Thursday, May 15, 2025
Home Blog Page 1772

गोलीकांड शहीदों को श्रद्धांजलि दी

0

पिथौरागढ़- पृथक पर्वतीय विश्वविद्यालय की मांग को लेकर चले आन्दोलन में 15 दिसम्बर 1972 को हुये गोलीकांड में शहीद सज्जन लाल शाह व सोबन सिंह नेपाली को शहीद स्मारक में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भावभानी श्रद्वाजंलि दी शहीद सज्जन लाल के फोटो चित्र पर मार्ल्यापण कर पुष्पांजलि भी दी गई।

शहीद सज्जन लाल शाह के भाई कैलाश शाह को शाल व स्मृति चिन्ह भेटकर सम्मानित भी किया। श्रद्वाजंलि सभा में बोलते हुये वक्ताओं ने कहा कि पृथक पर्वतीय विश्वविद्यालय की मांग पूरे कुमांऊ में ऐतिहासिक छात्र आन्दोलन की याद दिलाती है जिस आंदोलन की बदौलत ही कुमांऊ विश्वविद्यालय की स्थापना हुई इस आन्दोलन में अपना वलिदान देने वाले सज्जन लाल शाह व सोबन सिंह नेपाली के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

श्रद्वांजलि सभी में डॉ. गुरूकुलानन्द कच्चाहारी डॉ. दीप चौधरी गोविंद सिंह कसनियाल चंचल भंडारी, ऋृषेन्द्र महर हिमांशु वर्मा, हिमांशु गड़कोटी, गोपाल सती गोविन्द बिष्ट गिरीश जोशी, त्रिलोक महर मोहन पाठक (पूर्व अध्यक्ष )एम.बी. कालेज हल्द्वानी कमलेश कसनियाल प्रकाश चन्द भाविनी शाह, ज्योति कार्की, ज्योति शर्मा दीप्रेन्द दान श्वेता खोलिया महिमा मखौलिया पजा जोशी हिमांशु नेगानियाल शुभम गड़कोटी आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन जुगल किशोर पाण्डे ने किया।

कोरोना ने किया हरिद्वार महाकुंभ 2021 की तैयारियों को सीमित

0

देहरादून। हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुंभ की तैयारियों को लेकर राज्य सरकार जोर-शोर से जुटी हुई है। सरकार की कोशिश है कि महाकुंभ 2021 से पहले स्थाई और अस्थाई कार्यों को पूरा किया जा सके। ताकि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार दिक्कत न हो, लेकिन कोरोना ने हरिद्वार महाकुंभ 2021 की तैयारियों को सीमित कर दिया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस हरिद्वार महाकुंभ के लिए पहले चार हजार करोड़ रुपए की योजना तैयार की गई थी वो अब सिमटकर आठ सौ करोड़ रुपए की ही रह गई है।

सूत्रों के मुताबिक, कोरोना की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं में आने वाला खर्च 800 करोड़ रुपए तक सिमट गया है। क्योंकि परंपरागत मेला स्थान को ही मेला क्षेत्र बनाया गया है। ऐसे में अब राज्य सरकार का मुख्य फोकस महाकुंभ को कोरोना मुक्त रखना है। लिहाजा, राज्य सरकार मौजूदा समय में दो रणनीतियों पर काम कर रही है। पहली रणनीति कुंभ मेले के शाही स्नानों में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए व्यवस्था करना। यानी कुंभ में स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट लाना।

साथ ही कोरोना की वैक्सिन अगर उपलब्ध हो जाती है तो महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था देने की रणनीति भी है। वहीं, विपक्षी दल महाकुंभ 2021 की तैयारियों पर लगातार सवाल खड़े करते आ रहे हंै। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी कई बार कुंभ की तैयारियों पर सवाल खड़े कर चुके हैं। हरदा का आरोप है कि सरकार अस्थाई कार्यों पर फोकस कर रही है, लेकिन महाकुंभ के स्थायी निर्माण कार्यों पर तो ध्यान भी नहीं दिया जा रहा है। हालांकि, सरकार यह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि 31 जनवरी तक सभी स्थाई कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे।

घर बुलाने के बहाने नाबालिग देवर को अगवा कर भाभी ने जबरन कराई शादी, पीड़ित ने दर्ज कराई FIR

0

जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद जिले के नगर थाना क्षेत्र से सोमवार को नाबालिग युवक को जबरन उठाकर शादी करा दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है. इस संबंध में नाबालिग युवक ने नगर थाने में अपहरण कर शादी करा दिए जाने का मामला दर्ज कराया है. एफआईआर में पीड़ित ने बताया है कि 11 दिसंबर की शाम भाभी सुनैना देवी और उनकी बहन मंजू देवी जो काको थाना क्षेत्र के देवरत गांव के रहने वाले हैं ने उसे फोन कर बुलाया और घर आने की बात कही.

ऐसे में जब पीड़ित बस स्टैंड के पास पहुंचा तो पहले से घात लगाये पांच लोगों ने लाल रंग के चार पहिया गाड़ी में उसे जबरन बैठा लिया और मोबाइल भी छीन लिया. बदमाश उसे अपने साथ मदारपुर ले गए, जहां सभी ने मिलकर जबरदस्ती नाबालिग की शादी करा दी.

शिकायतकर्ता का आरोप है कि वह नाबालिग है और जबरन शादी कराना कानून अपराध है. ऐसे में उसके साथ न्याय किया जाए. मिली जानकारी अनुसार परिवार वालों को सूचना युवक ने 12 दिसंबर को तब दी, जब छीना गया मोबाइल उसे वापस दिया गया. ऐसे में सूचना पाकर पहुंचे परिजन उसे छुड़ाकर घर ले गये और थाने में शिकायत की. शिकायत के आलोक में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर लड़के का न्यायालय में 164 के बयान दर्ज कराया है.

अल्मोड़ा : दर्दनाक हादसा, गहरी खाई में गिरी कार, तीन की हुई मौत एक घायल

0

अल्मोड़ा, उत्तराखंड़ में सड़क दुर्घटनाओं का लगातार होना सरकॎर के लिये चिन्ता का सबब बनता जा रहा है, जनपद अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र से एक दर्दनाक हादसे की खबर आ रही है बताया जाता है कि एक कार गहरी खाई में दुर्घटनाग्रस्त होकर जा गिरी इसमें 4 लोग सवार थे, जिसमें 3 लोगों की मौत की खबर आ रही है यह हादसा नौकुचिया रणथंमल मोटर मार्ग में मनसाल गांव के पास देर शाम हुआ।

इस घटना में एक महिला व दो पुरुष बताए जाते हैं जबकि एक घायल को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में दो पुरुष व एक महिला बताई जा रही है।मिली जानकारी के मुताबिक आज सोमवार देर सांय नोकुचिया-रणथमल मोटर मार्ग पर मनसाल गांव के पास एक वैगनआर कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी जिसमे तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी। जबकि एक व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल हो गया।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू अभियान चलाकर शवों को बाहर निकाला तथा घायल को निकटवर्ती स्वास्थ्य केंद्र देवायल उपचार के लिए ले जाया गया है। मृतकों की शिनाख्त आनंद सिंह पुत्र देव सिंह , सुरेंद्र राम पुत्र भगत राम तथा पार्वती देवी पत्नी महेश कुमार के रूप में हुई है। घटना से मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर घटना की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।

उत्तराखंड़ : चार हजार करोड़ के अनुपूरक बजट पर कैबिनेट की लगी मुहर

0

देहरादून, उत्तराखंड की कैबिनेट बैठक ने आज कुछ अहम फैसलों पर अपनी मुहर लगाई है।

+उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा बोर्ड करेगा मेडिकल कालेज में नर्सेस की भर्ती। एक वर्ष के लिए व्यवस्था।
+पीजी डॉक्टर्स से नहीं ली जाएगी गारंटी। अब केवल बॉन्ड भरा जाएगा। पैसा जमा करने की शर्त खत्म।
+यूपीसीएल के वित्तीय लेखा रिपोर्ट सदन में रखने के लिए कैबिनेट से मिली मंजूरी।
+उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के वित्तीय लेखे 15-16, 16-17, 17-18, 18-19 को सदन के पटल पर रखने को कैबिनेट की मंजूरी।
+विद्युत नियामक आयोग की विनियम को रखा जाएगा सदन के पटल पर।
+विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आएगा लगभग 4 हजार 96 करोड़ का अनुपूरक बजट।

नगर निगम की बोर्ड बैठक : प्रस्तावों पर कार्य न होने से खिन्न कांग्रेसी पार्षदों का हंगामा

0

देहरादून, कांग्रेसी पार्षदों ने सोमवार को नगर निगम की बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा किया और आरोप लगाया कि उनके द्वारा दिए गये प्रस्तावों पर कोई कार्य नहीं हुआ है। जिसके चलते उन्होंने बोर्ड बैठक का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी। हालांकि मेयर के समझाने पर बाद में कांग्रेसी पार्षद मान गये और बैठक में शामिल हुए। बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया है कोविड वैक्सीन आने के बाद ही वार्डों के विकास कार्यों के लिए बजट आवंटित किया जाएगा।

नगर निगम सभागार में मेयर सुनील उनियाल गामा की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक आयोजित की गई। बोर्ड बैठक शुरू होते ही कांग्रेसी पार्षदों ने भी हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस के पार्षदों का कहना था कि उनके वार्डों में कार्यों के लिए तीन-तीन कर्मचारी ही दिए गये हैं जबकि भाजपा के पार्षदों के वार्डों में पांच-पांच कर्मचारी लगाए गये हैं।

वहीं कांग्रेस पार्षदों की ओर से दिए गये प्रस्तावों पर कोई कार्यवाही नहीं किए जाने पर भी पार्षद भड़क गये और हंगामा करने लगे। जिस पर मेयर ने उनको शांत कराया।

बोर्ड बैठक में निर्णय लिया है कि सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने वालों के खिलाफ अब नगर निगम द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए स्वयं सेवी संस्थाओं को भी नगर निगम के साथ शामिल किया जाएगा और एक समिति का गठन होगा।

एनजीओ सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने वालों की मानिटरिंग करेगी

समिति में शामिल एनजीओ सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने वालों की मानिटरिंग करेगी। इसके साथ ही एनजीओ द्वारा लोगों को कूड़ा वाहनों में ही कूड़ा देने या कूड़ादान में ही कूड़ा डालने के लिए जागरूक किया जाएगा। यह भी तय किया गया है कि जो भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा फेंकते हुए पकड़ा जाएगा तो उससे पांच सौ लेकर पांच हजार तक का आर्थिक दंड वसूला जाएगा।

बैठक में वार्डों में कार्य कराए जाने के लिए बजट के मामले में स्पष्ट किया गया कि कोविड वैक्सीन आने के बाद ही वार्डों को विकास कार्यों के लिए बजट जारी किया जाएगा। इस दौरान बैठक में विधायक खजानदास और उमेश शर्मा काऊ, नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय भी मौजूद रहे।

बिहार : चुनाव में की गई घोषणा अमल में आई, छात्राओं को 50-50 हजार प्रोत्साहन राशि भेजने के प्रस्ताव पर लगी कैबिनेट की मुहर

0

पटना, बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि अगर उनकी सरकार बनी तो स्नातक में उत्तीर्ण होने वाली छात्राओं को 50-50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देंगे। उस पर अमल करते हुए शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री स्नातक बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत लाभुकों के बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि भेजने का प्रस्ताव तैयार किया है। वित्त विभाग की स्वीकृति के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लग जाएगी।

उच्च शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रोत्साहन राशि की बढ़ोतरी का लाभ राज्य में स्नातक उत्तीर्ण डेढ़ लाख युवतियों को मिलेगा। मौजूदा व्यवस्था में स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को 25-25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान है। पिछले साल 1.4 लाख लाभुकों के आवेदन आए थे, जिनमें से 84 हजार तीन सौ 44 छात्राओं को प्रोत्साहन राशि भेजी जा चुकी है। शेष लाभुकों के आवेदन में खामियों के चलते उन्हें विश्वविद्यालयों को वापस कर दिया गया है। संशोधित आवेदनों के प्राप्त होने के बाद लाभुकों के बैंक खाते में राशि भेजी जाएगी।

राज्य सरकार से मान्यता एवं संबद्धता प्राप्त महाविद्यालयों से स्नातक पास छात्राओं को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वर्ष 2019-20 में इस योजना के लिए शिक्षा विभाग ने दो सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। इस वित्तीय वर्ष (2020-21) में तीन सौ करोड़ का प्रावधान किया गया है।

Gold Silver Rate : फिर गिरे सोने-चांदी के भाव, जानि‍ए कितना सस्‍ता हुआ रेट

0

नई द‍िल्‍ली: सोने-चांदी की कीमत में एक बार फिर से गिरावट आई है। सोना खरीदना चाह रहे हैं तो आपके लिए सही मौका है। सोने की कीमत में बड़ी गिरावट आई है। पिछले कई द‍िनों से सोने की कीमत में लगातार गिरावट आ रही है। नवंबर के बाद दिसंबर में भी सोने-चांदी के दाम में गिरावट की स्थिति बनी हुई है।

गिरे सोने-चांदी के भाव

सर्राफा बाजारों में आज फिर सोने-चांदी के भाव गिरे हैं। हालांकि यह गिरावट मामूली है। देशभर के सर्राफा बाजारों में शुक्रवार को 24 कैरेट सोने का हाजिर भाव 6 रुपये प्रति 10 ग्राम गिरकर होकर 49040 रुपये पर खुला। वहीं शाम को 48859 रुपये पर बंद हुआ। बात करें जबकि चांदी 276 रुपये सस्ती होकर 62431 रुपये प्रति किलो पर खुली, शाम को 62600 रु पर बंद हुई। वहीं 22 कैरेट सोना भी 5 रुपये सस्ता होकर 44921 रुपये पर आ चुका है। बता दें इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन द्वारा जारी इस रेट और आपके शहर के भाव में 500 से 1000 रुपये का अंतर आ सकता है।

सोने-चांदी के हाजिर भाव इस प्रकार

देशभर के सर्ऱाफा बाजार पर एक नजर इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट (ibjarates.com) पर जारी कि‍ए गए रेट के मुताबिक आज 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत 49040 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। वहीं 23 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत में 48844 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, वहीं 22 कैरेट वाले सोने की कीमत 44921 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई तो 18 कैरेट वाले सोने की कीमत गिरकर 36780 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई। वहीं चांदी की कीमत 62324 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।

सोना खरीदने वक्‍त इस वेबसाइट पर चेक करें दाम

बता दें कि इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) जो रेट देता है वो देश भर में माना जाता है हालांकि इस वेबसाइट पर दिए गए सोने और चांदी के भाव में जीएसटी शामिल नहीं होता है। सोने-चांदी का करेंट रेट जिसे हाजिर भाव भी कहते हैं ये अलग-अलग जगहों पर अलग हो सकते हैं पर इनकी कीमतों में थोड़ा अंतर होता है। इसलिए सोना और चांदी की खरीददारी करने जो से पहले (आईबीजेए) वेबसाइट (ibjarates.com) की वेबसाइडट पर जाकर सही मूल्‍य अवश्‍य जांच लिया करें। सोना खरीदते-बेचते समय आप आईबीजेए के रेट का हवाला दे सकते हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक आईबीजेए देशभर के 14 सेंटरों से सोने-चांदी का करेंट रेट लेकर इसका औसत मूल्य बताता है।

गिर गए सोने के वायदा भाव

घरेलू सर्राफा बाजार में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार सुबह सोने और चांदी दोनों के वायदा भाव में गिरावट देखने को मिली है। एमसीएक्स एक्सचेंज पर पांच फरवरी, 2021 वायदा के सोने का भाव सोमवार सुबह 0.61 फीसद या 302 रुपये की गिरावट के साथ 49,022 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखाई दिया। इसके अलावा वैश्विक बाजार में भी सोमवार सुबह सोने की हाजिर और वायदा दोनों कीमतों में गिरावट देखने को मिली। सोने के साथ ही चांदी के घरेलू वायदा भाव में भी सोमवार सुबह गिरावट देखने को मिली है। एमसीएक्स पर सोमवार सुबह पांच मार्च, 2021 वायदा की चांदी का भाव 0.69 फीसद या 438 रुपये की गिरावट के साथ 63,297 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करता दिखाई दिया। इसके अलावा वैश्विक बाजार में भी सोमवार सुबह चांदी की वायदा और हाजिर दोनों कीमतों में गिरावट देखने को मिली। source: goodreturns.in

19वें दिन भी जारी है किसान आंदोलन :10 संगठनों ने कृषि कानूनों का किया समर्थन, सरकार थोड़ी राहत

0

नई दिल्ली, किसान 19 वें दिन भी आंदोलन पर डटे रहे, अब लगता है कि केंद्र की ओर से पारित तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग के साथ किसानों का आंदोलन तेज होता देख सरकार की तरफ से समाधान निकाले जाने को लेकर कोशिशें जारी है | परन्तु 19 दिन से जारी किसान आंदोलन से मोदी सरकार को थोड़ी राहत मिली और 10 संगठनों ने कृषि कानूनों का समर्थन किया है | किसानों का आंदोलन 19वें दिन भी जारी रहा।

इस बीच विभिन्न राज्यों के 10 किसान संगठनों ने कृषि कानूनों को किसान हितैषी बता दिया। इन संगठनों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और अपना समर्थन पत्र सौंपा। इससे पहले हरियाणा और उत्तराखंड के किसानों का प्रतिनिधिमंडल भी कृषि मंत्री से मिल चुका है। रविवार को उत्तराखंड के 100 से ज्यादा किसानों का प्रतिनिधिमंडल तोमर से मिला और उनसे आग्रह किया कि इन किसान हितैषी कानूनों को निरस्त नहीं किया जाए। उधर, आंदोलनकारी किसान इन तीनों कानूनों को वापस लेने से कम पर सुलह करने को राजी ही नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और हरियाणा जैसे राज्यों के 10 किसान संगठनों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। ऑल इंडिया किसान को-ऑर्डिनेशन कमिटी (AIKCC) के बैनर तले इन किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि तीनों कानून किसानों के हित में हैं और इन्हें वापस नहीं लिया जाना चाहिए। मीटिंग के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार से ऑल इंडिया किसान को-ऑर्डनेशन कमिटी के सदस्य आए थे। उन्होंने कृषि कानूनों का समर्थन किया और इस बारे में हमें एक चिट्ठी दी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने यह किसानों के कल्याण के लिए किया है और वो उसका स्वागत एवं समर्थन करते हैं।”

सरकार एक-एक क्लाउज पर बातचीत को तैयार : तोमर

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के साथ वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए सरकार उनसे संपर्क में है। तोमर ने कहा, “बैठक निश्चित रूप से होगी। हम किसानों के साथ संपर्क में हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार है। किसान नेताओं को तय करके बताना है कि वे अगली बैठक के लिए कब तैयार हैं। उन्होंने कहा, “हमने किसानों और किसान नेताओं को मनाने का प्रयास किया। हमारी इच्छा है कि वे प्रत्येक खंड पर बातचीत करने के लिए आएं। अगर वे हर खंड पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए तैयार हैं तो हम विचार-विमर्श के लिए तैयार हैं,
प्रदर्शनकारी किसानों की 40 यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की बातचीत की अगुवाई तोमर कर रहे हैं। इसमें उनके साथ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल हैं। केंद्र और किसान नेताओं के बीच अब तक हुई पांच दौर की वार्ताएं बेनतीजा रही हैं। सरकार ने किसान संघों को एक मसौदा प्रस्ताव उनके विचारार्थ भेजा है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को जारी रखने का लिखित आश्वासन भी है, लेकिन किसान यूनियनों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और कानूनों को निरस्त करने की मांग की है। तोमर ने कहा कि ये कानून किसानों की जिंदगी बदलने वाले हैं और इन कानूनों के पीछे सरकार की नीति और मंशा स्पष्ट है।

शाह और तोमर की मुलाकात

उधर, गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी मांगों और संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक की। चूंकि किसानों का आंदोलन 19वें दिन भी जारी रहा, दोनों मंत्रियों ने विरोध प्रदर्शन को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए उनकी मांगों को हल करने के तरीकों पर चर्चा की। जल्द समाधान किए जाने की इसलिए भी जरूरत है क्योंकि किसानों के आंदोलन से दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों की प्रमुख सड़कें बाधित होने के कारण विभिन्न जरूरी चीजों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही आमजन के आवामगन पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है।

सूत्रों ने कहा कि शाह के 6, कृष्ण मेनन मार्ग स्थित आवास पर हुई बैठक में दोनों ने देशभर के किसानों और उनके नेताओं से संपर्क के बाद गतिरोध को दूर करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है। लगभग 40 मिनट की बैठक में दोनों नेताओं ने कथित तौर पर उन 32 किसान प्रतिनिधियों के साथ फिर से संपर्क करने के विचार पर चर्चा की, जिन्होंने अब तक केंद्र के साथ पांच दौर की वार्ता की है। रविवार को शाह ने अपने आवास पर तोमर की उपस्थिति में पंजाब भाजपा नेताओं के साथ भी किसानों के मुद्दों पर चर्चा की। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी बैठक में मौजूद रहे।

आंदोलन के 19वें दिन किसानों की भूख-हड़ताल

किसान नेताओं ने सोमवार को अलग-अलग जगहों पर एक दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की और तीनों कृषि कानूनों को वापस करने के लिए केंद्र से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिलने की स्थिति में विभिन्न राज्यों में जिला कलेक्ट्रेट/उपायुक्तों के कार्यालयों के बाहर धरना प्रदर्शन किया। किसान संगठन कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 का विरोध कर रहे हैं और इन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सरकार इसके बजाय कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार है, मगर कानूनों को वापस लेने के लिए राजी नहीं है।

किसान नेताओं की सीबीआई जांच की मांग

कठपुतली के साथ प्रदर्शन दुष्यंत चौटाला के बदले सुर
हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कृषि मंत्री और गृह मंत्री लगातार किसानों की मांग के ऊपर चर्चा कर रहे हैं। हमें उम्मीद है जल्द ही किसानों के आंदोलन पर निर्णय आएगा। समाधान चर्चा से निकलेगा अड़ने से नहीं। छोटे मामलों पर बातें अटकी है उसपर केंद्र भी झुकने को तैयार है मगर किसान संगठन के लोग किसानी का फायदा देखते हुए, अपनी ओर से जरूर एक कदम वापस लें। जो गतिरोध बन गया है उससे किसानी का नुकसान न करें किसानी का फायदा करें।

आप नेता भगवंत मान ने कहा -‘बहुत शर्म की बात है कि केंद्र सरकार ने किसानों की जायज मांगों को मानने के लिए अड़ियल रवैया अपनाया हुआ है और पूरे देश का पेट पालने वाला आज खुद भूखे रहने पर मजबूर है। पूरी दुनिया में इसकी(आंदोलन) चर्चा हो रही है, अब ये जन आंदोलन बन गया है | दूसरी तरफ सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि कृषि मंत्री को पता नहीं है कि कौन किसान है। इस तरह के कृषि मंत्री कैसे हो गए। किसान अपने ट्रैक्टर लेकर आ रहें है। ट्रैक्टर किसके पास होता है? किसानों के पास। वे आ रहें है, लंगर लगा रहे हैं, अपना विरोध जता रहे हैं, उनकी मांग जायज है |

Gmail, Youtube समेत कई ऐप हुए बंद, 45 मिनट परेशान रहे यूजर्स

0

नई दिल्ली, 14 दिसंबर. गूगल की कई सेवाओं पर असर पड़ा है. जानकारी के अनुसार गूगल की सेवाएं जैसे जीमेल, हैंगआउट सहित यूट्यूब डाउन (Gmail, YouTube Down Globally) हो गया है. जिससे यूजर्स गूगल चैट (Google Chat) पर कुछ भेज नहीं पा रहे हैं. इसके साथ ही यूजर्स को मेल भेजने में दिक्कत हो रही है. जिसकी शिकायत यूजर्स सोशल मीडिया साइट पर कर रहे हैं.

बता दें कि जीमेल-हैंगआउट सहित यूट्यूब आज शाम 5 बजे के बाद डाउन हुआ है. गूगल की सेवाएं बंद होने से यूजर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यूट्यूब बंद होने से यूजर्स वीडियो नहीं देख पा रहे हैं. वैसे गूगल द्वारा बनाया गया जीमेल एक फ्री सेवा हैं. जहां यूजर्स वेब के माध्यम से स्मार्टफोन में इसका इस्तेमाल करते हैं.

Image

 

वहीं जीमेल और यूट्यूब डाउन होने के चलते परेशान यूजर्स गूगल को ताने मारते हुए कई तरह के ट्वीट कर रहे हैं. ऐसे में यूजर्स को उम्मीद है कि गूगल जल्द ही इसे सुलझा लेगा ताकि उनकी समस्या कम हो सके.