Thursday, June 26, 2025
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दिल्ली में 26वें हुनर हाट का रक्षामंत्री ने किया उद्धाटन, वोकल फॉर लोकल थीम के साथ 20 फरवरी से 1 मार्च तक किया जा रहा आयोजित

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‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ग्रामीण उद्योग के कारोबार को दो-तीन साल में पांच लाख करोड़ रूपये करने का लक्ष्य है। सिंह ने केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित किये जा रहे 26वें ‘हुनर हाट’ के उद्घाटन के मौके पर यह टिप्पणी की’

नई दिल्ली, राजधानी दिल्ली में रविवार को देश भर के दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों के स्वदेशी उत्पादनों के 26वें हुनर हाट का आगाज हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा स्वदेशी दस्तकारों, शिल्पकारों के 26वें हुनर हाट का आयोजन वोकल फॉर लोकल थीम के साथ 20 फरवरी से 1 मार्च तक किया जा रहा है।

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित इस हुनर हाट में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित देश के 31 से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 600 से अधिक दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर शानदार स्वदेशी उत्पादों के साथ शामिल हो रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस दौरान कहा कि, हुनर हाट में एक ही छत के नीचे देश के कोने-कोने के स्वदेशी हस्तनिर्मित दुर्लभ उत्पाद देखने-खरीदने को मिलेंगे।

हुनर हाट के बावर्चीखाने में देश के सभी प्रांतों-क्षेत्रों के पारंपरिक लजीज पकवानों का यहां आने वाले लोग लुत्फ उठाएंगे, साथ ही देश के प्रसिद्ध कलाकारों के विभिन्न सांस्कृतिक, गीत-संगीत के शानदार कार्यक्रमों का आनंद भी ले सकेंगे।

हुनर हाट में आने वाले लोग एक जगह पर भारत की अनेकता में एकता की ताकत का एहसास कर पाएंगे। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा देश भर के दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादनों को लोगों तक पहुंचाने एवं प्रोत्साहित करने का परफेक्ट प्लेटफार्म हुनर हाट के जरिये अब तक 5 लाख से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कलाकारों को रोजगार और रोजगार के मौकों से जोड़ा गया है।

आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के साथ 75 हुनर हाट के जरिये 7 लाख 50 हजार दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार के मौकों से जोड़ा जायेगा।

हुनर हाट में ड्राई फ्लावर्स, बेंत, बांस, जूट के उत्पाद, लकड़ी, मिट्टी से बने स्वदेशी खिलौने, ब्लू आर्ट पॉटरी, पश्मीना शॉल, खादी के सामान, बनारसी सिल्क, वुडेन फर्नीचर, चिकनकारी एम्ब्रॉइडरी, चंदेरी सिल्क, लाख की चूड़ियां, राजस्थानी आभूषण उत्पाद उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने 50 करोड़ रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं को लोकार्पण एवं शिलान्यास किया

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देहरादून/मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मिंयावाला में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 50 करोड़ रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं को लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 18 मार्च को राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण हो जायेंगे। प्रदेश की जनता से जो वायदे किये गये, राज्य सरकार उन वायदों को पूरा कर रही है। जनता की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है। 2017 में जो विजन डोक्यूमेंट बनाया था, उसमें से 85 प्रतिशत से अधिक कार्य कर चुके हैं। जो घोषणाएं की गई हैं, उनकी नियमित समीक्षा भी की जा रही है।

अधिकांश घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं। सड़कों के विकास में विशेष ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पिछले 17 साल में जितनी सड़के बनी लगभग उतनी सड़के पिछले 03 साल और दस माह में राज्य में बनाई गई। इस अवधि में 11 हजार किमी सड़कें बनाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 06 लाख पानी के कनेक्शन दिये जा चुके हैं। इसके लिए पहले 2360 रूपये में उपभोक्ता को पानी का कनेक्शन लेना पड़ता था। 2022 तक सबको पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में भी गरीबों को भी मात्र 100 रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जायेगा। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में भी जल जीवन मिशन शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पति की पैतृक सम्पति में उनको अधिकार दिलाने का कार्य किया है। उत्तराखण्ड यह निर्णय लेने वाला देश का पहला राज्य है। यह सुधार आने वाले समय में समाज की दिशा और दशा को बदलेगा। महिलाओं को अब बैंक लोन लेने में परेशानी नहीं होगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वर्ष 2008 में जब में प्रदेश का कृषि मंत्री था तब जनपद चमोली में मेरी मुलाकात विश्वेश्वरी देवी से हुई।

उन्होंने मेरे समक्ष यह बात रखी थी कि पति की संपति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार होना चाहिए। तब से मेरे जहन में यह बात थी। जनधन खातों के माध्यम से लोगों को योजनाओं का सीधा लाभ दिया जा रहा है। राज्य में जल्द घसियारी कल्याण योजना लाई जा रही है। राज्य में हर वर्ष सैकड़ों महिलाओं की जंगल में घास लाने के दौरान अनेक कारणों से मौत हो जाती है। राज्य में इस तरह की कोई घटना न हो, इस योजना के लिए इस बार बजट में प्राविधान कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि संस्थागत सुधार की दिशा में भी राज्य सरकार प्रयासरत है। ई-कैबिनेट के लिए राज्य सरकार को अवार्ड मिला। ई-कैबिनेट से पर्यावरण संरक्षण एवं पेपरलेस कार्यप्रणाली की शुरूआत की गई है। आज राज्य में 150 ऑफिस ई-ऑफिस हो चुके हैं। ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को भी ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। अटल उत्तराखण्ड आयुष्मान योजना के माध्यम से प्रत्येक परिवार को राज्य में 05 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच दिया गया है। इस योजना से अनेक लोग लाभान्वित हुए हैं। राज्य में शहीद सैनिकों एवं अर्द्धसैन्य बलों के शहीदों के आश्रितों को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार राज्याधीन सेवाओं में सेवायोजित किया जा रहा है।

देहरादून में पंचम धाम सैन्यधाम बनाया जा रहा है। राज्य में 90 प्रतिशत डिग्री कॉलेज के अपने भवन बन चुके हैं। जल्द ही शेष महाविद्यालयों के भवन भी बनाये जायेंगे। भवन के साथ ही महाविद्यालयों को कम्प्यूटर एवं वाई-फाई की सुविधा भी दी जा रही है। राज्य में 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास चल रही है। 600 और विद्यालयों में जल्द ही वर्चुअल क्लास की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इस वर्ष मार्च-अप्रैल तक सौंग बांध के शिलान्याश के प्रयास किये जा रहे हैं। शिलान्यास के बाद 15 माह में यह बांध बनकर तैयार हो जायेगा। रिस्पना के पुनर्जीवन के लिए प्रयास किये जा रहे है। हरेला पर्व पर 16 जुलाई को प्रदेश में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जायेगा। 16 जुलाई को एक-एक वृक्षारोपण का सबको संकल्प लेना होगा।

इस अवसर पर विधायक  उमेश शर्मा काऊ, मेयर  सुनील उनियाल गामा, राज्य मंत्री राजकुमार पुरोहित, राजपाल सिंह रावत, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट एवं स्थानीय जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉलों का अवलोकन किया: मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सर्वे चौक देहरादून में संजीवनी फेस्ट कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्हांंने कहा कि इस तरह के आयोजन से हमारे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और उत्तराखण्ड के विभिन्न थीम पर आधारित उत्पादों को सही प्लेटफार्म मिलने से राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर हमारे स्थानीय उत्पादों को अलग पहचान मिलेगी।
उत्तराखण्ड सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स वाइफ्स एसोशिएशन एक स्वयं सेवी संस्था है। यह संस्था महिलाओं तथा बालिकाओं के उत्थान एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में 20 सालों से प्रयासरत है। संजीवनी की वर्तमान अध्यक्षा श्रीमती दीपा प्रकाश के प्रयासों से दो दिवसीय संजीवनी फेस्ट का आयोजन किया गया। महिला एवं बालिका विकास को समर्पित संजीवनी कोरोना काल से प्रभावित ग्रामीण दस्तकारी, हस्तशिल्प, आयुर्वेदिक उत्पाद एवं अन्य ग्रामोत्पादों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
संजीवनी फेस्ट का शुभारम्भ
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को किया था। इस संजीवनी फेस्ट को सफल बनाने में श्रीमती दीपा प्रकाश की अध्यक्षता में फेस्ट की सदस्य श्रीमती अलकनन्दा अशोक, श्रीमती रश्मि वर्द्धन, श्रीमती अंजलि सिन्हा, श्रीमती अनुराधा सुधांसु, श्रीमती आकांक्षा सिन्हा, श्रीमती शर्मिला भरतरी, श्रीमती अंशु पाण्डे, श्रीमती मुदिता संत, श्रीमती गुंजन यादव, श्रीमती रूपाली ज्योति, श्रीमती लता रावत, श्रीमती सालिनी शाह, श्रीमती दीपाली सिंह एवं श्रीमती शिखा पाण्डेय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कर्मकार कल्याण बोर्ड : करोड़ों के बिल तो पहुँचे लेकिन सामान नहीं, आयोग ने सचिव को दिए जांच के निर्देश

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साइकिल, सिलाई मशीन, टूल किट, सोलर लालटेन आदि खरीद का है मामला
सामान किस वाहन से आया, विभाग के पास नहीं है कोई दस्तावेज

विकासनगर, कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा की गई करोड़ों रुपए की खरीद के बिल तो विभाग के पास पहुंच गए थे, लेकिन सामान यथा साइकिल, टूल किट, सिलाई मशीन, सोलर लालटेन, वेल्डिंग मशीन आदि किस वाहन के द्वारा बोर्ड के पास पहुंचा, उक्त से संबंधित दस्तावेज विभाग के पास नहीं होने के मामले में जन संघर्ष मोर्चा द्वारा सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया गया था। अपील पर कार्रवाई करते हुए मा.सूचना आयुक्त श्री जेपी ममगांई ने प्रकरण को बहुत ही गंभीर माना एवं यह पाया कि, सामान परिवहन के मामले में गड़बड़ी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

उक्त मामले में रविवार को मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी ने सरकार पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि, उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाये जा रहे कर्मकार कल्याण बोर्ड के जालसाज अधिकारियों ने मिलकर गरीब मजदूरों से उनका हक छीनने का काम किया था। उक्त मामले में श्री ममगई ने कर्मकार कल्याण बोर्ड की सचिव को जांच के निर्देश दिए।

शर्मा ने कहा कि, विभाग के पास न तो फार्म-31/ ई-वे बिल की प्रतियां मौजूद हैं और न ही ट्रक इत्यादि के नाम व नंबर। जिससे प्रतीत होता है कि, विभाग द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया। मोर्चा गरीब श्रमिकों का शोषण बर्दाश्त नहीं करेगा एवं भ्रष्ट अधिकारियों को बर्बाद करके ही दम लेगा।

नैनीताल के एसडीएम बनाए गए शिवरात्रि महोत्सव के प्रभारी

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(चंदन सिंह बिष्ट)

छोटा कैलाश मंदिर में 11 मार्च को होगा आयोजन
समिति ने विभिन्न मांगों को लेकर डीएम को सौंपा ज्ञापन

भीमताल, छोटा कैलाश मंदिर समिति ने 11 मार्च को शिवरात्रि मेला महोत्सव के आयोजन की तैयारी के मध्यनजर डीएम से मुलाकात की0 मन्दिर समिति की मांग पर डीएम ने नैनीताल के एसडीएम को मेला प्रभारी नियुक्त किया है । शनिवार को छोटा कैलाश मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी धीराज गबर्याल को ज्ञापन सौंपकर बताया कि 11 मार्च को मंदिर में शिवरात्रि मेला का आयोजन किया जायेगा ।

उन्होंने इस मेले के लिए नैनीताल के एसडीएम को मेला प्रभारी और भीमताल थाना प्रभारी को सुरक्षा प्रभारी नियुक्त करने की मांग की है । इस पर डीएम धीराज गबर्याल ने नैनीताल एसडीएम को मेला प्रभारी बनाने के निर्देश दिए हैं, साथ ही उन्हें मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं के लिए भी इंतजाम करने के निर्देश दिए।

उत्तराखण्ड़ : पुलिस दूरसंचार में चार साल से पदोन्नति नहीं, नियमावली बीते तीन साल से वित्त और गृह विभाग के काट रही चक्कर

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देहरादून, आजीविका चलाने के लिये हर कोई कड़ी मेहनत और कार्यक्षमता के मुताबिक अपना सार्थक परिणाम देने का प्रयास करता है और उसी प्रयास के सकारात्मक पक्ष के रूप में नौकरी पेशा व्यक्ति अपनी पदोन्नति की और भी टकटकी लगाये देखता है जो कि उसके जीवन में नये जोश के साथ आगे बढ़ने के रास्ते खोलती है और अपने कार्य के प्रति अधिक कर्मठता का प्रतिफल तैयार करती है, अगर हम कहे कि एक विभाग में विभागीय कार्मिक लगातार हो रही पदोन्नति से खुश हैं तो उसी के समकक्ष विभाग में पदोन्नति का न होना कार्मिकों के भीतर निराशा की किरण जागृत करने में सहायक सिद्ध होती है |

राज्य में तकरीबन सभी विभागों में इस समय पदोन्नति प्रक्रिया की बयार बह चुकी है। अन्य विभागों के साथ साथ उत्तराखंड़ पुलिस विभाग में भी पदोन्नति हो रही है परन्तु उत्तराखंड़ पुलिस के दूरसंचार विभाग में अराजपत्रित अधिकारियों की सेवा नियमावली न बन पाने के कारण चार साल से पदोन्नति नहीं हुई। अब जो नियमावली बनाई भी गई है उसमें सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर पद के लिए 10 साल के अनुभव की पात्रता तय की जा रही है। गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में यह समय सीमा पांच साल है। ऐेसे में यदि यहां 10 साल की समय सीमा लागू होती है तो फिर अगले दो वर्षों तक भी दूर संचार में पदोन्नति की कोई संभावना नहीं है।
प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले सभी विभागों में पदोन्नति प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। सरकार ने यह भी कहा है कि यदि कोई व्यवधान आ रहा है उसे दूर किया जाए। सभी विभागों से इसके लिए सेवा नियमावली में आवश्यक संशोधन करने के भी निर्देश दिए गए है।

इस क्रम में विभागों की सेवा नियमावलियां लगातार कैबिनेट के जरिये पास भी हो रही हैं। वहीं दूर संचार की नियमावली बीते तीन साल से वित्त और गृह विभाग के बीच ही चक्कर काट रही है। दरअसल, पुलिस दूरसंचार विभाग में पदोन्नति के बेहद सीमित अवसर थे। इसका कारण एक ही ग्रेड वेतन में दो पद रखे गए थे। इससे हो रही अनियमितता को देखते हुए इसके ढांचे में बदलाव किया गया और सहायक सब इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर के अलग-अलग पद बनाए गए। इससे विभाग में उप निरीक्षकों के 50 से अधिक ऐसे पद सृजित हुए।इन पदों को पदोन्नति के जरिये भरा जाना है। पहले पदोन्नति में आरक्षण के कारण यह मसला फंसा रहा। अब इसमें पेंच हटा है तो फिर मामला अब नियमावली को लेकर फंस गया है। सूत्रों की मानें तो अभी तक दूर संचार विभाग में पदोन्नति रिक्त पदों के सापेक्ष होती थी। इसमें अनुभव की कोई न्यूनतम सीमा नहीं थी। अब नियमावली में संशोधन किया जा रहा है तो अब न्यूनतम अनुभव सीमा सिविल पुलिस के समान 10 वर्ष की जा रही है।

जबकि, पुलिस के ही एक अन्य तकनीकी विभाग अग्निशमन में पदोन्नति की न्यूनतम अर्हता पांच साल रखी गई है। इसी पेंच के चलते नियमावली अटकी हुई है | अब जबकि 25 फरवरी को कैबिनेट बैठक होने की संभावना है और इस विषय पर कोई निर्णय लिया जा सकता है ऐसे में पुलिस संचार कर्मियों को प्रदेश के मुख्यमंत्री से यूपी की तर्ज पर पदोन्नति में समय सीमा 10 से 5 साल करने की आस है और आशान्वित हैं कि सकारात्मक पक्ष के तहत अपना सार्थक आर्शीवाद पुलिस संचार कर्मियों को प्रदान करेंगे |

एनआईसी ने बदला ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन का नियम, लोगों को बड़ी राहत

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देहरादून, एनआईसी द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियम बदल दिये, जिससे अब डीएल बनाने के लिये आरटीओ के चक्कर लगाने वालों को बड़ा फायदा होगा, अब सॉफ्टवेयर में बदलाव के बाद यह नियम आरटीओ में लागू हो गया है।
आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कोरोना से पहले रोजाना 150 लोग आवेदन कर सकते थे। कोरोना के बाद यह संख्या सीमित कर दी गई थी, लेकिन अब संख्या बढ़ाकर 100 कर दी गई है। लेकिन रोजाना जैसे ही सुबह सात बजे ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होती है तो अगले कुछ ही मिनटों में 100 स्लॉट बुक हो जाते हैं।

 

दरअसल, आरटीओ के बाहर बैठे कंप्यूटर ऑपरेटर तेजी से सभी स्लॉट बुक कर देते हैं, जिस वजह से घर से लोग आवेदन करने के लिए कतार में ही रह जाते हैं। इस समस्या का अब समाधान हो गया है। एनआईसी ने सॉफ्टवेयर में बड़ा बदलाव कर दिया है।

इसके तहत एक कंप्यूटर के आईपी एड्रेस से एक आवेदन के पांच मिनट बाद ही दूसरा आवेदन किया जा सकेगा। शुक्रवार को पहले यह अंतराल 15 मिनट रखा गया और थोड़ी देर बाद इसे पांच मिनट कर दिया गया।
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आरटीओ में अब एक ही खिड़की पर सभी काम
आरटीओ में अब सभी काम एकल खिड़की से शुरू हो गए हैं। इसके लिए आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई ने सिंगल विंडो सिस्टम लागू कर दिया है। दूसरी ओर आरटीओ में हेल्प डेस्क को भी मजबूत बना दिया गया है।

अब वाहनों के स्वामित्व हस्तांतरण की सभी औपचारिकताएं एक ही खिड़की पर होंगी। शुक्रवार से इसकी शुरुआत हो गई। तमाम लोगों को एक दिन में ही परमिट ट्रांसफर हो गया। सिंगल विंडो से लोग खुुश इसलिए भी नजर आए, क्योंकि इससे आरटीओ में दलालों का बोलबाला खत्म हो जाएगा।

दूसरी ओर, लोगों की सुविधा के लिए आरटीओ में हेल्प डेस्क को प्रभावी बना दिया गया है। अगर आपको आरटीओ से जुड़ा कोई भी काम है तो आप कक्ष संख्या छह में जाकर जानकारी हासिल कर सकते हैं। या आप हेल्प डेस्क के फोन नंबर 0135-2743432 पर फोन करके भी जानकारी हासिल कर सकते हैं।

इसके लिए आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठाई ने सेवारत कर्मचारियों की रोस्टरवार ड्यूटी लगाने के साथ ही वरष्ठि प्रशासनिक अधिकारी पद से सेवानिवृत्त दिग्विजय सिंह को भी तैनात किया है। चूंकि उन्हें आरटीओ से जुड़ी तमाम जानकारियां हैं, इसलिए वह आसानी से सभी बिंदुओं का जवाब दे रहे हैं।

10वीं की परीक्षा दे रही प्रेमिका से मिलने पहुंचा प्रेमी तो लोगों ने पकड़ा फिर हो गई शादी

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कटिहार। बिहार के कटिहार जिले के मनिहारी थाना क्षेत्र में अजब प्रेम की गजब कहानी प्रकाश में आई है। दसवीं बोर्ड की परीक्षा देने आई एक लड़की ने शादी कर ली। इस घटना की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है। बताया जा रहा है कि युवक और युवती के बीच पिछले पांच साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दोनों एक-दूसरे से मिला भी करते थे। लेकिन मैट्रिक की परीक्षा देने आई लड़की को स्थानीय युवकों ने अवैध संबंध के शक पर पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मनिहारी थाना क्षेत्र स्थित पन्ना लाल सुरेंद्र नारायण कन्या विद्यालय में मैट्रिक की परीक्षा चल रही है। लड़की यहां परीक्षा देने आती थी। प्रेमी का नाम नीतीश है। नीतीश बरारी थाना क्षेत्र के गुजरा गांव का निवासी है। नीतीश अपनी प्रेमिका से मिलने परीक्षा केंद्र पर आया हुआ था। तभी गांव वालों ने अवैध संबंध के शक में प्रेमी युगल को पकड़ लिया और पुलिस को मामले की जानकारी देकर प्रेमी नीतीश को थाने में बंद करवा दिया।

इसके बाद जब मामले का खुलासा प्रेम संबंध के रूप में हुआ तो पुलिस की मदद से दोनों के परिजन रजामंदी से शादी करवाने को तैयार हो गए। इसके बाद मनिहारी थाना के बगल मे ही शिव-पार्वती के मंदिर में दोनों की शादी करा दी गई। पांच साल से एक-दूसरे से चोरी-चोरी, चुपके-चुपके प्रेम करने वाले प्रेमी युगल शादी के बाद काफी खुश थे।

प्रेमी नीतीश का कहना था कि वह समझ नहीं पा रहा हैं कि कैसे क्या हो गया। वहीं प्रेमिका से पत्नी बनी गौरी का कहना है कि मैट्रिक परीक्षा छूट जाने का अफसोस तो है लेकिन उसे भरोसा है कि जैसे प्रेम की परीक्षा में पास हुए हैं, उसी तरह अगले वर्ष मैट्रिक की परीक्षा भी देगी और पास होगी।(source: oneindia.com)

किसी भी व्यक्ति को भुगतान हेतु अनावश्यक दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़े: गोयल

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रुद्रप्रयाग, जिलाधिकारी मनुज गोयल ने क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना की समीक्षा बैठक ली। जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी जिला योजना के बजट से पात्र व्यक्तियों को समय से योजनाओं का लाभ मिल सकें, इसके लिए विभाग फील्ड कार्मिकों से समय से पात्र व्यक्तियों का चिन्हीकरण कराए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों के पूर्ण होते ही सम्बन्धित का भुगतान ससमय किया जाय। किसी को भी अनावश्यक भुगतान के लिए दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़े।

जिला योजना के अन्तर्गत संचालित विकास कार्यो की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा करते हुए 15 मार्च तक निर्माण कार्यो को गुणवत्ता के साथ पूरा करते हुए शतप्रतिशत धनराशि व्यय करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

जिलाधिकारी ने लोनिवि, आरडब्लूडी, लघु सिंचाई, सिचाई सहित सभी निर्माणदायी संस्थाओं को जिला योजना के अन्तर्गत संचालित निर्माण कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि जो योजनाए पूर्ण हो चुकी है उनकी शीघ्र यूसी, एमबी तथा फोटो सहित पूरी आख्या उपलब्ध करें और हर हाल में 15 मार्च तक सभी कार्यो को पूर्ण करते हुए अवमुक्त धनराशि को शतप्रतिश व्यय करना सुनिश्चित करें। वही कृषि, उद्यान, उद्योग, रेशम, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य विभागों को स्वरोजगार योजनाओं के तहत चिन्हित लाभार्थियों को शीघ्र लाभान्वित करने के निर्देश दिए। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन विभागों को वित्तीय प्रगति के साथ निमार्ण कार्यो का भौतिक सत्यापन भी करने को कहा।

बैठक में जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी ने शशिकांत गिरि  बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिला योजना के अंतर्गत 38 करोड़ 71 लाख रुपये के सापेक्ष विभागों द्वारा वर्तमान तक 75.73 प्रतिशत धनराशि व्यय कर ली गई है। लोनिवि को अवमुक्त 586 लाख के सापेक्ष 63.47 प्रतिशत, उरेडा ने 97.26 प्रतिशत, पेयजल ने 80.49 प्रतिशत, जल संस्थान ने 87.15 प्रतिशत, वन विभाग ने 69.85 प्रतिशत, कृषि ने 96 प्रतिशत, उद्यान ने 86 प्रतिशत, पशुपालन ने 75 प्रतिशत, युवा कल्याण ने 86 प्रतिशत, स्वास्थ्य ने 97 प्रतिशत धनराशि व्यक्त की गई।

समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी भरत चन्द्र भट्ट, ,जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, जिला अर्थ एवम संख्या अधिकारी शशिकांत गिरि, सीवीओ डॉ रमेश सिंह नितवाल, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह, जल संस्थान, लोनिवि, शिक्षा, पर्यटन, लघु सिंचाई, ग्रामीण निर्माण सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

अजीबोगरीब मामला : पत्नि ने काट डाला पति का प्राइवेट पार्ट, अवैध संबंध के कारण हुई घटना

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फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक युवती ने अपने ही पति का प्राइवेट पार्ट काट दिया। इस घटना के बाद घायल युवक को अस्पताल ले जाया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पति ने आरोपी लगाया है कि पत्नी ने इस घटना को अंजाम दिया है, जबकि उसकी पत्नी ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उसके पति ने खुद अपने प्राइवेट पार्ट काटे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार पत्नी ने अपने पति पर आरोप लगाते हुए कहा हे कि उसका किसी अन्य महिला से अवैध संबंध था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच अकसर झगड़ा होता था और उसका पति उससे मारपीट करता था। पति का प्राइवेट पार्ट काटे जाने के आरोप पर महिला ने कहा कि उसने अपने पति का लिंग नहीं काटा, बल्कि उसने खुद ही इस घटना को अंजाम दिया और उलटा मेरे ऊपर ही आरोप लगा दिया।

मामले में घायल पति का कहना है कि उसकी पत्नी का किसी अन्य शख्स के साथ अवैध संबंध थे। इसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस हुई थी, जिसके बाद गुस्साई पत्नी ने उसके प्राइवेट पार्ट पर चाकू से हमला कर दिया।