Saturday, June 21, 2025
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यूकोस्ट निरन्तर शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है: डोभाल

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हरिद्वार, 18 दिसम्बर (कुल भूषण) अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा निर्देशित, फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का समापन समारोह (समविश्वविद्यालय) के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में प्रोफेसर राजेंद्र डोभाल डायरेक्टर जनरल, यूकोस्ट, देहरादून शामिल हुए। गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं दी। संकाय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर पंकज मदान, आयोजक, डॉक्टर मयंक अग्रवाल और सह आयोजक डॉक्टर सुयश भारद्वाज को प्रोत्साहित करते हुए इस कार्यशाला के सफल आयोजन पर बधाई दी तथा सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया और उनसे नित्य नहीं विधा सीखने का आश्वासन भी लिया।

संकाय अध्यक्ष, प्रोफेसर पंकज मदान ने सभी प्रतिभागियों को अपने उद्बोधन से प्रोत्साहित करते हुए कहा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय कई वर्षों से नयी तकनीकी पर कार्यशाला आयोजित करता रहा है और आगे भी करता रहेगा। उन्होंने अपने वक्तव्य में यह बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय को 5 फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित कराने का अवसर प्राप्त हुआ जिसमें संकाय की ओर से उच्च स्तरीय कार्यशाला आयोजन करके विभिन्न प्रतिभागियों को लाभ पहुंचा है।

गगनदीप सिंह डायरेक्टर, सेल्स कोर्स ने अपने वक्तव्य में कहा की इस तरह की कार्यशाला में जो सीखने को मिलता है वूमेन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (ड्ब्ल्युआईटी), देहरादून से शामिल हुए निदेशक, प्रोफेसर आर पी एस गंगवार, आयोजन सचिव डॉक्टर मयंक अग्रवाल, आयोजन सह सचिव डॉ. सुयश भारद्वाज एवं सम्पूर्ण आयोजन समिति को हार्दिक बधाई देते हुए इस कार्यक्रम के सफल आयोजन पर शुभकामनाएं दी और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम करने के लिए प्रेरित किया।

प्रोफेसर अलकनंदा अशोक, डीन, कालेज आफ टेक्नोलाजी, गोविन्द बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी, पंत नगर ने प्रतिभागियों, विषय विशेषज्ञों एवं आयोजन समिति को इस आयोजन के सफल सम्पन्न कराने के लिये बधाई दी, तथा भविष्य में ऐप्लीकेशन बनाने पर जोर दिया जिससे उत्तराखण्ड सरकार भी इससे लाभांवित हो सके।

उत्तराखंड काउंसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकोस्ट) के डायरेक्टर, प्रोफेसर राजेंद्र डोभाल ने सभी प्रतिभागियों को बताया कि यूकोस्ट निरंतर शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। यूकोस्ट और गुरुकुल कांगड़ी का बहुत पुराना संबंध रहा है, गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) अपने आप में एक अग्रणी संस्थान है। विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक निरंतर कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। आशा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में जो सीखा उसे वे आगे प्रयोग में लेकर आएंगे और उन्नति के पथ पर आगे बढ़ेंगे।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ मयंक अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम में शामिल हुए सभी मुख्य वक्ताओं के बारे में परिचित कराया  कार्यक्रम मे देश के लगभग 20 राज्यों से 400 से ज्यादा प्रतिभागियों की सहमति प्राप्त हुई, जिसमें से 140 प्रतिभागी चुने गए।  कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर सुयश भारद्वाज ने कुलपति, प्रोफेसर राजेंद्र डोभाल, प्रोफ़ेसर अलकनंदा अशोक, प्रोफेसर आरपीएस गंगवार एवं गगनदीप सिंह का धन्यवाद करते हुए सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की समाप्ति शांति पाठ से हुई। कार्यक्रम में डॉ. निशांत कुमार, नामित खंडूजा, देव आनंद जोशी, अश्वनी, दीपक पैन्यूली, सुमित बंसल, अमन त्यागी एवं चन्दर सिंह राणा ने विशेष योगदान दिया।

अनुशासन व शैक्षिक वातावरण के चलते उन्नति के पथ पर अग्रसर है कालेज: गुलाटी

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हरिद्वार, 18 दिसम्बर (कुल भूषण) एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में संजय गुलाटी, कार्यपालक निदेशक, भेल, हरिद्वार द्वारा महाविद्यालय परिसर में भेल के सौजन्य से निर्मित छात्राओं हेतु प्रसाधन कक्ष का लोकार्पण किया गया।

उन्होंने कहा कि अपनी विभिन्न शैक्षणिक तथा शिक्षणेत्तर गतिविधियों के कारण यह महाविद्यालय जनपद की अग्रणी शिक्षण संस्थानों के रुप में निरन्तर विकास के मार्ग पर अग्रसर है। जिसे यहाँ की धर्मिक संस्था श्रवणनाथ मठ के संतों और मनीषियों ने निरंजनी अखाड़ा श्री पंचायती के सक्रिय सहयोग से सन् 1961 ई. में स्थापित किया था। उन्होंने भविष्य में भी सामाजिक दायित्व निभाने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के सचिव श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी ने संजय गुलाटी, कार्यपालक निदेशक, भेल के सामाजिक दायित्व की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी।

काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक बड़ी ही खुशी की बात है कि 1961 हमारा काॅलेज प्रारम्म हुआ वहीं 1961 में जन्मे संजय गुलाटी भेल हरिद्वार के 22वें प्रमुख बने। वर्ष 2013 में श्री संजय गुलाटी जी को महाप्रबन्धक टरबाईन का दायित्व सौंपा गया, । हरिद्वार में संजय गुलाटी के नेतृत्व में सुपर क्रिटिकल तकनीकि पर आधरित 660, 700, 800 मेगावाॅट रेटिंग की टरबाईनों का भारत में पहली बार सफलतापूर्वक निर्माण किया गया।

मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने सभी अतिथियांे को धन्यवाद प्रेषित किया। कार्यक्रम में सत्र 2019-20 में बी.ए. की छात्रा कु. आरती गोस्वामी पुत्री सुरेन्द्र गोस्वामी को विश्वविद्यालय में श्रेष्ठ अंक (95.6 प्रतिशत) प्राप्त करने पर पुरस्कृत भी किया गया।  इस अवसर पर मुख्य रूप से भेल, हरिद्वार के आर.आर. शर्मा, महाप्रबन्धक, एच.आर., जीत बहादुर, डी.जी.एम., सी.एस.आर., राकेश माणिक ताला, ए.जी.एम., सी.एम.पी.आर., अजीत अग्रवाल, वरिष्ठ प्रबन्धक, पी.के. मौराना, डी.जी.एम. फाईनैंस, सुभाष चन्द, सीनियर मैनेजर, सिविल डिपार्टमेंट, सहित काॅलेज के डाॅ. मन मोहन गुप्ता, मुख्य अनुशासन अधिकारी डाॅ. सरस्वती पाठक, डाॅ. जेसी.आर्य, डाॅ. नलिनी जैन, डाॅ. सुषमा नयाल, विनय थपलियाल, श्रीमति रिकंल गोयल, डाॅ. अमिता श्रीवास्तव, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, वेद प्रकाश चैहान, मोहन चन्द्र पाण्डेय, अंकित अग्रवाल, दिव्यांश शर्मा, पंकज यादव, होशियार सिंह चैहान, श्रीमती हेमवंती, संजीत कुमार आदि शिक्षकगण व कर्मचारी उपस्थित थे।

कोरोना ब्रैकिंग : उत्तराखंड़ में आज 580 नए कोरोना पॉजिटिव मिले, संक्रमितों का आंकड़ा 85269 पहुंचा

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देहरादून, उत्तराखंड़ स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 580 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है। राज्य में बीते 24 घण्टे में कोविड से 15 की हुई मौत, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 85269 पहुँचा, प्रदेश में अभी तक 76770 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक हो चुके हैं। इस समय प्रदेश में मौजूदा कोरोना संक्रमितों के 6067 एक्टिव केस। राज्य में कोरोना संक्रमितों का रेट पहुचा 90.03 प्रतिशत, राज्य में अभी तक 1399 कोरोना पॉजिटिव मरीजो की हो चुकी है मृत्यु। राज्य में अभी तक 1501141 सैम्पल की रिपोर्ट आ चुकी है निगेटिव।

17979 मरीजों की सैम्पल रिपोर्ट आना अभी बाकी, जबकि आज 18579 सैम्पल की रिपोर्ट आई है निगेटिव, आज टेस्टिंग के लिए 15646 सैम्पल लैब में भेजे गए |

राज्य हेल्थ बुलेटिन के अनुसार कोरोना पॉजिटिव के जिलेवार आंकड़ों पर एक नजर

देहरादून – 156
नैनीताल – 127
पिथौरागढ़ – 73
हरिद्वार – 52
यूएसनगर – 32
चंपावत – 22
चमोली – 20
उत्तराकाशी – 20
पौडी – 20
बागेश्वर – 19
अल्मोड़ा – 17
टिहरी – 13
रुद्रप्रयाग – 09

बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने मसूरी की वादियों का आनंद लिया, प्रशंसकों से मिले

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मसूरी। वााँलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने मसूरी पहुंचने के दूसरे दिन जहां होटल मे आज गुनगुनी धूप का आनंद लिया। वहीं कड़ाके की सर्दी के बीच कैंपटी रोङ पर भ्रमण करने निकले व मसूरी के आस पास के प्राकृतिक सौदर्य का आनंद लिया। इस दौरान उन्होने कैंपटी रोङ स्थित सेमवाल रेस्टोरेंट में कुछ देर के लिए रेस्टोरेंट संचालक इंद्र दत्त सेमवाल के पास रुक गये और उनसे मसूरी के बारें में विस्तार से बात करने लग गये। उनके बात करने पर आत्मीयता झलक रही थी। कैंपटी रोङ स्थित सेमवाल रेस्टोंरेंट संचालक इंद्रदत्त सेमवाल उस समय बङे खुश हो गये जब अनुपम खेर को सामने देखा और अनुपम खेर से बात करने के बाद तो इंद्रदत्त सेमवाल का खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। सेमवाल से अनुपम खेर ने पूछा कितने सालों से रेस्टोरेंट चला रहे है व रेस्टोरेंट में अच्छी बिक्री हो जाती है।

अनुपम खेर ने बङी आत्मीयता से सेमवाल रेस्टोरेंट संचालक इंद्रद्त्त सेमवाल से कहा कि उनसे मिलकर बङी खुशी हुई है। देवभूमि के लोग बेहद अच्छे है यहां सब अच्छा ही होता है। वहीं जब अनुपम खेर की सामने पङे बोर्ड पर नजर पङी जिसमें लिखा था कि कुछ हो जाये तो उन्होने इंद्रदत्त सेमवाल से पूछ लिया कि इसका क्या मतलब है तो इंद्रदत्त सेमवाल ने कहा कि इसमें कुछ हो जाये खटठा मीठा बस जीवन में कुछ भी हो सकता है।

इस पर अनुपम खेर ने कहा कि आदमी कुछ भी कर सकता है। अनुपम खेर करीब दस मिनट तक रेस्टोरेंट संचालक से बात करते रहे और उनसे मसूरी के बारे में जानकारी लेते रहंे। इस बीच अनुपम खेर की नजर रेस्टोरेंट के उपर लगे बोर्ड पर नजर पङी जिसमें आँमलेट की स्पेलिंग गलत लिखी थी जिस पर उन्होने बोर्ड में लिखी स्पेलिग को ठीक करने को कहा। इंद्रदत्त सेमवाल से अनुपम खेर ने कहा कि पहाङो की रानी का मौसम बेहद खुशनुमा है साथ ही यहा के लोग भी अच्छे हैं। ये सारी जानकारी अनुपम खेर ने ट्वीट कर अपने फैंस के बीच साझा की और लिखा की मसूरी के कैंपटी रोङ स्थित सेमवाल रेस्टोरेंट पिछले तीस सालों से चल रहा है।

छोटी जगह है लेकिन बहुत अच्छी है। उनकी सादगी प्रेरणादायक है। साथ ही अनुपम खेर लिखते है कि वास्तव में मेरी पुस्तक युवर बेस्ट डेय टुडे के दर्शन में विश्वास करता है। साथ ही लोगों से कहा कि जाओ उससे मिलने आओ। साथ ही देहरादून से जब अनुपम खेर मसूरी आ रहे थे तो उन्होने किसी पर्यावरण मित्र को स्कूटी पर झाङू बांधकर चलाते देखा तो ये जानकारी भी उन्होने शेयर करते हुए कहा कि स्कूटर पर बैठे इन भाई साहब ने देसी हैरी पाँटर की याद दिला दी है। साथ ही लिखा कि जुगाङ के मामले में हम हिन्दुस्तानियों का कोई सानी नहीं है। भाई साहब की सोच की जय हो। अनुपम खेर के इस अंदाज व उनके सोचने समझने से उनके अनुभव की झलक मिलती है। इसी लिए वह महान कलाकार हैं।

नई शिक्षा नीति पर आधारित पुस्तक “नवयुग का अभिनन्दन” PRSI ने राज्यपाल को की भेंट

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मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने का निर्णय , नई शिक्षा नीति की सबसे महत्वपूर्ण बात है-राज्यपाल

देहरादून, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से शुक्रवार को पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पी.आर.एस.आई.) के उत्तराखण्ड चैप्टर के पदाधिकारियों ने भेंट की। इस अवसर पर पी.आर.एस.आई. ने नई शिक्षा नीति पर आधारित पुस्तक ‘‘नवयुग का अभिनंदन’’ राज्यपाल  मौर्य को भेंट की। पी.आर.एस.आई. द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में राज्यपाल  मौर्य का लेख भी है।

इस अवसर पर राज्यपाल  मौर्य ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने का निर्णय नई शिक्षा नीति की सबसे महत्वपूर्ण बात है। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का विकास, वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संवर्द्धन तथा शोध अनुसंधान तथा नवाचार हेतु प्रेरणा देना है। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन में भारतीय शिक्षण संस्थानों ने ऑनलाइन शिक्षा को जिस प्रकार अपनाया, उससे सिद्ध हो जाता है, कि हमारी शिक्षा प्रणाली नवाचार के लिये तैयार है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु वे स्वयं कई बैठकें कर चुकी है। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग को इस हेतु ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिये गये है। विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी नई शिक्षा नीति की कार्ययोजना तथा प्रभावी क्रियान्वयन हेतु की गई कार्यवाही की जानकारी प्रेषित करने को कहा गया है। पी.आर.एस.आई. के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्यपाल  मौर्य ने बच्चों के कल्याण एवं शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को उनके व्यक्तिगत विकास के समुचित अवसर मिलने चाहिये। बच्चों को बड़े सपने देखने के लिये प्रेरित करें।

उप निदेशक सूचना नितिन उपाध्याय ने उत्तराखण्ड चैप्टर का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने कहा कि पीआर.एस.आई. जनसंपर्क कार्य से जुड़े लोगो का संगठन है, जिसके पूरे देश में राज्य स्तर पर चैप्टर स्थापित किये गये है। उत्तराखण्ड चैप्टर द्वारा जनसंपर्क कार्यों की दिशा में प्रभावी कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के उत्तराखण्ड चैप्टर के अध्यक्ष अमित पोखरियाल ने बताया कि चैप्टर द्वारा राज्य एवं केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसी कड़ी में नई शिक्षा नीति पर देशभर के विद्धानों एवं शिक्षाविदों के विचार एवं प्रतिक्रिया को संकलित कर पुस्तक का प्रकाशन किया गया है, जिसका विगत दिनों नई दिल्ली में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा वर्चुअल विमोचन किया गया। कोरोना काल में भी चैप्टर द्वारा राज्यपाल महोदय द्वारा प्रदान किये गये मास्क एवं सैनिटाइजर का वितरण किया गया।

इस अवसर पर पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के उत्तराखण्ड चैप्टर के सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश चन्द्र भट्ट, संयुक्त सचिव राकेश डोभाल आदि उपस्थित थे।

 

 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हुए कोरोना पॉजिटिव

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देहरादून। देश भर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। आए दिन कई बड़े मंत्री और नेता इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ रहे हैं। अब खबर है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट कर दी है।

CM ने ट्वीट कर दी जानकारी
मुख्यमंत्री रावत ने ट्वीट कर लिखा, ‘आज मैंने कोरोना टेस्ट करवाया था और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबीयत ठीक है और लक्षण भी नहीं हैं। अतः डॉक्टर्स की सलाह पर मैं होम आइसोलेशन में रहूंगा।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘मेरा सभी से अनुरोध है, कि जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आयें हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं।’

 

राज्यपाल ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की

देहरादून , राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने ट्वीट कर राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
राज्यपाल मौर्य ने ट्वीट कर कहा है “मुख्यमंत्री जी मैं बाबा बद्री केदार से आपके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु प्रार्थना करती हूँ। मेरी प्रभु से कामना है कि आप शीघ्र स्वस्थ होकर पुनः जन सेवा के कार्यों में जुट जायें।“

 

 

‘स्पर्श गंगा’ अभियान का एक दशक पूरा, देश में विचार बन गया यह अनोखा अभियान

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रंग ला रही है उत्तराखंड के नौनिहालों की मुहिम
एनएसएस छात्रों ने 2009 में शुरू किया था कार्य
तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ. निशंक की रही अहम भूमिका’

देहरादूनः गंगा भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। गंगा स्वयं में महातीर्थ है। पापनाशिनी, पुण्यदायिनी गंगा धर्म-अध्यात्म के क्षेत्र में ही महत्त्वपूर्ण नहीं है, अपितु हमारे कृषि उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी सहायक है। अनेक लोगों को रोजी-रोटी देने वाली इस महानदी की निर्मलता के लिए नमामि गंगे और स्पर्श गंगा जैसे अभियान कारगर साबित हो रहे हैं। एक दशक पहले आरंभ हुए स्पर्श गंगा अभियान के सकारात्मक परिणामों के कारण इसकी सराहना की जाने लगी है। उत्तराखंड के नौनिहालों ने यह अभियान आरंभ किया था।
गंगा के विषय में कहा जाता है कि उसे राजा भगीरथ स्वर्ग से धरती पर लाए थे। इसके नाम जाह्नवी, देवनदी, विष्णुपदी, सुरधुनि, सुरनदी, सुरसरि, सुरापगा, देवापगा, त्रिपथगा, त्रिपथगामिनी, नदीश्वरी आदि हैं। उत्तराखंड के गोमुख से निकलने से लेकर समुद्र (बंगाल की खाड़ी) तक 2,510 किलोमीटर की यात्रा करने वाली गंगा की सहायक नदियां घाघरा, यमुना, रामगंगा आदि हैं।

अनेक शहरों के पास से बहने के कारण गंगा में वहां को कचरा इत्यादि डाला जाता है। सीवेज में भी नदी में जा रहा है। अनेक फैक्टरियों की गंदगी भी गंगा में मिल रही है। इससे नदी में प्रदूषण बढ़ने लगा है। पिछले कुछ वर्षों में स्थिति बदतर होने लगी थी।
उत्तराखंड को गंगा का मायका कहा जाता है, इसलिए यहां से इसे प्रदूषणमुक्त करने की चिंता की गयी। 2009 में ’स्पर्श गंगा’ अभियान का आरंभ कर गंगा को प्रदूषणमुक्त करने की पहल की गयी। हेमवती नंदन बहुुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) प्रकोष्ठ ने इसका आरंभ किया था। उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने ऋषिकेश में 17 दिसंबर, 2009 को इस अभियान का उद्घाटन किया था। डाॅ. निशंक ने इस अभियान को आंदोलन का रूप देकर नई दिशा दी।

उन्होंने पर्यावरण प्रेमियों, चिंतकों, बुद्धिजीवियों, धर्मगुरुओं और आम नागरिकों के समन्वय से इस अभियान को निरंतर प्रोत्साहित किया और लोगों को इसमें भागीदारी करने की प्रेरणा दी। इसका परिणाम यह हुआ कि यह मुहिम स्कूल, काॅलेजों और विश्वविद्यालयों तक ही सीमित न रहकर आम जनता तक पहुंच गया और लोग इसमें बढ़-चढ़कर भागीदारी करने लगे। यह अभियान एनएसएस में पाठ्क्रम का हिस्सा भी है। एक दशक की इस निर्मल गंगा यात्रा से लोगों में गंगा के प्रति पर्याप्त जागरूकता आयी है। यह अभियान उत्तराखंड तक ही सीमित न होकर इसकी गतिविधियां देश के अन्य भागों में भी निरंतर संचालित हो रही हैं। भारत की भाग्यरेखा और विश्वधरोहर गंगा को बचाने की इस मुहिम के सुखद परिणाम आने से अनेक पर्यावरण प्रेमी भी खुश हैं। यह अभियान अब एक विचार का रूप धारण कर चुका है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक की बेटी आरुषि निशंक भी अपने पिताजी के पद्चिह्नों पर चलते हुए इस अभियान में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभा रही हैं। 

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक इस अभियान के दस वर्षों की यात्रा पर संतुष्ट हैं। स्पर्श गंगा परिवार, इस अभियान से जुड़े लोगों, गंगा की निर्मलता में लगातार योगदान देते आ रहे लोगों, देश के नागरिकों और विश्वभर में फैले गंगाभक्तों को स्पर्श गंगा दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि मां गंगा की निर्मलता में योगदान देना देश के हर नागरिक का कर्तव्य है। गंगा भारत और भारतीयता का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि गंगा को हमें उसके प्राचीन स्वरूप में लाने के लिए निरंतर ऐसे ही कार्य करना होगा। डाॅ. निशंक ने केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे नमामि गंगा अभियान को भी गंगा को निर्मल करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम बताया।
इस अभियान में शिद्दत से जुड़ी डाॅ. निशंक की पुत्री आरुषि निशंक का का कहना है कि हम लोग अनवरत इस कार्य को संपादित करते रहेंगे। मांग गंगा को निर्मल बनाने की मुहिम में जुड़ना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।

जेईई मेंस की परीक्षाएं अब साल में चार बार, तिथियां घोषित, डाॅ. निशंक बोले-छात्रों को मिलेंगे अधिक अवसर

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नई दिल्ली। जेईई मेंस की परीक्षा अब सालभर में चार बार-फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई में होगी। इन परीक्षाओं की तिथियां भी घोषित कर दी गयी हैं।
यह खुलासा करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि संबंध मंे आए लोगों के विभिन्न सुझावों और आग्रहों के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। पहली परीक्षा 23-26 फरवरी को आयोजित होगी। परीक्षा का दूसरा सेशन 15-18 मार्च को होगा। अप्रैल में यह परीक्षा 27 और 30 तारीख को होगी, जबकि परीक्षार्थी फाइनल अटैम्प्ट 24-28 मई को दे सकेंगे। डाॅ. निशंक ने बताया कि इस निर्णय से उन विद्यार्थियों के सामने परीक्षा देने के अधिक अवसर उपलब्ध हो पाएंगे, जो एक ही बार में सफल नहीं हो पाते थे। इससे अनेक विद्यार्थियों का साल खराब होने से भी बच जाएगा। यानी उनके समय का सदुपयोग हो पाएगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. निशंक ने बताया कि परीक्षार्थी को सभी चार सेशनों में शामिल होने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि कोई अभ्यर्थी एक से अधिक सेशन में शामिल होता है तो मेरिट लिस्ट या रैंकिंग के लिए उसके बेस्ट 2021 एनटीए स्कोर पर विचार किया जाएगा। अभ्यर्थी को केवल आॅनलाइन मोड माध्यम से ही जेईई मेंस-2021 के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन करने की तिथि 16 दिसंबर, 2020 से 16 जनवरी, 2021 के बीच निर्धारित है। फीस भी (चारों सेशनों के लिए ) आॅनलाइन मोड से ही 17 जनवरी तक दी जा सकेगी।

डाॅ. निशंक ने बताया कि अभ्यर्थी को परीक्षा के लिए अपनी पसंद के कोई चार शहर चुनने होंगे। पूरा प्रयास किया जाएगा कि अभ्यर्थी की पसंद की प्राथमिकताओं के हिसाब से उसे परीक्षा केंद्र अलाॅट किए जाएं। जो अभ्यर्थी एक से अधिक सेशन के लिए आवेदन करते हैं, वे अपनी पसंद के शहरों को करक्शन विंडो में जाकर बदल सकते हैं। डाॅ. निशंक ने बताया कि इस समय पहली बार जेईई मेंस की परीक्षाएं क्षेत्रीय भाषाओं-आसामी, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी और उड़िया आदि में होंगी।

केंद्र सरकार का बड़ा एलान, अगले दो सालों में देशभर से खत्‍म कर दिए जाएंगे टोल प्‍लाजा, जानिए फिर कैसे होगी वसूली

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नई दिल्ली, एजेंसियां। अब देश में जल्द ही नेशनल हाइवे पर बिना रोकटोक के वाहन दौड़ सकेंगे। देश के सभी नेशनल हाइवे से टोल प्लाजाओं को बंद कर दिया जाएगा। यह जानकारीकेंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दी है। एसोचैम फाउंडेश वीक कार्यक्रम (ASSOCHAM Foundation Week Programme) कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार देशभर में वाहनों की बिना रोकटोक के आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए जीपीएस आधारित (Global Positioning System) तकनीक टोल संग्रह को अंतिम रूप दिया है। उन्होंने कहा कि इससे आने वाले दो सालों में भारत ‘टोल प्लाजा मुक्त’ हो जाएगा।

सीधे बैंक के खाते से काटी जाएगी टोल की राशि

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वाहनों की आवाजाही के आधार पर टोल की राशि सीधे बैंक खाते से काट ली जाएगी। हालांकि, अब सभी कॉमर्शियल वाहन ट्रैकिंग सिस्टम के साथ आ रहे हैं। इसके साथ ही सरकार पुराने वाहनों में जीपीएस तकनीक स्थापित करने के लिए कुछ योजना लेकर आएगी।

जीपीएस आधारित टोल वसूली की तैयारी

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने टोल वसूली के लिए जीपीएस आधारित व्यवस्था की तैयारी की जानकारी भी दी। इस मामले में रूस के पास विशेषज्ञता है। इस व्यवस्था में दूरी के हिसाब से टोल की राशि कट जाती है। उन्होंने दो साल में यह व्यवस्था लागू हो जाने की बात कही। केंद्रीय मंत्री ने अगले पांच साल में टोल कलेक्शन 1.34 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाने का भरोसा भी जताया। गडकरी ने वायबिलिटी गैप फंडिंग की व्यवस्था को इन्फ्रास्ट्रक्चर के अतिरिक्त अन्य सेक्टर में लागू करने का भी एलान किया। अब सोशल सेक्टर, स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र में भी वायबिलिटी गैप फंडिंग की सुविधा मिलेगी।

FASTags के चलते कम हुई ईधन की खपत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार देश भर में वाहनों की स्वतंत्र आवाजाही बनाने के लिए यह खास कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में केंद्र सरकार ने देश के सभी टोल प्लाजा पर FASTags अनिवार्य कर दिया है। गडकरी ने कहा कि नेशनल हाईवे टोल प्लाजा पर FASTags की अनिवार्यता के बाद ईधन की खपत कम हुई है। इसके अलावा प्रदूषण पर भी काफी लगाम लगी है।

कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास भारत में रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन के लिए महत्वपूर्ण है, हालांकि वर्तमान में उद्योग भारत में शहरी क्षेत्रों में केंद्रीकृत है क्योंकि इस तरह के उद्योग का विकेंद्रीकरण विकास दर को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है क्योंकि बढ़ते शहरीकरण से शहरों में गंभीर समस्याएं पैदा हो रही हैं। जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, और अन्य। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास में सार्वजनिक-निजी निवेश को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। गडकरी ने बुनियादी ढांचे के विकास में सार्वजनिक-निजी निवेश को बढ़ावा देने की आवश्यकता भी व्यक्त की है।

अर्थव्यवस्था में सूधार के संकेत, कंपनियों ने तीसरी तिमाही में दिया 49 प्रतिशत अधिक अग्रिम कर

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मुंबई, कोरोना संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था में पुनरूद्धार के और संकेत मिले हैं। कंपनियों का अग्रिम कर भुगतान चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 49 प्रतिशत उछलकर 1,09,506 करोड़ रुपये पहुंच गया। सीबीडीटी सूत्रों ने यह जानकारी दी।

इस बढ़ोतरी का कारण मुख्य रूप से पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में तुलनात्मक आधार का कमजोर होना हो सकता है।

सरकार ने पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में कंपनी कर की दर कम कर 25 प्रतिशत कर रिकार्ड निम्न स्तर पर ला दिया था। इससे कंपनियों के कर भुगतान में कमी आयी थी।

पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में अग्रिम कंपनी कर संग्रह 73,126 करोड़ रुपये था।

अग्रिम कर भुगतान में कंपनी और व्यक्तिगत आयकर सबसे प्रमुख है। इसे संबंधित इकाई अपनी कर देनदारी के आकलन के आधार पर चार तिमाही किस्तों में 15, 25, 25 और 35 प्रतिशत के हिसाब से भुगतान करती है।

सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी कर संग्रह में बढ़ोतरी से आलोच्य तिमाही में सकल कर संग्रह बढ़कर 7,33,715 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल के 8,34,398 करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 12.1 प्रतिशत ही कम है। शुद्ध कर संग्रह 5,87,605 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले प्राप्त 6,75,409 करोड़ रुपये के मुकाबले 13 प्रतिशत कम है।

तीसरी तिमाही के दौरान विभाग ने 1,46,109 करोड़ रुपये करदाताओं को वापस किये जो पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में वापस किये गये 1,58,988 करोड़ रुपये के मुकाबले 8.1 प्रतिशत कम है।

कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में अग्रिम कंपनी कर संग्रह 2,39,125 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल की इसी अवधि में प्राप्त 2,51,382 करोड़ रुपये से 4.9 प्रतिशत कम है। इसका कारण चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में ‘लॉकडाउन’ का असर था।

सूत्र के अनुसार अग्रिम व्यक्तिगत आयकर सालाना आधार पर इस तिमाही में 5.6 प्रतिशत घटकर 31,054 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले तीसरी तिमाही में यह 32,910 करोड़ रुपये था।

कुल मिलाकर अग्रिम व्यक्तिगत आयकर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अबतक 60,491 करोड़ रुपये रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि के 67,542 करोड़ रुपये के मुकाबले 10.4 प्रतिशत कम है।

विश्लेषकों के अनुसार कर भुगतान में बढ़ोतरी कंपनियों के मुनाफे को बताता है जो सितंबर तिमाही में 21.9 प्रतिशत बढ़ा। इसके विपरीत, पहली तिमाही में विनिर्माण कंपनियों की बिक्री में 42 प्रतिशत और शुद्ध लाभ में 62 प्रतिशत की गिरावट आयी।

सितंबर, 2020 को समाप्त दूसरी तिमाही में अग्रिम कर संग्रह समेत कुल कर संग्रह 22.5 प्रतिशत घटकर 2,53,532.3 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 3,27,320.2 करोड़ रुपये था।

जून को समाप्त पहली तिमाही में सकल कर संग्रह 31 प्रतिशत घटा था। जबकि अग्रिम कर संग्रह में 76 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

व्यक्तिगत आयकर संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 1,47,004.6 करोड़ रुपये रहा जबकि कंपनी कर 99,126.2 करोड़ रुपये रहा। इस प्रकार, प्रत्यक्ष कर राजस्व में दो महत्वपूर्ण तत्वों की हिस्सेदारी 2,46,130.8 करोड़ रुपये रही।

पहली तिमाही में कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के कारण सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 31 प्रतिशत घटकर 1,37,825 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले 76 प्रतिशत कम था।

वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में सकल कर संग्रह 12 प्रतिशत वृद्धि के साथ 24.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है। 2019-20 में यह 21.63 लाख करोड़ रुपये था।

फरवरी में पेश बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 13.19 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया जो 2019-20 के 10.28 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 28 प्रतिशत अधिक है। इसका कारण सरकार को विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास’ को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है।

अग्रिम कंपनी कर संग्रह पहली तिमाही में 79 प्रतिशत लुढ़क कर 8,286 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 39,405 करोड़ रुपये था। वहीं अग्रिम व्यक्तिगत आयकर संग्रह पहली तिमाही में 64 प्रतिशत घटकर 3,428 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 9,512 करोड़ रुपये था।

इससे पहली तिमाही में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 31 प्रतिशत घटकर 1,37,825 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में 1,99,755 करोड़ रुपये था।( पीटीआई-)