Wednesday, May 21, 2025
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सड़क हादसा : चुनाव ड्यूटी से लौट रहे कर्मियों की कार दुर्घटनाग्रस्त, एक की मौत, तीन घायल

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पौड़ी, मतदान के बाद आज सुबह चुनाव डयूटी से लौट रहे चुनाव कर्मिकों की कार 250 मीटर गहरी खाई में गिर जाने से एक चुनावकर्मी की मौत हो गई। जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल पौड़ी लाया गया, जहां से हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। कार निजी बताई जा रही है।

एसडीएम सदर आकाश जोशी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पौड़ी-देवप्रयाग मोटर मार्ग पर आज सुबह एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उन्होंने बताया कि इन चारों लोगों की चुनाव ड्यूटी नैनीडांडा ब्लॉक के अलग-अलग क्षेत्रों में लगी थी। चुनाव का सामान जमा करने के बाद ये सभी लोग देहरादून अपने घरों को लौट रहे थे। तभी पौड़ी-देवप्रयाग हाइवे पर भटकोट के समीप वाहन अनियंत्रित होकर करीब 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरा, राजस्व उपनिरीक्षक दीपक देवरानी ने बताया कि दुर्घटना में देहरादून के भानियावाला निवासी 50 वर्षीय रणवीर सिंह नेगी की मौत हो गई है। जबकि ऋषिकेश के सुमन विहार निवासी 54 वर्षीय जय सिंह, देहरादून के हाथी बड़कला निवासी 54 वर्षीय सुरेंद्र सिंह रावत और देहरादून के विकासनगर निवासी 45 वर्षीय नरेंद्र गुसाई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। डॉक्टरों ने घायलों को हायर सेंटर रेफर कर दिया है।

दिल्ली में बसों के बाद अब दौड़ेंगे ई-ऑटो, परमिट के लिए पहले चरण का ड्रॉ शुरू

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नई दिल्ली,दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए सरकार की कोशिशें धीरे-धीरे रंग ला रही हैं। इसके तहत ई-वाहनों के सभी वर्गों को बराबर तवज्जो देते हुए परिवहन विभाग की ओर से सोमवार को 4216 ई-ऑटो के लिए पहले चरण का ड्रा निकाला जाएगा।

परमिट के लिए 19 हजार से अधिक आवेदन मिले हैं। दिल्ली सरकार की नई ईवी नीति के तहत बस, ई-रिक्शा, ऑटो, दुपहिया और कारों को भी प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग सुविधाएं दी जा रही हैं। सभी वाहनों के लिए चार्जिंग की बेहतर सुविधा मुहैया करने के लिहाज से मॉल, सरकारी दफ्तरों सहित सार्वजनिक स्थलों पर ईवी चार्जिंग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। सभी सरकारी दफ्तरों में तीन महीने के भीतर चार्जिंग की सुविधा होगी।

ई-वाहनों की खरीद पर मिलने वाली सब्सिडी और ब्याज में छूट देने के साथ विभाग की ओर से पिछले साल ई-ऑटो मेला आयोजित किया गया। इसके लिए जारी होने वाले 4216 परमिट में से 33 फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं, ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका मिल सके।

गुलाबी रंग (पिंक) ऑटो सड़कों पर उतारी जाएंगे। खास बात यह होगी कि इनकी ड्राइवर महिलाएं ही होंगी और इनमें सफर के दौरान महिलाएं भी खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। सरकार ने ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक और राहत देते हुए एक साल बाद परमिट के स्थानांतरण का प्रावधान किया है। अब तक सीएनजी ऑटो खरीदने के पांच साल बाद ही परमिट को स्थानांतरित करने की सुविधा थी।

जल्द चलेगी दूसरी ई-बस

जल्द चलेगी दूसरी ई-बस पिछले साल की आखिरी तिमाही में कुल वाहनों की बिक्री में नौ फीसदी से अधिक ई-वाहनों की हिस्सेदारी रही थी। जनवरी में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की पहली ई-बस सड़क पर उतारी गई। दूसरी बस भी जल्द चलाए जाने की तैयारी है।

चार्जिंग स्टेशन और प्वाइंट को भी मिल रहा है बढ़ावा ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने चरणों में पहल की है। वित्तीय सहायता के बाद बेहतर चार्जिंग सुविधा देने के लिए भी परिवहन विभाग की कोशिशें चल रही हैं।

बसों के लिए डिपो में तो अन्य वाहनों के लिए सार्वजनिक स्थलों पर भी चार्जिंग स्टेशन और प्वाइंट लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसे स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से राहत भी दी जा रही है। महज 2500 रुपये में अपने घर, दुकान में चार्जिंग प्वाइंट स्थापित किए जा सकते हैं। सरकारी दफ्तरों और मॉल में चार्जिंग की सुविधा में बढ़ोतरी होने से लोगों को ई-वाहनों को चार्ज करने में परेशानी नहीं आएगी।

मेट्रो स्टेशनों से अंतिम छोर तक पहुंचने की सुविधा

ई-ऑटो को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दिल्ली मेट्रो के साथ भी बातचीत की है। यात्रियों को अंतिम छोर तक परिवहन की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसके तहत महिलाओं के लिए शेष परमिट पर मेट्रो स्टेशनों से ई-ऑटो का परिचालन किया जाएगा। पिछले साल दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने तीन रूटों पर फीडर बसों की शुरुआत की। इसके लिए अगस्त, 2021 में 25 बसें लांच की गई थी। हालांकि, यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी की धीरे-धीरे उम्मीद हैं।

पिछले साल आयोजित ई-ऑटो मेले के दौरान पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल हुई और ई-ऑटो खरीदने में रुचि दिखाते हुए वाहनों के लिए बुकिंग भी हुई थी। परिवहन विभाग ने उन्हें राहत देते हुए ई-ऑटो खरीदने के बाद पीएसवी बैज खरीदने की सुविधा के तौर पर राहत दी है। इससे वाहनों के लिए परमिट लेने वालों की संख्या के साथ बिक्री में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है। महिलाओं की रुचि भी धीरे धीरे बढ़ने लगी और आरक्षित में से करीब 50 फीसदी परमिट के लिए आवेदन भी विभाग को मिल चुके हैं।

source:oneindia.com

पैन कार्ड लिंक कराने का झांसा देकर 85,676 रुपये की ठगी

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देहरादून। पैन कार्ड लिंक करने का मैसेज भेजकर साइबर ठगों ने राजपुर रोड निवासी व्यक्ति से 85,676 रुपये ठग लिए। पीड़ित की तहरीर पर राजपुर थाना पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साइबर धोखाधड़ी को लेकर अमर कुमार मिश्रा निवासी राजपुर रोड ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में तहरीर दी। कहा कि उनके मोबाइल पर आठ फरवरी को एक मैसेज आया। जिसमें लिखा कि उन्हें एसबीआई की योनो एप को चालू रखने के लिए पैन कार्ड को लिंक करना होगा। पीड़ित ने उसमें आए लिंक पर क्लिक किया। इसके बाद उन्हें कॉल आई। काल करने वाले ने खुद को एसबीआई कस्टमर केयर से जुड़ा अधिकारी बताया। पीड़ित को पैन कार्ड लिंक कराने का झांसा देकर मोबाइल में अल्पेमिक्स एप डाउनलोड कराई। एप के जरिए पीड़ित का मोबाइल हैक किया। इसके बाद उसके बैंक खाते से अलग-अलग ट्रांजेक्शन में 85 हजार रुपये ज्यादा उनके खाते से कट गए। पीड़ित की शिकायत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से राजपुर थाने भेजी गई। जिस पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

महिला से छेड़छाड़ और मारपीट में कई लोगों पर केस दर्ज

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देहरादून। महिला ने छेड़छाड़ के आरोप में पड़ोसी परिवार और उनके दो परिचितों के खिलाफ छेड़छाड़ और मारपीट को लेकर केस दर्ज कराया। रायपुर थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया है। थानाक्षेत्र निवासी महिला ने घटना को लेकर कोर्ट में अपील की। कहा कि वह दिवाली से अगले दिन पांच नवंबर की रात में अपनी 25 दिन की बेटी के साथ घर में थी। तभी पड़ोसी परिवार के लोग उनके गेट के पास पटाखे फोड़ने लगे। कहा कि उनकी बच्ची बीमार थी और दिवाली भी बीत चुकी थी। ऐसे में उन्होंने पटाखे फोड़ने को मना किया। आरोप है कि इस दौरान विरोधी परिवार को पुरुष से उनका हाथ पकड़कर निजी अंगों को छुआ। आरोप है कि इस दौरान उसकी पत्नी, बेटी और दो परिचित पहुंचे। उन्होंने ने भी विवाद किया। रायपुर थानाध्यक्ष अमरजीत रावत ने बताया कि महिला की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

सरकारी तंत्र व मतदाताओं की लापरवाही के कारण कई मतदाता मतदान नहीं कर पाये

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मसूरी। सरकारी तंत्र की गलती व चुनाव आयोग की लापरवाही के साथ ही मतदाताओं में जागरूकता की कमी के कारण बड़ी संख्या में मतदान करने आये लोगों को बिना मत डाले वापस जाना पड़ा। कारण था कि जब मतदाता सूची का प्रकाशन होना था उससे पहले सभी मतदान बूथो पर बीएलओ की तैनाती की गई थी कि जिस किसी का नाम मतदाता सूची में नही ंचढ़ा वह चढ़ा ले, या नाम में कोई गलती हो तो सुधार ले। लेकिन इसमें लापरवाही के कारण कई मतदाता अपने मतदान केंद्र पर पहुंचे तो उन्हें मतदान पहचान पत्र होने के बाद भी सूची में नाम न होने पर मतदान से वंचित होना पड़ा। कई मतदाता ऐसे थे जिनके नाम व अभिभावकों के नाम में गलती थी वह भी मतदान से वंचित रहे। कई स्थानों पर तो परिवार के परिवार के नाम मतदाता सूची में न होने से परिवार सहित बिना मतदान किए लोगों को बैरंग लौटना पड़ा। कई ऐसे लोग भी नजर आये जो कि परिवार सहित देहरादून से मसूरी वोट देने आये लेकिन सूची में नाम न होने पर उन्हें मतदान नहीं करने दिया गया। जबकि उनके पास मतदान पहचान पत्र था। यहीं नहीं इसके अलावा भी कई गलतियों के कारण मतदाता सूची में नाम होने के बाद भी लोग मतदान नहीं कर पाये। कई सूचियां ऐसी थी जिसमें परिवार के कुछ सदस्यों को नाम एक बूथ पर था तो कुछ का पांच से छह किमी दूर था ऐसे कई मामले भी देखने को मिले। लाइब्रेरी बूथ पर कुछ मतदाताओं के परिवार के वोट तो थे लेकिन अधिकतर के बांसाघाट की लिस्ट में थे जहंा जाना संभव नहीं था जो मसूरी से करीब सात किमी दूर है। ऐसे की कंपनी बाग व वेवरली बूथ में भी कई परजनों के वोट नियत बूथ पर थे तो कईयों के दूधली में थे जिस कारण वह अपने मतदान का प्रयोग नहीं कर पाये।

सोने-चांदी के रेट में भारी उछाल, 50000 रुपये के पार पहुंचा गोल्ड, आज 1712 रुपये महंगी हुई चांदी

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नई दिल्ली ,। युद्ध के मुहाने पर खड़े यूक्रेन-रूस की वजह से जहां शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही है, वहीं सर्राफा बजारों में सोने-चांदी के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। कई शहरों में 24 कैरेट शुद्ध सोने का भाव 50000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चला गया है। वहीं, चांदी 1712 रुपये उछलकर 63869 रुपये पर पहुंच गई है। सोने के रेट में 819 रुपये का उछाल आया है।
यहां सोना 50000 के पार
पुणे के सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की कीमतों में कल के मुकाबले बदलाव आया है। आज यहां 24 कैरेट सोने की कीमत 50,270।0 रुपये प्रति 10 ग्राम है तो 22 कैरेटे सोने का भाव 46,081 रुपये प्रति 10 ग्राम है। वहीं, मध्य प्रदेश में आज 14 फरवरी 2022 को सोना और चांदी के दाम नहीं बढ़े हैं। राज्य में 24 कैरेट सोने की कीमत 50260 रुपये प्रति दस ग्राम और 22 कैरेट सोना 47870 रुपये प्रति दस ग्राम पर मिल रहा है। जबकि चांदी की कीमत 67400 रुपये प्रति किलो पर बिक रही है। राजस्थान के सर्राफा बाजार में आज सोने के दामों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। राज्य में आज 24 कैरेट सोने के दामों में 420 रुपए और 22 कैरेट गोल्ड के रेट में 400 रुपए प्रति 10 ग्राम की दर से बढ़ोत्तरी देखने को मिली है।
इंडिया बुलियंस एसोसिएशन द्वारा जारी हाजिर रेट के मुताबिक आज यानी सोमवार को सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट शुद्ध सोना शुक्रवार के बंद भाव के मुकाबले 819 रुपये प्रति 10 ग्राम महंगा होकर 49739 रुपये पर खुला तो वहीं, चांदी 1712 रुपये प्रति किलो की तेजी के साथ 63869 रुपये पर पहुंच गई है।
आज 22 कैरेट सोने का भाव  44811 रुपये प्रति 10 ग्राम पर  खुला। जबकि, 18 कैरेट गोल्ड की कीमत अब 36690 रुपये है।  अब 14 कैरेट सोने का भाव 29097  रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है।  इन पर 3 फीसद जीएसटी और मेकिंग चार्ज अलग से है।

डाक मत पत्र की सुविधा न मिलने से बुजुर्ग रहे परेशान

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श्रीनगर गढ़वाल।  निर्वाचन आयोग की ओर से 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के मतदाताओं के लिए डाक मत पत्र की सुविधा जारी की गई थी, किंतु श्रीनगर शहर में कई स्थानों पर बुजुर्ग और बीमार लोगों को डाक मत पत्र की सुविधा न मिलने से उन्हें पोलिंग बूथ पर वोट डालने के लिए खासी मशक्कत और परेशानियां उठानी पड़ी। घसिया महादेव निवासी भागीरथी देवी को डाक मत पत्र के जरिए वोट डालने का पत्र मिला था, किंतु संबंधित बीएलओ डाक मत पत्र संबंधी आवेदन पत्र लेने ही नहीं पहुंचे। इसी तरह कई स्थानों पर इस तरह की अनदेखी होने से बुजुर्ग लोगों को दिक्कतें उठानी पड़ी। जबकि इस बार पोलिंग बूथ में वोटरों के नाम अलग पोलिंग बूथ पर दर्शाए गए। इससे भी वोटरों को दिक्कतें उठानी पड़ी। नगर क्षेत्र के बुजुर्ग जहूर मियां पिछले एक-दो सालों से बीमार चल रहे है। जिन्हें उनके बच्चे किसी तरह से पोलिंग बूथ तक वोट डालने के लिए पहुंचे।

उत्तराखण्ड़ में आज मिले 161 नये कोरोना संक्रमित, दो मरीजों की हुई मौत

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देहरादून, उत्तराखंड़ में कोरोना संक्रमण से आज थोड़ी राहत मिली है, पिछले दो तीन दिन से प्रदेश में लगातार कोरोना का कहर कम हो रहा है, उत्तराखंड में आज 161 नए कोरोना के मामले आए सामने केवल दो मरीजों की हुई मौत प्रदेश में आज 89 मरीज हुए ठीक प्रदेश में एक्टिव केस 6275 रह गए हैं |
जिलों की अगर बात करें तो अल्मोड़ा में 19 बागेश्वर में 7 चमोली में 1 चंपावत में चार देहरादून में 53 हरिद्वार में 20 पौड़ी गढ़वाल में ग्यारा पिथौरागढ़ में 11 रुद्रप्रयाग में एक उधम सिंह नगर में 14 और उत्तरकाशी में 20 मामले सामने आये |

वीआइपी वोटर्स ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए किया मताधिकार

देहरादून, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए वीआइपी वोटर्स ने भी लोकतंत्र की मजबूती के लिए मताधिकार का प्रयोग किया। साथ ही आम जनता से लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा में मां विशना देवी और पत्नी गीता धामी के साथ आदर्श विद्यालय नगरा तराई बूथ पर मतदान किया।Uttarakhand Election 2022 VIP Voters including Pushkar singh Dhami and Baba  Ramdev cast their vote
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और भाजपा प्रत्याशी पुष्कर सिंह धामी ने अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा में अपनी मां विशना देवी और पत्नी गीता धामी के साथ आदर्श विद्यालय नगरा तराई बूथ पर मतदान किया।

सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने देहरादून के हाथी बड़कला केंद्रीय विद्यालय में अपनी बेटी के साथ मताधिकार का प्रयोग किया।उत्तराखंड में दिग्गजों ने किया मतदान, जनता से ज्यादा से ज्यादा मतदान करने  की अपील - News Nation

चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सतपाल महाराज ने सुबह आठ बजे 8:00 बजे राजकीय प्राथमिक विद्यालय, सेडियाखाल स्थित बूथ संख्या-56 पर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके बाद उनके बडे़ पुत्र श्रद्धेय रावत और छोटे पुत्र सुयश रावत ने भी मतदान किया, उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री के चेहरे कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल ने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने उत्तरकाशी जिले के बूथ नंबर- 78 जोशियाड़ा में मतदान किया। योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भी
ने कनखल दादू बाग स्थित मतदान केंद्र पर वोट डाला।

उत्तराखण्ड़ की 70 विधान सभा सीटों पर एक बजे तक 35.21 प्रतिशत हुआ मतदान

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देहरादून, राज्य में विधानसभा की 70 सीटों के लिये आज सुबह आठ बजे मतदान शुरू हो गया। शाम छह बजे तक मतदान केंद्र तक पहुंचने वालों को मतदान का मौका दिया जाएगा। डाक मतपत्र मतगणना के दिन, यानी 10 मार्च सुबह आठ बजे तक स्वीकार किए जाएंगे। मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। राज्य की सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षा के दृष्टिगत सील कर दिया है। वहीं, प्रदेशभर में एक बजे तक 35.21 प्रतिशत मतदान हुआ है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि सभी 11 हजार 697 मतदेय स्थलों पर पोलिंग पार्टियां रविवार देर शाम तक पहुंच गई थी। इस बार के चुनाव में 81 लाख 72 हजार 173 मतदाता हैं, जिनमें 42 लाख 38 हजार 890 पुरुष, 39 लाख 32 हजार 995 महिला और 288 थर्ड जेंडर शामिल हैं। इनके अलावा प्रदेश में इस बार 94 हजार 471 सर्विस वोटर हैं, जिनमें 91 हजार 869 पुरुष और 2602 महिला मतदाता शामिल हैं |

राज्य रुद्रप्रयाग जिले में मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले अधिक है। यहां कुल एक लाख 93 हजार 504 में से 97 हजार 772 महिला और 95 हजार 732 पुरुष मतदाता हैं। कुल 632 में से 569 पुरुष और 63 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं। देहरादून की धर्मपुर विधानभा सीट पर इस बार सबसे ज्यादा दो लाख से ऊपर मतदाता और सबसे ज्यादा 19 प्रत्याशी मैदान में हैं।

उत्तराखंड के 13 जिलों में एक बजे तक हुआ इतना May be an image of 8 people, people standing and outdoorsमतदान
अल्मोड़ा जिले में दोपहर एक बजे तक 30.67 , उत्तरकाशी में 40.12, उधम सिंह नगर में 37.17, चमोली में 33.82, चंपावत में 34.66 टिहरी गढ़वाल में 32.59, देहरादून में 34.45, नैनीताल में 37.41, पिथौरागढ़ में 29.68, पौड़ी गढ़वाल में 31.59, बागेश्वर में 32.55, रुद्रप्रयाग में 34.82 और हरिद्वार जिले में 38.83 फ़ीसदी मतदान हुआ।

भीमताल विधानसभा अन्तर्गत जोन तीन ओखलकांडा के बूथ संख्या 47 में पीओ-3 नवीन चंद्र जोशी को हार्ट अटैक आया। मौके के लिए 108 रवाना कर दी गई है। क्योंकि उक्त बूथ चार किमी से अधिक पैदल है। इसलिए उन्हें डोली से लाया जा रहा है, टिहरी जिले में डेढ़ बजे तक 32.58 प्रतिशत मतदान
टिहरी जिले में डेढ़ बजे तक 32.58 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीं चमोली जिले में बदरीनाथ विधानसभा में दोपहर बजे तक 39.86 प्रतिशत, थराली में 32 प्रतिशत और कर्णप्रयाग में 36.41 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीं ऊधमसिंह नगर जिले में एक बजे तक 40 प्रतिशत मतदान हुआ है। दोपहर एक बजे तक प्रदेश में 35.21 फीसदी मतदान हुआ है। अब राज्य में सबसे अधिक उत्तरकाशी में 40.12 फीसदी मतदान हुआ, जबकि पिथौरागढ़ में सबसे कम 29.68 फीसदी मतदान हुआ।

उत्तराखंड में दोपहर एक बजे तक 35.21 प्रतिशत मतदान
उत्तराखंड में दोपहर एक बजे तक 35.21 प्रतिशत मतदान हुआ है। विधानसभा मसूरी में एक बजे तक 34 प्रतिशत मतदान हुआ। रिटर्निंग ऑफिसर नरेश चंद्र दुर्गापाल ने मतदान प्रतिशत के बारे में जानकारी दी। उधर, जनपद उत्तरकाशी में दोपहर एक बजे तक 40.12 प्रतिशत और रुद्रप्रयाग जिले की दोनों विधानसभा में 35 फीसदी मतदान हुआ है।May be an image of 4 people, people standing and outdoors

देहरादून जिले में दोपहर एक बजे तक 34.94 मतदान हुआ है। सबसे ज्यादा देहरादून के चकराता में 47 प्रतिशत और सबसे कम राजपुर में 30 प्रतिशत से भी कम मतदान हुआ है।
कैंट विधानसभा में प्रेमपुर माफी में बूथ पर मशीन खराब होने से पांच मिनट मतदान रुका। इसके बाद मशीन को ठीक किया गया है। सहसपुर में भाजपा और कांग्रेस के हेल्प डेस्क पर बराबर की भीड़ दिख रही है। उधर, कलियर विधानसभा के बाजूहेडी मतदान केंद्र पर 2022 की वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने पर लोगों ने ऐतराज जताया। आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी। कहा कि आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि दिखाने के बावजूद वोट नहीं डालने दिया गया।

छह बूथों पर केवल दिव्यांग कर्मचारी
चुनाव आयोग ने प्रदेश के छह बूथों को दिव्यांग बूथ बनाया है। इनमें देहरादून और हरिद्वार में दो-दो, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में एक-एक बूथ शामिल हैं। इन बूथों पर मतदान का काम कराने वाले सभी कर्मचारी दिव्यांग हैं। इसके अलावा प्रदेश में सभी सुविधाओं से युक्त 156 मॉडल बूथ बनाए गए हैं।

टिहरी जिले में कई पोलिंग बूथों पर ईवीएम मशीन कम रोशनी में रखे जाने की बात आई सामने। कई बुजुर्गों ने बताया कि जहां मशीन रखी गई है, वहां कम उजाला होने से चुनाव चिन्ह साफ नहीं दिख पा रहा है। जिससे कई बुजुर्गों को मतदान करने में दिक्कत आ रही है।

हरिद्वार जिले में 22.41 प्रतिशत मतदान

प्रदेश में सुबह 11:00 बजे तक सबसे अधिक 22.41 प्रतिशत मतदान हरिद्वार जिले में हुआ है। जबकि सबसे कम पिथौरागढ़ जिले में 14.96 फीसदी मतदान हुआ। इसके अलावा अल्मोड़ा में 15.04, उत्तरकाशी में 16.79, ऊधम सिंह नगर में 20.54, चमोली में 17.58, चंपावत में 17.88, टिहरी गढ़वाल में 16.6, देहरादून में 18.80, नैनीताल में 20.63, पौड़ी गढ़वाल में 16.46, बागेश्वर में 16.60 और रुद्रप्रयाग जिले में 19.39 फ़ीसदी मतदान हुआ है, वहीं देहरादून के सहसपुर विस सीट पर सुबह 11 बजे तक 20, चमोली में 18.28 और हरिद्वार में 23 प्रतिशत मतदान हुआ है।

इन जिलों में 11 बजे तक का मतदान प्रतिशत

सुबह 11 बजे तक पौड़ी में 16.46, टिहरी में 17.2, रानीपोखरी सेक्टर में 19, बागेश्वर में 16.60, चंपावत जिले में 17.88 प्रतिशत मतदान हुआ है।

निडर और निर्भीक होकर ज्यादा से ज्यादा वोट डालें : सौजन्या सिंह

उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या सिंह ने कहा कि मेरी सभी मतदाताओं से अपील है कि वह निडर और निर्भीक होकर ज्यादा से ज्यादा वोट डालें। अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट में है और वोटर आईडी नहीं है तो इसके लिए 12 निर्धारित पहचान प्रमाणों में कोई भी एक साथ लेकर जाएं। सभी बूथों पर कोविड से बचाव के पुख्ता इंतजाम हैं।

उत्तराखंड में सुबह 11 बजे तक 18.97 मतदान
जहां सुबह नौ बजे तक उत्तराखंड में केवल 5.15 मतदान हुआ था, वहीं 11 बजे बाद मतदान में राज्य में 18.97 प्रतिशत वोट पड़े। सुबह 11 बजे तक जनपद उत्तरकाशी में 16.63 और चमोली में 18.28 प्रतिशत मतदान हुआ।सुबह 11:00 बजे तक ऋषिकेश में 16.75 फीसदी मतदान हुआ। पिथौरागढ़ जिले में सुबह 11.00 बजे तक 15.79 प्रतिशत मतदान हुआ |

प्रदेश में कुल एक लाख 40 हजार 358 सर्विस वोटरों को ई-मेल के माध्यम से पोस्टल बैलेट भेजे गए थे। इनमें से 27 हजार 108 सर्विस मतदाताओं ने अपने पोस्टल बैलेट भेज दिए हैं। दस मार्च को मतगणना शुरू होने से पहले तक पोस्टल बैलेट स्वीकार किए जाएंगे। वहीं, 80 से अधिक आयु वाले, दिव्यांग, अति आवश्यक सेवा वाले 16 हजार 858 में से 15 हजार 940 लोग पोस्टल बैलेट के माध्यम से घर से वोट डाल चुके हैं।

ऊधम सिंह नगर में 20.97 प्रतिशत मतदान

मसूरी विधानसभा में सुबह 11 बजे तक 20, उत्तरकाशी जिले में 18 और ऊधम सिंह नगर जिले में 20.97 प्रतिशत मतदान हुआ। रुद्रपुर के रम्पुरा में बनाए गए दिव्यांग बूथ में वोट डालने के लिए मतदाताओं की भीड़ उमड़ी है। यहां कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा है। बूथ में सिर्फ 19 दिव्यांग चिन्हित और अभी तक एक दिव्यांग ने ही वोट डाला है।

देहरादून में सुबह 11 बजे तक 19.53 प्रतिशत मतदान
अल्मोड़ा जिले में 11 बजे तक 15.08 प्रतिशत मतदान हुआ है। देहरादून में सुबह 11 बजे तक 19.53 प्रतिशत मतदान हुआ है। जिले में अभी तक चकराता में सबसे ज्यादा 25.59 मतदान हुआ है। वहीं देहरादून के राजपुर रोड पर सबसे कम 15.56 प्रतिशत मतदान हुआ है।

खास खबर : सुप्रीम कोर्ट की हाई पॉवर कमेटी के अध्यक्ष पद से रवि चोपडा ने दिया इस्तीफा

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देहरादून, उत्तराखंड में आलवेदर रोड़ के साथ साथ चल रही चारधाम परियोजना में लगातार कट रहे जंगलों को लेकर प्रख्यात पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा आहत हैं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के निर्माण में लगातार हो रहे पर्यावरण के दोहन को लेकर प्रख्यात पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा ने ये कदम उठाया है। इसके साथ ही बड़ा बयान देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सही जानकारी नहीं दी जा रही है। यही वजह है कि उनके पास सीमित सूचना है।

उल्लेखनीय हो कि लगातार कट रहे जंगलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक हाई पावर कमेटी बनायी थी, जिसका अध्यक्ष पर्यावरणविद रवि चोपड़ा को बनाया गया था, अपने इस्तीफे के बाद रवि चोपड़ा ने बताया कि ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट में सड़क की चौड़ाई को बिना जरूरत के बनाया गया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा 7 मीटर चौड़ी सड़क का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन सड़क मंत्रालय द्वारा 12 मीटर चौड़ी सड़क का नोटिफिकेशन लाकर अपने मकसद को पूरा किया गया है।

पर्यावरणविद चोपड़ा ने कहा कि, मौजूदा स्थिति में जिस तरह से ऑल वेदर रोड का निर्माण किया जा रहा है, उसमें अब वो उत्तराखंड के पर्यावरण को नहीं बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पहाड़ का कटान किया जा रहा है। उससे आने वाले समय में भीषण तबाही से इनकार नहीं किया जा सकता है। हाल ही में उत्तराखंड दौरे पर आए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट को लेकर बयान दिया गया था कि उत्तराखंड की सामरिक दृष्टि के लिहाज से यहां सड़कें बेहद अच्छी गुणवत्ता की बनाई जा रही हैं, ताकि चीन की बराबरी की जा सके।
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात का भी जिक्र किया था कि किस तरह से पर्यावरण संरक्षण की समस्या इस प्रोजेक्ट के बीच में आई, जिसके बाद उन्होंने चीन का हवाला देते हुए कहा था कि भारत बड़े स्तर पर बॉर्डर एरिया के पास इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डअप कर रहा है।

इस बात पर पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा का कहना है कि, चीन सीमा की तरफ के पहाड़ों और उत्तराखंड के पहाड़ों में बेहद अंतर है, जिसे समझने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि किस तरह से उनके जीवन का एक लंबा समय उत्तराखंड की प्रकृति को समझने में लगा है। चोपड़ा ने कहा कि, हमारे पहाड़ इतनी चौड़ी सड़कों के लिए उपयुक्त नहीं है और इस तरह से अगर लगातार पहाड़ का कटान और पर्यावरण का दोहन होता रहा, तो यह आने वाले भविष्य के लिए एक बड़ा अलार्म है।

रवि चोपड़ा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पास बेहद सीमित जानकारी है। उन्हें अधिकारियों द्वारा सारी बात नहीं बताई जाती हैं। अधिकारी जनप्रतिनिधियों को सिर्फ उतना ही बताना चाहते हैं, जितना जनप्रतिनिधि सुनना चाहते हैं। अधिकारी कभी भी प्रोजेक्ट का दूसरा पहलू जनप्रतिनिधियों को नहीं बताते हैं, जो कि बेहद घातक होता है।
रवि चोपड़ा ने नितिन गडकरी के पेड़ों को ट्रांसप्लांट किए जाने वाले बयान पर कहा कि, पेड़ों का ट्रांसप्लांट बिल्कुल अव्यावहारिक बात है। पेड़ को ट्रांसप्लांट तो किया जा सकता है लेकिन वहां पर मौजूद सारे इकोसिस्टम का क्या? उन्होंने कहा कि जब कहीं पर सड़क कटान के लिए जंगल काटा जाता है, तो वहां पर मौजूद पूर इकोलॉजी सिस्टम ध्वस्त हो जाता है। वहां पर घास, झाड़ियां, झरने और पानी के स्रोत, जीव जंतु होते हैं। जब पेड़ पौधे काटे जाते हैं, तो पूरा इको सिस्टम तहस-नहस हो जाता है, जिसे समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एलिवेटेड सड़क बनाने की जरूरत है। इसके अलावा भी और कई तरह के विकल्प हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है।

रवि चोपड़ा ने बताया कि जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऑल वेदर रोड की चौड़ाई को कम करने का आदेश से मंत्रालय खुश नहीं था। मंत्रालय की यह जिद थी कि रोड को डबल लेन काटा जाए, यानि 12 मीटर विद प्योर शोल्डर. रवि चोपड़ा ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने जब 7 मीटर सड़क चौड़ीकरण को उपयुक्त बताया। उसके बावजूद भी जब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. उसी के बीच में सड़क मंत्रालय द्वारा एक और नोटिफिकेशन लाया गया, जोकि 2018 के नोटिफिकेशन को खारिज करते हुए ला गया, जिसमें सड़क की चौड़ाई को 12 मीटर रखने का प्रावधान था। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने भी कोर्ट में एक प्रस्ताव दिया, जिसमें कहा गया कि रक्षा मंत्रालय ने सड़क मंत्रालय के इस नए 12 मीटर के नोटिफिकेशन पर सहमति जताई है।रवि चोपड़ा ने बताया कि गंगोत्री यमुनोत्री और बदरीनाथ जाने वाली तीन सड़कों को सामरिक दृष्टि से देखते हुए इनके लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने परियोजना पर सीधे रिपोर्ट करने के लिए पूर्व न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता में एक निरीक्षण समिति का गठन किया है। इस समिति को रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार और सभी जिलाधिकारियों का सहयोग मिलेगा।
वहीं, हाई पावर कमेटी को 150 किलोमीटर की नॉन डिफेंस (गैर-रक्षा) सड़कें दी गई हैं। उसमें भी यह प्रावधान किया गया है कि अगर मंत्रालय ओएचपीसी के किसी रिकमेंडेशन से समस्या है। तो वह कोर्ट की शरण में जा सकता है। यानी की कुल मिलाकर अब हाई पावर कमेटी की पावर बिल्कुल खत्म कर दी गई है। ऐसी स्थिति में रवि चोपड़ा का कहना है कि उनका रिजाइन करना ही एक बेहतर विकल्प है।

 

डीडीहाट विधान सभा सीट : क्या फिर बिशन सिंह चुफाल का कब्जा रहेगा बरकरार..!

पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड़ के पिथौरागढ़ जनपद की डीडीहाट विधान सभा सीट पर क्या फिर भाजपा के बिशन सिंह चुफाल का कब्जा बरकरार रहेगा | यह सवाल जनतॎ के बीच खुलकर तैर रहा है, राज्य में सबसे अधिक चर्चाओं रहने वाली इस डीडीहाट विधान सभा सीट पर लगातार पांच बार चुनाव जीतकर विधान सभा पहुंचने वाले भाजपा के दिग्गज नेता बिशन सिंह चुफाल अब छठी बार चुनावी रण में उतरे हैं। जनता के बीच वो अपनी सरकार के विकास के एजेन्डे को लेकर उतरे हैं, जबकि इस बार भी 2017 में प्रतिद्वंद्वी रहे कांग्रेस के प्रदीप पाल और निर्दलीय किशन सिंह भंडारी इस बार भी उनके सामने हैं। भाजपा प्रत्याशी चुफाल अब तक के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों के साथ जनता के बीच हैं, दूसरी ओर उनके दोनों प्रतिद्वंद्वी 25 वर्षों का हिसाब मांग रहे हैं। प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी का पैतृक गांव हड़खोला भी इसी विधानसभा क्षेत्र में है। इस बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला सियासी संग्राम को बेहद रोचक बना रहा है | जबकि जनता किस ओर अपना रूझान करती है, यह अभी भविष्य के गर्भ में छिपा है | वर्ष 1969 में गठित डीडीहाट विधानसभा में राज्य गठन से पहले बेड़ीनाग से लेकर मुनस्यारी और धारचूला तक का क्षेत्र शामिल था। तब यहां तीन बार कांग्रेस, एक बार जनता दल, दो बार यूकेडी और एक बार भाजपा रही।

राज्य गठन के बाद इस विधान सभा सीट का परिसीमन हुआ और बड़ा हिस्सा धारचूला, कनालीछीना और कुछ क्षेत्र गंगोलीहाट में शामिल हो गया। वर्ष 2012 में हुए परिसीमन में कनालीछीना विस क्षेत्र फिर से डीडीहाट विधान सभा में ही विलीन हो गया। वर्तमान में डीडीहाट, कनालीछीना और मूनाकोट विकासखंडों से मिलकर बनी डीडीहाट विधान सभा सीट पिथौरागढ़, गंगोलीहाट और धारचूला तीनों विधान सभा क्षेत्रों तक फैली हुई है। विधान सभा सीट का पीपली से झूलाघाट तक का क्षेत्र नेपाल सीमा से लगा हुआ है। इस सीट पर 1996 (लगातार 25 वर्षों) से भाजपा के बिशन सिंह चुफाल काबिज हैं। ऐसे में डीडीहाट को भाजपा के गढ़ के रूप में देखा जाता है।

जबकि 2017 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोंकने वाले किशन सिंह भंडारी फिर से चुनाव मैदान में हैं। पिछले चुनावों में निर्दलीय किशन सिंह ने बिशन सिंह चुफाल को कड़ी टक्कर दी थी, जबकि कांग्रेस के प्रदीप पाल तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार भी तीनों चिर परिचित प्रतिद्वंद्वी मैदान में हैं। बिशन सिंह चुफाल डीडीहाट, निर्दलीय किशन सिंह भंडारी कनालीछीना तो कांग्रेस के प्रदीप पाल अस्कोट क्षेत्र के रहने वाले हैं। हालांकि इस सीट पर कभी क्षेत्रवाद हावी नहीं रहा। धामी के सीएम बनने के बाद ही उनका पैतृक गांव सड़क से जुड़ा है। पांच बार से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे चुफाल और प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी के पैतृक गांव में आने वाली इस विधान सभा सीट पर नतीजा क्या निकलेगा, इस पर सभी की नजरें टिकीं हुईं हैं।

जानिये डीडीहाट का संक्षिप्त इतिहास :

उत्तराखण्ड़ राज्य बनने से पहले
यूपी में रहे इस जिले में वर्ष 1969 और 1974 में कांग्रेस के गोपाल दत्त ओझा विधायक चुने गए। 1977 में जनता दल के नारायण भैंसोड़ा विधायक बने। 1980 में कांग्रेस के चारुचंद्र ओझा जीते। 1985 और 1989 में लगातार दो बार उक्रांद के काशी सिंह ऐरी विधायक चुने गए। 1991 में कांग्रेस के लीलाराम शर्मा जीते। 1993 में उक्रांद के काशी सिंह ऐरी ने चुनाव जीता। 1996 और उत्तराखंड राज्य गठन के बाद 2002, 2007, 2012, 2017 में भाजपा के बिशन सिंह चुफाल विधायक चुने गए।
अब देखना यह होगा कि इस बार भी क्षेत्र की जनता भाजपा के बिशन सिंह चुफाल को अपना मत देती है, जबकि विपक्षी लगातार हमलावर हैं भाजपा सरकार यहां उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं, ऐसे में वर्तमान विधायक चुफाल के लिये इस बार स्थिति कड़ी है, फिर भी सरल और सौम्य बिशन सिंह चुफाल का व्यक्तित्व लोगों के बीच भी एक सार्थक पक्ष प्रस्तुत करता है |Bishan Singh Chuphal (@chuphal_bishan) / Twitter

फिर बनेगी भाजपा की सरकार : चुफाल

अपनी जीत के प्रति आश्वस्त भाजपा विधायक बिशन सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय और हमारे कार्यकाल के विकास को लेकर हम जनता के बीच मे जाएंगे. कांग्रेस के कार्यकाल में रुके हुए कार्यों को हमने समय से पूरा किया है. प्रदेश की जनता ने मन बना रखा है. हम आगामी सरकार भी भाजपा की बनाएंगे, उनका कहना है मेरे कार्यकाल में गांव- गांव तक सड़क पहुंचाई गयी है, गांव के छोटे तोकों तक सड़कों का निर्माण कर दिया है | जिन विधालयों में ताले लग गए थे वहां अध्यापकों की नियुक्ति कर छात्र संख्या बढाने का प्रयास किया गया है, विधायक चुफाल ने कहा कि हमारे यहां स्वास्थ्य केन्द्र में ए.एन.एम. फामेसिस्टों की नियुक्ति के साथ ही डॉक्टर की नियुक्ति कर दी गई हैं. स्वरोजगार को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ावा दिया गया है | जिन्हें रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता था वहां पर आठ, दस घंटे काम करने के बाद उन्हें आठ-दस हजार रुपया ही मिलता था | अब वे स्वरोजगार अपनाकर अपने पाँव पर खड़े होकर दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं | मेरी प्राथमिकता है कि स्वरोजगार अपनाकर स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत की जाय ताकि गांवों से पलायन रूक सके |

 

मेरी जीत सुनिश्चित, भाजपा प्रत्याशी जोगिंदर रौतेला ने कहा घबरा चुके हैं, कांग्रेस के प्रत्याशी सुमित हृदेश

(चन्दन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी, भारतीय जनता पार्टी के 59 विधानसभा हल्द्वानी के प्रत्याशी डॉ0 जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला ने कोतवाली हल्द्वानी में एक तहरीर सौपते हुए कहा कि मैं वर्ष 2022 में 59 हल्द्वानी विधानसभा में आमचुनाव हेतु भाजपा का प्रत्याशी हूँ। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा स्वच्छ्य तौर-तरीकों से चुनाव लड़ा जा रहा हैं, जिससे मुझे हल्द्वानी की सम्मानित जनता अपना भरपूर आर्शीवाद दे रही है।भाजपा प्रत्याशी जोगेंद्र रौतेला ने कहा कि 14 फरवरी 2022 को होने जा रहे चुनाव में मेरी जीत की प्रबल संभावना से घबराकर विरोधी पक्ष बुरी तरह बौखला गया है तथा अपनी संभावित हार को महसूस कर हताशा में मेरे खिलाफ अनर्गल बयानवाजी कर रहा है तथा मेरे विरुद्ध अफवाहें फैला रहा है। इसके साथ ही निष्पक्ष चुनाव को अनैतिक माध्यमों से प्रभावित करने का भी अवैध प्रयास कर रहा है। जोकि आदर्श आचार संहिता का भी उल्लंघन हैं। उन्होंने मांग की है कि उपरोक्त क्रम में शिकायत दर्ज कर चुनाव की पवित्रता को बनाये रखने हेतु आवश्यक कदम उठाया जाए |