Thursday, May 15, 2025
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तीन धारा के पास बदरीनाथ हाईवे पर गंगा में गिरी कार

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देवप्रयाग , टिहरी जिले में कार दुर्घटना में सहारनपुर के दो लोगों की मौत हो गई। हादसा बदरीनाथ हाईवे पर तीन धारा के पास हुआ हादसा। सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शवों को गंगा नदी से बाहर निकाला और उनकी शिनाख्त की।

देवप्रयाग थाना क्षेत्र से एक किलोमीटर आगे तीन धारा के पास ऑल्टो कार अचानक अनियंत्रित होकर गंगा नदी में जा गिरी। हादसा सुबह साढ़े 10 बजे के आस-पास उस वक्त हुआ, जब कार सवार देवप्रयाग से श्रीनगर जा रहे थे। इसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। बताया गया कि कार में सिर्फ वे दोनों ही सवार थे।

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को नदी से बाहर निकाला। मृतकों की पहचान खुर्शीद (43) और शाहमुद्दीन (33)  के रूप में की गई। दोनों ही उत्‍तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंगोह थाना क्षेत्र के मोहल्ला गुलाम ओलिया के निवासी थे।

हल्द्वानी : इंदिरा नगर में 1581 घरों को 15 दिन के भीतर खाली करने का नोटिस, मचा हड़कंप

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( चंदन बिष्ट )

रेलवे ने चस्पा की गई सूची में अपने पापा का नाम देखती छोटी बालिका

हल्द्वानी, हल्द्वानी के इंदिरा नगर इलाके में उस वक्त हड़कंप मच गया। जब रेलवे ने 1581 घरों को 15 दिन के भीतर खाली करने का नोटिस जारी कर दिया, यही नहीं रेलवे के अधिकारी पुलिस और आरपीएफ के साथ भारी फोर्स ने 1581 घरों को चयनित कर 15 दिन के भीतर खाली करने का नोटिस चस्पा कर दिया, रेलवे की इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है रेलवे ने नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि 15 दिन के अंदर घर खाली न करने पर अतिक्रमण को बलपूर्वक हटाया जाएगा।

 

हल्द्वानी के इंदिरा नगर में भारी पुलिस बल तैनात

वहीं लोगों ने रेलवे की इस कार्रवाई को मनमानी कार्रवाई बताया है साथ ही मौके पर जनप्रतिनिधियों का भी जमवाड़ा लगा पुलिस प्रशासन से वार्ता भी हुई लेकिन रेलवे द्वारा घर खाली किए जाने का नोटिस चस्पा कर दिया गया, आपको बता दें कि हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर लंबे समय से अतिक्रमण है जिसको लेकर कई बार रेलवे सीमांकन भी कर चुका है मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है
नोटिस लगाने आये अधिकारीयों से सपा नेता शुऐब अहमद ने वार्ता की जिसमे 15 दिन का समय दिया गया है |

जिसको लेकर सपा नेता मा० न्यायालय की शरण मे जायेंगे, एक तरफ कोरोना जैसी महामारी झेल रही गरीब जनता को सरकार को सहारा देने की आवशक्ता है वही सरकार का यह कदम बेहद निंदनीय है हमे मा० न्यायालय पर पूरा भरोसा है न्यालय में गरीब जनता के हक़ में बेहतर नतीजा निकलेगा ।

कोविड-19 : शनिवार को मिले 287 नए कोरोना संक्रमित, छह की मौत, नैनीताल में मिले 90 संक्रमित

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देहरादून, प्रदेश में पिछले 24 घंटे में छह कोरोना मरीजों की मौत और 287 नए संक्रमित मिले हैं। वहीं, संक्रमितों की तुलना में ठीक होने वालों की संख्या कम है, जबकि कुल संक्रमितों की संख्या 93398 हो गई है। इसमें 3215 सक्रिय मरीजों का उपचार चल रहा है।

शनिवार को 13203 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 287 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। पिछले एक सप्ताह के बाद संक्रमितों की संख्या ठीक होने वाले मरीजों से ज्यादा रही है,
नैनीताल जिले में सबसे अधिक 90 कोरोना मरीज मिले हैं। देहरादून में 65, हरिद्वार में 36, पौड़ी में 24, ऊधमसिंह नगर में 21, अल्मोड़ा में 15, टिहरी में नौ, पिथौरागढ़ में आठ, उत्तरकाशी में सात, चमोली में पांच, रुद्रप्रयाग में तीन, बागेश्वर में दो और चंपावत जिले में दो संक्रमित मिले हैं।

प्रदेश में 24 घंटे में छह कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इसमें एम्स ऋषिकेश में दो, कैलाश हास्पिटल में एक, दून मेडिकल कालेज में एक, हिमालयन हास्पिटल में दो मरीज ने दमतोड़ा है। प्रदेश में 1568 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 243 कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इन्हें मिला कर 87370 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

“अपणु खानपान, अपणु भाषा-बोली अभियान” 14 जनवरी (मकर संक्रांति) से प्रारंभ

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‘समाज में क्रियाशील संस्थाओं की बैठक, उत्तराखंड़ की पर्वतीय भाषा बोली के विकास के लिए कारगर कदम उठाने की जरूरत’

देहरादून, उत्तराखंड की पर्वतीय भाषा बोली की दशा और दिशा को लेकर समाज में क्रियाशील संगठनों/संस्थाओं की बैठक सर्वे चौक स्थित न्यू दून स्पाइस रेस्टोरेंट में संपन्न हुई । बैठक में उत्तराखंड की पर्वतीय भाषा बोली के विकास के लिए कारगर कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया गया । बैठक में प्रतिभाग करते हुए उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, गैरसैंण राजधानी अभियान कर्मी मनोज ध्यानी ने कहा उत्तराखंड की अवाम जो पलायन कर तराई आदि में बस चुकी है जब तक अपनी मूल भाषा बोली को दैनिक व्यवहार में नहीं उतारती है,

तब तक भाषा-बोली के विकास की बात एक कोरी कल्पना मात्र बनी रहेगी | मनोज ध्यानी ने सुझाव दिया कि क्षेत्रीय भाषा-बोली के विकास के लिए इसके प्रति प्राकृतिक रूप में आकर्षण पैदा किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि सरकार के ऊपर निर्भर रहने से बेहतर है कि भाषा-बोली को समाजिक व्यवहार की दिनचर्या बनाई जाए। आधुनिक विज्ञान से लेकर गणित व अर्थशास्त्र तक विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रम क्षेत्रीय भाषा बोली में विकसित किए जाने चाहिए । उत्तराखंड के वाणिज्य व व्यापार में भी क्षेत्रीय भाषा बोली अहम रूप से प्रयोग में की जानी चाहिए ।

पूर्व सैन्य अधिकारी श्री सतीश सती ने पर्वतीय भाषा बोली के उत्थान को बेहद आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की पर्वतीय भाषा बोली में किया जाने वाला संवाद आत्मीयता का भाव संचारित करती हैं। राज्य मान्यता पत्रकार श्री सोहन सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय भाषा बोली के क्षेत्र में कार्य करने वाले पत्रकार व पत्रकारिता को जिस प्रकार का समर्थन सरकार द्वारा किया जाना चाहिए वह नहीं होता है। उन्होंने पर्वतीय भाषा बोली के विकास के लिए प्रोत्साहन नीति को ठोस बनाने पर बल दिया। प्रख्यात फुटबॉल कोच विरेंद्र सिंह रावत ने पर्वतीय भाषा बोली के विकास के लिए विभिन्न शासनादेश, नियमन विनियमन के प्रकाशन को पर्वतीय भाषा बोली में भी करने का सुझाव दिया।

न्यू दून स्पाइस रेस्टोरेंट के संस्थापक सुभाष रतूड़ी ने कहा कि वह कतर देश से उत्तराखंड में सिर्फ इसलिए आए कि उत्तराखंड की मौलिकता पर कार्य कर सकें। उन्होने बताया कि उन्हे उत्तराखंड के उत्पाद से बनी ‘मंडुवे की चाय’, ‘मंडुवे की काफी’, ‘मंडुवे के मोमो’, ‘मंडुवे की लस्सी’, ‘मंडुवे के बर्गर’ आदि को प्रचलन में लाने के लिए अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ती है। बैठक में आरटीआई लोक सेवा के सचिव श्री किरण किशोर ने पर्वतीय भाषा बोली के लिए लगातार परिचर्चा करने की जरूरत पर बल दिया ।

बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड में प्रचलित भाषा बोली के प्रचलन को बढाने के लिए आज की बैठक उपरान्त न्यू दून स्पाइस रेस्टोरेंट में आने वाले उन सभी ग्राहकों को जो कि गढ़वाली, कुमाऊँनी, गुर्खाली, जौनसारी, जौनपुरी, आदि में संवाद करेंगे, उनको पारितोषिक रूप में 5 प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी। व सभी प्रतिभाग करने वाले सदस्य आपस में सारा संवाद क्षेत्रीय भाषा बोली में ही करेंगे। यह भी निर्णय लिया गया कि क्षेत्रीय भाषा बोली के विकास हेतु 36 चारधाम एसोसिएट्स के  निर्देशन में व्यापक सृजनात्मक अभियान उत्तराखंड के समाज के बीच छेड़ा जाए। व प्रत्येक माह में अनिवार्य रूप में समीक्षा बैठक संपन्न की जाए। बैठक में निर्णय लिया गया कि न्यू दून स्पाइस रेस्टोरेंट के प्रमुख शेफ श्री दर्शन सिंह पर्वतीय भाषा बोली के अभियान के संचालन का दायित्व भार संभालेंगे। व पूर्व सैन्य अधिकारी श्री सतीश सती इसके कार्यवाहक संचालक होंगे।

बकौल सीईओ 36 चारधाम एसोसिएट्स श्री मनोज ध्यानी ने बताया कि “अपणु खानपान,अपणु भाषा-बोली अभियान” नारे के साथ पर्वतीय भाषा बोली अभियान 36 चारधाम एसोसिएट्स के तत्वावधान में चलाया जाएगा व इसमें विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत संस्थान / संगठनों को जोड़ा जाएगा। न्यू दून स्पाइस रेस्टोरेंट अपणु खानपान विंग की प्रमुख कार्यदायी दायित्व भार संभालेगी।

उन्होने बताया कि “अपणु खानपान,अपणु भाषा-बोली अभियान” बेहद व्यापक अभियान होगा जिसके तहत गढ़-कुमौं-गुर्खा विमर्श, गढ़-कुमौं-गुर्खा जनसंवाद, गढ़-कुमौं-गुर्खा कौथिग, गढ़-कुमौं-गुर्खा परिचर्चा, गढ़-कुमौं-गुर्खा वादविवाद प्रतियोगिता, गढ़-कुमौं-गुर्खा चित्रकला प्रतियोगिताएं व संयुक्त रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि भी व्यापक स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। व इसका विस्तारित ब्लू प्रिंट उत्तराखंड राज्य सरकार को भी सहभागिता आमंत्रण हेतुसौंपा जाएगा। “अपणु खानपान,अपणु भाषा-बोली अभियान” का श्रीगणेश 14 जनवरी को पर्वतीय सांस्कृतिक पर्व  खिचड़ी संक्रांति  (मकर संक्रांति) से प्रारंभ किया जाएगा।

बिजली लाइन की चपेट में आकर महिला की मौत

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रुडकी। सीधडू गांव में घर की छत के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन बिजली लाइन की चपेट में आकर महिला की मौत हो गई। ग्रामीणों ने ऊर्जा निगम को हादसे का जिम्मेदार ठहराया है।
लक्सर कोतवाली क्षेत्र के सीधडू गांव निवासी हुकुम सिंह के घर के ऊपर से ऊर्जा निगम की हाईटेंशन लाइन जा रही है। शनिवार को उनकी पत्नी रामकली काम से छत पर गई थी। छत पर अचानक उसका सिर हाईटेंशन लाइन को छू गया। जिससे करंट लगने पर रामकली की मौके पर ही झुलकर मौत हो गई।

सूचना पर कोतवाल हेमेंद्र सिंह नेगी और ऊर्जा निगम के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। हादसे को लेकर ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यहां हाईटेंशन लाइन पूर्व में कई बार टूट चुकी है। ऊर्जा निगम के अधिकारियों को कई बार लाइन को शिफ्ट करने के लिए कहा जा चुका है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते हादसा हो गया है। बाद में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कोतवाल हेमेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि करंट लगने से महिला की मौत हुई है। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।

 

JIO को टक्कर देने के लिए आया धांसू प्लान, 398 रुपए के रिचार्ज में अनलिमिटेड इंटरनेट और वॉइस कॉलिंग

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नई दिल्ली: टेलिकॉम कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा ग्राहकों के लिए फायदा लेकर आता है। ऐसे में आपके लिए एक फायदे की खबर है। ग्राहकों को अब अनलिमिटेड डेटा और वॉइस कॉलिंग मिनट्स मिलेंगे वो भी कम पैसे देकर। अब भारत संचार निगम लिमिटेड BSNL) जियो, वोडाफोन आईडिया, एयरटेल को टक्कर देने के लिए नया ऑफर पेश करने वाली है। बीएसएनएल जल्द ही ग्राहकों के लिए 398 रुपए का एक नया विशेष टैरिफ वाउचर एसटीवी) शुरू करेगा। इसमें ग्राहकों को अनलिमिटेड डेटा लाभ के साथ अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा होगी।

बीएसएनएल का यह प्रीपेड वाउचर 30 दिनों की वैधता के साथ मुफ्त 100 एसएमएस भी प्रदान करेगा। दिल्ली व मुंबई के एमटीएनएल नेटवर्क पर भी अनलिमिटेड वॉइस कॉलिंग और एसएमएस बेनिफिट्स मिलेंगे। बीएसएनएल के 398 रुपए के इस ऑफर में प्रीमियम नंबर्स, इंटरनैशनल नंबर्स, IN नंबर्स पर आउटगोइंड कॉल या एसएमएस के लिए स्टैंडर्ड चार्ज देना होगा। ग्राहक 398 रुपए वाले इस प्लान का फायदा 10 जनवरी 2021 से ले सकेंगे। अनलिमिटेड वॉइस कॉलिंग और डेटा का इस्तेमाल रोमिंग और दिल्ली व मुंबई समेत MTNL एरिया में भी किया जा सकेगा।

इसके अलावा इससे पहले रिलायंस जियो ने घरेलू वॉइस कॉल के लिए इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज आईयूसी) व्यवस्था खत्म होने के साथ भारत में अपने नेटवर्क से अन्य नेटवर्कों पर सभी कॉल एक जनवरी 2021 से मुफ्त करने की घोषणा की थी। वहीं दूसरी ओर, फ्री वॉइस कॉल के साथ अपने लोकप्रिय रिचार्ज पैक को भी पेश किया था।

399 रुपए वाला जियो रिचार्ज पैक

जियो के 399 रुपए वाले रिचार्ज पैक की वैलिडिटी 56 दिन है। इस प्लान में हर दिन 1.5 जीबी डेटा मिलता है। यानी हर दिन कुल 84 जीबी डेटा इस पैक में ऑफर किया जाता है। हर दिन मिलने वाले हाई-स्पीड डेटा खत्म होने के बाद स्पीड घटकर 64Kbps रह जाती है। जियो नेटवर्क पर अनलिमिटेड और नॉन-जियो नेटवर्क पर 2000FUP वॉइस कॉलिंग मिनट्स मिलते हैं। ग्राहक हर दिन 100 एसएमएस फ्री भेज सकते हैं। जियो एप्‍स का सब्सक्रिप्शन भी ग्राहकों को इस रिचार्ज पैक में फ्री मिलता है।

349 रुपए वाला जियो रिचार्ज पैक

जियो के 349 रुपए वाले रिचार्ज पैक की वैलिडिटी 28 दिन है। इस पैक में हर दिन 3GB हाई-स्पीड डेटा ऑफर किया जाता है। ग्राहक हर दिन मिलने वाले डेटा के खत्म होने के बाद 64Kbps स्पीड से डेटा खर्च कर सकते हैं। जियो नेटवर्क पर अनलिमिटेड और नॉन-जियो नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 1000FUP मिनट्स मिलते हैं। हर दिन 100 एसएमएस मुफ्त भी इस रिचार्ज पैक में हैं। इसके साथ ही जियो एप्‍स का सब्सक्रिप्शन भी इस प्रीपेड प्लान में जियो ग्राहक मुफ्त ले सकते हैं।

399 रुपए वाला जियो पोस्टपेड प्लस रेंटल

जियो पोस्टपेड प्लस सर्विस के तहत भी कंपनी 399 रुपए वाला प्लान ऑफर करती है। इसकी वैलिडिटी एक बिल साइकल यानी 28 दिन है। ग्राहकों को इस प्लान में 75जीबी डेटा मिलता है। इसके बाद 10 रुपए प्रति जीबी के हिसाब से चार्ज लिया जाता है। इस प्लान में 200 जीबी डेटा रोलओवर की भी सुविधा है। ग्राहकों को हर नेटवर्क पर अनलिमिटेड वॉइस कॉलिंग मिनट्स इस प्लान में ऑफर किए जाते हैं। एसएमएस की सुविधा भी अनलिमिटेड है। जियो एप्‍स का सब्सक्रिप्शन भी इस पोस्टपेड प्लान में फ्री मिलता है। खास बात है कि जियो के इस पोस्टपेड प्लान में नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और डिज्नी+हॉटस्टार वीआईपी का सब्सक्रिप्शन फ्री मिलता है।

पीएम किसान योजना, इन किसानों को भी जल्द मिलने लगेगा सालाना 6 हजार.. जानिए

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अबपश्चिम बंगाल के किसानों को भी जल्द सालाना 6 हजार रुपये मिलने लगेंगे। राज्य सरकार केंद्र सरकार की इस स्कीम को लागू करने के लिए राजी हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस योजना के लिए हामी भर दी है।

खास बात यह है कि हामी भरने के तुरंत बाद ही अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। इस पत्र में नोडल अधिकारी नियुक्ति की बात कही गई है।

हाल में इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों को 2 हजार रुपये की सातवीं किस्त जारी की गई है। ऐसे में अब अगली किस्त यानी आठवीं किस्त का पैसा पश्चिम बंगाल के किसानों को भी मिलेगा।

इस योजना में शामिल होने के लिए पात्र किसानों को पहले आवेदन करना होता है और लाभार्थी सूची में नाम शामिल होने के बाद किस्त का पैसा मिलने लगता है। 6 हजार रुपये की यह रकम साल में तीन बार 2-2 हजार रुपये की किस्त के जरिए दी जाती है।

केन्द्रीय कर्मचारियों के अच्छी खबर, जल्द हट सकती है नये वित्त वर्ष में महंगाई भत्ता 4 फीसदी तक बढ़ाने पर लगी रोक

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नई दिल्ली, साल 2021 केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बहुत ही अच्छा साबित होने वाला है. खबरों के मुताबिक नए वित्त वर्ष में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 फीसदी तक बढ़ाने पर लगी रोक जल्द हट सकती है. दरअसल डीए में बढ़ोतरी पर पिछले साल कोविड संकट से पैदा हुई वित्तीय मुश्किलों को देखते हुए रोक लगा दी गई थी. तभी से तमाम कर्मचारी इसे लेकर किसी फैसले का इंतजार कर रहे थे. और अब ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस रोक को हटाने वाली है.

डीए में चार फीसदी हो सकती है बढ़ोतरी
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान इसी महीने में हो सकता है. हालांकि अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. मौजूदा वक्त में केंद्रीय कर्मचारियों को 17 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिलता है.अगर केंद्र सरकार राहत भरा फैसला लेती है तो कर्मचारियों के वेतन में ना सिर्फ बढ़ोतरी होगी बल्कि पेंशनर्स को भी इसका लाभ मिलेगा. खबरों की मानें तो जनवरी में ही केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 4 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है.

मार्च 2020 में पास हुआ था प्रस्ताव
देश में आर्थिक स्थिति में हुए सुधार से भी इस फैसले पर सरकार की मुहर लगने की संभावना प्रबल दिखाई दे रही है. हालांकि इसपर अभी भी मंजूरी का इंतजार ही किया जा रहा है. आमतौर पर केंद्र सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करती है. डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी का पिछला प्रस्ताव मार्च 2020 में पास हुआ था. इस प्रस्ताव से केंद्र सरकार के 50 लाख सक्रिय कर्मचारियों और 60 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को राहत पहुंची थी.

हालांकि कोविड संकट की वजह से प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ सका और इस पर अस्थाई तौर पर रोक लगाई गई थी.वहीं इसके अलावा केंद्र सरकार ने ड्यूटी पर अपंगता का शिकार होने वाले कर्मचारियों के लिए अपंगता मुआवजे का ऐलान किया है. केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ उन सभी कर्मचारियों को मिलेगा जो ड्यूटी के दौरान किसी हादसे में अपंग हुए हैं. इस योजना के तहत एनपीएस के दायरे में आने वाले कर्मचारी भी शामिल होंगे.

गणतंत्र दिवस: सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने अधिकारियों के साथ की बैठक, किसानों ने दी है ट्रैक्टर मार्च करने की चेतावनी

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस को लेकर तैयारियां चल रही हैं. गणतंत्र दिवस सिक्योरिटी को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक की है. वहीं 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च करने की चेतावनी दी है.

राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर पर किसान बैठे हुए हैं, अधिकतर सीमाएं किसान आंदोलन के चलते बंद हैं. ऐसे में किसान आंदोलन और कोरोना महामारी के बीच गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को शांतिपूर्वक कराना पुलिस के लिए भी एक चुनौती बनी हुई है. शुक्रवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने गणतंत्र दिवस की सिक्योरिटी को लेकर पुलिस के बड़े आला अधिकारियों के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग में दिल्ली पुलिस के सभी स्पेशल पुलिस कमिश्नर और दूसरे अधिकारी मौजूद रहे.

 

दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसान बने हुए हैं दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती

 

कृषि कानून के विरोध में किसान दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर पर पिछले लगभग डेढ़ महीने से बने हुए हैं. गुरूवार को किसानों ने बाहरी दिल्ली में केएमपी हाइवे पर ट्रैक्टर मार्च भी निकाला और सरकार को यह चुनौती दी कि अगर सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेती है तो वह 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे.

 

सरकार और किसानों के बीच लगातार हो रही बातचीत बेनतीजा

 

अभी तक सरकार और किसानों के बीच लगातार हो रही वार्ता में कोई हल नहीं निकल पाया है. हालांकि 15 जनवरी को एक बार फिर किसान और सरकार के बीच बातचीत होनी है. लेकिन दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती यह है कि अगर सरकार और किसानों के बीच बात नहीं बनी और गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण दिन पर अगर किसान दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश करते हैं तो उन से कैसे निपटा जाए, उन्हें कैसे रोका जाए.

दिल्ली पुलिस ने शुरू की तैयारियां

 

शनिवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर और दूसरे बड़े पुलिस अधिकारियों के बीच हुई मीटिंग में यह रणनीति बनाई गई की कैसे दिल्ली से जुड़ी सीमाओं को और मजबूती से बंद किया जाएगा. कैसे उन छोटे-छोटे रास्तों का भी ध्यान रखा जाएगा जहां से दिल्ली में दाखिल हुआ जा सकता हो. फिलहाल आला अधिकारियों की नज़र किसानों और सरकार के बीच 15 जनवरी को होने वाली बातचीत पर भी टिकी है जिसके बाद सिक्योरिटी अरेंजमेंट को अमली जामा पहनाया जाएगा.

बागेश्वर : रतीर केठी गांव में अब शादी समारोहों में शराब हुई बंद, महिलाओं के सार्थक प्रयास से पारित हुआ प्रस्ताव

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बागेश्वर, शादी व अन्य समारोह में शराब परोसने का चलन बढ़ता जा रहा है, उत्तराखण्ड़ भी इससे अछूता नहीं रहा, कई बार तो शराब के कारण शादी समारोह झगड़े हो जाते हैं इसके साथ ही घरेलु हिंसा के मामले भी सामने आते हैं, इन्हीं सब घटनाओं से परेशान उत्तराखण्ड़ के जनपद बागेश्वर के रतीर केठी गांव के लोगों ने शराब का बहिष्कार कर दिया, जनपद बागेश्वर के इस गांव में एक शिक्षक ने अपने परिवार की शादी समारोह को सम्पन्न कराने के दौरान मजदूर न मिलने के कारण गांव के लोग मदद को आगे आये,

गांव के लोगों के इस उपकार के बदले शिक्षक ने परम्परा के अनुसार हर एक समारोह में शराब देने का वादा किया और जिसके कारण शराब बांटने के वादे ने गांव में मुश्किलें खड़ी कर दी, गांव के लोग शराब के नशे में चूर हो रहे है और घरेलू हिंसा की शिकायतें भी हर रोज बढ़ रही है। बढ़ते घरेलू हिंसा की शिकायतों के मद्देनजर रतिर केठी गांव ने शादी समारोहों, धार्मिक और साथ ही सामाजिक समारोहों जैसे मेलों में शराब की बिक्री, वितरण और सेवा पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया है। प्रधान सुरेंद्र सिंह मेहता ने कहा, रति केरी की महिलाओं के कारण यह बदलाव आ पाया है। उन्होनें बताया कि 80 घरों के हर एक सदस्य की मदद से यह प्रस्ताव पारित हुआ है। बता दें कि इस प्रस्ताव को पारित करने पर न ही किसी ने विरोध किया। इस प्रस्ताव की एक कॉपी पुलिस स्टेशन और अधिकारियों को सौंप दी गई है।

 

इस प्रस्ताव के मुताबिक, समारोहों या समारोहों में शराब पर प्रतिबंध लगाने के अलावा, प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर नशे की हालत में कोई व्यक्ति परिवार के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार करता है या घरेलू हिंसा करता है, तो पंचायत इस मामले को पुलिस तक ले जाएगी। यदि कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी शराबी के नशे में हंगामा मचाता है या झड़प करता है, तो ग्रामीण पुलिस के पास जा सकते हैं।

जिला बागेश्वर के एसपी मणिकांत मिश्रा ने कहा कि “ग्रामीणों ने यह अनुरोध किया है कि शादी और अन्य कार्यक्रमों के दौरान शराब की बिक्री और खपत न हो। मिश्रा ने कहा कि शराब पहाड़ियों में सबसे ज्यादा बहस, हाथापाई और अपराधों का कारण है। उन्होंने कहा कि जिले में हाल के सीज़न में शादी समारोहों में मेहमानों के बीच झड़प के कम से कम चार मामले सामने आए है। एसपी ने आगे कहा, पुलिस यह सुनिश्चित कर सकती है कि गांव के आसपास थोक और किराने की दुकानों से शराब की अवैध बिक्री न हो।