लभ सन्त टाट वाले बाबा महाराज के सानिध्य एवं संस्मरण प्रकट करते हुए हुए बाबा के अनन्य शिष्य स्वामी विजयानंद महाराज ने कहा कि यह कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि बाबा जी मे विरक्तता, त्याग कोटि-कोटि कूट कर भरा हुआ था।जिस प्रसिद्धि एवं नाम के लिए दुनिया सिर पटकती है।दर दर की ठोकरें खाती हैं, थोड़ा सा दान देकर तख्तियां लटकवाने के लिए तलबगार रहतीं हैं लेकिन टाट वाले बाबा ने कभी भी पैसे तक को छुआ तक भी नहीं। बाबा ने कभी भी अपना नाम, जाति,ग्राम,कुल का आदि का कभी बखान ही नहीं किया। बाबा का कहना था कि शरीर मिथ्या, उसका नाम मिथ्या,जाति मिथ्या है तो उस में प्रीती क्यों करें।

कृष्ण मयी माता ने बाबा जी को नतमस्तक होते हुए वेदांत के अर्थ को स्पष्ट किया। वेदों के पश्चात जब से संसार है तब से वेद है। सृष्टि अनादि है तो वेद भी अनादि है। गुरु ने जैसा मंत्र दिया वैसा ही जाप करना होता है।दूध का सार मक्खन होता हैं ठीक उसी प्रकार वेदों का सार वेदांत होता हैं।

 

इस अवसर पर टाट वाले बाबा जी के परम शिष्य संजय कुमार बत्रा,विजय शर्मा,रमा वोहरा, भावना गौर ,कोशिलया सोनेजा ,भावना गौर ,एस एम जे एन पी जी कालेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ,राम चन्द्र सुरेन्द्र वोहरा,ओमी बाबा,उमा बर्मन,शारदा खिललन, सुषमा चंदवानी, लेखराज,आदि  ने अनन्त श्री टाट वाले बाबा, स्वामी जगदीश मुनि, समाधि सेविका माता लक्ष्मी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित एवं संस्मरण प्रस्तुत किये। टाट वाले बाबा की लिखी पुस्तक असंभव कुछ नहीं सब संभव है वास्तव में सभी समस्याओं का हल इस पुस्तक में मिल जाता है यह एक अलौकिक ग्रंथ हैं।

मातृशक्ति की ओर गूलर वाला से आई  सुश्री महेश देवी ,श्रीमती मधु गौड़ ,सुश्री भावना गौड़, आदि द्वारा भी श्रृद्धा सुमन एवं भजन के द्वारा अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किये । कार्यक्रम का सफल संचालन संजय बत्रा के द्वारा किया गया।

 

बालिका शिक्षा के युग प्रवर्तक थे आचार्य रामदेव: प्रो0 शास्त्री

0

हरिद्वार,9 दिसम्बर (कुल भूषण)  गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के आर्यसमाज द्वारा पुण्यभूमि कांगड़ी ग्राम में आचार्य रामदेव के निर्वाण दिवस पर यज्ञ किया गया। यज्ञ के ब्रह्मा प्रो0 सत्यदेव निगमालंकार  और प्रो मनुदेवबन्धु ने वैदिक परम्परा के अनुसार यज्ञ का कार्यक्रम सम्पन्न कराया।

गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि बालिका शिक्षा के युग प्रवर्तक आचार्य रामदेव ने सर्वप्रथम पाठशाला देहरादून के राजपुर रोड़ पर खोली। उसके पश्चात् 1917 में आचार्य रामदेव ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार की भूमि खरीदी और हरिद्वार में भव्य विश्वविद्यालय बनाकर इतिहास के पन्नों में दर्ज कर दिया। उन्होंने कहा कि आचार्य रामदेव 18 भाषाओं के प्रकाण्ड विद्वान थे। अंग्रेजी भाषा में उनको एकाधिकार था। अंग्रेज भी उनकी भाषा को सुनकर दंग रह जाते थे।

गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 दिनेश चन्द्र भट्ट ने कहा कि आचार्य रामदेव ने भारत के इतिहास को दो कालखण्डों में लिखा है। आज भी पूरे देश में इतिहास की बात होती है तो उनकी पुस्तकों का चित्रण जरूर होता है। प्रोफेसर दिनेश भट्ट ने बताया कि आचार्य रामदेव जी का व्यक्तित्व इतना महान था और अपने समय में वह इतने प्रसिद्ध थे उनके बारे में आज हिंदुस्तान अखबार के संपादक के पृष्ठ पर जो सबसे नीचे वाला कॉलम होता है उसमें उसमें उनके द्वारा किए गए कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा की।

भेषज विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष  व मुख्यवक्ता प्रो सत्येन्द्र राजपूत ने कहा कि यह पूण्यभूमि एक ऐतिहासिक धरोहर है। यहां पर स्वामी श्रद्धानन्द ने गुरुकुल शिक्षा का शुभारम्भ किया था। 1902 में इस गुरुकुल कांगड़ी पुण्यभूमि की स्थापना की गयी थी। इस पूण्यभूमि से ही देश की आजादी के लिए स्वामी श्रद्धानन्द महाराज ने बिगुल बजाया था।

काँगड़ी गांव  प्रधान ने कुलपति से मांग की कि काँगड़ी गांव के पास हाईवे पर स्वामी श्रध्दानंद प्रवेश द्वार  बनाया जाये।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रो सोहनपाल आर्य डॉ विजेंद्र शास्त्री, डॉ योगेश शास्त्री ,प्रो प्रभात कुमार,डॉ श्वेतांक आर्य, डॉ दीन दयाल, पूर्व सम्पदा अधिकारी करतार सिंह, रामप्रकाश शर्मा,नवीन कुमार,  अमित कुमार, रमेश चंद्र , दीपक आनंद, डॉ सचिन पाठक,धर्मेंद्र बालियान दीपक वर्मा, कर्मचारीगण, उपस्थित रहे। सामाजिक कर्मठ महिलाओं को आचार्य रामदेव का चित्र देकर सम्मानित की किया गया।कार्यक्रम का संचालन प्रो सत्यदेव निगमालंकार ने किया।