Thursday, May 1, 2025
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टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में सतर्कता जागरूकता सप्ताह शुरू

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ऋषिकेश- टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में सतर्कता जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ हुआ | 26.10.2021 से 01.11.2021 तक चलने वाले इस सतर्कता जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ श्री आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक द्वारा निगम के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ ग्रहण करवाकर किया गया | इस अवसर पर श्री विश्नोई ने “Integrity: A Way to Self Reliance” A Compilation of Case Studies, Systemic Improvements and Recent CVC Circulars शीर्षक पुस्किता का विमोचन भी किया | इस अवसर पर श्री जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त), श्री बी. पी. गुप्ता, मुख्य सतर्कता अधिकारी और श्री वीर सिंह, महाप्रबंधक (मानव संसाधन) उपस्थित रहे | 01 नवम्बर तक चलने वाले जागरूकता सप्ताह में विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा |

तालाब में डूबने से दो बच्चों की मौत

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मसूरी। मसूरी देहरादून मार्ग पर सिथत ग्राम क्यारकुली के निकट प्रातः दस बजे दो बच्चे खेलते खेलते दस फीट गहरे तालाब में गिर गए। जिनकी मौके पर ही मौत हो गई, परिजनों द्वारा चीख पुकार सुनने के बाद बच्चों की खोजबीन की गई तो बच्चे दस फीट गहरे तालाब में डूब चुके थे जहां पर उनकी मौत हो गई थी।
स्थानीय निवासी गजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि क्यारकुली गांव से आगे एक मछली का तालाब है। जहां बच्चे खेलते खेलते पहुंच गये व डूब गये। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची व स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से दोनों बच्चों को बाहर निकाला गया जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त हो गई। सीओ नरेंद्र पंत ने बताया कि विनोद 7 वर्ष एवं विमल 4 वर्ष पुत्र विशाल हाल निवासी ग्राम क्यारकुली मजदूरी का काम करते हैं सुबह बच्चे खेलते खेलते गहरे तालाब के पास जा पहुंचे जहां पर बच्चे तालाब में गिर गए। जिन की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि भूमि स्वामी के खिलाफ लापरवाही की अगर परिजन तहरीर देते हैं तो उस पर कार्यवाही की जाएगी। पुलिस ने बच्चों के शवों का पंचनामा कर दिया लेकिन परिजन बच्चों का पोस्ट मार्टम नहीं कराना चाहते।

NEET MDS काऊंसलिंग पर ‘सुप्रीम’ रोक, कोर्ट ने केंद्र से कहा- पहले आरक्षण का मुद्दा क्लीयर होने दें

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नई दिल्ली, नीट एमडीएस काउंसलिंग 2021 को लेकर बेहद जरूरी सूचना सामने आ रही है। जानकारी आ रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने नीट एमडीएस 2021 काउंसलिंग पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। इसका कारण है नीट एमडीएस ऑल इंडिया कोटा सीट्स ईडब्ल्यूएस और ओबीसी आरक्षण। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि ‘नीट एमडीएस के लिए काउंसलिंग तब तक शुरू नहीं होगी, जब तक कोर्ट ऑल इंडिया कोटा में ईडब्ल्यूएस-ओबीसी आरक्षण की वैधता से संबंधित मुद्दे पर फैसला नहीं कर लेता।

वरिष्ठ वकील अरविंद पी दत्तार ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच से सामने कहा कि 25 अक्टूबर से नीट पीजी की काउंसलिंग शुरू होने वाली है, जबकि आरक्षण का मामला कोर्ट में लंबित है, ऐसे कोर्ट को मामले में दखल देना चाहिए क्योंकि मामला अभी कोर्ट में लंबित है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार के वकील ASG के एम नटराज से कहा कि काउंसलिंग तब तक शुरू ना हो जब तक कि हम इस मुद्दे को तय नहीं करते |
दरअसल कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें नीट एमडीएस 2021 ऑल इंडिया कोटा सीट्स में आर्थिक कमजोर वर्ग (EWS) और अन्य पिछला वर्ग (OBC) आरक्षण लागू किये जाने को चुनौति दी गई थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि नीट एमडीएस ऑल इंडिया कोटा काउंसलिंग 2021 बिना ईडब्ल्यूएस और ओबीसी आरक्षण के संचालित किया जाए।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नीट के जरिए होने वाले मेडिकल एडमिशन में ईडब्ल्यूएस और ओबीसी कोटा लागू करने का निर्णय लिया था। इसके अनुसार, ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी सीटों पर आरक्षण का लाभ मिलेगा।

याचिकाकर्ता और स्टूडेंट्स को इस बात पर आपत्ति है कि मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) ने महज एक नोटिस जारी करके इसी शैक्षणिक सत्र यानी 2021-22 से नये आरक्षण नियम लागू कर दिए। सुप्रीम कोर्ट से एमसीसी के इस नोटिस को खारिज करने का आदेश देने की मांग की गई है।

गौरतलब है कि मेडिकल काउंसलिंग कमेटी ने अपनी वेबसाइट mcc.nic.in पर 29 जुलाई 2021 को यह नोटिस जारी किया था। इसी दिन केंद्र ने भी मेडिकल एडमिशन्स के लिए नीट ऑल इंडिया कोटा सीट्स में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण और 10 फीसदी आर्थिक कमजोर वर्ग का आरक्षण देने का फैसला किया था।

अजब गज़ब : भारत के इस राज्य में शादी से पहले बच्चा पैदा करने की है परंपरा

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नई दिल्ली, वैसे तो हमारे समाज में शादी से पहले बच्चा पैदा करना किसी पाप से कम नहीं माना जाता .. एक लड़की के लिए शादी से पहले गर्भ धारण करना समाज में बड़ी बदनामी मानी जाती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश भारत में एक ऐसा राज्य भी है, जहां शादी से पहले बच्चा पैदा करना एक परंपरा है। शायद आपको ये सुनकर थोड़ा अजीब लगे लेकिन ये सच है।

जी हां, यह परंपरा उदयपुर के सिरोही और पाली में रहने वाली गरासिया जनजाति में निभाई जाती है। यह एक ऐसे समाज है, जहां शादी से पहले बच्चे पैदा करना शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं, अगर यहां शादी से पहले बच्चे पैदा न हो तो उसे अपशकुन माना जाता है।

ये अजीब गरीब परंपरा राजस्थान में 1000 वर्ष पुरानी है। इसे ‘दापा प्रथा’ कहा जाता है। वहीं इस परंपरा को करीब से देख जाये ये आज के लिव इन रिलेशनशिप की जैसी लगेगी। जिसे हमारा समाज में गलत समझा जाता है। गरासिया जनजाति की परंपरा के मुताबिक, लड़के और लड़कियां अपनी रजामंदी से लिव इन में रहते हैं और बच्चे पैदा होने के बाद ही एक-दूसरे से शादी करते हैं। वहीं परंपरा के नाम पर गरासिया जनजाति में 2 दिन का विवाह का विशेष मेला लगता है। इस मेले में लड़का और लड़की, दोनों एक-दूसरे को पसंद करते हैं और बिना विवाह किए एक साथ रहने लगते हैं। फिर बच्चे के जन्म के बाद ही अपनी इच्छानुसार शादी करते हैं। हालांकि, यहां लड़का और लड़की को अपना जीवनसाथी चुनने की पूरी आजादी दी जाती है। इसे लेकर ऐसी मानता है कि, कई वर्ष पहले गरासिया जनजाति के चार भाई कहीं और जाकर रहने लगे थे। इनमें से 3 ने शादी की और एक लड़का लिव इन में रहने लगा था। केवल लिव इन वाले को छोड़कर किसी के बच्चे नहीं हुए थे, तभी से यहां के लोग इस परंपरा का पालन कर रहे हैं।

रिक्शा चालक को तीन करोड़ का आयकर नोटिस, 43 करोड़ से अधिक का निकला टर्न ओवर

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मथुरा, यूपी के मथुरा जिले में एक रिक्शा चालक को आयकर विभाग की ओर से तीन करोड़ रूपये से अधिक का आयकर जमा करने का नोटिस मिला है। इस नोटिस से परेशान अमर कालोनी बाकलपुर थाना हाईवे निवासी रिक्शा चालक प्रताप सिंह ने पुलिस में तहरीर दी है लेकिन अभी उसकी रिपोर्ट दर्ज नही हुई है। हाई वे थाने के थानाध्यक्ष अनुज कुमार ने कहा कि अभी पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है तथा अभी जांच में है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच में अभी एक दो दिन लगेंगे।

रिक्शा चालक प्रताप सिंह के अनुसार उसे अपने साथ की गई धोखाधड़ी का पता तब चला जब उसे इनकम टैक्स आफिस से फोन करके बुलाया गया और बताया गया कि उसे 3 करोड़ 47 लाख से अधिक आयकर देना है। उसने जब अधिकारियों को बताया कि वह तो रिक्शा चलाता है तो अधिकारियों ने उसके केस की जांच कर उसे बताया कि उसके साथ किसी ने जालसाजी की है। जिस जालसाज ने उसके (प्रताप सिंह के नाम पर) जीएसटी नम्बर लेकर कोई व्यापार किया है उसने वर्ष 2018-19 का अपना टर्न ओवर 43 करोड़ 44 लाख से अधिक का दिखाया है जिस पर 3,47,54,896 रूपए का टैक्स बनता है।

इस घटना की निष्पक्ष जांच जरूरी है। इसके बाद ही रिक्शा चालक ने पुलिस से सपर्क किया था। उसे शक है कि उसके साथ धोखाधड़ी पैन कार्ड को लेकर की गई है। रिक्शा चालक ने पैन कार्ड बनवाने के लिए आप बीती का खुलासा करते हुए बताया कि बैंक द्वारा पैन कार्ड मांगने के कारण उसने अपना पैन कार्ड बनवाने के लिए 15 मार्च 2018 को तेज प्रकाश उपाध्याय के बाकलपुर स्थित जन सुविधा केन्द्र पर संपर्क कर जरूरी कागजात जमा कराए थे। जन सुविधा केन्द्र चालक ने उससे कहा था कि उसका पैन कार्ड एक माह में आ जाएगा। दो माह बाद तक भी पैन कार्ड न आने पर उसने जब उक्त जन सुविधा केन्द्र में संपर्क किया तो पता चला कि उसका पैन कार्ड 31 मार्च 2018 को ही बन गया था। इस मामले में जांच की जा रही है |

कांग्रेस आपदा में भी राजनीति के अवसर ढूंढ रही : मदन कौशिक

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देहरादून, भाजपा के प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि प्रदेश में आपदा की सटीक जानकारी और द्रुत गति से राहत कार्य शुरू करने से हजारों की संख्या में जन हानि को रोका जा सका लेकिन कांग्रेस आपदा में भी राजनीति के अवसर ढूंढ रही है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 17 अक्तूबर को सरकार आपदा को लेकर अलर्ट मोड पर थी तो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह ने खुले मन से रेस्क्यू के लिए जरुरी सहायता उपलब्ध कराई।

एनडीआरएफ,सेना, एयर फोर्स के प्लेन के साथ ही एसडीआरएफ और पुलिस ने हजारों लोगो को रेस्क्यू किया गया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सभी जिलों के जिलाधिकरियो से संवाद बनाए हुए थे और लोगों के बीच रहे। जिन लोगों को रेस्क्यू किया गया उनके लिए सभी व्यवस्थाये की गयी। सरकार आपदा आने से पहले ही सचेत थी और इसी कारण जन हानि के आंकड़ों को अधिक नहीं बढ़ने दिया। श्री कौशिक ने कहा कि वह खुद आपदा प्रभावित क्षेत्र रुद्रपुर और नैनीताल के दौरा कर आपदा की इस दुःखद घड़ी में सरकार और भाजपा संग़ठन द्वारा किये गए आपदा राहत कार्यो को लेकर लोगो के चेहरे पर संतोष और राहत के भाव भी है। उन्हें लगा है कि संकट की घड़ी में सरकार और भाजपा कार्यकर्ता उनके साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा कि आपदा में भाजपा ने अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए थे और राहत एवं बचाव कार्यों को ही प्राथमिकता दी।

श्री कौशिक ने कहा कि भाजपा ने पीड़ितों को राहत पहुचाने के लिए उसी दिन देहरादून और हल्द्वानी में अपने कॉल सेंटर स्थापित कर दिए और उनसे नियमित तौर पर जरुरतमन्दो को सामग्री मुहैया कराई जा रही है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं ग्राउंड ज़ीरो पर आपदाग्रस्त क्षेत्रो में लोगो को राहत मुहैया कराने के लिए जुटे हैं और जीवन बचाने के बाद अब लोगों के पुनर्वास और उनको तत्काल रूप में राहत राशि मुहैया कराने सहित अन्य राहत कार्यों एवं समस्याओं के समाधान की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
वहीं कांग्रेस राजनीति ऐसे समय पर कर रही है जब पीड़ितों के बीच पहुँँचकर उनके जख्मो पर मरहम लगाने की जरूरत है। विपक्ष का यही रवैया कोरोना काल में भी देखने को मिला। जब आपदा आयी तो कांग्रेस चुपचाप देखती रही और जब बचाव दलों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओ को देखा तो कांग्रेसी एक्टिव हो गये। ऐसे समय में कांग्रेस को सकारात्मरक रुख अख्तियार करते हुए मानवीय पक्ष को मद्देनजर लोगों की पीड़ा को साझा करने के लिए आगे आना चाहिए। सरकार हर पीड़ित तक पहुँँच रही है और समस्याओ के निराकरण के लिए प्रतिबध है और कांग्रेस को इस पर सोचने की जरुरत है।

चारधाम के पुराने मार्गों को खोजेगा 25 सदस्यीय दल, सीएम धामी ने हरी झंडी दिखाकर दल को किया रवाना

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देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम के पुराने मार्गों को खोजने के लिए 25 सदस्यीय टीम को रवाना किया। उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने द ट्रैक हिमालय के साथ मिलकर ये अभियान शुरू किया है। इसके तहते पुराने मार्गों को ढूंढ़ने के लिए 1200 किलोमीटर से अधिक का सफर तय किया जाएगा।

मुख्यमंत्री आवास से सीएम धामी ने दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दल द्वारा यह अभियान लगभग 50 दिनों तक चलाया जाएगा। दल पुराने चार धाम और शीतकालीन चार धाम मार्ग को खोजने का काम करेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्रैकर्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह गर्व का क्षण है कि हमारे पास उत्तराखंड की पुरानी पगडंडियों का पता लगाने के लिए एक युवा बल है। यह पहल हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा |
सीएम ने कहा कि इस अभियान से उत्तराखंड में साहसिक खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण जागरूकता फैलाने, होमस्टे, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने में भी सहायक सिद्ध होगा। इस अवसर पर पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर, अपर निदेशक विवेक सिंह चौहान, अपर निदेशक पूनम चंद मौजूद थे।

दून अस्पताल में स्तन कैंसर जागरूकता के लिए पिंक वीक की हुई शुरुआत

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देहरादून, दून मेडिकल कालेज और दून अस्पताल में स्तन कैंसर जागरूकता के लिए पिंक वीक की रविवार को शुरुआत की गई है। एमबीबीएस छात्रों की पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस दौरान प्राचार्य ने डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि मंगलवार और शुक्रवार को दून अस्पताल के न्यू ओपीडी ब्लाक में स्तन कैंसर के इलाज को क्लीनिक शुरू होने जा रहा है।

प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि इस सप्ताह के दौरान हर रोज स्तन जागरूकता कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्राचार्य ने बताया कि मंगलवार और शुक्रवार को दून अस्पताल के न्यू ओपीडी ब्लाक में स्तन क्लीनिक शुरू होने जा रहा है। यह क्लीनिक स्तन कैंसर के इलाज के लिए स्थापित किया जा रहा है। इसमें जागरूकता और स्क्रीनिंग कार्यक्रमों के लिए मरीजों तक पहुंचा जाएगा। पूरे सप्ताह छात्रों की ओर से प्रतियोगिता व जागरूकता रैली का आयोजन किया जाएगा। विभिन्न अस्पतालों में गाड़ी भेजकर मेमोग्राफी मशीन से जांच कराई जाएगी। प्राचार्य ने कहा कि शहरी महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर है और स्तन कैंसर के रोगियों को अच्छा उपचार देने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान डा. ललित मोहन, डा. मोहित गोयल, डा. नितिन शर्मा आदि मौजूद रहे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे ‘मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण’ योजना को लान्च

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‘प्रथम चरण में राज्य के चार जिलों पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा व चम्पावत में मुख्यमंत्री घसियारी योजना की जाएगी शुरू’

देहरादून, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह का 29 व 30 अक्टूबर को उत्तराखंड दौरा संभावित है। इस दौरान वे प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना की लांचिंग करेंगे। इसके साथ ही वह राज्य की 670 पैक्स समितियों के कंप्यूटरीकरण, विभागीय पत्रिका सहकार से समृद्धि का लोकार्पण और पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के लाभार्थियों को चेक भी वितरित करेंगे |

प्रदेश सहकारिता मंत्री डा. धनसिंह रावत ने इस सिलसिले में रविवार को देहरादून जिला मुख्यालय के सभागार में जिला प्रशासन व विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में विमर्श किया। उन्होंने गृह मंत्री के दौरे के मद्देनजर सभी तैयारियां पूरी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना राज्य के पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं के सिर का बोझ कम करने के मद्देनजर वरदान साबित होगी। सहकारिता मंत्री डा. रावत ने कहा कि प्रथम चरण में राज्य के चार जिलों पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा व चम्पावत में मुख्यमंत्री घसियारी योजना शुरू की जाएगी। योजना के तहत पशुपालकों को पशुआहार (साइलेज) के 25 से 30 किलो के वैक्यूम पैक्ड बैग उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के साथ ही दुग्ध उत्पादन में 15 से 20 फीसद तक वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि योजना के लागू होने से पशुओं के लिए चारा जुटाने के लिए महिलाओं के सिर से बोझ कम होगा और उनके समय व श्रम की बचत होगी।

उन्होंने बताया कि सहकारिता विभाग को साइलेज के बैग तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जो रियायती दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे। हरा चारा, मक्का दाना व सूखे भूसे से तैयार यह साइलेज पौष्टिक एवं स्वाथ्यवद्र्धक होगा।उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री का फाइनल कार्यक्रम मिलते ही घसियारी कल्याण योजना की लांचिंग की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। बैठक में देहरादून के जिलाधिकारी डा आर राजेश कुमार, डीआइजी जन्मेजय खंडूड़ी, सीडीओ नितिका खंडेलवाल, निबंधक सहकारिता आनंद स्वरूप, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ला, उप निबंधक एमपी त्रिपाठी, सहायक निबंधक राजेश चौहान आदि मौजूद थे।

प्रदेश में ठंड की आहट, बदरी-केदारधाम में हिमपात, केदारनाथ के लिये हेली सेवा की बुकिंग 31 अक्टूबर तक फुल

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देहरादून, पिछले हफ्ते हुयी लगातार बारिश और रविवार को हुई हल्की झमाझम बारिश से उत्तराखंड में ठंड की आहट शुरू हो गयी । प्रदेश के कई हिस्सों में बादलों ने डेरा डाला और देर शाम केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में हिमपात शुरू हुआ। लेकिन बदरीनाथ केदारनाथ में पर्यटक और तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, बाबा केदार के दर्शन करने वालों का आंकड़ा भी डेढ़ लाख से ऊपर पहुँच गया, यहां के लिये हेली सेवा की 31 अक्टूबर तक बुकिंग फुल हो गयी, जबकि 6 नवम्बर को भैयादूज के दिन केदारनाथ के कपाट बंद होने हैं |रविवार पशहाड़ों के साथ सॎथ मैदानी इलाकों में भी झमाझम बारिश शुरू हुई। कई इलाकों में भारी ओलावृष्टि की भी सूचना है। मौसम के करवट बदलने से तापमान ने भी गोता लगाया है। प्रमुख शहरों के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। लेकिन पवित्र केदारनाथ धाम में बर्फबारी के बीच श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है।

रविवार को देर रात केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में लगातार दूसरे दिन हिमपात हुआ। कुमाऊं में देर शाम के बारिश के कारण लोग फिर से दहशत में आ गए। पिथौरागढ़ में भी ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक आज प्रदेश में सामान्यत: मौसम साफ रहने के आसार हैं। हालांकि, कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। मैदानों में बारिश और पहाड़ों में बर्फबारी के चलते प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। देहरादून में अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्यिसस पर आ गया, जिसमें करीब चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा नैनीताल और मसूरी में भी तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जिससे शाम को ठंड का अहसास होने लगा। पहाड़ी इलाकों में सुबह-शाम कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है |

बाबा केदारनाथ के लिये 31 अक्टूबर तक हेली सेवा की बुकिंग फुल

केदारनाथ हेली सेवा के लिए आज से शुरू होगी ऑनलाइन बुकिंग | Online booking  starts for kedarnath heli service from today - Shortpedia News App
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा को लेकर देश-दुनिया में श्रद्धालुओं का आकर्षण बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि 31 अक्टूबर तक के लिए हेली टिकट की बुकिंग फुल हो चुकी है। वहीं, बाबा केदार के दर्शन करने वालों का आंकड़ा भी 1.60 लाख से अधिक पहुंच गया है। इनमें हेली सेवा से पहुंचने वालों की संख्या 17441 है।

कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा इस बार 18 सितंबर को शुरू हो पाई। बावजूद इसके केदारनाथ दर्शनों को रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। हालांकि, मौसम विभाग का अलर्ट जारी होने के बाद शासन ने बीते 17 अक्टूबर को यात्रा पर अस्थायी रोक लगा दी थी। लेकिन, तीन दिन बाद यात्रा के दोबारा शुरू होते ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा। जैसे-जैसे कपाटबंदी की तिथि नजदीक आ रही है, हेली सेवा से केदारनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ गई है।