Monday, June 23, 2025
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रक्तदान कर मनाया 18 वां जन्मदिन

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हरिद्वार 24 फरवरी (कुल भूषण ) शिवालिक नगर निवासी युवा हर्षित कपिल ने अपने 18वें जन्मदिन के दिन परिजनों व मित्रों के संग ब्लड ब्लड बैंक हरिद्वार पहुंच कर प्रथम बार रक्तदान किया । हर्षित कपिल ने बताया कि वह अपने जन्मदिन को विशेष तरह से बनाना चाहता था ।

जिसके लिए हर्षित ने रक्तदान कर मानव सेवा को ही सर्वोत्तम माध्यम चुना ।
हर्षित ने बताया कि 18 वर्ष का होने पर हमें सिर्फ वोट डालने या फिर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का ही अधिकार नहीं मिलता अपितु समाज सेवा हेतु रक्तदान कर किसी का जीवन बचाने का अधिकार भी मिलता है ।
हर्षित के पिता प्रवीण कपिल एक शिक्षक हैं व माता पूनम कपिल सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं  हर्षित में अपने माता पिता को बार बार रक्तदान कर जरूरतमंदों की सेवा करते  बचपन से देखा है जिसका गहरा प्रभाव हर्षित कपिल पर भी पड़ा है ।

इस यादगार अवसर पर पिता प्रवीण कपिल माता पूनम कपिल बहन मिली कपिल मित्र अनुभव चौहन व माधव विष्नोई उपस्थित रहे । साथ ही हरिद्वार ब्लड वॉलिंटियर्स से अनिल अरोड़ा विशाल अनेजा ब्लड बैंक से रैना राखी महावीर चौहान दिनेश लखेड़ा ने भी हर्षित कपिल को जन्मदिवस की शुभकामनाएं व आशीर्वाद दिया ।

उच्च शिक्षा मंत्री की सख्ती के बाद हरकत में आया शासन और विवि प्रशासन

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देहरादून, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय को राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश का स्वामित्व दे दिया है। इस संबंध में सरकार ने शासनादेश जारी कर दिया है। राजस्व अभिलेखों में दर्ज महाविद्यालय की चल-अचल संपत्ति अब श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के अधीन हो जायेगी। हालांकि सरकार एक वर्ष पहले ही राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश को श्री देव सुमन विश्वविद्यालय का कैम्पस घोषित कर चुकी थी।

लेकिन विश्वविद्यालय और शासन के ढुलमुल रवैये के चलते परिसंपत्ति हस्तांतरण की कार्यवाही कागजों में उलझी रही। वहीं विभागीय मंत्री डा. रावत ने गत सप्ताह विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक में कड़ा रूख अपनाते हुए शासन और विवि के अधिकारियों को तीन दिन के भीतर ऋषिकेश कैम्पस को विश्वविद्यालय के हैंड ओवर करने के निर्देश दिये थे। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये थे कि वह परिसम्पत्ति हस्तांतरण में लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को ऋषिकेश कैम्पस से शैक्षणिक और अकादमिक गतिविधियां संचालित करने के निर्देश भी दिये थे।

उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के कड़े रूख के बाद शासन ने ऋषिकेश कैम्पस के स्वामित्व को श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के अधीन करने के आदेश पारित कर दिये हैं। उच्च शिक्षा मंत्री डा. रावत ने बताया कि विश्वविद्यालय को ऋषिकेश परिसर सौंपने के लिए अधिकारियों को तत्काल कार्यवाई करने के निर्देश दिये गये थे। जिस पर शासन ने परिसम्पत्ति हस्तांतरण के आदेश दे दिये हैं। विश्वविद्यालय अब ऋषिकेश परिसर को अपने कब्जे में लेगा और यहां से शैक्षिक और अकादमिक गतिविधियां संचालित करेगा। वहीं उन्होंने कहा कि नए परिसर में विश्वविद्यालय द्वारा ढांचागत व्यवस्थाओं को दुरूस्त किया जायेगा। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश परिसर को परीक्षाओं के केन्द्रीय मूल्यांकन का केन्द्र बनाया गया है। इससे छात्र-छात्राओं की परीक्षा संबंधी दिक्कतें दूर हो जायेगी।

‘‘ड्राइव 2.0 सबज़ीरो उत्तराखण्ड’’ कार रैली का समापन

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देहरादून। राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने एक्सट्रम स्पोर्ट्स आॅर्गनाइजेशन (एक्सएसओ) के सहयोग से ‘‘ड्राइव 2.0 सबज़ीरो उत्तराखण्ड’’ विषय पर आधारित कार रैली का आयोजन किया गया, जिसका समापन बुधवार को हो गया है। इस अभियान की शुरूआत दिल्ली से 14 फरवरी को फ्लैग आॅफ से हुई थी, जो 15 फरवरी को ऋषिकेश पहुंची। दस दिवसीय अभियान के दौरान इस कार रैली ने ऋषिकेश, गुप्तकाशी, कौसानी, मुनस्यारी, बिनसर और कॉर्बेट नेशनल रिजर्व का दौरा किया।

इस अभियान के बारे में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, “उत्तराखंड राज्य साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गति प्राप्त कर रहा है। रोमांच से भरे साहसिक गतिविधियों से उत्साही लोगों के लिए उत्तराखंड आदर्श स्थलों में से एक है। कार रैली को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए मैं कार रैली के 15 सदस्यीय टीम को बधाई देता हूं।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि हम राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन किए जाऐंगे। जिससे प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा होने के साथ राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस अभियान के बारे में अधिक जानकारी देते हुए, राज कपूर, सह-संस्थापक, एक्सट्रम स्पोर्ट्स आॅर्गनाइजेशन (एक्सएसओ) ने कहा “उत्तराखंड का दौरा करना हम सभी के लिए एक यादगार अनुभव रहा। हमारे द्वारा चुने गए स्थानों ने हमें उत्तराखंड की सुंदरता, बर्फ से ढके पवर्त, पहाड़ों व राज्य की संस्कृति, पारंपरिक वेशभूषा को देखने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की पारंपरिक स्वादिष्ट व्यंजनों के स्वाद ने हमारी पूरी टीम का दिल जीत लिया है। हमारी यात्रा सुरक्षित थी और हम सभी ने यहाँ अपनी यात्रा का आनंद लिया जो जीवन भर हमें याद रहेगा। उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से उत्तराखंड में फिर से आने और निकट भविष्य में कुछ अन्य स्थानों की यात्रा करने की योजना बनाएंगे।”

 

उपनल कर्मियों को समान काम का मिले समान वेतनमान,

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उपनल कर्मियों की मांगों के मामले में उच्च न्यायालय के निर्देशों का हो सम्मान – मोर्चा

देहरादून कई -कई वर्षों से भिन्न-भिन्न विभागों में मुस्तैदी से सेवाएं दे रहे उपनल कर्मी को समान काम का समान वेतनमान मिलना चाहिए। जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ नेगी ने कहा कि मा.उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सरकार ने एसएलपी योजित कर रखी है। विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि हजारों उपनल कर्मी अपने नियमितीकरण एवं समान कार्य समान वेतन को लेकर आंदोलित हैं तथा कई वर्षों से पूर्व में भी अपनी मांगों के समर्थन में लड़ाई चुके हैं ।

 

इन कर्मियों के आंदोलित होने की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ अन्य विभागों में भी कार्य प्रभावित हो रहा है, जिसका असर सीधा जनता पर पड़ रहा है | सरकार को इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए | नेगी ने कहा कि 12/11/ 2018 को मा.उच्च न्यायालय ने इन कर्मियों के नियमितीकरण एवं न्यूनतम पे-स्केल महंगाई भत्ता सहित देने एवं जीएसटी न काटने हेतु सरकार को निर्देश दिए थे, लेकिन सरकार निर्देशों के अनुपालना के बजाय उनकी राह में रोड़ा अटकाने को लेकर मा. सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी योजित कर दी गई ,

जिसके द्वारा मा.सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 01/02 /2019 को मा.उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी । नेगी ने हैरानी जताई की उपनल कर्मी नियमित कर्मचारी से भी अधिक मुस्तैदी से कार्य कर रहा है तथा उसके एवज में मात्र 10-15 हजार में सरकार उसके भविष्य से खिलवाड़ करने में लगी है | अपने भविष्य को लेकर इन कर्मियों के सामने हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है | मोर्चा सरकार से मांग करता है कि जनहित में मा.सर्वोच्च न्यायालय में योजित एसएलपी वापस ले इन कर्मियों की मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करे |

महिला कमाण्डो फोर्स एवं स्मार्ट चीता पुलिस का शुभारम्भ

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देहरादन, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पुलिस लाईन देहरादन में उत्तराखण्ड की महिला कमाण्डो फोर्स एवं स्मार्ट चीता पुलिस का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कमाण्डो प्रशिक्षक श्री शिफू शौर्य भारद्वाज, सैन्य अधिकारी सुश्री रूबीना काॅर्की, पीटीसी नरेन्द्र नगर के प्रशिक्षक श्री हितेश कुमार, कमाण्डो निरीक्षक श्री नीरज कुमार एवं प्रशिक्षित महिला पुलिस कमाण्डो को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस के दस्ते में आज उत्तराखण्ड महिला कमाण्डो का दस्ता जुड़ गया है। उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमाण्डो का दस्ता तैयार किया है। उन्होंने कहा कि महिला पुलिस कमाण्डो को बेहतर प्रशिक्षण दिया गया। कमाण्डो को प्रशिक्षण देने वाले शिफू शौर्य भारद्वाज का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मात्र एक आग्रह पर यह प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण उनके द्वारा निःशुल्क दिया गया। किसी भी विद्या में पारंगत होने का सबसे बड़ा उद्देश्य आत्म सुरक्षा होना चाहिए। विद्या का सदुपयोग होना जरूरी है। विद्या के ज्ञान के साथ ही चपतलता का होना भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्कूलों एवं काॅलेजों में पढ़ने वाली बेटियों को भी प्रारम्भिक आत्म सुरक्षा के गुर सिखाने जरूरी है। बेटियों को मोटिवेशन देना जरूरी है। यह समाज की आवश्यकता है। पढ़ाई के दौरान उन्हें आत्म सुरक्षा से संबंधित जानकारी हो। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में हम बेटियों को आत्म सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित करें। इन 22 प्रशिक्षित महिला कमाण्डो की भूमिका इस दृष्टि से और अधिक बढ़ जाती है। इस तरह के अन्य संगठनों का सहयोग लेकर आने वाले भविष्य में इसके लिए अधिकारियों को योजना बनाने को कहा गया है, ताकि इस तरह का एक बहुत बड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य में चलाया जा सके।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पति की पैतृक सम्पति में पत्नी को सह खातेदार बनाया है। ऐसा निर्णय लेने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना है। समाज में जिस तरह बदलाव हो रहा है, ऐसे समय में महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना भी बहुत जरूरी है। हमारी बेटियां सशक्त एवं मजबूत होनी चाहिए इस सोच के साथ अनेक कार्यक्रम चल रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तमाम रास्ते बेटियों के लिए खोले हैं। आईएनएस तरंगिणी में पांच महिलाओं ने 18 हजार किमी की जोखिम भरी यात्रा पूरी की। आज बेटियां फाइटर जेट उड़ा रही हैं। इन्फेन्ट्री एवं सीमाओं पर देश की बेटियां जा रही हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए बेटियों का सर्वांगीण विकास बहुत जरूरी है।

पुलिस लाईन देहरादून में प्रशिक्षित 22 महिला कमाण्डो ने सुरक्षा से संबधित अनेक करतब दिखाए। 104 प्रशिक्षत चीता पुलिस दल का भी मुख्यमंत्री ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने चमोली जनपद में आपदा के दौरान दिवंगत दो पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जनपद में आपदा के दौरान हमारी महिला अधिकारियों द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों में सराहनीय कार्य किया गया।
इस अवसर पर विधायक श्री विनोद चमोली, महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया बड़थ्वाल, मुख्यमंत्री के सैन्य सुरक्षा सलाहकार ले.ज.(रिटा.) जे.एस. नेगी, सचिव गृह श्री नितेश झा, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार एवं पुलिस के अधिकारी उपस्थित थे।

साईं इंटरनेशनल एजुकेशन ग्रुप ने की ‘साईं थॉट लीडरशिप’ की मेजबानी

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देहरादून,  ‘साईं थॉट लीडरशिप’ का पहला अधिवेशन श्री सुब्रतो बागची के मार्गदर्शक अभिभाषण के साथ आरम्भ हुआ जिसमे उन्होंने उस एक्शन प्लैन पर बल दिया जिसके द्वारा किसी शैक्षिक संस्था या अन्य संस्थान का नेतृत्व आज के परिदृश्य में अघोषित तथा अचिंतनीय संकट का निर्भीक हो सामना कर सके

भारत के अग्रदूत विद्यालयों में अन्यतम साईं इंटर नेशनल स्कूल की मेजबानी में साईं थॉट लीडरशिप’ जैसी चर्चा-शृंखला का आयोजन किया गया जिसका लक्ष है देश का विकाश प् श्री सुब्रतो बागची (चेयरमैन, ओडिशा स्किल डेवलपमेंट ऑथोरिटी, मुख्य प्रवक्ता, कोविड-19, ओडिशा सरकार, सह-संस्थापक-माइंड ट्री तथा बेस्ट सेलिंग पुस्तकों के लेखक) तथा डाक्टर विजय कुमार साहू ( उपदेष्टा व कार्यकारी अध्यक्ष-ओडिशा आदर्श विद्यालय संगठन, ओडिशा सरकार तथा संस्थापक व सलाहकार, साईं इंटरनेश्नल एजुकाशन ग्रुप ने मिलकर इस अवसर का आगाज किया

साई थॉट लीडरशिप एक शैक्षिक मंच है जहां अपने-अपने क्षेत्र के प्रसिद्ध व मार्ग निर्माता व्यक्ति देश की सर्वांगीण उन्नति का लक्ष्य लेकर ज्वलंत सामाजिक विषयों पर चर्चा करते हैं। ये विज्ञ वक्ता अपने समृद्ध वक्तव्य से न केवल नागरिक क्षमताओं का विकास करेंगे बल्कि जनसाधारण की चिंतन प्रक्रिया को संचालित करते हुए समाज के लिए मार्ग-अन्वेषक तथा समस्या- निवारक बनेंगे। प्रत्येक अधिवेशन के बाद मुख्य वक्ता व डॉ विजय कुमार साहू, उपदेष्टा व कार्यकारी अध्यक्ष-ओडिशा आदर्श विद्यालय संगठन, ओडिशा सरकार तथा संस्थापक व सलाहकार, साईं इंटरनेश्नल एजुकाशन ग्रुप के मध्य एक भावोद्दीपक वार्तालाप का आयोजन भी किया जाएगा।

साईं थॉट लीडरशिप’ के प्रथम अधिवेशन का विषय था श्मूविंग द माउंटेन्स रू मैनेजिंग क्राइसिसश्। इस विषय पर अपना वक्तव्य रखते हुए डॉक्टर सुब्रतो बागची ने एक्शन प्लान पर बल देते हुए कहा कि कैसे किसी शैक्षिक संस्था या अन्य संस्था का नेतृत्व वर्तमान काल के परिदृश्य में संकट से सामना कर सकेगा ’ श्री सुब्रतो बागची ने संकटकाल से निबटने के लिए एक 20 सूत्री रणनीति का जिक्र किया। तीन बिंदुओं पर खास तवज्जो देते हुए उन्होंने कहा कि संकट के समय किसी भी नेतृत्व को इनका परिपालन करना आवश्यक है–1. सावधानी व सतर्कता 2. तात्कालिकता तथा 3. आशा की स्थापना ’ यह पूछने पर कि संकट का सामना करते समय किसी नेतृत्व को श्री राम की तरह विधि-पालक होना चाहिए या विधि-विरोधी, उन्होंने कहा, यह एक ट्रिकी क्वेश्चन है लेकिन श्री राम और श्री कृष्ण दोनों ही ईश्वर के अवतार हैं। पुराणों में ऐसी परिस्थितियों का निर्माण सिर्फ इसलिए किया गया है ताकि पाठक यह समझ सकें कि सत्य हमेशा अंतर्विरोधों से ही उद्घाटित होता है। यह आप पर निर्भर है कि आप सत्य को खोजते हुए खो जाएंगे या अंतर्विरोधों का सामना करते हुए उनमें से सत्य को खोज निकालेंगे। पुराणों में इस तरह की कठिन परिस्थितियों का निर्माण इसीलिए किया गया है ताकि पाठक अपने आप से गहन प्रश्न पूछ सकें । हमें याद रखना है कि श्रीकृष्ण में श्रीराम समाहित हैं और श्रीराम में श्रीकृष्ण ’

यह पूछने पर कि एक पाठक आपकी किस पुस्तक को पहले पढ़ना चाहेगा, उन्होंने बताया- मुझे लगता है कि जहां काफी लोगों ने मेरी किताब श्गो किस द वर्ल्डश् को सराहा वहीं अनेक पाठकों ने श्प्रोफेशनलश् की प्रशंसा की है। मैं समझता हूं कि श्प्रोफेशनलश् आधुनिक दौर में बड़ा ही प्रासंगिक है। श्गो किस द वर्ल्डश् इसलिए अधिक चर्चित हुई क्योंकि यह प्रत्येक परिवार की कहानी है। जहां तक नए प्रोफेशनल्स का संबंध है, उन्हें मेरी किताब श्प्रोफेशनलश् को अवश्य पढ़ना चाहिए ।

उड़ीसा में कोविड-19 परिचालन पर जब उनसे चर्चा की गई, उन्होंने बताया कि संकटकाल दरअसल नवोन्मेष का समय होता है, सामान्य व्यवसाय का नहीं । उन्होंने आगे बताया, इस दौरान उड़ीसा सरकार ने कुछ अद्भुत कदम उठाए थे– पहला तो यह कि सरकार ने पेंडामिक के दौरान प्रत्येक सरपंच को कलेक्टर की क्षमता दे दी ताकि वे अपने क्षेत्र में आने वाले प्रवासी मजदूरों से उत्पन्न स्थिति से निपट सकें प् दूसरा महत्वपूर्ण कार्य सरकार ने यह किया कि गांव में प्रवास से लौटने वाले मजदूरों के भोजन के लिए गांव की ही मां-बहनों को जिम्मेदारी सौंप दी। इसके लिए स्थानीय सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के कंधों पर इन बेसहारा लोगों को खिलाने का उत्तरदायित्व डाला गया। यह एक सार्थक कदम था । इस एहसास को साकार करने के लिए गांव की सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को आर्थिक सहायता दी गई । सरकार ने यह अनुभव किया कि यह एक ऐसा दौर है जिससे सेक्रेटेरिएट में बैठकर निपटना मुमकिन नहीं, इससे गांव तथा ग्रामीणों के स्तर पर ही निपटा जा सकेगा । प्रत्येक नेतृत्व के लिए यह महत्वपूर्ण है कि ऊर्जा का संरक्षण हो ताकि संकटकाल का सामना किया जा सके प् अपने अनुभव का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हमें सामाजिक स्मृति का जागरण करना पड़ेगा ताकि भविष्य में जब भी इस प्रकार कोई संकट आए तो अपनी सामाजिक स्मृति के आधार पर हम उसका मुकाबला कर सकें। हमने उड़ीसा में आए सुपर साइक्लोन का मुकाबला साधन से नहीं बल्कि सामाजिक स्मृति से किया। अतः संकट वह समय है जिसके माध्यम से हम सामाजिक संबंध और सामाजिक स्मृति कायम कर सकते हैं ।

साईं थॉट लीडरशिप’ के प्रथम अधिवेशन में बोलते हुए डॉ विजय कुमार साहू ने श्री बागची से अनुरोध किया कि वे उड़ीसा के स्टार्टअप्स के बारे में अपना सुचिंतित मत रखते हुए राज्य के युवा उद्यमियों को उत्साहित करें ताकि वे क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकें ।

भारत का अग्रणी शैक्षिक संस्थान होने के नाते साईं इंटरनेशनल एजुकेशन ग्रुप चाहता है कि शिक्षा को अधिक प्रासंगिक बनाते हुए राज्य के शिक्षकों, अभिभावकों तथा छात्रों को साथ लेकर प्रांत के शिक्षा-क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सके प् इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर ही साईं थॉट लीडरशिप’ का उदय हुआ, इस उद्देश्य के साथ कि प्रांत के विभिन्न क्षेत्रों के नेतृत्व को अनुप्राणित किया जा सके जो समय के तकाजे पर खरे उतरे हैं और जो उच्च समभाव-संपन्न है । साईं थॉट लीडरशिप’ एक बेहतरीन मौका है जब इसके मंच से समाज के प्रमुख आधार स्तंभ माने जाने वाले मुख्य वक्ता गण समाज को कुछ देने तथा समाज के साथ अपनी एकात्मता के जज्बे को बयान करते हुए श्रोताओं तथा दर्शकों को समृद्ध कर सकेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर धाद ने किया लोकभाषा की 15 पुस्तकों का लोकार्पण

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“देश की 22 भाषाओं में गढ़वाली और कुमाऊंनी को शामिल करने की वकालत”
देहरादून,  गढ़रत्न और प्रख्यात लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि युवा पीढ़ी लोकभाषा से विमुख होती जा रही है। ऐसे में लोकभाषा के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने जरूरी हो गए हैं, हालांकि अब मातृभाषा के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा को देश की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की वकालत की। इस मौके पर लोकभाषाओं पर आधारित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
नेगी रविवार को मालदेवता स्थित स्मृति वन में धाद लोकभाषा एकांश की ओर से अंतर्राष्ट्रीय लोकभाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के समापन समारोह में बोल रहे थे। लोकगायक नेगी ने सेंसेक्स में गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषाओं पर आए संकट का जिक्र करते हुए इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि हमने मातृभाषा के कालम में गढ़वाली या कुमाऊंनी लिखा होता तो यह आंकड़े झूटे साबित होते, क्योंकि लाखों लोग इन भाषाओं को बोलते हैं। कहा कि जब उन्होंने गढ़वाली गीत गाने शुरू किए तो लोकभाषा ने उन्हें ऐसा जकड़ा कि वह आज तक उससे छूट नहीं पाए। उन्होंने धाद के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सरकारों से लोकभाषा को बचाने की उम्मीद नहीं की जा सकती, इसलिए गढ़वाली भाषा को जिंदा रखने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है।
       धाद के केंद्रीय अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा कि दुनिया में साढ़े तीन हजार से ज्यादा भाषाएं हैं, जिनमें से कई भाषाएं अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष  कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोकभाषा हमको आपस में जोड़ने का काम करती है। कहा कि भूमंडलीकरण के कारण अंग्रेजी भाषा हावी हो गई, जिससे गढ़वाली समेत तमाम भाषाओं पर संकट आ गया, जिसे संरक्षण देने की जरूरत है। भाषाई विविधता के बीच अपनी भाषा को बचाने की जरूरत है।
   इस मौके पर नंदकिशोर हटवाल ने बाल साहित्य में लोकभाषा के प्रयोग पर जोर दिया। डायट प्राचार्य राकेश जुगरान ने कहा कि एक से ज्यादा भाषा सीखना बुरा नहीं है, लेकिन अपनी लोकभाषा को बचाना जरूरी है, जिसके लिए निरंतर काम किया जाना जरूरी है और इसे स्कूल स्तर पर शुरू करने की जरूरत है।
       इस मौके पर पुष्पलता रावत, मुकेश नौटियाल, प्रदीप बहुगुणा दर्पण ने भी विचार व्यक्त किए। दो सत्रों में हुए इस कार्यक्रम के दूसरे चरण में गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी और अन्य लोकभाषाओं में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। पहले सत्र का संचालन संस्था के केंद्रीय महासचिव तन्मय ममगाईं जबकि दूसरे सत्र का संचालन शांति बैंजोला ने किया। कार्यक्रम में डा. कमला पंत, डा. आशा रावत, हर्ष मणि ब्यास, डा. राकेश बलूनी, मणि भारती, धूम सिंह, गोपाल बिष्ट, शोभा रतूड़ी आदि मौजूद थे।
                        
लोकभाषा की पन्द्रह पुस्तकों का लोकार्पण 
अंतरराष्ट्रीय लोकभाषा दिवस पर आयोजित नौ दिवसीय कार्यक्रम के प्रभारी शांति प्रकाश जिज्ञासू ने कहा कि कार्यक्रम के अंतिम दिन रूम टू रीड के तहत चार भाषाओं गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी और हिंदी में 15-15 कहानियों के सेट की पुस्तक का लोकार्पण किया गया। इन पुस्तकों के लेखकों ने अपने विचार साझा किए।

(बड़ी खबर): पूर्व छात्र संघ महासंघ उपाध्यक्ष ने की आत्महत्या, प्रेमिका के घर जाकर खाया जहर

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(चन्दन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी (भीमताल), कुमाऊं विश्वविद्यालय के छात्र महासंघ के वर्ष 2017-18 में उपाध्यक्ष रहे सुंदर लाल आर्य द्वारा आत्महत्या किए जाने का समाचार है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि 24 वर्षीय सुंदर का पिछले चार-पांच वर्षों से किसी युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती के परिजन दोनों की शादी के खिलाफ थे। इधर युवती का विवाह अन्यत्र तय हो गया था। इस कारण ही उसने जहर पीकर आत्महत्या कर ली।

बताया गया है कि सुंदर ने मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे अपनी प्रेमिका के लामाचौड़ स्थित घर के पास ही नुवान नाम का कीटनाशक पी लिया। उन्हें बचाने की कोशिश में सेंट्रल हॉस्पिटल लाया गया, लेकिन अस्पताल पहंचने से पूर्व ही उसकी मौत हो गई। उसके घर वालों को करीब दो बजे इसकी जानकारी लगी। उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार के अनुसार मूलतः ढोलीगांव ओखलकांडा निवासी सुंदर पढ़ने में काफी मेधावी था। उसने हाल ही में एमए की परीक्षा पूरी की थी। वह एनसीसी कैडेट भी रहा था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभाग संयोजक का दायित्व भी निभाया था। अंतिम संस्कार सुंदर आर्य के पैतृक गांव ढोलीगांव में बुधवार को होगा।

जानिए किन पांच राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्सों में कम करेगी कटौती

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नई दिल्ली, एजेंसियां। देशभर में बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों से जनता परेशान है। कई राज्यों में पेट्रोल का दाम सौ रुपये प्रति लीटर से भी ज्यादा हो गया है। राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पेट्रोल 90 रुपये से ज्यादा दाम में बिक रहा है और डीजल भी 81 रुपये के ऊपर ही है। बढ़ते तेल के दामों के बीच पांच राज्यों ने अपने यहां की जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम कम किए है। देश में लगातार बढ़ती पेट्रोल और डीजल की कीमतों के बीच इन पांच राज्यों ने राहत की खबर दी है। इन सभी पांचों राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) को घटा दिया है। जिसके बाद इन राज्यों में बिक रहा पेट्रोल और डीजल बाकी राज्यों के मुकाबले सस्ता मिल रहा है और इससे जनता को काफी फायदा हो रहा है।

सस्ते दामों में पेट्रोल और डीजल देने वाले राज्य राजस्थान, असम, पश्चिम बंगाल, नागालैंड और मेघालय हैं। इन सभी राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) घटा दिए हैं। पश्चिम बंगाल ने रविवार को टैक्स घटाया है। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक रुपये वैट कम किया है। इसके पेट्रोल और डीजल पर वैट (VAT) सबसे पहले राजस्थान ने पिछले महीने जनवरी में घटाया था। वहीं, नागालैंड और मेघालय सरकार ने भी अपने यहां पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती की है।

नागालैंड और मेघालय में पेट्रोल और डीजल के टैक्सों में कटौती से लोगों को राहत

देश में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के बीच, नागालैंड सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल के टैक्सों में कटौती की है। संशोधित टैक्सों की दर 22 फरवरी की मध्यरात्रि से लागू हो गईं हैं। सरकारी अधिसूचना के अनुसार नागालैंड में पेट्रोल और अन्य ईंधनों पर टैक्स की दर को 29.80 फीसद प्रति लीटर से घटाकर 25 फीसद प्रति लीटर या 18.26 रुपये से घटाकर 16.04 रुपये (दोनों में से जो अधिक हो) कर दिया गया है।

इसके साथ ही अधिसूचना में कहा गया है कि डीजल पर टैक्सी की दर 11.08 रुपये से घटाकर 10.51 रुपये प्रति लीटर या 17.50 फीसद से घटाकर 16.50 फीसद प्रति लीटर (दोनों में से जो अधिक हो) किया गया है।

मेघालय की सरकार ने अपने यहां की जनता को राहत देते हुए पेट्रोल पर टैक्स में 7.4 रुपये और डीजल पर 7.1 रुपये प्रतक की कटौती की है।

बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें पिछले 10 दिनों से लगातार बढ़ रही हैं और कुछ राज्यों में, पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से भी अधिक हो गई है। विपक्षी दलों ने भी डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया है।

दिल्ली में 90.83 रुपये में मिल रहा पेट्रोल

देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें मंगलवार को फिर से बढ़ गईं हैं। दिल्ली में पेट्रोल 90.83 और डीजल 81.32 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। पेट्रोल की कीमत में 25 डीजल में 35 पैसे की बढ़ोतरी हुई है।

गौरतलब है कि इससे पहले अपने बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर के कृषि सेस और डेवलपमेंट (एआईडीसी) लगाने की घोषणा की थी। 14 फरवरी को दिल्ली में 14.2 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में भी 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी, जिससे अब रसोई गैस की कीमत 769 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है।

महिला क्रिकेट: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मुकाबले सात मार्च से, लखनऊ में आयोजन

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नई दिल्ली. भारत और दक्षिण अफ्रीका की महिला टीमों के बीच 7 मार्च से सीरीज होने जा रही है. सीरीज में 5 वनडे और 3 टी20 के मुकाबले खेले जाएंगे. वनडे सीरीज की शुरुआत 7 मार्च से होगी जबकि टी20 के मुकाबले 20 मार्च से शुरू हाेंगे. सभी मुकाबले लखनऊ के एकाना स्टेडियम में खेले जाएंगे. उप्र क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव युद्धवीर सिंह ने मैच की तारीख और वेन्यू की पुष्टि कर दी है. दोनों टीमें 25 फरवरी काे लखनऊ पहुंचेंगी. यह सीरीज बायो बबल में खेली जाएगी.

भारतीय महिला टीम ने अंतिम इंटरनेशनल मुकाबला टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल खेला था. फाइनल में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार मिली थी. यह मैच 8 मार्च 2020 को मेलबर्न स्टेडियम में खेला गया था और लगभग 90 हजार फैंस भी पहुंचे थे. यानी टीम पूरे एक साल बाद इंटरनेशनल मैच खेलेगी. दोनों टीमों छह दिन क्वारेंटाइन में रहेंगी. इसके बाद ही उन्हें ट्रेनिंग की इजाजत मिलेगी. भारत के अलावा पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका की टीमें कोरोना के बीच इंटरनेशनल मुकाबला खेल चुकी हैं.

नवंबर 2019 से हमने नहीं खेला है कोई वनडे मैच

भारतीय महिला टीम की बात करें तो हमने 6 नवंबर 2019 के बाद से कोई वनडे मैच नहीं खेला है. यानी टीम 16 महीने बाद वनडे मुकाबला खेलने उतरेगी. यह सीरीज इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि अगले साल वनडे वर्ल्ड कप प्रस्तावित है. वर्ल्ड कप के मुकाबले न्यूजीलैंड में होने हैं. महिला टीम का प्रदर्शन पिछले कुछ समय से काफी अच्छा रहा है. पिछले साल टीम टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी. वहीं 2017 में हुए वनडे वर्ल्ड कप के खिताबी मुकाबले में भी टीम पहुंची थी. वनडे टीम की कप्तान मिताली राज सिर्फ वनडे के मुकाबले खेलती हैं. ऐसे में उनके लिए यह अच्छा मौका होगा. पिछले साल आईपीएल के दौरान महिला टी20 चैलेंज के मुकाबले यूएई में कराए गए थे. इस दौरान चार मुकाबले हुए थे और देश की सभी प्रमुख खिलाड़ी इसमें उतरी थीं.