तीन दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन
बीएएमएस की दूसरी काउंसिलिंग का शिड्यूल जारी, निजी क्षेत्र के पतंजलि और हिमालयीय काॅलेज को मान्यता
देहरादून, उत्तराखंड़ आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय ने बीएएमएस की दूसरी काउंसिलिंग का शिड्यूल जारी कर दिया है। यह काउंसिलिंग आॅनलाइन होगी। इसके लिए 16 फरवरी को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर मेरिट सूची जारी की जाएगी। इस बार अभी तक बीएएएमएस कोर्स कराने के लिए निजी क्षेत्र में दो प्रसिद्ध संस्थानों पतंजलि और हिमालयीय आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज को मान्यता मिल चुकी है।
उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ0 सुरेश शर्मा के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा 18 जनवरी, 2021 की तिथि वाली विज्ञप्ति में आंशिक संशोधन कर यूएयूसी यूजी की प्रथम चरण की रिक्त सीटों पर द्वितीय चरण की काउंसिलिंग का निर्धारण किया गया है। यह इस प्रकार है-9 से 14 फरवरी के बीच द्वितीय चरण की काउंसिलिंग के लिए आॅनलाइन रजिस्टेªशन किया जाएगा तथा फीस जमा की जाएगी। 16 को वेबसाइट पर मेरिट सूची जारी होगी। 17 और 18 फरवरी को च्वाइस भरी जाएगी। 21 को परिणाम घोषित होगा। 22 से 23 फरवरी के बीच आवंटित काॅलेज में छात्र को ज्वाइनिंग देनी होगी।
डाॅ0 शर्मा ने बताया कि माॅप-अप राउंड की काउंसिलिंग के तहत 24 फरवरी को आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन और फीस जमा होगी। 25 को मेरिट लिस्ट जारी होगी। 27 को उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में फिजिकल रिपोर्टिंग करनी होगी। इसी दिन काउंसिलिंग बोर्ड द्वारा सीटोें का आवंटन किया जाएगा। आवंटित काॅलेजों में ज्वाइनिंग देने की आखिरी तारीख 28 फरवरी निर्धारित की गयी है। माॅप-अप चरण की काउंसिलिंग की तिथियां अनंतिम यानी टेंटेटिव हैं। इसमें विश्वविद्यालय द्वारा संशोधन किया जा सकता है। इसके लिए अलग से सूचना दी जाएगी।
वहीं, इस बार अभी तक बीएएएमएस कोर्स कराने के लिए निजी क्षेत्र में दो प्रसिद्ध संस्थानों पतंजलि और हिमालयीय आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज को मान्यता मिल चुकी है।
मुख्यमंत्री ने की मोरी में डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा
_ मोरी में तकरीबन 46 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
_ बोले, उत्तरकाशी जिले के लोगों में आगे बढ़ने का जज्बा, मनरेगा और स्वरोजागर योजना में जिला शीर्ष पर
मोरी/उत्तरकाशी। सूबे के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा पुरोला को करोड़ों की विकासपरक योजनाओं की सौगात दी। बुधवार को मुख्यमंत्री श्री रावत सीमांत तहसील मोरी पहुँचे, जहां उन्होंने 28 करोड़ 92 लाख की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं 17 करोड़ 45 लाख 47 हजार के विकास कार्यों का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने मोरी में राजकीय महाविद्यालय खोलने समेत कई घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने एसडीएम से कहा कि यदि कोई भवन उपलब्ध हो जाए तो आगामी शिक्षा सत्र से ही इस महाविद्यालय में शिक्षण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तरकाशी जिला सीमांत जरूर है लेकिन यहां के लोगों में आगे बढ़ने का जज्बा है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ उठाने में उत्तरकाशी नंबर एक पर रहा है। मनरेगा के तहत भी 100 दिन में सबसे अच्छा काम उत्तरकाशी जिले में हुआ है। हमारी सरकार ने मनरेगा का कार्यदिवस 100 से बढ़ाकर 150 किए हैं ताकि ऐसी ही मेहनत कश लोगों को इस योजना का और अधिक लाभ मिल सके। खुशी की बात यह है कि उत्तरकाशी जिले में सर्वाधिक 4882 लोग 100 दिन पूरे कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी खासकर यमुना वैली मोरी से उनका पुराना नाता है। मैं यहां अक्सर आता रहा हूं, इसलिए घाटी की समस्या से भलीभांति वाकिफ हूं। प्राथमिकता के आधार पर इलाके की समस्याओं का निदान होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सड़कों से ही किसी क्षेत्र के विकास के रास्त् खुलते हैं। हमारी सरकार ने प्रदेश में सड़कों का जाल बछाने में फोकस किया। राज्य निर्माण के बाद 17 वर्षों के दौरान कुल जितनी सड़कें बनीं, हम अपने कार्यकाल में उस संख्या से महज 124 सड़क पीछे हैं। यानि हमने अपने चार वर्ष के कार्यकाल में उससे पूर्व के 17 वर्षों के लगभग बराबर ही सड़कों का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि अब पहाड़ी जिलों विशेषक सीमांत जनपदों में 127 पुलों के निर्माण के बजट स्वीकृत किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मोरी-नैटवाड़-सांकरी मार्ग के डामरीकरण, पेयजल योजना और बुराड़ी-पैसल मोटर मार्ग की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री th के साथ उच्च शिक्षा एवं जनपद प्रभारी मंत्री डॉ. धनसिंह रावत, विधायक विकासनगर मुन्ना सिंह चौहान, विधायक पुरोला राजकुमार, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसपी मणिकांत मिश्रा, ब्लाक प्रमुख मोरी बचन पंवार उपस्थित रहे।
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लोकार्पण –
◼️मैन्द्रथ-भंकवाड़ मोटर मार्ग किलोमीटर 9 में 24 मीटर लौह सेतु के निर्माण कार्य लागत 142.23 लाख । ◼️ट्रांजिस्ट हॉस्टल पुरोला का निर्माण लागत 264.28 लाख।
◼️ट्रांजिस्ट हॉस्टल नोगांव का निर्माण लागत 264.28 लाख।
◼️रा.उ.मा विद्यालय भंकोली भवन सुदृढ़ीकरण कार्य लागत 68.36 लाख।
◼️रा.उ.मा विद्यालय गढ़ खाटल भवन सुदृढ़ीकरण कार्य लागत 61.04 लाख।
◼️खरसाड़ी से जीवाणु मोटर मार्ग स्टेज II निर्माण कार्य लागत 821.07 लाख।
◼️खरसाड़ी से जीवाणु मोटर मार्ग के किमी 2 में केदार नदी पर 30 मीटर स्पान स्टील गाडर सेतु का निर्माण लागत 198.13 लाख।
◼️ ग्राम खोदी लिवाड़ी के निकट सुपिन नदी पर 90 मीटर स्पान के पैदल सेतु का पुनःनिर्माण कार्य लागत 607.98 लाख।
◼️दिल्ली – यमुनोत्री मोटर मार्ग के रिखाऊ खड्ड से रिखाऊ गांव तक मोटर मार्ग का निर्माण कार्य लागत 464.63 लाख।
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शिलान्यास –
◼️ देवजानी – घटटूगाड के सागली राटा तोक में क्षतिग्रस्त पैदल आरसीसी पुलिया का पुन:निर्माण 17.70 लाख।
◼️ देवती-ठडियार मोटर मार किमी एक में सुधार एवं डामरीकरण कार्य लागत 38.39 लाख।
◼️ गुंदियाटगांव से रामा मोटर मार्ग किलोमीटर 1 से 2 तक सुधार एवं डामरीकरण कार्य लागत 51.86 लाख।
◼️त्यूणी-पुरोला-नौगांव राज्य मार्ग संख्या 17 के किमी 84 में इंटर लॉकिंग टाइल्स एवं नाली निर्माण का कार्य 41.48 लाख
◼️ ढकाड़ा मोटर मार्ग में आरसीसी पुलिया निर्माण 28.05 लाख।
◼️ गुंदियाटगांव मोटर मार्ग के किमी 6 से 12 का हल्का वाहन मोटर मार्ग का चौड़ीकरण एवं डामरीकरण लागत 279.5 लाख।
◼️ सुनाली निचला देवरा मोटर मार्ग किमी एक में सुदृढ़ीकरण एवं डामरीकरण कार्य लागत 73.85 लाख।
◼️ प्राथमिक विद्यालय बीफ भवन निर्माण कार्य 24.77 लाख।
◼️ रा.उ.मा.विद्यालय देवजानी II मुख्य भवन निर्माण कार्य लागत 141.43 लाख।
◼️मुसई सट्टा किमी 7 से मसरी मोटर मार्ग स्टेज II एवं किमी एक पर 24 मीटर स्पान लौह सेतु निर्माण लागत 250.32 लाख।
◼️ कलासी से बिंगसारी मोटर मार्ग स्टेज II, लम्बाई 6.5 किमी के निर्माण कार्य लागत 331.38 लाख।
◼️ मैन्द्रथ-भंकवाड़ सड़क किमी 2.50 से बेगल मोटर मार्ग स्टेज II लम्बाई 6 किमी के निर्माण कार्य 333.07 लाख।
◼️ जखोल-लिवाड़ी मोटर मार्ग किमी एक में सूपिन नदी पर 54 मीटर स्पान स्टील गाडर सेतु का निर्माण कार्य 413.17 लाख।
नई दिल्ली : हफ्ते में चार कामकाजी दिन और तीन दिन वैतनिक छुट्टी का विकल्प, बदल सकती है मोदी सरकार नियम
नई दिल्ली, देश में बन रहे नए श्रम कानूनों के तहत आने वाले दिनों में हफ्ते में तीन दिन छुट्टी का प्रावधान संभव है। बजट में श्रम मंत्रालय के लिए हुए ऐलान पर जानकारी देते हुए श्रम सचिव ने सोमवार को बताया कि कि केंद्र सरकार हफ्ते में चार कामकाजी दिन और उसके साथ तीन दिन वैतनिक छुट्टी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है।
पांच दिन से घट सकते हैं काम के दिन
उनके मुताबिक नए लेबर कोड में नियमों में ये विकल्प भी रखा जाएगा, जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकते हैं। नए नियमों के तहत सरकार ने काम के घंटों को बढ़ाकर 12 तक करने को शामिल किया है। काम करने के घंटों की हफ्ते में अधिकतम सीमा 48 है, ऐसे में कामकाजी दिनों का दायरा पांच से घट सकता है।
ईपीएफ के नये नियम
ईपीएफ पर टैक्स लगाने को लेकर बजट में हुए ऐलान पर और जानकारी देते हुए श्रम सचिव ने कहा कि इसमें ढाई लाख रुपये से ज्यादा निवेश होने के लिए टैक्स सिर्फ कर्मचारी के योगदान पर लगेगा। कंपनी की तरफ से होने वाला अंशदान इसके दायरे में नहीं आएगा या उस पर कोई बोझ नहीं पडे़गा। साथ ही छूट के लिए ईपीएफ और पीपीएफ भी नही जोड़ा जा सकता। ज्यादा वेतन पाने वाले लोगों की तरफ से होने वाले बड़े निवेश और ब्याज पर खर्च बढ़ने की वजह से सरकार ने ये फैसला लिया है। श्रम मंत्रालय के मुताबिक 6 करोड़ में से सिर्फ एक लाख 23 हजार अंशधारक पर ही इन नए नियमों का असर होगा।
ईपीएफ पेंशन में बढोतरी का प्रस्ताव नहीं
वहीं न्यूनतम ईपीएफ पेंशन में बढोतरी के सवाल पर श्रम सचिव ने कहा कि इस बारे में कोई प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा ही नहीं गया था। जो प्रस्ताव श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भेजे थे, उन्हें केंद्रीय बजट में शामिल कर लिया गया है। श्रमिक संगठन लंबे समय से ईपीएफ की मासिक न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि सामाजिक सुरक्षा के नाम पर सरकार न्यूनतम 2000 रुपये या इससे अधिक पेंशन मासिक रूप से दे रही है जबकि ईपीएफओ के अंशधारकों को अंश का भुगतान करने के बावजूद इससे बहुत कम पेंशन मिल रही है।
SBI ग्राहक ध्यान दें! बैंक ने बंद की सभी ATM की ये ट्रांजेक्शन, जानिए
अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहक हैं और साथ ही डेबिट कार्ड धारक हैं तो ये खबर आपके लिए है. देश के पब्लिक सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक देश में लेन-देन की सुविधाएं तो मुहैया करता ही साथ ही अन्य देशों में भी इसकी सेवाएं ग्राहकों मिलती है. पिछले दिनों बैंक ने इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन करने वालों के लिए एक सूचना जारी की थी, जिमसें कहा गया था कि अगर किसी भी ग्राहक को इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन में दिक्कत पेश आ रही है तो फटाफट अपने पैन कार्ड से जुड़ा विवरण बैंक अकाउंट में अपडेट करा लें. तो अब ये काम कैसे होगा आइए जान लेते हैं.
एसबीआई ने ट्वीट कर सूचना दी, जिसके साथ एक फोटो भी अटैच है. इस फोटो पर लिखा है- एटीएम, पीओएस/ ई-कॉमर्स के जरिए इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन के लिए अपने एसबीआई डेबिट कार्ड के इस्तेमाल के लिए कृप्या अपने पैन विवरण बैंक में अपडेट करा लीजिए.
कैसे खाता से लिंक करें अपना पैन
बैंकबाजार.कॉम के मुताबिक कोई भी एसबीआई ग्राहक ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से एसबीआई अकाउंट के साथ अपना पैन कार्ड लिंक करा सकते हैं.
इसके लिए आपको www.onlinesbi.com पर जाकर My Accounts ऑप्शन के नीचे Profile-Pan Registration पर क्लिक करना होगा.
यहां एक नया पेज खुलेगा.अगर आपका पैन खाता आपके बैंक खाते से पहले से ही लिंक है तो यह आपके स्क्रीन पर दिखाई देगा.
अगर आपका खाता पैन से लिंक नहीं है तो आपसे वो खाता नंबर मांगा जाएगा जिसको आपको अपने पैन कार्ड से लिंक करना चाहते हैं.
इसपर अपने खाता नंबर सलेक्ट करें और पैन नंबर को वहां दिख रहे विकल्प में भर दें. इसके बाद सबमिट कर दें. इस प्रक्रिया से आप अपने अकाउंट में पैन नंबर ऐड करा सकते हैं.
ऑफलाइन पैन कार्ड लिंक
अगर आप नेट बैंकिंग का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आप सीधे ब्रांच जाकर अपना पैन नंबर अपने खाता में अपडेट करा सकते हैं. वहां आपको एक पैन अपडेशन फॉर्म भरना होगा. जरूरी दस्तावेज के साथ पैन कार्ड की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी जरूर लगाएं. आपके बैंक खाते के साथ पैन को जोड़ने के सम्बन्ध में शाखा प्रबंधक को सम्बोधित किया हुआ एक आवदेन पत्र भी लगाएं. इस आसान प्रक्रिया के बाद आपके खाते से पैन नंबर लिंक हो जाएगा.
Having trouble with the international transactions? Update your PAN details in the bank’s record to enjoy seamless foreign transactions through SBI Debit Card.#SBI #StateBankOfIndia #DebitCard #PANDetails pic.twitter.com/kyo9wBMGuc
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) January 19, 2021
क्यों जरूरी पैन का खाता से लिंक होना
परमानेंट अकाउंट नंबर एक 10 डिजिट का कोड है, जिसे आमतौर पर पैन कहा जाता है, जिसका उपयोग व्यक्तियों या कंपनियों द्वारा आर्थिक लेन-देन करने के लिए किया जाता है और सरकारी छूटों (सब्सिडी) का भी लाभ उठाया जाता है.अगर आप अपने खाते से 50 हजार रुपये से ज्यादा की लेनदेन करते हैं तो इसके लिए आपका पैन नंबर लिंक होना जरूरी है. इसके अलावा इनकम टैक्स रिटर्न पाने के लिए भी पैन नंबर का अकाउंट के साथ लिंक होना चाहिए.
मोदी-आजाद की भावुकता में सियासी अटकलें तेज, पीएम ने गुलाम नबी को बताया अपना खास मित्र
नई दिल्ली। आपसी वैमनस्य और व्यक्तिगत लाभ हानि की छवि में घिरती जा रही राजनीति और राजनेताओं का मंगलवार को एक नया रूप दिखा। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को विदाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत भावुक हो गए। सख्त छवि के प्रधानमंत्री बार-बार खुद को संभालते दिखे। जवाब में आजाद की आंखों में मोदी के लिए सम्मान दिखा। जाहिर तौर पर यह आपसी जुड़ाव था, लेकिन पिछले छह सात वर्षो में जिस तरह की तीखी राजनीति हो रही है उसमें इस क्षण को भी केवल भावुकता के बजाय राजनीति के चश्मे से देखा जाने लगा है। इसे इस बात से और बल मिला जब खुद प्रधानमंत्री ने आजाद के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि वे उन्हें निवृत्त नहीं होने देंगे।
प्रधानमंत्री मोदी और आजाद के भाषणों के छोटे छोटे पल बहुत कुछ कहते दिखे। जम्मू-कश्मीर गए गुजरात के पर्यटकों की आतंकियों द्वारा हत्या और तत्कालीन मुख्यमंत्री आजाद की ओर से प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने आजाद को मित्र करार दिया। उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री कई अवसरों पर दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई। खुद मोदी ने यह भी बताया कि आजाद से उनका परिचय मुख्यमंत्री बनने के पहले से रहा है। हालांकि बतौर मुख्यमंत्री आजाद का कार्यकाल महज ढाई तीन साल का था लेकिन इस काल में दोनों के बीच मित्रता बहुत गहरी हुई। उसका एक कारण संभवत: आतंकवाद भी हो सकता है क्योंकि जम्मू कश्मीर इससे लगातार जूझ रहा था और गुजरात में अक्षरधाम पर आतंकी हमले के बाद मोदी बहुत आहत थे।
मंगलवार की घटना ने दोस्ती पर जमी धूल की चादर को साफ कर दिया। मोदी ने साफ कर दिया कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य के रूप में वह रिटायर हो रहे हैं लेकिन मोदी के लिए उनकी अहमियत बरकरार है। वे उन्हें निवृत्त नहीं होने देंगे।
प्रधानमंत्री के दिलो दिमाग में क्या है इसका पता तो बाद में चलेगा लेकिन यह अटकल तेज हो गई कि आजाद प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कश्मीर के हालात सुधारने में सरकार की मदद कर सकते हैं। ध्यान रहे कि वर्तमान कांग्रेस के संभवत: सबसे पुराने व शीर्ष नेताओं में शामिल आजाद समेत दो दर्जन वरिष्ठ नेताओं पिछले कुछ वर्षो को न सिर्फ हाशिए पर खड़ा किया गया है कि बल्कि कुछ अवसरों पर तिरस्कार का भी सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के अंदर पुराने और युवा नेताओं की तकरार तेज है। इस कारण अधिकतर वरिष्ठ नेता आहत हैं।
आजाद के विदाई भाषण में इसका थोड़ा पुट भी दिखा जब उन्होंने कांग्रेस में आने के लिए इंदिरा गांधी के साथ साथ संजय गांधी का भी नाम लिया जो पार्टी में लगभग प्रतिबंधित हैं। फिलहाल बहुत कुछ भविष्य में छिपा है। लेकिन इससे इनकार करना मुश्किल है कि आजाद समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के अंदर कसमसाहट है। आजाद के प्रति मोदी का व्यक्तिगत अनुराग एक कैटेलिस्ट (उत्प्रेरक) का काम कर सकता है।
चमोली आपदा : तीसरे दिन भी बचाव और राहत कार्य रहा जारी, 32 लोगों के शव हो चुके बरामद
“राफ्ट एवं मोटरबोट की सहायता से चल रहा है सर्चिंग अभियान, टनल में जाने के लिए बनाया जा रहा है रास्ता”
चमोली, उत्तराखण्ड़ के जनपद चमोली के रैणी तपोवन क्षेत्र में रविवार को आयी प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों का राहत, बचाव और खोज अभियान लगातार जारी है। आपदा के तीसरे दिन आज मंगलवार को 9 अन्य लापता लोगों के शव नदी किनारे अलग अलग स्थानों से बरामद किए गए।
जिला आपदा कन्टोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार रैणी और तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी मे 206 लोग लापता हुए थे जिनमें से अभी तक 32 लोगों के शव सर्च टीम ने खोजकर बरामद कर लिए है। इसके अलावा 9 मानव अंग भी मिले है। मंगलवार को रैणी क्षेत्र से 4, नंदप्रयाग के डिडोली व सैकोट के टैटूणा के पास एक एक शव बरामद हुए।
रैणी, तपोवन, जोशीमठ रतूड़ा, गोचर, कर्णप्रयाग ,रुद्रप्रयाग, श्रीनगर डेम जलभराव क्षेत्र, सहित अलकनन्दा नदी तटों पर अनेक स्थानों में सर्चिंग दस्ते शवों की तलाश कर रहे है।
जोशीमठ से रुद्रप्रयाग एवं रुद्रप्रयाग से श्रीनगर क्षेत्र में डीप डाइविंग टीम सर्चिंग कर रही है। श्रीनगर क्षेत्र में राफ्ट एवम मोटरबोट की सहायता से सर्चिंग की जा रही है।
टनल में रास्ता बनाया जा रहा है। जहां पर रात दिन रेस्कयू कर सुरंग से मलवा हटा कर रास्ता बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां पर टनल मे 35 से 40 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया घटना पर रेस्क्यू कार्यों की स्वयं मानिटरिंग कर रहे है।
लापता लोगों के बारे जानकारी के लिए जिला प्रशासन ने तपोवन घटना स्थल पर पूछताछ केंद्र भी स्थापित किया है।
वही तपोवन मे रेस्कयू कार्यो में जुटी पूरी टीम एवं तपोवन पहुंचे लापता लोगों के परिजनों के लिए जिला प्रशासन द्वारा राहत शिविर लगाकर जलपान एवं भोजन की व्यवस्था भी की गई है।
चमोली के सीमांत क्षेत्र मे आपदा से जिन गांवों से सडक संपर्क टूट गया है उन गांवों को फिर जोडने के लिए जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर वैली ब्रिज और ट्राली लगाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। इससे क्षेत्र के लोगों को जल्द राहत मिलेगी। नीति वैली में क्षतिग्रस्त जिओ टावर को भी सुचारू करने से क्षेत्र मे संचार सेवा भी बहाल कर दी गई है, जिला प्रशासन हैलीकॉप्टर से लगातार प्रभावित गांव क्षेत्रों में राशन किट, मेडिकल एवं रोजमर्रा की सामग्री पहुंचाने में जुटा है। राशन किट में 5 किलो चावल, 5 किलो आटा, 1 किलो चीनी, दाल, तेल , नमक , मसाले आदि राहत सामग्री बांटी जा रही है।
वही क्षेत्र मे इधर उधर फंसे लोगों को हैलीकॉप्टर को उनके गतंव्य तक भेजा जा रहा है। मंगलवार को जिला प्रशासन ने नीति वैली के 126 फंसे हुए लोगों को हैलीकॉप्टर से रेस्कयू कर उनके गंतव्य तक पहुचाया गया |
उत्तराखण्ड की किसी एक क्लासिक प्रेम कहानी पर जल्द फिल्म बनायेंगे निर्देशक जयप्रकाश शा
उत्तराखंड़ फिल्म की शूटिंग के लिए उत्तराखंड़ पहली प्राथमिकता
देहरादून, उत्तरांचल प्रेस क्लब के तत्वावधान में रचनाकार, सैकड़ों टीवी सीरियल के पटकथा/संवाद लेखक, निर्देशक, शायर संदीप नाथ व फिल्मों के मशहूर निर्देशक जय प्रकाश शा का ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए ख्याति प्राप्त बॉलीवुड निर्देशक जय प्रकाश शा ने कहा कि उत्तराखंड उनकी पसंदीदा शूटिंग लोकेशन है और वे शूटिंग के लिए उत्तराखंड आये। उन्होंने घोषणा की कि वह बहुत जल्द उत्तराखण्ड की किसी एक क्लासिक प्रेम कहानी पर एक फिल्म बनाने जा रहे हैं। इनमें हीरो और हीरोइन उत्तराखण्ड के ही होंगे। शूटिंग भी उत्तराखण्ड में ही होगी ।
श्री जयप्रकाश शा की पहली फिल्म ‘साजन की बाहों में’ बनाई जिसके हीरो ऋषि कपूर थे। उन्होंने कई फिल्मी सितारों के साथ काम किया। छोटी उम्र में ही श्री जयप्रकाश डायरेक्टर बन गए थे। श्री जय प्रकाश ने कहा कि उत्तराखंड में शूटिंग के लिए जगह तलाश रहे है और यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि आज हम शूटिंग के लिए उत्तराखंड आये है। उत्तराखंड के कलाकारों को इसमें वरीयता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि तपिश, सौदा, धर्मात्मा, पूरब और पश्चिम जैसी मशहूर फिल्में बनाई। श्री जयप्रकाश ने कहा कि आज फिल्में जनेरेशन को देखकर बनाई जाती है। उन्होंने कहा कि पुराने गीतों के शब्दों में दम होता था।
इस अवसर पर शायर, निर्देशक और मशहूर फिल्मी गीतकार संदीप नाथ ने भी मीडिया को संबोधित किया। संदीप नाथ – चांद नजर आया (सांवरिया), कितने अजीब रिश्ते हैं यहां ( पेज 3), फैशन का है ये जलवा ( फैशन), सुन रहा है ना तू, रो रहा हूं मैं (आशिकी2) जैसे दर्जनों हिट गीतों, एल्बमों और फिल्मों में काम कर चुके हैं। उनके कुछ नए गीत आ रहे है। उन्होंने कहा कि एक गीतकार के तौर पर उन्हें गढ़वाली और कुमाऊनी लोकगीतों , धुनों में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि देहरादून से मेरा पुराना नाता रहा है और रहेगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन क्लब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नेगी व संचालन क्लब महामंत्री गिरिधर शर्मा ने किया। कार्यक्रम में प्रेस क्लब के कोषाध्यक्ष विकास गुसाईं, संयुक्त मंत्री राजू पुशोला, कार्यकारिणी सदस्य भगवती प्रसाद कुकरेती के साथ ही वरिष्ठ लेखक-कवि कुमार अतुल, क्लब के पूर्व महामंत्री संजय घिल्डियाल, पूर्व कोषाध्यक्ष प्रवीन बहुगुणा, सदस्य इन्द्रदेव रतूड़ी, शिव प्रसाद पैन्यूली, विनोद पुंडीर, राजेश बड़थ्वाल, सुभाष कुमार, किशोर रावत, करन दयाल आदि उपस्थित थे।
जोशीमठ : केन्द्रीय मंत्री सिंह ने लिया तपोवन क्षेत्र के स्थिति का जायजा, मिसिंग लोगों को तलाशने के कार्य तेजी लायें
चमोली, उत्तराखंड के जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से आयी आपदा से रैणी एवं तपोवन क्षेत्र में हुए नुकसान का भारत सरकार में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया।
वही आपदा ग्रस्त क्षेत्र से लौटते हुए जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट पर मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रेस्कयू वर्क आईटीबीपी, आर्मी, एसडीआरएफ एनडीआरएफ एवं स्थानीय पुलिस द्वारा आपसी समन्वय के साथ किया जा रहा है।
बता दे कि उन्होंने कहा कि इस आपदा में कार्यरत एक विद्युत परियोजना पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है, जबकि तपोवन स्थित एनटीपीसी को भी काफी क्षति पहुँची है। वही उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हुए नुकसान के कारणों की इसरो की इमेजेज के आधार पर एनटीपीसीए टीएचडीसी एवं एसजेवीएनएल के पदाधिकारी भी अध्ययन करेंगे, इनकी एक टीम पैदल भी क्षेत्र को भ्रमण के लिये जायेगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी आपदाओं की पूर्व जानकारी के लिये जिन हिल स्टेट में एनटीपीसी आदि के पावर प्रोजेक्ट हैं वहां पर प्रोजेक्ट के साथ ही स्थानीय लोगों के व्यापक हित में अर्लि वार्निग सिस्टम प्रणाली उपलब्ध करायी जायेगी। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में भारी हिमपात के कारण उत्पन्न हिमस्खलन आदि की घटनाओं की पूर्व में जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
ऐसे में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी इस त्रासदी में पानी एवं मलबे के तेज बहाव को रोकने में एनटीपीसी बैराज के मजबूत ढ़ांचे ने बड़ा काम किया अन्यथा पानी का यह आवेग राज्य के नीचे के क्षेत्रों में भारी तबाह का कारण बन सकता था। 2013 में जिस प्रकार पानी के बहाव को टिहरी बांध ने रोकने का कार्य किया उसी तरह इस बैराज ने भी पानी को रोकने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना में काफी लोग मिसिंग है। जिनमें एनटीपीसी के 91 तथा निजी कम्पनी के 44 लोग भी शामिल है, जितने लोग मिसिंग है उनको तलाशने का कार्य तेजी में किया जा रहा है। अब तक 20 शव बरामद किये जा चुके है। क्षेत्र के गांवों के भी कुछ लोग लापता है जिनमें 2 पुलिस वाले भी शामिल है।
आपको यह भी बता दे कि उन्होंने कहा कि मृतक आश्रितों को राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है जबकि एनटीपीसी के जो कार्मिक मिसिंग है जिनके जीवित होने की उम्मीद कम है, उनके परिवारों को ऊचाहार की दुर्घटना की भांति 20 लाख की आर्थिक सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि गांव के मिसिंग लोगों की कैसे बेहतर ढ़ंग से मदद की जाय इसकी भी योजना बनायी जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि प्रभावित गांव वालों को एनटीपीसी में यदि वे चाहेंगे तो उन्हें काम दिया जायेगा इसके अतिरिक्त सीएसआर के तहत भी पीडितों की मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी के टनलों को अभी लोडरों से डिसिल्ट किया जा रहा हैए उसमें और तेजी लाये जाने के लिए 5 स्लडी पंपो की व्यवस्था की जा रही है। इस दौरान सचिव ऊर्जा राधिका झा, पूलिस महानिदेशक अशोक कुमार, जिलाधिकारी चमोली सहित कई आला अधिकारी मौजूद रहें।
एम्स : कोविड-19 वैक्सीनेशन के तहत 3,554 हैल्थ केयर वर्करों को लगी वैक्सीन
ऋषिकेश, एम्स में कोविड-19 वैक्सीनेशन के तहत अब तक कुल 3,554 हैल्थ केयर वर्करों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है। टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के उद्देश्य से कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में अलग-अलग 10 काउंटर स्थापित किए हैं।
देशभर में कोविड वैक्सीन के टीकाकरण की शुरुआत बीते महीने 16 जनवरी से हुई थी। एम्स ऋषिकेश में चलाए जा रहे कोविड टीकाकरण अभियान के तहत फैकल्टी, नर्सिंग ऑफिसर्स, तकनीशियन, सपोर्टिंग स्टाफ, सुरक्षाकर्मियों, सफाई कर्मी और संस्थान के अन्य कर्मचारियों को टीके लगाए जा रहे हैं। एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने टीकाकरण अभियान के बाबत बताया कि 16 जनवरी से अब तक संस्थान के 65 प्रतिशत से अधिक स्टाफ को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अभियान की शुरुआत में कोविड एरिया में ड्यूटी दे रहे फ्रंट लाइन हैल्थ केयर वर्करों का प्राथमिकता से टीकाकरण किया गया था। जबकि इसके बाद अब एम्स में कार्यरत अन्य कार्मिकों को भी चरणबद्ध तरीके से टीके लगाए जा रहे हैं। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक हैल्थ केयर वर्कर को पहले टीके के ठीक 28 दिन बाद दूसरा टीका लगाया जाना है।
एम्स के आयुष भवन में बनाए गए कोविड टीकाकरण केंद्र में इस अभियान को सफल बनाने के लिए कम्युनिटी एंड फेमिली मेडिसिन विभाग विशेष भूमिका निभा रहा है। सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सैना जी दैनिक तौर पर स्वयं इस अभियान की माॅनिटरिंग कर रही हैं। प्रो. वर्तिका सक्सैना ने बताया कि संस्थान में कुल 5,632 लोगों का स्टाफ कार्यरत है। जिनमें से अब तक 3,554 लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के उद्देश्य से कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में बीती 2 फरवरी से 10 अलग-अलग टीकाकरण काउंटरों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। जिससे कोविड नियमों का पालन करते हुए कम समय में अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा सके और टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कोविड वैक्सीन को पूरी तरह से भरोसेमंद और सुरक्षित बताया। बताया कि सभी लोग स्वैच्छा से कोविड वैक्सीन लगाने के लिए आगे आ रहे हैं। टीकाकरण अभियान के दौरान सीएफएम विभाग की डा. रंजीता कुमारी, डा. महेंद्र सिंह, डा. योगेश बहुरूपी, डा. अजीत भदौरिया आदि मौजूद थे।