Monday, June 23, 2025
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इस बैंक में है अकाउंट तो हो जाएं सावधान! RBI ने छह महीने तक लेन-देन पर रोक, आपका खाता तो नहीं, जानें सबकुछ

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मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महाराष्ट्र के नासिक स्थित इंडिपेन्डेन्स को-ऑपरेटिव बैंक लि. से पैसा निकालने पर रोक लगा दी है।

आरबीआई ने बयान में कहा कि हालांकि बैंक के 99.88 प्रतिशत जमाकर्ता पूर्ण रूप से ‘डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन’ (डीआईसीजीसी) बीमा योजना के दायरे में हैं। बीमा योजना के तहत बैंक का प्रत्येक जमाकर्ता अपनी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर जमा बीमा दावा रकम डीआईसीसी से प्राप्त करने का हकदार है।

निकासी पर पाबंदी छह महीने की अवधि के लियेः निकासी पर पाबंदी छह महीने की अवधि के लिये होगी। केंद्रीय बैंक ने कहा, ”बैंक की मौजूदा नकदी की स्थिति को देखते हुए, जमाकर्ताओं को बचत या चालू खाता अथवा अन्य किसी भी खाते से जमा राशि में से कोई भी रकम निकालने की अनुमति नहीं होगी।

कुछ शर्तों पर निर्भरः ग्राहक जमा के एवज में कर्ज का निपटान कर सकते हैं जो कुछ शर्तों पर निर्भर है।” आरबीआई ने बुधवार को कारोबारी समय समाप्त होने के बाद और भी कुछ पाबंदियां लगायी है। इसके तहत बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आरबीआई की पूर्व मंजूरी के बिना कोई भी कर्ज नहीं देंगे या नवीनीकरण नहीं करेंगे।

कोई निवेश भी नहीं करेंगेः इसके अलावा वे कोई निवेश भी नहीं करेंगे और न ही कोई भुगतान करेंगे। आरबीआई के अनुसार बैंक पाबंदियों के साथ अपना बैंकिंग कारोबार पहले की तरह करता रहेगा। यह पाबंदी वित्तीय स्थिति में सुधार तक रहेगी। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि वह परिस्थिति के हिसाब से निर्देशों में संशोधन कर सकता है।

बैंक ग्राहकों की शिकायतें 57 प्रतिशत बढ़कर 3 लाख से अधिक रही: आरबीआई रिपोर्ट

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि 30 जून, 2020 को समाप्त वर्ष में बैंक सेवाओं को लेकर शिकायतें 57 प्रतिशत उछलकर 3.08 लाख पहुंच गयी। ओम्बुड्समैन (लोक-प्रहरी) योजना पर अपनी सालाना रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कहा कि 20 प्रतिशत से अधिक शिकायतें एटीएम या डेबिट कार्ड से जुड़ी हैं। उसके बाद 13.38 प्रतिशत के साथ मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिग का स्थान हैं। निष्पक्ष आचरण संहिता (एफपीसी) का अनुपालन नहीं करना तीसरे स्थान पर है।

बिना नोटिस के शुल्क लगानाः रिपोर्ट के अनुसार क्रेडिट कार्ड, प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करना, बिना नोटिस के शुल्क लगाना, कर्ज से जुड़े मामले तथा भारतीय बैंक संहिता तथा मानक बोर्ड (बीसीएसबीआई) नियमों का अनुपालन नहीं करने से जुड़े मामले पिछले साल के मुकाबले बढ़े हैं।

2020 को समाप्त साल में बढ़कर 1,406 पहुंच गयीः इसमें कहा गया है कि प्रत्यक्ष बिक्री एजेंट (डीएसए) और वसूली एजेंटों से जुड़ी शिकायतें 2018-19 में 629 थी और 30 जून, 2020 को समाप्त साल में बढ़कर 1,406 पहुंच गयी। रिपोर्ट के अनुसार निपटान दर घटकर 92.36 प्रतिशत रही जो 2018-19 में 94.03 थी। इसका कारण एक तरफ शिकायतें बढ़ रही हैं जबकि उसका निपटान करने वाले कर्मचारियों की संख्या उतनी ही है।

दिल्ली व लखनऊ के बीच 14 फरवरी से दौड़ेगी तेजस एक्सप्रेस

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नई दिल्ली। लखनऊ-नई दिल्ली और अहमदाबाद-मुंबई अपने दोनों रूट्स पर 14 फरवरी से तेजस एक्सप्रेस फिर से शुरू होने जा रही है। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए आईआरसीटीसी ने स्टेशन पर ही तेजस एक्सप्रेस के टिकट मुहैया करवाने की व्यवस्था भी की है।

आईआरसीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक तेजस एक्सप्रेस सप्ताह में चार दिन यानी शुक्रवार, शनिवार, रविवार और सोमवार को चलेगी। 14 फरवरी को लखनऊ से दिल्ली और दिल्ली से लखनऊ की ट्रेन की ज्यादातर सीटें बुक हो चुकी हैं। इसी तरह मुंबई से अहमदाबाद और अहमदाबाद से मुंबई तेजस एक्सप्रेस की भी अधिकतर सीटें बुक हो चुकी हैं। दोनों ट्रेनों के लिए आईआरसीटीसी ने दो फरवरी से ही बुकिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने बताया कि स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी।

यहां से यात्री हर तरह की जानकारी ले सकेंगे। इसके अलावा अगर ट्रेन में कुछ सीटें रह जाती हैं तो स्टेशन पर ही यात्रियों को ट्रेन के टिकट मुहैया करवाए जाने की व्यवस्था भी की जा रही है। रेलवे बोर्ड ने नई दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस को 23 नवंबर 2020 और मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस को 24 नवंबर को बंद कर दिया था। उस दौरान तेजस एक्सप्रेस के बंद होने का कारण यात्रियों की संख्या में कमी बताया गया था। उस दौरान कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए तेजस एक्सप्रेस में सफर करने के लिए बहुत कम यात्रियों ने बुकिंग कराई, जिसकी वजह से ट्रेन का संचालन रद्द करने का फैसला लिया गया था। अक्टूबर 2019 में देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी।

यात्रियों को पहनना होगा फेस शील्ड, मास्क और ग्लव्स
आईआरसीटीसी अनुसार सभी यात्रियों को कोविड प्रोटोकॉल से जुड़े स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर का पालन करना होगा। कोई भी यात्री अपनी सीट किसी अन्य यात्री से बदल नहीं सकेंगे। यात्रियों के अलावा स्टाफ के लिए फेस कवर या फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा। ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को कोरोना किट मुहैया करवाई जाएगी। कोविड 19 सुरक्षा किट में एक बोतल, हैंड सैनिटाइजर, एक मास्क, एक फेसशील्ड और एक जोड़ी ग्लव्स होगा। कोरोना संक्रमण से बचा जा सके इसलिए यात्रियों को यात्रा के दौरान फेसशील्ड पहनना अनिवार्य होगी।

यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा। ट्रेन स्टाफ के मांगे जाने पर उन्हें एप में अपनी स्थिति दिखानी होगी। ट्रेन के पैंट्री कार के आसपास और टॉयलेट्स की समय-समय पर सफाई और डिसइंफेक्ट किया जाएगा। यात्रियों के सामान को भी इसके लिए नियुक्त कर्मचारी डिसइंफेक्ट करेंगे। वहीं उन सभी जगहों को लगातार डिसइंफेक्ट किया जाता रहेगा। जहां यात्रियों के छूने की गुंजाइश रहेगी। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए आईआरसीटीसी ने तेजस ट्रेनों के कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया है।

बॉलीवुड : वरद राज स्वामी निर्देशित ‘कबाड़ दि कॉइन” का पोस्टर और गीत हुआ रिलीज

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देहरादून, बॉलीवुड में उत्तराखंड़ के कई कलाकार अपने अभिनय के दम पर एक मुकाम कायम कर चुके हैं, फिल्म निर्माताओं को उत्तराखण्ड़ खूबसूरती भाने लगी हैं, इसी कड़ी फिल्म निर्माता और निदेशक शूटिंग के लिये यहां आने लगे हैं, बाॅलीवुड में फिल्म प्रोड्यूसर के रूप में अपनी दस्तक दे चुके ॠषिकेश के जाने माने कलाकार और एमबीएन इंटरटेंमेंट कंपनी एमडी बब्बन नेगी और मीना नेगी ने ‘ कबाड़ दि काइन’ फिल्म का पोस्टर और गीत रिलीज किये |

निदेशक वरद राज स्वामी के निर्देशन में बनी इस फिल्म के पोस्टर और गीत भानियावाला के अठुरवाला में ख्वाजा मोहित वर्मा ने एक सादे समारोह में जनता को समर्पित किये जिसका उपस्थित लोगों ने स्वागत और संगीत का दिल खोलकर आनन्द लिया | इस अवसर पर ख्वाजा मोहित वर्मा ने कहा यह बड़े हर्ष का विषय है कि उत्तराखण्ड़ के इस कलाकार ने संघर्ष के बीच बॉलीवुड में अपना स्थान बनाया, मेरा आर्शीवाद हमेशा बब्बन के साथ है |

लगभग सात करोड़ की लागत से बनी फिल्म ‘कबाड़ दि काइन’ की अवधि 2 घंटे 10 मिनट की है जिसमें तीन गीत हैं जिन्हें कैलाश खेर, सुनिधी चौहान, अंकित तिवारी और शाशा चतुर्वेदी ने गाये हैं | फिल्म एक ऐसे नौजवान की कहानी है जो हर मुश्किल में रहते हुये अपने जीवन में संघर्ष करते हुये कई उतार चढ़ाव को देखता है | फिल्म का संगीत मधुर है और सोशल मीडिया पर अपनी जबरदस्त धमाल मचा रहा है | फिल्म में विवान शाह, जोया अफरोज, अतुल श्रीवास्तव, अभिषेक बजाज, भगवान तिवारी,यशाधीरी मऊसकर मुख्य भूमिका में नजर आयेंगे |

फिल्म के लेखक शहजाद अहमद हैं | इस अवसर प्रोड्यूसर बब्बन नेगी ने कहा कि वे जल्द ही उत्तराखण्ड़ में अपनी अगली फिल्म की शूटिंग करेंगे जिसमें स्थानीय कलाकारों को भी अभिनय का मौका मिलेगा | कांग्रेस के पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट और सामाजिक नेत्री हेमा बोरा ने भी अपने विचार व्यक्त किये | फिल्म की पूरी शूटिंग मुम्बई में ही की गई जबकि क्यूलैब अंधेरी में फिल्मांकन और डबिंग का कार्य किया गया, फिल्म का संगीत मधुर और कर्णप्रिय है |

 

अति संवदेनशील गांवों के प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को मुख्यमंत्री ने दी हरी झंडी

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देहरादून , चार जिलों में आपदा के दृष्टिगत अत्यधिक संवेदनशील प्रभावित परिवारों को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन और पुनर्वास की अनुमति दी है। इसके लिए आपदा प्रबंधन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार मानक मदों के अनुसार धनराशि भी जारी करने की मंजूरी दी है।

टिहरी जिले के अत्यधिक संवेदनशील ग्राम बेथाण नामे तोक के चार प्रभावित परिवारों के विस्थापन-पुनर्वास नीति के तहत विस्थापित करने के राज्य स्तरीय पुनर्वास समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। इसके तहत चार परिवारों को नए स्थान पर पुनर्वास किया जाना है। इन परिवारों के भवन निर्माण, गौशाला निर्माण और विस्थापन भत्ता के लिए मुख्यमंत्री ने 17 लाख की धनराशि की संस्तुति की है।

इनमें से दो परिवार वर्तमान में संयुक्त रूप से एक ही मकान में रहते हैं लेकिन विस्थापन में इन्हें अलग-अलग पुनर्वास की सुविधा मिलेगी।
बागेश्वर जिले के तहसील कपकोट के अंतर्गत अत्यधिक संवेदनशील ग्राम मल्लादेश के चार परिवारों के आवासीय भवनों को खतरा उत्पन्न होने के कारण पुनर्वास किए जाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। जिलाधिकारी बागेश्वर की ओर से 2018 की बरसात के दौरान इन परिवारों के मकान अतिवृष्टि और भूस्खलन के कारण अत्यधिक संवेदनशील की श्रेणी में आ गए थे। पुनर्वास नीति,2011 के अनुसार शासन को भेजे प्रस्ताव पर राज्य पुनर्वास समिति की बैठक में मुहर लग चुकी है।

चमोली जिले के तहसील थराली के आपदा प्रभावित अति संवेदनशील ग्राम फल्दिया गांव के 12 परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किए जाने के लिए 51 लाख की धनराशि के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। इसमें पुनर्वास नीति के तहत मानक मदों के अनुसार प्रति परिवार भवन निर्माण के लिए 4 लाख रुपए, गौसाला निर्माण के लिए 15 हजार तथा विस्थापन भत्ता 10 हजार रुपए की संस्तुति की गई है।

चमोली जिले के ही तहसील गैरसैंण के आपदाग्रस्त ग्राम सनेड लगा जिनगोडा के प्रभावित परिवार के पुनर्वास के प्रस्ताव को भी उचित पाया गया। राज्य आपदा पुनर्वासन समिति की बैठक में पहले ही इस पर अनुमोदन दिया गया है। मुख्यमंत्री ने भी इस प्रस्ताव को सहमति देते हुए प्रभावित परिवार को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने की संस्तुति दी है।

उत्तरकाशी के तहसील डूंडा के अत्यंत संवेदनशील ग्राम अस्तल के 30 प्रभावित परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 1 करोड़ 25 लाख 10 हजार की राशि के प्रस्ताव पर सहमति दी है। पुनर्वास नीति के तहत प्रति परिवार भवन निर्माण के लिए 4 लाख, गौशाला निर्माण के लिए 15 हजार और विस्थापन भत्ता 10 हजार रुपए दिया जाएगा।

15 भूकंप सेंसर के लिए 45 लाख की मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के सहयोग से भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के संचालन पर होने वाले व्यय के लिए 45 लाख जारी करने पर सहमति दी है। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव एस.ए. मुरूगेशन की ओर से इसका जीओ भी जारी कर दिया गया है।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा गया था। राज्य में भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के क्रियान्वयन के लिए भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान रुड़की द्वारा 15 भूकंप सेंसर लगाए गए थे। जो वर्तमान में खराब हो गए हैं। इन्हें बदलने के लिए 45 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसमें यह साफ किया गया है कि इस धनराशि का गलत उपयोग होने पर निदेशक आईआईटी रुड़की का उत्तरदायित्व होगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने किया सीएम की घोषणा पर पलटवार

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देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री की उस घोषणा पर पलटवार किया है जिसमें मुख्यमंत्री ने जनपदवार विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्यो का निर्णय लिया हैै। पार्टी प्रदेश मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि इन चार वर्षो में कोई विकास किया ही नहीं तो ऐसे में समीक्षा किसकी होगी। प्रीतम सिह ने कहा कि सरकार का गठन 2017 में हो गया था उसके बाद 2018 आया 2019 आया 2020 भी चला गया इन चार सालों में सरकार सोई रही और अब विदाई का वक्त आया है तो सरकार को समीक्षा करने की याद आई है। लेकिन इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है। प्रीतम सिह ने चुटकी लेते हुए कहा कि शायद हाल ही में हुए सर्वे जिसमें मुख्यमंत्री पहले पायदान पर बाजी मारने में सफल हुए।

उसका गहरा असर मुख्यमंत्री पर हुआ है। प्रीतम सिंह ने कहा जिस सरकार के कामकाज से सत्तापक्ष के मंत्री और विधायक सन्तुष्ट नहीं हों उससे विपक्ष कैसे सन्तुष्ट कैसे हो सकता है। यदि सरकार ने कुछ किया हो तो हम भी गिनाते कि सरकार ने प्रदेश को कुछ सौगात देने का काम किया है। लेकिन यह सरकार तो भ्रष्टाचार में नम्बर एक, किसानों से झूठे वादे करने में न0 एक, शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार का झुनझुना पकड़ाने में न0 एक और मुख्यमंत्री भी न0 एक हैं। प्रीतम सिंह ने सरकार की समीक्षा बैठक को दिखावा एवं जुमला करार करते हुए कहा कि यह समीक्षा बैठक भी एक मृगतृष्णा है। पिछले चार वर्षो से लचर स्वास्थ्य सेवाओं से जूझ रही उत्तराखण्ड की जनता अब सत्ता परिवर्तन का मन बना चुकी है।

बेरोजगारों को जिस तरह से सरकार ने रोजगार के नाम पर छला है उससे उत्तखण्ड के युवा वर्ग में भारी आक्रोष व्याप्त है। किसानों के साथ काले कानूनों की आड़ में जो कुठाराघात हो रहा है वह अब देशव्यापी आन्दोलन का रूप ले चुका हैं। गरीब जनता को महंगाई और भ्रष्टाचार की चक्की में पीसने के बाद अब सरकार को समीक्षा करने की सुध आई है। इतने लम्बे समय तक सरकार ने ना पूरे प्रदेश की उधड़ी हुई सड़कों की सुध ली और ना ही शिक्षा और स्वास्थ्य की ओर ध्यान दिया अगर सरकार का सारा ध्यान केन्द्रीत था तो वह अपनी सरकार के मंत्रियों विधायकों और अधिकारियों के सिर फुट्व्वल पर था। ऐसे में सरकार विधानसभावार विकास कार्यों की समीक्षा करने की नाट्क नोटंकी करके उत्तराखण्ड की बुद्वीजीवी जनता को भ्रमित करने का प्रयास ना करे।

सिंचाई नहर निर्माण में हुई करोड़ों की अनियमितता के मामले में सीएम ने दिए जांच के निर्देश

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार और रुद्रप्रयाग जिले में सिंचाई नहर निर्माण में हुई करोड़ों की अनियमितता के मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। इस पर सचिव सिंचाई की ओर से तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। नाबार्ड के माध्यम से रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लाक में ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि के अंतर्गत 18 किलोमीटर लंबी लस्तर बायें नहर निर्माण परियोजना के लिए 9.84 करोड़ की मार्च, 2012 में स्वीकृति दी गई थी।

इसके सापेक्ष पाइपों पर खर्च 2.42 करोड़ की राशि निष्कि्रय व्यय किए जाने व परियोजना के अन्य घटकों पर 46.31 लाख का निष्फल व्यय किए जाने में अनियमितता की शिकायत शासन के पास आई थी। इस पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद सिंचाई विभाग के संयुक्त सचिव जे.एल. शर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है।

इसमें सिचांई विभाग के मुख्य अभियंता जयपाल सिंह और वित्त नियंत्रक कविता नाम्बियाल को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी दो सप्ताह में इन अनियमितताओं की प्रारंभिक जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। हरिद्वार के लक्सर मे विकासखंड में स्थित सुभाषगढ़ सिंचाई नहर की निर्माण के लिए एआईवीपी के अंतर्गत 695.98 लाख की स्वीकृति दी गई थी। योजना में प्रस्तावित कार्यों के सापेक्ष किए गए भौतिक कार्यों का लाभ किसानों को नहीं मिल सका। यानी नहर निर्माण के बावजूद किसानों को पानी नहीं मिल सका। इस शिकायत पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच बिठाई गई है। शर्मा की अध्यक्षता वाली कमेटी को ही यह जांच दी गई है। उनसे दो सप्ताह में प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट मांगी गी है।

11 शवों और मानव अंगों का किया अंतिम संस्कार

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चमोली। जिले के तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे के बाद लापता चल रहे व्यक्तियों की तलाश का अभियान गुरुवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। एसएसबी ग्वालदम, पुलिस-प्रशासन एवं आइटीबीपी के जवानों की टीम नंदप्रयाग, कालेश्वर, लंगासू, कर्णप्रयाग संगम, बमोथ, गलनाऊं, सारी, जलेश्वर के नदी तट के किनारे शवों की तलाश में लगे हुए हैं। उधर, 72 घंटे बाद भी पहचान न होने पर 11 शवों और मानव अंगों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

तहसीलदार सोहन सिंह रांगड़ ने बताया कि बुधवार व गुरुवार को अलकनंदा से बरामद शवों को कर्णप्रयाग मोर्चरी में रखा गया है। बताया जिन शवों को 72 घंटे से अधिक समय हो गया है, उनका डीएनए सैंपल लेने के बाद शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इस क्रम में गुरुवार को पोखरी पुल के समीप अलकनंदा नदी तट पर मोर्चरी में 72 घंटे से रखे चार अज्ञात शवों एवं सात मानव अंगों का अंतिम संस्कार किया गया। अब मोर्चरी में बुधवार शाम व गुरुवार को गलनाऊं से बरामद दो शव हैं, जिसमें से एक शव अधिक पुराना लग रहा है। 72 घंटे तक शव की शिनाख्त न होने पर डीएनए जांच के उपरांत दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।

आपदा में पशुओं को भी हुआ नुकसानः प्रशासन आपदा में मारे गए मवेशियों के आकलन में जुटा हुआ है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि अभी तक जुआग्वाड़ में 180 बकरियां व पैंग गांव में चार खच्चरों के लापता होने की बात सामने आई है।

रोडवेज बस व स्विफ्ट कार की जोरदार भिड़ंत

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अल्मोड़ा। जैनल देघाट मोटर मार्ग के चचरोटी के समीप उत्तराखंड परिवहन निगम की बस तथा स्विफ्ट डिजायर टैक्सी की जोरदार भिड़ंत हो गई। इससे डिजायर गाड़ी को काफी नुकसान पहुंचा है। दोनों गाड़ियों में बैठी सवारियां बाल-बाल बचीं। दोनों वाहन चालकों में आपसी सुलह हो गया है।

गुरुवार को सुबह दिल्ली से देघाट को आ रही उत्तराखंड परिवहन निगम की बस जैसे ही चचरोटी के पास पहुंची उसी समय विपरीत दिशा से आ रही स्विफ्ट डिजायर गाड़ी आमने सामने हल्के मोड़ पर अचानक से भिड़ गई। हालांकि दुर्घटना में किसी भी यात्री को ज्यादा चोटें नहीं पहुंची हैं। वहीं जानकारी मिलते ही राजस्व उपनिरीक्षक प्रकाश चंद्र मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया परिवहन निगम की बस यूके 07टीए 4182 तथा स्विफ्ट डिजायर यूपी 16 जीटी 4497 से आमने-सामने टकरा हुई है। दोनों वाहनों में बैठी सवारियां सुरक्षित हैं। प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है यदि पचास मीटर आगे या पीछे वाहन टकराते तो किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था।

 

नियमों के उल्लंघन पर 27 लोगों पर कार्रवाई

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अल्मोड़ा। पुलिस ने विभिन्न नियमों के उल्लंघन पर 27 लोगों पर चालानी कार्रवाई करते हुए 8200 का जुर्माना वसूला। सघन चेकिंग अभियान के तहत पुलिस ने कुल 16 वाहन चालकों के खिलाफ यातायात के नियमों के उल्लंघन पर चालान कर नकद जुर्माना वसूला है। जबकि एक कैंटर चालक को बगैर ड्राइविंग लाइसेंस और बगैर कागजात के कैंटर में ओवर लोड सामग्री ले जाते हुए पकड़ा। कैंटर को सीज करते हुए चालान न्यायालय को भेज दिया। इसके अलावा थानाध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि सार्वजनिक स्थलों में धूम्रपान करने के आरोप में 2 लोगों के खिलाफ कोटपा अधिनियम के तहत कार्रवाई कर उनसे नकद जुर्माना वसूला गया है। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ संक्रामक महामारी अधिनियम के तहत चालानी कार्रवाई की।

फैटी जे रहा ‘रेप बैटल’ का विजेता प्रसिद्ध रैपर्स बाली और फोट्टी सेवन के लिए करेगा दून में परफॉर्म

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देहरादून , शहर में रैप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, आज देहरादून के बियरटेल्स में युवा आकांक्षी रैपर्स के लिए एक ‘रैप बैटल’ का आयोजन किया गया। ‘रेप बैटल’ में कुल 42 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

श्रील एनपी नौटियाल, जिन्हें उनके स्टेज नाम फैटी जे से जाना जाता है, प्रतियोगिता के विजेता के रूप में उभरा। उपविजेता का स्थान पुणे के अज़ान आलम द्वारा हासिल किया गया, जिन्हे उनके मंच नाम ऐ ज़ेड एन से जाना जाता है।

उल्लेखनीय है कि फैटी जे को लोकप्रिय रैपर्स बाली और फोट्टी सेवन के लिए शो को ओपन करने का मौका मिलेगा, जो वेलेंटाइन डे के उपलक्ष में 13 फरवरी की शाम देहरादून में लाइव प्रदर्शन करेंगे।

इस शो को मार्केटिंग डायरेक्टर बियरटेल्स विवेक कृष्णा और लोकप्रिय रेडियो जॉकी गौरव द्वारा जज किया गया।

रैप बैटल की शुरुआत स्क्रीनिंग राउंड के साथ हुई, जिसमें प्रतिभागियों को मौलिकता, प्रवाह और विषय के आधार पर आंका गया। इसके बाद ट्रैक राउंड हुआ, जिसमें प्रतिभागियों को उनके संगीत, गीत और प्रदर्शन पर आँका किया। अंत में दो रैपर्स के बीच फाइनल फेस ऑफ राउंड आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का एक मुख्या आकर्षण उत्तर भारत के प्रसिद्ध रैपर विवेक अरोड़ा उर्फ करमा द्वारा रैप प्रस्तुति रहा।

इस अवसर पर बोलते हुए, विवेक कृष्णा ने कहा, “देहरादून के युवाओं की छिपी संस्कृति और प्रतिभा को देखने और बढ़ावा देने के लिए इस रैप बैटल का आयोजन किया गया। यह एक हिप-हॉप संगीत से भरा कार्यक्रम था जो आमतौर पर अन्य कार्यक्रमों में देखने को नहीं मिलती है।”

आगे बताते हुए, विवेक ने कहा, “वेलेंटाइन डे मनाने के लिए हम 13 फरवरी को बियरटेल्स में एक विशेष हिप-हॉप संगीत संध्या का आयोजन करेंगे। शाम को लोकप्रिय रैपर्स बाली और फोट्टी सेवन द्वारा रैप प्रदर्शन देखा जाएगा, जो प्रसिद्ध बॉलीवुड सिंगर और रैपर बादशाह के साथ प्रदर्शन करने के लिए जाने जाते हैं। यह दूनाइट्स के लिए अपनी तरह की एक संगीतमय शाम होगी।”