Friday, May 16, 2025
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ओलंपिक : IOC के सत्र की 2023 में मेजबानी करेगा मुंबई, भारत की नीता अंबानी ने जीती बोली

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मुंबई, भारत 139वें IOC सत्र में सफलतापूर्वक बोली लगाने के बाद मुंबई में 2023 अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के सत्र की मेजबानी करेगा। समिति में भारतीय प्रतिनिधि नीता अंबानी ने इसे ‘देश की ओलंपिक आकांक्षाओं के लिए एक महत्वपूर्ण विकास’ बताया। भारत 1983 के बाद 2023 में पहली बार सत्र की मेजबानी करेगा। सत्र की मेजबानी अत्याधुनिक अंदाज में बिल्कुल नए जीयो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में की जाएगी। इस प्रक्रिया में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों से मुंबई को अपनी बोली के पक्ष में ऐतिहासिक 99% वोट मिले, जिसमें 75 सदस्यों ने बीजिंग में आयोजित सत्र में अपनी उम्मीदवारी का समर्थन किया।
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर किया। अनुराग ठाकुर ने ट्वीट किया “एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति सत्र 2023 में भारत में आ रहा है! भारतीय खेल ने हाल के वर्षों में बड़ी प्रगति की है। इस ऐतिहासिक अवसर के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित और गर्व है |

 

आईओसी के सत्र की 2023 में मेजबानी करेगा मुंबई

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने शनिवार को अगले साल मुंबई में आईओसी सत्र की मेजबानी का अधिकार भारत को सौंपा है। समिति में भारत की प्रतिनिधि नीता अंबानी ने इसे देश की ओलंपिक महत्वाकांक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम करार दिया। भारत 1983 के बाद पहली बार सत्र की मेजबानी करेगा। सत्र का आयोजन नए और आधुनिक जियो विश्व कन्वेंशन सेंटर में होगा। भारत को इस प्रक्रिया के दौरान वोटिंग में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों से अपनी बोली के पक्ष में एतिहासिक 99 प्रतिशत वोट मिले।

बीजिंग में 75 सदस्यों ने भारत की दावेदारी का समर्थन किया

बीजिंग में हुए सत्र के दौरान 75 सदस्यों ने भारत की दावेदारी का समर्थन किया। आईओसी सत्र आईओसी के सदस्यों की वार्षिक बैठक होती है जिसमें 101 वोटिंग सदस्य और 45 मानद सदस्य शामिल हैं। सत्र के दौरान वैश्विक ओलंपिक अभियान की अहम गतिविधियों पर चर्चा और फैसला किया जाता है जिसमें ओलंपिक चार्टर में संशोधन या इसे अपनाना, आईओसी सदस्यों तथा पदाधिकारियों का चुनाव और ओलंपिक के मेजबान शहर का चुनाव भी शामिल है।

आईओसी सदस्य के रूप में चुनी गई नीता अंबानी

भारत से आईओसी सदस्य के रूप में चुनी गई पहली महिला नीता ने कहा, ‘‘ओलिंपिक अभियन 40 साल के इंतजार के बाद भारत वापस आ गया है। मैं 2023 में मुंबई में आईओसी सत्र की मेजबानी करने का सम्मान भारत को सौंपने के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की वास्तव में आभारी हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत की ओलंपिक महत्वाकांक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा और भारतीय खेल के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा।’’ नीता के अलावा भारतीय प्रतिनिधिमंडल में भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा शामिल थे।

सोशल मीडिया पर दोस्ती और फिर हुआ वीडियो वायरल, परेशान हो महिला ने जहर पीकर खत्म किया अपना जीवन

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हल्द्वानी, दोस्ती की कहानी शुरू हुई सोशल मीडिया पर और उसके बाद ऐसा खौफनाक हुआ कि देनी पड़ी जान, यह वाकया मुखानी थाना क्षेत्र का है | जहां पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर एक युवक के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वीडियो वायरल होने से महिला परेशान थी और आखिर में उसने जहर पी लिया। पुलिस के अनुसार मुखानी थाना क्षेत्र निवासी एक महिला की फेसबुक आईडी पर 2019 में रोहित बिष्ट नाम के युवक ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। इसके बाद दोनों में बातें होने लगी। इसी दौरान आरोपी ने खुद को सेना में अधिकारी बताया। आरोप है कि उसने महिला से जबरन शारीरिक संबंध बनाकर वीडियो बना ली। इसके बाद आरोपी ने उससे कई बार दुष्कर्म किया और 30 हजार रुपये व जेवरात ले गया।
बाद में महिला अपने पति के साथ मसूरी चली गई। इसके बाद आरोपी ने महिला की सोशल मीडिया से फोटो एडिट कर अश्लील फोटो वायरल कर दी। इससे आहत महिला ने जहर पी लिया था, जिसका परिजनों ने अस्पताल में इलाज कराया।

एसओ मुखानी दीपक सिंह बिष्ट ने बताया कि जीरो एफआईआर मसूरी से स्थानांतरित होकर आई थी। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 

एम्स में नर्सिंग संवर्ग के पदों पर भर्ती संदेह के घेरे में, एक ही परिवार के छह लोगों को दी गयी नियुक्ति

 

ॠषिकेश, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती प्रक्रिया को लेकर नये नये खुलासे हो रहे हैं, ताजा मामले में एम्स में नर्सिंग संवर्ग के पदों पर एक ही राज्य के 600 अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई। यही नहीं, एक ही परिवार के छह लोगों को भी नियुक्ति दी गई है। सीबीआई के छापा मारने के बाद एम्स ऋषिकेश लगातार सुखियों में बना हुआ है। स्थायी कर्मचारियों की भर्ती को लेकर एक नया मामला सामने आया है। एम्स में 2018 से 2020 के बीच नर्सिंग संवर्ग में 800 पदों के लिए भर्ती निकाली गई। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। हैरानी की बात है कि 800 में से 600 पदों पर राजस्थान के अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इतने बड़े पैमाने पर एक ही राज्य से कर्मचारियों की नियुक्ति से भर्ती प्रक्रिया संदेह के घेरे में है। हद तो तब हो गई, जब राजस्थान के एक ही परिवार के छह लोगों का नर्सिंग पदों पर चयन हो गया। मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को शिकायत दी गई है। सीबीआई टीम स्थायी नियुक्तियों के साथ उपकरणों की खरीद की जांच कर रही है।

जबकि नर्सिंग कर्मचारियों के लिए संबंधित राज्य की नर्सिंग काउंसिल में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। सूत्रों के अनुसार नियुक्ति के बाद भी कई अभ्यर्थियों ने अब तक उत्तराखंड नर्सिंग काउंसिल में पंजीकरण नहीं कराया है, जबकि वे एम्स में कार्य कर रहे हैं। एम्स के जन सम्पर्क अधिकारी के हरीश मोहन थपलियाल अनुसार नर्सिंग संवर्ग के पदों पर नियमानुसार भर्ती की गई है। भर्ती प्रक्रिया की सभी अर्हताएं पूरी करने वाले अभ्यर्थियों का ही चयन किया गया है। योग्य अभ्यर्थियों की स्थिति में राज्य कोई विषय नहीं है। एक परिवार से छह लोगों के चयन का मामला संज्ञान में नहीं है। राज्य काउंसिल में पंजीकरण न कराने वाले कर्मचारियों को नोटिस जारी किया जाएगा।

अब रोज 60 नए आवेदक लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर दे सकेंगे टेस्ट

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देहरादून, परिवहन विभाग ने लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिये आवेदन करने वालों को बड़ी राहत दी है, आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई ने शनिवार 19 फरवरी से नए स्लाट खोलने का आदेश दिया है। कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण बीती आठ जनवरी से नए लर्निंग लाइसेंस बनाने का काम बंद है। वर्तमान में केवल उन 30 आवेदकों के लर्निंग लाइसेंस बनाए जा रहे थे, जिन्होंने कोरोना काल में आवेदन किया था, लेकिन दफ्तर बंद होने पर लाइसेंस का टेस्ट नहीं दे पाए थे। ताजा आदेश के बाद अब शनिवार से रोज 60 नए आवेदक भी लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर टेस्ट दे सकेंगे।
कोरोना की तीसरी लहर आने के कारण आठ जनवरी से 23 जनवरी तक आरटीओ दफ्तर बंद रहा। फिर 24 जनवरी से दफ्तर में सीमित संख्या और आनलाइन अपाइंटमेंट की बाध्यता के साथ काम शुरू किया गया, लेकिन लर्निंग लाइसेंस के नए आवेदकों के स्लाट जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। चूंकि, दो हफ्ते का पुराने आवेदकों के लर्निंग लाइसेंस का बैकलाग काफी ज्यादा हो गया था, लिहाजा फैसला लिया गया कि पहले इनके टेस्ट लिए जाएंगे और बाद में नए आवेदकों के लिए आवेदन की प्रक्रिया खोली जाएगी। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कम होने के बाद से ही नए लर्निंग लाइसेंस बनाने को लेकर युवा रोजाना दफ्तर आ रहे थे और टेस्ट स्लाट खोलने की मांग कर रहे थे। इस संबंध में परिवहन मुख्यालय और जिला प्रशासन से राय मांगी गई, मुख्यालय व प्रशासन ने पूरी क्षमता के साथ टेस्ट लेने की अनुमति दे दी। चूंकि, लाइसेंस का टेस्ट कंप्यूटर पर होता है और संक्रमण बढ़ने का खतरा बना रहता है, इसलिए अब तक रोक थी। अब कोरोना मरीजों की संख्या बेहद कम हो चुकी है, लिहाजा नए आवेदन के स्लाट जारी करने पर कोई आपत्ति नहीं है। आरटीओ ने बताया कि शनिवार से रोजाना 90 नए लर्निंग लाइसेंस के टेस्ट लिए जाने का आदेश दे दिया है। हालांकि, आवेदकों के लिए आनलाइन अपाइंटमेंट लेकर दफ्तर आने की शर्त अभी जारी रहेगी।

सेल्फी लेने के चक्कर में दो युवक गंग नहर में डूबे

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रुडक़ी ,। उत्तराखण्ड के मसूरी घूमने जा रहे कार सवार युवकों का ग्रुप शुक्रवार सुबह सोलानी पार्क पहुंचा। वहां उन्होंने सेल्फी लेना शुरू कर दिया। जहां दो दोस्त सेल्फी लेने के चक्कर में अपना संतुलन खो बैठे और गंगनहर में डूबकर लापता हो गए। शोर शराबा होने पर राहगीर और पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। युवकों की तलाश को गंगनहर में तलाशी अभियान चलाया गया। मामले की जानकारी पाकर परिजन रुडक़ी पहुंचे और पुलिस से मामले को लेकर जानकारी जुटाई।
संदीप (22) निवासी निकट झंकार वाली गली बागपत और भरत (21) निवासी मेरठ अपने दोस्तों के साथ बागपत से शुक्रवार सुबह कार से मसूरी घूमने के लिए जा रहे थे। सुबह के वक्त सभी दोस्त कार में सवार होकर सोलानी पार्क के पास पहुंचे। वहां उन्होंने सेल्फी लेना शुरू कर दिया। संदीप और भरत गंगनहर किनारे सेल्फी लेने लगे। इस बीच दोनों अपना संतुलन खो बैठे और गंगनहर में जा गिरे। दोस्तों को डूबता देख साथी अभिषेक और राकेश ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर शराबा सुनकर राहगीर मौके पर पहुंचे।

वहीं सूचना पाकर पुलिस भी सोलानी पार्क पहुंच गई। लेकिन तब तक संदीप और भरत गंगनहर में डूबकर लापता हो चुके थे। पुलिस ने गोताखोरों को मौके पर बुलाया। एसडीआरएफ की टीम ने युवकों की तलाश को गंगनहर खंगाली। लेकिन युवकों का कहीं कुछ पता नहीं चल पाया। सिविल लाइंस कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक दीप कुमार ने बताया कि परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार युवकों का ग्रुप बागपत से कार में सवार होकर मसूरी घूमने के लिए आया था। इस दौरान सोलानी पार्क के पास सेल्फी के दौरान यह हादसा हुआ। युवकों की गंगनहर में तलाश की जा रही है। बता दें कि 8 फरवरी को भी सहारनपुर के दो युवक सोलानी पार्क के पास गंगनहर में सेल्फी लेने के दौरान गंगनहर में डूबकर लापता हो गए थे। 9 दिन बाद दोनों युवकों के शव गंगनहर से बरामद किए गए थे।

काम की खबर: महंगाई भत्ते के एरियर पर जल्द हो सकता है फैसला

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मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के 18 महीने के बकाया महंगाई भत्ते (डीए) पर जल्द फैसला कर सकती है। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसलटेटिव मशीनरी (जेसीएम) ने सरकार ने महंगाई भत्ते के एरियर का एकमुश्त भुगतान करने की मांग की है।

अंतिम फैसले के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), वित्त मंत्रालय और व्यय विभाग के अधिकारियों की जल्द बैठक होने की संभावना जताई जा रही है।

गौरतलब है कि कोरोना काल में सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक डीए के भुगतान पर रोक लगा दी थी। बाद में सरकार ने जुलाई 2021 से डीए में बढ़ोतरी तो की, मगर 10 महीने के डीए के भुगतान मामले में कोई निर्णय नहीं लिया। तब से केंद्रीय कर्मचारियों से जुड़े यूनियन एरियर का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं।

नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि इस संदर्भ में डीओपीटी वित्त मंत्रालय और व्यय विभाग के अधिकारियों की जेसीएम के साथ बैठक प्रस्तावित है। नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम के प्रतिनिधियों ने हाल ही में कैबिनेट सचिव से भी मुलाकात की थी।(साभार- अमर उजाला )

सरकार ने प्लास्टिक पैकेजिंग के बारे में विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व पर दिशा-निर्देशों को अधिसूचित किया

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नई दिल्ली । पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत प्लास्टिक पैकेजिंग को लेकर विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के लिये दिशा-निर्देशों को अधिसूचित कर दिया है। विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व सम्बंधी दिशा-निर्देशों को सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजों पर पाबंदियों के साथ जोड़ा गया है। उल्लेखनीय है कि सिंगल यूज प्लास्टिक कम उपयोगी होता है और उसका कचरा बहुत जमा होता है। यह कदम एक जुलाई, 2022 से प्रभावी हो जायेगा। देश में प्लास्टिक के कचरे से पैदा होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
एक ट्वीट संदेश में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने दिशा-निर्देशों के बारे में बताते हुये कहा कि इससे प्लास्टिक के नये विकल्पों के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग की दिशा में व्यापार को आगे बढ़ाने के लिये रोडमैप उपलब्ध होगा।
दिशा-निर्देशों में एक ऐसा प्रारूप तैयार किया गया है, जिससे प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट की चक्रीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, प्लास्टिक के नये विकल्पों के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और व्यापार प्रतिष्ठान टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के तहत इक_ा किये जाने वाले प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट की री-साइकिल को न्यूनतम स्तर पर रखने का उपाय किया गया है। इसके साथ ही री-साइकिल किये गये प्लास्टिक को बार-बार उपयोग में लाया जायेगा। इस तरह प्लास्टिक की खपत को और कम किया जायेगा तथा प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट को री-साइकिल करने को प्रोत्साहन मिलेगा।
विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन सेक्टर के और विकास के लिये मार्ग प्रशस्त करेगा। पहली अहम बात यह है कि दिशा-निर्देशों से अतिरिक्त विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व प्रमाणपत्रों की बिक्री और खरीद की अनुमति मिल जायेगी तथा इस तरह प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिये एक बाजार प्रणाली स्थापित हो जायेगी।
विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व का कार्यान्वयन एक विशेष ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिये किया जायेगा, जो पूरी प्रणाली की डिजिटल बुनियाद के रूप में काम करेगा। ऑनलाइन प्लेटफार्म में विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व की ट्रैकिंग तथा निगरानी उपलब्ध होगी। ऑनलाइन पंजीकरण और आय का वार्षिक ब्योरा जमा करने के जरिये कंपनियों का बोझ कम होगा। विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व की शर्तों को पूरा करने की निगरानी सुनिश्चित करने के लिये दिशा-निर्देशों में कंपनियों के खातों की पड़ताल तथा सत्यापन के बारे में प्रणाली तैयार की गई है।
दिशा-निर्देशों में यह व्यवस्था भी की गई है कि प्रदूषण पैदा करने वाले पर पर्यावरण जुर्माना लगाया जायेगा। इसके लिये विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के लक्ष्यों को पूरा न करने पर निर्माताओं, आयातकों और ब्रांड के स्वामियों पर जुर्माना लगाने की व्यवस्था की गई है। इसका उद्देश्य पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार करना, उसकी सुरक्षा करने और प्रदूषण पैदा करने वाले कारकों को रोकना तथा नियंत्रित करना है। जमा निधियों का इस्तेमाल की हुई प्लास्टिक को इक_ा करने, उसे री-साइकिल करने और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुये जमा न किये जाने वाले प्लास्टिक का निपटारा करने के लिये किया जायेगा।
इसके अंतर्गत निर्माता, आयातक और ब्रांड स्वामी, जमा वापसी प्रणाली या पुनर्खरीद या किसी अन्य तरीके वाली परिचालन योजनायें चला सकते हैं, ताकि ठोस अपशिष्ट के साथ प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट के घालमेल को रोका जा सके।

छूट का खेल: ‘एक पेटी पर दो बोतल मुफ्त’ का ऑफर, दिल्ली में शराब की दुकानों पर लगी लंबी लाइन,

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शराब की दुकानों पर छूट का खेल शुरू हो गया है। सुबह से ही कई लोगों के मोबाइल की घंटिया भी बजने लगी। एक पेटी पर दो बॉटल शराब मुफ्त की चाहत में लंबी-लंबी भीड़ दुकानों पर दिखी। पुराना स्टॉक खपाने के चक्कर में दुकानदार अलग-अलग ऑफर दे रहे हैं। कई ब्रांड पर 50 फीसदी तक लोगों को छूट मिल रही है। इसे नई आबकारी नीति के फायदे के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, इस दौरान कोरोना काल में समाजिक दूरी के नियम भी टूटे।

नई आबकारी नीति लागू होने का असर शनिवार को शराब की दुकानों पर देखने को मिला। शराब बिक्री करने वालों को यह छूट मिली है कि वह अपने स्टॉक की कीमत तय कर सकते हैं। यानी एमआरपी से कम रेट पर भी शराब की बिक्री कर सकते हैं। ऐसे में कई बिक्रेता 30-50 प्रतिशत की छूट शराब पर दे रहे हैं। इसका पता चलते ही शराब केंद्रों पर भीड़ उमड़ पड़ी। पुलिस प्रशासन को इस भीड़ को नियंत्रित करते कई जगह दिखे। भीड़ को देखते हुए कई जगह पुलिस ने दुकान भी बंद करवाना पड़ा। ना सिर्फ भारतीय ब्रांड बल्कि विदेशी व आयातीत शराब पर भी छूट दी जा रही है। कई दुकानदार तो बाहर ही रेट लिस्ट चिपकाए हुए है। साथ ही एक बॉटल पर एक मुफ्त, एक पेटी पर दो बॉटल मुफ्त समेत कई तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं।

28 फरवरी तक शराब के केंद्रों पर यह छूट जारी रहेगी। क्योंकि नये वित्तीय वर्ष में फरवरी से मार्च तक स्टॉक खत्म करने की चुनौती है। शराब केंद्र का रिन्यूअल भी होना है। इस वजह से छूट दी जा रही है। मुखर्जी नगर स्थित एक शराब के दुकानदार का कहना है कि कई ऐसे ब्रांड भी आ गए हैं जिसकी सेल ज्यादा नहीं है। ऐसे में स्टॉक खत्म करना भी जरूरी है। इसी तरह एनसीआर के अन्य शहरों के रेट से भी मुकाबला करना है।

पिछले साल 17 नवंबर से लागू हुई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में शराब की रिटेल बिक्री पर छूट दिया जा सकता है। इसके पहले जो रेट सरकार तय करती थी, उसी पर शराब की बिक्री दुकानदारों को करनी होती थी। नई आबकारी नीति में यह भी प्रावधान है कि सड़क पर लाइन लगा कर लोग शराब नहीं खरीदेंगे। 500 वर्गमीटर में दुकान खुलेंगे और अपने मनपसंद ब्रांड लोग चुनकर खरीद सकेंगे। लेकिन मुखर्जी नगर, आउट्रम लेन, किंग्सवे कैंप समेत कई ऐसे शराब के केंद्र है जहां अभी भी काउंटर पर भीड़ लगती है। यहां तक कि सड़क तक लोगों की लाइन लग जाती है।

सामाजिक संगठन ‘धाद’ प्रदेश की भाषाओं के पक्ष में 20 से 26 फरवरी तक मातृभाषा सप्ताह करेगी आयोजित

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■ मातृभाषा कविता विशेषांक का प्रकाशन और विभिन्न विधाओं के फेसबुक लाइव आयोजित होंगे

■ 21 से 26 फरवरी तक प्रदेश के सभी जिलों के प्रतिनिधि स्कूल में मातृभाषा कहानी वाचन का आयोजन

देहरादून, उत्त्तराखण्ड का प्रमुख सामाजिक संगठन धाद प्रदेश की भाषाओं के पक्ष में 20 से 26 फरवरी तक मातृभाषा सप्ताह आयोजित करेगी। आयोजन की थीम नई पीढ़ी को उनकी मातृभाषा से जोड़ना है। आयोजन का सूत्रवाक्य दिया गया है अपनी भाषा को नई पीढ़ी तक पहुंचाए और प्रदेश के सभी स्कूलों में यहां की भाषाओं को पढ़ाएं।
आयोजन की जानकारी देते हुए मातृभाषा एकाँश के प्रभारी शांति प्रकाश ने बताया कि धाद ने उत्त्तराखण्ड की भाषाओं के पक्ष में 1987से पत्रिका गोष्ठियों और प्रकाशन के साथ व्यापक वातावरण बनाने की पहल की। यूनेस्को द्वारा मातृभाषा दिवस 21 फरवरी की घोषणा के बाद 2010 से हर वर्ष उत्तराखंड की मातृभाषाओं को दुनिया की तमाम छोटी भाषाओं की चिंता से जोड़ते हुए धाद हर वर्ष यह आयोजन करती है।
उन्होंने बताया कि इस बार का आयोजन नई पीढ़ी को उनकी दूधबोली से जोड़ने के निमित्त है। थीम के अंतर्गत धाद और रूम टू रीड द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के प्रतिनिधि स्कूल में मातृभाषा कहानी वाचन का आयोजन किया जाएगा।जिसमे विभिन्न साहित्यकार सामाजिक कार्यकर्ता अपने जिले के प्राथमिक स्कूल में उत्तराखण्ड की भाषाओं में कहानी सुनाने के साथ भाषायी संवाद करेंगे।
सप्ताह का शुभारम्भ 20 फरवरी को उत्तराखण्ड की भाषाओं के कहानी वाचन की कार्यशाला के साथ होगा, इस अवसर पर मातृभाषाओं की कविताओं की पुस्तक का विमोचन भी किया जाएगा।
मातृभाषा सप्ताह 21 फरवरी से 26 फरवरी में मातृभाषा की विभिन्न विधाओं कविता कहानी गीत के विशेषज्ञों के साथ ऑनलाइन लाइव सत्र आयोजित किये जाएंगे।

उत्तराखंड में कोरोना के 218 नए केस, 2 मौत

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देहरादून।  उत्तराखंड में बीते 24 घंटे के भीतर प्रदेश में 218 नए कोरोना मरीज मिले हैं। ऐसे में एक्टिव केसों की संख्या 2,076 हो गई है। जबकि 2 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई है। वहीं, 1,377 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 1.68% है। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, एक जनवरी 2022 से लेकर अभीतक प्रदेश में 89,746 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से 84,579 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 94.24% है। 24 घंटे में 2 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। सिनर्जी अस्पताल, देहरादून में 1 और कैलाश अस्पताल, देहरादून में 1 मरीज की मौत हुई है।  प्रदेश में इस साल एक जनवरी से अभीतक 251 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा देहरादून में 95 कोरोना मरीज मिले हैं। वहीं, अल्मोड़ा में 11, बागेश्वर में 1, चमोली में 16, चंपावत में 9, हरिद्वार में 27, नैनीताल में 15, पौड़ी में 8, पिथौरागढ़ में 15, टिहरी में 4, उधम सिंह नगर में 12 और उत्तरकाशी में 5 नये कोरोना संक्रमित मिले हैं।
प्रदेश में शुक्रवार को 20,359 लोगों का कोविड वैक्सीनेशन हुआ है। अभी तक कुल 78,24,561 लोग फुल वैक्सीनेट हो चुके हैं। वहीं, 3 जनवरी से शुरू हुए 15 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण में अभी तक 2,09,243 बच्चों को फुल वैक्सीनेट किया गया है।

अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस: 38 को सजा-ए-मौत, 11 दोषियों को आजीवन कारावास

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नई दिल्ली, गुजरात के अहमदाबाद में वर्ष 2008 में सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में शुक्रवार को अदालत ने सजा का ऐलान कर दिया। बड़ा फैसला सुनाते हुए स्पेशल कोर्ट ने 49 में से 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश एआर पटेल की अदालत ने 49 अभियुक्तों में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। जबकि 11 दोषियों को उम्र कैद हुई है। खास बात यह है कि देश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में फांसी की सजा सुनाई गई है। बता दें कि पिछले साल सितंबर में 13 साल पहले हुए बम धमाकों के मामले में सुनवाई पूरी हो गई थी। विशेष कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान दर्ज किए गए 1100 गवाहों के बयान
13 साल चले इस मामले में की लंबी सुनवाई के दौरान प्रॉसीक्यूशन ने 1100 गवाहों के बयान दर्ज किए थे। वर्ष 2008 में हुए अहमदाबाद बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी।

 

वहीं दिसंबर 2009 से इस मामले में सुनवाई चल रही थी। विशेष जज एआर पटेल ने पिछले साल सितंबर में मामले की सुनवाई खत्म होने की घोषणा की थी, इसके बाद उन्होंने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया। बता दें कि 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद शहर में 70 मिनट के अंतराल पर कुल 21 बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी। जबकि करीब 200 लोग इस धमाके में घायल हुए थे। वहीं पुलिस ने दावा किया था कि, इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने इन बम धमाकों को अंजाम दिया। दरअसल इंडियन मुजाहिदीन को सिमी से जुड़ा संगठन बताया जाता है।