चाईनीज मांझे का भंडारण करने पर होगी कार्यवाई
50 मीटर व्यक्तिगत शूटिंग स्पर्धा में हरिद्वार की पावनी नीरज गुप्ता ने जीता स्वर्ण पदक
महिलाओ ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा को सिद्व किया है प्रो धानेश्वर
इंडियन ऑयल के डीलरों को बेहद कम ब्याज दर पर वित्तीय समाधान उपलब्ध कराया जाएगा
देहरादून, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंकों में से एक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने आज इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ एक द्विपक्षी समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया जिसके तहत इंडियन ऑयल के डीलरों की वित्तीय जरूरतों को पूरा किया जाएगा। इस एमओयू के तहत पीएनबी ई-डीलर स्कीम के जरिये इंडियन ऑयल के डीलरों को शून्य मार्जिन और बेहद कम या बिना किसी जमानत के कम ब्याज दर पर कर्ज मुहैया कराया जाएगा।
वित्तीय जरूरतों को समझते हुए और बैंकिंग सुविधाओं को बेहद आसान बनाते हुए पीएनबी इलेक्ट्रॉनिक डीलर फाइनेंस स्कीम खासतौर पर इंडियन ऑयल के डीलरों के लिए तैयार की गई है। इसके तहत अधिकतम दो करोड़ रुपये तक का कर्ज शून्य मार्जिन पर लिया जा सकता है। साथ ही उन डीलरों से किसी तरह की जमानत या रेहण नहीं लिया जाएगा जिनके पास पांच साल या उससे अधिक समय से इंडियन ऑयल की डीलरशिप है। मौजूदा समय में इंडियन ऑयल के साथ मान्य डीलरशिप करार रखने वाले स्वामित्व, साझेदारी, एलएलपी, कंपनी और ट्रस्ट सोशायटी आदि भी इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं।
इस समझौते के अवसर पर पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य महाप्रबंधक, एमएसएमई डिवीजन, श्री राजीव पुरी ने कहा, “यह एमओयू इस मायने में बेहद महत्वपूर्ण है जब कोरोना महामारी के बाद बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के साथ देश की वृद्धि में अपना योगदान देने के लिए एमएसएमई क्षेत्र आगे बढ़ रहा है। पीएनबी सबसे अधिक विविधता और जरूरत के मुताबिक उत्पादों के साथ अपनी श्रेणी में बेहतरीन ई-डीलर स्कीम के तहत इंडियन ऑयल के साथ मिलकर जो पेशकश कर रहा है वह डीलरशिप के वित्तीय ढांचा में नए बदलाव का साक्षी साबित हो सकता है। अपनी श्रेणी में पहला ऐसा करार है जो भविष्य में जरूरत के मुताबिक वित्तीय उत्पादों को पेश करने की राह खोलेगा और पीएनबी 2.0 नीति को अलग दिशा देगा। ”
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Video: तपोवन डैम का ये खतरनाक वीडियो आया सामने, वर्करों की मौत का लाइव सीन, ऐसा था खौफनाक मंजर
चमोली। तपोवन डैम तबाह होने का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें ग्लेशियर टूटने के बाद बह रहे सैलाब से बचने के लिए जद्दोजहद साफ दिख रही है। करीब 8-10 वर्कर डैम पर फंसे हैं और सैलाब से बचने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। डैम टूटने से पहले ही सैलाब एक ऐसा झोंका आता है जिसमें वे खुद को बचा नहीं पाते और काल की गाल में समा जाते हैं।
#watch: Disturbing visual of 7 February of #Tapovan barrage when the river was flooded initially, watch last 40 seconds.
Some 8 to 10 workers falling due to water and mud.@ITBP_official @AsianetNewsEN #Uttarakhand pic.twitter.com/gViLJTP7gq
— Anish Singh (@anishsingh21) February 10, 2021
घटना का ये वीडियो रौंगटे खड़े कर देने वाला है। यही मलबा बहकर NTPC की ढाई किमी लंबी टनल में घुस गया। यहां 39 वर्कर्स के फंसे होने की सूचना है। टनल को साफ कर वर्कर्स तक पहुंचने का काम चौथे दिन भी जारी है। भीतर से मलबा और पानी इतना तेज बाहर आ रहा है कि उसे रोक पाना मुश्किल हो रहा है। वर्कर्स तक पहुंचने में ITBP, NDRF, SDRF की टीम पूरे जोश से रात-दिन काम कर रही है। अभी तक महज 130 मीटर तक टनल को साफ किया जा चुका है।
Amul latest advertisement showcases @ITBP_official team in rescue ops at #Tapovan tunnel.#ITBP@Amul_Coop pic.twitter.com/eoGznw69tq
— Anish Singh (@anishsingh21) February 10, 2021
VIDEO: जूनागढ़ के होटल में अचानक घुस आया शेर, केबिन में बैठे गार्ड ने जब देखा तो…
अहमदाबाद. गुजरात (Gujarat) के जूनागढ़ (Junagarh) से एक हैरतअंगेज वीडियो सामने आया है. जूनागढ़ के एक होटल के इस वीडियो में एक शेर छोटा सा बोर्ड फांदकर होटल में घुस जाता है और वहां घूमता दिखाई दे रहा है. हाईवे पर बने इस होटल में पास के ही जंगल से घुसा ये शेर थोड़ी देर यहां-वहां घूमने के बाद बिना कोई नुकसान किए वापस चला जाता है. ये पूरी घटना होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. जंगल के राजा की इस मॉर्निंग वॉक का वीडियो खूब वायरल (Video Viral) हो रहा है.
#WATCH | Gujarat: A lion was seen strolling at the premises of a hotel in Junagadh on February 8.
(Video source: CCTV footage) pic.twitter.com/4Dc86v8oZy
— ANI (@ANI) February 10, 2021
जानकारी के मुताबिक ये वीडियो 8 फरवरी की सुबह करीब पांच बजे का है. वीडियो में शेर होटल में यहां-वहां घूमता दिख रहा है कुछ मिनटों बाद वह एक छोटा बोर्ड फांदकर सड़क की तरफ जाता दिख रहा है. जहां से शेर फांद रहा है वहीं पर होटल के गार्ड का केबिन बना हुआ है. केबिन के अंदर बैठा गार्ड शेर को सामने देखकर उठ खड़ा होता है. आखिर में वह जंगल की ओर भाग जाता है. होटल में अलग-अलग जगह पर लगे सीसीटीवी कैमरे में ये पूरी घटना कैद हो गई.
बताया जा रहा है कि शेर का ये वीडियो जूनागढ़ रेलवे स्टेशन के पास बने होटल सरोवर पोर्टिको का है.
बता दें जूनागढ़ में शेरों का इस तरह चहल-कदमी करने का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जहां शेर हाईवे के बीचोंबीच बैठे दिख जाते हैं या फिर किसी गाड़ी के ऊपर चढ़ते दिख जाते हैं. पिछले कुछ समय से ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं जिसमें शेरों के गांवों के पालतू मवेशियों को अपना शिकार बनाया है.
अब Twitter को टक्कर देगा भारत का Koo App, पीयूष गोयल ने बनाया अकाउंट
नई दिल्ली, माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट Twitter इन दिनों अपने पक्षपातपूर्ण रवैये के चलते विवादों में है। इस बीच मेड इन इंडिया कू Koo एक चर्चा में है। आम यूजर ही नहीं बल्कि भारत सरकार भी ट्विटर से नाता तोड़ कर Koo से जुड़ रही है। हाल ही में किसान आंदोलन सहित कई मुद्दों पर भारत सरकार के साथ भी ट्विटर का टकराव सामने आया था। यह ऐप लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। बता दें कू ऐप पर कई लोकप्रिय लोगों ने अपने अकाउंट भी बना लिए हैं। इनमें से एक हैं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल। इन्होंने अपना अकाउंट कू ऐप पर बना लिया है और भी कई मंत्री एक एक कर अपना अकाउंट बना रहे हैं।
Koo App एक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट है। इस ऐप में वह सभी खूबिया हैं जो ट्विटर में थे। आसान भाषा में कहें तो Koo मेड इन इंडिया ट्विटर है। इसमें भारत की कुल 8 भाषाओं को शामिल किया गया है। कू को ऐप और वेबसाइट दोनों ही माध्यमों से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें शब्दों की अधिकतम सीमा 350 है।
Koo App की फंडिंग इंफोसिस के मोहनदास पाई की 3one4 कैपिटल की ओर से की गई। कू ने फंडिंग के रूप में 30 करोड़ रुपये जुटाए हैं। बता दें कि पिछले काफी समय से स्वदेशी ऐप व स्वदेशी प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। एक तरफ डेटा को लेकर व भारत सरकार द्वारा जारी आदेशों का पालन ट्विटर द्वारा नहीं किया जा रहा है। इसी कड़ी में कू ऐप भारतीयों के लिए नए विकल्प तैयार कर रहा है। कू ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर दोनों ही जगहों से डाउनलोड कर सकते हैं (साभार उत्तम हिन्दू न्यूज)।
किसान महापंचायत : प्रियंका बोली, कांग्रेस की सरकार आने पर वापस लिए जाएंगे कृषि कानून
लखनऊ, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो तीन कृषि क़ानून सरकार ने बनाए हैं, वो राक्षस रूपी क़ानून हैं, जो किसानों को मारना चाहते हैं। पहला क़ानून भाजपा के नेतृत्व के पूंजीपति मित्रों के लिए जमाखोरी के दरवाजे खोलेगा। बता दें कि प्रियंका गांधी को सुनने के लिए जनसैलाब उमड़ा है। जिसको देखकर कांग्रेस पार्टी के नेता काफी गदगद हैं और उन्होंने ट्विटर पर भीड़ का वीडियो भी साझा किया।
प्रियंका गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 16,000 करोड़ के 2 हवाई जहाज ले लिए और 20,000 करोड़ संसद के सुंदरीकरण में खर्च कर दिया लेकिन किसानों का बकाया 15,000 करोड़ आज तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि 56 इंच की छाती के अंदर एक छोटा सा दिल है जो केवल कुछ उद्योगपतियों के लिए धड़कता है।
उन्होंने कहा कि जाग जाइए, जिनसे आप उम्मीद रख रहे हैं ये आपके लिए कुछ नहीं करेंगे। अब आप समझ जाइए। जो आपसे ये बड़े बड़े वायदे करते है, उनके शब्द खोखले हैं। ये आपकी जमीन का आंदोलन है, आप पीछे मत हटिए। हम खड़े हैं, जब तक ये बिल वापस नहीं होते तब तक डटे रहिए।
इसी बीच प्रियंका ने किसानों से वादा किया कि कांग्रेस की सरकार आने पर सभी बिलों को वापस ले लिया जाएगा और आपको समर्थन मूल्य का पूरा दाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब सैकड़ों लोग इन्हीं सड़कों पर इन्हीं हाईवे पर नंगे पैर अपनी गांवों की ओर चले, तब कहां थी ये सरकार ? क्या सुविधा दी ? किस तरह से मदद की आपकी ? जिन लोगों के लिए ये काम करते हैं वो लोग आपकी परवाह नहीं करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को बताया विभाजित और भ्रमित’’ पार्टी, बोले- न खुद का भला…!
नयी दिल्ली, लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन नये कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए बुधवार को कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और उसे ‘‘विभाजित और भ्रमित’’ पार्टी करार देते हुए कहा कि वह न तो अपना भला कर सकती है और ना ही देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच सकती है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर यह हमला उस वक्त बोला, जब लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का वह जवाब दे रहे थे। कांग्रेस के सदस्य मोदी के भाषण के दौरान टोकाटोकी करने के कुछ समय बाद सदन से बहिर्गमन कर गए। कांग्रेस सदस्यों के इस रुख पर कटाक्ष करते मोदी ने कहा, ‘‘हम मानते थे की हिंदुस्तान की बहुत पुरानी पार्टी… कांग्रेस पार्टी… जिसने करीब-करीब छह दशक तक इस देश में शासन किया है.. उस पार्टी का यह हाल हो गया है कि पार्टी का राज्यसभा का तबका एक तरफ चलता है और पार्टी का लोकसभा का तबका दूसरी तरफ चलता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी विभाजित पार्टी…ऐसी भ्रमित पार्टी…न खुद का भला कर सकती है और ना ही देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच सकती है।’’ गौरतलब है कि राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यावाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में प्रधानमंत्री का जवाब पूरा होने के बाद सदन से बर्हिगमन किया था जबकि निचले सदन में पार्टी के सदस्य मोदी के जवाब के बीच में ही बर्हिगमन कर गये। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए विस्तार से अपने बातें रखीं वहीं लोकसभा में स्थितियां दूसरी हैं।
लोकसभा में प्रधानमंत्री ने जब कृषि कानूनों का जिक्र किया तो सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कुछ बार टोकाटोकी की। उनके जवाब के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब प्रधानमंत्री हंगामे के चलते कुछ देर अपनी सीट पर बैठ गए। प्रधानमंत्री नेचौधरी से स्वयं कई बार आग्रह किया कि वह टोकाटोकी ना करें। मोदी ने उनसे कहा, ‘‘आपकी बात जहां दर्ज होनी थी, वह हो गई है। अब आप सुनिए।’’
इसी बीच, चौधरी ने कुछ कहा जो कि हंगामे की वजह से सुना नहीं जा सका। थोड़ी देर बाद कांग्रेस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे को पार्टी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पर्दाफाश हो जाएगा। सत्य वहां पहुंच जाएगा तो उनका टिकना भारी हो जाएगा। इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है। लेकिन इससे कभी भी आप लोगों का विश्वास नहीं जीत पाओगे… मान कर चलो।’’
मोदी ने कहा कि कोरोना काल में लाए गए तीन कृषि कानून कृषि सुधार के लिए आवश्यक और महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं पहले जो व्यवस्थाएं थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या? कोई जवाब नहीं देता। नए कानून किसी प्रकार का बंधन पैदा नहीं करता बल्कि विकल्प देता है।’’ उन्होंने कहा कि इन कानूनों में पुरानी मंडियों के ऊपर भी कोई पाबंदी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, मंडियों को आधुनिक बनाने और अवसंरचना को सुधारने के लिए इस बार बजट की भी व्यवस्था की गई है। यह जो हमारे निर्णय है, वह सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की भावना के साथ लिए गए हैं।
उत्तराखंड़ चमोली त्रासदी : सुरंग में फंसे 197 श्रमिकों की तीसरे दिन भी तलाश जारी, 34 शव बरामद
चमोली, उत्तराखंड में रविवार को चमोली जिले की ऋषिगंगा में आई आपदा ने भारी तबाही मचाई है। इस हादसे में अब भी कई श्रमिक लापता हैं। राहत व बचाव कार्यों में जुटे सुरक्षा बल सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में कोई कमी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बुधवार शाम तक आपदा ग्रस्त क्षेत्र में से रेस्क्यू टीमों ने अभी तक 34 शव बरामद कर लिए हैं, जिनमें से 10 मृतकों क शिनाख्त हो गई है। चिंता की बात है कि आपदाग्रसत क्षेत्र में अभी भी 170 व्यक्ति लापता हैं। रेस्क्य कार्य में जुटे एनडीआरएफ,एसडीआरएफ,सेना, आईटीबीपी सहित बीआरओ के बहादुर जवानों की कोशिश लगातार जारी है।
लेकिन सुंरग के अंदर मलबा व गाद उनकी परेशानी कम करने का नाम नहीं ले रही है। रैणी-तपोवन त्रासदी में बिजली परियोजना की टनल में तीन दिन से फंसे लोगों को रेस्क्यू करना मुश्किल होता जा रहा है। टनल के अंदर मौजूद टनों मलबा बचाव कार्य में बाधा बन रहा है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी है। लेकिन टनल के अंदर के हालात ऐसे हैं कि फंसे लोगों तक पहुंचना चुनौती बना हुआ है। सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की ओर से नवीनतम तकनीक के साथ ही खोजी कुत्तों को भी सहारा लिया जा रहा है।
बरामद शवों के डीएनए सैम्पलिंग और संरक्षण के लिए राज्य एफएसएल की भी मदद ली जा रही है और सभी मानदंडों का पालन किया जा रहा है। बरामद शवों को मोरचरी कर्णप्रयाग, जोशीमठ और गोपेश्वर में रखा गया है। आपदा में लापता हुए लोगों की सूची एवं बरामद हुए शवों की पहचान के लिए अन्य राज्यों की पुलिस से भी लगातार सम्पर्क किया जा रहा है। शवों से मिले आभूषण, टैटू एवं अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर उन्हें सुरक्षित रखा जा रहा है। जनपद चमोली में स्थापित कन्ट्रोल रूम का नम्बर 01372-251487 एवं मोबाइल नम्बर 9084127503 है। अपनों की पहचान के लिए 86 परिजनों ने पुलिस के जारी व्हटसएप नंबर पर संपर्क साधा।
डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि सभी संबंधित व्यक्तियों को व्हटसएप से लापता लोगों की सूची व शवों की पहचान का लिए विवरण भेजा जा रहा है। इस प्रक्रिया से अब तक दो शवों की शिनाख्त हो चुकी है। आपदा में बरामद शवों के डीएनए सैंपलिंग और संरक्षण के लिए राज्य एफएसएल की मदद भी ली जा रही है। शवों को जोशीमठ, कर्णप्रयाग व गोपेश्वर मोर्चरी में रखा गया है। इनके शिनाख्त के लिए अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क किया जा रहा है। डीआईजी भरणे ने बताया कि शवों से मिले आभूषण, टैटू एवं अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कर सुरक्षित रखा जा रहा है।