Monday, June 23, 2025
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नई दिल्ली : हफ्ते में चार कामकाजी दिन और तीन दिन वैतनिक छुट्टी का विकल्प, बदल सकती है मोदी सरकार नियम

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नई दिल्ली, देश में बन रहे नए श्रम कानूनों के तहत आने वाले दिनों में हफ्ते में तीन दिन छुट्टी का प्रावधान संभव है। बजट में श्रम मंत्रालय के लिए हुए ऐलान पर जानकारी देते हुए श्रम सचिव ने सोमवार को बताया कि कि केंद्र सरकार हफ्ते में चार कामकाजी दिन और उसके साथ तीन दिन वैतनिक छुट्टी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है।

पांच दिन से घट सकते हैं काम के दिन

उनके मुताबिक नए लेबर कोड में नियमों में ये विकल्प भी रखा जाएगा, जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकते हैं। नए नियमों के तहत सरकार ने काम के घंटों को बढ़ाकर 12 तक करने को शामिल किया है। काम करने के घंटों की हफ्ते में अधिकतम सीमा 48 है, ऐसे में कामकाजी दिनों का दायरा पांच से घट सकता है।

ईपीएफ के नये नियम

ईपीएफ पर टैक्स लगाने को लेकर बजट में हुए ऐलान पर और जानकारी देते हुए श्रम सचिव ने कहा कि इसमें ढाई लाख रुपये से ज्यादा निवेश होने के लिए टैक्स सिर्फ कर्मचारी के योगदान पर लगेगा। कंपनी की तरफ से होने वाला अंशदान इसके दायरे में नहीं आएगा या उस पर कोई बोझ नहीं पडे़गा। साथ ही छूट के लिए ईपीएफ और पीपीएफ भी नही जोड़ा जा सकता। ज्यादा वेतन पाने वाले लोगों की तरफ से होने वाले बड़े निवेश और ब्याज पर खर्च बढ़ने की वजह से सरकार ने ये फैसला लिया है। श्रम मंत्रालय के मुताबिक 6 करोड़ में से सिर्फ एक लाख 23 हजार अंशधारक पर ही इन नए नियमों का असर होगा।

 

ईपीएफ पेंशन में बढोतरी का प्रस्ताव नहीं

वहीं न्यूनतम ईपीएफ पेंशन में बढोतरी के सवाल पर श्रम सचिव ने कहा कि इस बारे में कोई प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा ही नहीं गया था। जो प्रस्ताव श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भेजे थे, उन्हें केंद्रीय बजट में शामिल कर लिया गया है। श्रमिक संगठन लंबे समय से ईपीएफ की मासिक न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि सामाजिक सुरक्षा के नाम पर सरकार न्यूनतम 2000 रुपये या इससे अधिक पेंशन मासिक रूप से दे रही है जबकि ईपीएफओ के अंशधारकों को अंश का भुगतान करने के बावजूद इससे बहुत कम पेंशन मिल रही है।

SBI ग्राहक ध्यान दें! बैंक ने बंद की सभी ATM की ये ट्रांजेक्शन, जानिए

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अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहक हैं और साथ ही डेबिट कार्ड धारक हैं तो ये खबर आपके लिए है. देश के पब्लिक सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक देश में लेन-देन की सुविधाएं तो मुहैया करता ही साथ ही अन्य देशों में भी इसकी सेवाएं ग्राहकों मिलती है. पिछले दिनों बैंक ने इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन करने वालों के लिए एक सूचना जारी की थी, जिमसें कहा गया था कि अगर किसी भी ग्राहक को इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन में दिक्कत पेश आ रही है तो फटाफट अपने पैन कार्ड से जुड़ा विवरण बैंक अकाउंट में अपडेट करा लें. तो अब ये काम कैसे होगा आइए जान लेते हैं.

एसबीआई ने ट्वीट कर सूचना दी, जिसके साथ एक फोटो भी अटैच है. इस फोटो पर लिखा है- एटीएम, पीओएस/ ई-कॉमर्स के जरिए इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन के लिए अपने एसबीआई डेबिट कार्ड के इस्तेमाल के लिए कृप्या अपने पैन विवरण बैंक में अपडेट करा लीजिए.

कैसे खाता से लिंक करें अपना पैन

बैंकबाजार.कॉम के मुताबिक कोई भी एसबीआई ग्राहक ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से एसबीआई अकाउंट के साथ अपना पैन कार्ड लिंक करा सकते हैं.

इसके लिए आपको www.onlinesbi.com पर जाकर My Accounts ऑप्शन के नीचे Profile-Pan Registration पर क्लिक करना होगा.

यहां एक नया पेज खुलेगा.अगर आपका पैन खाता आपके बैंक खाते से पहले से ही लिंक है तो यह आपके स्क्रीन पर दिखाई देगा.

अगर आपका खाता पैन से लिंक नहीं है तो आपसे वो खाता नंबर मांगा जाएगा जिसको आपको अपने पैन कार्ड से लिंक करना चाहते हैं.

इसपर अपने खाता नंबर सलेक्ट करें और पैन नंबर को वहां दिख रहे विकल्प में भर दें. इसके बाद सबमिट कर दें. इस प्रक्रिया से आप अपने अकाउंट में पैन नंबर ऐड करा सकते हैं.

ऑफलाइन पैन कार्ड लिंक

अगर आप नेट बैंकिंग का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आप सीधे ब्रांच जाकर अपना पैन नंबर अपने खाता में अपडेट करा सकते हैं. वहां आपको एक पैन अपडेशन फॉर्म भरना होगा. जरूरी दस्तावेज के साथ पैन कार्ड की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी जरूर लगाएं. आपके बैंक खाते के साथ पैन को जोड़ने के सम्बन्ध में शाखा प्रबंधक को सम्बोधित किया हुआ एक आवदेन पत्र भी लगाएं. इस आसान प्रक्रिया के बाद आपके खाते से पैन नंबर लिंक हो जाएगा.

 

क्यों जरूरी पैन का खाता से लिंक होना

परमानेंट अकाउंट नंबर एक 10 डिजिट का कोड है, जिसे आमतौर पर पैन कहा जाता है, जिसका उपयोग व्यक्तियों या कंपनियों द्वारा आर्थिक लेन-देन करने के लिए किया जाता है और सरकारी छूटों (सब्सिडी) का भी लाभ उठाया जाता है.अगर आप अपने खाते से 50 हजार रुपये से ज्यादा की लेनदेन करते हैं तो इसके लिए आपका पैन नंबर लिंक होना जरूरी है. इसके अलावा इनकम टैक्स रिटर्न पाने के लिए भी पैन नंबर का अकाउंट के साथ लिंक होना चाहिए.

मोदी-आजाद की भावुकता में सियासी अटकलें तेज, पीएम ने गुलाम नबी को बताया अपना खास मित्र

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नई दिल्ली। आपसी वैमनस्य और व्यक्तिगत लाभ हानि की छवि में घिरती जा रही राजनीति और राजनेताओं का मंगलवार को एक नया रूप दिखा। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को विदाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत भावुक हो गए। सख्त छवि के प्रधानमंत्री बार-बार खुद को संभालते दिखे। जवाब में आजाद की आंखों में मोदी के लिए सम्मान दिखा। जाहिर तौर पर यह आपसी जुड़ाव था, लेकिन पिछले छह सात वर्षो में जिस तरह की तीखी राजनीति हो रही है उसमें इस क्षण को भी केवल भावुकता के बजाय राजनीति के चश्मे से देखा जाने लगा है। इसे इस बात से और बल मिला जब खुद प्रधानमंत्री ने आजाद के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि वे उन्हें निवृत्त नहीं होने देंगे।

प्रधानमंत्री मोदी और आजाद के भाषणों के छोटे छोटे पल बहुत कुछ कहते दिखे। जम्मू-कश्मीर गए गुजरात के पर्यटकों की आतंकियों द्वारा हत्या और तत्कालीन मुख्यमंत्री आजाद की ओर से प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने आजाद को मित्र करार दिया। उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री कई अवसरों पर दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई। खुद मोदी ने यह भी बताया कि आजाद से उनका परिचय मुख्यमंत्री बनने के पहले से रहा है। हालांकि बतौर मुख्यमंत्री आजाद का कार्यकाल महज ढाई तीन साल का था लेकिन इस काल में दोनों के बीच मित्रता बहुत गहरी हुई। उसका एक कारण संभवत: आतंकवाद भी हो सकता है क्योंकि जम्मू कश्मीर इससे लगातार जूझ रहा था और गुजरात में अक्षरधाम पर आतंकी हमले के बाद मोदी बहुत आहत थे।

मंगलवार की घटना ने दोस्ती पर जमी धूल की चादर को साफ कर दिया। मोदी ने साफ कर दिया कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य के रूप में वह रिटायर हो रहे हैं लेकिन मोदी के लिए उनकी अहमियत बरकरार है। वे उन्हें निवृत्त नहीं होने देंगे।

प्रधानमंत्री के दिलो दिमाग में क्या है इसका पता तो बाद में चलेगा लेकिन यह अटकल तेज हो गई कि आजाद प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कश्मीर के हालात सुधारने में सरकार की मदद कर सकते हैं। ध्यान रहे कि वर्तमान कांग्रेस के संभवत: सबसे पुराने व शीर्ष नेताओं में शामिल आजाद समेत दो दर्जन वरिष्ठ नेताओं पिछले कुछ वर्षो को न सिर्फ हाशिए पर खड़ा किया गया है कि बल्कि कुछ अवसरों पर तिरस्कार का भी सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के अंदर पुराने और युवा नेताओं की तकरार तेज है। इस कारण अधिकतर वरिष्ठ नेता आहत हैं।

आजाद के विदाई भाषण में इसका थोड़ा पुट भी दिखा जब उन्होंने कांग्रेस में आने के लिए इंदिरा गांधी के साथ साथ संजय गांधी का भी नाम लिया जो पार्टी में लगभग प्रतिबंधित हैं। फिलहाल बहुत कुछ भविष्य में छिपा है। लेकिन इससे इनकार करना मुश्किल है कि आजाद समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के अंदर कसमसाहट है। आजाद के प्रति मोदी का व्यक्तिगत अनुराग एक कैटेलिस्ट (उत्प्रेरक) का काम कर सकता है।

चमोली आपदा : तीसरे दिन भी बचाव और राहत कार्य रहा जारी, 32 लोगों के शव हो चुके बरामद

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“राफ्ट एवं मोटरबोट की सहायता से चल रहा है सर्चिंग अभियान, टनल में जाने के लिए बनाया जा रहा है रास्ता”

चमोली, उत्तराखण्ड़ के जनपद चमोली के रैणी तपोवन क्षेत्र में रविवार को आयी प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों का राहत, बचाव और खोज अभियान लगातार जारी है। आपदा के तीसरे दिन आज मंगलवार को 9 अन्य लापता लोगों के शव नदी किनारे अलग अलग स्थानों से बरामद किए गए।

 

जिला आपदा कन्टोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार रैणी और तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी मे 206 लोग लापता हुए थे जिनमें से अभी तक 32 लोगों के शव सर्च टीम ने खोजकर बरामद कर लिए है। इसके अलावा 9 मानव अंग भी मिले है। मंगलवार को रैणी क्षेत्र से 4, नंदप्रयाग के डिडोली व सैकोट के टैटूणा के पास एक एक शव बरामद हुए।
रैणी, तपोवन, जोशीमठ रतूड़ा, गोचर, कर्णप्रयाग ,रुद्रप्रयाग, श्रीनगर डेम जलभराव क्षेत्र, सहित अलकनन्दा नदी तटों पर अनेक स्थानों में सर्चिंग दस्ते शवों की तलाश कर रहे है।

 

जोशीमठ से रुद्रप्रयाग एवं रुद्रप्रयाग से श्रीनगर क्षेत्र में डीप डाइविंग टीम सर्चिंग कर रही है। श्रीनगर क्षेत्र में राफ्ट एवम मोटरबोट की सहायता से सर्चिंग की जा रही है।
टनल में रास्ता बनाया जा रहा है। जहां पर रात दिन रेस्कयू कर सुरंग से मलवा हटा कर रास्ता बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां पर टनल मे 35 से 40 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया घटना पर रेस्क्यू कार्यों की स्वयं मानिटरिंग कर रहे है।
लापता लोगों के बारे जानकारी के लिए जिला प्रशासन ने तपोवन घटना स्थल पर पूछताछ केंद्र भी स्थापित किया है।
वही तपोवन मे रेस्कयू कार्यो में जुटी पूरी टीम एवं तपोवन पहुंचे लापता लोगों के परिजनों के लिए जिला प्रशासन द्वारा राहत शिविर लगाकर जलपान एवं भोजन की व्यवस्था भी की गई है।

चमोली के सीमांत क्षेत्र मे आपदा से जिन गांवों से सडक संपर्क टूट गया है उन गांवों को फिर जोडने के लिए जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर वैली ब्रिज और ट्राली लगाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। इससे क्षेत्र के लोगों को जल्द राहत मिलेगी। नीति वैली में क्षतिग्रस्त जिओ टावर को भी सुचारू करने से क्षेत्र मे संचार सेवा भी बहाल कर दी गई है, जिला प्रशासन हैलीकॉप्टर से लगातार प्रभावित गांव क्षेत्रों में राशन किट, मेडिकल एवं रोजमर्रा की सामग्री पहुंचाने में जुटा है। राशन किट में 5 किलो चावल, 5 किलो आटा, 1 किलो चीनी, दाल, तेल , नमक , मसाले आदि राहत सामग्री बांटी जा रही है।
वही क्षेत्र मे इधर उधर फंसे लोगों को हैलीकॉप्टर को उनके गतंव्य तक भेजा जा रहा है। मंगलवार को जिला प्रशासन ने नीति वैली के 126 फंसे हुए लोगों को हैलीकॉप्टर से रेस्कयू कर उनके गंतव्य तक पहुचाया गया |

उत्तराखण्ड की किसी एक क्लासिक प्रेम कहानी पर जल्द फिल्म बनायेंगे निर्देशक जयप्रकाश शा

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उत्तराखंड़ फिल्म की शूटिंग के लिए उत्तराखंड़ पहली प्राथमिकता

देहरादून, उत्तरांचल प्रेस क्लब के तत्वावधान में रचनाकार, सैकड़ों टीवी सीरियल के पटकथा/संवाद लेखक, निर्देशक, शायर संदीप नाथ व फिल्मों के मशहूर निर्देशक जय प्रकाश शा का ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए ख्याति प्राप्त बॉलीवुड निर्देशक जय प्रकाश शा ने कहा कि उत्तराखंड उनकी पसंदीदा शूटिंग लोकेशन है और वे शूटिंग के लिए उत्तराखंड आये। उन्होंने घोषणा की कि वह बहुत जल्द उत्तराखण्ड की किसी एक क्लासिक प्रेम कहानी पर एक फिल्म बनाने जा रहे हैं। इनमें हीरो और हीरोइन उत्तराखण्ड के ही होंगे। शूटिंग भी उत्तराखण्ड में ही होगी ।

श्री जयप्रकाश शा की पहली फिल्म ‘साजन की बाहों में’ बनाई जिसके हीरो ऋषि कपूर थे। उन्होंने कई फिल्मी सितारों के साथ काम किया। छोटी उम्र में ही श्री जयप्रकाश डायरेक्टर बन गए थे। श्री जय प्रकाश ने कहा कि उत्तराखंड में शूटिंग के लिए जगह तलाश रहे है और यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि आज हम शूटिंग के लिए उत्तराखंड आये है। उत्तराखंड के कलाकारों को इसमें वरीयता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि तपिश, सौदा, धर्मात्मा, पूरब और पश्चिम जैसी मशहूर फिल्में बनाई। श्री जयप्रकाश ने कहा कि आज फिल्में जनेरेशन को देखकर बनाई जाती है। उन्होंने कहा कि पुराने गीतों के शब्दों में दम होता था।

इस अवसर पर शायर, निर्देशक और मशहूर फिल्मी गीतकार संदीप नाथ ने भी मीडिया को संबोधित किया। संदीप नाथ – चांद नजर आया (सांवरिया), कितने अजीब रिश्ते हैं यहां ( पेज 3), फैशन का है ये जलवा ( फैशन), सुन रहा है ना तू, रो रहा हूं मैं (आशिकी2) जैसे दर्जनों हिट गीतों, एल्बमों और फिल्मों में काम कर चुके हैं। उनके कुछ नए गीत आ रहे है। उन्होंने कहा कि एक गीतकार के तौर पर उन्हें गढ़वाली और कुमाऊनी लोकगीतों , धुनों में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि देहरादून से मेरा पुराना नाता रहा है और रहेगा।

इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन क्लब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नेगी व संचालन क्लब महामंत्री गिरिधर शर्मा ने किया। कार्यक्रम में प्रेस क्लब के कोषाध्यक्ष विकास गुसाईं, संयुक्त मंत्री राजू पुशोला, कार्यकारिणी सदस्य भगवती प्रसाद कुकरेती के साथ ही वरिष्ठ लेखक-कवि कुमार अतुल, क्लब के पूर्व महामंत्री संजय घिल्डियाल, पूर्व कोषाध्यक्ष प्रवीन बहुगुणा, सदस्य इन्द्रदेव रतूड़ी, शिव प्रसाद पैन्यूली, विनोद पुंडीर, राजेश बड़थ्वाल, सुभाष कुमार, किशोर रावत, करन दयाल आदि उपस्थित थे।

जोशीमठ : केन्द्रीय मंत्री सिंह ने लिया तपोवन क्षेत्र के स्थिति का जायजा, मिसिंग लोगों को तलाशने के कार्य तेजी लायें

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चमोली, उत्तराखंड के जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से आयी आपदा से रैणी एवं तपोवन क्षेत्र में हुए नुकसान का भारत सरकार में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया।

वही आपदा ग्रस्त क्षेत्र से लौटते हुए जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट पर मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रेस्कयू वर्क आईटीबीपी, आर्मी, एसडीआरएफ एनडीआरएफ एवं स्थानीय पुलिस द्वारा आपसी समन्वय के साथ किया जा रहा है।

बता दे कि उन्होंने कहा कि इस आपदा में कार्यरत एक विद्युत परियोजना पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है, जबकि तपोवन स्थित एनटीपीसी को भी काफी क्षति पहुँची है। वही उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हुए नुकसान के कारणों की इसरो की इमेजेज के आधार पर एनटीपीसीए टीएचडीसी एवं एसजेवीएनएल के पदाधिकारी भी अध्ययन करेंगे, इनकी एक टीम पैदल भी क्षेत्र को भ्रमण के लिये जायेगी।

साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी आपदाओं की पूर्व जानकारी के लिये जिन हिल स्टेट में एनटीपीसी आदि के पावर प्रोजेक्ट हैं वहां पर प्रोजेक्ट के साथ ही स्थानीय लोगों के व्यापक हित में अर्लि वार्निग सिस्टम प्रणाली उपलब्ध करायी जायेगी। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में भारी हिमपात के कारण उत्पन्न हिमस्खलन आदि की घटनाओं की पूर्व में जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।

ऐसे में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी इस त्रासदी में पानी एवं मलबे के तेज बहाव को रोकने में एनटीपीसी बैराज के मजबूत ढ़ांचे ने बड़ा काम किया अन्यथा पानी का यह आवेग राज्य के नीचे के क्षेत्रों में भारी तबाह का कारण बन सकता था। 2013 में जिस प्रकार पानी के बहाव को टिहरी बांध ने रोकने का कार्य किया उसी तरह इस बैराज ने भी पानी को रोकने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना में काफी लोग मिसिंग है। जिनमें एनटीपीसी के 91 तथा निजी कम्पनी के 44 लोग भी शामिल है, जितने लोग मिसिंग है उनको तलाशने का कार्य तेजी में किया जा रहा है। अब तक 20 शव बरामद किये जा चुके है। क्षेत्र के गांवों के भी कुछ लोग लापता है जिनमें 2 पुलिस वाले भी शामिल है।

आपको यह भी बता दे कि उन्होंने कहा कि मृतक आश्रितों को राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है जबकि एनटीपीसी के जो कार्मिक मिसिंग है जिनके जीवित होने की उम्मीद कम है, उनके परिवारों को ऊचाहार की दुर्घटना की भांति 20 लाख की आर्थिक सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि गांव के मिसिंग लोगों की कैसे बेहतर ढ़ंग से मदद की जाय इसकी भी योजना बनायी जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि प्रभावित गांव वालों को एनटीपीसी में यदि वे चाहेंगे तो उन्हें काम दिया जायेगा इसके अतिरिक्त सीएसआर के तहत भी पीडितों की मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी के टनलों को अभी लोडरों से डिसिल्ट किया जा रहा हैए उसमें और तेजी लाये जाने के लिए 5 स्लडी पंपो की व्यवस्था की जा रही है। इस दौरान सचिव ऊर्जा राधिका झा, पूलिस महानिदेशक अशोक कुमार, जिलाधिकारी चमोली सहित कई आला अधिकारी मौजूद रहें।

एम्स : कोविड-19 वैक्सीनेशन के तहत 3,554 हैल्थ केयर वर्करों को लगी वैक्सीन

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ऋषिकेश, एम्स में कोविड-19 वैक्सीनेशन के तहत अब तक कुल 3,554 हैल्थ केयर वर्करों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है। टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के उद्देश्य से कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में अलग-अलग 10 काउंटर स्थापित किए हैं।

देशभर में कोविड वैक्सीन के टीकाकरण की शुरुआत बीते महीने 16 जनवरी से हुई थी। एम्स ऋषिकेश में चलाए जा रहे कोविड टीकाकरण अभियान के तहत फैकल्टी, नर्सिंग ऑफिसर्स, तकनीशियन, सपोर्टिंग स्टाफ, सुरक्षाकर्मियों, सफाई कर्मी और संस्थान के अन्य कर्मचारियों को टीके लगाए जा रहे हैं। एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने टीकाकरण अभियान के बाबत बताया कि 16 जनवरी से अब तक संस्थान के 65 प्रतिशत से अधिक स्टाफ को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अभियान की शुरुआत में कोविड एरिया में ड्यूटी दे रहे फ्रंट लाइन हैल्थ केयर वर्करों का प्राथमिकता से टीकाकरण किया गया था। जबकि इसके बाद अब एम्स में कार्यरत अन्य कार्मिकों को भी चरणबद्ध तरीके से टीके लगाए जा रहे हैं। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक हैल्थ केयर वर्कर को पहले टीके के ठीक 28 दिन बाद दूसरा टीका लगाया जाना है।

एम्स के आयुष भवन में बनाए गए कोविड टीकाकरण केंद्र में इस अभियान को सफल बनाने के लिए कम्युनिटी एंड फेमिली मेडिसिन विभाग विशेष भूमिका निभा रहा है। सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सैना जी दैनिक तौर पर स्वयं इस अभियान की माॅनिटरिंग कर रही हैं। प्रो. वर्तिका सक्सैना ने बताया कि संस्थान में कुल 5,632 लोगों का स्टाफ कार्यरत है। जिनमें से अब तक 3,554 लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के उद्देश्य से कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में बीती 2 फरवरी से 10 अलग-अलग टीकाकरण काउंटरों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। जिससे कोविड नियमों का पालन करते हुए कम समय में अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा सके और टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कोविड वैक्सीन को पूरी तरह से भरोसेमंद और सुरक्षित बताया। बताया कि सभी लोग स्वैच्छा से कोविड वैक्सीन लगाने के लिए आगे आ रहे हैं। टीकाकरण अभियान के दौरान सीएफएम विभाग की डा. रंजीता कुमारी, डा. महेंद्र सिंह, डा. योगेश बहुरूपी, डा. अजीत भदौरिया आदि मौजूद थे।

स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत मुख्यमंत्री ने तीन स्मार्ट विद्यालयों का किया लोकार्पण, ओएनजीसी द्वारा दी गई बस को दिखाई हरी झंडी

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देहरादून, प्रदेश के मुखिया त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जीजीआईसी राजपुर रोड, देहरादून में स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत 03 स्मार्ट विद्यालयों का लोकार्पण किया। जिन स्मार्ट स्कूलों का लोकार्पण किया गया, उनमें जीजीआईसी राजपुर रोड, जीआईसी खुड़बुड़ा एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय खुड़बुड़ा शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ओएनजीसी द्वारा निगमित सामाजिक दायित्व के तहत जीजीआईसी राजपुर रोड को दी गई बस को भी हरी झण्डी दिखाई।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज के तकनीक के युग में स्मार्ट क्लासेज की महत्ता तेजी से बढ़ रही है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जिन तीन विद्यालयों का लोकार्पण किया गया है। इनमें बच्चों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इन विद्यालयों में स्मार्ट लैब एवं वर्चुअल क्लास के साथ ही शिक्षा के लिए अनेक नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। इन स्कूलों में एक-दूसरे से कनेक्ट करने की सुविधा भी उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 600 दुर्गम विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की व्यवस्था की गई है। राज्य के अनेक अस्पतालों में टेली रेडियोलॉजी एवं टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। साक्षरता के मामले में उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों में है। देहरादून जनपद लगभग पूर्ण साक्षरता की ओर बढ़ रहा है। प्रत्येक व्यक्ति का प्रयास होना चाहिए कि अपने आस-पास एक निरक्षर व्यक्ति को साक्षर करे। शिक्षा के क्षेत्र में भारत हमेशा अग्रणी रहा है।

इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम, सीईओ स्मार्ट सिटी/जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, सीडीओ देहरादून नितिका खण्डेलवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून आशा रानी पैन्यूली, प्रधानाचार्या जीजीआईसी राजपुर रोड प्रेमलता बौड़ाई, शिक्षिका मधु कुकशाल आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने किया करोड़ो की लागत की विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास

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देहरादून, मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मसूरी विधानसभा क्षेत्र के निवासियों को करोड़ों लागत की विकास योजनाओं की सौगात दी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने 2.37 करोड़ लागत के बीरपुर पुल का लोकार्पण करने के साथ ही कुल 31 करोड़ लागत की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने जिन अन्य योजनाओं का शिलान्यास किया उनमें 4.13 करोड़ की लागत से गढी कैंट में ओवरहैड टैंक, राइजिंग मैन एवं सप्लाई लाईन योजना, 4.16 करोड़ से मसूरी के गाड़ीखाना में टै्रचिंग ग्राउंड का सौन्दर्यीकरण कार्य, 1.44 करोड़ से वार्ड 12 किशन नगर के सिरमौर मार्ग स्थित लोकायुक्त गली में नलकूप निर्माण, 92.03 लाख की लागत से न्यू मिठ्ठी बेहड़ी में नलकूप निर्माण, 1.07 करोड़ से मसूरी में मुस्लिम कब्रिस्तान की चाहरदीवारी निर्माण, 19.36 लाख से गढ़ी कैंट के हवाघर डाकरा लिंक मार्ग पर स्थित कैण्टोमेंट पार्क का सौन्दर्यीकरण कार्य, 5 करोड़ से देहरादून किमाड़ी कम्पनी गार्डन मोटर मार्ग में सतह सुधार एवं सड़क सुरक्षा कार्य, 4.54 करोड़ से राजपुर से कुठालगेट, हाथीबड़कला से मालसी, पुरुकुल से मालसी, झड़ीपानी से बार्लोगंज मोटर मार्ग में सतह सुधार एवं सड़क सुरक्षा कार्य, 4.71 करोड़ से दिलाराम चौक से कुठालगेट तक सतह सुधार कार्य, 86.91 लाख से गढ़ी कैंट से नींबूवाला, आईएचएम तथा धोरण आईटी पार्क मोटर मार्ग में सतह सुधार का कार्य शामिल है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने मसूरी विधानसभा क्षेत्र के लिये अनेक घोषणाये भी कि जिनमें गढ़ी कैंट क्षेत्र में सामुदायिक भवन का निर्माण, कुठालगांव पेयजल योजन का सुदृढ़ीकरण, अनारवाला पेयजल योजना का सुदृढ़ीकरण, सेरकी-सिल्ला मोटर मार्ग (13 कि0मी0) का सुधारीकरण, चामासारी-लुहारीगढ़ मोटर मार्ग (06 किमी) बनाये जाने के साथ ही कालीदास रोड़ पुर्नगठन सीवर योजना की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत कितरली में 1.50 कि0मी0 सिंचाई गूल का निर्माण की भी घोषणा की।

गढ़ी कैंट स्थित शहीद दुर्गामल्ल योगा पार्क में आयोजित लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमारी सरकार विकास के लिये समर्पित है। राज्य के समग्र विकास के साथ ही भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा कि विकास योजनाये में हमारी जरूरत है। सडकां के विकास के प्रति भी हमारा विशेष ध्यान है। सडकें विकास का मानक तय करती है। आज विकास योजनायें निर्धारित समय से पूर्व तैयार हो रही है जिनमें कराड़ों की बचत भी राज्य सरकार को हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के विकास में राज्य सरकार के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। इसके लिये राज्य को 17 अवार्ड प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि योजनायें समय पर पूर्ण हो इसके लिये शिलान्यास करते समय ही उनके लोकार्पण का भी समय निर्धारित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने मसूरी विधायक श्री गणेश जोशी को जन समस्यों के प्रति जागरूक बताते हुए कहा कि पिछले चार साल में मसूरी क्षेत्र में 500 करोड़ की योजनायें स्वीकृत हुई हैं।

विधायक  गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके आर्शीवाद से मसूरी विधानसभा क्षेत्र में विकास ही विकास है। प्रेमनगर से बुरासखण्डा तथा सचिवालय से मसूरी तक कोई स्थान ऐसा नहीं है, जहां पर विकास कार्य न किये गये हों। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय गढ़ी कैंट की जनता द्वारा कहा जाता था कि हमें सिर्फ पानी चाहिए और मुख्यमंत्री रावत की स्वीकृति के बाद गढ़ी कैंट में नलकूप निर्माण हो चुका है और ओवरहैड टैंक का निर्माण होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मसूरी में गाड़ीखाना का सौन्दर्यीकरण सहित मुस्लिम कब्रिस्तान की चाहरदीवारी का कार्य भी किया जा रहा है। राजेन्द्र नगर एवं मिठ्ठी बेहड़ी की पेयजल समस्या भी हल होने जा रही है तथा 17 करोड़ की लागत से कई सड़कों का डामरीकरण किया जा रहा है।
इस अवसर पर छावनी परिषद की सीईओ तनु जैन, राज्यमंत्री टीडी भूटिया, पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु गुप्ता, जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुण्डीर, मण्डल अध्यक्ष राजीव गुरुंग, पूनम नौटियाल, महामंत्री सुरेन्द्र राणा, राहुल रावत, बेला गुप्ता सहित जलनिगम, जलसंस्थान, एमडीडीए, लघु सिंचाई, लोक निर्माण विभाग के अधिकारीगण तथा क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही।

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित गांव रैणी एवं लाता में स्थिति का जायजा लिया

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देहरादून, मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार सुबह आपदा प्रभावित सीमांत गांव रैणी एवं लाता जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को हर सम्भव सहायता के प्रति आश्वस्त किया। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिए कि कनेक्टीवीटी से कट गए गांवों में आवश्यक वस्तुओं की कमी न रहे। रविवार को तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी में जोशीमठ ब्लॉक के लगभग 1 दर्जन गांवों का सड़क से सम्पर्क टूट गया था।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आईटीबीपी अस्पताल में आपदा में घायल हुए लोगों से मिलकर उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से घायलों के ईलाज के बारे में जानकारी प्राप्त की।

गौरतलब है कि सोमवार देर सांय मुख्यमंत्री तपोवन जोशीमठ पहुंचे थे। वहां उन्होंने आपदा राहत कार्यों का जायजा लिया और राहत कार्यों में लगे सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस के जवानों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने सोमवार को ही देर सांय विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे रेस्क्यू आपरेशन की समीक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने तपोवन, जोशीमठ में ही रात्रि प्रवास किया था।

मंगलवार को भी सर्च व रेस्क्यू आपरेशन जारी रहा

चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के तीसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन पूरे दिनभर जारी रहा। आपदा मे सडक पुल बह जाने के कारण नीति वैली के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है उन गांवों में जिला प्रशासन चमोली द्वारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से राशन, मेडिकल एवं रोजमर्रा की चीजें पहुंचायी जा रही है। गांवों मे फसे लोगो को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री हैली से भेजी जा रही हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद 32 शव मिल गए हैं जबकि 174 लोग अभी लापता हैं। प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 190, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 04 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन, लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर, आदि मशीनें लगाई गई हैं। एक हेलीकाप्टर द्वारा एनडीआरएफ की टीम औश्र 03 वैज्ञानिकों को भेजा गया है। स्टैंडबाई के तौर पर आईबीपी के 400, आर्मी के 220 जवान, स्वास्थ्य विभाग की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 39 फायरमैन रखे गए हैं। आर्मी के 03 हेलीकाप्टर जोशीमठ में रखे गए हैं।

आपदा से 05 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। 13 गांवों में बिजली प्रभावित हुई थी, इनमें से 11 गांवों में बिजली बहाल कर दी गई है। शेष 2 गांवों में अभी लाईन क्षतिग्रस्त है। इसी प्रकार 11 गांवों में पेयजल लाईन क्षतिग्रस्त हुई थीं, इनमें से 8 गांवों में पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। शेष 03 पर भी काम चल रहा है।