Thursday, May 22, 2025
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कृषि कानूनों के निरस्त करने के ऐलान से दुखी हैं कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, बताया ये बड़ा कारण

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद कृषि कानूनों को निरस्त किया जाएगा। इसपर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि सरकार विरोध करने वाले किसानों को कानूनों के लाभों की व्याख्या करने में विफल रही।

कृषि मंत्री ने कहा, ”प्रधानमंत्री संसद द्वारा पारित तीन विधेयक लाए थे। इनसे किसानों को फायदा होता। प्रधानमंत्री की स्पष्ट मंशा किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने की थी, लेकिन मुझे दुख है कि हम देश के कुछ किसानों को लाभ समझाने में विफल रहे।”

मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

तोमर ने कहा कि पीएम ने फैसला किया है कि शून्य बजट खेती, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और फसल विविधीकरण से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। समिति में केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ किसान, कृषि वैज्ञानिक और अर्थशास्त्री शामिल होंगे।

तीन कृषि कानून जो एक साल से अधिक समय से चले आ रहे विरोध प्रदर्शन और अब निरस्त किए जाएंगे, जिसमें किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम का समझौता, और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम शामिल है।

पिछले साल नवंबर से सड़कों पर उतरे किसानों का विरोध प्रदर्शन यह तर्क दे रहा है कि अगर कानून लागू किया जाता है, तो वे उनको बड़े व्यापारियों की दया पर छोड़ दिया जाएगा।

11 माह में लौटाए साइबर क्राइम पुलिस ने 50.50 लाख रुपये

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रुद्रपुर। मिशन ई-सुरक्षा चक्र के तहत कुमाऊं परिक्षेत्र रुद्रपुर द्वारा साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन जनवरी 2021 से अब तक कुल 50,50,246 रुपये की धनराशि साईबर ठगी के पीड़ितों के बैंक खातों में वापस करा चुका है। इसी के तहत पिछले 15 दिन में साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन ने साइबर ठगी की 4,23,338 रुपये की धनराशि वापस कराई है। जिन्हे साइबर अपराधियों द्वारा आम जनता को नये-नये तरीके से जालसाजी कर धनराशि ठगी की गई थी।

साइबर थाना पुलिस प्रभारी ललित मोहन जोशी ने बताया कि टीम ने सरवरखेड़ा काशीपुर निवासी द्वारा व्यक्ति द्वारा ऐनी डेस्क के माध्यम से खाते से 70,000 रुपये ऑनलाइन धोखाधड़ी कर निकाल लिए थे। जिस पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने त्वरित कार्यवाही करते हुये पूरी धनराशि शिकायतकर्ता के खाते में वापस करायी गयी। इसी तरह दिनेशपुर निवासी द्वारा व्यक्ति से हुई 42,000 रुपये की ठगी में से पूरे 42,000 रुपये, किच्छा निवासी द्वारा व्यक्ति से परिचित बनकर खाते से 19000 रुपये की ठगी में से 4474 रुपये, फाजलपुर महरौला रूद्रपुर निवासी व्यक्ति के खाते से ठगी हुए 7000 रुपये, खटीमा निवासी व्यक्ति से क्रेडिट कार्ड अधिकारी बनकर खाते से निकले 20,236 रुपये, रुद्रपुर निवासी व्यक्ति से बैंक अधिकारी बनकर धोखे से खाते से ठगे गये 14,165 रुपये, जवाहननगर नगला पंतनगर निवासी व्यक्ति को 10,000 रुपये, काशीपुर निवासी व्यक्ति के 5,000 रुपये, रम्पुरा, रुद्रपुर निवासी व्यक्ति को 25,000 रुपये, शान्तिपुरी निवासी व्यक्ति को 500 रुपये, ट्रांजिट कैम्प, निवासी व्यक्ति को 19,000 रुपये व रुद्रपुर निवासी व्यक्ति को 25,000 रुपये उनके खाते में वापस लौटाये गये। इसके अलावा रुद्रपुर, बाजपुर, हल्द्वानी, नैनीताल व काशीपुर निवासियों के खाते में भी साईबर पुलिस ने उनकी रकम वापस लौटवाने में मदद की। पुलिस ने इन सभी की कुल 4.23.338 रुपये की धनराशि वापस कराई। बताया कि जनवरी 2021 से लेकर नवंबर माह तक 50.50 लाख रुपये की धनराशि पीड़ितों के खाते में वापस करवाई जा चुकी है।

विधायक आदेश चौहान ने किया पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी पुस्तकालय का लोकार्पण

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हरिद्वार 19 नवम्बर (कुलभूषण ) भौतिकी विभाग में विभागीय पुस्तकालय ष् पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी पुस्तकालयष् का उद्घाटन  विधायक आदेश चौहान एवं कुलपति प्रो रूप किशोर शास्त्री द्वारा संयुक्त रूप में किया गया। इस पुस्तकालय की स्थापना हेतु बी एच ई  एलए रानीपुर विधायक आदेश चौहान  द्वारा रु0 3ण्00 लाख प्रदान किया गया।

समारोह का शुभारम्भ यज्ञ से हुआ एवं समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो0 रूप किशोर शास्त्री ने पंड़ित गुरुदत्त को आर्य समाज का महान नेता बताया तथा उन्होने कहा कि अल्पआयु में ही उन्होने वैदिक भौतिकी की गूढ समझ विकसित की और पूरे विश्व को वेदों की वैज्ञानिक महत्ता को भी समझाया। मुख्य अतिथि आदेश चौहान ने कहा कि युवा पीढी को अधिक से अधिक भारतीय ज्ञान परम्परा से सम्बन्धित साहित्य का वृहद अध्ययन करना चाहिए। उन्होने सभी से अपने उद्देश्य के प्रति लगन एवं समर्पण से कार्य करने को कहा ताकि भारत के उज्जवल सभी के   भविश्य  का निमार्ण हो सके।

कार्यक्रम में भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो एल पी  पुरोहित ने पंडित गुरुदत्त विधार्थी के जीवन पर प्रकाश डाला गया तथा उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों की जानकारी भी दी। कार्यक्रम में उपस्थित प्रो सोमदेव शतांशु एवं प्रो विनय विद्यालंकार ने  सभी छात्रों से संस्कृत में उपलब्ध अद्भुत वैज्ञानिक ज्ञान का अध्ययन करने का अनुरोध किया गया ताकि भारतीय ज्ञान परम्परा की उज्जवल गाथा आम जनमानस तक पहुॅच सके। कार्यक्रम का संचालन डा हेमवती नन्दन ने किया। इस कार्यक्रम में डा मनोज कुमारए डा पवन कुमारए डा हिमांशु गुप्ता डा अजेन्द्र कुमार डा पंकज कुमार पाल नगर निगम पार्षद नागेन्द्र राणा एवं अशोक मेहता सहित शोध एवं स्नातकोत्तर छात्र उपस्थित रहें।

कनखल में धूमधाम से मनाया गया गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व

हरिद्वार 19 नवम्बर (कुलभूषण) सिख संप्रदाय के प्रवर्तक गुरु नानक देव  का प्रकाश उत्सव उपनगर कनखल में स्थिति  तीजी पातशाही तप स्थान गुरुद्वारा गुरु  अमर दास सती घाट कनखल में धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर शब्द कीर्तन का आयोजन किया गया और अरदास की गई तथा कड़ा प्रसाद का भोग चढ़ाया गया ग्रंथि ज्ञानी देवेंद्र सिंह ने गुरु ग्रंथ साहब की अरदास की
कनखल निर्मल संत पुरा आश्रम में प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रभात फेरी निकाली गई प्रभात फेरी आश्रम से शुरू होकर कनखल के मुख्य बाजारों से होती हुई  तीजी पातशाही तप स्थान गुरुद्वारा गुरु  अमर दास सती घाट कनखल में  पहुंची जहां पर श्रद्धालुओं ने गुरु महाराज के दरबार में मत्था टेका और अरदास की प्रभात फेरी गुरुद्वारे से होती हुई निर्मल संतपुरा आश्रम में आकर वापस समाप्त हुई प्रभात फेरी का जगह जगह श्रद्धालुओं ने स्वागत किया प्रभात फेरी निर्मल संतपुरा के परमाध्यक्ष संत जगजीत सिंह शास्त्री महाराज के नेतृत्व में निकाली गई

प्रभात फेरी के समापन पर संगत को संबोधित करते हुए संत जगजीत सिंह शास्त्री  महाराज ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने समाज को एक नई दिशा दी और समाज में व्याप्त पाखंडों से लोगों को मुक्ति दिलाई उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने देश की अखंडता और एकता और सनातन धर्म की रक्षा केे लिए अपना जीवन न्योछावर किया और बलिदान देने से पीछे नहीं हटे
इस अवसर पर बाबा मोहन सिंह संत मनजीत सिंह संत बलजिंदर सिंह डॉक्टर शीलू सिंह भाटिया महेंद्र सिंह हरवीर सिंह कुलदीप सिंह आदि मौजूद थे इस अवसर पर निर्मल संतपुरा आश्रम में  रोशनी की गई
संत जगजीत सिंह शास्त्री ने बताया कि गुरु पर्व के पावन अवसर पर 21 नवंबर को निर्मल संत पुरा आश्रम के परिसर में स्थित महंत महेंद्र सिंह अपार्टमेंट्स में  पंजाब के अमृतसर से आए रागी कीर्तन दरबार में भाग लेंगे और शब्द कीर्तन की अमृत वर्षा की जाएगी और लंगर का आयोजन किया जाएगाMay be an image of 2 people and people standing
रक्तदान महादान देने और लेने वाले दोनों को लाभ  आदेश चौहान

हरिद्वार 19 नवम्बर कुलभूषण नील फाउंडेशन और हिमालयन हॉस्पिटलए देहरादून के सहयोग से शुक्रवार को सिडकुल में स्थित जेबीएम ग्रुप की नील मेटल प्रोडक्ट्स लिमिटेड में रक्त दान शिविर का आयोजन किया गयाद्य इस विशेष कार्यक्रम में कंपनी के कर्मचारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और 210 यूनिट का रक्त एकत्र किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि रक्त दान महादान है जो लेने वाले के लिए और देने वाले केए दोनो के ही स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है।पइस अवसर पर लोगो का उत्साहवर्धन करने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्लांट हेड  सत्यवीर सिंहए हीरो प्लांट हेड  यशपाल सरदाना डॉक्टर सुनील जोशी कुलपति आयुर्वेद विश्वविद्यालय  रूप किशोर शास्त्री कुलपतिए गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय  अमित बंसल प्लांट हेड एसपी सैनी राहुल वत्स एचआर हेड विवेक आर्य प्रवीन मालिक  जेबी सिंह अनूप सहाय राजेश देशपांडेए आदित्य उपाध्याय आदेश शर्मा मुकेश पांडे भूपेंद्र सिंह सहित कंपनी के अधिकारी उपस्थित  रहेण्

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शांतिकुंज में उत्साहपूर्वक मनी गुरु नानक व लक्ष्मीबाई जयंती

हरिद्वार 19 नवम्बर (कुलभूषण)सिख संप्रदाय के प्रथम गुरु नानकदेव जी एवं रानी लक्ष्मी बाई की जयंती उत्साहपूर्वक मनाई गयी। इस अवसर पर शांतिकुंज के पीतवस्त्रधारी साधकों ने जन जागरण रैली निकाली। वरिष्ठ कार्यकर्त्ता शिवप्रसाद मिश्र ने रैली को शांतिकुंज के देवात्मा हिमालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में गुरु नानकदेव के जीवन से जुड़े अनेक प्रसंग एवं रानी लक्ष्मी बाई की वीरता पर स्लोगन दोहराये गये। पीतवस्त्रधारी भाई.बहिन अपने.अपने गले में सद्ग्रंथ लेकर चल रहे थे। जन जागरण रैली हरिपुर कलॉए देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिसर से होते हुए शांतिकुंज के पावन समाधि स्थल पहुची।

अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉण् प्रणव पण्ड्या ने कहा कि गुरु नानक देव जी समाज को जागरुक करने के उद्देश्य सदैव परिव्रज्या करते रहे। गायत्री परिवार प्रमुख ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई आदर्श वीरांगना थीं। वे कभी समस्याओं से नहीं घबराई उन्हें अपने कर्तव्य पालन से किसी प्रलोभन ने विमुख नहीं कर सका। वह सदैव अपने पवित्र उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आत्मविश्वास से भरी रहीं। गुरु नानक जयंती एवं रानी लक्ष्मीबाई जयंती पर शांतिकुंज में दीपमहायज्ञ सहित विभिन्न आयोजन संपन्न हुए।May be an image of 10 people, people standing and outdoors

वैली ऑफ़ वर्ड्स तथा यूकॉस्ट ने भारत में विज्ञान का इतिहास पर आयोजित किया सेमिनार

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देहरादून। उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) तथा वैली ऑफ़ वर्ड्स के संयुक्त तत्वाधान में  आंचलिक विज्ञान केंद्र, विज्ञान धाम, झाझरा में “भारत में विज्ञान का इतिहास” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में डॉ राजेंद्र डोभाल, महानिदेशक, यूकॉस्ट ने कार्यक्रम का स्वागत भाषण दिया। डॉ संजीव चोपड़ा, इतिहासकार, पालिसी एनालिस्ट एवं सलाहकार, वैली ऑफ़ वर्ड्स साहित्य महोत्सव द्वारा वैली ऑफ़ वर्ड्स के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इस वर्ष आयोजित किये जा  रहे कार्यक्रमों की रूरेखा प्रस्तुत की। उद्घाटन समारोह में मुख्य व्याख्यान डॉ सी एम नौटियाल, सलाहकार, इन्सा, नई दिल्ली द्वारा दिया गया, जिसमें उन्होंने इनसे द्वारा चलाये जा रहे प्रकल्पों पर विस्तार से चर्च की तथा शोधर्थीओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी दी। जीएस रौतेला, सलाहकार साइंस सिटी, देहरादून ने उद्घाटन सत्र में उपस्थित सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

तकनीकी सत्र में, जिसे डॉ सीएम नौटियाल, सलाहकार आईएनएसए, नई दिल्ली द्वारा समन्वित किया गया था, पहला व्याख्यान प्रोफेसर मयंक वाहिया, डीन, भूतपूर्व प्रोफेसर टीआईएफआर, मुंबई द्वारा “प्राचीन भारत में खगोल विज्ञान” तथा प्रोफेसर दीपक कुमार, भूतपूर्व प्रोफेसर, जेएनयू, नई दिल्ली ने “भारत में चिकित्सा का इतिहास” पर व्याख्यान दिया गया। आगे तकनीकी सत्र में श्री दिनेश शर्मा, जवाहरलाल नेहरू फेलो, नई दिल्ली ने “सूचना प्रौद्योगिकी के इतिहास” तथा डॉ आलोक कुमार कानूनगो, सहायक प्रोफेसर आईआईटी, गांधीनगर ने “भारतीय में कांच पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी का इतिहास” पर अपना व्याख्यान दिया। सेमिनार में डीबीआईटी, बीहाइव इंस्टीट्यूट, जेबीआईटी, एल्पाइन इंस्टीट्यूट, आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी, जीआरडी गर्ल्स डिग्री कॉलेज और उत्तरांचल यूनिवर्सिटी देहरादून के 250 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।

उत्तरांचल परिवहन निगम को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम से लंबित भुगतान का मिलेगा 205 करोड़ : मुख्यमंत्री

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रुद्रपुर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के दौरे को सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि 21 वर्षों से उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश के बीच चल रही परिसंपत्तियों का विवाद निपट गया है। समझौते के मुताबिक उत्तर प्रदेश परिवहन निगम उत्तरांचल परिवहन निगम को 205 करोड़ की लंबित देनदारी का भुगतान करेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड का बड़े भाई छोटे भाई का रिश्ता है। चंपावत जाने से पहले पंतनगर एयरपोर्ट पर एक मुलाकात में मुख्यमंत्री धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सह्रदयता के कारण उत्तर प्रदेश व उत्तरांचल के बीच लंबित मामलों का निस्तारण हो सका है।उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग से संबंधित 5700 हेक्टेयर भूमि तथा 1700 भवन हैं, सर्वे के उपरांत जिस भूमि व भवनों पर उत्तर प्रदेश का अधिकार होगा वह उन्हें मिल जाएंगे बाकी पर उत्तरांचल का स्वामित्व हो जाएगा ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरांचल परिवहन निगम को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम से 205 करोड़ रुपए का लंबित भुगतान मिलेगा इसके अलावा किच्छा में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के बस स्टैंड की भूमि भी उत्तराखंड को मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि आवास विकास की परिसंपत्तियों में देनदारी तथा संपत्ति का 50-50 फीसदी बटवारा किए जाने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जिला उधम सिंह नगर में नानक सागर, धोरा, बेगुल जलाशयों में साहसिक पर्यटन व वॉटर स्पोर्टस की गतिविधियां शुरू की जाएगी जबकि बनबसा तथा किच्छा के क्षतिग्रस्त जलाशयों का उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग पुनर्निर्माण कराएगा ।

धामी ने कहा किपरिसंपत्तियों के बंटबारे को लेकर उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के बीच चल रहे कानूनी मुकदमों को भी वापस लिया जाएगा। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद भी मौजूद थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री के पंतनगर पहुंचने पर भाजपा जिला अध्यक्ष शिव अरोरा, भाजपा नेता विकास शर्मा, तथा जिला महामंत्री विवेक सक्सेना ने उनका स्वागत किया।

तीर्थपुरोहितों ने दिया सरकार को अल्टीमेटम, करेंगे विधानसभा घेराव और लड़ेंगे 15 सीटों पर चुनाव

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ऋषिकेश, उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों का विरोध अब सरकार के गले की फांस बनता जा रही है. लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है. तीर्थ पुरोहितों ने साफ किया है अगर 30 नवंबर तक देवस्थानम बोर्ड को लेकर कोई फैसला नहीं लेती तो, वह विधानसभा का घेराव करेंगे, इतना ही नहीं, उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी ऐलान किया कि 15 सीटों पर वह अपने प्रत्याशी उतारेंगे |

उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड का विरोध थमता नजर नहीं आ रहा है. सरकार के आश्वासन के बाद भी देवस्थानम बोर्ड को लेकर अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है, जिससे तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी बेहद नाराज नजर आ रहे हैं. 30 नवंबर तक मामले में सकारात्मक जवाब नहीं आने पर तीर्थ पुरोहितों ने विधानसभा घेराव करने का निर्णय लिया है. साथ ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पूरे देश के तीर्थ पुरोहित को पोस्टकार्ड भेजकर देवस्थानम बोर्ड का विरोध भी करेंगे |

तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महा पंचायत समिति के बैनर तले तीर्थ पुरोहितों ने प्रेस वार्ता की, जिसमें समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल और महामंत्री हरीश डिमरी ने सरकार पर जमकर निशाने साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने दो बार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का वादा तीर्थ पुरोहितों से किया. जिस पर सरकार खरा नहीं उतरी है. पहले मुख्यमंत्री ने 20 अक्टूबर तक का समय तीर्थ पुरोहितों से मांगा था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर तीन मंत्रियों ने वादा किया कि जल्द ही देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा।

कृष्णकांत कोठियाल ने बताया कि तीर्थ पुरोहित-हकहकूकधारी सरकार की वादाखिलाफी से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. इसलिए अब तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन का निर्णय ले लिया है. गैरसैंण में होने वाले शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान हजारों तीर्थ पुरोहित एकत्रित होकर अपना विरोध करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी पोस्ट कार्ड भेजकर देवस्थानम बोर्ड का विरोध किया जाएगा. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान तीर्थ पुरोहित उत्तराखंड की 15 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे |

खास खबर : तीनों कृषि कानून केन्द्र सरकार ने लिये वापस, पीएम ने की घोषणा

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नई दिल्ली, कृषि कानूनों की वापसी को लेकर देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में आंदोलन कर रहे किसानों को शुक्रवार की सुबह बड़ी खुशखबरी मिली है। राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इसी महीने के अंत में शुरू हो रहे संसद सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए देश के कृषि जगत और देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्यनिष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी। लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया।
पीएम ने कहा आज ही सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अहम फैसला लिया है। देश की बदलती आवश्यकताओं के मद्देनजर क्रॉप पैटर्न वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए। ऐसे सभी विषयों पर निर्णय लेने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, किसान, कृषि वैज्ञानिक, कृषि अर्थशास्त्री शामिल होंगे।

गौरतलब हो कि तीनों कृषि कानूनों को लेकर देशभर के किसान साल भर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे थे। इसके अलावा किसानों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में भी आंदोलन शुरू कर दिया था। इसबीच दिल्ली में आठ सौ से अधिक किसानों की मौत भी हुई। यहां तक कि किसानों के आंदोलन को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास भी केंद्र सरकार और भाजपा ने किए। भले आज प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों कों वापस लेने की घोषणा कर दी हो लेकिन राकेश टिकैत इस पर अपना बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा कि आंदोलन तत्काल खत्म नही होगा, राकेश टिकेत ने आगे कहा कि हम उस दिन का इंतज़ार करेंगे जब इन तीनों कृषि कानूनों कों संसद में रद्द किया जायेगा |

दर्दनाक हादसा : वाहन खाई में गिरा, तीन महिलाओं की मौत

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पिथौरागढ़, जनपद में शुक्रवार को दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां एक वाहन खाई में गिर गया। हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई है और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक हल्द्वानी से थल की ओर जा रहा एक यात्री वाहन बांसपटान के गोदीगाड़ के समीप खाई में गिर गया। इस दुर्घटना में तीन महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। शुक्रवार की सुबह गोदीगाड़ पुल के पास वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलते ही बेड़ीनाग थानाध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी जवानों के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस टीम ने राहत-बचाव अभियान चलाकर सभी घायलों को एंबुलेंस और अन्य सरकारी वाहनों से बेड़ीनाग अस्पताल पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने रश्मि चंद पत्नी बृजेश चंद, गीता चंद पत्नी हरीश चंद निवासी लेजम कौली थल और प्रियंका चंद पुत्री भगवान चंद निवासी गैना बड़ालू को मृत घोषित कर दिया गया है। जबकि चालक अनिल कन्याल निवासी थल, चंदन सिंह सामंत निवासी गोलाकुड़ी तड़ीगांव और बृजेश चंद निवासी लेजम कौली गंभीर रूप से घायल हैं। इनका उपचार चल रहा है।

 

 

धामी सरकार के नेतृत्व से जगी युवाओं की उम्मीद, दिसंबर में हज़ारों पदों पर भर्ती परीक्षा

सिर्फ़ वादे नहीं, धरातल पर काम कर रही है धामी सरकार

उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की राह देख रहे युवाओं का सपना साकार होता नज़र आ रहा है।प्रदेश में सरकारी भर्तियों के नाम पर हीला-हवाली नहीं बल्कि पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित की जा रही हैं। जी हाँ धामी सरकार में लंबे समय बाद हज़ारों पदों पर ना सिर्फ़ भर्ती की विज्ञप्ति जारी की गई बल्कि उन तमाम पदों पर परीक्षा की तिथि भी तय की जा चुकी हैं। युवा मुख्यमंत्री धामी प्रदेश के युवाओं की परेशानी बखूबी समझते हैं यहीं कारण है कि बीते तीन मार्च से ही लगातार भर्ती प्रक्रिया में तेज़ी आई है।

युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ग्रहण के पहले ही दिन नए मंत्रिमंडल की पहली कैबिनेट बैठक में 20 हज़ार से ज़्यादा सरकारी पदों पर भर्ती प्रकिया शुरू करने का प्रस्ताव कैबिनेट में पारित किया था जिसके फलस्वरूप वर्तमान में 17 हज़ार से ज़्यादा पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पहलेदिन ही स्पष्ट निर्देश दे दिए थे कि बेवजह हीला-हवाली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, यही कारण है कि तमाम विभागों में समयबद्ध तरीक़े से भर्ती प्रकिया संचालित की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश के बाद गुरुवार को उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा स्नातक स्तरीय विभिन्न 854 रिक्त पदों भर्ती परीक्षा हेतु परीक्षा केन्द्रों का चिन्हिकरण कर लिया गया है। इस परीक्षा प्रदेश के 2 लाख 16 हज़ार 519 अभ्यर्थी शामिल होंगे, यह परीक्षा अब तक की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा है। आयोग द्वारा आगामी 04 और 05 दिसम्बर, 2021 को दो दिन में तीन शिफ़्ट में इस परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बार बात इस बात का बार बार ज़िक्र करते रहे हैं “कि जिन पदों पर विज्ञप्ति जारी होगी उन पदों पर तय समय सीमा के साथ भर्ती प्रक्रिया भी सम्पन्न होगी”। यही कारण है कि धामी सरकार सिर्फ़ वादे नहीं बल्कि धरातल पर काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा- खुलापन लोकतंत्र की ताकत, सुनिश्चित हो कि कोई ना करे दुरुपयोग

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को सिडनी डायलॉग में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और उभरती डिजिटल दुनिया में भारत की केंद्रीय भूमिका की स्वीकार्यता का उल्लेख किया।

डिजिटल युग के लाभों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया साइबर से लेकर अंतरिक्ष तक नए जोखिमों और संघर्षों के नए रूपों में खतरों का भी सामना कर रही है।

उन्होंने कहा कि “लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है। साथ ही, हमें कुछ निहित स्वार्थों को इस खुलेपन का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए”।

इस संदर्भ में उन्होंने क्रिप्टो-मुद्रा का उदाहरण देते हुए कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक राष्ट्र इस पर एक साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है”।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिडनी डायलॉग के उद्घाटन में मुख्य भाषण दिया। उन्होंने भारत के प्रौद्योगिकी विकास और क्रांति के विषय पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन द्वारा परिचयात्मक विवरण दिया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक लोकतंत्र और एक डिजिटल नेतृत्वकर्ता के रूप में भारत साझी समृद्धि और सुरक्षा के लिए भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है। “भारत की डिजिटल क्रांति हमारे लोकतंत्र, हमारी जनसांख्यिकी और हमारी अर्थव्यवस्था के पैमाने में निहित है। यह हमारे युवाओं के उद्यम और नवाचार द्वारा संचालित है। हम अतीत की चुनौतियों को भविष्य में छलांग लगाने के अवसर में बदल रहे हैं।”

इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत में हो रहे पांच महत्वपूर्ण बदलावों को सूचीबद्ध किया। एक, भारत में बनाया जा रहा दुनिया का सबसे व्यापक सार्वजनिक सूचना ढांचा। 1.3 अरब से अधिक भारतीयों के पास एक अद्वितीय डिजिटल पहचान है, छह लाख गांव जल्द ही ब्रॉडबैंड और दुनिया के सबसे कुशल भुगतान बुनियादी ढांचे, यूपीआई से जुड़ेंगे।

दो, शासन, समावेश, सशक्तिकरण, कनेक्टिविटी, लाभ वितरण और कल्याण के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग। तीसरा, भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला स्टार्टअप इको-सिस्टम है। चौथा, भारत का उद्योग और सेवा क्षेत्र, यहां तक कि कृषि भी बड़े पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है।

पांच, भारत को भविष्य के लिए तैयार करने का बड़ा प्रयास है। प्रधानमंत्री ने कहा “हम 5जी और 6जी जैसी दूरसंचार प्रौद्योगिकी में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने में निवेश कर रहे हैं। भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग में अग्रणी देशों में से एक है, विशेष रूप से इसके मानव-केंद्रित और नैतिक उपयोग में। हम क्लाउड प्लेटफॉर्म और क्लाउड कंप्यूटिंग में मजबूत क्षमताएं विकसित कर रहे हैं।”

भारत के लचीलेपन और डिजिटल संप्रभुता के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “हम हार्डवेयर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम सेमी-कंडक्टर के प्रमुख निर्माता बनने के लिए प्रोत्साहन पैकेज तैयार कर रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार में हमारी उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं पहले से ही भारत में आधार स्थापित करने के लिए स्थानीय और वैश्विक प्लेयर्स को आकर्षित कर रही हैं।

उन्होंने डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। “इस समय, हम लोगों के सशक्तिकरण के स्रोत के रूप में डेटा का उपयोग करते हैं। भारत के पास व्यक्तिगत अधिकारों की मजबूत गारंटी के साथ लोकतांत्रिक ढांचे में ऐसा करने का बेजोड़ अनुभव है”।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाय2के समस्या से निपटने में भारत का योगदान और दुनिया को ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में कोविन प्लेटफॉर्म की पेशकश करना भारत के मूल्यों और दूरदृष्टि का उदाहरण हैं। “भारत की लोकतांत्रिक परंपराएं पुरानी हैं; इसके आधुनिक संस्थान मजबूत हैं और, हमने हमेशा दुनिया को एक परिवार के रूप में देखा है”।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सार्वजनिक हित, समावेशी विकास और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए प्रौद्योगिकी और नीति के उपयोग के साथ भारत का व्यापक अनुभव विकासशील दुनिया के लिए बहुत मददगार हो सकता है।

उन्होंने कहा, “हम राष्ट्रों और उनके लोगों को सशक्त बनाने और उन्हें इस सदी के अवसरों के लिए तैयार करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।”

लोकतंत्र के लिए एक साथ काम करने का रोडमैप देते हुए उन्होंने “भविष्य की प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास में एक साथ निवेश करने के लिए” एक सहयोगी ढांचे, विश्वसनीय विनिर्माण आधार और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने, साइबर सुरक्षा पर खुफिया और परिचालन सहयोग को मजबूत करने, महत्वपूर्ण सूचना बुनियादी ढांचे की रक्षा करनेका आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि उभरते हुए ढांचे को “राष्ट्रीय अधिकारों को भी मान्यता देनी चाहिए और साथ ही, व्यापार, निवेश और बड़े सार्वजनिक अच्छे को बढ़ावा देना चाहिए”।

सिडनी डायलॉग 17-19 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। यह ऑस्ट्रेलियाई सामरिक नीति संस्थान की एक पहल है। यह राजनीतिक, व्यापारिक और सरकारी नेताओं को चर्चा करने, नए विचार सृजित करने और उभरती व महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों द्वारा उत्पन्न अवसरों व चुनौतियों की सामान्य समझ की दिशा में काम करने के लिए एक साथ लाएगा। इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे भी मुख्य भाषण देंगे।

भारत की होगी अपनी क्रिप्टोकरेंसी! RBI अगले साल ला सकता है इंडिया का डिजिटल करेंसी

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले साल अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च कर सकता है. इसके लिए वह लगातार काम कर रहा है और उसने एक प्लान भी बनाया है. रॉयटर्स ने एक स्थानीय अखबार के हवाले से खबर दी है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ‘बैकिंग एंड इकोनॉमिक कॉन्क्लेव’ में केंद्रीय बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पूरी संभावना जताई है.

RBI की पॉयलट डिजिटल करेंसी

RBI में भुगतान और निपटान विभाग में मुख्य महाप्रबंधक पी. वासुदेवन के हवाले से बिजनेस स्टैंडर्ड ने लिखा है, ”अगले साल की पहली तिमाही में पॉयलट आधार पर डिजिटल करेंसी को जारी किया जा सकता है. इसलिए इसे लेकर हम काफी बुलिश हैं.’

कैसी होगी RBI की डिजिटल करेंसी ?

RBI अगले साल पहली तिमाही में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDCs) लॉन्च कर सकता है. ये डिजिटल या वर्चुअल करेंसी होंगी. हालांकि ये भारत की मूल मुद्रा का ही डिजिटल रूप होंगी यानी कि ये डिजिटल रुपया ही होंगी.

इससे पहले RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अगले साल दिसंबर तक CBDCs के सॉफ्ट लॉन्च की संभावना जताई थी. हालांकि इसके लिए उन्होंने किसी तरह की कोई टाइमलाइन नहीं बताई थी.

लॉन्च से पहले चल रहा इन बातों पर विचार

वासुदेवन ने कहा कि CBDCs को लॉन्च करना इतना आसान नहीं है और ना ही कल से ये लोगों की आम जिंदगी का हिस्सा बन जाने वाली हैं. इसलिए इसे लॉन्च करने की कोई जल्दी नहीं है. वहीं इसे लॉन्च करने से पहले कई मुद्दों पर विचार चल रहा है जैसे कि इसकी भूमिका क्या होगी, इसे लागू कैसे किया जाएगा, इसको मान्यता देने का तरीका क्या होगा, इसका वितरण किस तरह होगा. वहीं ये थोक कारोबार के काम आएगी या इससे रिटेल लेनदेन भी हो सकेगा.