Thursday, May 15, 2025
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उत्तराखंड़ : राज्य में निकली बम्बर भर्ती, ऑनलाइन आवेदन शुरू, 11 जनवरी है परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि

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देहरादून, उत्तराखंड़ के बेरोजगारों के लिये अच्छी खबर है, प्राविधिक शिक्षा परिषद द्वारा चिकित्सा विभाग के स्टाफ नर्स की 1238 पदों में भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी करते हुए आवेदन मांगे गए हैं लंबे समय से स्टाफ नर्स की भर्ती का इंतजार करने वाले युवा अभ्यर्थियों के लिए सरकारी नौकरी पाने का यह सुनहरा अवसर है। भर्ती की विज्ञप्ति जारी करते हुए परिषद द्वारा बताया गया है कि 14 दिसंबर सोमवार से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गये और 11 जनवरी आवेदन और परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख है, 12 जनवरी को ऑनलाइन भरे हुए आवेदन पत्र को आप प्रिंट आउट प्राप्त करने की अंतिम तिथि है जबकि 25 जनवरी को ऑनलाइन स्कूटनी के बाद रिजेक्ट किए गए आवेदन पत्रों की सूची अपलोड की जाएगी इसके अलावा 30 जनवरी को रिजेक्ट किए गए आवेदन कर्ताओं द्वारा संबंधित प्रमाण पत्र वेबसाइट पर अपलोड करने की अंतिम तारीख दी जाएगी इसके अलावा 20 फरवरी को लिखित परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र ऑनलाइन जारी किए जाएंगे साक्षी 7 मार्च को स्टाफ नर्स भर्ती की लिखित परीक्षा होगी।
कैसे करें ऑनलाइन आवेदन

अभ्यर्थी उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट www.ubter.in अथवा www.ubtersn.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं इसके अलावा किसी वेबसाइट पर आवेदन पत्र भरने के साथ परीक्षा शुल्क नेट बैंकिंग डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड द्वारा जमा कर सकते हैं। स्टाफ नर्स की कुल रिक्तियों की संख्या 1238 है जिसमें महिलाओं के लिए सामान्य की 565 अनुसूचित जाति की 170 अनुसूचित जनजाति की 30 अन्य पिछड़ा वर्ग की 119 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 106 पद हैं। इसके अलावा पुरुषों के लिए सामान्य में 144 पद अनुसूचित जाति में 42 पद अनुसूचित जनजाति में 7 पद अन्य पिछड़ा वर्ग में 295 और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में 26 पद भरे जाने हैं कुल मिलाकर महिलाओं के 990 और पुरुषों के 248 पदों पर स्टाफ नर्स की नियुक्ति होनी है।

शैक्षिक योग्यता स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए दी गई शैक्षिक योग्यता के अनुसार भारतीय नर्सिंग परिषद से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय अथवा संस्थान से नर्सिंग में बीएससी ऑनर्स अथवा भारतीय नर्सिंग परिषद से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय अथवा संस्थान से बीएससी नर्सिंग में नियमित पाठ्यक्रम अथवा भारतीय नर्सिंग परिषद से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय अथवा संस्थान से पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग अथवा भारतीय नर्सिंग परिषद से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से जर्नल नर्सिंग एवं मिडवाइफरी मनोरोग विज्ञान का डिप्लोमा हो।इसके अलावा उत्तराखंड भारतीय नर्सिंग तथा धात्री परिषद से बीएससी ऑनर्स अथवा बीएससी नर्सिंग अथवा पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग अथवा जर्नल नर्सिंग एवं मिडवाइफरी मनोविज्ञान के रूप में पंजीकरण प्रमाण पत्र हो।

इसके अलावा किसी राजकीय चिकित्सालय अथवानैदानिक संस्थान रजिस्ट्रेशन और विनियम अधिनियम 2010 के अंतर्गत पंजीकृत सही आयुक्त निजी चिकित्सालय में न्यूनतम 1 वर्ष कार्य का अनुभव उक्त योग्यता को प्राप्त करने के उपरांत हो तथा इसके अलावा हिंदी में कार्य साधक ज्ञान हो।

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यमकेश्वर मण्डल : भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष बनी संतोषी देवी बडोला

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पौडी, भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा ने संगठन को मजबूती प्रदान करते हुये पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लाक में पदाधिकारी नामित किये, जिसके अन्तर्गत यमकेश्वर मंडल की भाजपा (महिला मोर्चा) की अध्यक्ष संतोषी देवी बडोला व भाजपा (महिला मोर्चा) पौड़ी गढ़वाल की कार्यकारणी सदस्य मालती देवी को बनाया गया, जिससे यमकेश्वर के भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी लहर है।

इस अवसर पर यमकेश्वर मंडल के अध्यक्ष नितिन बडोला ने कहा कि महिला मोर्चा में नवनियुक्त पदाधिकारियों को बहुत बहुत बधाई, मात्र शक्ति अब हर क्षेत्र में कदम से कदम मिला के चल रही है और उनको पूरा विश्वास है कि आगमी 2022 के विधानसभा चुनाव में महिला मोर्चा पार्टी को ओर मजबूती प्रदान करेगा।
इस अवसर नवनियुक्त महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष संतोषी बडोला ने कहा कि वह महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व लोकप्रिय यमकेश्वर विधायक ऋतु खंडूरी भूषण,जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा नीलम मेंदोलिया, जिला अध्यक्ष संपत रावत जी का बहुत-बहुत धन्यवाद देती हैं। संतोषी बडोला ने कहा की उनको यमकेश्वर महिला मोर्चा का मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है वह आगामी 2022 चुनाव में पार्टी को और मजबूत करेंगी और 2022 विधानसभा चुनाव में महिला मोर्चा यमकेश्वर विधानसभा चुनाव रिकॉर्ड तोड़ मत से विजयी होगी।

खुसी जाहिर करने वालो में मंडल अध्यक्ष नितिन बडोला, उपाध्यक्ष अमरदेव भट्ट, यशपाल अश्वाल, सुभाष शुक्ला, महामंत्री बिजेंद्र बिष्ठ, धीरेन्द्र कुकरेती, मीडिया प्रभारी अलकेश कुकरेती, मनोज खत्री,अनुज राणा ,अनिता देवी , मालती देवी,पिंकी पंवार, सरिता देवी, राजेस्वरी, मनोरमा देवी,जिला मंत्री नीरज कुकरेती, ब्लॉक प्रमुख आशा भट्ट, दिनेश भट्ट,अतुल दर्शन, मनोज नेगी, धर्मेंद्र बिष्ठ, अजय रावत सहित सभी भाजपा कार्यकर्तओं ने खुशी जाहिर की।

उड़न खटोला ने प्रदेशवासियों को दी किराये में विशेष छुट

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हरिद्वार , 14 दिसम्बर (कुल भूषण) उषा ब्रको लिमिटेड द्वारा मां मनसा देवी एवं मां चण्डी देवी उडन खटोला पर कोरोना वार्रिरूर्स सम्मान योजना के तहत प्रदेश के सभी डाक्टर एवं स्टाफ पुलिसकर्मी सेवारत एवं अवकाश प्राप्त सैन्य कर्मी लान्यस क्लब रोटरी क्लब तथा मीडिया कर्मीयो सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओ को उडन खटोले के टिकट पर पचास प्रतिशत की विशेष छूट दी जायेगी ।

इसके साथ ही प्रदेश के सामान्य निवासियो को पच्चीस प्रतिशत की छुट 15 दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2020 तक दी जायेगी यह जानकारी संस्थान के हैड नौर्थ जोन मनोज डोभाल ने दी उन्होने बताया की इस योेेेजना का लाभ उठाने के लिए सभी को अपना आधार कार्ड व पहचान पत्र दिखाना होगा।

गंगा जल के उपयोग से मनुष्य आरोग्य रहता है: शिवानी

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हरिद्वार , 14 दिसम्बर (कुल भूषण) गुरूकुल कंागडी समविश्वविद्यालय के वनस्पति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान की शोध छात्रा शिवानी त्यागी ने विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 आर0सी0दूबे के निर्देशन में गंगा जल में उपलब्ध जीवाणुरोधी औषधीय गुण पर शोध कर इस बात को प्रमाणित किया की गंगा जल में जीवाणुरोधी औषधियो की उपलब्धता के चलते इसका जल लम्बे समय तक शुद्ध रहता है जिसके चलते गंगा जल में स्नान करने व उसे पीने से मनुष्य रोगमुक्त रहता हैअपने इसी गुण के कारण गंगा का वैज्ञानिक महत्व भी है प्रो0 दूबे ने बताया की शोधार्थी शिवानी त्यागी ने अपने शोध विश्लेषणात्मक अध्ययन किया है। प्रो0 दुबे ने कहा कि हरिद्वार एवं त्रिवेणी घाट ऋषिकेश के जल पर शोध कार्य किया गया शोध के निष्कर्षानुसार प्राथमिक परीक्षण बी.ओ.डी.सी.ओ.डी.डी.ओ. जल प्रभाव दर अकार्बनिक रसायनसल्फर की बहुलताउच्च जल प्रवाह दर पाए जाते हैं।   

       प्रो0 दुबे ने बताया कि गंगा जल का तापमान शीतकाल से ग्रीष्मकाल में एक क्रम से बढ़ता है तथा गंगा की धारा का प्रवाह दर निचले तल (हरिद्वार) की अपेक्षा उपरी तल (ऋषिकेश) पर अधिक होता है। शोध में पाया गया कि गंगाजल का प्रवाह जितना अधिक होगा गंगाजल उतना ही शुद्ध एवं पवित्र होगा। अतः गंगा जल का अबाध प्रवाह बनाये रखना अत्यावश्यक है। गंगाजल में कोलिफोर्म नामक जीवाणु पाये जाते है परन्तु मानको के अनुसार इनकी संख्या सीमा के अन्दर पायी गयी। गंगाजल की गुणवत्ता जल की डी00, बी00डी0, सी00डी0 जल प्रवाह दर एवं अकार्बनिक रसायनों पर भी निर्भर करती है।

            शोधार्थिनी शिवानी त्यागी ने विभागीय प्रयोगशाला में जीवाणुरोधी गुणविषाणु पृथक्करणमिलीपोर फिल्टरगंगाजल और आंत्रीय जीवाणु का अध्ययन कर रोगकारी आंत्रीय जीवाणु मृत पाय (सफेद चूहों पर प्रयोग) रोगकारी जीवाणु एवं गंगाजल के प्रोटीन यौगिक। शोध में निष्कर्ष के बाद केन्द्रीय प्रदूशण नियंत्रण बोर्ड और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिए मानकों को पूरा करते हुए हरिद्वार के हरकी पैड़ी व त्रिवेणीघाटऋषिकेश का गंगाजल पीने के योग्य है।

            शोध में पाया गया कि घुलित आक्सीजन (डी00) एवं जल प्रवाह दर जितना अधिक होगा जैविक एवं रसायनिक आक्सीजन मांग (बी00डी0, सी00डी0) उतनी ही कम होगी जिसके कारण जल में अकार्बनिक रसायन एवं सूक्ष्मजीवों की संख्या कम हो जाती हैजिसकी पुष्टि किये गये शोध में भौतिक.रसायन मानको एवं सूक्ष्मजीववैज्ञानिक मानको का डब्लू0क्यू0आई0, कोरिलेषन कोफिशियेन्टडेन्ड्रोग्रामपी0सी00 द्वारा की गयी।

            गंगाजल की जीवाणुरोधी क्षमता गंगाजल में उपस्थित विशेष प्रकार के बेक्टिरियोफाज (विषाणु) एवं एक विषिश्ट जैव रसायन थायोपेस्टाइड्स“ के कारण होती है। शोध में आंत्रीय रोगजनक जीवाणुओं को नष्ट करने वाले बैक्टिरियोफाज का पृथक्करण किया गया जिसमें अन्य विषाणुओं के अतिरिक्त ई0 कोलाई  बैक्टिरियोफाजसालमोनेला टाइफी बैक्टिरियोफाज एवं क्लेबसिऐला न्यूमोनी बैक्टिरियोफाज प्रमुख थे। विषेश तरह के विषाणुओं की उपस्थिति गंगाजल को शुद्धता प्रदान करती है।

आकाश इंस्टिटयूट के मेरिटेशन ने देहरादून में प्रीमियम यूजर्स के उपयोग में शानदार वृद्धि दर्ज कीः लाइव क्लासेस के उपयोग की समयावधि में 10 गुना बढ़ोतरी

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देहरादून,  कोविड-19 के बड़े पैमाने पर फैलने की वजह से पढ़ाई-लिखाई में आई बाधाओं के चलते शिक्षा व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव आया है और अब शिक्षा का माध्यम ऑफलाइन के बजाय ऑनलाइन हो गया है। भारत में एडुटेक जगत के प्रमुख संस्थान तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले देश के अग्रणी संस्थान, आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड की सहायक कंपनी, मेरिटनेशन ने उत्तराखंड के देहरादून शहर से अपने पेड यूजर्स, यानी सेवाओं के इस्तेमाल के लिए भुगतान करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या में शानदार वृद्धि दर्ज की है।

मेरिटनेशन ने हाल के महीनों में इस शहर में लाइव क्लासेस में भाग लेने वाले प्रीमियम यूजर्स द्वारा उपयोग के मिनटों में 10 गुना बढ़ोतरी दर्ज की है। गणित और विज्ञान विषयों के लाइव क्लासेज के उपयोग में क्रमशः 6 गुना और 12 गुना की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है।

लॉकडाउन की शुरुआत में प्रीमियम यूजर्स द्वारा इस प्लेटफॉर्म के उपयोग तथा हाल के महीनों में प्रीमियम यूजर्स द्वारा उपयोग के आंकड़ों की तुलना के आधार पर, उपयोग में प्रतिशत वृद्धि की गणना की गई है। आंकड़ों के अनुसार, 10वीं कक्षा के छात्रों ने इस विकास में शानदार योगदान दिया है, जबकि 6 से 12 कक्षा के छात्रों के बीच इस प्लेटफार्म के उपयोग में लगातार बढ़ोतरी की प्रवृत्ति देखी गई।

इस शानदार प्रगति पर टिप्पणी करते हुए श्री नरसिम्हा जयकुमार, सीईओ, आकाश एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड, ने कहा ’मार्च 2020 के बाद से कोविड-19 के बड़े पैमाने पर फैलने की वजह से ऑनलाइन लर्निंग अब पढ़ाई का नया तरीका बन चुका है। पढ़ाई-लिखाई की प्रक्रिया को बिना किसी बाधा के जारी रखने के लिए, छात्रों ने बड़ी संख्या में वर्चुअल लर्निंग को अपनाना शुरू कर दिया है और उम्मीद है कि कोविड के बाद के दौर में भी यह सिलसिला बरकरार रहेगा। देहरादून से मेरिटेशन प्लेटफॉर्म पर पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि से यह स्पष्ट हो जाता है कि, छात्र हमारी पढ़ाई के तरीके, हमारे अध्यापकों और हमारे पाठ्यक्रमों को स्वीकार कर रहे हैं। हम निकट भविष्य में छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ्यक्रमों को कस्टमाइज करना जारी रखेंगे, ताकि उन्हें अपने घरों में सुरक्षित रहकर पढ़ाई करने में मदद मिल सके।”

मेरिटनेशन भारत में ऑनलाइन लर्निंग के क्षेत्र में सबसे आगे है, जिसने वर्ष 2014 में लाइव क्लासेस की शुरुआत की थी। वर्तमान में इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत छात्रों की संख्या 2.5 करोड़ से अधिक है, साथ ही इस ऐप को इंस्टॉल करने वालों की संख्या 10 मिलियन से ज्यादा है तथा 47 मिलियन से ज्यादा बार यहां उपलब्ध टेस्ट पेपर को हल करने का प्रयास किया गया है। आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड ने जनवरी 2020 में 12वीं कक्षा तक के छात्रों को शिक्षण सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनी, मेरिटेशन का अधिग्रहण किया, और एप्लेट लर्निंग सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड ने इन्फो एज (इंडिया) लिमिटेड के साथ एक स्थायी समझौता किया।

यूटीडीबी में एडवेंचर विंग का गठन

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देहरादून । प्रदेश में पर्यटकों के लिए एडवेंचर पर्यटन को प्रोत्साहन देने और इससे जुड़ी गतिविधियों में और तेजी लाने के लिए उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद द्वारा गढ़ीकैंट देहरादून में एडवेंचर विंग का गठन किया गया है। कर्नल अश्विन पुंडीर (भारतीय थल सेना) द्वारा अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसीईओ) एडवेंचर स्पोर्ट्स के रूप में पदभार संभाला है। इनके अलावा जल क्रीड़ा विशेषज्ञ के रूप में अनुज सिंह, थल क्रीड़ा विशेषज्ञ के रूप में रणवीर सिंह नेगी और वायु क्रीड़ा विशेषज्ञ के रूप में ग्रुप कैप्टन (रि0) आरके सिंह ने एडवेंचर विंग में पदभार संभाला है।

यूटीडीबी द्वारा गठित एडवेंचर विंग आने वाले दिनों में प्रदेश में होने वाले साहसिक खेलों की गतिविधियों का निरीक्षण करने के साथ ही नये साहसिक खेल स्थलों का चयन करेगी।

पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘‘हम राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए साहसिक खेलों को बेहतर तरीके से आयोजित करने के लिए एडवेंचर विंग का गठन किया गया है। हम प्रदेश में पर्यटन को विकसित करने के लिए कई अन्य गतिविधियों की भी योजना बना रहे हैं जो स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी।

पूनम चंद, अपर निदेशक, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद ने बताया कि साहसिक खेल गतिविधियों के विकास हेतु के लिए एडवेंचर विंग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा निकट भविष्य में एडवेंचर विंग संबंधित अन्य नियुक्तियां भी की जाएगी। जिससे राज्य के साहसिक पर्यटन के विकास को नये आयाम मिलेंगे।

कोरोना ब्रैकिंग : प्रदेश में आज मिले 577 नए संक्रमित, 06 मरीजों की हुई मौत, आंकड़ा 83006 पहुँचा

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ में लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है, प्रदेश में आज 14 दिसम्बर सोमवार को कोरोना के 577 नए मामले सामने आए है। अब राज्य में कोरोना का आंकड़ा 83006 पहुंच गया है। जबकि राहत की बात यह रही कि आज 707 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए, राज्य में अब तक 74525 मरीज ठीक हो चुके हैं |

सोमवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में 577 नए लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई , जिनमें देहरादून जिले से 164 ,हरिद्वार से 39 , नैनीताल जिले से 88 , उधमसिंह नगर से 28 ,पौडी से 80, टिहरी से 24 चंपावत से 08 , पिथौरागढ़ से 25 ,अल्मोड़ा 28 ,बागेश्वर से 16 ,चमोली से 39 , रुद्रप्रयाग से 11 , उत्तरकाशी से 28 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं।

जबकि राज्य में आज 06 मरीजों की मौत हुई जबकि 707 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए है, कोरोना से संक्रमित अब तक कुल 83006 मरीजों में से 74525 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं ,976 संक्रमित राज्य से बाहर जा चुके, हैं ,1361 संक्रमित की मौत हो चुकी है। राज्य में वर्तमान में 6144 कोविड-19 के एक्टिव केस हैं

एल.ई.डी. लाईट निर्माण में लगे सभी महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा 50-50 हजार का रिवोल्विंग फंडः मुख्यमंत्री

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत जनपद उत्तरकाशी के 11 उद्यमियों को ‘परियोजना आवंटन पत्र‘ वितरित किए। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने एल.ई.डी. ग्राम लाईट योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ‘‘एनर्जी वॉरियर्स‘‘ के रूप में सम्मानित किया। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘ऊर्जा दक्ष ग्राम‘ के प्रधानों को भी प्रशस्ति पत्र वितरित कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने सभी स्वयं सहायता समूहों को ऊर्जा संरक्षण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमारा अगला फोकस अपनी माँ-बहनों के सिर से घास-लकड़ी का बोझा उतारना है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को भी इस दिशा में विचार कर योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यक्रम में जनपदों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित ग्राम प्रधानों एवं स्वयं सहायता समूहों से इस सम्बन्ध में अपने सुझाव देने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने एल.ई.डी. निर्माण में लगे सभी स्वयं सहायता समूहों के लिए 50-50 हजार के रिवाॅल्विंग फण्ड की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों से बात भी की। उन्होंने कहा कि इनका ‘दरांती से साॅल्डरिंग रोड के बीच का सफर‘ अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक है। स्वरोजगार से जुड़कर महिलाओं का आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता बढ़ी है। उनके मन में विश्वास पैदा हुआ है कि वे उद्यम के क्षेत्र में भी बहुत कुछ कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटर स्वरोजगार के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। रेडीमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में भी ग्रोथ सेंटर्स की अपार सम्भावनाएं हैं। स्कूल ड्रेस, डाॅक्टर्स-नर्स आदि के लिए ड्रेसिज तैयार करने पर भी फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड कैबिनेट ने अभी निर्णय लिया है कि जिलाधिकारी स्तर पर 05 लाख तक की खरीद में, स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में अनेकों मंदिर हैं। मंदिरों के कपाट खुलने व बंद होने, व अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में सजावटी कार्यों के लिए स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, जो अपने साथ क्षेत्र की स्मृति चिन्ह ले जाना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वयं सहायता समूहों से भी क्रिएटिव होकर राज्य से जुड़ी हुयी अलग-अलग थीम पर स्मृति चिन्ह बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेंटर्स में फैंसी आईटम पर भी फोकस किया जाना चाहिए। इसके लिए स्पेशिफिक प्रशिक्षण भी कराया जा सकता है। इसके साथ ही, भ्रमण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा सकता है, ताकि स्वयं सहायता समूह कुछ नई चीजें सीख सकें।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि स्थानीय दुकानदारों से बातचीत कर स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री हेतु प्रोत्साहित किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने कार्यालयों, हैलीपैड, स्थानीय बाजारों में ‘वोकल फाॅर लोकल‘ का प्रचार-प्रसार करते हुए, एक विंडो उपलब्ध करायी जानी चाहिए, ताकि इनके उत्पादों को बाजार मिल सके।
मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र ने ऊर्जा संरक्षण विषय पर सभी जनपदों में छात्र-छात्राओं से संवाद भी किया। ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर प्रदेश के चयनित विद्यालयों में चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इन विजेता छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार पेंटिंग को वर्ष 2021 के कैलेंडर के रूप में प्रकाशित किया गया है, जिसका मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा विमोचन किया गया। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने ‘‘ऊर्जा संरक्षण पुस्तिका‘‘ का विमोचन भी विमोचन किया।
विधायक  गणेश जोशी ने कहा कि पहाड़ की आर्थिकी महिलाओं पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने हेतु आगे आना चाहिए।
इस अवसर पर सचिव  राधिका झा एवं निदेशक उरेडा कै. आलोक शेखर तिवारी एवं पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

किसान हित में है कृषि कानून, बरगलाया जा रहा किसानों को, हम अन्नदाता को मनाकर रहेंगे : डाॅ. निशंक

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा-दो दशक से तैयार हो रही थी इस कानून की जमीन

बरगलाया जा रहा कृषकों को, हम अन्नदाता को मनाकर रहेंगे

देहरादूनः किसान कानून किसानों के हित में है। यह कानून एक दिन में नहीं बना, 20 साल पहले इसकी जमीन तैयार होनी आरंभ हो गयी थी। एमएसपी, मंडियों, जमीनों आदि को लेकर किसान भ्रमित हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि नए कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था खत्म नहीं होगी, एपीएमसी मंडिया बंद नहीं होंगी, किसानों की जमीनें सुरक्षित रहेंगी, उन्हें कोई नहीं छीन सकता तथा किसानों का एग्रीमेंट द्वारा कोई बंधन नहीं होगा। सरकार अपने अन्नदाता की समृद्धि के लिए संकल्पबद्ध है, लेकिन किसानों को विपक्ष द्वारा बरगलाया जा रहा है। उन्हें सच जानना चाहिए।
यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री और हरिद्वार के सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कही। उन्होंने कहा कि पिछले सत्तर वर्षों में पहली बार नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में इतना बड़ा फैसला लिया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी का सपना किसानों की आय को दुगुना करना है। किसानों की मांग पर ही यह कानून बना है। नए कानून के अनुसार किसान अपने अनुसार अधिक दाम के लिए खरीदार से मोल-भाव कर सकते हैं, वे एपीएमसी मंडियों में और बाहर भी जहां अधिक दाम मिले, वहां अपने उत्पाद बेच सकते हैं, एमएसपी सिस्टम बंद नहीं होगा, फसल के मूल्यों में अप्रत्याशि उतार-चढ़ाव से मुक्ति मिलेगी और उनकी आमदनी बढ़ेगी। किसान की उच्च मूल्य की नई किस्म की फसलों के लिए बाजार उपलब्ध हो पाएगा। यह बात महत्त्वपूर्ण है कि फसल बुआई से पहले और कटाई के बाद दोनों स्थितियों में उसके सामने कमाई के बेहतर विकल्प होंगे।

डाॅ. निशंक ने कहा कि किसानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी व्यवस्था समाप्त होने, एपीएमसी मंडियां बंद हो जाएंगी, किसानों की जमीनेें खतरे में पड़ जाएंगी, किसानों पर बकाया वसूलने के लिए कांट्रैक्टर जमीनें हड़प लेंगे, कांट्रैक्ट फाॅर्मिंग के मामले में किसानों के लिए मूल्य की कोई गारंटी नहीं होगी, किसानों को भुगतान नहीं किया जाएगा, किसान कांट्रैक्ट को खत्म नहीं कर सकेगा। इन बातों में लेशमात्र भी सच नहीं है। जबकि सच यह है कि परिस्थितियां कोई भी हों, किसान की जमीन को आंच नहीं आएगी। एग्रीमेंट फसलों के लिए होगा, न कि जमीन के लिए। सेल, लीज और गिरवी समेत जमीन के किसी भी प्रकार के हस्तांतरण का करार नहीं होगा, एमपीएमसी मंडिया इस कानून के दायरे से बाहर हैं। फाॅर्मिंग एग्रीमेंट में कृषि उपज का खरीद मूल्य दर्ज किया जाएगा। क्या यह प्रावधान किसान हित में नहीं है कि किसान का भुगतान तय सीमा न करने पर कानून कार्रवाई होगी और जुर्माना लगेगा? एक सच यह भी है कि किसान किसी भी समय बिना जुर्माने के कांट्रैक्ट खत्म कर सकेंगे।

केंद्रीय मंत्री डाॅ. निशंक ने इन बिंदुओं को गंभीरता से समझने के लिए किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि किसान कानून एक दिन में नहीं बना है। इसके लिए लंबा मंथन चला है। इसके लिए दो दशक तक अध्ययन और चिंतन चला है। वर्ष, 2000 में शंकर लाल गुरु कमेटी से इसका आरंभ हुआ था। इसके बाद 2003 में माॅडल एपीएमसी एक्ट, 2007 के एपीएमसी रूल्स, 2010 में हरियाणा, पंजाब, बिहार एवं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों की समिति व 2013 में दस राज्यों के कृषि मंत्रियों की संस्तुति, 2017 के माॅडल एपीएलएम एक्ट के बाद आखिरकार 2020 में संसद ने इस कानून को मंजूर किया। किसानों के आंदोलन को सुलझने पर आश्वस्त डाॅ. निशंक का कहना है कि हम किसानों को मनाएंगे और हमें उम्मीद है किसान अवश्य हमारी सरकार की बात मानेंगे।

बारात में झपटामारों ने दूल्हे के गले झपटी सोने की चैन और नोटों की माला

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नई दिल्ली, राजधानी दिल्ली के जनकपुरी इलाके में बैंड बाजे के साथ एक बारात विवाह स्थल की ओर जा रहें एक दूल्हे से तीन झपटमारों ने गले से नोटों की माला और सोने की चैन झपट कर फरार हो गए। दिल्ली में 48 घंटों में यह दूसरी वारदात हुई है, जिसमें बदमाशों ने घोड़ी पर बैठे दुल्हे को अपना निशाना बनाया है। दोनों वारदातों में दूल्हे के साथ मौजूद लोग नाचने गाने में मशगूल थे। तभी तीन झपटमार आए और वारदात अंजाम देकर फरार हो गए। पुलिस ने पीड़ित पक्ष की शिकायत पर मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जनकपुरी में एक बैंक्वेट हॉल में शादी समारोह आयोजित होना था। बैंक्वेट हॉल जाने के लिए बारात निकली। रात करीब सवा दस बजे जब बारात मेट्रो पीलर संख्या 555 के पास पहुंची। तभी घोड़ी पर बैठे को तीन झपटमारों ने अपना शिकार बना लिया। दूल्हे के गले से नोटों की माला बदमाश एक एक कर झपटने लगे। नोटों की तीन माला बदमाश झपटने में कामयाब रहे। लेकिन बदमाशों की कारिस्तानी यहीं नहीं रुकी, नोटों की माला झपटने के बाद बदमाशों ने दुल्हे के गले से सोने की चेन भी झपट ली। इसके बाद सभी बदमाश फरार हो गए।

बात जैसे ही बारातियों को पता चली, उन्होंने बदमाशों को ढूंढने की पूरी कोशिश की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। इधर बारात में झपटमारी की बात जैसे ही फैली सभी सभी लोग अपने अपने गले में पहनी सोने की चेन व अन्य आभूषण को ढूंढने लगे। उधर इस मामले में पुलिस अधिकारियों को जैसे ही शिकायत मिली वे आरोपियों की तलाश में जुट गए। फिलहाल घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगाला जा रहा है, ताकि आरोपियों की पहचान हो सके।