Tuesday, June 24, 2025
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Video: तपोवन डैम का ये खतरनाक वीडियो आया सामने, वर्करों की मौत का लाइव सीन, ऐसा था खौफनाक मंजर

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चमोली। तपोवन डैम तबाह होने का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें ग्लेशियर टूटने के बाद बह रहे सैलाब से बचने के लिए जद्दोजहद साफ दिख रही है। करीब 8-10 वर्कर डैम पर फंसे हैं और सैलाब से बचने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। डैम टूटने से पहले ही सैलाब एक ऐसा झोंका आता है जिसमें वे खुद को बचा नहीं पाते और काल की गाल में समा जाते हैं।

 

घटना का ये वीडियो रौंगटे खड़े कर देने वाला है। यही मलबा बहकर NTPC की ढाई किमी लंबी टनल में घुस गया। यहां 39 वर्कर्स के फंसे होने की सूचना है। टनल को साफ कर वर्कर्स तक पहुंचने का काम चौथे दिन भी जारी है। भीतर से मलबा और पानी इतना तेज बाहर आ रहा है कि उसे रोक पाना मुश्किल हो रहा है। वर्कर्स तक पहुंचने में ITBP, NDRF, SDRF की टीम पूरे जोश से रात-दिन काम कर रही है। अभी तक महज 130 मीटर तक टनल को साफ किया जा चुका है।

 

VIDEO: जूनागढ़ के होटल में अचानक घुस आया शेर, केबिन में बैठे गार्ड ने जब देखा तो…

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अहमदाबाद. गुजरात (Gujarat) के जूनागढ़ (Junagarh) से एक हैरतअंगेज वीडियो सामने आया है. जूनागढ़ के एक होटल के इस वीडियो में एक शेर छोटा सा बोर्ड फांदकर होटल में घुस जाता है और वहां घूमता दिखाई दे रहा है. हाईवे पर बने इस होटल में पास के ही जंगल से घुसा ये शेर थोड़ी देर यहां-वहां घूमने के बाद बिना कोई नुकसान किए वापस चला जाता है. ये पूरी घटना होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. जंगल के राजा की इस मॉर्निंग वॉक का वीडियो खूब वायरल (Video Viral) हो रहा है.

जानकारी के मुताबिक ये वीडियो 8 फरवरी की सुबह करीब पांच बजे का है. वीडियो में शेर होटल में यहां-वहां घूमता दिख रहा है कुछ मिनटों बाद वह एक छोटा बोर्ड फांदकर सड़क की तरफ जाता दिख रहा है. जहां से शेर फांद रहा है वहीं पर होटल के गार्ड का केबिन बना हुआ है. केबिन के अंदर बैठा गार्ड शेर को सामने देखकर उठ खड़ा होता है. आखिर में वह जंगल की ओर भाग जाता है. होटल में अलग-अलग जगह पर लगे सीसीटीवी कैमरे में ये पूरी घटना कैद हो गई.

बताया जा रहा है कि शेर का ये वीडियो जूनागढ़ रेलवे स्टेशन के पास बने होटल सरोवर पोर्टिको का है.

बता दें जूनागढ़ में शेरों का इस तरह चहल-कदमी करने का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जहां शेर हाईवे के बीचोंबीच बैठे दिख जाते हैं या फिर किसी गाड़ी के ऊपर चढ़ते दिख जाते हैं. पिछले कुछ समय से ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं जिसमें शेरों के गांवों के पालतू मवेशियों को अपना शिकार बनाया है.

अब Twitter को टक्कर देगा भारत का Koo App, पीयूष गोयल ने बनाया अकाउंट

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नई दिल्ली, माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट Twitter इन दिनों अपने पक्षपातपूर्ण रवैये के चलते विवादों में है। इस बीच मेड इन इंडिया कू Koo एक चर्चा में है। आम यूजर ही नहीं बल्कि भारत सरकार भी ट्विटर से नाता तोड़ कर Koo से जुड़ रही है। हाल ही में किसान आंदोलन सहित कई मुद्दों पर भारत सरकार के साथ भी ट्विटर का टकराव सामने आया था। यह ऐप लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। बता दें कू ऐप पर कई लोकप्रिय लोगों ने अपने अकाउंट भी बना लिए हैं। इनमें से एक हैं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल। इन्होंने अपना अकाउंट कू ऐप पर बना लिया है और भी कई मंत्री एक एक कर अपना अकाउंट बना रहे हैं।

Koo App एक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट है। इस ऐप में वह सभी खूबिया हैं जो ट्विटर में थे। आसान भाषा में कहें तो Koo मेड इन इंडिया ट्विटर है। इसमें भारत की कुल 8 भाषाओं को शामिल किया गया है। कू को ऐप और वेबसाइट दोनों ही माध्यमों से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें शब्दों की अधिकतम सीमा 350 है।

Koo App की फंडिंग इंफोसिस के मोहनदास पाई की 3one4 कैपिटल की ओर से की गई। कू ने फंडिंग के रूप में 30 करोड़ रुपये जुटाए हैं। बता दें कि पिछले काफी समय से स्वदेशी ऐप व स्वदेशी प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। एक तरफ डेटा को लेकर व भारत सरकार द्वारा जारी आदेशों का पालन ट्विटर द्वारा नहीं किया जा रहा है। इसी कड़ी में कू ऐप भारतीयों के लिए नए विकल्प तैयार कर रहा है। कू ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर दोनों ही जगहों से डाउनलोड कर सकते हैं (साभार उत्तम हिन्दू न्यूज)।

किसान महापंचायत : प्रियंका बोली, कांग्रेस की सरकार आने पर वापस लिए जाएंगे कृषि कानून

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लखनऊ, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो तीन कृषि क़ानून सरकार ने बनाए हैं, वो राक्षस रूपी क़ानून हैं, जो किसानों को मारना चाहते हैं। पहला क़ानून भाजपा के नेतृत्व के पूंजीपति मित्रों के लिए जमाखोरी के दरवाजे खोलेगा। बता दें कि प्रियंका गांधी को सुनने के लिए जनसैलाब उमड़ा है। जिसको देखकर कांग्रेस पार्टी के नेता काफी गदगद हैं और उन्होंने ट्विटर पर भीड़ का वीडियो भी साझा किया।

प्रियंका गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 16,000 करोड़ के 2 हवाई जहाज ले लिए और 20,000 करोड़ संसद के सुंदरीकरण में खर्च कर दिया लेकिन किसानों का बकाया 15,000 करोड़ आज तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि 56 इंच की छाती के अंदर एक छोटा सा दिल है जो केवल कुछ उद्योगपतियों के लिए धड़कता है।

उन्होंने कहा कि जाग जाइए, जिनसे आप उम्मीद रख रहे हैं ये आपके लिए कुछ नहीं करेंगे। अब आप समझ जाइए। जो आपसे ये बड़े बड़े वायदे करते है, उनके शब्द खोखले हैं। ये आपकी जमीन का आंदोलन है, आप पीछे मत हटिए। हम खड़े हैं, जब तक ये बिल वापस नहीं होते तब तक डटे रहिए।

इसी बीच प्रियंका ने किसानों से वादा किया कि कांग्रेस की सरकार आने पर सभी बिलों को वापस ले लिया जाएगा और आपको समर्थन मूल्य का पूरा दाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब सैकड़ों लोग इन्हीं सड़कों पर इन्हीं हाईवे पर नंगे पैर अपनी गांवों की ओर चले, तब कहां थी ये सरकार ? क्या सुविधा दी ? किस तरह से मदद की आपकी ? जिन लोगों के लिए ये काम करते हैं वो लोग आपकी परवाह नहीं करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को बताया विभाजित और भ्रमित’’ पार्टी, बोले- न खुद का भला…!

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नयी दिल्ली, लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन नये कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए बुधवार को कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और उसे ‘‘विभाजित और भ्रमित’’ पार्टी करार देते हुए कहा कि वह न तो अपना भला कर सकती है और ना ही देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच सकती है।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर यह हमला उस वक्त बोला, जब लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का वह जवाब दे रहे थे। कांग्रेस के सदस्य मोदी के भाषण के दौरान टोकाटोकी करने के कुछ समय बाद सदन से बहिर्गमन कर गए। कांग्रेस सदस्यों के इस रुख पर कटाक्ष करते मोदी ने कहा, ‘‘हम मानते थे की हिंदुस्तान की बहुत पुरानी पार्टी… कांग्रेस पार्टी… जिसने करीब-करीब छह दशक तक इस देश में शासन किया है.. उस पार्टी का यह हाल हो गया है कि पार्टी का राज्यसभा का तबका एक तरफ चलता है और पार्टी का लोकसभा का तबका दूसरी तरफ चलता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी विभाजित पार्टी…ऐसी भ्रमित पार्टी…न खुद का भला कर सकती है और ना ही देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच सकती है।’’ गौरतलब है कि राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यावाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में प्रधानमंत्री का जवाब पूरा होने के बाद सदन से बर्हिगमन किया था जबकि निचले सदन में पार्टी के सदस्य मोदी के जवाब के बीच में ही बर्हिगमन कर गये। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए विस्तार से अपने बातें रखीं वहीं लोकसभा में स्थितियां दूसरी हैं।

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने जब कृषि कानूनों का जिक्र किया तो सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कुछ बार टोकाटोकी की। उनके जवाब के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब प्रधानमंत्री हंगामे के चलते कुछ देर अपनी सीट पर बैठ गए। प्रधानमंत्री नेचौधरी से स्वयं कई बार आग्रह किया कि वह टोकाटोकी ना करें। मोदी ने उनसे कहा, ‘‘आपकी बात जहां दर्ज होनी थी, वह हो गई है। अब आप सुनिए।’’

इसी बीच, चौधरी ने कुछ कहा जो कि हंगामे की वजह से सुना नहीं जा सका। थोड़ी देर बाद कांग्रेस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे को पार्टी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पर्दाफाश हो जाएगा। सत्य वहां पहुंच जाएगा तो उनका टिकना भारी हो जाएगा। इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है। लेकिन इससे कभी भी आप लोगों का विश्वास नहीं जीत पाओगे… मान कर चलो।’’

मोदी ने कहा कि कोरोना काल में लाए गए तीन कृषि कानून कृषि सुधार के लिए आवश्यक और महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं पहले जो व्यवस्थाएं थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या? कोई जवाब नहीं देता। नए कानून किसी प्रकार का बंधन पैदा नहीं करता बल्कि विकल्प देता है।’’ उन्होंने कहा कि इन कानूनों में पुरानी मंडियों के ऊपर भी कोई पाबंदी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, मंडियों को आधुनिक बनाने और अवसंरचना को सुधारने के लिए इस बार बजट की भी व्यवस्था की गई है। यह जो हमारे निर्णय है, वह सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की भावना के साथ लिए गए हैं।

उत्तराखंड़ चमोली त्रासदी : सुरंग में फंसे 197 श्रमिकों की तीसरे दिन भी तलाश जारी, 34 शव बरामद

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चमोली, उत्तराखंड में रविवार को चमोली जिले की ऋषिगंगा में आई आपदा ने भारी तबाही मचाई है। इस हादसे में अब भी कई श्रमिक लापता हैं। राहत व बचाव कार्यों में जुटे सुरक्षा बल सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में कोई कमी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बुधवार शाम तक आपदा ग्रस्त क्षेत्र में से रेस्क्यू टीमों ने अभी तक 34 शव बरामद कर लिए हैं, जिनमें से 10 मृतकों क शिनाख्त हो गई है। चिंता की बात है कि आपदाग्रसत क्षेत्र में अभी भी 170 व्यक्ति लापता हैं। रेस्क्य कार्य में जुटे एनडीआरएफ,एसडीआरएफ,सेना, आईटीबीपी सहित बीआरओ के बहादुर जवानों की कोशिश लगातार जारी है।

लेकिन सुंरग के अंदर मलबा व गाद उनकी परेशानी कम करने का नाम नहीं ले रही है। रैणी-तपोवन त्रासदी में बिजली परियोजना की टनल में तीन दिन से फंसे लोगों को रेस्क्यू करना मुश्किल होता जा रहा है। टनल के अंदर मौजूद टनों मलबा बचाव कार्य में बाधा बन रहा है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी है। लेकिन टनल के अंदर के हालात ऐसे हैं कि फंसे लोगों तक पहुंचना चुनौती बना हुआ है। सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की ओर से नवीनतम तकनीक के साथ ही खोजी कुत्तों को भी सहारा लिया जा रहा है।

बरामद शवों के डीएनए सैम्पलिंग और संरक्षण के लिए राज्य एफएसएल की भी मदद ली जा रही है और सभी मानदंडों का पालन किया जा रहा है। बरामद शवों को मोरचरी कर्णप्रयाग, जोशीमठ और गोपेश्वर में रखा गया है। आपदा में लापता हुए लोगों की सूची एवं बरामद हुए शवों की पहचान के लिए अन्य राज्यों की पुलिस से भी लगातार सम्पर्क किया जा रहा है। शवों से मिले आभूषण, टैटू एवं अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर उन्हें सुरक्षित रखा जा रहा है। जनपद चमोली में स्थापित कन्ट्रोल रूम का नम्बर 01372-251487 एवं मोबाइल नम्बर 9084127503 है। अपनों की पहचान के लिए 86 परिजनों ने पुलिस के जारी व्हटसएप नंबर पर संपर्क साधा।

डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि सभी संबंधित व्यक्तियों को व्हटसएप से लापता लोगों की सूची व शवों की पहचान का लिए विवरण भेजा जा रहा है। इस प्रक्रिया से अब तक दो शवों की शिनाख्त हो चुकी है। आपदा में बरामद शवों के डीएनए सैंपलिंग और संरक्षण के लिए राज्य एफएसएल की मदद भी ली जा रही है। शवों को जोशीमठ, कर्णप्रयाग व गोपेश्वर मोर्चरी में रखा गया है। इनके शिनाख्त के लिए अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क किया जा रहा है। डीआईजी भरणे ने बताया कि शवों से मिले आभूषण, टैटू एवं अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कर सुरक्षित रखा जा रहा है।

विभिन्न विभागों के स्तर पर लम्बित विद्युत देयों के लिये प्रक्रिया निर्धारण के दिये निर्देश: मुख्यमंत्री

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देहरादून । मख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में विद्युत विभाग की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार श्री नरेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा, सचिव वित्त श्रीमती सौजन्या, अपर सचिव एवं प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल एवं पिटकुल डॉ. नीरज खेरवाल, प्रबन्ध निदेशक यूजेवीएनएल श्री संदीप सिंघल के साथ ही निगमों के निदेशकों के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों में तैनात अधीक्षण अभियंता गण उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने ऊर्जा के तीनों निगमों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने को कहा ताकि राज्य की विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण व्यवस्था सुदृढ़ होने के साथ ही जनता को बेहतर बिजली व्यवस्था सुलभ हो सके। उन्होंने विद्युत लाइन लॉस में कमी लाये जाने के साथ ही प्रमुख शहरों में स्मार्ट मीटर व्यवस्था बनाये जाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के तीनों निगम एवं उरेड़ा राज्य की आय के भी आधार है। अतः इनमें बेहतर कार्य प्रणाली एवं कार्य कुशलता जरूरी है। उन्होंने तीनों निगमों की कार्य प्रणाली में गुणात्मक सुधार एवं पारदर्शी व्यवस्था के विकास हेतु बिजलेंस की व्यवस्था हेतु तीन पदों की स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही यूपीसीएल में आवश्यकतानुसार जे.ई की नियुक्ति किये जाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने आगामी कुम्भ मेले में निर्बाध विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के साथ ही पुरानी विद्युत परियोजनाओं के सुधारात्मक उपायों पर विशेष ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने एल.ई.डी. ग्राम लाइट योजना के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित करने हेतु बंगाल के दक्ष करीगरों की सेवायें लेने को कहा ताकि उनके स्तर पर और बेहतर उत्पादन हो सके तथा आर्थिक संसाधनों में और अधिक वृद्धि हो सके।

बैठक में सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा द्वारा प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों, कार्यों तथा ऊर्जा के तीनों निगमों एवं उरेडा के द्वारा कराये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों, उपलब्धियों तथा सुधारों की जानकारी देते हुए बताया कि ऊर्जा विभाग के निगमों एवं अभिकरणों में कार्मिकों एवं अधिकारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने हेतु प्रमुख निष्पादन सूचकांक (के.पी.आई.)के आधार पर मूल्यांकन व्यवस्था की गई है। रोजगार के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी बढ़़ाए जाने के दृष्टिगत सौर ऊर्जा, पिरूल एवं एल0ई0डी0 ग्राम लाईट योजना पर कार्य किया जा रहा है। विभिन्न पदों पर भर्ती के साथ ही निगमों के निदेशकों की भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता हेतु नीति बनाई गई है।

उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के संबन्ध में प्रस्तुतिकरण में श्रीमती राधिका झा द्वारा बताया गया कि निगम द्वारा वर्ष 2019-20 में 5088.88 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया गया जो कि न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह समाहित करते हुए निगम का अब तक का सर्वोच्च विद्युत उत्पादन है। साथ ही उन्होंने बताया कि निगम द्वारा राज्य को उसकी अंशपुजी पर रू0 40.01 करोड़ का लाभांश दिया गया है जोकि अभी तक का निगम द्वारा दिया गया सर्वोच्च लाभांश है। निगम द्वारा विभिन्न आर.एम.यू. एवं नई परियोजनाओं के निर्माण द्वारा विगत तीन वर्षों में अपनी उत्पादन क्षमता में 10.75 मेगावाट की वृद्धि की गई है।

उत्तराखण्ड पॉवर कॉरपोरेशन के बारे में सचिव ऊर्जा ने बताया कि निगम द्वारा विगत चार वर्षों में राजस्व वृद्धि की बढ़ोतरी हेतु विभिन्न उपाय किए गए हैं। इसके अंतर्गत विद्युत चोरी हतोत्साहित करने हेतु ऊर्जागिरी अभियान सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। साथ ही बिलिंग दक्षता में 4 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त की गई है एवं वर्ष 2020-21 में ए0टी0 एण्ड सी0 हानियों में भी कमी की गई है।

पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड के बारे में बताया गया कि विगत वर्षों में ट्रांसमिशन हानियां को विशेष प्रयासों द्वारा 1.71 प्रतिशत से कम कर 1.21 प्रतिशत तक लाने के साथ ही ट्रांसमिशन उपलब्धता में भी वृद्धि की गई है एवं पिटकुल द्वारा सरकार को लाभांश भी दिया गया है। उरेडा के बारे में प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि सौर ऊर्जा नीति के अन्तर्गत नई परियाजनाओं की स्थापना में विगत चार वर्षों में पिछली पंचवर्षीय योजना की तुलना में 215 प्रतिशत की वृद्धि हुई तथा वर्तमान में निर्माणाधीन परियोजनाओं के पूर्ण होने के उपरान्त 446 प्रतिशत की वृद्धि हो जायेगी।

सचिव ऊर्जा ने बताया कि अक्टूबर 2020 में प्रारम्भ की गई मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना-2020 के अंतर्गत अभी तक 114 परियोजनाएं आवंटित कर दी गईं। वर्ष 2018 में पिरूल नीति लागू कर कुल 1785 किलोवाट की 58 परियोजनाएं विद्युत उत्पादन हेतु एवं 4 परियोजनाएं ब्रिकेटिंग इकाइयों हेतु आवंटित की गईं। उन्होंने बताया कि 129.50 मेगावाट की विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण, विद्युत लाईनों को भूमिगत करने का कार्य तथा सबस्टेशनों के निर्माण के साथ ही स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों को पूर्ण करन के कार्यों हेतु लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।

विकासखण्ड स्तर पर खोले जायेंगे महाविद्यालय: डाॅ. धन सिंह

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देहरादून, उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकाॅल एवं दुग्ध विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज विधानसभा भवन स्थित सभा कक्ष में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में विकास खण्ड स्तर पर महाविद्यालयों की स्थापना, रोजगारपरक पाठ्यक्रम संचालित करना, शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर के रिक्त पदों को भरे जाने, राज्य सरकार एवं रूसा के अंतर्गत निर्माण कार्यों की प्रगति, 4जी नेटवर्क की वर्तमान स्थिति और नैक मूल्यांकन संबंधी बिन्दुओं की समीक्षा की गई।

सभी राजकीय महाविद्यालयों को वाई-फाई सुविधा से जोडे़ जाने का भी निर्णय लिया गया। जिसका प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासन को शीघ्र भेजा जायेगा। बैठक में राज्य के 44 महाविद्यालयों में स्ववित्तपोषित रोजगारपरक पाठ्यक्रम चलाये जाने का निर्णय लिया गया।

बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य के जिन विकासखण्डों में महाविद्यालय स्थापित नहीं हैं नए वित्तीय वर्ष में उन विकासखण्डों में महाविद्यालय स्थापित किये जायेंगे। इसके लिए निदेशालय शीघ्र शासन को प्रस्ताव भेजेगा। डा. रावत ने उच्च शिक्षा विभाग में समूह ‘ग’ के पदों पर भर्ती में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शीघ्र अधीनस्थ चयन सेवा आयोग से सम्पर्क कर पदों को भरने हेतु अधिकारियों को कार्यवाही के आदेश दिये।

रूसा एवं राज्य सेक्टर से निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा करते हुए विभागीय मंत्री ने शासन स्तर से शेष धनराशि शीघ्र जारी करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिये। नोडल अधिकारी रूसा डा. ए.एस. उनियाल ने बताया कि अभी तक विभिन्न संस्थानों से 141 करोड़ की यूसी प्राप्त हो चुकी है जो शीघ्र ही भारत सरकार को भेज दी जायेगी। डाॅ. रावत ने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को इसी माह से पूर्ण रूप से खोल दिया जायेगा जिसकी तिथि एक सप्ताह के भीतर घोषित कर दी जायेगी। आईटीडीए के निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि अब तक राज्य के 80 महाविद्यालयों को 4जी नेटवर्क कनेक्टीविटी से जोड़ दिया गया है। शेष महाविद्यालयों को मार्च तक इस सेवा से जोड़ दिया जायेगा।जबकि 30 अप्रैल तक सभी महाविद्यलयों को वाई-फाई कनेक्टीविटी से जोड़ दिया जायेगा।

बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंदबर्द्धन, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, सचिव प्रभारी सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विजय कुमार यादव, अपर सचिव उच्च शिक्षा एम.एम.सेमवाल, निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. कुमकुम रौतेला, संयुक्त निदेशक प्रो. पी.के. पाठक, सलाहकार रूसा प्रो. एमएसएम रावत, प्रो. के.डी. पुरोहित, नोडल रूसा डाॅ. ए.एस. उनियाल, उप निदेशक उच्च शिक्षा एन.एस.बनकोटी, डा. ममता नैथानी, सहायक निदेशक गोविन्द पाठक, डा. रचना नौटियाल, डाॅ. विनोद कुमार, ब्योमकेश दुबे, शिव स्वरूप त्रिपाठी, डाॅ. प्रेम प्रकाश, डाॅ. राजीव रतन, डाॅ दीपक कुमार पांडे, डाॅ. डी.सी. गोस्वामी, जीएम रिलायंस जियो योगेश पाल सिंह, मैनेजर रिलायंस जियो अमर नाथ ठाकुर सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

उत्तराखण्ड़ में चमोली आपदा पर राज्यसभा में सांसद बलूनी ने रखी आपदा प्रबंधन तंत्र विकसित करने की मांग

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देहरादून। उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने आज राज्यसभा में शून्यकाल में उत्तराखंड के चमोली जनपद में आई आपदा पर अपना विषय रखा। उन्होंने हिमालय के बदलते स्वभाव और ग्लेशियरों के टूटने से अचानक आने वाली बाढ़ आपदा के संबंध में दीर्घकालिक अध्ययन कर उसके अनुरूप आपदा प्रबंधन का तंत्र विकसित करने की मांग की।

बलूनी ने कहा कि हाल के वर्षों में उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने, बादल फटने, भारी भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी है। मौसम का पूर्वानुमान बताने वाले डॉप्लर रडारों की उत्तराखंड में स्थापना हो रही है। दो डॉप्लर राडार स्थापित हो चुके हैं और एक पर काम चल रहा है।*
सांसद बलूनी ने कहा कि वे अर्थ साइंस मिनिस्ट्री से अनुरोध करना चाहते हैं कि आपदा की इन परिस्थितियों पर विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है, ताकि हिमालय और ग्लेशियरों के स्वभाव पर विस्तृत अध्ययन हो और राज्य का आपदाराहत तन्त्र उसी अनुरूप विकसित हो सके। यह अध्ययन उत्तराखंड ही नहीं देश दुनिया के लिए भी लाभदायक होगा।
अनिल बलूनी ने कहा कि सात फ़रवरी को उत्तराखंड के चमोली जनपद में केदारनाथ त्रासदी की तरह भयावह आपदा आयी, जिसके लिये अभी भी राहत कार्य जारी हैं।अनेक लोग लापता हैं, अनेक लोग हताहत हुए हैं। स्थानीय पावर प्रोजेक्टों को नुकसान हुआ है। ग्रामीणों के खेत, संपर्क मार्ग, पुल और अनेक सामुदायिक स्थलों का नामोनिशान मिट गया है।
बलूनी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जिस तरह तत्काल घटना का संज्ञान लिया और सारी मशीनरी आपदा प्रबंधन में सक्रिय हुई इसके लिए मैं उत्तराखंड की ओर से प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करना चाहूंगा।

कोरोना संक्रमण : प्रदेश में आज 35 मिले कोरोना संक्रमण के नये मामले, सात जिलों में नहीं मिला नया संक्रमित

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ में कोरोना संक्रमित मामलों के साथ मरीजों की मौत के मामलों में लगातार कमी आ रही है। बीते 24 घंटे में एक कोरोना मरीज की मौत और 35 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। सात जिलों में कोई नया संक्रमित मामला नहीं मिला है। कुल संक्रमितों की संख्या 96625 हो गई है। वर्तमान में 707 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।

राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को 7093 सैंपलों की जांच में कोरोना वायरस संक्रमण नहीं मिला है। छह जिलों में 35 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। देहरादून जिले में 20, नैनीताल में छह, हरिद्वार में पांच, चमोली जिले में दो, ऊधमसिंह नगर में एक और टिहरी जिले में एक संक्रमित मिला है। जबकि अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी जिले में कोई नया संक्रमित मामला नहीं मिला है।

प्रदेश में एक कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इसमें सिनर्जी हास्पिटल में एक मरीज ने इलाज के दौरान दमतोड़ा है। प्रदेश में अब तक 1674 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 110 मरीजों को इलाज के बाद घर भेजा गया है। इन्हें मिला कर 92873 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश की रिकवरी दर पहली बार 96.12 प्रतिशत हो गई है। जबकि सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण दर 4.37 प्रतिशत हो गई है।