Tuesday, June 24, 2025
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एफसीआई में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी, गिरोह का एक और सदस्य को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

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देहरादून, फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) में नौकरी लगाने के नाम पर कई युवकों को ठगने वाले गिरोह के एक और सदस्य को एसटीएफयने गिरफ्तार कर लिया। गिरोह का सरगना विकास चन्द्रा निवासी पौड़ी पहले ही एसटीएफ के हत्थे चढ़ चुका है।

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने की शिकायत प्राप्त होने पर गोपनीय जांच भी करवाई गई। देहरादून निवासी एक युवक के साथ इसी प्रकार की धोखाधड़ी हुई थी जिसमें शिकायतकर्ता की पहचान उनके मित्र ने अपने भाई एवं उसके दोस्त से करवाई जिन्होंने शिकायतकर्ता को फूड कार्पोरेशन आफ इण्डिया विभाग में 10 लाख रुपये में नौकरी दिलाने की बात कही थी।

शातिरों की बातों पर विश्वास करते हुए शिकायतकर्ता ने अपने परिचितो एवं रिश्तेदारो से धनराशि की व्यवस्था कर फोन पे एप व चैको व कुछ नगद के माध्यम से 10 लाख रुपये अभियुक्तगणो के बैंक खातो में डाली । आरोपितों ने शिकायतकर्ता को विश्वास मे लेने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन भी करवाया। इसके बाद फ़ूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया का आई कार्ड व ज्वानिंग लैटर भी दिया।

उसका फर्जी तरीके से प्रशिक्षण भी गोरखपुर उ0प्र0 मे करवाया। बाद मे उन्होने फोन उठाना बंद कर दिया। एसटीएफ ने चार फरवरी को प्रकाश आरोपित विकास चन्द्रा को गिरफ्तार किया था। रविवार को कपिल सैनी निवासी मौहल्ला नीलखुदाना, थाना ज्वालापुर, जनपद हरिद्वार को गिरफ्तार कर उसके पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, पासबुक एटीएम कार्ड भी बरामद किए हैं।

सीलिंग भूमि पर अवैध निर्माण को तहसील प्रशासन ने किया ध्वस्त

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देहरादून, ग्राम सभा रायवाला में सीलिग भूमि पर हुए अवैध निर्माण को तहसील प्रशासन ने जेसीबी के माध्यम से ध्वस्त कर दिया। इस दौरान चार पक्के निर्माण व तारबाड़ को भी तोड़ा गया।

सोमवार को तहसीलदार रेखा आर्य के नेतृत्व में पहुंची तहसील टीम ने वासंती मंदिर के समीप सीलिग भूमि का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां बने तीन घर व गोशाला को जेसीबी के माध्यम से ध्वस्त कर दिया। तहसीलदार ने बताया कि अतिक्रमण करने वालों को पूर्व में नोटिस दिया गया था कि वह सीलिग भूमि से स्वयं निर्माण हटा ले, लेकिन उसके द्वारा ऐसा नहीं किया गया। लिहाजा प्रशासन ने स्वयं अतिक्रमण हटा दिया। उन्होंने बताया कि अब अतिक्रमण करने वाले से नियमानुसार ध्वस्तीकरण का हर्जाना भी वसूला जाएगा।
लेकिन बिजली के कनेक्शन वाले मकान को नहीं तोड़ा संबंधित व्यक्ति से मकान के दस्तावेज मांगे गए हैं। इनकी जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की एगी |

सीलिग भूमि में अवैध निर्माण के खिलाफ प्रशासन ने तब कार्रवाई शुरू की जब कई पक्के मकान बन गए। मकानों में जब लिटर डालने की तैयारी हो रही थी। यदि समय रहते प्रशासन ने कार्रवाई की होती तो अवैध निर्माण इतना आगे न बढ़ता।

रायवाला व गौहरीमाफी ने बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भूमि खुर्द-बुर्द हो रही है। यहां नदी नालों की जमीन पर कई जगह तारबाड़ लगाकर कब्जे किए जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि तहसील प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है। संबंधित ग्राम पंचायतों ने इन अतिक्रमणों की लिखित सूचना तहसील प्रशासन को दी हुई हैं, इसके बावजूद इन अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी से यह बात सामने आई है कि जमीनों के इस काले धंधे में कई सफेदपोश शामिल हैं। कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। सांठगांठ से इन जमीनों की अवैध ढंग से खरीद-फरोख्त भी हो रही है।

भक्ति भाव एवं समर्पण से समागम की तैयारियां पूरे जोरों पर

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देहरादून  निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा  महाराज की पावन छत्रछाया में महाराष्ट्र का 54वां प्रादेशिक निरंकारी सन्त समागम दिनांक 2627 एवं 28 फरवरी, 2021 को वर्चुअल रूप में आयोजित किया जा रहा है कोरोना वायरस का संक्रमण अभी भी पूर्णतया थमा नहीं है इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के बारे में जारी किए गये दिशा- निर्देशों के अनुसार समागम का आयोजन वर्चुअल रूप में किया जा रहा है।

मिशन के सेवादारों के द्वारा पिछले करीब डेढ महीने से इस सन्त समागम की तैयारियां; संत निरंकारी सत्संग देहरादून में हो रही हैं सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के सान्निध्य में समागम में सम्मिलित होने वाले वक्ता, गीतकार, गायक, कवि, संगीतकार एवं वादक सभी इस भवन में आकर अपनी प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर चुके हैं, जिसे वर्चुअल रूप में प्रसारित करने के लिए रिकार्ड किया गया है। महाराष्ट्र के सभी क्षेत्रों के अतिरिक्त आस-पास के राज्यों तथा देश विदेशों से भी कई वक्ताओं ने इस समागम में हिस्सा लिया है।

समागम की तैयारियों के दौरान कोविड-19 के सन्दर्भ में सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशानुसार सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना ( दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी), सैनिटाईजेशन इत्यादि के अलावा समागम सेवाओं में संलग्न एवं सम्मिलित होने वाले सभी प्रतिनिधियों की कोविड (RT-PCR) जाँच भी कराई गई ताकि सारे कार्य निर्विघ्न संपन्न हो सकें।

मिशन के इतिहास में ऐसा प्रथम बार होने जा रहा है कि इस वर्ष का 54 वां प्रादेशिक निरंकारी संत समागम वर्चुअल रूप में आयोजित किया जा रहा है निरंकार प्रभु परमात्मा की इच्छा को सर्वोपरी मानते हुए हर्षोल्लास के साथ भक्तजन इसे स्वीकार कर रहे हैं। संपूर्ण समागम का वर्चुअल प्रसारण मिशन की वेबसाईट पर दिनांक 26 27 एवं 28 फरवरी, 2021 को प्रस्तुत किया जायेगा। इसके अतिरिक्त यह समागम संस्कार टी.वी. चैनल पर तीनों दिन सायं 5.00 से रात्रि 9.00 बजे तक प्रसारित किया जायेगा।

निरंकारी संत समागमों की श्रृंखला पर यदि हम नज़र डालते हैं तो महाराष्ट्र का पहला समागम 1968 में शिवाजी पार्क, मुंबई में बाबा गुरबचन सिंह जी के पावन सान्निध्य में संपन्न हुआ और समागमों की इस अविरल श्रृंखला का आरंभ हुआ। 1980 तक बाबा गुरबचन सिंह जी की छत्रछाया में यह समागम होते रहे और फिर बाबा हरदेव सिंह जी की रहनुमाई में 36 वर्षों तक इस परम्परा को आगे बढ़ाया गया उसके उपरांत 2 वर्षों तक

सत्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी के पावन सान्निध्य में समागम संपन्न हुए और वर्तमान में सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज उसी ऊर्जा और तन्मयता से इसे आगे बढ़ा रहे है।

देहरादून महानगर के विभिन्न मैदानों में लगातार 52 वर्षों से यह समागम होते आये थे जबकि पिछले वर्ष महाराष्ट्र का 53वां समागम पहली बार मुम्बई से हटकर नासिक में आयोजित किया गया।

इस वर्ष समागम का मुख्य विषय स्थिरता रखा गया है प्रकृति में निरंतर परिवर्तन

होता रहता है और कई प्रकार की उथल – पुथल होती रहती है केवल एक परमसत्य

परमात्मा ही स्थिर है। जिस मनुष्य का नाता इस एकरस रहने वाली सत्ता से जुड़ जाता है

उसके जीवन में स्थिरता आ जाती है और हमें हर परिस्थिति में एकरस रहने की शक्ति

मिल जाती है। महाराष्ट्र के इस समागम के माध्यम से भी इसी पावन सन्देश को वर्चुअल

रूप में जनमानस तक पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा। संत निरंकारी मिशन सदैव ही समाज सेवा के लिए अग्रणी रहा है विश्व आपदा कोविड-19 के दौरान संत निरंकारी मिशन द्वारा सरकार के दिये गये दिशा निर्देशानुसार सोशल डिस्टेंसिंग (दो गज की दूरी, मास्क है ज़रूरी) को निभाते हुए जनकल्याण की भलाई के लिए अनेक सराहनीय कार्य किए गये जिसमें मुख्यतः संत निरंकारी मण्डल द्वारा मुम्बई में गठित, संत निरंकारी ब्लड बैंक ने अहम भूमिका निभाई और हजारों की संख्या में हर जरूरतमंदों को समय पर ब्लड देकर उनका जीवन बचाया यह सेवाएं निरंतर जारी

हैं।

पिछले कुछ वर्षों से महाराष्ट्र का यह समागम अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप ले चुका है। इसमें देश-विदेश से बड़ी संख्या में निरंकारी भक्त सम्मिलित होते आये हैं यह समागम भले ही वर्चुअल रूप में हो रहा है, फिर भी इसका बेसबरी से विश्वभर में इंतजार किया जा रहा है।

बीमारी से उबरने के बाद पहली बार उत्तराखंड पहुंचे राज्यसभा सांसद बलूनी

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सांसद अनिल बलूनी नेसपरिवार अपने मूल गांव में इष्टदेव के मंदिर में की पूजा अर्चना, तत्पश्चात डांडा नागराजा जा कर लिया आशीर्वाद

देहरादून, उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख श्री अनिल बलूनी अस्वस्थता के लगभग डेढ़ वर्ष बाद पहली बार उत्तराखंड प्रवास पर अपने मूल गांव पहुंचे, उन्होंने सपरिवार अपने इष्टदेव की पूजा अर्चना की और परिजनों से भेंट की। अनिल बलूनी का उनके गांव और क्षेत्र के निवासियों ने अभूतपूर्व स्वागत किया। गांव में बहुत भावुक और खुशी का वातावरण था। स्थानीय पंचायतों के जनप्रतिनिधि गणों, पौड़ी विधायक मुकेश कोली सहित भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
सांसद बलूनी ने अपने संबोधन में कहा के उनके लिए यह बहुत भावुक क्षण है। लंबे समय के बाद मूल गांव आए हैं, अपने परिजनों से मिले हैं और अपने इष्ट देव का आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला है।

उन्होंने कहा कि जब वे घोर अस्वस्थता में बिस्तर पर थे, तब भी उनकी उत्तराखंड के प्रति चिंता और अपना दायित्व बोध उन्हें सक्रिय रखता था। उत्तराखंड के लिए अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इन अंधेरों से लड़ने की आवश्यकता है। इस अंधेरे के प्रति हम सब को एकजुट होकर स्वर्णिम उत्तराखंड बनाना होगा, जो सुखी संपन्न और आत्मनिर्भर हो।

श्री बलूनी को इस अवसर स्थानीय भारतीय जनता पार्टी के कोट मंडल के अध्यक्ष श्री अनिल गुसाईं द्वारा उनके खोला (नकोट) बूथ का पन्ना प्रमुख बनाया गया। कार्यकर्ताओं से संबोधन में सांसद बलूनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है कि जहां प्रत्येक पदाधिकारी, सांसद, मंत्री भी पार्टी का सामान्य कार्यकर्ता है और पार्टी अभियानों से जुड़ा भी रहता है और इसी के तहत उनके मंडल ने “मेरा बूथ – सबसे मजबूत” अभियान के तहत उन्हें पन्ना प्रमुख का दायित्व दिया है। वह अपने राष्ट्रीय दायित्व के साथ अपने बूथ पर भी सक्रिय रहेंगे। इस अवसर पर उन्होंने अपने गांव के कुछ द्वारों पर इस अभियान के स्टीकर भी चिपकाए।

इसके पश्चात सांसद बलूनी ने सपरिवार डांडा नागराजा जाकर पूजा अर्चना की और भगवान नागराज का आशीर्वाद लिया। यहां भी स्थानीय निवासियों और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा गाजे बाजे के साथ उनका स्वागत किया और स्थानीय समस्याओं से अवगत कराया।

उत्तराखण्ड़ में आज कोरोना 54 नये मरीज मिले, एक संक्रमित की हुई मौत

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देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण अब धीरे धीरे कम होनू लगा है, आज मंगलवार को कोरोना के 54 नए मरीज मिले और एक संक्रमित की मौत हो गई।

इसके साथ ही राज्य में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 96773 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले में एक भी नया संक्रमित नहीं मिला। जबकि देहरादून में 30, हरिद्वार में सात, नैनीताल में तीन, पौड़ी में तीन, यूएस नगर में दस और टिहरी जिले में एक संक्रमित मरीज मिला है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक संक्रमित की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में अभी तक मरने वाले कुल मरीजों की संख्या 1690 हो गई है।

अब प्रदेश में संक्रमण की दर 4.15 प्रतिशत जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 96.38 प्रतिशत हो गई है। मंगलवार को राज्य भर के अस्पतालों से कुल 8445 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए आठ हजार से अधिक की रिपोर्ट आई जबकि सात हजार के करीब मरीजों की रिपोर्ट आना बाकी है। राज्य में कोरोना संक्रमण के बाद 93268 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं जबकि 423 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। मंगलवार को 38 मरीज इलाज के बाद विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए।

 

राज्य में कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत मंगलवार को राज्य भर में कुल 3982 फ्रंट लाइन वर्कर का टीकाकरण किया गया। इसके साथ ही टीकाकरण कराने वालों की संख्या एक लाख 41 हजार के पार पहुंच गई है। राज्य में 12021 स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना की दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है। राज्य में कोरोना टीका लगाने वाले फ्रंट लाइन कोरोना वारियर की संख्या 61 हजार के पार पहुंच गई है।

देहरादून : अब पांच राज्यों से आने वालों की बॉर्डर और एयरपोर्ट पर होगी कोरोना जांच

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देहरादून, देश के पांच राज्यों में कोरोना ने फिर से अपना संक्रमण तेज कर दिया, इन राज्यों में मरीज बढ़ने पर उत्तराखंड में भी अतिरिक्त सतर्कता बरती जाने लगी है। मंगलवार से इन पांच राज्यों से आने वाले वाले लोगों की जिले के बॉर्डर पर कोरोना की जांच की जाएगी। इसके लिए आशारोड़ी चेकपोस्ट, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट व्यवस्था बनाई जा रही है।

कोरोना के मरीज देश में कम हुए तो करीब तीन महीने पहले अनलॉक की गाइडलाइन को देखते हुए बार्डर से कोरोना जांच प्वाइंट हटा दिए गए थे। कोरोना वैक्सीन आने के बाद देश के अधिकांश जिलों में कोरोना मरीज घट रहे हैं। हालांकि, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, मध्यपदेश और छत्तीसगढ़ में फिर से मरीज बढ़ने लगे हैं। ऐसे में डीएम डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं। उन्होंने आशारोड़ी बॉर्डर, रेलवे स्टेशन और जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर इन पांच राज्यों से आ रहे लोगों की कोरोना जांच शुरू करने का निर्देश दिया है।

डीएम के निर्देश पर संबंधित क्षेत्रों के एसडीएम ने कोरोना जांच प्वाइंट फिर से बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। यह टीम हॉट स्पॉट पांच राज्यों से आने वाले लोगों की कोरोना जांच करेगी |

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर ऑनलाइन संगोष्ठी आयोजित

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देहरादून (चकराता), अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर जौनसार-बावर के श्री गुलाब सिंह राजकीय महाविद्यालय चकराता में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई व एक भारत श्रेष्ठ भारत के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसका शुरुआत प्राचार्य प्रोफेसर केएल तलवाड़ ने की। प्राचार्य ने कहा कि सामाजिक जीवन में भाषा की अहम भूमिका है। कहा शिक्षा और समाज में भाषाई समावेश के लिए बहुभाषावाद को बढ़ावा देना आवश्यक है।

राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. कुलदीप चौधरी ने कहा मानव जीवन में भाषा की अहम भूमिका है। भाषा के माध्यम से ही देश-विदेश में संवाद स्थापित किया जा सकता है।

इस दौरान वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अरविद वर्मा, डॉ. संजीव कुमार शर्मा, डॉ. सीमा पुंडीर, डॉ. जितेंद्र दिवाकर, डॉ. देशराज सिंह, प्रियंका, निकिता, दिव्या, रविता, रिकी, कांता, नेहा, प्रतिमा, कल्पना, सुमन, आंचल, सरिता आदि मौजूद रहे। वहीं, पंडित शिवराम राजकीय महाविद्यालय त्यूणी में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर अंजना श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं को भाषा की महत्ता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान महाविद्यालय में स्थानीय जौनसारी बोली में संवाद कार्यक्रम के तहत अपने विचार रखे।

मातृभाषा दिवस पर आयोजित भाषा संवाद प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्र भरत चंद ने प्रथम, काजल असवाल ने द्वितीय व दिग्पाल सिंह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा महाविद्यालय की प्रतिभावान छात्रा करीना को विशेष प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मीनाक्षी कश्यप, डॉ. सतीश चंद्र, मंजू गौतम आदि मौजूद रहे।

 मेला महानिरीक्षक ने किया सीमा सुरक्षा बल के आवासीय स्थल का निरीक्षण

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हरिद्वार 23 फरवरी (कुल भूषण ) महानिरीक्षक कुम्भ मेला संजय गुंज्याल हरिद्वार के द्वारा कुम्भ मेला ड्यूटी में तैनात हुई सीमा सुरक्षा बल की सी व डी कम्पनी एवं बी एस एफ के बम निरोधक दस्ते के आवासीय स्थल और मेस का निरीक्षण किया।

सीमा सुरक्षा बल की 03 कम्पनियां वर्तमान में कुम्भ मेला ड्यूटी हेतु हरिद्वार आई हुई है। इन कम्पनियों में से 02 कम्पनियां सी व डी और बी एस एफ  बम निरोधक दस्ता रिजर्व पुलिस लाइन हरिद्वार में केम्प किये हुए हैं और 01 कम्पनी के द्वारा एस टी होस्टल में अपना केम्प स्थापित किया गया है।

पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ मेला द्वारा रोशनाबाद स्थित बी एस एफ  केम्प के निरीक्षण के दौरान उनकी समस्याओं और सुझावों के सम्बंध में जानकारी प्राप्त की गई। निरीक्षण के दौरान उपस्थित डीसी
एन के  श्रीवास्तव के द्वारा बताया गया कि रहने खाने में जो भी समस्या थी उनमें से अधिकतर सीओ लाइन के स्तर से निपटाई जा चुकी हैए वर्तमान में कोई विशेष दिक्कत नही है  यदि भविष्य में कोई समस्या हुई तो अवगत कराया जाएगा।

आईजी कुम्भ के निरीक्षण के दौरान बी एस एफ  से डीसी एन के श्रीवास्तव एसी नाजिम खान एसी अशोक यादव एसी बिश्वजीत बम निरोधक दस्ते से उपस्थित रहे तथा कुम्भ मेला पुलिस से सुरजीत सिंह पंवार अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप राय अपर पुलिस अधीक्षक  कमल सिंह पंवार पुलिस उपाधीक्षक शांतनु पराशर पुलिस उपाधीक्षक पूर्णिमा गर्ग पुलिस उपाधीक्षक सुरेश बलूनी पुलिस उपाधीक्षक उपस्थित रहे। इसके अलावा एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अबुदाई कृष्ण राज एस भी निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे।

कुंभ मेले में स्नान हेतु कोविड 19 आरटीपीसीआर रिपोर्ट लेकर आये मेलाधिकारी

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हरिद्वार 23 फरवरी (कुल भूषण ) मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ मेला 2021 पूरी तरह कोविड सुरक्षित कराने के लिए पूरे प्रबंध किए गए हैं। इसके लिए फ्रंटलाइन वर्कर चिकित्सकए स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा मेला ड्यूटी में लगे प्रशासनिकए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही मीडिया कर्मियों का भी निःशुल्क कोविड टीकाकरण कराया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि ऐसे सभी लोगों को कुंभ के दौरान ही टीके की दूसरी डोज भी लग सके।
मेलाधिकारी दीपक रावत ने ऋषिकुल आयुर्वेद परिसर में बने कोविड वैक्सीनेशन सेंटर पर खुद भी  कोविड का टीका लगवाया। मेलाधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कुंभ मेले में कोविड संक्रमण से बचाव के लिए करीब एक हजार जगहों पर फिक्स सैनेटाइजर मशीन लगवाई जा रही है। निःशुल्क मास्क का वितरण भी किया जाएगा।

मेलाधिकारी ने लोगों से भी अपील है कि वह कुंभ स्नान के लिए आने से पहले 72 घंटे के भीतर की कोविड निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट लेकर आएं जिससे सभी लोग कोविड से सुरक्षित रहण्सकें। मेलाधिकारी ने बताया कि कुंभ के दौरान गंगा स्नान को आने वाले श्रद्धालु पुराने कपड़े न तो गंगा में डालें और न घाटों पर छोड़े। इसके लिए 256 आस्था कलश जगह जगह लगवाए जा रहे हैं। अपने पुराने कपड़े श्रद्धालु उसी आस्था कलश में डालें। इस दौरान अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।

किसानों का आंदोलन जारी : टिकैत के साथी बोले- विदेशी फंडिंग खत्म हो गई, मिठाई बांटो, पैसे के लेनदेन पर होने लगी बहस

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नई दिल्ली, किसान पिछले ढाई महीने से ज्यादा से दिल्ली के बॉर्डर पर जमे हुए हैं। अब आपस में ही कई किसान नेताओं ने एक दूसरे पर छींटाकशी शुरू कर दी है। भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्योराज सिंह ने कहा है कि उनके पास विदेशी फंडिंग खत्म हो गई है। उन्होंने कहा, खुशी मनाओ, मिठाई बांटो क्योंकि किसानों के पीछे अब कोई भीड़ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैक्टर रैली के लिए 3 लाख हजार रुपये देने पड़े थे।

जी हिंदुस्तान के डिबेट कार्यक्रम में श्योराज सिंह ने कहा, राजपूतों में पृथ्वीराज भी पैदा हुए थे और जयचंद भी पैदा हुए थे। उन्होंने अपने पड़ोसी गांव के कुछ लोगों को यह कहा था। इसके बाद उधर से जवाब मिला कि मास्टर श्योराज जयचंद वाला काम कर रहे हैं और किसानों के साथ गद्दारी कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के गांव बोल रहे किसान ने कहा, राकेश टिकैत के पास इतना पैसा कहां से आया।

गांव से एक और किसान नेता ने कहा, इनके पास 20 बीघे खेत था और आज करोड़ों की संपत्ति है। आप अपनी जांच करवाएं और राकेश टिकैत की जांच करवाएं। इसके बाद श्योराज सिंह ने आरोप लगाया कि किसान नेता ने 3 हजार रुपये लिए थे। इसके बाद दोनों में पैसों के लेनदेन को लेकर बहस शुरू हो गई। मास्टर श्योराज कहने लगे कि आप मंदिर पर आकर कसम खाएं कि आपने पैसे नहीं लिए, मास्टर श्योराज सिंह ने कहा, ‘ये भोले के मंदिर पर सौगंध लेने के नाम पर लड़खड़ा गए। उन्हें भोले के मंदिर पर कसम खिलाओ। इनके साथ चार लोग हैं। हमारे साथ तो 50 लोग जाते हैं।’

 

टिकैत के बयान के विरोध में उतरे लोग
राकेश टिकैत के बयान पर भी लोग नाराज नजर आए। राकेश टिकैत के कहने पर लोग अपनी फसलों को बर्बाद करने लगे थे। एक शिकायतकर्ता ने कहा, ‘बाप कहता था कि खूब अन्न पैदा करो और विश्व को खिलाओ और बेटा कह रहा है कि फसल जलाओ। राष्ट्रीय प्रवक्ता ऐसी बात कह रहा है। अगर देश में अन्न की कमी होगी तो इसके लिए राकेश टिकैत जिम्मेदार होंगे।’