Friday, May 2, 2025
Home Blog Page 1771

टिहरी बस स्टैण्ड पर पड़े निर्माण के मलबे से लोगों को हो रही परेशानी

0

मसूरी। लंढौर सिविल रोड स्थित न्यू टिहरी बस स्टैण्ड से टिहरी बाईपास जाने वाले लिंक मार्ग पर मलवे के ढेर लगे होने से आने जाने वालों को खासी परेशानियो का सामना करना पड़ता है जबकि लोक निर्माण विभाग ने बोर्ड भी लगा रखा है कि यहां पर मलवा न डालें, लेकिन उसके बावजूद मलवे के ढेर लगे हैं।
न्यू टिहरी बस स्टैण्ड से टिहरी बाइपास जाने वाले लिंक रोड के मुहाने पर मलवे के ढेर पड़े होने से आने जाने वाले वाहनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। इस संबंध मंे पूर्व मंे भी लोक निर्माण विभाग को इस संबंध मंे लोगो ने शिकायत की थी तब विभाग ने जेसीबी लगाकर मलवा हटा दिया था

लेकिन पुनः इस स्थान पर निर्माण का मलवा डाला जा रहा है जो सड़क के किनारे ढेर लगा है वहीं रोड के दूसरी ओर पुराने मकानों से निकाले गये दरवाजे खिड़किया आदि रखी हैं जो गंदी नजर आती हैं। जबकि यहां पर टिहरी बस स्टैण्ड होने के कारण लोगों की आवाजाही लगी रहती है जिससे मसूरी में गंदगी का संदेश जाता है वहीं यहां से टिहरी, उत्तरकाशी, श्रीनगर, घनसाली आदि क्षेत्रों के लिए बस सेवा चलती है लेकिन मलवे के ढेर लगे होने पर बस वालों को भी बसें निकालने में परेशानी होती है। इस संबध में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से संपर्क करना चाहा तो किसी ने फोन नहीं उठाया जिससे लगता है कि विभाग के अधिकारी लापरवाह है या काम नहीं करना चाहते।

देहरादून में चलेंगी 30 इलेक्ट्रिक बसें, ट्रायल रन का फ्लैग ऑफ़ कर शुभारम्भ:  मुख्यमंत्री

0

 

देहरादून, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा देहरादून शहर में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन का फ्लैग ऑफ़ कर शुभारम्भ किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून की जनता को बधाई देते हुए कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत हुई है, और पर्यावरण की दृष्टि से यह उत्तराखण्ड के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी देहरादून के अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में 30 बसें चलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा यह भी प्रयास रहेगा कि धीरे-धीरे मसूरी, ऋषिकेश और हरिद्वार तक इन इलेक्ट्रिक बसों को चलाया जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का भी प्रयास है कि वर्ष 2030 तक पूरे देश को इलेक्ट्रिक बसों की ओर लाया जाए।

इस अवसर पर मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, विधायक गणेश जोशी एवं सीईओ स्मार्ट सिटी देहरादून आशीष श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

पत्नी और 3 बच्चों की हत्या कर फांसी के फंदे से झूल गया शख्स, 5 शव देखकर सनसनी फैली

0

मेरठ:यूपी के मेरठ में सामूहिक आत्महत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गृहक्लेश के चलते एक शख्‍स ने अपनी पत्नी सहित तीन बच्चों की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद भी फांसी पर झूल गया। घटना के बाद एसएसपी सहित तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। इसमें युवक ने पत्नी से परेशान होकर घटना को अंजाम देने की बात लिखी है। एक साथ पांच लाशें मिलने से पूरे मोहल्‍ले में हड़कंप मच गया।

कस्बा परीक्षितगढ़ के मोहल्ला कसस्यावान में रहीस 35 वर्षीय पुत्र शहीद ने पत्नी रिहाना उम्र 30 वर्ष, बेटा हैदर 10 वर्ष, अफान 8 वर्ष बेटी आयत 4 वर्ष की गला घोटकर हत्या कर दी और खुद फांसी पर झूल कर आत्महत्या कर ली। पुलिस मौके पर हैं और शवों को कब्जे में ले लिया है। गृह क्लेश में रहीस द्वारा बच्चों के पत्नी की गला घोटकर हत्या करने वह खुद फांसी पर झूलने का मामला सामने आ रहा है।

इस वारदात के बारे में पुलिस ने बताया कि घटना को देखने और समझने में प्रथम दृष्‍टया यही लग रहा है कि यह मामला गृह क्‍लेश से जुड़ा हुआ है। एसओ आनंद प्रकाश मिश्रा का ने बताया कि इस घटना की हर एगल की जांच की जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि कहीं यह गरीबी और अन्‍य किसी वजह से ऐसा तो नहीं हुआ है। इसके परिवारिक बैकग्राउंड पर भी नजर डाली जाएगी।

जब पुलिस मौक पर घटना स्‍थल पर पहुंची तो उस समय की तस्‍वीर देख दंग रह गया। एक पुलिसकर्मी ने बताया कि युवक का शव सामने ही फंदे पर लटका हुआ था। साथ ही बच्‍चों और पत्‍नी का शव पास में ही बिस्‍तर पर पड़ा मिला। बेटी पत्‍नी के साथ एक बिस्‍तर पर थी। दूसरी तरफ चारपाई पर उसके दोनों बेटों का शव पड़ा था। इन सभी के गले पर फंदे जैसे निशान बने हुए थे। पुलिस को पूरे परिवार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार है. इसके बाद ही साफ तौर पर इस मामले में कुछ कहा जा सकता है. इस घटना से आस-पास के लोग भी सहमे हुए हैं.

मनीष सिसोदिया के उत्तराखंड दौरे को लेकर,बीजेपी में सुगबुगाहट:आप

0

देहरादून, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के उत्तराखण्ड दौरे को लेकर बीजेपी में अंदरखाने सुगबुगाहट शुरू हो गई है । एक तरफ बीजेपी के लोग सिसोदिया के दौरे को लेकर, और आप के बढ़ते जनाधार को लेकर सुगबुगाहट कर रहे वहीं बीजेपी प्रवक्ता इससे प्रभाव नहीं पड़ने की बात कहकर ,अपने निराश कार्यकर्ताओं को ढांढस देने का काम कर रहे ।

आप प्रवक्ता संजय भट्ट ने ,एक बयान जारी करते हुए कहा, आप के आने के बाद गहरी नींद से जागी सरकार ,आप का प्रभाव घटने की बात कहकर खुद हास्यास्पद बात कर रहे जबकि वो भली भांति जानते हैं कि आप के आने से कैसे बीजेपी अंदरखाने घबराई है। बीजेपी की बातों को देख कर लगता है मनीष सिसोदिया के उत्तराखंड दौरे को लेकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं को ये समझ नहीं आ रहा आप के बढ़ते जनाधार को कैसे रोके। ये हालात तब है जब आप का कोई बड़ा नेता अब तक उत्तराखंड की राजनीति में नहीं कूदा,

 

आप प्रवक्ता ने कहा, कोराना को लेकर दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता पर सवाल उठाए और कहा,बीजेपी प्रवक्ता को आंकड़े और हकीकत को छुपा कर कुछ हासिल नहीं होने वाला जबकि जबकि सभी जानते हैं कोराना को लेकर कैसे दिल्ली ने पूरे देश मे सबसे बेहतर काम किया।

आप प्रवक्ता ने कहा,ये तो बीजेपी को भी पता है मनीष सिसोदिया के आने से उनको कितना फर्क पड़ने वाला है और समय भी बहुत जल्द बता देगा मनीष सिसोदिया के आने से उत्तराखंड की राजनीति में आप कार्यकर्ताओं के साथ ,जनता को उम्मीद रूपी ऑक्सीजन मिलने वाली है जो जल्द ही उत्तराखंड के विकास और समृद्धशाली उत्तराखंड के लिए प्रतिबद्ध हैं।

 

 

जितनी बढ़ेगी ठंड उतनी ही ज्यादा होगी कमाई, जानिए इस कमाल के बिजनेस की खासियत

0

नयी दिल्ली। इस साल उत्तर भारत में सर्दियां थोड़ी जल्दी ही आ गईं। दिल्ली में ठंड के मामले में नवंबर में कई दशकों का रिकॉर्ड टूट गया। मगर सर्दियां कमाई का मौका भी लेकर आई हैं। कुछ बिजनेस सर्दियों में खूब मुनाफा कराते हैं। यहां हम आपको एक ऐसे ही बिजनेस की डिटेल देंगे, जिससे आप हर महीने 1 लाख रु तक कमा सकते हैं। अच्छी बात ये है कि ज्यादा सर्दी बढ़ने पर ये कारोबार और चलेगा।

क्या है बिजनेस

पोल्ट्री फार्म यानी मुर्गीपालन सर्दियों के लिहाज से एक अच्छी कमाई वाला बिजनेस है। इस समय प्रति 100 अंडों का रेट देश भर में अलग-अलग जगह 420 रु से लेकर 500 रु तक है। इससे मुर्गीपालक अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। बताया जा रहा है कि 4 साल में पहली बार इस कारोबार में काफी अधिक मुनाफा दिख रहा है। कारोबारियों के अनुसार फरवरी तक बिजनेस इसी तरह बरकरार रहेगा और मुनाफा कराता रहेगा। आइए जानते हैं कि आप कितने रु का निवेश करके इस बिजनेस से तगड़ी कमाई कर सकते हैं।

हर माह कमाइए 1 लाख रु

मुर्गीपालन के कारोबार से जुड़े जानकार कहते हैं कि ये बिजनेस शुरू करने के लिए आपको 5 लाख रु से लेकर 9 लाख रुपये तक का निवेश करना होगा। आप 1500 मुर्गियों के साथ अपने कारोबार की शुरुआत कर सकते हैं, जिससे आपको हर महीने 50 हजार रु से 1 लाख रु तक की आमदनी होगी। इस समय अंडे देने वाली मुर्गियों की संख्या कम है, जबकि डिमांड बढ़ रही है। इसी के चलते मुर्गीपालक तगड़ी कमाई कर रहे हैं। मुर्गियों की संख्या कम होने के पीछे कोरोना एक बड़ी वजह है।

क्यों हुई मुर्गियों की संख्या कम

असल में कोरोना के मद्देनजर लाखों मुर्गियों को जिंदा दफना दिया गया था। इतना ही नहीं अंडे और चूजों को भी मजबूरन मिट्टी में दबाया गया। अंडों की बिक्री कम हो गई थी और मुर्गी दाने की सप्लाई भी बाधित हो रही थी। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार अंडे देने वाली 60 फीसदी मुर्गियों को मार दिया गया। अब हो ये रहा है कि मुर्गियां कम हैं जबकि अंडों की डिमांड ज्यादा है। वरना पहले इस कारोबार में उतना मुनाफा नहीं था।

ऐसे शुरू करें बिजनेस

अगर आप मुर्गीपालन का कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो आपको पिंजरे और साजो-सामान पर 5 से 6 लाख रु का निवेश करना होगा। यदि आप शुरू में 1500 मुर्गियां खरीदना चाहते हैं तो याद रहे कि फीसदी चूजे ज्यादा खरीदें। वो इसलिए क्योंकि मुर्गियों के बीमारी के कारण मरने की संभावना बनी रहती है। मुर्गियों के पिंजरे के अलावा लेयर पैरेंट बर्थ, खाना और दवाइयों के लिए बजट बना कर रखें।

साल में कितनी कमाई

1500 मुर्गियों से आपको साल में करीब 4.35 लाख अंडे मिल सकते हैं। अगर इनमें कुछ अंडे बर्बाद भी हों तो 4 लाख अंडे आप बेच ही पाएंगे। यदि एक अंडा 3.5 रुपये के रेट पर बिके तो आपको साल में 14 लाख रुपये की इनकम हासिल होगी। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ये कमाई वाला बिजनेस है, मगर आपको जानकारी और ट्रेनिंग की जरूरत होगी।source: goodreturns.in

इस दिन कितने बजे से लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानिए तारीख, समय और सूतक काल…

0

Surya Grahan December 2020: हर साल कई ग्रहण (Solar Eclipse) लगते हैं ये ग्रहण सूर्य और चंद्रमा पर लगते हैं. 14 दिसंबर दिन सोमवार को इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष की अमावस्या तिथि पर लगेगा. ये पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. आइए जानते हैं कि ये सूर्य ग्रहण किस समय और कहां-कहां दिखाई देगा. इस ग्रहण का प्रभाव भारत में पड़ेगा या नहीं…

भारतीय समय के अनुसार ये ग्रहण शाम को 7 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 23 मिनट पर खत्म हो जाएगा. सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे रहेगी. ये दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से नजर आएगा. ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.

भारत में क्या होगा इसका असर

संध्याकाल में लगने की वजह से ये ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. भारत में नजर नहीं आने का कारण ग्रहण काल के दौरान किसी भी तरह के कार्यों पर पाबंदी नहीं होगी.

कब से लगेगा सूतक काल

14 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इस बार सूतक के नियम नहीं माने जाएंगे. साथ ही ग्रहणकाल के दौरान मांगलिक कार्यों पर भी रोक नहीं लगेगी. सूतक काल मान्य ना होने की वजह से मंदिरों के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे और ना ही पूजा-पाठ वर्जित होगी.

ग्रहण के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

सूर्य ग्रहण आंखों पर बिना किसी सुरक्षा के देखने से आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है. ग्रहण के दौरान अपनी आंखों पर विशेष चश्मा जरूर लगाएं. इसके अलावा आप शीशे में भी सूर्य ग्रहण देख सकते हैं. ग्रहणकाल के दौरान चाकू, छुरी जैसे तेज किनारों वाली वस्तुओं का प्रयोग ना करें. इस दौरान भोजन और पानी का सेवन करने से भी बचें. ग्रहणकाल के दौरान स्नान और पूजा ना करें ग्रहणकाल के दौरान इन कार्यों को शुभ नहीं माना जाता है. इस दौरान आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं.

सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभाव

ग्रहण काल एक खगोलीय घटना है लेकिन धार्मिक रूप से शुभ नहीं माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार भले ही ये ग्रहण भारत में नजर ना आए लेकिन इसका प्रभाव राशियों पर पूर्ण रूप से पड़ेगा. 14 दिसंबर को लगने वाला ये सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लग रहा है. इस ग्रहण काल के दौरान इस राशि वालों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है. ग्रहण के प्रभाव से इनके मान-सम्मान में कमी आ सकती है और इन लोगों को मानसिक पीड़ा भी उठानी पड़ सकती है. वृश्चिक राशि वालों को इस दौरान सूर्य की आराधना करनी चाहिए.

डांडी कांठी क्लब की स्मारिका ‘दृढ़ संकल्प’ का मुख्यमंत्री ने किया विमोचन

0

देहरादून, मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में डांडी कांठी क्लब की स्मारिका ‘दृढ़ संकल्प’ का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि स्मारिका में उत्तराखण्ड की संस्कृति और उत्तराखण्ड आंदोलन की गाथा एवं राज्य के ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों के बारे में लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया है। स्मारिका में कोविड संक्रमण के बचाव से संबंधित विभिन्न जानकारियों का भी समावेश किया गया है।

उन्होंने उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत, धरोहरों एवं परम्पराओं के बारे में जानकारी प्रदान करने के प्रयसों की सराहना की।
डांडी कांठी क्लब के अध्यक्ष  विजय भूषण उनियाल ने कहा कि डांडी कांठी क्लब का उद्देश्य ही सामाजिक सरोकारों को बढ़ावा देना रहा है। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों से दूर रह रहे प्रवासियों को अपनी समृद्ध लोक संस्कृति से परिचित कराना भी उनका उद्देश्य रहा है।

उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर रखने का भी हमारा प्रयास है। इसी के दृष्टिगत क्लब की स्मारिका दृढ़ संकल्प का प्रकाशन किया गया है।
इस अवसर पर डांडी कांठी क्लब के महासचिव कृष्णानन्द भट्ट, लोक गायक  गीता राम कन्सवाल,  राजनीश सेमवाल,  नीरज उनियाल  विजेन्द्र सजवाण आदि उपस्थित थे।

हिम्मत रखो बेटा! मैं तुम्हारे साथ हूं

0

बोर्ड परीक्षार्थियों से रू-ब-रू हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. निशंक
बोर्ड परीक्षा समेत नीट, जेईई को लेकर जिज्ञासाओं को शांत किया

देहरादूनः समस्या है तो समाधान भी है। धैर्य को अपनाने से बाधाएं सुगमता में बदल जाती हैं। चुनौतियों का मुकाबला करने से आदमी निखर जाता है। विपरीत परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करने से हिम्मत में इजाफा होता है। लक्ष्य ही नहीं, संघर्ष और लगन भी महत्त्वपूर्ण होती है। समय लौटकर नहीं आता है, वह अमूल्य है, हमें उसका सदुपयोग करना है। जितना महत्त्वपूर्ण समय है, उतना ही अहम हमारा स्वस्थ्य भी।

स्वास्थ्य की रक्षा बहुत हद तक जागरूकता, सावधानी और नियमों के पालन करने पर निर्भर करती है। मेरे भारत ने कोविड की भयंकर विश्वव्यापी बाधा पार कर शिक्षा जगत में परचम लहराया है। यह मेरे 33 करोड़ से अधिक विद्यार्थियों, एक करोड़, दस लाख शिक्षकों और कार्मिकों के कारण संभव हो पाया है। हम सफलता की ओर निरंतर अग्रसर हैं। आॅनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर हमने अपने बच्चों का समय बचाकर उनका भविष्य सुरक्षित किया है और बोर्ड परीक्षाओं की चुनौतियों को भी हम इसी प्रकार हंसते-हंसते पार कर जाएंगे।

उपरोक्त साहस और हिम्मत की प्रेरणा देते हुए बृहस्पतिवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक देश के करोड़ों विद्यार्थियों से रू-ब-रू हुए। लाइव कार्यक्रम में उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिए, उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया और सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया। डाॅ. निशंक ने कहा कि अब वे अभिभावकों से भी संवाद करेंगे।

उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे परीक्षा के तनाव को जिंदगी का हिस्सा न बनाएं, पढ़ाई से समय निकालकर योग करें, माता-पिता के साथ घर के काम में हाथ बंटाएं, उनसे रचनात्मक कार्य सीखें और कहानियां सुनकर उन्हें लिपिबद्ध करें। कोविड काल के अनुभवों को रोचक ढंग से लिपिबद्ध करें, ताकि भविष्य के लिए स्मृतियों की यह अमूल्य धरोहर सुरक्षित रह पाए।

सवालों के क्रम में एक छात्रा सुधा ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक के समक्ष चिंता व्यक्ति की कि स्कूल खुल रहे हैं और बोर्ड परीक्षाएं हो रही हैं तो क्या विद्यार्थियों में संक्रमण नहीं फैलेगा?
इस पर डाॅ. निशंक ने कहा-स्कूल खुल रहे हैं, परीक्षाएं हो रही हैं, यह बच्चों के हित में ही है। यदि एसओपी का पूरी तरह पालन किया जाए, बच्चों, अभिभावक और विद्यालयों की ओर से सावधानी बरती जाए तो संक्रमण का खतरा नहीं के बराबर रहेगा। असावधानी बरती तो संक्रमण घर में भी हो सकता है। हमने जेईई, नीट जैसी बड़ी परीक्षाएं नियमों के पालन और सावधानी के साथ करायीं और सफलता मिली। इसलिए मैं इस बात से इत्तफाक नहीं रखता कि सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल न खोल जाएं और परीक्षाएं न कराई जाएं या पीछे ले जाई जाएं। हमें अपने बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों की चिंता है, इसलिए हम फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं।

’क्या मार्च में निर्धारित बोर्ड परीक्षाओं को आगे नहीं ले जा जाया जा सकता है?’ अभय सिंह नामक एक छात्र के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह पहले से ही तय है। परीक्षाएं आगे खिसकाने का कोई लाभ नहीं है, क्योंकि कोविड-19 का दुष्प्रभाव लंबे समय तक रह सकता है। इसलिए हमें पढ़ाई के साथ ही अन्य परीक्षाओं का समय और तिथियां भी देखनी हैं। अतः ऐसा करना ठीक नहीं। छात्रों को चुनौतियों का सामना करने की आदत डालनी होगी।
प्रियांशु नामक छात्र ने समस्या रखी कि सीबीएसई द्वारा पाठ्क्रम से हटाए पाठों को लेकर भ्रम बना हुआ है। इसका समाधान क्या है?

इस पर डाॅ. निशंक ने कहा-सीबीएसई ने जो चैप्टर हटाए, उनका विवरण उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसमें भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं, न तो छात्र को और न ही शिक्षक को। हम सीबीएसई को कहेंगे कि इसका विवरण समस्त विद्यालयों को भी भेजा जाए।
अभिषम नाम छात्र का सुझाव था कि छात्रों को कोविड काल में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पूरी सुविधाएं नहीं मिल पायी हैं, इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं में से इस बार 20 प्रतिशत तक सिलेबस कम किया जाए।
डाॅ. निशंक ने कहा कि सीबीएसई अपने पाठ्यक्रम में से 30 प्रतिशत तक पाठ्यक्रम हटा चुका है, इस पर भी विचार करेंगे, इसके लिए समय की आवश्यकता होगी।

जिज्ञांश का सवाल था कि कोविड के कारण सीबीएसई के बारहवीं के छात्र स्कूल में जाने और लैब में जाकर प्रैक्टिकल करने का अधिक मौका नहीं मिल पाया, क्या ऐसे में प्रैक्टिकल परीक्षा रद या पोस्टपोंड हो सकती है?
जिज्ञांश की शंका का समाधा करते हुए डाॅ. निशंक ने कहा कि प्रैक्टिकल स्कूली स्तर पर होते हैं। इस संबंध में देखते हैं क्या संभावना बनती है। अभी हमें समय का इंतजार करना पड़ेगा। आपका सवाल महत्त्वपूर्ण है। इस पर हम निश्चित रूप से विद्यार्थी हित में विचार करेंगे।

अभय ने सवाल पूछा कि सीबीएसई ने कोविड-19 के कारण अपना पाठ्क्रम कम कर दिया है, क्या ऐसे में जेईई मेंस में भी सिलेबस कम किया जाना चाहिए?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया-सीबीएसई ने तो सिलेबस कम किया है, लेकिन अन्य कई बोर्डों ने कम नहीं किया है। हम इस मसले पर विचार कर रहे हैं। हमें उन विद्यार्थियों की समस्या का भी ध्यान रखना है, जिनका सिलेबस कम हुआ है। इसलिए हम चाहते हैं कि जैसे इस प्रकार व्यवस्था बने कि प्रश्नपत्र इस प्रकार का हो कि दोनों प्रकार के छात्र उससे कवर हो जाएं। किसी को नुकसान न हो।
जेईई परीक्षा की के आयोजन को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि इसकी तारीख फिक्स की जाए? नवीन नामक छात्र ने ये सवाल किया तो इसके उत्तर में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा-हम इसके लिए पूरा प्रयास करेंगे कि जेईई परीक्षा की तिथि पहले तय हो जाए। हमारे पास यह भी सुझाव और सवाल आए हैं कि क्या जेईई की परीक्षा साल में दो, तीन, चार बार नहीं हो सकती? क्योंकि इससे छात्रों के सामने परीक्षा देने के अवसर बढ़ जाएंगे? इन सवालों और सुझावों पर भी हम गंभीर हैं और हमें उचित लगा तो इस पर निर्णय लेंगे।

कृपा पटेल ने समस्या रखी कि जेईई मेंस और सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षा के बीच कोई टकराव न हो। कृपा ने जेईई परीक्षा का पाठ्यक्रम और इसकी तारीख भी जाननी चाही।
डाॅ. निशंक ने कहा कि हमने अधिकारियों को इसके लिए कह दिया है कि दोनों परीक्षाओं में कोई टकराव न हो। यदि ऐसा होता भी है तो प्रभावित छात्र को अवसर दिया जाए। उसे नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। डाॅ. निशंक ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि हम जेईई मेंस का पाठ्यक्रम निश्चित कर दें।

नीट परीक्षा स्थगित हो और यह जुलाई के फस्र्ट वीक में हो। केशवराव कुमार के इस सुझाव पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह बिलकुल नहीं हो सकता। हम पिछली बार इसे तीन बार बार पीछे ले गए। कुछ लोगों ने इसके लिए आंदोलन किया, जबकि हमारे छात्र और उनके अभिभावक मांग कर रहे थे कि परीक्षाएं कराएं, आखिर बच्चे कब तक तैयारी करते रहे। हमने पूरी सुरक्षा के साथ नीट की परीक्षा कराई। 99 प्रतिशत प्रतियोगियों को उनके पसंदीदा सेंटर दिए। हम चाहते तो परीक्षा निरस्त भी करा सकते थे, लेकिन हमने यह सोचकर कि बच्चे का एक-एक क्षण हमारे लिए कीमती है, इसलिए हमने हर हाल में परीक्षा करायी और इसमें सफल हुए।

पीएस कोहली ने पूछा कि नीट के संचालन की विधि क्या होगी आॅनलाइन या आॅफलाइन?
इस पर डाॅ. निशंक ने कहा-अभी तक हमने नीट आॅफलाइन किया है, संभावनाएं आॅनलाइन की बन सकती हैं। वैसे अब इस पर विचार करेंगे। हम वही करेंगे, जो प्रतियोगियों के लिए सुगम और उनके हित में हो।

(डाॅ. वीरेंद्र बर्त्वाल)

प्रमोशन के लिए अब सेवा अवधि सात वर्ष

0

देहरादून। सबसे अहम महकमे श्रम विभाग के लिए बनाई गई अधीनस्थ श्रमसेवा नियमावली-2020 के लागू होने से अधिकारियों के प्रमोशन के रास्ते में अवरोध पैदा हो गया है। किसी भी अधिकारी पद पर प्रमोशन के लिए पहले पांच वर्ष सेवा अवधि का प्रावधान था जिसे बढ़ाकर अब सात वर्ष कर दिया गया है।

इसका परिणाम यह हुआ कि विभाग में उपश्रमायुक्त से लेकर श्रम प्रवर्तन अधिकारी तक के 25 पद खाली हैं, लेकिन प्रमोशन नहीं हो पा रहे हैं। श्रम प्रवर्तन अधिकारी स्तर के एक-एक अधिकारी पर खाली पदों के अधिकारियों के काम का भी बोझ है, जिसके कारण काम प्रभावित हो रहा है। श्रम प्रवर्तन अधिकारियों कोअपने काम के साथ-साथ भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से जुड़े कार्यों की जिम्मेदारी भी उठानी पड़ रही है।

उत्तराखंड राज्य का गठन होने के 15 वर्ष बाद वर्ष 2016 में श्रम विभाग का पुनर्गठन हो सका। इसके चार वर्ष बाद अब प्रदेश शासन ने श्रम विभाग की नई अधीनस्थ श्रम सेवा नियमावली-2020 को मंजूरी देकर इसे लागू किया है। इसमें श्रम प्रवर्तन अधिकारी और फिर सहायक श्रमायुक्त के पद थे। इससे ऊपर पद पर प्रमोशन के लिए सात वर्ष एक ही पद पर कार्य करने की वरिष्ठता का प्रावधान कर दिया गया है।

पहले यह अवधि केवल पांच वर्ष की थी। यूपी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में अब भी पांच वर्ष की अवधि वाला प्रावधान चल रहा है। पहले मिनिस्टीरियल स्टाफ में से श्रम प्रवर्तन अधिकारी व श्रम प्रवर्तन अधिकारी से सहायक श्रमायुक्त और सहायक श्रमायुक्त पद से उपश्रमायुक्त पदों पर प्रमोशन होने पद रिक्त पद भर जाते थे लेकिन अब सात वर्ष की शर्त से इसमें देरी हो रही है।
उपश्रमायुक्त पर तीन प्रभार
कुमाऊं मंडल में दो उपश्रमायुक्त कार्यालय हैं। हल्द्वानी स्थित उपश्रमायुक्त कार्यालय में उपश्रमायुक्त का पद रिक्त चल रहा है। ऊधमसिंह नगर उपश्रमायुक्त कार्यालय में नियुक्त उपश्रमायुक्त विपिन कुमार के पास हल्द्वानी के साथ ही उपश्रमायुक्त मुख्यालय का अतिरिक्त प्रभार है। इसी तरह पिथौरागढ़ और हरिद्वार में सहायक श्रमायुक्त के रिक्त पदों का कार्य दूसरे अधिकारी देख रहे हैं।

यहां नहीं है श्रम प्रवर्तन अधिकारी
हल्द्वानी, खटीमा, काशीपुर, टिहरी, कोटद्वार, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, किच्छा और देहरादून
पद नाम             –               कुल पद         –     रिक्त पद
श्रमायुक्त                   –         01         –           0
अपर श्रमायुक्त             –        01         –           01
संयुक्त श्रमायुक्त           –        01        –            0
उपश्रमायुक्त                   –      05         –            02
सहायक श्रमायुक्त             –      11       –              02
उपनिदेशक कारखाना          –     01       –               0
सहायक निदेशक कारखाना   –    05       –               04
श्रम प्रवर्तन अधिकारी          – 32           –           16
मिनिस्टीरियल स्टॉफ        –      116      –               45
विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए अध्याचन शासन को पूर्व में भेजा जा चुका है। शासन स्तर से ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। विभाग में जो पद प्रमोशन के माध्यम से भरे जाने हैं उसकी प्रक्रिया नियमानुसार अमल में लाई जाएगी।
– दीप्ति सिंह, श्रम आयुक्त उत्तराखंड

 

 

2500 पदों पर जल्द जारी होंगे भर्ती विज्ञापन

0

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा राज्य में ऑनलाइन परीक्षाएं (कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट) के लिए प्रशिक्षण हेतु वीडियो/मॉकटेस्ट का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ऑनलाईन जो परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं, अभ्यर्थी को इसके लिए व्यापक स्तर पर विभिन्न माध्यमों से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि ऑनलाइन परीक्षा होने से पूर्व अभ्यर्थियों को ऑनलाइन परीक्षा से संबंधित सभी नियमों की जानकारी हो।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऑनलाइन परीक्षाओं से संबंधित सभी जानकारियों एवं मॉकटेस्ट के लिए अभ्यर्थियों/छात्रों को महाविद्यालयों, जिन माध्यमिक स्कूलों में वर्चुअल क्लास की व्यवस्था है, विकासखण्ड, तहसील एवं जनपद स्तर पर भी वर्चुअल एवं अन्य माध्यमों से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। अभ्यर्थियों/छात्रों के फीडबैक भी अवश्य लिये जाए।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एस. राजू ने जानकारी दी कि पिछले साढ़े तीन सालों में आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में में 5700 पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की गई। पिछले चयन वर्ष में लगभग 5000 नये पदों पर चयन हेतु भर्ती विज्ञापन जारी किये गये हैं व 2500 पदों पर विज्ञापन जारी किये जाने हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षाएं (कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट) आयोग द्वारा प्रथम बार शुरू की जा रही हैं।

19 दिसम्बर 2020 से 03 ऑनलाइन परीक्षाएं प्रारम्भ हो रही हैं। ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया है। इस प्रशिक्षण मॉड्यूल में ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश, परीक्षा पूर्व, परीक्षा के दौरान तथा परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को ध्यान में रखने की मुख्य बातों को दर्शाने वाला वीडियो एवं 30 प्रश्नों का मॉकटेस्ट जो वास्तविक परीक्षा देने के समान होगा।

उन्होंने कहा कि परीक्षा में सुचिता एवं पारदर्शिता लाने की दृष्टि से ऑनलाइन परीक्षाएं एक उचित विकल्प है। कम्प्यूटर स्क्रीन पर एक बार में एक प्रश्न प्रदर्शित होगा, प्रत्येक अभ्यर्थी का अलग प्रश्न पत्र होगा एवं सम्पूर्ण परीक्षा व सभी अभ्यर्थी सीसीटीवी कैमरे से कवर्ड होंगे। अभ्यर्थियों को परीक्षा के उपरांत पूर्व की भांति उनका प्रश्न पत्र एवं उनका उत्तर उपलब्ध कराया जायेगा। अभ्यर्थियों को प्रश्नों पर चुनौती का अवसर भी दिया जायेगा। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, सदस्य उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग डा. प्रकाश थपलियाल, सचिव संतोष बडोनी, अनुसचिव श्री राजन नैथानी, आशीष कौल आदि उपस्थित थे।