Tuesday, May 13, 2025
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हिमाचल : 15 अगस्त पर किसी को नहीं फहराने देंगे झंडा, खालिस्तानी संगठन ने फिर दी धमकी, कहा- घर के अंदर ही रहें लोग

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शिमला(पीटीआई), हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के एक विधायक ने सोमवार को कहा कि उन्हें प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के सदस्य गुपतवंत सिंह पन्नू ने फोन पर धमकी दी है। कांग्रेस विधायक के मुताबिक, पन्नू ने धमकी दी कि स्वतंत्रता दिवस पर राज्य में किसी को राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने दिया जाएगा। उसने 15 अगस्त को लोगों को घरों के अंदर रहने की चेतावनी भी दी है।

इससे पहले 30 जुलाई को शिमला के कई पत्रकारों को रिकॉर्डेड कॉल के जरिए धमकी भेजी गई थी। कॉलर ने खुद को पन्नू बताया था, जोकि SFJ का जनरल काउंसल है। इस धमकी में कहा गया था कि राज्य के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने दिया जाएगा

नादौन के विधायक सुखविंदर सिंह सुखु ने कहा कि उन्हें धमकी वाला यह फोन कॉल उस समय आया जब वह कुछ देर के लिए विधानसभा से बाहर निकले थे। उन्होंने कहा कि वापस आने पर उन्होंने सदन में यह मुद्दा उठाया। हिमाचल में विधानसभा का सत्र सोमवार को शुरू हुआ और 13 अगस्त को संपन्न होगा।

शिक्षकों ने गुर्जर बस्ती में लगाई मस्ती की पाठशाला, शिक्षक डा. अतुल बमराडा और आशा बिष्ट का सकारात्मक कार्य

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ऋषिकेश, कोरोना महामारी की वजह से सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षकों की ओर से घर घर जाकर वर्क शीट दी जा रही हैं। राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय गंगा भोगपुर में अध्ययनरत गुर्जर बच्चों के पास संचार के साधनों के अभाव में यह बच्चे इस सुविधा से वंचित हैं। विद्यालय के शिक्षकों ने इनकी बस्ती में जाकर मस्ती की पाठशाला लगाई।

राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय गंगा भोगपुर शिक्षकों डा. अतुल बमराडा और आशा बिष्ट ने बस्ती में जाकर सोमवार को मश्ती की पाठशाला लगाई गई। इस अवसर पर बच्चों से पूर्व में वितरित वर्क शीट का मूल्यांकन किया गया और साथ ही एक सप्ताह के लिए एसाइनमेंट भी दिया गया। शिक्षक डा. अतुल बमराडा ने बताया कि वर्तमान में उनके पास अध्ययनरत बच्चों के लर्निंग लेवल में मामूली कमी आई है। जिसको बढ़ाने के लिए वर्क शीट एवं आनलाइन पाठ्यचर्या का उपयोग किया जा रहा है।

गुर्जर बच्चों में भी आम बच्चों की तरह ही प्रतिभाएं हैं एवं उनको मुख्यधारा में जोड़ने के लिए विद्यालय की ओर से निश्चित अंतराल में बस्ती में ऐसी पाठशाला लगाई जाती है। भौतिक रूप से स्कूल खुलने तक यह क्रम जारी रहेगा। इस अवसर पर बच्चों को सैनिटाइजर एवम मास्क भी वितरित किए गए व साथ ही बच्चों को कोरोना से बचाव एवं साफ सफाई से रहने की जानकारी भी दी गई।

उत्तराखंड़ : सरकार की ओर से गठित इंदुकुमार पांडे कमेटी का कार्मिकों ने किया विरोध

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‘कमेटी के बजाय सीधे शासन के साथ वार्ता के आधार पर समस्याओं का निस्तारण किया जाए। इसके अलावा विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री से त्रिपक्षीय वार्ता की लगाई गुहार’

देहरादून, उत्तराखंड के कार्मिकों सरकार की ओर से गठित इंदु कुमार पांडे कमेटी का उत्तराखंड के कार्मिकों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि कमेटी के बजाय सीधे शासन के साथ वार्ता के आधार पर समस्याओं का निस्तारण किया जाए। इसके अलावा विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री से त्रिपक्षीय वार्ता की गुहार लगाई है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी की रविवार को वर्चुअल बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता ठाकुर प्रहलाद सिंह और संचालन अरुण पांडे ने किया। बैठक में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सर्वसम्मति से विभिन्न प्रस्ताव पारित किए गए। मांग की कि मुख्यमंत्री अपनी अध्यक्षता में परिषद की मांगों पर समीक्षा व निराकरण के लिए शासन के अधिकारियों की उपस्थिति में परिषद के साथ त्रिपक्षीय बैठक आयोजित करें, जिससे एसीपी के अंतर्गत 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा के उपरांत पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जा सके, इसके साथ ही पदोन्नति में पूरे सेवाकाल में एक बार शिथिलीकरण, समय से पदोन्नति करना व वाहन भत्ते आदि प्रकरणों पर चर्चा कर समाधान निकाला जा सके।

बैठक में निर्णय लिया गया कि 31 अगस्त तक परिषद की समस्त शाखाओं के चुनाव संपन्न करा लिए जाएं। इसके लिए परिषद के दोनों मंडलों के अध्यक्ष और महामंत्री को यह जिम्मेदारी दी गई कि वे समस्त शाखाओं के वर्तमान पदाधिकारियों से समन्वय कर मंडल की शाखाओं के चुनाव के लिए एक कैलेंडर निर्धारित करें। इसकी सूचना परिषद के प्रांतीय कार्यकारिणी को ही दी जाए।

जबकि समन्वय मंच के पदाधिकारियों के साथ वार्ता कर समान मुद्दों पर आंदोलन के लिए एक मंच तैयार करने पर सहमति बनी। कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने बताया, बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नवगठित इंदु कुमार पांडे कमेटी का विरोध किया जाएगा। बैठक में रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेता दिनेश गुसाईं ने रोडवेज कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए परिषद का सहयोग मांगा। बैठक में शक्ति प्रसाद भट्ट, गिरजेश कांडपाल, कुंवर सामंत, हर्ष मोहन नेगी, चौधरी ओमवीर सिंह, तनवीर असगर, चंद्रशेखर सनवाल, मोहन जोशी आदि शामिल हुए।

उत्तराखंड में 2196 बच्चों को मिलेगा सरकार का ‘वात्सल्य’, 21 साल की उम्र तक हर माह तीन हजार रुपये की मिलेगी आर्थिक सहायता

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देहरादून, कोरोना काल में कोविड या अन्य बीमारियों के कारण अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लांच कर दिया है। इसके तहत बच्चों को 21 साल की उम्र तक हर माह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

वातसल्य योजना के तहत माता-पिता और अभिभावक को खो चुके बच्चों के अलावा माता-पिता में से एक को खो चुके बच्चों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता 21 वर्ष की आयु तक दी जाएगी। ऐसे बच्चों को आर्थिक सहायता के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य समेत अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। ऐसे बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सभी जिलों के उनकी देखभाल, पुनर्वास, चल-अचल संपत्ति और उत्तराधिकारों की रक्षा के लिए संरक्षक अधिकारी नामित किए गए हैं।

वर्तमान में माता-पिता में से किसी एक कमाऊ सदस्य की मृत्यु से प्रभावित बच्चों की संख्या 2196 है। कोविड से माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चों की संख्या है 68 है, जिनमें 29 बालक और 39 बालिकाएं हैं। कोविड से माता-पिता संरक्षक में से किसी एक की मृत्यु से प्रभावित होने वाले बच्चों की संख्या 1489 है, जिनमें 776 बालक और 713 बालिकाएं हैं।

योजना के तहत प्रथम चरण में 1062 बच्चों को माह जुलाई की तीन हजार रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई। जिलेवार लाभान्वित बच्चों में अल्मोड़ा से 49, बागेश्वर से 22, चमोली से 28, चंपावत से 59, देहरादून से 123, हरिद्वार से 70, नैनीताल से 146, पौड़ी से 122, रुद्रप्रयाग से 54, उद्यमसिंहनगर से 79, टिहरी से 132, पिथौरागढ़ से 41 और उत्तरकाशी से 137 बच्चे शामिल हैं।

आर्थिक सहायता के साथ शिक्षा, पोषण व संरक्षण :

सरकार द्वारा प्रभावित बच्चों के भरण-पोषण, सुरक्षा एवं सर्वांगीण विकास का दायित्व स्वयं लेते हुये ऐसे बच्चों का निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है। उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक संरक्षण प्रदान करने हेतु प्रतिमाह रू0 3000.00 की आर्थिक सहायता के साथ-साथ उन्हें शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधाएं प्रदान करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु समस्त जिलाधिकारियों को प्रभावित बच्चों की देखभाल, पुर्नवास, चल-अचल सम्पत्ति, उत्तराधिकारों एवं विधिक अधिकारों की रक्षा हेतु संरक्षक अधिकारी नामित किया गया है।

कुल 2347 बच्चे चिन्हित, प्रथम चरण में 1062 बच्चे लाभान्वित:
1 अगस्त, 2021 तक जन्म से 21 वर्ष तक की आयु के कुल 2347 बालक/बालिका चिन्हित किये गये है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के शुभारम्भ के अवसर पर प्रथम चरण में कुल 1062 बच्चों को लाभान्वित किया जा गया है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के संचालन हेतु एमआईएस पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसमें समस्त बच्चों का विवरण जनपदों द्वारा ऑनलाइन भरा जायेगा। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत प्रतिमाह 3 हजार रूपए के मानकानुसार जुलाई, 2021 से प्रारम्भ करते हुए निदेशालय द्वारा पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से डी०बी०टी० सीधे चिन्हित बच्चों के बैंक खातों में धनराशि भेजी जायेगी। कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद थे।

नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपी आया पुलिस की गिरफ्तार में,चार साल से चल रहा था फरार

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देहरादून, नाबालिग से दुष्कर्म के केस में चार साल से फरार आरोपी को पटेलनगर थाना पुलिस ने एसओजी की मदद से गिरफ्तार किया है। आरोपी ठाणे, मुंबई में नाम बदलकर रह रह रहा था। आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी रविवार को प्रेस वार्ता कर एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने की। बता दें कि हाल में पुलिस मुख्यालय से ईनामी बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके तहत एसएसपी ने जिले के सभी थानों की पुलिस के साथ ही एसओजी को सक्रिय किया। इस पर पटेलनगर थाना पुलिस ने वर्ष 2017 से दुष्कर्म और पॉक्सो ऐक्ट के मुकदमे में फरार पांच हजार के ईनामी आरोपी मुनाजिर (26) पुत्र शब्बीर निवासी बलवा, थाना महलगांव, जिला अररिया बिहार की जानकारी जुटाई।

12 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को पुलिस ने वर्ष 2015 में गिरफ्तार किया था। वर्ष 2017 में वह जमानत पर छूटा। इसके बाद फरार हो गया। हाल में उसकी तलाश की गई। कुछ समय पहले उसके पंजाब में होने की जानकारी मिली। वहां दबिश दी तो पता लगा कि वह ठाणे मुंबई इलाके में चला गया है।

वहां से आरोपी की जानकारी जुटाने की कोशिश की गई। पता लगा कि ठाणे के पठानवाड़ी क्षेत्र में नाम बदलकर दिहाड़ी मजदूरी कर रहा है। इस पर पुलिस ने ठाणे में दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को वहां से रिमांड पर लेकर पुलिस दून पहुंची, आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वर्ष 2017 में फरार होने के बाद वह बिहार चला गया। वहां पुलिस दबिश देने लगी तो पहले अपना नाम बदलकर अंजार रखा। इसके बाद देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर दिहाड़ी मजदूरी करने लगा।

जागेश्वर धाम मामले में यूकेडी का फूटा गुस्सा, भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप का पुतला फूंका

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देहरादून, कुमाऊ मंडल के जागेश्वर धाम में बरेली के आवंला लोकसभा के भाजपा के सांसद धर्मेंद्र कश्यप द्वारा मंदिर परिसर में कथित रुप से की गई गाली गलौज, मंदिर प्रबंधन के साथ मारपीट, मंदिर पुजारियों को धमकाने को लेकर वायरल हुए वीडियो के बाद उक्रांद की निवर्तमान केन्द्रीय प्रचार मंत्री शकुंतला रावत के नेतृत्व में यूकेडी कार्यकर्ताओं ने द्रोण चौक पर सासंद का पुतला दहन किया।

कार्यकर्ताओं ने भाजपा सांसद के उक्त कथित आचरण की निंदा करते हुए नारेबाजी की। कहा कि सासंद के इस आपत्तिजनक व्यवहार से उत्तराखंड वासियों को ठेस पहुंची है। सांसद तत्काल इसके लिए उत्तराखंड की जनता से माफी मांगे। साथ ही राज्य सरकार इस मामले में आवश्यक कानूनी कड़ी कार्यवाही करे। दल ने सासंद धर्मेद्र कश्यप की गिरफ्तारी की भी मांग की है।

शंकुतला रावत ने कहा कि भाजपा का हिंदुत्व का ढोंग उजागर हुआ है। हिंदुत्व का नारा भाजपा के लिए केवल वोट बैंक तक सीमित है। पुतला दहन करने में लताफत हुसैन, किशन सिंह मेहता, सुनील ध्यानी, जय प्रकाश उपाध्याय, दीपक रावत, विपिन रावत, राजेन्द्र प्रधान, उमेश खंडूड़ी, विरेन्द्र रावत, किरन रावत कश्यप, मीनाक्षी सिंह, पूनम कश्यप, सोनिया कश्यप, विजेंदर रावत आदि थे।

साइकिल रैली निकाल युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए किया प्रेरित

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देहरादून, साइक्लिंग क्लब ने ड्रग फ्री दून राइड का आयोजन किया। इस राइड के माध्यम से युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। साथ ही नशा मुक्त देहरादून अभियान को लेकर जागरूक किया। यात्रा बल्लूपुर चौक से किमाड़ी तक निकाली गई। क्लब के सचिव हरि सिमरन सिंह ने बताया की युवाओं को साइक्लिंग के प्रति जागरूक करने के लिए क्लब रोजाना राइड करवाता हैं। कामकाजी लोगों के लिए विशेष रूप से शनिवार और रविवार को राइड रखी जाती है। जिससे युवाओं को साइक्लिंग के साथ-साथ नशे से दूर रखने और अच्छी सेहत के प्रति जागरूक करने का प्रयास रकता है। इस यात्रा में हरि सिमरन सिंह के साथ मनिंदर सिंह, अंशु कन्नौजिया, तेजिंदर पाल सिंह, अमित, अमरजीत सिरोही, निमिष, अनुवर्त, गर्व, श्रद्धा, निखिल शुभोजोय, दिव्यांश आदि शामिल रहे ।

जनकल्याणकारी योजनाओं का किया जाए व्यापक प्रचार प्रसार

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देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सूचना विभाग के कार्य कलापों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि राज्य सरकार द्वारा जनहित में लिये गये निर्णयों, कल्याणकारी योजनाओं की आम आदमी तक पहुंच सुनिश्चित की जाए। इसमें सूचना के सभी प्रारूपों का बेहतर ढंग से समन्वय कर अविलम्ब कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक जनोपयोगी योजनाओं की जानकारी पहुंचाना विभाग का दायित्व है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में रविवार को देर सांय सूचना विभाग के विभिन्न कार्य कलापों, योजनाओं, प्रचार प्रसार की भावी कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि सूचना विभाग के जनपद स्तरीय कार्यालयों को और अधिक सक्षम एवं सुविधा सम्पन्न बनाया जाय। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर तक सूचना तंत्र की पहुंच आसान बनाये जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया के साथ बेहतर समन्वय बनाये जाने एवं समस्यायुक्त समाचारों की त्वरित समीक्षा के साथ वस्तु स्थिति स्पष्ट करते हुए कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। विभाग को जनता में सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों की जानकारी पहुंचाने की जिम्मेदारी है, इस पर ध्यान दिया जाय।

महानिदेशक सूचना श्री रणवीर सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री को विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्यों, भावी योजनाओं आदि की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि विभाग सरकार एवं आम जनता के मध्य बेहतर समन्वय एवं योजनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु निर्देशानुसार प्रभावी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार में सूचना तकनीकि के आधुनिक स्वरूपों का भी उपयोग किया जायेगा। इसकी विस्तृत कार्य योजना शीघ्र तैयार की जायेगी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, अपर निदेशक डॉ. अनिल चंदोला, संयुक्त निदेशक श्री आशीष त्रिपाठी, श्री के.एस. चौहान, उप निदेशक श्री नितिन उपाध्याय, श्री रवि विजारनियॉ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड़ : कर्फ्यू के बाद खुले स्कूल, कहीं पहुंचे छात्र, कहीं एक भी नहीं, थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्कूलों में दिया गया प्रवेश

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देहरादून, देश में वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर अब धीरे धीरे थम रही है, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण में लगातार कमी आ रही, कोरोना संक्रमण में कमी को देखते हुये प्रदेश सरकार ने आज से आज से नौंवी से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खोल दिये।

छात्र-छात्राओं का थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्कूलों में प्रवेश दिया गया। वहीं कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर ही बैठने की व्यवस्था की गई है, साथ में यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि, सभी छात्र-छात्रा मास्क पहन कर स्कूल में प्रवेश करें। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण लॉकडाउन होने से स्कूलों को बंद कर दिया गया था। सोमवार को कई माह बाद स्कूल खुलने से छात्र-छात्राओं के चेहरे पर खुशी और उत्साह दिखाई दिया।तो कई स्कूलों में कोरोना का खौफ इस तरह दिखा कि, अध्यापक तो सभी मौजूद रहे पर एक भी छात्र स्कूल नहीं पहुंचा, ऐसे में अध्यापक भी मायूस नजर आये।प्रदेश कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल 16 अगस्त से शुरू किये जायेंगे। इसमें सरकारी और निजी हाईस्कूलों की संख्या 1,354 है। जबकि 2,479 इंटरमीडिएट कॉलेज हैं।

इनमें करीब तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।अभी जारी आदेश के अनुसार सिर्फ चार घंटे की पढ़ाई ही स्कूलों में हो पायेगी, अधिक संख्या वाले छात्रों की स्कूलों में दो पालियों में कक्षाएं चलाई जाएँगी।

काफी लम्बे अंतराल के बाद स्कूल खुलने से छात्र-छात्राएं काफी खुश नजर आये। छात्रों ने बताया कि, ऑनलाइन पढ़ाई जारी है, पर स्कूल में पढ़ने से काफी अच्छे ढंग से समझ आता है। जिससे पढ़ने में आसानी होती है और वो स्कूल खुलने से बेहद खुश और उत्साहित हैं।

स्कूल खुलने को लेकर छात्रों के साथ अध्यापक भी काफी खुश हैं। अध्यापक बतातें है कि, स्कूल की तरफ से गाइडलाइन का पूरा पालन कराया जा रहा है। सबसे पहले थर्मल इस्क्रिनिंग के साथ सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन कराया जा रहा है। उसके बाद ही पढ़ाई शुरू की जा रही है।

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) राजपुर रोड़ की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौडाई ने बताया कि, जिन छात्राओं के पास अभिभावक का सहमतिपत्र होगा उन्हें ही स्कूल में प्रवेश दिया जा रहा है। स्कूल में सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए हैं। सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी। वहीं, ज्यादा छात्र संख्या वाले स्कूल दो शिफ्ट में संचालित करने या एक दिन छोड़कर 50 फीसदी छात्रों को स्कूल बुलवाने की व्यवस्था बनाई गई है। तापमान सामान्य से अधिक मिलने पर अभिभावकों को इसकी सूचना देकर डॉक्टर का परामर्श मिलने के बाद ही छात्र को दुबारा स्कूल बुलाया जाएगा।

वहीँ कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां एक भी छात्र नहीं पंहुचा। जिससे अध्यापक भी निराश हैं, देहरादून के एक स्कूल जहां लगभग 500 के करीब छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। उनमे एक भी छात्र आज स्कूल नहीं पहुंचा, ऐसे कई जगहों पर छात्र बहुत ही कम संख्यां में पहुंचें। जब स्कूल की प्रिंसिपल और अध्यपकों से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि, हमारी ओर से पूरी तैयारी हैं, पर शायद अभी अभिभावकों में कोरोना की तीसरी लहर का डर है। जिससे वो अपने बच्चों को अभी स्कूल नहीं भेज रहें है।

अब जबकि कोरोना की तीसरी लहर की सम्भवना के बीच बच्चों के लिए बताये खतरे के मध्येनजर कई अभिभावक ऐसे भी हैं, जो अपने बच्चों को स्कूल भेजने से पहले खुद स्कूल की तैयारियों का जायज़ा ले रहे है और तैयारी से संतुष्ट होने के बाद ही अपने बच्चों को स्कूल भेजने की बात कर रहें हैं।

सरकार ने पूरी तैयारी के साथ स्कूल खोलने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों की कोविड से सुरक्षा के लिए स्कूल को सैनिटाइज किए जाने के निर्देश हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि, सभी स्कूलों को खोलने की तैयारियां पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि, बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी स्कूलों को सेनेटाइज करवा दिया गया है और स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

आर पार की लड़ाई के मूड में है आंदोलनरत कर्मचारी

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हरिद्वार 2 अगस्त (कुलभूषण ) चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तराखंड के पूर्वघोषित आंदोलन कार्यक्रम के पांचवे चरण के चौथे दिन भी कर्मचारियों ने बिना अन्न ग्रहण किये अपना आंदोलन जारी रखा।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा महामन्त्री सुनील अधिकारी ने कहा कि कर्मचारी चार दिन से बिना अन्न ग्रहण करे अपनी ड्यूटी पर है किंतु महानिदेशालय और शासन के कान में जूं नही रेंग रही है कोरोना महामारी में अग्रिम पंक्ति में रहने वाले कोरोना वारियर के साथ जब ऐसा किया जा सकता है तो फिर अन्य कर्मचारियों का क्या हाल होगा समझौता हर बार होता है किंतु उस पर अमल नहीं किया जाता है इसलिये आंदोलन जारी रहेगा

अगर इस दौरान किसी कर्मचारी की जान चली गई तो इसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व विभागाध्यक्ष का होगा अगर14 अगस्त तक पदोन्नति और टेक्निकल किये जाने की फाइल शासन नही पहुचती तो कर्मचारी क्रमिक अनशनए सद्बुद्धि यज्ञए जनजागरण करेंगे।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश पंत संयुक्त मंत्री रविन्द्र सिंह उपाध्यक्ष दीपक धवन संगठन सचिव सुरेंद्र कश्यपए विपिन नेगी ने कहा कि जल्द ही एक प्रतिनिधि मंडल माननीय मुख्यमंत्री जीए माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी से मिलने का समय लिया जा रहा है क्योंकि व्यस्तता के कारण समय नही मिल पा रहा है जल्द ही अपने ऊपर हो रहे अन्याय के लिए अवगत कराया जाएगा जिससे कि कर्मचारियों को न्याय मिल सके।

अन्न ग्रहण न करने वालों में मूलचंद चौधरी शिवनारायण सिंह छात्रपालसिहजयनारायण सिंह दीपक धवन अवनीश कमल कामेंद्र आशुतोष गैरोला अनिता पूनम सुदेश ममता बाला विमलेश कमलेश नवीन संजय  दिनेश गुसाईं  सर्वेश्वर जुयाल विभिन्न कर्मचारियो ने प्रतिभाग किया।