Wednesday, June 25, 2025
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शहीद मेजर विभूति ढ़ौंडियाल को दूसरी पुण्यतिथि पर अखिल गढ़वाल सभा ने दी श्रद्धांजलि

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देहरादून। 18 फरवरी 2019 को जम्मू- कश्मीर पुलवामा के आतंकियों के सर्च अभियान के दौरान शहीद हुए शौर्य चक्र से सम्मानित मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की दूसरी पुण्यतिथि पर उनके साहस और बलिदान को याद करते हुए अखिल गढ़वाल सभा के प्रांगण में क्षेत्रवासियों द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. जिसमें शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की माता व परिवार से चाचा  जगदीश ढौंडियाल आदि ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

मसूरी विधायक गणेश जोशी ने भी शहीद मेजर के चित्र पर पुष्प माला डालकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि शहीद का कोई धर्म नहीं होता वह अपने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाकर देश की रक्षा करता है. उन्होंने शहीद मेजर ढौंडियाल की माताजी को ऐसे बहादुर पुत्र को जन्म देने के लिए साधुवाद दिया.

इस अवसर पर गढ़वाल सभा के पुरोहित आचार्य दामोदर प्रसाद सेमवाल, पंडित दिवाकर भट्ट, गढ़वाल सभा के सह-सचिव संतोष गैरोला, प्रबंध सचिव बिरेन्द्र सिंह असवाल, महेंद्र चमोली(हित्ती), तरुण चमोली, मयंक खंडूरी, पीयूष चमोली, सुनील राणा, पंकज कुखशाल, मिथुन ढौंडियाल, अजय कुमार, राज सिंह, दिव्यांशु चमोली, हरीश रावत, घनश्याम, भावना चौधरी,  मधु थपलियाल, शुभम सेमवाल, दीपक उनियाल, भोपाल सिंह रावत आदि उपस्थित थे.

दीया मिर्जा संग हुई वैभव रेखी की शादी, एक्स वाइफ सुनैना ने किया रिएक्ट

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फिल्म  इंडस्ट्री की जानी मानी अदाकारा दिया मिर्जा ने  बिजनेसमैन वैभव रेखी के साथ बीते 15 फरवरी को शादी के पवित्र बंधन में बंध गयी है और दिया ने  हिन्दू रीती रिवाज के साथ सात फेरे लिए है और शादी के बाद दिया के ब्राइडल लुक की तस्वीरे सोशल मीडिया पर वायरल हो  चुकी है और इन तस्वीरों में दिया लाल सुर्ख जोड़े सजी बला की खुबसूरत लग रही है और दिया की शादी उनके मुंबई में पाली हिल स्थित बंगले में धूमधाम से सम्पन्न हुई है और इस शादी  में दिया और वैभव के परिवार वालों के अलावा बॉलीवुड के कुछ सितारे भी शामिल हुए है और अब सोशल मीडिया पर दिया की शादी की तमाम तस्वीरे सामने आ चुकी है जो की कैफ ज्यादा वायरल हो रही है और दिया  का ब्राइडल लुक काफी ज्यादा पसंद किया जा रहा है|

बता दे अपनी शादी में दिया बेहद ही सिंपल लुक में नजर आई है और उन्होंने लाल रंग की कांजीवरम साड़ी पहनी है और मांगटिका पहना है और इसके साथ ही हैवी ज्वेलरी से अपने लुक को कम्पलीट किया  है और अपने इस ब्राइडल लुक में दिया बला की खुबसूरत लग रही थी और वही इन तस्वीरों में दिया के चेहरे पर मुस्कुराहट है और ये मुस्कुराहट उनकी ख़ुशी को साफ साफ बयाँ कर रही है |

वही बात करें दिया के पति वैभव के वेडिंग लुक की तो वैभव ने सफ़ेद कलर की शेरवानी पहनी हुई है और बेज कलर की पड़गी पहनी है और ये दोनों ही एक साथ बहुत ही खुबसूरत और खुश नजर आ रहे थे |

वही  शादी के बाद  दिया ने मीडिया के सामने पति के साथ काफी सारे खुबसूरत पोज दिए और दिया ने अपने हांथों से फोटो जर्नलिस्ट्स को मिठाई भी बाटती हुई नजर आ रही थी और इस दौरान दिया बेहद ही खुश नजर आ रही थी |

बता दे दिया की शादी की तमाम तस्वीरे अब सोशल  पर वायरल हो रही है और इस शादी में बॉलीवुड के  कुछ सितारे भी शामिल हुए थे और बॉलीवुड एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी को भी स्पॉट किया गया था और अदिति पिंक कलर की साड़ी में बेहद ही खुबसूरत लग रही थी |

बता दे दिया की  शादी में अदिति ने साली का फर्ज निभाया है और उन्होंने दुल्हे का जूता चुराते हुए एक तस्वीर शेयर की है जो की  काफी वायरल  हो रही है |बता दे इस तस्वीर में अदिति के हांथों में वैभव के जूते नजर आ रहे है और इस दौरान अदिति बेहद ही  खुश  नजर आ रही थी |वही बात करें दिया और वैभव के रिलेशन की तो दिया और वैभव  दोनों पिछले एक साल से एक दुसरे को डेट कर रहे थे और दिया ने हाल ही में अपने इस रिश्ते के बारे में फैन्स को बताया था और उन्होंने कहा था की वे जल्द ही शादी करने जा रही है |

बता दे ये दिया की दूसरी शादी है और इससे पहले उन्होंने साहिल संघा के साथ साल 2014 में शादी की थी और साल 2019 में दोनों अलग हो गये थे और अब दिया वैभव रेखी के साथ शादी रचाई है और वैभव की भी ये दूसरी शादी है और वैभव का एक बेटा भी है|

प्रतिमा फिल्म् इंटरटेंमेंट के बाॕलीवुड माॕडलिंग कैलेंडर को महापौर सुनील उनियाल गामा ने किया लांच

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देहरादून, अभिनय और माॕडलिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य निखारने के उद्देश्य को लेकर उतरे कई युवक और युवतियों को बाॕलीवुड के फोटोग्राफर/कैमरामैन बालक राम (रामा भट्ट) के द्वारा एक प्लेटफार्म पर लाकर उभारने का प्रयास किया जा रहा है, वे प्रतिमा फिल्म् इंटरटेंमेंट मुम्बई के बैनर तले उभरते कलाकारों को फिल्मी क्षेत्र में आगे बढ़ाने की ओर सार्थक पहल कर रहे हैं |

इसी कड़ी में माॕडलिंग के क्षेत्र में उत्तराखण्ड़ के साथ देश के कई राज्यों से विभिन्न आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें 19 प्रतिभागी माॕडलिंग फोटो की दौड़ में आगे रहे जिन्हें बाॕलीवुड माॕडलिंग कैलेन्डर में स्थान दिया गया और महापौर सुनील उनियाल गामा ने आज इस कैलेंडर को लांच किया, कैलेंडर में स्थान पाये 19 प्रतिभागियों में से जजों द्वारा प्रथम, द्वितीय और तीसरे स्थान के लिये चयन किया गया | मुख्य अतिथि महापौर देहरादून  सुनील उनियाल गामा ने विजेताओं को पुरस्कार राशि और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया | अपने उद्बोधन में महापौर गामा ने कहा कि उत्तराखण्ड़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, उन्हें सिर्फ सही मंच प्रदान करने की आवश्यकता है | उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश की नैसर्गिक सुन्दरता अब बालीवुड को भाने लगी है और लगातार फिल्मों की शूटिंग यहां हो रही है |

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में विधायक खजानदास, भाजपा अम्बेडकर मंडल के अध्यक्ष विशाल गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह चौहान मौजूद रहे | इस अवसर पर दून के आकाश नवानी प्रथम (1 लाख), द्वितीय विपिन थपलियाल उत्तरकाशी(50 हजार) और मुज्जफरनगर की 14 वर्षीय महक(25 हजार) तीसरे नंबर पर रही, विजेताओं को मुख्य अतिथि ने पुरस्कृत राशि के चैक भी प्रदान किये, जबकि जम्मू के आर बी सिंह को इस्माइल लुक, दिल्ली के दीपक जैन को सीरियस लुक तथा आदित्य कुमार को चाॕकलेटी लुक के रूप में सम्मानित किया गया | जज के रूप में बाॕलीवुड के नरेश के गोस्वामी और टीवी अभिनेता संजय बडोनी रहे |

कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी रमेश नौडियाल ने किया | इस अवसर पर प्रतिमा फिल्म इंटरटेंमेंट के बालक राम(रामा भट्ट) ने कहा कि वे स्थानीय कलाकारों को लेकर जल्द एक फिल्म का निर्माण करेंगे | फिल्म की पटकथा लिखी जा रही है | कार्यक्रम में पदमसिंह, गुलशन कुमार, आशीष डोभाल के साथ रंगमंच और फिल्म से जुड़े कई कलाकार मौजूद रहे |

फोन पर बात करने और डेटा के लिए चुकानी पड़ सकती है ज्यादा रकम, फिर टैरिफ बढ़ाने की तैयारी में टेलीकॉम कंपनियां

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दिल्ली। भारतीय ग्राहकों को फोन पर बात करने और डेटा के लिए ज्यादा रकम चुकानी पड़ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि टेलिकॉम कंपनियों ने जल्द ही मोबाइल डेटा का दाम बढ़ाने की घोषणा कर सकती है।

इंवेस्टमेंट इंफोर्मेशन फर्म ICRA के अनुसार, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स अगले 1 अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021-22 में अपने रेवेन्यू ग्रोथ को बढ़ाने के लिए कंपनियां एक बार फिर यह कदम उठा सकती हैं। बता दें कि इससे पहले पिछले साल में भी कुछ टेलीकॉम कंपनियाें ने टैरिफ रेट में इजाफा किया था। टैरिफ में बढ़ोतरी और ग्राहकों का 2G से 4G में अपग्रेडेशन के चलते एवरेज रेवेन्यू पर यूजर में सुधार हो सकता है।

मीडियम टर्म में यह करीब 220 रुपये हो सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आगामी दो साल में इंडस्टी का रेवेन्यू 11 से 13 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2022 में आपरेटिंग मार्जिन करीब 38 प्रतिशत तक बढ़ेगा।

स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में मिला 1 करोड़ से अधिक नोटों से भरा सूटकेस

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कानपुर। नई दिल्ली से बिहार जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस की पैंट्री कार में देर रात नोटों से भरा सूटकेस मिला। इसमें 2000 और 500 के नोटों की गड्डियां मिली हैं। नोटों की गिनती तो नहीं हो सकी लेकिन एक करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। कानपुर सेंट्रल स्टेशन में नोटों से भरे बैग मिलने से चारों तरफ सनसनी फैल गई। ट्रेन में बैठे यात्रियों ने लाल रंग का बैग लावारिश हालत में देखा तो, इसकी सूचना जीआरपी को दी। मौके पर पहुंचे जीआरपी और रेलवे प्रशासन के अधिकारियों बैग को अपनी कस्टडी में ले लिया। जब बैग को खोला गया तो वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। पूरा बैग नोटों से भरा हुआ था। सेंट्रल स्टेशन के डेप्युटी सीटीएम हिमांशू उपाध्याय का कहना है कि नोटों से भरे बैग की जांच इनकम टैक्स के अधिकारी करेंगें।

स्वतंत्रता संग्राम सैनानी एक्सप्रेस में संदिग्ध बैग से कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर हड़कंप मच गया। जीआरपी ने बैग को ट्रेन से नीचे उतारा, और आसपास से यात्रियों को बैग से दूर कर दिया। आरपीएफ, जीआरपी, और रेलवे स्टेशन की अधिकारियों के सामने बैग को खोला गया। बैग में बड़ी मात्रा में नई करेंसी थी। रेलवे प्रशासन के अधिकारियों ने बैग को जीआरपी के हवाले कर दिया।

कानपुर सेंट्रल स्टेशन के डीप्टी सीटीएम हिमांशू उपाध्याय का कहना है कि स्वतंत्रता संग्राम सैनानी एक्सप्रेस से लाल रंग का सूटकेस बरामद हुआ था। सूटकेस किसका था इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। उस सूटकेश में कैश था, इस लिए जीआरपी को सौंप दिया गया है। जीआरपी ने इनकम टैक्स विभाग को इसकी सूचना दे दी है। उसमें कितना कैश था उसे काउंट नहीं किया गया है। इसकी जांच जीआपी और इनकम टैक्स विभाग करेगा।

सेंट्रल स्टेशन पर नोटों से भरे बैग को हवाला का रुपया भी बताया जा रहा है। जीआरपी इसकी जांच हवाले से जोड़कर भी करेगी। इसके साथ यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि यह रुपया कहां भेजा रहा था। सेंट्रल स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे है।

Amazon के दस्‍तावेजों से बड़ा खुलासा! भारतीय नियामकों को चकमा देने के लिए बनाई गई थी गोपनीय रणनीति

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नई दिल्‍ली. अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के कुछ ऐसे दस्‍तावेज सामने (Amazon Documents Revealed) आए हैं, जिनमें लिखी बातें केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government), देश के छोटे-बड़े खुदरा कारोबारियों (Indian Retailers), बड़ी स्‍थानीय कंपनियों और उद्योग जगत (Industries) को नागवार गुजर सकती हैं. रॉयटर्स की ओर से सामने आए इन दस्‍तावेजों के मुताबिक, अमेजन की वेबसाइट के जरिये भारत में होने वाली कुल ऑनलाइन बिक्री (Online Sales) का दो-तिहाई हिस्‍सा उसके महज 35 सेलर्स के हाथों में सिमटा हुआ है,

जबकि कंपनी दावा करती है कि उसके साथ 7,00,000 से ज्‍यादा भारतीय विक्रेता (Indian Sellers) जुड़े हुए हैं और उन्‍हें उसकी बदौलत बड़ा फायदा मिल रहा है. अमेजन के दस्‍तावेजों में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में भी कुछ बातें कही गई हैं. दस्‍तावेजों में कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ना तो बुद्धिजीवी (Intellectual) हैं और ना ही बहुत एकेडमिक व्‍यक्ति (Academic) हैं. उन्‍हें लगता है कि केवल मजबूत शासन-प्रशासन (Governance & Administration) के जरिये सफल सरकार (Successful Government) चलाई जा सकती है. पीएम मोदी को साधारण, तार्किक और सीधी सोच के लिए जाना जाता है. वो बहुत भारी-भारकम एकेडमिक शब्‍दजाल में नहीं फंसना चाहते. रॉयटर को इस पर पीएम मोदी के कार्यालय और वाणिज्‍य व उद्योग मंत्रालय की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है.

एफडीआई नियमों से खतरे में पड़ गया था अमेजन का कारोबारअमेजन के सीनियर एग्जिक्‍यूटिव जे. कार्नी 2019 की शुरुआत एक बैठक के लिए तैयारी कर रहे थे. पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में उनके प्रेस सचिव रहे कार्नी को वाशिंगटन में अमेरिका के लिए भारतीय राजदूत के साथ बातचीत करनी थी. भारत सरकार ने उसी दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को लेकर नए और सख्‍त नियमों की घोषणा की थी. दरअसल, नए नियमों से दुनिया की दूसरी सबसे ज्‍यादा वाले देश में विश्‍व की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के कारोबार पर खतरा मंडराने लगा था. बैठक के लिए जाने से पहले अमेजन के कर्मचारियों ने कार्नी को एक नोट तैयार करके दिया था.

कार्नी को बताया, क्‍या बोलना है और किस पर रहना है खामोश
कार्नी के दिए गए नोट में बताया गया था कि भारतीय राजदूत के सामने उन्हें क्या बोलना है और किस पर खामोशी बनाए रखनी है. नोट में उनसे कहा गया था, ‘भारतीय राजनयकि के सामने उन्‍हें कहना है कि अमेजन ने भारत में 5.5 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है और 4,00,000 से ज्‍यादा भारतीय विक्रेताओं को एक ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म उपलब्ध कराया है.’ साथ ही उन्हें यह बात छुपाने को कहा गया था कि वेबसाइट के जरिये होने वाली आनलॉइन वस्तुओं में करीब एक तिहाई चीजें अमेजन के सिर्फ 33 विक्रेताओं ने बेची हैं. नोट में इस जानकारी को अति-संवेदनशील और साझा नहीं करने योग्य बताया गया था.

4 लाख में सिर्फ 35 विक्रेताओं ने की दो-तिहाई ऑनलाइन बिक्री
अमेजन के दूसरे दस्तावेजों में भी ऐसी ही संवेदनशील जानकारी सामने आई है. इनके मुताबिक, अमेजन की भारतीय वेबसाइट पर 2 अन्‍य विक्रेताओं की 2019 की शुरुआत में ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म पर होने वाली कुल बिक्री में 35 फीसदी हिस्सेदारी थी. इन विक्रेताओं में अमेजन की सीधी इक्विटी हिस्सेदारी है. इसका मतलब है कि अमेजन के भारत में चार लाख दुकानदारों में से सिर्फ 35 विक्रेताओं की ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म की कुल ऑनलाइन बिक्री में दो-तिहाई हिस्सेदारी रही है. यह पूरी जानकारी राजनीतिक रूप से काफी अहम थी. अगर यह जानकारी सामने आ जाती तो भारत के उन छोटे-बड़े विक्रेताओं को राहत मिल सकती थी, जो आरोप लगाते रहे हैं कि अमेजन नियमों का उल्लंघन कर कुछ बड़े विक्रेताओं को फायदा पहुंचा रही है और उनके व्यापार को नुकसान पहुंचा रही है.

झूठे साबित हुए अमेजन के छोटे कारोबारियों के बारे में किए दावे
ई-कॉमर्स कंपनी के दस्‍तावेजों की ये जानकारी अगर सामने आ जाती तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी खफा हो सकते थे, क्‍योंकि उनके वोटबैंक में बड़ी हिस्‍सेदारी इन लाखों छोटे-बड़े दुकानदारों की है. यही नहीं, अमेजन की यह बात भी झूठी साबित हो जाती कि कंपनी भारत में छोटे दुकानदारों (Small Traders) और कारोबारियों को साथ लेकर आगे बढ़ रही है. रॉयटर्स की रिपार्ट के मुताबिक, कार्नी और भारतीय राजनयिक के बीच अप्रैल 2019 में हुई बातचीत का ब्‍योरा सामने नहीं आ पाया है. दरअसल, दोनों ही पक्षों ने इसे लेकर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की थी.

सीसीआई कर रहा है अमेजन और फ्लिपकार्ट की जांच
अमेजन का दावा है कि कंपनी पारदर्शी ऑनलाइन मार्केट चलाती है. साथ ही दुनियाभर के विक्रेताओं के साथ समान व्यवहार करती है. हालांकि, अमेजन के सामने आए दस्तावेज ना सिर्फ दूसरी ही कहानी बयां कर रहे हैं, बल्कि उसके ऐसे सभी दावों को झूठा साबित कर रहे हैं. दस्तावेजों से पता चला है कि कंपनी ने कुछ बड़े विक्रेताओं की सूची पर अपना नियंत्रण भी रखा है. बता दें कि जनवरी 2020 में भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग (CCI) ने कहा था कि वह अमेजन और फ्लिपकार्ट की जांच कर रहा है. यह जांच एक भारतीय कारोबारी समूह की शिकायत पर शुरू की गई थी.

Pension News : केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को खुशखबरी, परिवार पेंशन से जुड़े नियमों में हुए अहम बदलाव

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Pension News : केंद्रीय मंंत्री जितेन्द्र सिंह ने सरकार कर्मचारी की मौत के बाद परिवार पेंशन से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। उन्होंने इन बदलावों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी कर्मचारी के घर में अगर कोई दिव्यांग सदस्य है और उसके पास आजीविका चलाने के कोई साधन नहीं हे तो सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद सरकार उसे जीवन भर पेंशन देगी। तमाम विचार-विमर्श के बाद मोदी सरकार ने इस मौजूदा व्यवस्था को बदल दिया है। केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 (54/6) के अनुसार अगर किसी सरकारी कर्मचारी के आश्रित परिवार की कुल आय कर्मचारी के अंतिम वेतन से ज्यादा है तो उन्हें पेंशन नहीं दी जाएगी।

वहीं अगर आश्रित परिवार की कुल आय कर्मचारी के अंतिम वेतन से 30 फीसदी से कम है तो मृतक आश्रितों को जीवन भर पेंशन पाने का अधिकार होगा। इसके अलावा दिव्यांग आश्रितों को नए नियमों के अनुसार जीवन भर पेंशन मिलेगी। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। विकलांग बचे लोगों के लिए पारिवारिक पेंशन पर, केंद्र सरकार ने सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के तहत पारिवारिक पेंशन देने के लिए एक मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनर के बच्चे की योग्यता के लिए आय मानदंड को उदार बनाने के निर्देश जारी किए हैं, कार्मिक मंत्रालय ने कहा, विकलांगों को पारिवारिक पेंशन के लिए छूट दी जाती है क्योंकि उन्हें अधिक चिकित्सा देखभाल और वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है।

सरकार का विचार है कि परिवार के पेंशन के लिए पात्रता वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आय मानदंड, परिवार के अन्य सदस्यों के मामले में लागू, विकलांगता से पीड़ित बच्चे / सहोदर के मामले में लागू नहीं किया जा सकता है। इसलिए, सरकार ने विकलांगता से पीड़ित एक बच्चे / भाई / बहन के संबंध में पारिवारिक पेंशन के लिए पात्रता के लिए आय मानदंड की समीक्षा की है और निर्णय लिया है कि ऐसे बच्चों / भाई-बहनों को पारिवारिक पेंशन के लिए पात्रता के लिए आय मानदंड राशि की राशि के साथ सराहनीय होगा। उनके मामले में हकदार परिवार पेंशन तदनुसार, पेंशन और पीडब्लू विभाग ने निर्देश / आदेश जारी किए हैं, जो एक मृतक केंद्र सरकार के कर्मचारी या पेंशनभोगी का बच्चा / भाई है, जो मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित है, जीवन के लिए पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होगा, यदि उसकी / उसकी कुल आय, पारिवारिक पेंशन के अलावा, सामान्य दर पर हकदार पारिवारिक पेंशन से कम है यानी मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनर द्वारा प्राप्त अंतिम वेतन का 30% और साथ ही साथ महंगाई राहत स्वीकार्य है।

सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। कर्मचारी की मौत के बाद दी जाने वाली परिवार पेंशन की सीमा 75 हजार से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए कर दिया है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि इस निर्णय से सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने के बाद उसके परिवार के सदस्यों को जीवन-यापन में आसानी होगी। उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। बता दें वर्तमान नियमों में किसी सरकारी कर्मचारी की सेवा या रिटायरमेंट के बाद मौत होने पर उसके जीवनसाथी को पेंशन मिलती है। जबकि दोनों के मरने पर बच्चे को दो परिवार पेंशन मिलती है। मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि परिवार पेंशन राशि में दो श्रेणियां थी। एक में अधिकतम वेतन सीमा 50 फीसद और दूसरी 30 प्रतिशत वाली थी। छठे वेतन आयोग ने पहले 90 हजार रुपए अधिकतम वेतन सीमा मानी थी। उन्होंने आगे बताया कि इस हिसाब से 50 फीसद पेंशन वाली श्रेणी में 45 हजार और 30 वाली में 27 हजार रुपए प्रति माह मिलते थे। अब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के हिसाब से अधिकतम सैलरी सीमा 2.5 लाख रुपए प्रति महीने कर दिया गया है। ऐसे में सेंट्रल सिविल सर्विसेज पेंशन नियम 1972 के रूल 54 में उपनियम 11 के तहत संशोधित किया गया है। अब 2.5 लाख रुपए का 50% यानी 1.25 लाख और 2.5 लाख का 30 फीसद यानी 75 हजार रुपए कर दी गई है।

पीपीएफ बनाम एनपीएस: क्या पब्लिक प्रॉविडेंट फंड से आगे नेशनल पेंशन सिस्टम चुनना समझदारी

पीपीएफ बनाम एनपीएस कैलकुलेटर: नेशनल पेंशन सिस्टम या एनपीएस एक स्वैच्छिक पेंशन योगदान प्रणाली है, जिसे पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा प्रशासित और विनियमित किया जाता है। एनपीएस निवेश उपकरण एक संसदीय अधिनियम के माध्यम से बनाया गया है। हालांकि, एनपीएस खातों में निवेश करते समय यह पाया गया है कि लोग सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनपीएस के बीच भ्रमित हैं क्योंकि दोनों सेवानिवृत्ति निधि संचय के लिए हैं। महत्वपूर्ण रूप से, कर और निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, रिटायरमेंट कॉर्पस के निर्माण के लिए दोनों अच्छे निवेश उपकरण हैं, लेकिन अगर किसी को उच्च जोखिम की भूख है और वह अधिक कमाई करना चाहता है, तो एनपीएस पीपीएफ से बेहतर है।

पीपीएफ बनाम एनपीएस

सेबी पंजीकृत कर और निवेश विशेषज्ञ, मणिकरण सिंघल ने कहा, “पीपीएफ और एनपीएस दोनों स्वैच्छिक योगदान विकल्प हैं। जब पीपीएफ या एनपीएस को चुनने की बात आती है, तो लोग भ्रमित हो जाते हैं, जिससे उन्हें अधिक आयकर छूट मिलती है। महत्वपूर्ण रूप से, लोग निवेश करते हैं। एनपीएस जब धारा 80 सी के तहत उनकी पीपीएफ सीमा 1.5 लाख रुपये है। ”

एनपीएस योजना

मणिकरण ने कहा कि एनपीएस में आठ फंड मैनेजर हैं, जहां से 60 फीसदी तक इक्विटी विकल्प चुन सकते हैं। और सेवानिवृत्ति के समय, कोई भी परिपक्वता राशि का 60 प्रतिशत निकाल सकता है, जो कर मुक्त है। बाकी 40 फीसदी निवेशक के पेंशन फंडिंग के लिए एनपीएस खाते में रहेगा और यह कर योग्य होगा। मणिकरण ने यह भी कहा कि एनपीएस निवेश के दो विकल्प हैं: सक्रिय मोड और ऑटो मोड। सक्रिय मोड में, कोई व्यक्ति सालाना रिटर्न का मूल्यांकन कर सकता है और इक्विटी से ऋण और ऋण से इक्विटी के विकल्प में बदल सकता है। ऑटो मोड में रहते हुए, 8 फंड मैनेजर होंगे जो किसी के निवेश को संभालेंगे और कर्ज से लेकर इक्विटी और वाइस-वर्सा के विकल्प को अपनी समझदारी और समझदारी से पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि एनपीएस में, किसी को धारा 80 सीसीडी के तहत 50,000 रुपये तक के निवेश पर आयकर में छूट मिल सकती है।

पीपीएफ बनाम इक्विटी रिटर्न की तुलना

एनपीएस कार्तिक झावेरी के साथ पीपीएफ की तुलना करते हुए, मैनेजर – वेल्थ मैनेजमेंट एट ट्रांसजेड कंसल्टेंट्स ने कहा, “एनपीएस खाते में इक्विटी एक्सपोज़र के कारण, अगर कोई निवेशक इक्विटी और ऋण विकल्पों में से 50:50 विकल्प का चयन करता है, लंबे समय तक ऋण विकल्प में लगभग 8 फीसदी रिटर्न देगा जबकि इक्विटी एक्सपोजर लंबी अवधि में कम से कम 12 फीसदी रिटर्न देगा। ”

मनी कैलकुलेटर

गणना के अनुसार, इसका मतलब है, अगर कोई व्यक्ति एनपीएस में 100 रुपये और पीपीएफ में 100 रुपये निवेश करता है, तो उसे 7.1 प्रतिशत पीपीएफ ब्याज दर मिलेगी जबकि एनपीएस में उसका रिटर्न 10 (6 + 4 = 10) होगा। प्रति प्रतिशत रिटर्न, जो पीपीएफ से 2.9 प्रतिशत अधिक है।

पीपीएफ कैलकुलेटर

मान लें कि कोई व्यक्ति प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये या प्रति माह 12,500 रुपये पीपीएफ में निवेश करता है और उसकी ब्याज दर वर्तमान 7.1 प्रतिशत पर बनी हुई है। तब पीपीएफ कैलकुलेटर का सुझाव है कि 30 साल के बाद किसी की परिपक्वता राशि 1,54,50,911 रुपये होगी।

यह है पेंशन का मौजूदा नियम

CCS (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 54 (6) के अनुसार, एक मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित मृतक केंद्र सरकार के कर्मचारी या पेंशनर का बच्चा / भाई, जीवन यापन के लिए पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र है, यदि वह या वह एक विकलांगता को झेलना, जो उसे अपनी आजीविका कमाने में असमर्थ बना देती है। वर्तमान में, परिवार का कोई सदस्य, जिसमें विकलांगता से पीड़ित बच्चे / सहोदर शामिल हैं, को अपनी आजीविका कमाने के लिए माना जाता है, यदि पारिवारिक पेंशन के अलावा अन्य स्रोतों से उसकी आय न्यूनतम पारिवारिक पेंशन यानी 9000 से अधिक या उससे अधिक है। / – और महंगाई राहत के लिए स्वीकार्य है। एक बच्चे / भाई-बहन के मामले में, एक मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित, जो वर्तमान में पहले आय मानदंडों की पूर्ति नहीं होने के कारण पारिवारिक पेंशन की प्राप्ति में नहीं है, परिवार पेंशन उसे / उसे दी जाएगी, यदि वह / वह नए आय मानदंड को पूरा करती है और सरकारी कर्मचारी या पेंशनर या पिछले परिवार के पेंशनभोगी की मृत्यु के समय पारिवारिक पेंशन देने की अन्य शर्तों को भी पूरा करती है। हालांकि, ऐसे मामलों में, वित्तीय लाभ, सरकारी कर्मचारी, पेंशनर या पिछले परिवार के पेंशनर की मृत्यु की तारीख से संभावित अवधि के लिए संभावित रूप से और कोई बकाया नहीं होगा, स्वीकार्य होगा।

वृद्धावस्था पेंशन योजना में नए प्रावधान

झारखंड में अब हर वृद्ध गरीब को पेंशन मिलेगा। 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के असहाय के लिये मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना में सभी को शामिल करने के प्रस्ताव को कैबिनेट की स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रदेश में करीब तीन लाख 65 हजार अतिरिक्त वृद्धों को पेंशन देने की कार्ययोजना पर सरकार ने कार्य आरंभ कर दिया है। राज्य योजना अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री राज्य पेंशन योजना अंतर्गत योग्य व्यक्तियों को के शत-प्रतिशत अनाच्छादन की घटनोत्तर स्वीकृति मंत्रीपरिषद की बैठक में दी गई। इस स्वीकृति के उपरांत राज्य के सात लाख 30 हजार वृद्धों को पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होगा।

NPS राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के लाभ जो एनपीएस योजना लाभार्थियों को पता होना चाहिए

NPS एनपीएस योजना: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) विश्व स्तर पर सबसे कम लागत वाली पेंशन योजनाओं में से एक है और यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि एनपीएस में निवेश करने से न केवल कर योग्य आय को कम करने में मदद मिलती है, बल्कि साथ ही एक ऐसे कॉर्पस का निर्माण करने में सक्षम होता है जो एक गरिमापूर्ण नेतृत्व करने के लिए आवश्यक है सेवानिवृत्ति के बाद का जीवन। हालांकि, कई एनपीएस योजना लाभार्थियों के बीच, यह सर्वविदित है कि किसी विशेष वित्तीय वर्ष में एनपीएस खाते में 2 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर लाभ का दावा किया जा सकता है (धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये और धारा 80 सीसीडी 1 के तहत 50,000 रुपये) B)। हालाँकि, आंशिक रूप से निकासी पर आयकर लाभ है और वार्षिकी खरीदने पर भी GST की छूट है। आंशिक एनपीएस निकासी पर आयकर लाभ पर बात करते हुए सेबी पंजीकृत कर और निवेश विशेषज्ञ मणिकरण सिंघल ने कहा, “एनपीएस योजना एक एनपीएस खाता धारक को आंशिक रूप से निकासी की अनुमति देती है। एनपीएस निकासी नियम के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अपने नेट के 25 प्रतिशत तक की निकासी कर सकता है। योगदान जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 12 बी के तहत 100 प्रतिशत आयकर छूट है। ” सिंघल ने कहा कि एनपीएस योजना के तहत, एक निवेशक को पूरी निवेश अवधि में तीन अवसरों पर आंशिक निकासी की अनुमति होती है और दोनों निकासी के बीच 5 साल का अंतर होना चाहिए।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली: आप आंशिक रूप से कितना पैसा और कैसे निकाल सकते हैं

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) खाते से आंशिक निकासी पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा एक ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से भी संभव हो गई है। हालांकि, उद्योग विशेषज्ञों का सुझाव है कि जब तक कोई आपात स्थिति न हो, किसी को सेवानिवृत्ति निधि से हटने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए। भले ही आंशिक निकासी संभव है, खाताधारक अपने एनपीएस फंड से आंशिक निकासी तभी कर सकते हैं जब वे 3 साल पूरे कर लें। इसके अतिरिक्त, इसमें एक सीमा भी है कि कितना वापस लिया जा सकता है। एक ग्राहक अपने स्वयं के योगदान का 25 प्रतिशत तक निकाल सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आपने अपने एनपीएस खाते में 6 लाख रुपये का निवेश किया है, तो आप केवल 1.5 लाख रुपये ही निकाल पाएंगे, जो आपके स्वयं के योगदान का 25 प्रतिशत है।

पहले एनपीएस ने आंशिक निकासी की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन अब आंशिक निकासी की जा सकती है, लेकिन केवल विशिष्ट उद्देश्यों के लिए, जैसे कि बच्चे की शादी या शिक्षा, बीमारी या विकलांगता, संपत्ति की खरीद, आदि के लिए, यह भी ध्यान रखें कि सीमाएं हैं। कई बार आंशिक निकासी की जा सकती है। एक खाते के समग्र कार्यकाल में केवल 3 आंशिक निकासी की जा सकती है। इसके अलावा, दो निकासी के बीच 5 साल का अंतर होना चाहिए। हालांकि, अगर किसी निर्दिष्ट बीमारी के इलाज के लिए निकासी की जा रही है, तो अंतराल की यह स्थिति लागू नहीं होती है।

अपने एनपीएस खाते से निकासी कैसे करें?

निकासी करने के लिए, खाताधारक को आंशिक निकासी के कारणों की पुष्टि करने वाले दस्तावेजों के साथ, नोडल कार्यालय या उपस्थिति के बिंदु पर एक आवेदन जमा करने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय ऑनलाइन आवेदन में, खाताधारक सिर्फ एक स्व-घोषणा कर सकता है, और पैसा 5 वें दिन उनके बैंक खाते में स्थानांतरित हो जाएगा।

एनपीएस आंशिक निकासी कर-मुक्त

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि आंशिक निकासी कर-मुक्त है। हालांकि, यदि आप समय से पहले अपने एनपीएस खाते से बाहर निकलते हैं, जो कि 60 वर्ष की आयु से पहले है, तो कर उपचार अलग होगा। उस स्थिति में, आपको एकमुश्त के रूप में केवल 20 प्रतिशत धनराशि को निकालने की अनुमति होगी, जबकि शेष 80 प्रतिशत को वार्षिक करना होगा। ध्यान रखें, भले ही एकमुश्त राशि को कर से मुक्त कर दिया जाएगा, लेकिन वार्षिकी से आय को आपकी आय में जोड़ दिया जाएगा और स्लैब दर पर कर लगाया जाएगा।

उत्तराखण्ड़ : राज्य कैबिनेट की बैठक सम्पन्न, लिये गये कई महत्वपूर्ण फैसले

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देहरादून, प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई, बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं | उत्तराखंड़ सरकार के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने जानकारी दी | चमोली आपदा को लेकर कैबिनेट में 2 मिनट का मौन भी रखा गया, साथ ही ₹7 लाख मृतकों को बतौर मुआवजा के तौर पर दिए जा रहे हैं | कैबिनेट बैठक में कुल 24 बिंदु पर निर्णय लिया गया है |

+उत्तराखंड वन विकास निगम को आवास भत्ता देने को मंजूरी, 7th pay के अनुसार
+ऊर्जा निगमों के md, director के चयन पर इंदु कुमार पांडेय की रिपोर्ट के अनुसार होगा चयन
+वन टाइम सेटलमेंट को लेकर निर्णयके ययदी एक बार सेटलमेंट होगा उसके बाद यदि कोई बदलाब सेटेलाइट तस्वीर में हुआ तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
+हरकी पेड़ी से चंडी देवी रोप वे को मंजूरी, 149 करोड़ की मंजूरी
+आपदा से जुड़े वाद को पीडब्लूडी को हस्तांतरित किया गया मंजूरी
+उत्तराखंड वन विकास निगम में 7 वे वेतनमान के तहत आवास भत्ते को मंजूरी
+जल विधुत निगम का वार्षिक प्रतावेदन को सदन की पटल पर रखने को मंजूरी
+ऊर्जा विभाग के तीनों निगमो में एमडी, डायरेक्टर के चयन में बदलाव को मंजूरी
+इंदू कुमार पांडेय की रिपार्ट के आधार पर ही एमडी और डायरेक्टर की नियुक्ति होगी
+महिलाओं को खातेधारक में लाने का अध्यादेश को मंजूरी
+अवैध निर्माण को लेकर कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला
+सैटेलाइट के माध्यम से होगी अवैध निर्माण पर निगरानी
+वन टाइम स्टाइलमेंट को भी कैबिनेट ने दी मंजूरी
+हर की पौड़ी से चंडी देवी मंदिर रोपवे को मंजूरी
+राज्यपाल के अभिभाषण के लिए मुख्यमंत्री को कैबिनेट ने सौंपा जिम्मा
+सेवा का अधिकार अधिनियम के प्रत्यावेदन की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखने को मंजूरी

कोरोना संक्रमण : राज्य में अब कम होने लगा कोरोना संक्रमण, आज मिले 44 संक्रमित, एक की हुई मौत

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देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण अब धीरे धीरे कम होता जा रहा है। बीते 24 घंटे में एक कोरोना संक्रमित की मौत हुई और 44 नए संक्रमित मिले हैं। कुल संक्रमितों की संख्या 96964 हो गई है। जबकि सक्रिय मरीजों की संख्या 548 हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को प्रदेश में 20165 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, देहरादून जिले में 17, नैनीताल में 14, हरिद्वार में 11, ऊधमसिंह नगर और टिहरी में एक-एक मरीज मिला है। जबकि पिथौरागढ़, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत और उत्तरकाशी जिले में कोई संक्रमित नहीं मिला है।
प्रदेश में 1683 कोरोना मरीजों की अबतक मौत हो चुकी है। वहीं, 53 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया है। इन्हें मिला कर 93309 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की रिकवरी रेट 96.23% है।बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने 5036 लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी। इनमें से पिछले 24 घंटे में 728 स्वास्थ्यकर्मियों को और 4308 फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी गई। प्रदेश में अभी तक एक लाख 29 हजार 29 लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। जबकि 3335 को वैक्सीन की दूसरी डोज दी जा चुकी है। वहीं, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण सुचारू रूप से चल रहा है।

भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् में राजभाषा हिंदी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

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देहरादून। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा, परिषद् के तत्वावधान में राजभाषा हिंदी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सत्य प्रकाश, निदेशक (राजभाषा), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार मुख्य अतिथि रहे। कार्यशाला में डॉ. सुधीर कुमार, उपमहानिदेशक (विस्तार) एवं डॉ. गीता जोशी, सहायक महानिदेशक (मीडिया एवं विस्तार) मंच पर उपस्थित रहे।

इसके साथ ही परिषद् (मुख्यालय) के विभिन्न प्रभागों एवं कार्यालयों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया। मुख्य अतिथि सत्य प्रकाश ने इस अवसर पर हिंदी के राजभाषा बनाए जाने के विकासक्रम पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राष्ट्र निर्माण के पाँच प्रमुख तत्व होते हैं जिसमें से एक राजभाषा होती है। राजभाषा किसी भी राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। उन्होंने विभिन्न राजभाषा अधिनियमों, नियमों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डालते हुए संसदीय राजभाषा समिति की महत्ता का भी उल्लेख किया।

मुख्य अतिथि ने कार्यालयीन हिंदी के विभिन्न आयामों यथा पत्राचार, टिप्पणियों, अनुवाद आदि में प्रचलित एवं सहज शब्दों के प्रयोग पर बल दिया। उन्होंने यह भी बताया कि कार्यालय में भाषा को संप्रेषण का माध्यम बनाना चाहिए न कि पाण्डित्य प्रदर्शन का। कार्यालयीन परिवेश में अनुवाद पर विशेष बल देते हुए उन्होंने कहा कि शब्दानुवाद से बचा जाना चाहिए। उन्होंने अनुवाद में संदर्भ को विशेष ध्यान में रखते हुए शब्दों का प्रयोग सावधानी पूर्वक करने का सुझाव दिया। कार्यशाला के अंत में सहायक महानिदेशक (मीडिया एवं विस्तार) डॉ. गीता जोशी ने श्री सत्य प्रकाश जी का धन्यवाद किया। इसके साथ ही उन्होंने सभी प्रतिभागियों का भी धन्यवाद ज्ञापित किया।