Saturday, June 21, 2025
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सात समुद्र पार डाॅ0 निशंक के साहित्य का मूल्यांकन : केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ0 निशंक को हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने दिया ’साहित्य गौरव सम्मान-2021’

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✒️डाॅ0 वीरेन्द्र बर्त्वाल

देेहरादून, साहित्य मानवीय जीवन का चित्र होता है। वह संवेदनाओं का पुंज होता है। वह समाज का दर्पण होता है। साहित्य हमारी अनुभूतियों की तीव्रता बढ़ाता है। वह समस्याओं को प्रस्तुत कर उनके निराकरण में योगदान देता है। साहित्य सत्य, शिव और सुंदर होता है। डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक की कविताएं, कहानियां, उपन्यास आदि साहित्य की इन कसौटियों पर खरी हैं। साहित्यकार ने जिन परिस्थितियों को भोगा, उन्हें शब्दों और पात्रों के माध्यम से समाज के सामने पूरी निष्ठा के साथ रख दिया। इसलिए उनकी रचनाएं बहुत पढ़ी जा रही हैं और लोकप्रिय हो रही हैं। भारत ही नहीं, विदेश में भी उनके साहित्य का परचम लहराता है। इसीलिए सात समुद्र पार की संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड उन्हें ’साहित्य गौरव सम्मान-2021’ से नवाजती है।
वियोगी होगा पहला कवि
आह से उपजा होगा गान
उमड़कर आंखों से चुपचाप
बही होगी कविता अनजान।
दरअसल जब साहित्यकार गहन भावों में डूबकर आपबीती को सुंदर शब्दों में व्यक्त करता है तो वह साहित्य हाथोंहाथ लिया जाता है, क्योंकि उसमें मौलिकता और स्वाभाविकता होती है। डाॅ0 निशंक के साहित्य में यही है।
तनाव-अभावों के बीच पथरीली पगडंडियां नापकर जीवन पथ पर आगे बढ़ना कठिन तो है, परंतु असंभव नहीं। विपरीत हालात हमें कष्ट तो देते हैं, लेकिन बहुत कुछ सिखाते भी हैं। संवेदनशील व्यक्ति इन कठिन परिस्थितियों में भोगे हुए क्षणों को दूसरे रूपों में अभिव्यक्त करता है। वह समाज को एक संदेश और सीख देता है। इससे उसे बड़ा संतोष मिलता है। डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक के साहित्य संसार का यही मूल है। विदेश की धरती से साहित्य गौरव सम्मान से नवाजे जाने का मतलब उनकी रचनाधर्मिता उच्च कोटि की है।

डाॅ0 निशंक ने 75 से अधिक पुस्तकों के रचना कर हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं मंे अपनी प्रतिभा सिद्ध की है। उनका जन्म पौड़ी गढ़वाल के पिनानी गांव में बहुत निर्धन परिवार में हुआ था। पहाड़ के जीवन की पहाड़ जैसी समस्याओं को झेलते हुए वे अंदर से बहुत मजबूत हो गए। बचपन में ही कठिन हालात से लड़ने का सामर्थ्य पैदा हो गया। उन्होंने विवशताओं और विडम्बनाओं सामना किया और संघर्षों पर विजय प्राप्त करते गए। तीव्र जिजीविषा, इच्छाशक्ति, ललक, विद्वता और देशप्रेम की गहन भावना ने उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्रदान की।

वे सफल शिक्षक, पत्रकार, सफल राजनेता और ख्यात साहित्यकार बने। उनका काव्य और गद्य जीवनमूल्यों की आधारशिला पर खड़ा है, जिसमें मानवता के विभिन्न रंग हैं। इसीलिए डाॅ0 निशंक लिखते हैं-’मेरी कविताएं बारूद के ढेर पर खड़े आदमी को दानव से मानव बनाएंगी।’ इसके अलावा डाॅ0 निशंक के संपूर्ण सहित्य में प्रेम, प्रकृति, सौन्दर्य, पर्यावरण, देश प्रेम भी दर्शनीय और प्रशंसनीय है। उनके पात्र हालात के मारे होते हैं, वे विवश हैं, लेकिन उनमें सकारात्मकता और जीवन की विषमताओं से लड़ने का जुनून है। उनकी कविता प्रेरणा देती है-’तुम शब्दों के पक्ष में आ जाओगे तो हर शब्द एक नया कल लाएगा।’ असीम संवदेनाओं से आच्छादित डाॅ0 निशंक के साहित्य में ’चरैवेति-चरैवेति’ का सूत्रवाक्य पाठकों में असीम उत्साह का संचार करता है। वे लिखते हैं-’अभी भी है जंग जारी, वेदना सोयी नहीं है।’

संस्कृत, गढ़वाली, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मलयालम इत्यादि भाषाओं में अनूदित उनके साहित्य पर अनेक विश्वविद्यालयों में शोध हो चुके हैं, हो रहे हैं और पाठ्क्रमों में पढ़ाया जा रहा है। साहित्य सृजन में उत्कृष्टता के लिए अनेक देशों की संस्थाओं से अलंकृत डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक को इस बार कनाडा की संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने साहित्य गौरव सम्मान-2021 से नवाजा है। कनाडा में करीब 16 लाख भारतीयों में भारतीय संस्कृति के तत्वों को जीवित रखने और इन लोगों के बीच हिन्दी के प्रचार-प्रसार में जुटी यह संस्था हर साल हिन्दी के साहित्यकारों को सम्मान प्रदान करती है। इस बार कोविड-19 के कारण वर्चुअल रूप में आयोजित सम्मान समारोह में देश-दुनिया की साहित्य, खेल, फिल्म, संगीत इत्यादि विभिन्न हस्तियों की उपस्थिति में उत्तराखंड की राज्यपाल श्रीमती बेबीरानी मौर्य के हाथों डाॅ0 निशंक को यह पुरस्कार दिया गया। 55 से अधिक देशों के साहित्यकारों और साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति में हुए इस कार्यक्रम में डाॅ0 निशंक के साहित्य पर गहन विमर्श भी हुआ तथा हिन्दी राइटर्स गिल्ड की दो पुस्तकों (ई-संकलन)- ’संभावनाओं की धरती’ और ’सपनों का आकाश’ का विमोचन किया गया। इनमें एक गद्य और दूसरी पद्य संकलन है।

पुरस्कार ग्रहरण करने के बाद डाॅ0 निशंक ने इस पुरस्कार को हिन्दी के साहित्यकारों, हिन्दी के लिए कार्य कर रहे लोगों और हिन्दी प्रेमियों को समर्पित करते हुए हिन्दी के प्रचार-प्रसार और संरक्षण के लिए किए जाने वाले हिन्दी राइटर्स गिल्ड के कार्यों की सराहना की और उम्मीद जतायी कि यह संस्था एक दिन कनाडा में हिन्दी को शिखर पर ले जाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हिन्दी का भविष्य उज्ज्वल बताते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अभी तक के आंकड़ों के अनुसार हिन्दी विश्व की तीसरी बड़ी भाषा है, लेकिन जिस प्रकार हिन्दी का क्षेत्र बढ़ रहा है, उससे लगता है कि यह जल्द ही पूरे विश्व की नंबर एक भाषा बन जाएगी। उन्होंने कहा कि संस्कृत की सहोदरी भाषा हिन्दी समृद्ध है। इसमें दस लाख शब्दों की संपदा है। इसमें संवेदना, लालित्य और स्नेह है। यह संपूर्ण संसार की भाषाओं को अपनी बांहों में समेटकर चलने की विशेषता रखती है। भारत की नई शिक्षा नीति में हिन्दी को विशेष महत्त्व मिला है।

हंसराज काॅलेज की प्राचार्य डाॅ0 रमा ने डाॅ0 निशंक के साहित्य की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डाॅ0 निशंक ने अपने साहित्य में मानवता को प्रमुख स्थान दिया है। उनकी रचनाओं में प्रेम, प्रकृति और सौंदर्य तो है, लेकिन अधिक महत्त्व मानवता को दिया गया है। वे आत्मा को संवारने की प्रेरणा देते हैं।
पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि निशंक संघर्षशील जीवन के पर्याय हैं। राजनीति में होते हुए कला को संजोए रखना बड़ी बात है और यह डाॅ0 निशंक बखूबी कर रहे हैं। राजनीति में रहकर रचनाधर्मिता कर रहे लोगों का हिन्दी साहित्य के इतिहास में उपयुक्तता के साथ उल्लेख होना चाहिए। श्री जगूड़ी ने कहा कि दो नावों पर सवार होने के खतरे तो होते हैं, लेकिन डाॅ0 निशंक ने इन खतरों का सामना करते हुए उन पर विजय प्राप्त की है। वे जितने सफलत साहित्यकार हैं, उतने ही सफल राजनेता भी हैं।

प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो0 योगेंद्र नाथ शर्मा ’अरुण’ ने कहा कि डाॅ0 निशंक ने राजनीति में रहते हुए बड़ा साहित्यकार बनकर यह दिखाया है कि संवेदनाओं और परिश्रम के बूते कोई कार्य मुश्किल नहीं होता। डाॅ0 निशंक जैसे संवेदनशील व्यक्ति के लिए अपनी कहानियों और उपन्यासों के लिए पात्र ढूंढने की आवश्यकता नहीं पड़ती, उन्हें सड़कों, ढाबों और होटलों मंे अपनी रचनाओं के पात्र आसानी से मिल जाते हैं। प्रो0 ’अरुण’ के अनुसार साहित्य व्यक्ति को अमर बना देता है, जबकि राजनीति व्यक्ति को कालांतर में ’भूत’ बना देती है। इस बात को डाॅ0 निशंक भी स्वीकारते हैं, इसलिए उन्होंने कहा था कि यदि कोई व्यक्ति मुझसे कहे कि राजनीति या साहित्य में क्या चुनोगे तो मैं निश्चित रूप से साहित्य का चयन करूंगा। प्रो0 ’अरुण’ ने कहा कि डाॅ0 निशंक के उपन्यास ’जिंदगी रुकती नहीं’ में मानवीय संवेदनाएं शिखर को स्पर्श करती हैं। केदारनाथ आपदा पर केंद्रित इस उपन्यास में त्रासदी और करुणा का अनुपम संयोग दृष्टिगोचर होता है।
केंद्रीय हिन्दी शिक्षण मंडल, आगरा के उपाध्यक्ष अनिल जोशी ने कहा कि डाॅ0 निशंक वर्षों से हिन्दी के प्रचार-प्रसार की लौ जलाए हुए हैं, यह उनके हिन्दी प्रेम का प्रमाण है। डाॅ0 निशंक साहित्य के गौरव हैं। कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय विसारिया तथा काउंसलर अपूर्वा श्रीवास्तव ने डाॅ0 निशंक के रचनासंसार की सराहना की।

राज्यपाल श्रीमती बेबीरानी मौर्य ने कहा कि डाॅ0 निशंक न केवल प्रसिद्ध साहित्यकार हैं, बल्कि वे नई शिक्षा नीति पर क्रांति लेकर आए हैं। वे हमारी भारतीय संस्कृति और हिन्दी भाषा के ध्वजवाहक के रूप में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 शैलजा सक्सेना और धन्यवाद ज्ञापन अमृता शर्मा ने किया। इस गरिमामय कार्यक्रम के साक्षी युगांडा, माॅरीशस, सिंगापुर,बहरीन, साउथ कोरिया, जापान पोलैंड कतर, अमेरिका, तंजानिया, थाईलैंड इत्यादि देशों के साहित्यप्रेमियों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों की जानी-मानी हस्तियां बनीं। डाॅ0 शैलजा सक्सेना के मधुर संचालन के सभी मुरीद हो गए। धन्यवाद ज्ञापन अमृता शर्मा ने किया।

ख्यातिलब्ध हस्तियां बनीं समारोह की साक्षी
ख्यातिलब्ध साहित्यकार डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक को साहित्य गौरव सम्मान-20121 दिए जाने के गरिमामय कार्यक्रम की साक्षी जानी-मानी हस्तियां बनीं। किसी साहित्यकार के सम्मान समारोह में इतनी जानी-मानी हस्तियों का जुड़ना बड़ी बात है। इनमें प्रमुख रूप से इसरो के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में आईआईटी परिषद के अध्यक्ष प्रो0 राधाकृष्णन, कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय विसारिया, काउंसलर अपूर्वा श्रीवास्तव, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी, अनुपम खेर, पी0टी0 उषा, दीपा मलिक, मैरी काॅम, मालिनी अवस्थी, पर्वतारोही बछेंद्री पाल, प्रसून जोशी, आचार्य बालकृष्ण, नरेंद्र कोहली, श्यामसिंह शशि, ज्ञान चतुर्वेदी, पुष्पेश पंत, बृजेश शुक्ल, उषा किरण दास, रामबहादुर राय, प्रसिद्ध लोकगायक प्रीतम भरतवाण, पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट, डाॅ0 अनिल जोशी, मनोषी चटर्जी, सुमन घई, विजय विक्रांत, जापान के डाॅ0 तोमियो मिजोकामी तथा हिन्दी राइटर्स गिल्ड संस्था के पदाधिकारी शामिल रहे।

 

साहित्य का प्राण है संवेदना: निशंक

डाॅ0 निशंक कहते हैं कि संवेदना साहित्य का प्राण है। संवेदना हमें मनुष्य बनाती है, यदि हम संवेदनहीन हैं तो हममें प्राण होते हुए भी हम एक रोबोट या मशीन हैं। संवेदनहीन व्यक्ति दूसरे का हित कभी नहीं कर सकता है। किसी व्यक्ति को लेखक, कवि बनाने के पीछे संवेदना का ही हाथ होता है। यह कहना है प्रसिद्ध साहित्यकार डाॅ0 रमेश पोखरिया निशंक का। डाॅ0 निशंक के अनुसार संवेदनशील व्यक्ति अपने अंदर की भावनाओं को श्ब्दों में पिरोकर प्रस्तुत करता है तो उसे असीम आनंद की अनुभूत होती है। साहित्यकार समाज का हित करते हुए अभिव्यक्ति के कारण स्वयं भी आनंदित होता है। साहित्य सृजना करना एक प्रकार से परोपकार यानी कल्याण का कार्य है, क्योंकि वह साहित्यकार समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का प्रयास करता है। वह समाज की विद्रूपताओं को उघाड़कर चैराहे पर फेंक देता है। वह अवांछित बातों पर सवाल खड़े करता है और जो होना चाहिए, उसकी प्रेरणा देता है।

साहित्य सत्य, शिव और सुंदर तीनों है। इसलिए साहित्य का सर्जन करने वाला किसी तपस्वी और पवित्र आत्मा से कम नहीं होता। साहित्यकार के लिए जितनी संवेदनाओं की आवश्यकता है, उतनी ही शब्दों की भी। शब्दों में असीम शक्ति होती है। शब्दों ही विध्वंस कराते हैं और शब्द ही रचना भी कराते हैं। शब्द ब्रह्म होता है, वह कभी नष्ट नहीं होता। शब्दों की साधना करना अत्यंत पवित्र कार्य है। एक सफल साहित्यकार वही बन सकता है, जिसके मन में छटपटाहट हो। जिसे अपने इर्द-गिर्द की घटनाएं गहराई तक प्रभावित करती हों। वे घटनाएं आनंद देने वाली भी हो सकती हैं और मन को कचोटने वाली भी।

समाजसेवी स्वर्गीय लीलानंद लखेड़ा वॉलीबॉल प्रतियोगिता कोटद्वार ने जीती

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देेहरादून, सुप्रसिद्ध समाजसेवी स्वर्गीय लीलानंद लखेड़ा( भगत जी) की स्मिर्ति में आयोजित दसवीं राज्य स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता का खिताब कोटद्वार ने गुणेडी गांव को हराकर जीता ! राजकीय इंटर कॉलेज बुंगलगड्डी के प्रांगण में आयोजित इस प्रतियोगिता में कुल 15 टीमों ने भाग लिया जिसमें वल्सा , गुणेडी, भगत जी क्लब एवं कोटद्वार की टीमों के बीच सेमीफाइनल मुकाबले खेले गये !

संघर्षपूर्ण सेमीफाइनल मुकाबलो के बाद गुणेडी और कोटद्वार की टीमों के मध्य रोचक फाइनल मुकाबला देखने को मिला जिसमें कोटद्वार की टीम ने अपने खेल कौशल दिखाते को हुए फाइनल मुकाबला 25 – 17, 25- 15, और 25-21 से जीता ! फाइनल मुकाबले के बाद अंकित को मैन ऑफ द मैच तथा मोहित को मैन ऑफ द सीरीज घोषित किया गया ! उपविजेता टीम को ट्रॉफी और नगद पुरष्कार राशि प्रदान करते हुए राजकीय इंटर कॉलेज बुंगलगड्डी के प्रधानाचार्य नीरज सक्सेना ने स्वर्गीय लीलानंद लखेड़ा भगत जी द्वारा समाज हित में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए समाज को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश वहां उपस्थित सभी लोगों और खिलाड़ियों को दिया !

विजेता टीम को ट्राफी व नगद पुरष्कार राशि सुरेंद्र सिंह नेगी पूर्व प्रमुख रिखणीखाल द्वारा प्रदान कि गई इस अवसर पर उन्होंने खिलाड़ियों को खेल भावना के साथ खेलने एवं क्षेत्र के विकास कार्यों में सहयोग करने की अपील की , उन्होंने कहा खेलने से शरीर स्वस्थ होता है और स्वस्थ मानसिकता किसी भी क्षेत्र के विकास में अहम रोल अदा कर सकती है! इस अवसर पर स्वर्गीय लीलानंद लखेड़ा जनकल्याण समिति के सचिव महिमानंद ध्यानी ने सभी का आभार व्यक्त किया प्रतियोगिता के आयोजन में अध्यक्ष बीआर लखेड़ा, आयोजन सचिव दीपक लखेड़ा और उपाध्यक्ष जे के लखेड़ा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई !

दिल्ली-एनसीआर : गढ़वाल हितैषिणी सभा ने उत्तराखंड मूल के मेधावी विद्यार्थियों को किया सम्मानित

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नई दिल्ली, उत्तराखंड प्रवासियों की दिल्ली में सबसे वरिष्ठ व लब्ध-प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था गढ़वाल हितैषिणी सभा (रजि.) दिल्ली ने पंचकुइया रोड़ स्थित गढ़वाल भवन के सभागार में दिल्ली एन.सी.आर में रहने वाले गढवाली मूल के दसवीं व बारहवीं के 144 मेधावी विद्यार्थियों को शैक्षणिक सत्र 2019-2020 में नब्बे प्रतिशत व अधिक अंक प्राप्त करने पर सभा के प्रतिष्ठित अकादमिक पुरस्कार वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेधावी छात्र सम्मान से सम्मानित किया।

कोविड-19काल को देखते हुए सम्मान समारोह दो सत्रों में संपन्न हुआ। दोपहर दो बजे के सत्र में उत्तराखंड कैडर से आईं.ए.एस अधिकारी व बागेश्वर, रूद्रप्रयाग तथा टिहरी के पूर्व जिलाधिकारी तथा वर्तमान समय में प्रधानमंत्री कार्यालय, भारत सरकार में कार्यरत अंडर सेक्रेटरी मंगेश घिल्डियाल ने बारहवीं के पिच्चासी मेधावी विद्यार्थियों को विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ पत्रकार सुषमा जुगराण ध्यानी, दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.सुरेश बंदूनी व देहरादून से आये शिक्षाविद् वीरेंद्र नौटियाल की उपस्थिति में सम्मानित किया। बारहवीं के सम्मानित होने वाले 85 छात्रों में अदिति बडोला व आकाश डिमरी 98.8 प्रतिशत अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले छात्र रहे। दोनों के बराबर अंक थे। साथ ही इस अवसर पर आई.ए.एस.अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने गढ़वाली भाषा-साहित्य के प्रचार-प्रसार में सराहनीय भूमिका निभाने के लिए गढवाली भाषा के मूर्धन्य साहित्यकार कृष्ण कुमार ममगांई को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

 

अपने संबोधन में मंगेश घिल्डियाल ने इस कठिन समय में भी समाज के मेधावी छात्रों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेधावी छात्र सम्मान से सम्मानित करने के की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए छात्रो से कहा की आपको अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए सतत् प्रयत्नशील रहते हुए उसे हर हाल में प्राप्त करके ही रहना है। क्योंकि आपको दिल्ली जैसे महानगर में पहाड़ के सिदूर गांवों के बनस्पित सभी मूलभूत सुविधाएं प्राप्त हैं। इसलिए आपका लक्ष्य भी बड़ा होना चाहिए। समारोह को गढ़वाली भाषा में संबोधित करते हुए आई.ए.एस.अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बच्चों के अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि अपने बच्चों को गढवाल में अपने पैतृक गांवों से जोड़ कर अवश्य रखें, साल में एक बार अपने गांव अवश्य जायें, सामूहिक पूजन के समय सारा गांव एक जगह एकत्रित होता है उस समय अपने बच्चों को गांव अवश्य ले जायें। प्रवासियों से मंगेश घिल्डियाल ने भावुक अपील करते हुए कहा कि आप सभी अपने गांव व क्षेत्र के विकास के लिए कुछ ना कुछ अवश्य करें। समारोह में उपस्थित अन्य विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार सुषमा जुगराण ध्यानी , डॉ.सुरेश बंदूनी व वीरेंद्र नौटियाल ने मेधावी छात्रों को बधाई देते हुए अपनी शुभकामनाएं दी।

दोपहर सत्र से पूर्व सुबह साढ़े दस बजे के प्रथम सत्र में समारोह के मुख्य अतिथि श्री शिक्षाविद् मनवर सिंह रावत- उपाध्यक्ष-गढवाली, कुमाऊनी जौनसारी अकादमी दिल्ली सरकार, समारोह के विशिष्ठ अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर व शिक्षाविद् डॉ.हरेद्र सिंह असवाल, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.वी.एस.नेगी, तपेश्वर जुगराण-उप-निदेशक-शिक्षा निदेशालय- दिल्ली सरकार, दिल्ली सरकार के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल व शिक्षाविद डॉ.राकेश सेमल्टी व उप-प्रधानाचार्य तथा विद्यालय प्रमुख डॉ.भगवती प्रसाद ध्यानी के कर कमलों से दसवीं के 58 मेधावी विद्यार्थियों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेधावी छात्र सम्मान से सम्मानित किया गया। छात्रों को पुरस्कृत करते हुए समारोह के मुख्य अतिथि मनवर सिंह रावत ने पुरस्कार पाने वाले बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि बच्चों अपना लक्ष्य हमेशा ऊंचा रखना, फिर उसको प्राप्त करने के लिए जी-जान से जुट जाओ, समारोह के विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हरेंद्र सिंह असवाल व डॉ.वी.एस.नेगी, डॉ. राकेश सेमल्टी, डॉ.भगवती प्रसाद ध्यानी व तपेश्वर जुगराण ने अपने संबोधन में पुरस्कृत होने वाले विद्यार्थियों की बधाई देते जीवन में अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। दसवीं के छात्रों के मध्य में सबसे अधिक 99/% अंक प्राप्त करने वाली छात्रा सृष्टि बलूनी रही। इस अवसर पर सृजनशीलता व रचनाधर्मिता के आयुष मंत्रालय के अनुभाग अधिकारी भवानी शंकर कोठारी को भी सम्मानित किया गया।

सम्मान स्वरुप प्रत्येक मेधावी विद्यार्थी को मैंमेंटो, प्रशस्ति-पत्र व मूर्धन्य साहित्यकार भगवती प्रसाद नौटियाल तथा डॉ अचलानंद जखमोला द्वारा संपादित व अखिल गढवाल सभा देहरादून द्वारा प्रकाशित वृहत् त्रि-भाषीय शब्दकोश (गढ़वाली-हिंदी-अंग्रेजी) दिया गया। त्रिभाषीय शब्दकोश में तैत्तीस हजार गढवाली शब्द हैं। गढवाली भाषा- साहित्य के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य व अपनी युवा पीढ़ी को गढवाली शब्दों से अवगत कराने के उद्देश्य से सभा ने शब्दकोश की 170 प्रतियां अखिल गढवाल सभा, देहरादून को उनका मूल्य चुका यहां छात्रों को नि: शुल्क वितरित की। जिसकी समारोह में उपस्थित सभी अभिभावकों व अतिथियों ने सराहना की।

दोनों सत्रों में समारोह की शुरुआत मुख्य-अतिथियों द्वारा दीप-प्रज्वलित के साथ “देणां हवे जावा खोली की गणेश–गढवाली वंदना से शुरू हुई। अकादमिक कार्यक्रम होने से दीप-प्रज्वलन के बाद राष्ट्र-गान के साथ समारोह की शुरूवात हुई। सभा के कार्यकारी अध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी ने दोनों सत्रों में अपने स्वागत भाषण से अतिथियों व सम्मानित होने वाले मेधावी विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों का स्वागत किया। सभा के सह-सचिव अजय बिष्ट ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के जीवन वृत्त पर अपने विचार रखने के साथ ही समारोह में उपस्थित सभी का धन्यवाद किया।

समारोह में गढवाल हितैषिणी सभा के कार्यकारी अध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी, महासचिव पवन कुमार मैठाणी, सह-सचिव अजय बिष्ट, कोषाध्यक्ष राजेश सिंह राणा, कार्यकारिणी सदस्य मुरारीलाल खंडूड़ी, जगत सिंह असवाल, धन सिंह नेगी, बिशन सिंह राणा, गुलाब सिंह जायडा़, जोत सिंह भंडारी, आजाद सिंह नेगी, देवेन्द्र गुसांईं, संयोगिता ध्यानी, वीरेंद्र सिंह नेगी-विन्नी, देवेन्द्र सिंह रावत, गंभीर सिंह कैंतुरा, राजेन्द्र प्रसाद चमोली, वीरेंद्र सिंह नेगी, सतीश गौनियाल, अर्जुन सिंह व पूरन सिंह नेगी व सभा सलाहकार महावीर सिंह राणा, शिवचरण मुंडेपी, आषाढ़ सिंह अधिकारी, रामचंद्र सिंह भंडारी, डॉ.सुरेशानंद बसलियाल सहित समाज के अनेक गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहे। कोरोनाकाल को देखते हुए समारोह में सोशल डिस्टेशिंग व सेनेटाइजेशन के सभी मानकों को अपनाते हुए संपन्न हुआ। समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों, सम्मानित होने वाले सभी मेधावी छात्रों व उनके अभिभावकों ने गढ़वाल हितैषिणी सभा की इस परंपरा की खुलकर प्रशंसा की। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेधावी सम्मान समारोह के दोनों सत्रों का कुशल मंच संचालन गढ़वाल हितैषिणी सभा के महासचिव पवन कुमार मैठाणी ने बखूबी किया।

Police Raid: आशिकों के साथ होटल के कमरे में रंगरलियां मनाते पकड़ाई 9 कॉलेज छात्राएं, घर से निकली थी कोचिंग जाने

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आगरा: पुलिस की टीम ने एक होटल पर दबिश देकर 9 प्रेमी जोड़े को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा है। बताया जा रहा है कि होटल के कमरे से पकड़ी गई सभी युवतियां छात्रा हैं और वे कोचिंग जाने के बहाने घर से निकलीं थी। वहीं, एक छात्रा टेट परीक्षा दिलाने के नाम पर पास के गांव से आगरा आई थी।

मामले में पुलिस ने होटल के चार कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि लोहामंडी इलाके के एक होटल में युवक-युवतियों को घंटों के हिसाब से किराए पर कमरा दिया जाता है और एंट्री नहीं की जाती। वहीं, सूचना देने वाले ने यह भी बताया कि यहां देह व्यापार का घिनौना कारोबार भी किया जाता है। मामले की सूचना के आधार पर पुलिस ने होटल में दबिश देकर 9 प्रेमी जोड़े को संदिग्ध अवस्था में पकड़ा है।

पुलिस ने होटल का रजिस्टर चेक किया तो उसमें सिर्फ दो लोगों की एंट्री मिली। अन्य सभी को घंटों के हिसाब से बिना आईडी लिए कमरा दिया गया था। महिला पुलिस कर्मियों ने युवतियों से बातचीत की। ज्यादातर आगरा की निवासी थीं। छात्राएं हैं। कोई कोचिंग के बहाने अपने प्रेमी से आई थी। तो कोई युवती सीधे कॉलेज से प्रेमी के साथ होटल में आ गई थी।

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ला रही नई योजना, अब यह होगा बदलाव

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Digital Payment : देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सोमवार को 1,500 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव किया। उद्योग जगत का मानना है कि सरकार के इस कदम से छोटे शहरों में ई-पेमेंट को प्रोत्साहन मिलेगा और फिनटेक कंपनियों को इनोवेशन की प्रेरणा मिलेगी। अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हाल के समय में डिजिटल पेमेंट में कई गुना वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा, “डिजिटल लेन-देन को और बढ़ावा देने के लिए मैं प्रस्तावित योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपये आवंटित करती हूं जो डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराएगा।” इस कदम पर खुशी जाहिर करते हुए पेमेंट काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन और इंफीबीम एवेन्यू लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विश्वास पटेल ने कहा, “उम्मीद है कि इसका इस्तेमाल वर्ष 2020 में रुपे डेबिट कार्ड और यूपीआइ लेनदेन की मुफ्त में प्रोसेसिंग करने वाले पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति करने में जाएगा। साथ ही इसका उपयोग पीआइडीएफ के हिस्से के रूप में रिजर्व बैंक द्वारा स्थापित 500 करोड़ रुपये के कोष के टापअप के रूप में भी किया जाएगा।”

रेजरपे के चीफ एक्जीक्यूटिव आफिसर और सहसंस्थापक हर्षिल माथुर ने कहा, “मैं उम्मीद कर रहा हूं कि इस रकम का इस्तेमाल जीरो एमडीआर पालिसी का विकल्प विकसित करने और क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल फाइनेंशियल लिटरेसी की शुरुआत करने के लिए किया जाएगा। ये सिस्टम में भरोसा पैदा करेगा और एमएसएमई व ऐसे उद्यमी इसे अपनाएंगे जो डिजिटल मनी को अपनाने के प्रति आशंकित रहे हैं।”

स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एकल व्यक्ति कंपनियों को मिलेगा प्रोत्साहन

सरकार ने सोमवार को कहा कि वह एकल व्यक्ति वाली कंपनियों (ओपीसी) के गठन को प्रोत्साहन देगी। इससे स्टार्टअप इकाइयों तथा इनोवेशन में लगे व्यक्तियों को फायदा होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि ऐसी कंपनियों को पेडअप कैपिटल और टर्नओवर पर बिना पाबंदी के वृद्धि करने की छूट दी जाएगी। इसके अलावा किसी भी समय किसी भी श्रेणी की कंपनी के रूप में बदलाव करने, एक भारतीय नागरिक के लिए ओपीसी बनाने में निवास की समय सीमा को 182 दिन से घटाकर 120 दिन करने तथा अनिवासी भारतीयों को देश में ओपीसी बनाने जैसे प्रविधान भी होंगे। वित्त मंत्री ने कहा, “यह स्टार्टअप के लिए बड़ा प्रोत्साहन होगा।”

Budget 2021: सोना-चांदी खरीदने वालों की होगी बल्ले-बल्ले, बजट में हुआ ये खास ऐलान, जानिए क्या हुआ सस्ता और महंगा

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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट पेश कर दिया है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कई अहम ऐलान किया है. साथ ही इस बार के बजट में सोना-चांदी खरीदने वालों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, बजट में सोना-चांदी पर सीमा शुल्क घटाने का ऐलान किया गया है, इससे सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए सोना और चांदी के आयात पर सीमा शुल्क युक्तिसंगत किए जाने की बात कही, जिससे ये सस्ती दरों पर लोगों को उपलब्ध हो सकेंगे. वहीं बजट में किए गए प्रस्तावों से घरों में उपयोग होने वाले रेफ्रिजरेटर, एलईडी लाइट और मोबाइल फोन जैसे सामान महंगे हो जाएंगे. वहीं रत्न एवं आभूषण उद्योग ने बजट में सोना और चांदी समेत कीमती धातुओं पर आयात शुल्क घटाने के सरकार के निर्णय का स्वागत किया. उद्योग जगत ने कहा कि यह निर्णय रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देगा और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद करेगा.

सीमा शुल्क घटाया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सोना और चांदी पर सीमा शुल्क को तार्किक बनाते हुए मौजूदा 12.5 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है. इसी तरह सोने के डोर बार पर शुल्क को 11.85 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत, चांदी के डोर बार पर 11 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत, प्लैटिनम पर 12.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत, सोना-चांदी के फाइंडिंग पर 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत और कीमती धातुओं के सिक्कों पर 12.5 प्रतिशम से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है.

हालांकि सोना, चांदी, सोने के डोर बार और चांदी के डोर बार पर 2.5 प्रतिशत की दर से कृषि बुनियादी संरचना और विकास सेस भी लगेगा. विश्व स्वर्ण परिषद के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमासुंदरम पीआर ने कहा कि कुल मिलाकर बजट उद्योग के लिए सकारात्मक परिणाम लाने वाला है. सोना पर आयात शुल्क को घटाना स्वागतयोग्य कदम है. उम्मीद करते हैं यह कीमती धातुओं पर शुल्क घटाने की श्रृंखला का पहला कदम है.

सस्ता

हालांकि सोना और चांदी के आयात पर सीमा शुल्क युक्तिसंगत किए जाने से ये मूल्यवान धातुएं सस्ती होंगी. आयात पर सीमा शुल्क में बदलाव करने से कई सामान सस्ते होंगे. इन सस्ते सामान में सोना और सोने के बने अलौह धातु (गोल्ड डोर), चांदी और चांदी के बने अलौह धातु (सिल्वर डोर), प्लैटनिम, और पैलेडियम, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और राजनयिक मिशन के जरिए आयातित चिकित्सा उपकरण शामिल हैं.

महंगा

इसके अलावा बजट में कुछ सामान महंगे करने के भी प्रस्ताव दिए गए हैं. रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर के लिए कॉम्प्रेशर और प्रिंटेड सर्किट बोर्ड जैसे पुर्जे, कच्ची रेशम और कपास, सौर इनवर्टर और लालटेन, वाहनों के विंडस्क्रीन, वाइपर, सिग्नल के उपकरण, पीसीबीए, कैमरा, मोड्यूल, कनेक्टर, बैक कवर, मोबाइल फोन के उपकरण, मोबाइल फोन चार्जर के कल-पुर्जे, लिथियम ऑयन बैटरी में उपयोग कच्चे उत्पाद, प्रिंटर के इकं-काट्रिज और इंक स्प्रे नोजल, चमड़े के तैयार उत्पाद, नाइलोन फाइबर और धागा, प्लास्टिक बिल्डर वेयर, तराशे गए सिंथेटिक पत्थर महंगे होंगे.

पिथौरागढ़ : रानीखेत में 15 से 22 फरवरी तक होगी सेना की भर्ती

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पिथौरागढ़, जिले के युवाओं की थल सेना भर्ती रानीखेत में 15 से 22 फरवरी तक होगी। सेना भर्ती निदेशक ने बताया कि सेना भर्ती में प्रत्येक अभ्यर्थी कोरोना की जांच करके ही शामिल हो सकता है। इसके लिए अभ्यर्थी को भर्ती तिथि से तीन दिन पूर्व संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर सैंपल देना होगा।

सेना भर्ती कार्यालय पिथौरागढ़ के निदेशक भाष्कर तोमर ने सोमवार को डीएम से मुलाकात कर सेना भर्ती के आयोजन की तैयारी के संबंध में जानकारी देते हुए कोरोना जांच के लिए सहयोग की अपील की। अभ्यर्थियों के कोविड-19 सैंपलिंग के लिए जिले में तहसीलवार तिथि निर्धारित की गई। डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि 15 फरवरी को तहसील धारचूला, गणाई गंगोली तहसील के अभ्यर्थियों की भर्ती होनी है। इसके लिए 12 फरवरी को धारचूला तहसील के अभ्यर्थी सीएचसी धारचूला, गणाई गंगोली के अभ्यर्थी सीएचसी गंगोलीहाट में जाकर अपनी कोविड-19 जांच करवाएंगे।

मुनस्यारी, थल, बेड़ीनाग तहसील के अभ्यर्थियों की भर्ती 16 फरवरी को होनी है। इसके लिए 13 फरवरी को मुनस्यारी के युवा सीएचसी मुनस्यारी में, थल, बेड़ीनाग के अभ्यर्थी सीएचसी बेड़ीनाग में जांच करवाएंगे। तहसील डीडीहाट, देवलथल, कनालीछीना के अभ्यर्थियों की भर्ती 17 फरवरी को होनी है। इसके लिए 14 फरवरी को तहसील डीडीहाट के अभ्यर्थी सीएचसी डीडीहाट में और तहसील कनालीछीना, देवलथल के अभ्यर्थी सीएचसी कनालीछीना में जाकर कोविड जांच करवाएंगे।

गंगोलीहाट, बंगापानी तहसीलों के युवाओं की भर्ती 18 फरवरी को निर्धारित की गई है। गंगोलीहाट के अभ्यर्थी 15 फरवरी को सीएचसी गंगोलीहाट, बंगापानी के अभ्यर्थी सीएचसी मुनस्यारी में कोरोना जांच कराएंगे। पिथौरागढ़ तहसील के युवाओं की भर्ती 22 फरवरी को होनी है। यहां के युवाओं को 19 फरवरी को टीबी क्लीनिक पिथौरागढ़ में जाकर जांच करानी होगी। इसके लिए डीएम ने सीएमओ डॉ. एचसी पंत को नोडल अधिकारी नामित किया है। डीएम ने किसी कारण से जांच कराने से छूट जाने वाले युवाओं की जांच पिथौरागढ़ टीबी अस्पताल में कराने के निर्देश भी दिए हैं।

कोरोना संक्रमण : उत्तराखंड़ में सोमवार को 51 कोरोना संक्रमित मिले, चार की हुई मौत

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देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों के मामले अब लगातार कम होते जा रहे हैं बीते 24 घंटे में 51 संक्रमित मिले हैं, जबकि चार मरीजों की मौत हुई है। वहीं, सक्रिय मरीजों की संख्या घट कर 1081 पहुंच गई है। कुल संक्रमितों का आंकड़ा 96180 हो गया है।

राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को 7700 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून जिले में 27, हरिद्वार में 09, नैनीताल में 08, अल्मोड़ा में दो, उत्तरकाशी और चमोली में एक-एक, ऊधमसिंह नगर में 03 संक्रमित मिले हैं। वहीं, पौड़ी , पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली, चंपावत व टिहरी जिले में कोई नया संक्रमित नहीं मिला है।

प्रदेश में अब तक 1648 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 139 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इन्हें मिला कर 92105 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

शताब्दी की चपेट में आया युवक, मौत

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(चन्दन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी- काठगोदाम से नई दिल्ली को जाने वाली 012040 शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई। सूचना पर रेलवे पुलिस घटना स्थल पर पहुंची। शव को कब्जे में ले लिया गया है। फिलहाल मृतक की शिनाख्त नहीं हो पायी है।

जानकारी के अनुसार काठगोदाम से नई दिल्ली को ट्रेन छूटने के बाद जैसे ही ट्रेन हिमालयन पब्लिक स्कूल के पास खंबा नंबर 18/2.3 पहुंची तो अचानक एक युवक शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गया। हादसे में उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद इंजन लोको पायलट ने तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगाकर गाड़ी रोक दी।

घटना की सूचना काठगोदाम रेलवे स्टेशन एवं हल्द्वानी रेलवे स्टेशन अधीक्षकों को दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची रेलवे सुरक्षा बल ने घटनास्थल पर पहुंच कर जांच कर दी। इधर सूचना पर स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची। फिलहाल युवक के शिनाखत के प्रयास किये जा रहे है।

 

आयुष सहगल और शालिनी डोभाल बने मिस्टर एंड मिस उत्तराखंड 2021

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देहरादून: मिस्टर एंड मिस उत्तराखंड 2021 के ग्रैंड फिनाले के परिणाम आज देहरादून के अशोका स्पा एंड रिसॉर्ट्स में घोषित किए गए। उधम सिंह नगर से आयुष सहगल और उत्तरकाशी से शालिनी डोभाल को हिमालयन बज़ द्वारा मिस्टर एंड मिस उत्तराखंड 2021 के खिताब के साथ प्रस्तुत किया गया।

पहला रनर्स अप पद देहरादून के युवराज दत्ता और पिथौरागढ़ की वैशाली वर्मा ने हासिल किया, जबकि दूसरा रनर्स अप पद काशीपुर के सक्षम माथुर और देहरादून की हिमाशी वर्मा को प्रदान किया गया।

इस फैशन प्रतियोगिता में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों वह दूसरे शहरों से आये उत्तराखंडियों ने भाग लिया। कई उप प्रतियोगिताओं में भाग लेने के बाद, प्रतिभागियों ने मिस्टर उत्तराखंड और मिस उत्तराखंड 2021 के खिताब के लिए एक-दूसरे से मुकाबला किया।

फैशन पेजेंट के लिए जजेस के रूप में रनवे फैशन मैनेजमेंट के मालिक स्वागत रंजन, फैशन स्टाइलिस्ट गणेश व्यास और मिस्टर अर्थ एंबेसडर 2017 अभिषेक कपूर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सैलून उद्यमी वेंकटेश अग्रवाल और डीबीआईटी की विभागाध्यक्ष दीपा आर्या उपस्थित रहे।

विजेताओं को बधाई देते हुए, आयोजक गौरवेश्वर सिंह ने कहा, “हर साल इस फैशन पेजेंट को आयोजित करने के पीछे हमारा मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की युवा प्रतिभा को बढ़ावा देना है। हमारे राज्य में सक्षम युवाओं का भण्डार है जो फैशन उद्योग में अपनी जगह बनाने के इच्छुक हैं, और हिमालयन बज़ एक ऐसा मंच है जो हमेशा से ही आकांक्षी युवाओं को बढ़ावा देता आया है। “