Wednesday, April 30, 2025
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मोदी की अपील…! सरकार को बताएं आप किसे पद्म पुरस्कार देना चाहते हैं,ऑनलाइन अप्लाई ऐसे करें इन ‘गुमनाम हीरोज’ के नाम …….

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(राजेन्द्र सिंह नेगी/एल मोहन लखेड़ा)

प्रधानमंत्री मोदी ने आम जनता से अपील की है कि सभी मिलकर साधारण लोगों के असाधारण कार्यों को राष्ट्रीय पद्म सम्मान देने की मुहिम में भागीदार करें | उन्होने ट्वीट करके कहा कि आम लोगों द्वारा सुझाए गए ऐसे ‘गुमनाम हीरोज’ के नामों को पीपुल्स पदम् पुरस्कार से नवाजा जाएगा |
गौरतलब है कि केंद्र सरकार विगत कुछ वर्षों में राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए ऐसे चौकाने वाले नाम सामने लायी है जिसने इनकी चयन प्रक्रिया पर दशकों से जमा धूल साफ करने का काम किया है | फिलहाल केंद्र द्वारा राज्यों को इसके लिए सर्च कमेटी बनाने के निर्देश से अलग आज पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अपने आसपास के ऐसे नाम सुझाने की अपील की है जिन्हें वह पदम पुरस्कार दिलवाना चाहते है | और हाँ #PeoplePadam के लिए नामांकित करने के लिए अपने ट्वीट में अप्लाई करने के लिए Website लिंक http://t.co/BpZG3xRsrZ भी दिया है | लिहाजा देर न करें और आप भी कीजिये अपना या अपने किसी परिचित का बायोडाटा तैयार पदम पुरस्कारों के लिए | अब से 15 सितंबर तक कोई भी इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकता है | जल्दी कीजिये …अगला नाम आपका भी हो सकता है |

विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए दिये जाने वाले पद्म पुरस्कारों के नॉमिनेशन की प्रक्रिया केंद्र सरकार ने ऑनलाइन शुरू कर दी है । मोदी सरकार के आने के बाद से इन पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की कोशिश की गयी है | इस सिलसिले में इस बात पर जोर दिया गया है कि ऐसे लोगों को चुना जाये जिन पर उनके असाधारण योगदान के बावजूद भी अब तक ध्यान नहीं दिया गया हो । इस संबंध में केंद्र ने सभी राज्यों से ऐसे प्रतिभाशाली लोगों का पता लगाने के लिए स्पेशल सर्च कमेटी बनाने के लिए कहा है, जिन्हें पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकित किया जाये | केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ सेक्रेटरी को इस मसले पर पहले ही पत्र भेजा गया है । वहीं इन पद्म पुरस्कारों के लिए 15 सितंबर तक ऑनलाइन पोर्टल padmaawards.gov.in पर आवेदन करने के लिए विंडो भी खोली गयी है ।

राज्यों को जारी इस पत्र में केंद्र ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि हमारी कोशिश काबिल लोगों की प्रतिभा को मान्यता देने से इन पुरस्कारों की प्रतिष्ठा बढ़ाने की भी है | इसलिए ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए ठोस कोशिशें करने की गुजारिश सबसे है | जिनके हुनर और उपलब्धियों को सम्मान दिया जाना चाहिए, उनके पक्ष में नॉमिनेशन अवश्य करें । स्पेशल सर्च कमेटी बनाकर तमाम नामों पर विचार करके अपनी सिफारिश और नामांकन को फाइनल किया जाए । कमेटी अत्यधिक योग्य मामलों में मरणोपरांत पुरस्कार देने पर भी विचार कर सकती है।
ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन
पुरस्कार के लिए बनाये पोर्टल padmaawards.gov.in पर दिए गए प्रारूप में नॉमिनेशन या सिफारिशों के बारे में सभी जरूरी जानकारियां देनी होगी । इसमें अधिकतम 800 शब्दों में नामांकित व्यक्ति की उपलब्धि या योगदान के बारे में बताना होगा ।
कौन कौन से क्षेत्र से संबन्धित लोग कर सकते है अप्लाई
पद्म पुरस्कार (पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री) कला,, साहित्य, शिक्षा, खेल, विज्ञान, समाजसेवा, चिकित्सा और इंजीनियरिंग, पब्लिक अफेयर्स, सिविल सर्विस, ट्रेड और इंडस्ट्री जैसे सभी क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि के लिए दिए जाते हैं।
राज्य सरकारों के अलावा, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन, केंद्रीय मंत्रालय, गैर सरकारी संगठन और व्यक्ति स्वयं भी इन पुरस्कारों के लिए अपना नामांकन भेज सकते हैं । गौरतलब है कि देश के इन सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों का ऐलान गणतंत्र दिवस, 2022 की पूर्व संध्या पर किया जाएगा।

यूपी में कहर बनकर टूटी आकाशीय बिजली, कई जिलों में 36 लोगों की मौत व कई झुलसे, मुख्यमंत्री योगी ने जताया दु:ख

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लखनऊ (एजेंसी), उत्तर प्रदेश रविवार को झमाझम बारिश से उमस भरी गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन लोगों पर बिजली कहर बनकर गिरी। राज्य के कई जिलों में वज्रपात से 36 लोगों की वज्रपात से मौत हो गई, जबकि 23 से ज्यादा झुलस गए। सिर्फ प्रयागराज में ही 13 लोगों की जान चली गई, जबकि चार लोग झुलस गए। कौशांबी में चार और प्रतापगढ़ एक व्यक्ति की मौत हुई। कानपुर के आसपास 16 लोगों की मौत हो गई और 14 झुलस गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज जिले की तहसील कोरांव, बारा, करछना तथा सोरांव में बिजली गिरने की घटना से हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगतों के परिवारीजन को अनुमन्य राहत राशि तत्काल वितरित किए जाने के निर्देश दिए हैं। मृतकों के शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। वहीं, तहसील फूलपुर व सोरांव में घायलों का उपचार कराने के भी निर्देश दिए हैं।

 

प्रयागराज और उसके आसपास के जिलों में रविवार को गरज तरज के साथ हुई बारिश के दौरान वज्रपात से 17 लोगों की वज्रपात से मौत हो गई, जबकि नौ अन्य झुलस गए। वज्रपात की सर्वाधिक घटनाएं यमुनापार क्षेत्र में हुईं। यहां कोरांव थाना क्षेत्र में तीन, बारा में तीन और करछना में एक व्यक्ति की जान गई। गंगापार के सोरांव तहसील में विभिन्न स्थानों पर छह लोग जान गवां बैठे। मृतकों में एक बालक, दो किशोर, तीन किशोरियां और तीन महिलाएं तथा अधेड़ व बुजुर्ग हैं।

प्रयागराज के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) एमपी सिंह ने बताया कि वज्रपात से मरने वालों का विवरण और नुकसान की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। मृतक आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। छह भैंस और पांच बकरा, बकरियों की भी मौत हुई। कौशांबी में वज्रपात से चायल तहसील क्षेत्र में दो लोगों ने जान गंवाई जबकि एक मौत मंझनपुर तहसील क्षेत्र में हुई। प्रतापगढ़ में वज्रपात से लालगंज तहसील क्षेत्र में धान की रोपाई कर रहे युवक की जान चली गई। यहां पांच अन्य झुलस गए। हालांकि उनकी हालत खतरे से बाहर है।

कानपुर और आसपास के जिलों में रविवार को झमाझम बारिश ने उमस से राहत दिलाई। इस दौरान बिजली गिरने से जिलों में 16 लोगों की मौत हो गई और 14 झुलस गए। वहीं पांच मवेशी भी मर गए। चंद्रशेखर आजाद षि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अनुसार मानसून सक्रिय हो चुका है। आने वाले तीन दिनों में तेज बारिश होने की संभावना है। कानपुर में करीब 30 मिमी बारिश दर्ज की गई। कन्नौज, फर्रुखाबाद, इटावा, औरैया और महोबा में बादल छाए रहे, हल्की बूंदाबांदी से तापमान में कमी आई है।

 

बिजली गिरने से फतेहपुर में तीन महिलाओं सहित पांच, कानपुर देहात में महिला सहित पांच, हमीरपुर में महिला और एक वृद्घ किसान, उन्नाव में चचेरे भाई-बहन, घाटमपुर में एक युवक और बांदा में एक युवती की मौत हो गई। फर्रुखाबाद में वज्रपात से नौ और फतेहपुर में पांच ग्रामीण झुलस गए। कानपुर देहात के घाटमपुर में 34 बकरियों समेत 39 मवेशियों की मौत हो गई। उरई के महेवा में तीन और चित्रकूट दो भैंसों ने दम तोड़ दिया। वहीं जालौन के देवकली में एक घर क्षतिग्रस्त हो गया, कई गांवों में बिजली से चलने वाले उपकरण फूंक गए।

उत्तराखंड़ : अभी एक हफ्ता और बढ़ेगा कोरोना कर्फ्यू, जिलाधिकारियों को वीकेंड को लेकर निर्णय लेने का अधिकार

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देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण अब लगातार कम होता जा रहा है और राज्य कोरोना के कम होते मामलों को बावजूद सरकार अभी कोविड कर्फ्यू में बहुत ज्यादा रियायत देने के मूड में नही है। कोविड कर्फ्यू को एक सप्ताह और बढ़ाया जाने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही सरकार पर्यटकों की बढ़ती आमद को देखते हुए वीकेंड को लेकर निर्णय लेने का अधिकार जिलाधिकारियों को देने जा रही है।

सोमवार को जारी होने वाली एसओपी में यह अहम बदलाव हो सकता है। प्रदेश सरकार फिलहाल दुकानों को खोलने और बंद करने के समय को बढ़ाने पर विचार नहीं कर रही है, प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए कोविड कर्फ्यू लगाया था। संक्रमण के मामले कम होने के बाद सरकार ने इसमें ढील देनी शुरू की। इस कड़ी में बीते सप्ताह सरकार ने दुकानों को सप्ताह के छह दिन खोलने के साथ ही जिम व खेल गतिविधियों के संचालन को मंजूरी दी थी। इस बार उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार इसमें और राहत दे सकती है।

इस बीच प्रदेश के विभिन्न पर्यटक स्थलों पर बड़ी संख्या में पर्यटकों की आमद हुई है। इससे कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बनाए गए नियमों की जम की धज्जियां उड़ी हैं। इनके वीडियो और तस्वीरें इंटरनेट मीडिया में वायरल भी हुई हैं। इस पर सरकार ने गत शुक्रवार से सोमवार तक तीन दिन मसूरी व नैनीताल आने वाले पर्यटकों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट या इसकी 72 घंटे पहले तक की अवधि की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया। होटलों में उनकी क्षमता के 50 फीसद व्यक्तियों को ही ठहराने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रवेश केवल उन्हीं को दिया जा रहा है, जो पहले से ही होटल की बुकिंग करा कर आए हैं। इन दोनों स्थानों पर सख्ती के बाद अन्य पर्वतीय जिलों में पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है। इसे देखते हुए सरकार ने अब जिलाधिकारियों को वीकेंड पर आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लेने की तैयारी में है। सोमवार को जारी होने वाली एसओपी में यह व्यवस्था की जा सकती है।

अल्मोड़ा : भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी ने दुगालखोला दुर्गा मन्दिर में वितरित किये मास्क सेनेटाइजर, लोगों को किया कोरोना के प्रति जागरूक

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(शेखर पपनै)

अल्मोडा, भारतीय रेडक्रास सोसायटीज की ओर से आज दुगालखोला दुर्गा मन्दिर में कोरोना जागरूकता कार्यक्रम के तहत मास्क सेनेटाईजर व साबुन वितरित किये गये । कार्यक्रम का संयोजन रेडक्रास सोसायटीज स्वास्थ समिति के अध्यक्ष डा. जे. सी. दुर्गापाल ने किया, संचालन महिला समिति की मीता उपाध्याय ,तथा अध्यक्ष रीता दुर्गापाल ने संयुक्त रूप से किया । इस अवसर पर कैरोना महामारी मे मारे गये लोगो को दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी गई ।

कार्यक्रम में डा. जे. सी. दुर्गापाल ने रेडक्रास का परिचय देते हुये कहा कि आपातकाल में रेडक्रास सोसायटी हमेशा आगे रहती है और वैश्विक महामारी कोरोना काल में रेडक्रास सोसायटीज ने बढ़ चढ़ कर काम किया है । डा. जे. सी. दुर्गापाल ने कहा कि अल्मोडा में रेडक्रास सोसायटीज ने साठ लाख रुपया जमा किया है जिसे आपात सेवाओं के लिये व्यय किया जाता है । कोरोना काल में रेडक्रोस सोसायटी ने जागरूकता कार्यक्रम चलाया । इस अवसर पर दयासागर दुर्गापाल ने रेडक्रास की सदस्यता ग्रहण की है तथा उन्होंने कहा कि वे समिति का सदस्य बनने में गर्व की अनुभूति कर रहे है ।

इस अवसर पर पूर्व प्रधान संजय दुर्गापाल ने कहा कि अभी कोरोना समाप्त नही हुआ है, लोगों को सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिये । महिला समिति की अध्यक्ष रीता दुर्गापाल ने कहा कि महिला समिति भी समाज के कमजोर तबकों महिलाओं के लिये निरन्तर काम करती रही है |

कोरोना काल में हमने सामाजिक नियमों का व सामाजिक दूरी का पालन करने का जो अभ्यास किया उसे बनाये रखना चाहिये, गो सेवा ट्रस्ट के संरक्षक चन्द्रमणी भट्ट ने कार्यक्रम संयोजन में विशेष सहयोग प्रदान किया । इस अवसर पर गो सेवा ट्रस्ट के सचिव दयाकृष्ण ने कोरोना काल में असमय मौत के मुँह में चले गये मृतकों के प्रति शान्तिपाठ किया । माधो सिह बिष्ट, प्रताप सिह सत्याल ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा मृतक आत्माओं के प्रति श्रद्धांजलि दी, प्रो. शेर सिंह बिष्ट , कमला सत्याल सहित असमय मौत के मुँह में चले गये लाखों लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की ।

हल्द्वानी : मशहूर मिठाई व्यवसायी दिनेश गुप्ता की सड़क हादसे में मौत, क्षेत्र में शोक की लहर

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(चंदन बिष्ट ) हल्द्वानी, नैनीताल जनपद के हल्द्वानी से एक दुखद खबर मिली है, एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से हल्द्वानी के मशहूर मिठाई व्यवसायी की दर्दनाक मौत हो गई | मिली

जानकारी के मुताबिक हल्द्वानी शहर के प्रमुख मिठाई कारोबारी स्टैंडर्ड स्वीट हाउस के स्वामी दिनेश गुप्ता की सड़क हादसे में मौत होने से लोग सकते में हैं।
वे आज सोमवार प्रातः करीब 6:40 बजे दिनेश गुप्ता अपनी स्कूटी से तिकुनिया चौराहे से अपनी दुकान को जा रहे थे, इसी बीच काठगोदाम से हल्द्वानी की ओर आ रहे ट्रक संख्या यूके 04 टीवी /8002 ने स्कूटी को टक्कर मार दी जिससे उनकी घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेने के साथ ही चालक को हिरासत में ले लिया है। घटना से मृतक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है

पुलिस ने बताया कि ट्रक चालक तरेंद्र सिंह पुत्र बलवंत सिंह निवासी बागेश्वर को गिरफ्तार कर लिया है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने की कार्रवाई की जा रही है। हादसा कैसे हुआ इसकी तफ्तीश की जा रही है। इधर घटना से मृतक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।

भारतीय चाय का निर्यात 2021 में तीन से चार करोड़ किलो घट सकता है : चाय उद्योग

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गुवाहटी . निर्यात में सुस्ती का सामना कर रहे भारतीय चाय उद्योग का निर्यात 2021 में तीन से चार करोड़ किलो घट सकता है. इसका मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में कम लागत वाली चाय के किस्मों की उपलब्धता और मजबूत आयातक रहे देशों में व्यापार पर जारी प्रतिबंध है.

चाय उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से विश्व के ज्यादातर देशों में आर्थिक मंदी होने की वजह से निर्यात पर असर पड़ा है.चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार जनवरी-मार्च, 2021 में चाय का निर्यात जनवरी-मार्च,2020 की तुलना में 13.23 प्रतिशत और 2019 की इसी अवधि के मुकाबले 29.03 प्रतिशत कम रहा.

साल 2021 में भारतीय चाय का निर्यात घटा

बॉर्ड ने कहा कि 2021 के पहले तीन महीनों में भारतीय चाय का निर्यात कुल मिलाकर 4.86 करोड़ किलोग्राम रहा. जो वर्ष 2020 की इसी अवधि में 5.85 करोड़ किलो और 2019 में 6.62 करोड़ किलो था.

वही पिछले तीन वर्षों के दौरान दक्षिण भारत के मुकाबले उत्तर भारत के राज्यों का चाय निर्यात अधिक अनुपात में घटा. बोर्ड़ के अनुसार जनवरी-अप्रैल, 2021 के दौरान उत्तर भारतीय राज्यों का निर्यात इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 17.83 प्रतिशत और 2019 की समान अवधि की तुलना में 31.04 प्रतिशत गिर गया.

गुवाहाटी टी ऑक्शन बायर्स एसोसिएशन के सचिव दिनेश बिहानी ने कहा, ‘केन्या द्वारा नीलाम की जाने वाली चाय का दाम दो अमेरिकी डॉलर प्रति किलो से कम है जो हमारे यहां की नीलामी के औसत भाव से भी कम है.’

उन्होंने कहा कि केन्या की चाय 1.8 अमेरिका डॉलर में उपलब्ध है जो औसतन 130-135 रुपये किलो पड़ती है. वही भारतीय चाय का औसत दाम 200 से 210 रुपये प्रति किलो के करीब है.

एक अन्य चाय उद्योग ने कहा कि केन्या और श्रीलंका में घरेलू चाय खपत की मांग बहुत कम है. जिससे उनके पास निर्यात के लिए अधिक चाय उपलब्ध है.

वही चाय बोर्ड द्वारा प्रकाशित 2018 ‘चाय की घरेलू खपत पर अध्ययन के कार्यकारी सारांश’ के अनुसार भारत में उत्पादित चाय का लगभग 80 प्रतिशत घरेलू खपत के लिए बेचा जाता है.

40 की उम्र से पेंशन देने के लिए LIC लाया है जबरदस्त प्लान, सेफ होने के साथ फायदे वाली है योजना

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नई दिल्ली। पेंशन प्लान की बात करें तो लोग यही समझते हैं कि पैसे जवानी में दो और पेंशन 60 साल बाद मिलेगा। पर LIC ने एक नया प्लान लॉन्च किया है। इस प्लान के तहत एकमुश्त रकम जमा करते ही पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। यदि आपको पैसों की सख्त जरूरत पड़ जाए जो प्लान लेने के एक साल बाद कभी भी आप अपना जमा की हुई रकम ले सकते हैं। यदि प्लान लेने वाले ने ज्वाइंट लाइफ ऑप्शन चुना है और उसकी डेथ हो जाती है तो उसकी पत्नी को पेंशन की रकम आजीवन मिलती रहेगी।

एलआईसी ने सरल पेंशन योजना (Saral Pension) की शुरूआत की है। इसमें वो सारे फीचर हैं जो इससे पहले वाले प्लान में नहीं थे। यानी आप 40 से 80 साल की उम्र में कभी भी एकमुश्त रकम जमा कर हर माह, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या सालाना पेंशन ले सकते हैं। ये पेंशन आजीवन मिलेगा। पहली लाइफ एन्युटी विद 100 परसेंट रिटर्न ऑफ परचेज प्राइस सिंगल लाइफ के लिए है।

यानी यह पेंशन योजना किसी एक व्यक्ति से जुड़ी होगी। पेंशनधारी जब तक जीवित रहेंगा, उसे पेंशन मिलती रहेगी। उसके बाद नॉमिनी को बेस प्रीमियम मिल जाएगा। दूसरा पेंशन योजना जॉइंट लाइफ के लिए दिया जा रहा है। इसमें पति या पत्नी जो भी लंबे समय तक जीवित रहता है, उसे पेंशन मिलती है। जब दोनों ही नहीं रहेंगे तो नॉमिनी को बेस प्राइस मिलेगा। इस प्लान में पॉलिसी शुरू होने की तारीख से 6 महीने बाद पॉलिसी होल्डर को किसी भी समय लोन मिल जाएगा।

ऐसे मिलेगी पेंशन:

यदि आपकी उम्र 40 साल है और आपने 10 लाख रुपए का सिंगल प्रीमियम जमा किया है तो अपको सालाना 50250 रुपए मिलने शुरू हो जाएंगे जो आजीवन मिलेंगे। इसके अलावा यदि आपको बीच में अपनी जमा की गई रकम वापस चाहिए क्योंकि आपको पैसे की जरूरत है तो ऐसी स्थिति में 5 प्रतिशत की कटौती करके आपको जमा की गई रकम वापस मिल जाती है। यदि आपको ये प्लान लेना है तो LIC की वेबसाइट या दफ्तर में जाकर इसकी पूरी डिटेल जरूर ले लें। ये पेंशन योजना ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से ले सकते हैं।

उत्तराखण्ड : बादलों ने बरपाया कहर, कपकोट में मकान क्षतिग्रस्त, बच्चे सहित तीन सदस्य मलबे में हुये दफन

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बागेश्वर, उत्तराखंड में मौसम ने अचानक बदलने से बागेश्वर जिले में शनिवार रात बादलों ने तबाही ला दी। जिले के कपकोट में अतिवृष्टि के बाद आए मलबे में एक घर दब गया। घटना ग्राम सुमगढ़ ऐठाण के ईटावन तोक की है। मलबे में परिवार के तीन सदस्य दब गए।

तीनों के शव बरामद कर लिए गए हैं। बग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना के बाद रविवार की सुबह राजस्व पुलिस, एसडीआरएफ, डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस मौके पर पहुंची। तहसीलदार कपकोट ने इस घटना की पुष्टि की है। मिली जानकारी के मुताबिक गृहस्वामी गोविंद सिंह पंडा 38, उनकी पत्नी खष्टी देवी 32 और सात वर्षीय बालक हिमांशु पंडा मलबे में दब गए। कपकोट के सरन गांव में भी कई घरों में मलबा घुसने की सूचना है। यहां कई पालतू जानवर भी मलबे में दबे हुए हैं। बता दें कि सुमगढ़ में वर्ष 2010 में स्कूल भवन में मलबा घुसने से 18 बच्चों की मौत हो गई थी।

मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया

प्रदेश के ज्यादातर जिलों में रविवार को बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। लगभग सभी जिलों में बादलों की गड़गड़ाहट और चमक के साथ बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है।

कोटद्वार : उपनल कर्मियों ने ऊर्जा मंत्री डा. हरक सिंह रावत को सौंपा ज्ञापन

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कोटद्वार, उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के एक प्रतिनिधि मंडल ने ऊर्जा मंत्री डा. हरक सिंह रावत से मुलाकात करके उन्हें कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया। प्रतिनिधि मंडल ने समान कार्य-समान वेतन, नियमितिकरण, ठेकेदार प्रथा को समाप्त करने, संविदा कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड का लाभ देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर काबीना मंत्री को ज्ञापन सौंपा।

रविवार को सिद्धबली मार्ग स्थित कैंप कार्यालय में प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को गुलदस्ता भेंट करके शुभकामनाएं दी। संगठन के अध्यक्ष अमित बहुगुणा ने कहा कि दो दिन पूर्व संविदा कर्मचारियों की वेतन संबंधी समस्याओं पर चर्चा करने को लेकर शासन द्वारा गठित समिति की बैठक में काबीना मंत्री द्वारा की गई सकारात्मक पहल के लिए संगठन उनका आभार जताता है। ऊर्जा मंत्री डॉ. रावत ने प्रतिनिधि मंडल को समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में सचिव सोहन सिंह असवाल, विनय चौधरी, तरूण कोटनाला, पंकज पंत, सुबोध सुन्दरियाल, हेमंत, मनोज रावत, मनमोहन, नरेंद्र गैरोला, पदमेंद्र, नवीन बिष्ट, राकेश देवरानी शामिल रहे।

विश्व जनसंख्या दिवस पर गोष्ठी, बढ़ती जनसंख्या पर चिन्ता, कानून बनाने की हुई पैरवी

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(शेखर पपनै)

अल्मोड़ा, विश्व जनसंख्या दिवस पर एक गोष्ठी पूर्व संध्या पर आयोजित की गई | जिसमें सभी वक्ताओं ने बोलते हुए बढ़ती जनसंख्या पर चिंता प्रकट की, और कहा अगर जल्द से जल्द इस पर कोई कानून नहीं बना तो सभी को भोजन, चिकित्सा, पानी, शिक्षा, रोजगार, घर, गेस, पेट्रोल, बिजली, आदि उपलब्ध कराना सरकार के लिये सम्भव ही नहीं कठिन है हो पाएगा | गोष्ठी में यह बात भी उभर कर आई कि दो से अधिक बच्चे होने पर सरकार को इस तरह के लोगों को सरकारी सुविधाओं से वंचित कर और किसी भी प्रकार के चुनाव में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए | देश में एक संविधान , एक विधान होना चाहिए |

गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ. जे. सी. दुर्गापाल ने की, कार्यक्रम में बालम नेगी, नितेज, भुवन, सुंदर, भाष्कर, केशर, श्रीं चंद्र मानी भट्ट, श्रीमती रीता दुर्गापाल, मीता उपाध्याय, दया कृष्ण कांडपाल, पुष्पा सती, गिरीश मल्होत्रा, मनोज सनवाल आदि मौजूद रहे |