Friday, April 26, 2024
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उत्तराखंड : कोरोना कर्फ्यू एक सप्ताह बढ़ाने के संकेत, शादियों में आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लागू करने की तैयारी

देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए तीरथ सरकार प्रदेश में जारी सख्त कोरोना कर्फ्यू को एक हफ्ता और बढ़ाने जा रही है।
प्रदेश में कोविड कर्फ्यू 18 मई तक लागू है। 17 मई को सरकार कोविड कर्फ्यू को जारी रखने पर निर्णय लेगी। सरकारी सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि कोविड कर्फ्यू 25 मई तक बढ़ाया जाएगा। अभी इसके आदेश नहीं हुए हैं, मगर शासकीय प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी इसके संकेत दिए हैं।

नए आदेश में शादियों में सभी के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य किए जाने की संभावना है। सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल के अनुसार सीएम से चर्चा हो चुकी है और सैद्धांतिक सहमति भी मिल चुकी है । अभी सरकार की कोशिश कोरोना की चेन तोड़ना है जिसके लिए कम से कम एक हफ्ता और कर्फ्यू चाहिए | बीती 26 अप्रैल से प्रदेश सरकार ने कोविड कर्फ्यू की शुरुआत की थी। राज्य के मैदानी जिलों व नगर निगम क्षेत्रों में तीन-तीन दिन का कोविड कर्फ्यू लागू करने का जब कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ तो सरकार ने पूरे प्रदेश में एक हफ्ते का कोविड कर्फ्यू लगा दिया। 18 मई तक प्रदेश में साप्ताहिक कोविड कर्फ्यू लागू है।

 

मंत्री सुबोध ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के आदेश को सिलसिलेवार आगे बढ़ाने का फैसला हो चुका है। एक साथ लंबा कर्फ्यू लोगों को मानसिक तौर पर बेचैन करता है इसलिए इसको हफ्ता बार बढ़ाने का फैसला किया गया है इस बीच यह भी देखा जाता रहेगा कि हालात कर्फ्यू हटाने लायक हुए कि नहीं मौजूदा कर्फ्यू और शक्ति के नतीजे 22-23 मई के बाद दिखाई देने शुरू होंगे । इसके बाद अगले हफ्ते भी कर्फ्यू और प्रतिबंध और रियायत को लेकर सरकार फिर बैठेगी हालांकि अभी के हालात फिलहाल ऐसे नहीं है कि कर्फ्यू को आगे ना बढ़ाने का फैसला करना पड़े इस बारे में मुख्यमंत्री के साथ उनकी बातचीत हो चुकी है वह भी इस बात को मानते हैं कि सख्ती हो और कर्फ्यू में फिलहाल ढील न दी जाए ।
वहीं सरकार ने उन कोविड-19 अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं जो कोरोना से हुई मौतें छुपा रहे हैं साथ ही आयुष्मान और अन्य योजनाओं से आच्छादित लोगों और कर्मचारियों को या तो अपने यहां भर्ती नहीं कर रहे हैं या फिर कैशलेस के बजाय कैश लेकर इलाज कर रहे हैं इन अस्पतालों को नहीं बख्शा जाएगा।

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