Saturday, May 17, 2025
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अब रोज 60 नए आवेदक लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर दे सकेंगे टेस्ट

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देहरादून, परिवहन विभाग ने लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिये आवेदन करने वालों को बड़ी राहत दी है, आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई ने शनिवार 19 फरवरी से नए स्लाट खोलने का आदेश दिया है। कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण बीती आठ जनवरी से नए लर्निंग लाइसेंस बनाने का काम बंद है। वर्तमान में केवल उन 30 आवेदकों के लर्निंग लाइसेंस बनाए जा रहे थे, जिन्होंने कोरोना काल में आवेदन किया था, लेकिन दफ्तर बंद होने पर लाइसेंस का टेस्ट नहीं दे पाए थे। ताजा आदेश के बाद अब शनिवार से रोज 60 नए आवेदक भी लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर टेस्ट दे सकेंगे।
कोरोना की तीसरी लहर आने के कारण आठ जनवरी से 23 जनवरी तक आरटीओ दफ्तर बंद रहा। फिर 24 जनवरी से दफ्तर में सीमित संख्या और आनलाइन अपाइंटमेंट की बाध्यता के साथ काम शुरू किया गया, लेकिन लर्निंग लाइसेंस के नए आवेदकों के स्लाट जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। चूंकि, दो हफ्ते का पुराने आवेदकों के लर्निंग लाइसेंस का बैकलाग काफी ज्यादा हो गया था, लिहाजा फैसला लिया गया कि पहले इनके टेस्ट लिए जाएंगे और बाद में नए आवेदकों के लिए आवेदन की प्रक्रिया खोली जाएगी। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कम होने के बाद से ही नए लर्निंग लाइसेंस बनाने को लेकर युवा रोजाना दफ्तर आ रहे थे और टेस्ट स्लाट खोलने की मांग कर रहे थे। इस संबंध में परिवहन मुख्यालय और जिला प्रशासन से राय मांगी गई, मुख्यालय व प्रशासन ने पूरी क्षमता के साथ टेस्ट लेने की अनुमति दे दी। चूंकि, लाइसेंस का टेस्ट कंप्यूटर पर होता है और संक्रमण बढ़ने का खतरा बना रहता है, इसलिए अब तक रोक थी। अब कोरोना मरीजों की संख्या बेहद कम हो चुकी है, लिहाजा नए आवेदन के स्लाट जारी करने पर कोई आपत्ति नहीं है। आरटीओ ने बताया कि शनिवार से रोजाना 90 नए लर्निंग लाइसेंस के टेस्ट लिए जाने का आदेश दे दिया है। हालांकि, आवेदकों के लिए आनलाइन अपाइंटमेंट लेकर दफ्तर आने की शर्त अभी जारी रहेगी।

सेल्फी लेने के चक्कर में दो युवक गंग नहर में डूबे

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रुडक़ी ,। उत्तराखण्ड के मसूरी घूमने जा रहे कार सवार युवकों का ग्रुप शुक्रवार सुबह सोलानी पार्क पहुंचा। वहां उन्होंने सेल्फी लेना शुरू कर दिया। जहां दो दोस्त सेल्फी लेने के चक्कर में अपना संतुलन खो बैठे और गंगनहर में डूबकर लापता हो गए। शोर शराबा होने पर राहगीर और पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। युवकों की तलाश को गंगनहर में तलाशी अभियान चलाया गया। मामले की जानकारी पाकर परिजन रुडक़ी पहुंचे और पुलिस से मामले को लेकर जानकारी जुटाई।
संदीप (22) निवासी निकट झंकार वाली गली बागपत और भरत (21) निवासी मेरठ अपने दोस्तों के साथ बागपत से शुक्रवार सुबह कार से मसूरी घूमने के लिए जा रहे थे। सुबह के वक्त सभी दोस्त कार में सवार होकर सोलानी पार्क के पास पहुंचे। वहां उन्होंने सेल्फी लेना शुरू कर दिया। संदीप और भरत गंगनहर किनारे सेल्फी लेने लगे। इस बीच दोनों अपना संतुलन खो बैठे और गंगनहर में जा गिरे। दोस्तों को डूबता देख साथी अभिषेक और राकेश ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर शराबा सुनकर राहगीर मौके पर पहुंचे।

वहीं सूचना पाकर पुलिस भी सोलानी पार्क पहुंच गई। लेकिन तब तक संदीप और भरत गंगनहर में डूबकर लापता हो चुके थे। पुलिस ने गोताखोरों को मौके पर बुलाया। एसडीआरएफ की टीम ने युवकों की तलाश को गंगनहर खंगाली। लेकिन युवकों का कहीं कुछ पता नहीं चल पाया। सिविल लाइंस कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक दीप कुमार ने बताया कि परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार युवकों का ग्रुप बागपत से कार में सवार होकर मसूरी घूमने के लिए आया था। इस दौरान सोलानी पार्क के पास सेल्फी के दौरान यह हादसा हुआ। युवकों की गंगनहर में तलाश की जा रही है। बता दें कि 8 फरवरी को भी सहारनपुर के दो युवक सोलानी पार्क के पास गंगनहर में सेल्फी लेने के दौरान गंगनहर में डूबकर लापता हो गए थे। 9 दिन बाद दोनों युवकों के शव गंगनहर से बरामद किए गए थे।

काम की खबर: महंगाई भत्ते के एरियर पर जल्द हो सकता है फैसला

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मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के 18 महीने के बकाया महंगाई भत्ते (डीए) पर जल्द फैसला कर सकती है। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसलटेटिव मशीनरी (जेसीएम) ने सरकार ने महंगाई भत्ते के एरियर का एकमुश्त भुगतान करने की मांग की है।

अंतिम फैसले के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), वित्त मंत्रालय और व्यय विभाग के अधिकारियों की जल्द बैठक होने की संभावना जताई जा रही है।

गौरतलब है कि कोरोना काल में सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक डीए के भुगतान पर रोक लगा दी थी। बाद में सरकार ने जुलाई 2021 से डीए में बढ़ोतरी तो की, मगर 10 महीने के डीए के भुगतान मामले में कोई निर्णय नहीं लिया। तब से केंद्रीय कर्मचारियों से जुड़े यूनियन एरियर का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं।

नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि इस संदर्भ में डीओपीटी वित्त मंत्रालय और व्यय विभाग के अधिकारियों की जेसीएम के साथ बैठक प्रस्तावित है। नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम के प्रतिनिधियों ने हाल ही में कैबिनेट सचिव से भी मुलाकात की थी।(साभार- अमर उजाला )

सरकार ने प्लास्टिक पैकेजिंग के बारे में विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व पर दिशा-निर्देशों को अधिसूचित किया

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नई दिल्ली । पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत प्लास्टिक पैकेजिंग को लेकर विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के लिये दिशा-निर्देशों को अधिसूचित कर दिया है। विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व सम्बंधी दिशा-निर्देशों को सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजों पर पाबंदियों के साथ जोड़ा गया है। उल्लेखनीय है कि सिंगल यूज प्लास्टिक कम उपयोगी होता है और उसका कचरा बहुत जमा होता है। यह कदम एक जुलाई, 2022 से प्रभावी हो जायेगा। देश में प्लास्टिक के कचरे से पैदा होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
एक ट्वीट संदेश में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने दिशा-निर्देशों के बारे में बताते हुये कहा कि इससे प्लास्टिक के नये विकल्पों के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग की दिशा में व्यापार को आगे बढ़ाने के लिये रोडमैप उपलब्ध होगा।
दिशा-निर्देशों में एक ऐसा प्रारूप तैयार किया गया है, जिससे प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट की चक्रीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, प्लास्टिक के नये विकल्पों के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और व्यापार प्रतिष्ठान टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के तहत इक_ा किये जाने वाले प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट की री-साइकिल को न्यूनतम स्तर पर रखने का उपाय किया गया है। इसके साथ ही री-साइकिल किये गये प्लास्टिक को बार-बार उपयोग में लाया जायेगा। इस तरह प्लास्टिक की खपत को और कम किया जायेगा तथा प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट को री-साइकिल करने को प्रोत्साहन मिलेगा।
विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन सेक्टर के और विकास के लिये मार्ग प्रशस्त करेगा। पहली अहम बात यह है कि दिशा-निर्देशों से अतिरिक्त विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व प्रमाणपत्रों की बिक्री और खरीद की अनुमति मिल जायेगी तथा इस तरह प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिये एक बाजार प्रणाली स्थापित हो जायेगी।
विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व का कार्यान्वयन एक विशेष ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिये किया जायेगा, जो पूरी प्रणाली की डिजिटल बुनियाद के रूप में काम करेगा। ऑनलाइन प्लेटफार्म में विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व की ट्रैकिंग तथा निगरानी उपलब्ध होगी। ऑनलाइन पंजीकरण और आय का वार्षिक ब्योरा जमा करने के जरिये कंपनियों का बोझ कम होगा। विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व की शर्तों को पूरा करने की निगरानी सुनिश्चित करने के लिये दिशा-निर्देशों में कंपनियों के खातों की पड़ताल तथा सत्यापन के बारे में प्रणाली तैयार की गई है।
दिशा-निर्देशों में यह व्यवस्था भी की गई है कि प्रदूषण पैदा करने वाले पर पर्यावरण जुर्माना लगाया जायेगा। इसके लिये विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के लक्ष्यों को पूरा न करने पर निर्माताओं, आयातकों और ब्रांड के स्वामियों पर जुर्माना लगाने की व्यवस्था की गई है। इसका उद्देश्य पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार करना, उसकी सुरक्षा करने और प्रदूषण पैदा करने वाले कारकों को रोकना तथा नियंत्रित करना है। जमा निधियों का इस्तेमाल की हुई प्लास्टिक को इक_ा करने, उसे री-साइकिल करने और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुये जमा न किये जाने वाले प्लास्टिक का निपटारा करने के लिये किया जायेगा।
इसके अंतर्गत निर्माता, आयातक और ब्रांड स्वामी, जमा वापसी प्रणाली या पुनर्खरीद या किसी अन्य तरीके वाली परिचालन योजनायें चला सकते हैं, ताकि ठोस अपशिष्ट के साथ प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट के घालमेल को रोका जा सके।

छूट का खेल: ‘एक पेटी पर दो बोतल मुफ्त’ का ऑफर, दिल्ली में शराब की दुकानों पर लगी लंबी लाइन,

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शराब की दुकानों पर छूट का खेल शुरू हो गया है। सुबह से ही कई लोगों के मोबाइल की घंटिया भी बजने लगी। एक पेटी पर दो बॉटल शराब मुफ्त की चाहत में लंबी-लंबी भीड़ दुकानों पर दिखी। पुराना स्टॉक खपाने के चक्कर में दुकानदार अलग-अलग ऑफर दे रहे हैं। कई ब्रांड पर 50 फीसदी तक लोगों को छूट मिल रही है। इसे नई आबकारी नीति के फायदे के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, इस दौरान कोरोना काल में समाजिक दूरी के नियम भी टूटे।

नई आबकारी नीति लागू होने का असर शनिवार को शराब की दुकानों पर देखने को मिला। शराब बिक्री करने वालों को यह छूट मिली है कि वह अपने स्टॉक की कीमत तय कर सकते हैं। यानी एमआरपी से कम रेट पर भी शराब की बिक्री कर सकते हैं। ऐसे में कई बिक्रेता 30-50 प्रतिशत की छूट शराब पर दे रहे हैं। इसका पता चलते ही शराब केंद्रों पर भीड़ उमड़ पड़ी। पुलिस प्रशासन को इस भीड़ को नियंत्रित करते कई जगह दिखे। भीड़ को देखते हुए कई जगह पुलिस ने दुकान भी बंद करवाना पड़ा। ना सिर्फ भारतीय ब्रांड बल्कि विदेशी व आयातीत शराब पर भी छूट दी जा रही है। कई दुकानदार तो बाहर ही रेट लिस्ट चिपकाए हुए है। साथ ही एक बॉटल पर एक मुफ्त, एक पेटी पर दो बॉटल मुफ्त समेत कई तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं।

28 फरवरी तक शराब के केंद्रों पर यह छूट जारी रहेगी। क्योंकि नये वित्तीय वर्ष में फरवरी से मार्च तक स्टॉक खत्म करने की चुनौती है। शराब केंद्र का रिन्यूअल भी होना है। इस वजह से छूट दी जा रही है। मुखर्जी नगर स्थित एक शराब के दुकानदार का कहना है कि कई ऐसे ब्रांड भी आ गए हैं जिसकी सेल ज्यादा नहीं है। ऐसे में स्टॉक खत्म करना भी जरूरी है। इसी तरह एनसीआर के अन्य शहरों के रेट से भी मुकाबला करना है।

पिछले साल 17 नवंबर से लागू हुई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में शराब की रिटेल बिक्री पर छूट दिया जा सकता है। इसके पहले जो रेट सरकार तय करती थी, उसी पर शराब की बिक्री दुकानदारों को करनी होती थी। नई आबकारी नीति में यह भी प्रावधान है कि सड़क पर लाइन लगा कर लोग शराब नहीं खरीदेंगे। 500 वर्गमीटर में दुकान खुलेंगे और अपने मनपसंद ब्रांड लोग चुनकर खरीद सकेंगे। लेकिन मुखर्जी नगर, आउट्रम लेन, किंग्सवे कैंप समेत कई ऐसे शराब के केंद्र है जहां अभी भी काउंटर पर भीड़ लगती है। यहां तक कि सड़क तक लोगों की लाइन लग जाती है।

सामाजिक संगठन ‘धाद’ प्रदेश की भाषाओं के पक्ष में 20 से 26 फरवरी तक मातृभाषा सप्ताह करेगी आयोजित

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■ मातृभाषा कविता विशेषांक का प्रकाशन और विभिन्न विधाओं के फेसबुक लाइव आयोजित होंगे

■ 21 से 26 फरवरी तक प्रदेश के सभी जिलों के प्रतिनिधि स्कूल में मातृभाषा कहानी वाचन का आयोजन

देहरादून, उत्त्तराखण्ड का प्रमुख सामाजिक संगठन धाद प्रदेश की भाषाओं के पक्ष में 20 से 26 फरवरी तक मातृभाषा सप्ताह आयोजित करेगी। आयोजन की थीम नई पीढ़ी को उनकी मातृभाषा से जोड़ना है। आयोजन का सूत्रवाक्य दिया गया है अपनी भाषा को नई पीढ़ी तक पहुंचाए और प्रदेश के सभी स्कूलों में यहां की भाषाओं को पढ़ाएं।
आयोजन की जानकारी देते हुए मातृभाषा एकाँश के प्रभारी शांति प्रकाश ने बताया कि धाद ने उत्त्तराखण्ड की भाषाओं के पक्ष में 1987से पत्रिका गोष्ठियों और प्रकाशन के साथ व्यापक वातावरण बनाने की पहल की। यूनेस्को द्वारा मातृभाषा दिवस 21 फरवरी की घोषणा के बाद 2010 से हर वर्ष उत्तराखंड की मातृभाषाओं को दुनिया की तमाम छोटी भाषाओं की चिंता से जोड़ते हुए धाद हर वर्ष यह आयोजन करती है।
उन्होंने बताया कि इस बार का आयोजन नई पीढ़ी को उनकी दूधबोली से जोड़ने के निमित्त है। थीम के अंतर्गत धाद और रूम टू रीड द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के प्रतिनिधि स्कूल में मातृभाषा कहानी वाचन का आयोजन किया जाएगा।जिसमे विभिन्न साहित्यकार सामाजिक कार्यकर्ता अपने जिले के प्राथमिक स्कूल में उत्तराखण्ड की भाषाओं में कहानी सुनाने के साथ भाषायी संवाद करेंगे।
सप्ताह का शुभारम्भ 20 फरवरी को उत्तराखण्ड की भाषाओं के कहानी वाचन की कार्यशाला के साथ होगा, इस अवसर पर मातृभाषाओं की कविताओं की पुस्तक का विमोचन भी किया जाएगा।
मातृभाषा सप्ताह 21 फरवरी से 26 फरवरी में मातृभाषा की विभिन्न विधाओं कविता कहानी गीत के विशेषज्ञों के साथ ऑनलाइन लाइव सत्र आयोजित किये जाएंगे।

उत्तराखंड में कोरोना के 218 नए केस, 2 मौत

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देहरादून।  उत्तराखंड में बीते 24 घंटे के भीतर प्रदेश में 218 नए कोरोना मरीज मिले हैं। ऐसे में एक्टिव केसों की संख्या 2,076 हो गई है। जबकि 2 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई है। वहीं, 1,377 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 1.68% है। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, एक जनवरी 2022 से लेकर अभीतक प्रदेश में 89,746 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से 84,579 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 94.24% है। 24 घंटे में 2 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। सिनर्जी अस्पताल, देहरादून में 1 और कैलाश अस्पताल, देहरादून में 1 मरीज की मौत हुई है।  प्रदेश में इस साल एक जनवरी से अभीतक 251 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा देहरादून में 95 कोरोना मरीज मिले हैं। वहीं, अल्मोड़ा में 11, बागेश्वर में 1, चमोली में 16, चंपावत में 9, हरिद्वार में 27, नैनीताल में 15, पौड़ी में 8, पिथौरागढ़ में 15, टिहरी में 4, उधम सिंह नगर में 12 और उत्तरकाशी में 5 नये कोरोना संक्रमित मिले हैं।
प्रदेश में शुक्रवार को 20,359 लोगों का कोविड वैक्सीनेशन हुआ है। अभी तक कुल 78,24,561 लोग फुल वैक्सीनेट हो चुके हैं। वहीं, 3 जनवरी से शुरू हुए 15 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण में अभी तक 2,09,243 बच्चों को फुल वैक्सीनेट किया गया है।

अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस: 38 को सजा-ए-मौत, 11 दोषियों को आजीवन कारावास

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नई दिल्ली, गुजरात के अहमदाबाद में वर्ष 2008 में सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में शुक्रवार को अदालत ने सजा का ऐलान कर दिया। बड़ा फैसला सुनाते हुए स्पेशल कोर्ट ने 49 में से 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश एआर पटेल की अदालत ने 49 अभियुक्तों में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। जबकि 11 दोषियों को उम्र कैद हुई है। खास बात यह है कि देश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में फांसी की सजा सुनाई गई है। बता दें कि पिछले साल सितंबर में 13 साल पहले हुए बम धमाकों के मामले में सुनवाई पूरी हो गई थी। विशेष कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान दर्ज किए गए 1100 गवाहों के बयान
13 साल चले इस मामले में की लंबी सुनवाई के दौरान प्रॉसीक्यूशन ने 1100 गवाहों के बयान दर्ज किए थे। वर्ष 2008 में हुए अहमदाबाद बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी।

 

वहीं दिसंबर 2009 से इस मामले में सुनवाई चल रही थी। विशेष जज एआर पटेल ने पिछले साल सितंबर में मामले की सुनवाई खत्म होने की घोषणा की थी, इसके बाद उन्होंने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया। बता दें कि 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद शहर में 70 मिनट के अंतराल पर कुल 21 बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी। जबकि करीब 200 लोग इस धमाके में घायल हुए थे। वहीं पुलिस ने दावा किया था कि, इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने इन बम धमाकों को अंजाम दिया। दरअसल इंडियन मुजाहिदीन को सिमी से जुड़ा संगठन बताया जाता है।

प्रदेश से 16 बाल वैज्ञानिकों ने 29 वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में प्रतिभाग किया

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देहरादून। 15 फरवरी से शुरू हुए 29वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का समापन आज गुजरात में हो गया है। कांग्रेस में प्रदेश से चयनित 16 बाल वैज्ञानिक प्रतिभाग कर रहे थे। बता दें कि इस वर्ष कोरोना वैश्विक महामारी के दृष्टिगत 29 वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन गुजरात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा किया गया जिसमें देश भर के बाल वैज्ञानिकों द्वारा वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया गया। कांग्रेस का उद्घाटन गुजरात के मुख्यमंत्री एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा किया गया था। चार दिवसीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में देश भर से प्रतिभाग कर रहे बाल वैज्ञानिकों द्वारा अपने अपने शोध परियोजनाओं का प्रस्तुतिकरण किया गया।

वहीं उत्तराखंड के उत्तरकाशी से प्रतीक्ष, टिहरी से गौरव सुयाल व किशन सिंह बिष्ट, रुद्रप्रयाग से मधु रावत व शुभम काला, चमोली से अपूर्वा बिष्ट, कृतिका व आशुतोष चौधरी, हरिद्वार से देबस्य देसाई, चार्वि जादोन व प्रतीक धीमान, देहरादून से कमलजीत, उधम सिंह नगर से कनिष्का ठाकुर, सुयास कलखुरिया, पिथौरागढ से अभिषेक बिष्ट तथा बागेश्वर से कार्तिकेय उपाध्याय द्वारा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में अपनी शोध परियोजनाएं प्रस्तुत की गयी। आयोजन के सांय सत्र में बाल वैज्ञानिकों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी गयी जिसका समन्वय प्रदेश से मनोज बहुगुणा एवं निर्मल न्योलिया द्वारा किया गया। इस अवसर पर यूकॉस्ट के महानिदेशक डा राजेंद्र डोभाल ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग कर रहे सभी बाल वैज्ञानिकों को बधाइयाँ देते हुए कहा कि बाल विज्ञान कांग्रेस विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए बहुत अच्छा माध्यम है जो देश के वास्तविक विकास में विशेष योगदान दे रहा है। यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक एवं राज्य समंवयक डॉ डी पी उनियाल ने प्रदेश से प्रतिभाग कर रहे सभी बाल वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यूकॉस्ट राज्य में लगातार विज्ञान के लोकव्यपीकरण के लिए कार्य कर रहा है जिसका सीधा लाभ प्रदेश के छात्रों को हो रहा है।

बी0एस0 नेगी महिला पॉलिटेक्निक में ’स्पोर्ट्स मीट’ का आयोजन

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देहरादून,  बी0एस0नेगी महिला पॉलिटेक्निक में रेगुलर पढ़ाई के साथ-साथ कई तरह के सांस्कृतिक व शैक्षणिक कार्यकमों का आयोजन समय-समय पर किया जाता रहा है। इसी श्रृंखला में आज ’़स्पोर्टस मीट’ का आयोजन किया गया जिसमें 50 मीटर रेस, 100 मीटर रेस, 400 मीटर रेस, 4’100 मीटर रिले, शार्टपुट थ्रो, डिस्कस थ्रो, जेवलिन थ्रो, बैडमिंटन, कैरम, रस्सा कशी आदि कई प्रतियोगिताएं करवाई गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री एस. एस. पाँगती, (पूर्व आई ए. एस) ने रिबन काटकर एवं चेयरमैन श्री हर्षमणि व्यास द्वारा गुब्बारे उड़ाकर कार्यक्रम का षुभारंभ किया।
छात्राओं के साथ-साथ शिाक्षकों एवं कर्मचारियों में भी जोष और उमंग दिखा और सभी ने इन गतिविधियांे में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । इस अवसर पर गवर्निग बॉडी के सदस्य श्री. के. पी. शर्मा,श्री. हरिशंकर जोशी, श्री. विजय जुयाल, व अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में सुश्री अमीषा चौहान (पर्वतारोही) द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया जिसका विवरण इस प्रकार है-50 मीटर रेस में कु. अंशिका एफ0डी0 ने प्रथम स्थान , 100 मीटर रेस में कु अंशिका एफ0डी ने प्रथम स्थान व 4’100 मीटर रिले मे कु अरिफा, अंशिका, दिव्या, आमरीन एफ. डी. ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, शार्टपुट में कु. पूजा एम ओ एम सेकेंड इयर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। डिस्कस थ्रो में क.ु पूजा एम ओ एम सेकेंड इयर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जेवलिन थ्रो, में कु. कार्तिकी पी.जी.डी.सी.ए फर्स्ट इयर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, बैडमिंटन में कु. शालिनी. रितु एफ. डी फर्स्ट इयर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया ,कैरम में कु. अंजलि, शालिनी एम ओ एम फर्स्ट इयर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया । रस्सा कशी में टी.डी डिपार्टमेंट ने प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मैडल एवं सर्टिफिकेट प्राप्त किया। एमओएम एंड एसपी विभाग ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सबसे ज्यादा मैडल प्राप्त किये और ट्रॉफी जीती।

समापन कार्यक्रम में बोलते हुए चेयरमैन ने कहा कि पाठ्येत्त्र गतिविधियों से छात्राओं का सर्वागींण विकास होता है और साथ ही नई ऊर्जा का संचार होता है। अतः सभी छात्राओं को इन गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी निभानी चाहिए।