Wednesday, May 14, 2025
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मंत्री ने स्वास्थ्य केंद्रों केंद्रों का किया निरीक्षण, अव्यवस्थाओं पर लगाई फटकार

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हरिद्वार 16 मई (कुलभूषण) गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री स्वामी यतीस्वरानंद ने स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। झबरेड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला लगा मिलने पर मंत्री भड़क उठे। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को फटकारते हुए कहा अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के साथ साथ तुम्हारी सेहत भी सुधारनी पड़ेगी।

जिस पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने कल से झबरेड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नियमित खुलवाने व व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा।
गन्ना मंत्री आज मुख्य चिकित्साधिकारी को लेकर रुड़की के राजकीय संयुक्त चिकित्सालय का निरीक्षण करने गए थे। जहाँ उन्हीने व्यवस्थाओ का जायजा लिया और चिकित्सको व स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत की। उन्होंने मरीजो के तीमारदारों का भी हौंसला बढ़ते हुए कहा कि सरकार उनके साथ है। इसके बाद गन्ना मंत्री ने रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा के सहयोग से संचालित हेल्पिंग हैंड कोविड केयर सेंटर का भी निरीक्षण किया। जिस पर उन्होंने कोविड 19 की के दौरान की जा रही सेवाओ के लिए विधायक प्रदीप बत्रा की सराहना की।

यहां निरीक्षण करने के बाद झबरेड़ा नगर पालिका चेयरमैन के कहने पर यह अचानक झबरेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण को निकले। जहां पहुंचकर उन्होंने ताला लगा पाया तो वह भड़क उठे।
मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि कोविड 19 की रोकथाम में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नही की जाएगी। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी एस के झा को निर्देश देते हुए कहा कि शहरों के साथ साथ छोटे कस्बो व गाँवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाए। सरकार की ओर से धन व उपकरणों की कमी नही होने दी जाएगी। यदि आवश्यकता हो तो जितने मर्जी डॉक्टर, नर्स, स्टाफ या अन्य की तत्काल भर्ती करें।

श्री स्वामी ने कहा कि गांवों में ध्यान न देने के कारण शहरों में भीड़ बढ़ रही है। उन्होंने ग्राम स्तर पर कोरोना टेस्टिंग कराने के भी निर्देश दिए।
मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कोरोना की रोकथाम व स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के वृहद स्तर पर काम कर रहे है। लगातार ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर व बेड की कमियों को पूरा किया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह चौहान, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल, रुड़की महापौर गौरव गोयल, झबरेड़ा नगर पालिका अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह, शोभाराम प्रजापति आदि उपस्थित रहे।

ऊषा ब्रेको की लीज बढ़ाये जाने को लेकर पूर्व पालिकाध्यक्ष ने खोला मोर्चा

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हरिद्वार 16 मई (कुलभूषण)  नगर निगम हरिद्वार द्वारा विगत दिवस सम्पन्न हुयी बोर्ड की बैठक में ऊषा ब्रेको लि कम्पनी की लीज को बढाये जाने के मामले में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष व वरिश्ठ कांग्रेस नेता प्रदीप चैघरी ने बोर्ड पर सवालिया प्रष्न लगाते हुए निगम बोर्ड द्वारा कम्पनी को लाभ पहुचाने व निगम को भारी आर्थिक हानि होने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से इस मामले की सीबीआई जांच कराये जाने की बात कही है उन्होने कहा की वह मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस सारे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करेगें

उन्होने कहा कि नगर निगम ने बिना प्रावधान तीस साल की लीज बढ़ाकर अपना बङा नुकसान किया है। जबकि नगर निगम को खुली वोली लगवाकर अपनी आय बढाने के बारे मे बिचार करना चाहिए था परन्तु ऐसा नही किया गया जबकि कई पार्षदो का भी यही मानना है कि अगर टेंडर प्रक्रिया से इसका आवंटन होता तो ये ही कम्पनी और अधिक शर्तो के साथ नगर निगम को कम से कम दस करोड रूपय अदा करती और साथ के साथ   पुराना  अटका 123 करोङ वकाया भी एक   मुस्त नगरनिगम को मिल सकता था

उन्होने कहा कम्पनी को हर दो साल मे किराया बढाने का अधिकार देना श्रद्धालूओ के साथ धोका है उन्होने आरोप लगाया कि  इसमे कम्पनी की ओर से बङे लेन देन का खेल हुआ है कई  गुना किराया बढाने का अधिकार देना तर्क संगत नही है।
उन्होंने बताया कि वह उषाब्रेको से संबंधित सभी चीजो की जांच सन 1998 से लेकर अब तकद्ध प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सीबीआई जांच कराए जाने की मांग करेंगे।

कोविड सेंटरों पर अंकुरित अन्न पहुंचा रही है शांति कुंज की टीम

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हरिद्वार 16 मई (कुलभूषण) अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डा प्रणव पण्ड्या के निर्देशन में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा चिन्मय पण्ड्या एवं उनकी एक टीम जिला प्रशासन की ओर से निर्धारित शहर के बीस से अधिक कोविड सेंटरों में अंकुरित अन्न पहुंचाने का काम कर रही है।

अंकुरित अन्न शांति कुंज में ही तैयार किया जा रहा है। जो नित्य एक क्विंटल से अधिक होता है। इसके साथ ही जिला प्रशासन के सामंजस्य से  शांति कुंज विविध सेवा प्रकल्प भी चला रहा है। उल्लेखनीय है कि शांति कुंज में भी कोविड संक्रमितों हेतु अस्पताल बनाया जा रहा है। तो वहीं यहां के व्यवस्था तंत्र ने अपनी एक एम्बूलंेस शांति कुंज के निकट रहने वाले कोविड मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए नियोजित किया हुआ है। यह सेवा कार्य विगत एक माह से निरंतर चल रहा है।

शांति कुंज फार्मेसी की आयुर्वेदाचार्या डा वन्दना श्रीवास्तव कहती हैं कि कोरोना संक्रमितों को दिये जाने वाले आहार में अंकुरित अन्न को शामिल करना चाहिए। चार से पांच चम्मच यानि सौ ग्राम अंकुरित अन्न से एक व्यक्ति को दिनभर के लिए पर्याप्त पोषक तत्व प्रोटीन कार्बोहाड्रेड आदि मिल जाता है। इससे मिलने वाला पोषक तत्व शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ निरोग बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंकुरित अन्न बनाने में साबुत मूंग काला चना सोयाबीन मूंगफली अजवाइन  मैथी शामिल करना चाहिए।

कोरोना अपडेट : उत्तराखंड़ में आज मिले 4496 नये कोरोना संक्रमित, 188 की हुई मौत, दून में 1248 संक्रमित मिले

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देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना से आज भी कोई राहत की खबर नहीं है। कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आज बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 4496 नए मामले सामने आए हैं।  जबकि कोविड से 197 लोगों की आज मौत हुई है अभी राज्य में 78802 एक्टिव मामले हैं जबकि कुल आंकड़ा 287286 पहुंच गया है जिनमें से 198530 लोग यानी 69 फ़ीसदी लोग ठीक हो चुके हैं। जबकि 4811 लोगों की मौत हो चुकी है अभी 14471 लोगों की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है।रविवार को अल्मोड़ा में 65 बागेश्वर में 153 चमोली में 211 चंपावत में 41 देहरादून में 1248 हरिद्वार में 572 नैनीताल में 117 पौड़ी गढ़वाल में 391 पिथौरागढ़ में शो रुद्रप्रयाग में 356 टिहरी गढ़वाल में 498 उधम सिंह नगर में 393 और उत्तरकाशी में 351 मामले सामने आए हैं।

उत्तराखंड : कोरोना कर्फ्यू एक सप्ताह बढ़ाने के संकेत, शादियों में आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लागू करने की तैयारी

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देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए तीरथ सरकार प्रदेश में जारी सख्त कोरोना कर्फ्यू को एक हफ्ता और बढ़ाने जा रही है।
प्रदेश में कोविड कर्फ्यू 18 मई तक लागू है। 17 मई को सरकार कोविड कर्फ्यू को जारी रखने पर निर्णय लेगी। सरकारी सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि कोविड कर्फ्यू 25 मई तक बढ़ाया जाएगा। अभी इसके आदेश नहीं हुए हैं, मगर शासकीय प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी इसके संकेत दिए हैं।

नए आदेश में शादियों में सभी के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य किए जाने की संभावना है। सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल के अनुसार सीएम से चर्चा हो चुकी है और सैद्धांतिक सहमति भी मिल चुकी है । अभी सरकार की कोशिश कोरोना की चेन तोड़ना है जिसके लिए कम से कम एक हफ्ता और कर्फ्यू चाहिए | बीती 26 अप्रैल से प्रदेश सरकार ने कोविड कर्फ्यू की शुरुआत की थी। राज्य के मैदानी जिलों व नगर निगम क्षेत्रों में तीन-तीन दिन का कोविड कर्फ्यू लागू करने का जब कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ तो सरकार ने पूरे प्रदेश में एक हफ्ते का कोविड कर्फ्यू लगा दिया। 18 मई तक प्रदेश में साप्ताहिक कोविड कर्फ्यू लागू है।

 

मंत्री सुबोध ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के आदेश को सिलसिलेवार आगे बढ़ाने का फैसला हो चुका है। एक साथ लंबा कर्फ्यू लोगों को मानसिक तौर पर बेचैन करता है इसलिए इसको हफ्ता बार बढ़ाने का फैसला किया गया है इस बीच यह भी देखा जाता रहेगा कि हालात कर्फ्यू हटाने लायक हुए कि नहीं मौजूदा कर्फ्यू और शक्ति के नतीजे 22-23 मई के बाद दिखाई देने शुरू होंगे । इसके बाद अगले हफ्ते भी कर्फ्यू और प्रतिबंध और रियायत को लेकर सरकार फिर बैठेगी हालांकि अभी के हालात फिलहाल ऐसे नहीं है कि कर्फ्यू को आगे ना बढ़ाने का फैसला करना पड़े इस बारे में मुख्यमंत्री के साथ उनकी बातचीत हो चुकी है वह भी इस बात को मानते हैं कि सख्ती हो और कर्फ्यू में फिलहाल ढील न दी जाए ।
वहीं सरकार ने उन कोविड-19 अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं जो कोरोना से हुई मौतें छुपा रहे हैं साथ ही आयुष्मान और अन्य योजनाओं से आच्छादित लोगों और कर्मचारियों को या तो अपने यहां भर्ती नहीं कर रहे हैं या फिर कैशलेस के बजाय कैश लेकर इलाज कर रहे हैं इन अस्पतालों को नहीं बख्शा जाएगा।

कोरोना संकट : ओएलएफ कार्मिकों ने सीएम राहत कोष में दिये दो लाख, मेडिकल उपकरणों की रिपेयरिंग भी मुफ्त करेगी फैक्ट्री

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देहरादून,  मुख्यमंत्री  तीरथ सिंह रावत से रविवार को ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री (ओ.एल.एफ) के जीएम श्री शरद कुमार यादव ने भेंट की। कोविड-19 के दृष्टिगत उन्होंने ओ.एल.एफ के कार्मिकों द्वारा एकत्रित धनराशि का 02 लाख 01 हजार रुपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु मुख्यमंत्री को सौंपा। जीएम ओ.एल.एफ ने कहा कि मेडिकल उपकरणों की रिपेयरिंग में ओ.एल.एफ द्वारा राज्य को हर संभव मदद दी जाएगी। कोविड के दौरान राज्य की सहायता हेतु वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एवं अन्य मेडिकल उपकरणों की रिपेयरिंग मुफ्त में की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री तीरथ ने कहा कि कोविड के दौरान राज्य को समाज के हर वर्ग से सहयोग मिल रहा है। अनेक सामाजिक एवं धार्मिक संगठन, संस्थाएं सहयोग के लिए आगे आ रही हैं। उन्होंने मेडिकल उपकरणों की रिपेयरिंग के लिए राज्य सरकार को हर संभव मदद देने के लिए जीएम ओ.एल.एफ का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल, भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अवनीश कांत, सचिव इंटक यूनियन श्री देव सिंह पंवार, सचिव इंप्लॉयज यूनियन श्री उमा शंकर, अध्यक्ष बहुजन समाजवादी श्रम सभा श्री सुरेश वालियान एवं श्रीमती अनीता यादव आदि उपस्थित थे।

देहरादून : संत निरंकारी मंडल ने दिये 40ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स, पर्वतीय जिलों के अस्पतालों में भेजे जायेंगे

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देहरादून। संत निरंकारी मंडल देहरादून की ओर से आज 40 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत जी को भेंट किए गए। इनमें से 20 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स गढ़ी कैंट बोर्ड की ओर से संचालित हॉस्पिटल व अन्य पर्वतीय जिलों में अस्पतालों को भेजे जाएंगे।

बीजापुर हाउस में आयोजित कार्यक्रम में संत निरंकारी मंडल के मसूरी जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह व हेमराज ने मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत को ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स भेंट किए। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में सभी अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन व अन्य संसाधन उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में शहरी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की गति कुछ धीमी हुई है। पर्वतीय जिलों में कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव स्तर पर ग्राम समितियां बनाई गई हैं। सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग कराने पर है। लोगों को चाहिए कि वे बगैर संकोच टेस्टिंग कराएं। सरकार की ओर से किट भी उपलब्ध कराई जा रही है ताकि प्राथमिक उपचार घर पर ही मिल सके। वहीं, संत निरंकारी मंडल के जोनल इंचार्ज ने उत्तराखंड में अपने समस्त सत्संग घरों को कोविड सेंटर के रूप में परिवर्तित करने का सहमति पत्र भी मुख्यमंत्री जी को सौंपा।

पिथौरागढ़ : 23वीं पुण्य तिथि पर निर्मल पंडित को भावभीनी श्रद्वांजलि

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पिथौरागढ़, राज्य आन्दोलनकारी निर्मल पंड़ित कि 23वीं पुण्यतिथि पर शहीद स्मारक स्थित मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्वांजलि दी गई।

कोविड नियमों का पालन करते हुये 4 लोगों ने ही कार्यक्रम में भागीदारी की। 27 मार्च 1998 को शराब नीलामी के विरोध में पंड़ित के कलेक्ट्रेट परिसर में आत्मदाह कर लिया था। आत्मदाह के दौरान पंड़ित का शरीर पूरी तरह झुलस गया था बेहतर इलाज के लिये पंडित को के.जी.एम.सी. लखनऊ व बाद में सफदरजंग अस्पताल दिल्ली ले जाया गया। लेकिन हमेशा जीवटता का परिचय देने वाले पंड़ित 16 मई 1998 को जिन्दगी की जंग हार गये।

तीन बार छात्र संघ महासचिव, एक बार एल.एस.एम. स्नात्तकोतर महाविद्यालय पिथौरागढ के छात्र संघ अध्यक्ष रहे पंड़ित छात्रों के बीच लोकप्रिय थे | गंगोलीहाट की चिटगल सीट से पंड़ित जिला पंचायत सदस्य भी रहे। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान पंड़ित 57 दिनाें तक फतेहगढ़ जेल में भी रहे। 1996 में पुलिस भर्ती निरस्त कराने में पंडित कि भूमिका अहम रही। पंडित की स्मृति में लंदन फोर्ट परिसर में पौधरोपण भी किया गया। कार्यक्रम के संयोजक जुगल किशोर पाण्डे ने कहा कि पिथौरागढ़ में जब भी जनआंदोलनों की बात होगी, आन्दोलन के अगुवा के रूप में पंड़ित को याद किया जायेगा। मार्ल्यापण करने वालों में के.एम.वी.एन के प्रबन्धक दिनेश गुरूरानी, गोपालदत्त सती, भगवान वल्लभ पंत आदि थे।

कोविड-19 : बॉम्बे हाईकोर्ट ने यूपी मॉडल को सराहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और नीति आयोग भी कर चुका है तारीफ

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से लोगों तथा बच्चों को बचाने और कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश की सरकार ने जो मॉडल अपनाया है उसका अब बॉम्बे हाईकोर्ट भी कायल हो गया हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और देश का नीति आयोग कोविड प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के ‘यूपी मॉडल’ की तारीफ कर चुका है। आयोग ने यूपी के इस मॉडल को अन्य राज्यों के लिए नज़ीर बताया है।

वही बॉम्बे हाईकोर्ट ने यूपी मॉडल के तहत बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए किए गए प्रबंधों का जिक्र करते हुए वहां की सरकार से यह पूछा है कि महाराष्ट्र सरकार यहां ऐसा करने पर विचार क्यों नहीं करती? यूपी सरकार ने कोरोना संक्रमण से बच्चों का बचाव करने के लिये सूबे के हर बड़े शहर में 50 से 100 बेड के पीडियाट्रिक बेड (पीआईसीयू) बनाने का फैसला किया है। यूपी सरकार के इस फैसले को डॉक्टर बच्चों के लिये वरदान बता रहे हैं।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को बीमारी से बचाने को लेकर हमेशा ही बेहद गंभीर रहे हैं। इंसेफेलाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए उन्होंने इस बीमारी के खात्मे को लेकर जो अभियान चलाया उससे समूचा पूर्वांचल वाकिफ हैं। इसी क्रम में जब मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए ट्रिपल टी यानि ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की रणनीति तैयार करा रहे थे, तब ही उन्होंने कोरोना संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों को अलग से एक योजना तैयार करने का निर्देश दिया।

जिसके तहत ही चिकित्सा विशेषज्ञों ने उन्हें बताया कि कोरोना संक्रमण से बच्चों बचाने और उनका इलाज करने के लिए हर जिले में आईसीयू की तर्ज पर सभी संसाधनों से युक्त पीडियाट्रिक बेड की व्यवस्था अस्पताल में की जाए। चिकित्सा विशेषज्ञों की इस सलाह पर मुख्यमंत्री ने सूबे के सभी बड़े शहरों में 50 से 100 बेड के पीडियाट्रिक बेड (पीआईसीयू) बनाने के निर्देश दिये हैं। यह बेड विशेषकर एक महीने से ऊपर के बच्चों के लिए होंगे। इनका साइज छोटा होगा और साइडों में रेलिंग लगी होगी। गंभीर संक्रमित बच्चों को इसी पर इलाज और ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
सूबे में बच्चों के इलाज में कोई कमी न आए इसके लिए सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रहने के लिये कहा गया है। इसके तहत ही मुख्यमंत्री अधिकारियों को बच्चों के इन अस्पतालों के लिए मैन पावर बढ़ाने के भी आदेश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि जरूरत पड़े तो इसके लिए एक्स सर्विसमैन, रिटायर लोगों की सेवाएं ली जाएं। मेडिकल की शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को ट्रेनिंग देकर उनसे फोन की सेवाएं ले सकते हैं। लखनऊ में डफरिन अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान खान ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तत्काल सभी बड़े शहरों में 50 से 100 पीडियाट्रिक बेड बनाने के निर्णय को बच्चों के इलाज में कारगर बताया है। उन्होंने बताया कि एक महीने से ऊपर के बच्चों के लिए पीआईसीयू (पेडरिएटिक इनटेन्सिव केयर यूनिट), एक महीने के नीचे के बच्चों के उपचार के लिये एनआईसीयू (नियोनेटल इनटेन्सिव केयर यूनिट) और महिला अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों के लिये एसएनसीयू (ए सिक न्यू बार्न केयर यूनिट) बेड होते हैं। जिनमें बच्चों को तत्काल इलाज देने की सभी सुविधाएं होती हैं।

बच्चों के इलाज को लेकर यूपी के इस मॉडल का खबर अखबारों में छपी। जिसका बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने संज्ञान लिया। और बीते दिनों इन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने कहा कि यूपी में कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को खतरा होने की आशंका के चलते एक अस्पताल सिर्फ बच्चों के लिए आरक्षित रखा गया है। महाराष्ट्र सरकार यहां ऐसा करने पर विचार क्यों नहीं करती। महाराष्ट्र में दस साल की उम्र के दस हजार बच्चे कोरोना का शिकार हुए हैं।

जिसे लेकर हो रही सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने यह महाराष्ट्र सरकार से यह सवाल पूछा हैं। जाहिर है कि हर अच्छे कार्य की सराहना होती हैं और कोरोना से बच्चों को बचाने तथा उनके इलाज करने की जो व्यवस्था यूपी सरकार कर रही है, उसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने उचित माना और उसका जिक्र किया। ठीक इसी तरह से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और नीति आयोग ने भी कोविड प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के ‘यूपी मॉडल’ की जमकर तारीफ की है। इस दोनों की संस्थाओं ने कोरोना मरीजों का पता लगाने और संक्रमण का फैलाव रोकने के किए उन्हें होम आइसोलेट करने को लेकर चलाए गए ट्रिपल टी (ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट) के महाअभियान और यूपी के ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम की खुल कर सराहना की। नीति आयोग ने तो यूपी के इस मॉडल को अन्य राज्यों के लिए भी नज़ीर बताया है। यह पहला मौका है जब डब्लूएचओ और नीति आयोग ने कोविड प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में तैयार कराए गए यूपी मॉडल की सराहना की है। और उसके बाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट बच्चों का इलाज करने को लेकर यूपी मॉडल’ का कायल हुआ है।

यूपी में टीकाकरण का ब्यौरा :

– अब तक 1,47,94, 597 लोगों का टीकाकरण हुआ है।

– 1,16,12,525 लोगों को लगी पहली डोज।

– 31,82,072 लोगों को लग चुकी हैं दोनों डोज।

– 18 से 44 उम्र के 3,65,835 लोगों को अब तक लगा टीका।

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कोविड अस्पतालों में बेड की उपलब्धता :

– कोविड अस्पतालों में 64401 आइसोलेशन बेड।

– 15323 बेड वेंटीलेटर सुविधा से लैस।

– कोरोना मरीजों के लिए एल-वन, एल टू व एल थ्री अस्पतालों में कुल 79324 बेड।

कोरोना संक्रमण : देश में घट रहे कोरोना केस, लेकिन मौत 4 हजार के पार, 24 घंटे में 3,62,367 लोगों ने कोरोना को दी मात

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नई दिल्ली, वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में भयंकर रूप में संक्रमण फैलाया है, पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय में लगातार राज्यों में कोरोना संक्रमण के मरीजों का बढ़ना सरकारों के लिये परेशानियों का सबब बना हुआ है, परन्तु देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमितों की संख्या घटी है, लेकिन 24 घंटे में फिर 4 हजार से अधकि लोगों की जान चली गई है। 24 घंटे में 3,10,580 नए केस सामने आए तो 4,075 मरीजों की मौत हो गई है। राहत की बात यह है कि नए मरीजों की संख्या के मुकाबले ठीक होने वालों की तादात अधिक होने की वजह से एक्टिव केसों में कमी आई है। 24 घंटे में 3,62,367 लोगों ने कोरोना को मात दी है।

एक दिन पहले देश में 3,26,098 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। कई बड़े राज्यों में लॉकडाउन का असर कोरोना केसों पर दिखने लगा है। हालांकि, मौतों के आंकड़ों ने चिंता बढ़ा रखी है। 24 घंटे में 3,10,580 मरीज मिलने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 2,46,83,065 हो गई है तो 4,075 मरीजों की मौत के बाद मृतकों की कुल संख्या 2.70 लाख के पार चली गई है। अभी तक 31.3 करोड़ लोगों की कोरोना जांच हुई है तो 18 करोड़ डोज लगाए जा चुके हैं।

असम में संक्रमण के 5,347 नए मामले आए सामने, 63 और लोगों की मौत
असम में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 5,347 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या 3,24,979 हो गई, जबकि 63 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या 2,123 हो गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के यहां जारी आंकड़ों के अनुसार, नए मामलों में कामरूप (मेट्रो) से 1,012, कामरूप (ग्रामीण) से 424, नगांव से 343 और सोनितपुर से 291 मामले सामने आए।

आंकड़ों के अनुसार, दिन में 64,701 नमूनों की जांच के बाद ये नए मामले सामने आए और लोगों के संक्रमित पाए जाने की दर 8.26 प्रतिशत रही। राज्य में अब तक 94,49,818 नमूनों की जांच की गई हैं और असम में अब 44,008 उपचाराधीन मामले हैं। शनिवार को कम से कम 3,254 और लोग स्वस्थ हुए और अब तक स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढ़कर 2,77,501 हो गई। मरीजों के स्वस्थ होने की दर 85.39 प्रतिशत है। असम में अब तक 33,61,495 लोगों को टीका लगाया जा चुका है, जिनमें से 7,30,846 लोगों को दोनों खुराक लगाई जा चुकी हैं।

बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण से 73 और मरीजों की मौत, 7,336 नए मामले
बिहार में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 73 और मरीजों की मौत के साथ ही राज्य में इस घातक वायरस से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 3,743 हो गई। वहीं, राज्य सरकार ने कहा कि हालात तेजी से सुधर रहे हैं और मात्र 10 दिन में ही संक्रमण की दर में आधे से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के मुताबिक, राज्य में संक्रमण की दर 10 दिन पहले 14.04 फीसदी थी जोकि अब मात्र 6.7 फीसदी है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1.10 लाख नमूनों की जांच की गई, जिनमें केवल 7,336 में संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके मुताबिक, बिहार में अब तक संक्रमण के करीब 6.45 लाख मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 5.58 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं। राज्य में फिलहाल 82,486 मरीज उपचाराधीन हैं।