Monday, June 23, 2025
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विभिन्न विभागों के स्तर पर लम्बित विद्युत देयों के लिये प्रक्रिया निर्धारण के दिये निर्देश: मुख्यमंत्री

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देहरादून । मख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में विद्युत विभाग की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार श्री नरेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा, सचिव वित्त श्रीमती सौजन्या, अपर सचिव एवं प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल एवं पिटकुल डॉ. नीरज खेरवाल, प्रबन्ध निदेशक यूजेवीएनएल श्री संदीप सिंघल के साथ ही निगमों के निदेशकों के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों में तैनात अधीक्षण अभियंता गण उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने ऊर्जा के तीनों निगमों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने को कहा ताकि राज्य की विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण व्यवस्था सुदृढ़ होने के साथ ही जनता को बेहतर बिजली व्यवस्था सुलभ हो सके। उन्होंने विद्युत लाइन लॉस में कमी लाये जाने के साथ ही प्रमुख शहरों में स्मार्ट मीटर व्यवस्था बनाये जाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के तीनों निगम एवं उरेड़ा राज्य की आय के भी आधार है। अतः इनमें बेहतर कार्य प्रणाली एवं कार्य कुशलता जरूरी है। उन्होंने तीनों निगमों की कार्य प्रणाली में गुणात्मक सुधार एवं पारदर्शी व्यवस्था के विकास हेतु बिजलेंस की व्यवस्था हेतु तीन पदों की स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही यूपीसीएल में आवश्यकतानुसार जे.ई की नियुक्ति किये जाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने आगामी कुम्भ मेले में निर्बाध विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के साथ ही पुरानी विद्युत परियोजनाओं के सुधारात्मक उपायों पर विशेष ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने एल.ई.डी. ग्राम लाइट योजना के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित करने हेतु बंगाल के दक्ष करीगरों की सेवायें लेने को कहा ताकि उनके स्तर पर और बेहतर उत्पादन हो सके तथा आर्थिक संसाधनों में और अधिक वृद्धि हो सके।

बैठक में सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा द्वारा प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों, कार्यों तथा ऊर्जा के तीनों निगमों एवं उरेडा के द्वारा कराये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों, उपलब्धियों तथा सुधारों की जानकारी देते हुए बताया कि ऊर्जा विभाग के निगमों एवं अभिकरणों में कार्मिकों एवं अधिकारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने हेतु प्रमुख निष्पादन सूचकांक (के.पी.आई.)के आधार पर मूल्यांकन व्यवस्था की गई है। रोजगार के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी बढ़़ाए जाने के दृष्टिगत सौर ऊर्जा, पिरूल एवं एल0ई0डी0 ग्राम लाईट योजना पर कार्य किया जा रहा है। विभिन्न पदों पर भर्ती के साथ ही निगमों के निदेशकों की भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता हेतु नीति बनाई गई है।

उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के संबन्ध में प्रस्तुतिकरण में श्रीमती राधिका झा द्वारा बताया गया कि निगम द्वारा वर्ष 2019-20 में 5088.88 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया गया जो कि न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह समाहित करते हुए निगम का अब तक का सर्वोच्च विद्युत उत्पादन है। साथ ही उन्होंने बताया कि निगम द्वारा राज्य को उसकी अंशपुजी पर रू0 40.01 करोड़ का लाभांश दिया गया है जोकि अभी तक का निगम द्वारा दिया गया सर्वोच्च लाभांश है। निगम द्वारा विभिन्न आर.एम.यू. एवं नई परियोजनाओं के निर्माण द्वारा विगत तीन वर्षों में अपनी उत्पादन क्षमता में 10.75 मेगावाट की वृद्धि की गई है।

उत्तराखण्ड पॉवर कॉरपोरेशन के बारे में सचिव ऊर्जा ने बताया कि निगम द्वारा विगत चार वर्षों में राजस्व वृद्धि की बढ़ोतरी हेतु विभिन्न उपाय किए गए हैं। इसके अंतर्गत विद्युत चोरी हतोत्साहित करने हेतु ऊर्जागिरी अभियान सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। साथ ही बिलिंग दक्षता में 4 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त की गई है एवं वर्ष 2020-21 में ए0टी0 एण्ड सी0 हानियों में भी कमी की गई है।

पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड के बारे में बताया गया कि विगत वर्षों में ट्रांसमिशन हानियां को विशेष प्रयासों द्वारा 1.71 प्रतिशत से कम कर 1.21 प्रतिशत तक लाने के साथ ही ट्रांसमिशन उपलब्धता में भी वृद्धि की गई है एवं पिटकुल द्वारा सरकार को लाभांश भी दिया गया है। उरेडा के बारे में प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि सौर ऊर्जा नीति के अन्तर्गत नई परियाजनाओं की स्थापना में विगत चार वर्षों में पिछली पंचवर्षीय योजना की तुलना में 215 प्रतिशत की वृद्धि हुई तथा वर्तमान में निर्माणाधीन परियोजनाओं के पूर्ण होने के उपरान्त 446 प्रतिशत की वृद्धि हो जायेगी।

सचिव ऊर्जा ने बताया कि अक्टूबर 2020 में प्रारम्भ की गई मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना-2020 के अंतर्गत अभी तक 114 परियोजनाएं आवंटित कर दी गईं। वर्ष 2018 में पिरूल नीति लागू कर कुल 1785 किलोवाट की 58 परियोजनाएं विद्युत उत्पादन हेतु एवं 4 परियोजनाएं ब्रिकेटिंग इकाइयों हेतु आवंटित की गईं। उन्होंने बताया कि 129.50 मेगावाट की विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण, विद्युत लाईनों को भूमिगत करने का कार्य तथा सबस्टेशनों के निर्माण के साथ ही स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों को पूर्ण करन के कार्यों हेतु लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।

विकासखण्ड स्तर पर खोले जायेंगे महाविद्यालय: डाॅ. धन सिंह

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देहरादून, उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकाॅल एवं दुग्ध विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज विधानसभा भवन स्थित सभा कक्ष में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में विकास खण्ड स्तर पर महाविद्यालयों की स्थापना, रोजगारपरक पाठ्यक्रम संचालित करना, शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर के रिक्त पदों को भरे जाने, राज्य सरकार एवं रूसा के अंतर्गत निर्माण कार्यों की प्रगति, 4जी नेटवर्क की वर्तमान स्थिति और नैक मूल्यांकन संबंधी बिन्दुओं की समीक्षा की गई।

सभी राजकीय महाविद्यालयों को वाई-फाई सुविधा से जोडे़ जाने का भी निर्णय लिया गया। जिसका प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासन को शीघ्र भेजा जायेगा। बैठक में राज्य के 44 महाविद्यालयों में स्ववित्तपोषित रोजगारपरक पाठ्यक्रम चलाये जाने का निर्णय लिया गया।

बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य के जिन विकासखण्डों में महाविद्यालय स्थापित नहीं हैं नए वित्तीय वर्ष में उन विकासखण्डों में महाविद्यालय स्थापित किये जायेंगे। इसके लिए निदेशालय शीघ्र शासन को प्रस्ताव भेजेगा। डा. रावत ने उच्च शिक्षा विभाग में समूह ‘ग’ के पदों पर भर्ती में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शीघ्र अधीनस्थ चयन सेवा आयोग से सम्पर्क कर पदों को भरने हेतु अधिकारियों को कार्यवाही के आदेश दिये।

रूसा एवं राज्य सेक्टर से निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा करते हुए विभागीय मंत्री ने शासन स्तर से शेष धनराशि शीघ्र जारी करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिये। नोडल अधिकारी रूसा डा. ए.एस. उनियाल ने बताया कि अभी तक विभिन्न संस्थानों से 141 करोड़ की यूसी प्राप्त हो चुकी है जो शीघ्र ही भारत सरकार को भेज दी जायेगी। डाॅ. रावत ने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को इसी माह से पूर्ण रूप से खोल दिया जायेगा जिसकी तिथि एक सप्ताह के भीतर घोषित कर दी जायेगी। आईटीडीए के निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि अब तक राज्य के 80 महाविद्यालयों को 4जी नेटवर्क कनेक्टीविटी से जोड़ दिया गया है। शेष महाविद्यालयों को मार्च तक इस सेवा से जोड़ दिया जायेगा।जबकि 30 अप्रैल तक सभी महाविद्यलयों को वाई-फाई कनेक्टीविटी से जोड़ दिया जायेगा।

बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंदबर्द्धन, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, सचिव प्रभारी सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विजय कुमार यादव, अपर सचिव उच्च शिक्षा एम.एम.सेमवाल, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. कुमकुम रौतेला, संयुक्त निदेशक प्रो. पी.के. पाठक, सलाहकार रूसा प्रो. एमएसएम रावत, प्रो. के.डी. पुरोहित, नोडल रूसा डाॅ. ए.एस. उनियाल, उप निदेशक उच्च शिक्षा एन.एस.बनकोटी, डा. ममता नैथानी, सहायक निदेशक गोविन्द पाठक, डा. रचना नौटियाल, डाॅ. विनोद कुमार, ब्योमकेश दुबे, शिव स्वरूप त्रिपाठी, डाॅ. प्रेम प्रकाश, डाॅ. राजीव रतन, डाॅ दीपक कुमार पांडे, डाॅ. डी.सी. गोस्वामी, जीएम रिलायंस जियो योगेश पाल सिंह, मैनेजर रिलायंस जियो अमर नाथ ठाकुर सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

उत्तराखण्ड़ में चमोली आपदा पर राज्यसभा में सांसद बलूनी ने रखी आपदा प्रबंधन तंत्र विकसित करने की मांग

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देहरादून। उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने आज राज्यसभा में शून्यकाल में उत्तराखंड के चमोली जनपद में आई आपदा पर अपना विषय रखा। उन्होंने हिमालय के बदलते स्वभाव और ग्लेशियरों के टूटने से अचानक आने वाली बाढ़ आपदा के संबंध में दीर्घकालिक अध्ययन कर उसके अनुरूप आपदा प्रबंधन का तंत्र विकसित करने की मांग की।

बलूनी ने कहा कि हाल के वर्षों में उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने, बादल फटने, भारी भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी है। मौसम का पूर्वानुमान बताने वाले डॉप्लर रडारों की उत्तराखंड में स्थापना हो रही है। दो डॉप्लर राडार स्थापित हो चुके हैं और एक पर काम चल रहा है।*
सांसद बलूनी ने कहा कि वे अर्थ साइंस मिनिस्ट्री से अनुरोध करना चाहते हैं कि आपदा की इन परिस्थितियों पर विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है, ताकि हिमालय और ग्लेशियरों के स्वभाव पर विस्तृत अध्ययन हो और राज्य का आपदाराहत तन्त्र उसी अनुरूप विकसित हो सके। यह अध्ययन उत्तराखंड ही नहीं देश दुनिया के लिए भी लाभदायक होगा।
अनिल बलूनी ने कहा कि सात फ़रवरी को उत्तराखंड के चमोली जनपद में केदारनाथ त्रासदी की तरह भयावह आपदा आयी, जिसके लिये अभी भी राहत कार्य जारी हैं।अनेक लोग लापता हैं, अनेक लोग हताहत हुए हैं। स्थानीय पावर प्रोजेक्टों को नुकसान हुआ है। ग्रामीणों के खेत, संपर्क मार्ग, पुल और अनेक सामुदायिक स्थलों का नामोनिशान मिट गया है।
बलूनी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जिस तरह तत्काल घटना का संज्ञान लिया और सारी मशीनरी आपदा प्रबंधन में सक्रिय हुई इसके लिए मैं उत्तराखंड की ओर से प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करना चाहूंगा।

कोरोना संक्रमण : प्रदेश में आज 35 मिले कोरोना संक्रमण के नये मामले, सात जिलों में नहीं मिला नया संक्रमित

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ में कोरोना संक्रमित मामलों के साथ मरीजों की मौत के मामलों में लगातार कमी आ रही है। बीते 24 घंटे में एक कोरोना मरीज की मौत और 35 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। सात जिलों में कोई नया संक्रमित मामला नहीं मिला है। कुल संक्रमितों की संख्या 96625 हो गई है। वर्तमान में 707 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।

राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को 7093 सैंपलों की जांच में कोरोना वायरस संक्रमण नहीं मिला है। छह जिलों में 35 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। देहरादून जिले में 20, नैनीताल में छह, हरिद्वार में पांच, चमोली जिले में दो, ऊधमसिंह नगर में एक और टिहरी जिले में एक संक्रमित मिला है। जबकि अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी जिले में कोई नया संक्रमित मामला नहीं मिला है।

प्रदेश में एक कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इसमें सिनर्जी हास्पिटल में एक मरीज ने इलाज के दौरान दमतोड़ा है। प्रदेश में अब तक 1674 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 110 मरीजों को इलाज के बाद घर भेजा गया है। इन्हें मिला कर 92873 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश की रिकवरी दर पहली बार 96.12 प्रतिशत हो गई है। जबकि सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण दर 4.37 प्रतिशत हो गई है।

तपोवन क्षेत्र आपदा- सर्च ऑपरेशन जारी आज शिव नंदी के पास मिला महिला का शव

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“प्रशासन की अपील ना करें मछलियों का सेवन हो सकती है गम्भीर बीमारियां”

(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग-चमोली के तपोवन क्षेत्र में ऋषिगंगा मे आयी भीषण आपदा में बहे शवो का मिलना लगातार जारी है आज सर्च आपरेशन के दौरान शिवनंदी के पास नदी किनारे घोड़े खच्चरों सहित एक महिला का शव मिला। रुद्रप्रयाग में अब तक सात शवों को खोज एंव बचाव टीम ढूंढने में कामयाब रही वहीँ अबतक मिले शवों मे से एक शव की शिनाख्त परिजनों द्वारा की गई।
आज सातवाँ शव जो एक महिला के रूप में मिला है, वह शिव नंदी और निरवाली गांव भैरवनाथ मंदिर के समीप मिला नदी के दोनों तरफ से सर्च अभियान डीडीआरएफ और एसडीआरएफ के द्वारा चलाया गया था जिसमें की घोड़े खच्चर और एक महिला का शव मिला है।

इससे पहले मिले छः शवों मे से यू.पी. निवासी सूरज कुमार (23) के शव की शिनाख्त उसके परिजनों द्वारा कर ली गयी है। रुद्रप्रयाग मोर्चरी में रखे एन.टी.पी.सी. तपोवन में कार्यरत सूरज कुमार पुत्र बेचू लाल निवासी भोलनपुर थाना तिकोनिया तहसील निघासम जिला लखीमपुर खीरी कि मृतक के चाचा सोहन लाल व अन्य परिजनों द्वारा शव की पहचान सूरज कुमार के रूप में की गयी है। जिस संबंध में उक्त व्यक्तियों से शपथ-पत्र (शिनाख्तनामा) भी भरवाया गया है।

इस बीच अलकनंदा में असंख्य मछलियों सहित जलीय जीव आपदा की भेंट चड़े है निचले स्थानो पर लोगों द्वारा नदी किनारे पड़ी मछलियों का सेवन लोगों द्वारा किया जा रहा है जिसे देखते हुये जिला प्रशासन द्वारा जनता से अपील की गई है कि वर्तमान समय में मछलियों का सेवन ना करें अन्यथा किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं
रुद्रप्रयाग-चमोली के तपोवन छैत्र में ऋषिगंगा मे आयी भीषण आपदा में बहे शवो का मिलना लगातार जारी है आज सर्च आपरेशन के दौरान शिवनंदी के पास नदी किनारे घोड़े खच्चरों सहित एक महिला का शव मिला। रुद्रप्रयाग में अब तक सात शवों को खोज एंव बचाव टीम ढूंढने में कामयाब रही वहीँ अबतक मिले शवों मे से एक शव की शिनाख्त परिजनों द्वारा की गई।

आज सातवाँ शव जो एक महिला के रूप में मिला है, वह शिव नंदी और निरवाली गांव भैरवनाथ मंदिर के समीप मिला नदी के दोनों तरफ से सर्च अभियान डीडीआरएफ और एसडीआरएफ के द्वारा चलाया गया था जिसमें की घोड़े खच्चर और एक महिला का शव मिला है।
इससे पहले मिले छः शवों मे से यू.पी. निवासी सूरज कुमार (23) के शव की शिनाख्त उसके परिजनों द्वारा कर ली गयी है। रुद्रप्रयाग मोर्चरी में रखे एन.टी.पी.सी. तपोवन में कार्यरत सूरज कुमार पुत्र बेचू लाल निवासी भोलनपुर थाना तिकोनिया तहसील निघासम जिला लखीमपुर खीरी कि मृतक के चाचा सोहन लाल व अन्य परिजनों द्वारा शव की पहचान सूरज कुमार के रूप में की गयी है। जिस संबंध में उक्त व्यक्तियों से शपथ-पत्र (शिनाख्तनामा) भी भरवाया गया है।

इस बीच अलकनंदा में असंख्य मछलियों सहित जलीय जीव आपदा की भेंट चड़े है निचले स्थानो पर लोगों द्वारा नदी किनारे पड़ी मछलियों का सेवन लोगों द्वारा किया जा रहा है जिसे देखते हुये जिला प्रशासन द्वारा जनता से अपील की गई है कि वर्तमान समय में मछलियों का सेवन ना करें अन्यथा किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं

फ्यूचर ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट एंड कोविड 19 विषय पर वेबिनार का आयोजन

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हरिद्वार 10 फरवरी (कुल भूषण )  गुरुकुल कांगरी समविश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्यन संकाय में अवोके इंडिया फाउंडेशन के साथ मिलकर ष्फ्यूचर ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट एंड कोविड.19 विषय पर एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया। प्रवीण द्विवेदी को विषय पर एक सत्र देने के लिए आमंत्रित किया गया था। द्विवेदी ने वित्तीय प्रबंधन और वित्तीय योजना प्रक्रिया के महत्व के बारे में जानकारी दी। ऑनलाइन आयोजित इस वेबिनार में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूप किशोर शास्त्री ने छात्रों में वित्तीय साक्षरता और जागरूकता के महत्व को समझाया।
फैकल्टी डीन प्रो0 वी के सिंह ने निवेश और प्रतिमान बदलाव पोस्ट कोविड .19 महामारी के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। इस ऑनलाइन विशेषज्ञ से बात करने के लिए संकाय की ओर से डॉ0 आशीष आर्य  ने प्रवीण द्विवेदी का धन्यवाद किया और सफल आयोजन के लिए समन्वयक व्योमकेश भट्ट को बधाई दी। इस कार्यक्रम में संकाय के सभी शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया। इस व्याख्यान में प्रो0 पंकज मदान, प्रो0 सुरेखा राणा ,प्रो0 बिंदू अरोड़ा,  प्रो0 पतिराज कुमारी  ,डॉ0 पूनम पैन्यूली, डॉ0 अनिल डंगवाल ,डॉ0 राजुल भारद्वाज ,डॉ0 आशीष आर्य ,डॉ0 मिथिलेश पांडे  डॉ0 मिहिर जोशी ,डॉ0 अमित अग्रवाल ,व्योमकेश भट्ट ,कपिल पांडे ने भाग लिया ।,

अवर अभियंता के साथ हुई अभद्रता को लेकर अधिशासी अभियंता से मिला प्रतिनिधि मण्डल

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हरिद्वार 10 फरवरी( कुल भूषण)  विद्युत विभाग द्वारा वसूली के दौरान पदार्था क्षेत्र में विभाग केे अवर अभिंयता मनोज कुमार सैनी के साथ हुए अभ्रता पूर्ण व्यवहार को लेकर उ.पा.जू.ई.ण्एशोसियशन ने अधिशासी अभियंता विण्विण्खंड रवि कुमार  लक्सर से मुलाकात कियाएतथा इस सम्बंध मे अग्रिम कारवाई हेतु आग्रह किया केन्द्रीय महासचिव संदीप शर्मा और प्रांतीय  अध्यक्ष   केण्डीण्जोशी ने कहा कि इस के माहौल मे हम किसी भी तरह से कार्य नही कर पायेंगेण्उन्होने कहा की कर्मचारियो के साथ भविष्य मेंइस प्रकार की घटना दुबारा न हो विभाग द्वारा इस दिशा में कदम उठाये जाने चाहिए
इस मौके पर मंडल अध्यक्ष सन्नी गोस्वामी ,मंडल सचिव नीरज सैनी, वित्त सचिव प्रियंका सैनी सहित संगठन   से जुडे विभिन्न सदस्य शामिल थेण्

तीन दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन

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हरिद्वार 10 फरवरी (कुल भूषण ) उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने किया ।  कुलपति प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा कि यह  पुस्तक प्रदर्शनी     छात्रों अध्यापकों ए शोधार्थियों साहित्य प्रेमियों के लिए अत्यंत लाभप्रद है।यह पहला अवसर है कि जब एक साथ देश के कौने कौने से प्रकाशक पुस्तकों के साथ  विश्वविद्यालय में आये हुए हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे अवसरों का लाभ हमें अवश्य उठाना चाहिए।   उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य की श्रेष्ठतम कृतियाँ पढ़ने का अवसर विश्वविद्यालय के द्वारा पहली बार उपलब्ध कराया गया है । कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने बताया कि पुस्तक प्रदर्शनी का उद्देश्य संस्कृत  साहित्य का प्रचार प्रसार तथा छात्रों में साहित्य के प्रति  जिज्ञासा पैदा करना है। प्रदर्शनी में देश के 24 से अधिक प्रकाशकों द्वारा  पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गयी है।
इस अवसर पर उत्तराखंड संस्कृत  अकादमी के उपाध्यक्ष प्रोफेसर प्रेमचंद शास्त्री ,संस्कृत भारती के प्रदेश संगठन मंत्री  योगेश विद्यार्थी, विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष ,डीन ,आचार्य सह आचार्य ,सहायक आचार्य, सहित विश्विद्यालय के कर्मचारीगण उपस्थित थे।,

बीएएमएस की दूसरी काउंसिलिंग का शिड्यूल जारी, निजी क्षेत्र के पतंजलि और हिमालयीय काॅलेज को मान्यता

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देहरादून, उत्तराखंड़ आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय ने बीएएमएस की दूसरी काउंसिलिंग का शिड्यूल जारी कर दिया है। यह काउंसिलिंग आॅनलाइन होगी। इसके लिए 16 फरवरी को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर मेरिट सूची जारी की जाएगी। इस बार अभी तक बीएएएमएस कोर्स कराने के लिए निजी क्षेत्र में दो प्रसिद्ध संस्थानों पतंजलि और हिमालयीय आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज को मान्यता मिल चुकी है।

उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ0 सुरेश शर्मा के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा 18 जनवरी, 2021 की तिथि वाली विज्ञप्ति में आंशिक संशोधन कर यूएयूसी यूजी की प्रथम चरण की रिक्त सीटों पर द्वितीय चरण की काउंसिलिंग का निर्धारण किया गया है। यह इस प्रकार है-9 से 14 फरवरी के बीच द्वितीय चरण की काउंसिलिंग के लिए आॅनलाइन रजिस्टेªशन किया जाएगा तथा फीस जमा की जाएगी। 16 को वेबसाइट पर मेरिट सूची जारी होगी। 17 और 18 फरवरी को च्वाइस भरी जाएगी। 21 को परिणाम घोषित होगा। 22 से 23 फरवरी के बीच आवंटित काॅलेज में छात्र को ज्वाइनिंग देनी होगी।

डाॅ0 शर्मा ने बताया कि माॅप-अप राउंड की काउंसिलिंग के तहत 24 फरवरी को आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन और फीस जमा होगी। 25 को मेरिट लिस्ट जारी होगी। 27 को उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में फिजिकल रिपोर्टिंग करनी होगी। इसी दिन काउंसिलिंग बोर्ड द्वारा सीटोें का आवंटन किया जाएगा। आवंटित काॅलेजों में ज्वाइनिंग देने की आखिरी तारीख 28 फरवरी निर्धारित की गयी है। माॅप-अप चरण की काउंसिलिंग की तिथियां अनंतिम यानी टेंटेटिव हैं। इसमें विश्वविद्यालय द्वारा संशोधन किया जा सकता है। इसके लिए अलग से सूचना दी जाएगी।

वहीं, इस बार अभी तक बीएएएमएस कोर्स कराने के लिए निजी क्षेत्र में दो प्रसिद्ध संस्थानों पतंजलि और हिमालयीय आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज को मान्यता मिल चुकी है।

मुख्यमंत्री ने की मोरी में डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा

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_ मोरी में तकरीबन 46 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

_ बोले, उत्तरकाशी जिले के लोगों में आगे बढ़ने का जज्बा, मनरेगा और स्वरोजागर योजना में जिला शीर्ष पर

मोरी/उत्तरकाशी। सूबे के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा पुरोला को करोड़ों की विकासपरक योजनाओं की सौगात दी। बुधवार को मुख्यमंत्री श्री रावत सीमांत तहसील मोरी पहुँचे, जहां उन्होंने 28 करोड़ 92 लाख की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं 17 करोड़ 45 लाख 47 हजार के विकास कार्यों का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने मोरी में राजकीय महाविद्यालय खोलने समेत कई घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने एसडीएम से कहा कि यदि कोई भवन उपलब्ध हो जाए तो आगामी शिक्षा सत्र से ही इस महाविद्यालय में शिक्षण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तरकाशी जिला सीमांत जरूर है लेकिन यहां के लोगों में आगे बढ़ने का जज्बा है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ उठाने में उत्तरकाशी नंबर एक पर रहा है। मनरेगा के तहत भी 100 दिन में सबसे अच्छा काम उत्तरकाशी जिले में हुआ है। हमारी सरकार ने मनरेगा का कार्यदिवस 100 से बढ़ाकर 150 किए हैं ताकि ऐसी ही मेहनत कश लोगों को इस योजना का और अधिक लाभ मिल सके। खुशी की बात यह है कि उत्तरकाशी जिले में सर्वाधिक 4882 लोग 100 दिन पूरे कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी खासकर यमुना वैली मोरी से उनका पुराना नाता है। मैं यहां अक्सर आता रहा हूं, इसलिए घाटी की समस्या से भलीभांति वाकिफ हूं। प्राथमिकता के आधार पर इलाके की समस्याओं का निदान होगा।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सड़कों से ही किसी क्षेत्र के विकास के रास्त् खुलते हैं। हमारी सरकार ने प्रदेश में सड़कों का जाल बछाने में फोकस किया। राज्य निर्माण के बाद 17 वर्षों के दौरान कुल जितनी सड़कें बनीं, हम अपने कार्यकाल में उस संख्या से महज 124 सड़क पीछे हैं। यानि हमने अपने चार वर्ष के कार्यकाल में उससे पूर्व के 17 वर्षों के लगभग बराबर ही सड़कों का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि अब पहाड़ी जिलों विशेषक सीमांत जनपदों में 127 पुलों के निर्माण के बजट स्वीकृत किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मोरी-नैटवाड़-सांकरी मार्ग के डामरीकरण, पेयजल योजना और बुराड़ी-पैसल मोटर मार्ग की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री th के साथ उच्च शिक्षा एवं जनपद प्रभारी मंत्री डॉ. धनसिंह रावत, विधायक विकासनगर मुन्ना सिंह चौहान, विधायक पुरोला राजकुमार, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसपी मणिकांत मिश्रा, ब्लाक प्रमुख मोरी बचन पंवार उपस्थित रहे।

लोकार्पण –

◼️मैन्द्रथ-भंकवाड़ मोटर मार्ग किलोमीटर 9 में 24 मीटर लौह सेतु के निर्माण कार्य लागत 142.23 लाख । ◼️ट्रांजिस्ट हॉस्टल पुरोला का निर्माण लागत 264.28 लाख।

◼️ट्रांजिस्ट हॉस्टल नोगांव का निर्माण लागत 264.28 लाख।

◼️रा.उ.मा विद्यालय भंकोली भवन सुदृढ़ीकरण कार्य लागत 68.36 लाख।

◼️रा.उ.मा विद्यालय गढ़ खाटल भवन सुदृढ़ीकरण कार्य लागत 61.04 लाख।

◼️खरसाड़ी से जीवाणु मोटर मार्ग स्टेज II निर्माण कार्य लागत 821.07 लाख।

◼️खरसाड़ी से जीवाणु मोटर मार्ग के किमी 2 में केदार नदी पर 30 मीटर स्पान स्टील गाडर सेतु का निर्माण लागत 198.13 लाख।

◼️ ग्राम खोदी लिवाड़ी के निकट सुपिन नदी पर 90 मीटर स्पान के पैदल सेतु का पुनःनिर्माण कार्य लागत 607.98 लाख।

◼️दिल्ली – यमुनोत्री मोटर मार्ग के रिखाऊ खड्ड से रिखाऊ गांव तक मोटर मार्ग का निर्माण कार्य लागत 464.63 लाख।

शिलान्यास –

◼️ देवजानी – घटटूगाड के सागली राटा तोक में क्षतिग्रस्त पैदल आरसीसी पुलिया का पुन:निर्माण 17.70 लाख।

◼️ देवती-ठडियार मोटर मार किमी एक में सुधार एवं डामरीकरण कार्य लागत 38.39 लाख।

◼️ गुंदियाटगांव से रामा मोटर मार्ग किलोमीटर 1 से 2 तक सुधार एवं डामरीकरण कार्य लागत 51.86 लाख।

◼️त्यूणी-पुरोला-नौगांव राज्य मार्ग संख्या 17 के किमी 84 में इंटर लॉकिंग टाइल्स एवं नाली निर्माण का कार्य 41.48 लाख

◼️ ढकाड़ा मोटर मार्ग में आरसीसी पुलिया निर्माण 28.05 लाख।

◼️ गुंदियाटगांव मोटर मार्ग के किमी 6 से 12 का हल्का वाहन मोटर मार्ग का चौड़ीकरण एवं डामरीकरण लागत 279.5 लाख।

◼️ सुनाली निचला देवरा मोटर मार्ग किमी एक में सुदृढ़ीकरण एवं डामरीकरण कार्य लागत 73.85 लाख।

◼️ प्राथमिक विद्यालय बीफ भवन निर्माण कार्य 24.77 लाख।

◼️ रा.उ.मा.विद्यालय देवजानी II मुख्य भवन निर्माण कार्य लागत 141.43 लाख।

◼️मुसई सट्टा किमी 7 से मसरी मोटर मार्ग स्टेज II एवं किमी एक पर 24 मीटर स्पान लौह सेतु निर्माण लागत 250.32 लाख।

◼️ कलासी से बिंगसारी मोटर मार्ग स्टेज II, लम्बाई 6.5 किमी के निर्माण कार्य लागत 331.38 लाख।

◼️ मैन्द्रथ-भंकवाड़ सड़क किमी 2.50 से बेगल मोटर मार्ग स्टेज II लम्बाई 6 किमी के निर्माण कार्य 333.07 लाख।

◼️ जखोल-लिवाड़ी मोटर मार्ग किमी एक में सूपिन नदी पर 54 मीटर स्पान स्टील गाडर सेतु का निर्माण कार्य 413.17 लाख।