Friday, May 16, 2025
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उत्तराखंड में कोरोना के 103 केस, 3 मौत  

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देहरादून। उत्तराखंड में भले ही कोरोना केसों में कमी आई है लेकिन कोरोना मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। प्रदेश में सोमवार को कोरोना के 103 नए मरीज मिले और तीन संक्रमितों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या चार लाख 35 हजार से अधिक हो गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 7674 पहुंच गया है।
स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार सोमवार को अल्मोड़ा में दो, बागेश्वर में दो, चमोली में एक, चम्पावत में एक, देहरादून में 32, हरिद्वार में 17, नैनीताल में 17, पौड़ी में 15, रुद्रप्रयाग में एक, टिहरी में एक, यूएस नगर में 13 और उत्तरकाशी जिले में एक मरीज में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। देहरादून जिले के तीन अलग अलग अस्पतालों में भर्ती तीन मरीजों की मौत हो गई।
राज्य के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे व आईसोलेशन में रह रहे 626 मरीज इलाज के बाद डिस्चार्ज किए गए जिससे राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या महज 1069 रह गई है। सोमवार को राज्य के विभिन्न अस्पतालों की लैब से 7813 मरीजों की जांच रिपोर्ट आई जबकि 10 हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 1.3 प्रतिशत जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 96 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है। लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। सोमवार को राज्य में 18 हजार के करीब लोगों को कोरोना रोधी टीके की डोज लगाई गई।

 

संदिग्ध हालात में नाबालिग ने लगाई फांसी

ऋषिकेश। कोतवाली क्षेत्र में एक नाबालिग ने संदिग्ध हालात में पंखे से फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया है। कोतवाली पुलिस के मुताबिक सोमवार दोपहर चंद्रेश्वरनगर निवासी सतेंद्र पुत्र सुखाड़ी राम ने पंखे से फंदे पर लटककर जान दे दी। सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को नीचे उतारा और पंचनामा भरने के बाद पीएम के लिए एम्स भेज दिया है। त्रिवेणीघाट चौकी प्रभारी जगत सिंह ने बताया कि मृतक सतेंद्र यहां पर मजूदरी का काम करता था। वह अपने भाई के साथ ऋषिकेश में किराये पर रह रहा था। वह मूल रूप से चंपारण, बिहार का रहने वाला है। उसके पास से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पता चल पायेगा।

सर्दियों के मौसम के लिए उत्तराखंड के खूबसूरत ट्रैक

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उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री विश्व भर में प्रसिद्ध तो हैं ही इसके साथ यहां के विंटर ट्रैक साहसिक खेलों के शौकीनों के लिए पहली पसंद बन रहे हैं। जिस तरह उत्तराखंड की वादियों में सर्दियों में घूमने का अपना अलग ही मजा है, उसी तरह से यहां सर्दियों के मौसम में ट्रैकिंग करने का आनंद आपको किसी और रोमांचक गतिविधियों में नहीं मिल सकता। हिमालय की गोद में बसा हुआ उत्तराखंड सर्दियों में ट्रैकिंग के बहुत सारे विकल्प प्रदान करता है जो सफेद सफेद बर्फीले रास्ते और बर्फ की चादर ओढ़े हुए पहाड़ों के शानदार दृश्य से भरे होते हैं।

सर्दी के दौरान ट्रैकिंग करते हुए बीच में कई खूबसूरत वादियां, सौगान के पेड़ और खूबसूरत झरने और छोटे-छोटे गांव देखने को मिलते हैं। ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में आप प्राकृतिक सुंदरता के साथ ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं। राज्य के भीतर साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने को लेकर पर्यटन विभाग ने एक अलग से साहसिक विंग भी बनाया है। इस लेख के जरिए हम आपको उत्तराखंड के विभिन्न विंटर ट्रैक से रूबरू कराएंगे।उत्तराखंड की वादियों में सर्दियों में घूमने के लिए हैं खूबसूरत ट्रैक -  हिन्दुस्थान समाचार

केदारकांठा ट्रैक

 समुद्र तल से लगभग 12500 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारकांठा, गोविन्द पशु विहार नेशनल पार्क के अंतर्गत गढ़वाल हिमालय उत्तरकाशी, उत्तराखंड क्षेत्र में स्थित है। जौनसार-बावर क्षेत्र के सांकरी गांव से केदारकांठा ट्रैक की शुरुआत होती है। केदारकांठा शिखर पर चारों तरफ बर्फ से लदी पहाड़ियों का नजारा और पहाड़ियों तक पहुंचने वाले खूबसूरत रास्ते पर्यटकों को दूर-दूर से केदारकांठा आने के लिए आकर्षित करते हैं। केदारकांठा शिखर से सूरज उदय और सूरज डूबने का नजारा बहुत अद्भुत है जिसे देखने के लिए पर्यटक, सुबह और शाम को यहां पहुंचते हैं।

कैसे पहुंचे- केदारकांठा की यात्रा उत्तराखंड के सांकरी गांव से शुरू होती है। लेकिन आपको यहां पहुंचे के लिए सबसे पहले देहरादून पहुंचना पड़ेगा। देहरादून से सांकरी गांव की दूरी 196 किलोमीटर की है जिसे करने में आपको 10 से 11 घंटे का समय लगेगा। यह यात्रा छह दिन में पूरी होती है।

चंद्रशिला ट्रैक

 चंद्रशिला ट्रैक पंच केदार का तुंगनाथ मंदिर स्थित है। ट्रैक की शुरूआत रुद्रप्रयाग जिले के चोपता से होती है। सर्दियों के मौसम के अलावा ट्रैकिंग के शौकीन किसी भी मौसम में यहां आ सकते हैं। यह ट्रैक पर्यटकों के लिए प साल भर खुला रहता है। इस ट्रैक के जरिए आप दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर तक पहुंच सकते हैं जो तुंगनाथ में 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

 कैसे पहुंचे

 चंद्रशिला ट्रैक उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में चोपता गांव के पास है। चोपता गांव से 3 से 4 किलोमीटर का ट्रैक करके तुंगनाथ मंदिर पहुंचा जाता है जो कि पंच केदार में से एक केदार है। तुंगनाथ मंदिर से ऊपर 1 से 1.5 किलोमीटर का ट्रैक और करके चंद्रशिला शिखर तक पहुंचा जा सकता है।

क्वारी पास ट्रैक

 क्वारी पास ट्रैक की यात्रा जोशीमठ से शुरू होती है जो ट्रेकर्स और तीर्थयात्रियों का मुख्य केंद्र है। यहां कुछ जगहों पर आप दुर्लभ हिमालयी भालू या तेंदुए के पैरों के निशान भी देख सकते हैं। कुआरी दर्रे की सबसे अच्छी बात यह है कि आप हरे भरे घास के मैदानों के बीच डेरा डाल सकते हैं, जिसमें हिमालय के नज़ारों वाले विशाल हरे भरे चरागाह मौजूद हैं।

क्वारी पास ट्रैक कैसे पहुंचे

 क्वारी पास ट्रैक की यात्रा तीर्थ नगरी हरिद्वार से जोशीमठ तक शुरू होती है जोशीमठ की दूरी हरिद्वार से लगभग 265 किमी है। जिसके बाद जोशीमठ से चित्रकांठा जाया जाता है जिसकी कुल ऊंचाई लगभग 3,310 मीटर अथवा 10,857 फ़ीट है। अगली यात्रा चित्रकांठा से शुरू होती है जो ताली टॉप तक होती है। इस दिन का ट्रैक आपके पूरे ट्रैक में सबसे खूबसूरत होता है। यह ट्रैक कुल 4 किमी का है तथा इस ट्रैक की कुल ऊंचाई 11,070 फ़ीट है। अगली ट्रैक ताली टॉप से शुरू होकर क्वारी पास तक जाता है।

ब्रह्मताल ट्रैक

 ब्रह्मताल माउंट त्रिशूल और नंदा घुंटी, राजसी रूपकुंड ट्रेक के विहंगम दृश्य और राजसी बर्फ से ढकी चोटी को अपने कैमरे से कैद करने के पर्याप्त अवसर प्रदान करता है। ब्रह्मताल ट्रैक में सुंदर घाटियों, शांत बस्तियों, नदियों, और शंकुधारी, और ओक के जंगलों के मनभावन दृश्य देखने को मिलते हैं। सर्दियों के मौसम में यह पूरा क्षेत्र ही बर्फ से ढका हुआ होता है और हिमालय का एक अनोखा दृश्य भी पेश करता है।

कैसे पहुंचे

 ब्रह्मताल थराली व देवाल दो ब्लॉकों से पहुंचा जा सकता है। थराली ब्लॉक के कूनी-पारथा गांव तक निजी वाहन या फिर ट्रेकर से पहुंच कर वहां से 16-17 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर ब्रह्म ताल पहुंच सकते है। ब्रह्म ताल पहुंचने से पूर्व ट्रेक पहले भेंकल ताल पहुंचता है। यह भी ट्रैकिंग के लिए एक उपयुक्त स्थान है।

 

कैरी बैग का पैसा वसूलने वाले हो जाएं सावधान ! देना पड़ सकता है जुर्माना

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नई दिल्ली, देश में पॉलिथीन के उपयोग पर रोक लगने के बाद से ही उपभोक्ताओं से कैरी बैग के नाम पर अनावश्यक राशि की वसूली शुरू हो गई है। दुकानदार या फिर शॉपिंग मॉल में बिना ग्राहक को बताये उनके बिल में कैरी बैग के पैसे डालकर उनसे एक्स्ट्रा चार्ज किया जाता है। ऐसे में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कैरी बैग की राशि बिना बताए बिल में जोड़ देने को अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस माना है। आयोग इसे लेकर अब सख्त रुख आपने रही है। आयोग का मानना है कि उपभोक्ताओं के खरीद से विक्रेता या उत्पादक लाभ कमाते हैं इसलिए उनका दायित्व बनता है कि उपभोक्ताओं को सुविधा का ख्याल रखें। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें कैरी बैग के बदले में चार्ज वसूलने पर जुर्माना लगाया गया है। उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कैरी बैग का शुल्क लेने के लिए मुआवजे के तौर पर शिकायतकर्ता को मुआवजा भुगतान करने का आदेश दिया है। इस प्रैक्टिस को तुरंत प्रभाव से बंद करने को भी कहा जा रहा है।

कैरी बैग का चार्ज नहीं ले सकते दुकानदार

पिछले दिनों ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने प्लास्टिक के कचरे को कम करने और इस पर नियंत्रण करने के लिए प्लास्टिक निर्माता या उत्पादकों, प्लास्टिक पैकेजिंग का कचरा पैदा करने वाले ब्रांड्स की जवाबदेही को बढ़ाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। उत्पादकों की जिम्मेदारी को बढ़ाने वाले इन दिशा-निर्देश को सरकार ने तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा है। इसलिए आप अगर शॉपिंग करने जाते हैं तो कैरी बैग को लेकर पहले से ही सूचना ले लें। बिल भुगतान करते समय जांच जरूर लें कि कैरी बैग का तो चार्ज नहीं जोड़ा गया है। इसके साथ ही जीएसटी एवं अन्य टैक्स का भी जांच करें, क्योंकि एमआरपी के बाद किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगाया जा सकता है। बता दें कि नए कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट-2019 के मुताबिक रिटेलर अपनी कंपनी के लोगो का उपयोग किए बिना प्लास्टिक कैरी बैग के लिए शुल्क ले सकता है। मतलब रिटेलर पैसे ले कर सादा कैरी बैग बेच तो सकता है, लेकिन अगर कैरी बैग में कंपनी का लोगो बेचा जाता है तो उसकी मुफ्त में आपूर्ति की जानी चाहिए।

खास खबर : अब घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली खपत और दिनों के अनुसार ही देना होगा विद्युत मूल्य

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देहरादून, सामाजिक कार्यकर्ता चैन सिंह रावत ने नवंबर 2021 में विद्युत बिल को लेकर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में दस्तक दी, जिसका नतीजा यह हुआ कि घरेलू बिजली के बिल अब प्रतिदिन के आधार पर आएंगे। अब मासिक बिलिंग 25 से 35 दिन में और द्विमासिक बिलिंग 55 से 65 दिन में होगी। घरेलू बिलिंग के नए फार्मूले से कई उपभोक्ताओं के एनर्जी और फिक्स चार्जेस में आठ फीसदी तक की कमी आएगी। नए फार्मूले से घरेलू बिलिंग में एकरूपता आने के साथ ही उपभोक्ताओं को बिलिंग में अनियमितता से छुटकारा मिलेगा।

यूपीसीएल के मुख्य अभियंता (वाणिज्य) जीएस कुंवर ने फरवरी से प्रतिदिन के आधार पर बिलिंग करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय से ही घरेलू बिलिंग का त्रुटिपूर्ण फार्मूला होने से कई बार कम यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं को अधिक यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं से अधिक मूल्य चुकाना पड़ रहा था। जबकि कई मौकों पर 44 दिन में 325 यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ता को और 46 दिन में 351 यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं से 160 रुपये तक अधिक मूल्य चुकाना पड़ता था। वहीं 16 से 45 दिन में बिलिंग होने पर पूरे माह और 46 दिन में बिलिंग होने पर दो माह का पूरा फिक्स चार्ज देना पड़ता था, जिससे ऐसे उपभोक्ताओं को सालभर में 12 माह से अधिक का फिक्स चार्ज भी देना पड़ रहा था।

पिछले चार वर्षों से समाधान पोर्टल, सीएम पोर्टल और पीएमओ समेत कई मंचों पर समस्या उठा चुके सतपुली के सामाजिक कार्यकर्ता चैन सिंह रावत ने नवंबर 2021 में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर विद्युत नियामक आयोग के आदेश के बाद यूपीसीएल ने नया फार्मूला लागू किया है।
इस मामले को चैन सिंह रावत के आग्रह पर केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने भी दिसंबर 2021 के शीतकालीन सत्र में उठाकर विधानसभा अध्यक्ष से फॉर्मूला बदलने की मांग की थी। नए फार्मूले से उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज और एनर्जी चार्ज से हो रहे नुकसान और अनियमितता से छुटकारा मिल जाएगा। अब घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली खपत और दिनों के अनुसार ही मूल्य देना होगा।
समाजसेवी और शिकायतकर्ता चैन सिंह रावत ने कहा कि घरेलू बिजली बिलिंग की त्रुटिपूर्ण प्रणाली के चलते उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। यूपीसीएल ने इस मामले में की गई सभी शिकायतों पर लगातार गुमराह किया। लेकिन, अब उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के डंडे से घरेलू बिलिंग में हो रही अनियमितताओं से प्रदेश के 20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को निजात मिलेगी। अब आगे की लड़ाई पूर्व में अधिक मूल्य दे चुके उपभोक्ताओं को उनका पैसा वापस दिलाने की होगी, मुख्य अभियंता (वाणिज्य) यूपीसीएल जीएस कुंवर ने बताया कि फरवरी से प्रतिदिन के आधार पर बिलिंग करने के आदेश जारी कर दिए हैं। नए आदेश में द्विमासिक बिलिंग 55 से 65 दिन और मासिक बिलिंग 25 से 35 दिन के भीतर किए जाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे उपभोक्ता उच्च उपभोग वाले स्लैब में न जा सकें।

देश के कर्मचारियों के काम की खबर, नई पेंशन योजना लाने की तैयारी में सरकार

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नई दिल्ली, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) संगठित क्षेत्र के 15,000 रुपये से अधिक का मूल वेतन पाने वाले तथा कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (ईपीएस-95) के तहत अनिवार्य रूप से नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं। एक सूत्र ने कहा, ‘‘ईपीएफओ के सदस्यों के बीच ऊंचे योगदान पर अधिक पेंशन की मांग की गई है। अगर इस तरह का फैसला लिया जाता है तो देश के करोडो़ं कर्मचारियों को फायदा हो सकता है। इस प्रकार उन लोगों के लिए एक नया पेंशन उत्पाद या योजना लाने के लिए सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है, जिनका मासिक मूल वेतन 15,000 रुपये से अधिक है।’’

स्नसूत्र के अनुसार, इस नए पेंशन उत्पाद पर प्रस्ताव 11 और 12 मार्च को गुवाहाटी में ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में आ सकता है। बैठक के दौरान सीबीटी द्वारा नवंबर, 2021 में पेंशन संबंधी मुद्दों पर गठित एक उप-समिति भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। सूत्र ने बताया कि ऐसे ईपीएफओ अंशधारक हैं जिन्हें 15,000 रुपये से अधिक का मासिक मूल वेतन मिल रहा है, लेकिन वे ईपीएस-95 के तहत 8.33 प्रतिशत की कम दर से ही योगदान कर पाते हैं। इस तरह उन्हें कम पेंशन मिलती है। ईपीएफओ ने 2014 में मासिक पेंशन योग्य मूल वेतन को 15,000 रुपये तक सीमित करने के लिए योजना में संशोधन किया था। 15,000 रुपये की सीमा केवल सेवा में शामिल होने के समय लागू होती है। संगठित क्षेत्र में वेतन संशोधन और मूल्यवृद्धि की वजह से इसे एक सितंबर, 2014 से 6,500 रुपये से ऊपर संशोधित किया गया था। बाद में मासिक मूल वेतन की सीमा को बढ़ाकर 25,000 रुपये करने की मांग हुई और उसपर विचार-विमर्श किया गया, लेकिन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाई।

उद्योग के अनुमान के अनुसार, पेंशन योग्य वेतन बढ़ाने से संगठित क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी ईपीएस-95 के दायरे में आ सकते हैं। पूर्व श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने दिसंबर, 2016 में लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा था, ‘‘कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत ‘कवरेज’ के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 25,000 रुपये मासिक करने का प्रस्ताव ईपीएफओ ने पेश किया था, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ। सूत्र ने कहा कि उन लोगों के लिए एक नए पेंशन उत्पाद की आवश्यकता है जो या तो कम योगदान करने के लिए मजबूर हैं या जो इस योजना की सदस्यता नहीं ले सके हैं, क्योंकि सेवा में शामिल होने के समय उनका मासिक मूल वेतन 15,000 रुपये से अधिक था।

ऑनलाइन शराब बिक्री के नाम पर ठगी, पुलिस ने पोस्ट कर किया लोगों को आगाह

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देहरादून (रायवाला), पुलिस उप-महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद देहरादून द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को जनपद मे हो रहे साइबर अपराधों व क्षेत्र में हो रही आनलाइन ठगी की घटनाओं के संबंध में अपने अपने थाना क्षेत्रांतर्गत आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।
उक्त आदेश के अनुपालन मे थानाध्यक्ष महोदय रायवाला द्वारा सभी उ0नि0 गणों व चौकी प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र मे साइवर ठगी के संबंध मे आवश्यक कार्यवाही करने व क्षेत्र मे निवासरत लोगों को आनलाइन फ्राड की जानकारी देने के सबन्ध मे आदेश निर्देश दिये गये है ।

घटना का विवरण

आवेदक कृष्णकांत आनंद पुत्र स्व0 पन्ना लाल निवासी H.No102 JMD 7Haripur Kalan Dehradun द्वारा साइवर क्राइम थाना देहरादून मे दि0-15.02.22 को लिखित तहरीर दी गयी कि दिनांक 14.02.22 को जव वे रायवाला शराब (wine) लेने आये थे तो शराब की दुकान बंद होने पर उनके द्वारा आनलाइन
(google) पर वाइनशाप का न0 सर्च कर उक्त नम्वर से वात करने पर उनके द्वारा वताया गया कि ELECTION के कारण शराब की डिलीवरी आनलाइन की जायेगी । व आवेदक से एटीएम कार्ड की सारी डिटेल मांग ली l आवेदक द्वारा उसे अपने एटीएम कार्ड की सभी डिटेल व ओटीपी फोन पर शेयर कर दी गयी । जिस कारण आवेदक के खाते से कुल ₹57,575 /- निकाल लिये गये ।

आवेदक के दिये लिखित प्रा0पत्र पर साईवर थाना दे0दून मे शून्य मे FIR दर्ज की गयी जिसे थाना रायवाला पर मु0अ0सं0 – 48/22 धारा 420भा0द0वि0,66 डी आईटी एक्ट मे अपराध क्रमांक पर अंकित किया गया । जिसकी विवेचना प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश द्वारा की जा रही है ।

किसी भी ऑनलाइन शॉपिंग एप या वेबसाइट के जरिए कोई सामान खरीदने से पहले सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि साइबर ठगों ने इन्हीं माध्यमों को फायदा उठाते हुए ठगी शुरू कर दी है। पिछले दिनों शराब की होम डिलीवरी के नाम पर लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। यह लोग शराब की डिलीवरी करने के नाम पर लोगों को एक क्यूआर कोड भेजते थे और जैसे ही खरीदार उस कोड का इस्तेमाल करता था उसके अकाउंट से पैसे गायब हो जाते हैं। इसके चलते यूपी पुलिस ने ट्वीट और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसे ठगों से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है।

साइबर एक्सपर्ट अमित कुमार के मुताबिक साइबर ठग गूगल व फेसबुक पेज पर ऑन लाइन सामान बिक्री का विज्ञापन देते हैं। जैसे ही कोई खरीदार उन्हें फोन करता वह डिलीवरी के नाम पर पैसे के भुगतान के लिए एक क्यूआर कोड भेजते हैं। जिसके स्कैन करते ही खाते से पैसे कटने शुरू हो जाते हैं। जब तक खाता खाली नहीं हो जाता।

मुख्यमंत्री ने किया निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण

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हरिद्वार 21 फरवरी (कुलभूषण ) प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हरिद्वार पहुच जगजीतपुर में निर्माणाधीन मेडिकल कालेज और अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होने मौके पर निर्माण ऐजेन्सी के अधिकारियो से कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री कहा कि निर्माण कार्य में गुणवक्ता का पुरा ध्यान रखा जाये।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 तक मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य पूरा कराने का लक्ष्य है। 2024 तक यह पूरी तरह से अस्तित्व में आ जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनने जा रही है। 10 मार्च को चुनाव नतीजों के बाद परिणाम आने वाले है प्रदेश की जनता ने भाजपा को अपना आर्शीवाद दिया है। उन्होंने पार्टी में किसी भी तरह की नाराजगी होने से इनकार किया। और सभी लोगों से अपनी बात को पार्टी फोरम पर रखने की बात कही है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश़्वरानंद सीएमओ डॉक्टर खगेंद्र सिंह भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ जयपाल सिंह चौहान पूर्व मेयर मनोज गर्ग आदि मौजूद रहे।

 

मुख्यमंत्री ने स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज से की भेंट

हरिद्वार 21 फरवरी (कुलभूषण) हरिद्वार प्रवास के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कनखल स्थित हरिद्वार आश्रम पहुचे तथा उन्होने जूना अखाडे के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज से मुलाकात कर उनका आर्शीवाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरि स्वामी कैलाशानन्द गिरि आई डी शास्त्री उपस्थित रहे।May be an image of 3 people, people standing and people sitting

आरटीआई में हुआ खुलासा : बाल कल्याण समिति विभाग में सदस्य के लिए आवेदन करने वाले को बना डाला अध्यक्ष

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रुद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड़ के रुद्रप्रयाग जनपद में सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी गड़बड़ झाला सामने आया, सत्तारूढ़ भाजपा शासन के अंतिम दौर में विभिन्न संवैधानिक पदों पर की गई नियुक्तियों में मानकों की अनदेखी किए जाने के मामले सामने आ रहे हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारियां होश उड़ा देने वाली है। अपने चहेतों को लाभ पहुँचाने का एक ऐसा ही मामला रुद्रप्रयाग जनपद में भी किया गया है, जिसका खुलासा आरटीआई में जानकारी मांगने के बाद हुआ है।

आरटीआई एक्टिविस्ट श्याम लाल सुंदरियाल ने बताया कि, निदेशालय महिला कल्याण विभाग से जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य पद के लिए अभ्यर्थियों के आवेदन की सूची सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई थी।

इसके अलावा चयनित जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व उनके समस्त दस्तावेजों के साथ ही शैक्षणिक योग्यता एवं अर्हता से जुड़े प्रमाण पत्र की भी जानकारी मांगी गई थी। लेकिन जो जानकारी निदेशालय से प्राप्त हुई, वह हैरान करने वाली है।

उन्होंने बताया कि, सूचना का अधिकार अधिनिनियम के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, जिस व्यक्ति ने बाल कल्याण समिति के सदस्य पद के लिए आवेदन किया था। उस व्यक्ति को बाल कल्याण समिति का अध्यक्ष बना दिया गया है। जबकि यह व्यक्ति शैक्षणिक योग्यता के साथ ही अनुभवविहिन है। अनुभव के आधार पर यह नियुक्ति मिल पाना असंभव है। बावजूद इसके इस पद में बड़ा खेल करके उक्त व्यक्ति को अध्यक्ष पद पर चयनित किया गया, जो सरासर गलत है। इसकी जांच होनी आवश्यक है।
गौरतलब हो कि बाल कल्याण समिति में अध्यक्ष एवं सदस्य पद के लिए वर्ष 2019 में आवेदन मांगे गए थे। लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई।

इसके बाद नवंबर 2021 में आवेदन पत्रों पर कार्रवाई शुरू की गई तो डॉ. हेमावती पुष्पवाण एवं बलवंत सिंह रावत ही अध्यक्ष पद के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन उपस्थित हो पाए। जबकि अन्य लोगों ने सदस्य पद के लिए आवेदन किया।

उन्होंने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए 7 व सदस्य पद के लिए कुल 12 लोगों ने आवेदन किया था। इसमें जिस व्यक्ति को जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष पद पर नामित किया गया है, उसने सदस्य पद के लिए आवेदन किया था और जानकारी में यह बताया कि, उक्त व्यक्ति के अनुभव व समिति के सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत तौर पर उनका चयन अध्यक्ष पद के लिए किया गया है। जो लोग अनुभवी थे, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

अध्यक्ष पद पर सदस्य के लिए आवेदन करने वाले को चयनित किया गया है। जिन्होंने अनुभव प्रमाण पत्र में स्वयं जिस स्कूल में वे प्रधानाध्यापक हैं। वहां का प्रमाण पत्र लगाया है। इसके अलावा युवक मंगल दल का अनुभव लगाया है, जो मान्य ही नहीं है। आवेदन पत्र में 7 वर्ष का अनुभव मांगा गया था।

जबकि शैक्षिक योग्यता मनोविज्ञान, मनो चिकित्सक, समाजिक विज्ञान, सामाजिक कार्य एव विधि मांगी गई थी। लेकिन मानकों को दरकिनार करते हुए जिस व्यक्ति ने अर्थशास्त्र से एमए किया है और अनुभव भी 6 वर्ष का लगाया गया है, उसे ही अध्यक्ष पद पर चयनित किया गया।

बताया कि इस पद में चयनित किए गए व्यक्ति का अनुभव प्रमाण पत्र के साथ ही शैक्षिक योग्यता भी गलत है। ऐसे में उक्त व्यक्ति का चयन किया जाना सवाल खड़े कर रहा है। इसके अलावा आचार संहिता से ठीक चार दिन पहले नियुक्ति देना भी अपने आप में सवालों के घेरे में है। उन्होंने जिलाधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनिता अरोड़ा ने कहा कि, ये नियुक्तियां निदेशालय स्तर पर हुई हैं, जिनकी कार्रवाई निदेशालय स्तर से ही की जाएगी।

हिलदारी आंदोलन और सिविल हॉस्पिटल की ओर से आयोजित किया गया पर्यावरण मित्र स्वास्थ्य शिविर

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मसूरी। नगर पालिका परिषद मसूरी, कीन, हिलदारी, उप जिला चिकित्सालय के संयुक्त प्रयास से उप जिला चिकित्सालय में तीन दिवसीय पर्यावरण मित्र स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। मसूरी में शहर को साफ रखने वाले पर्यावरण मित्र एवं कचरा चुनने वालों के जीवन स्तर में सुधार करने के लिए स्वास्थ्य शिविर में उनका ब्लड ग्रुप, टेंपरेचर, पल्स, वेट, हाइट, बीपी, शुगर, स्किन संबंधित, हेपेटाइटिस, एचआईवी, ओरल हाइजीन, कोविड वैक्सीन, न्यूट्रिशन एडवाइस, इत्यादि का निःशुल्क जांच की गई। स्वास्थ्य शिविर को सफल बनाने में उप जिला चिकित्सालय से सीएमएस डा. यतेंद्र सिंह व वरिष्ठ चिकित्सक डा. प्रदीप राणा द्वारा पैनल का गठन किया गया जिसमे डा. केएस चौहान, डा. अमृता, डा. स्वाति, डॉ. मेघा ,डॉ वीरेंद्र पागंती, डॉक्टर शैली सिंह, डॉ अमृता, सिस्टर इंचार्ज अलविना फ्रांसिस, डॉ बीना सिंह, डॉ भारती, डॉ मनीषा मौजूद ने पर्यावरण मित्रों की विभिन्न जांचे की। स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आभास सिंह ने किया। इस मौके पर हिलदारी के प्रोजेक्ट प्रबंधक अरविंद शुक्ला ने बताया कि इस शिविर में तीन दिनों के अंदर करीब 200 से अधिक पर्यावरण मित्रों का स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड बनाया जा रहा है जिसमें सारी जांचे एक स्वास्थ्य डायरी में लिखी जा रही है। ताकि कभी भी किसी को परेशानी हो तो उसके उपचार में यह काम आये व उनके उपचार में विलंब न हो। वरिष्ठ चिकित्सक डा. वीरेंद्र पांगती ने बताया कि नगर पालिका से पत्र आया था कि हिलदारी शहर के सभी पर्यावरण मित्रों, कूड़ा बिनने वालों का संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण करवाना चाहता है जिस पर उन्हें तीन दिन का समय दिया गया व सभी जांचे निःशुल्क की जा रही हैं तथा जिनमें कोई रोग पाया जा रहा है उसका उपचार भी निःशुल्क किया जायेगा।

 

मसूरी। छावनी परिषद स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय मलिंगार में छावनी परिषद की ओर से छावनी के मुख्य अधिशासी अधिकारी अभिषेक राठौर ने विद्यालय में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को छावनी परिषद की ओर से टेªक सूट वितरित किए वही कहा कि विद्यालय के सभी गरीब बच्चों को शीघ्र छावनी परिषद जूते भी उपलब्ध करायेगा।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय मलिंगार में आयोजित एक कार्यक्रम में छावनी परिषद लंढौर के सीईओ अभिषेक राठौर ने विद्यालय में पढ़ने वाले सभी गरीब बच्चों को ट्रेक सूट वितरित किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज का दिन विशेष है क्यों कि देहरादून क्लेमेंट टाउन छावनी परिषद के विद्यालय में भी करीब 6सौ बच्चों को टेªक सूट वितरित किए गये। उन्होंने कहा कि हालांकि यह स्कूल राज सरकार के आधीन है लेकिन छावनी परिषद में होने के कारण छावनी एक्ट में प्रावघान है कि छावनी में पड़ने वाले विद्यालयों की मदद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों के पास जूते भी नहीं है इसलिए उन्हें शीघ्र जूते भी उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने विद्यालय के प्रधानााचार्य से कहा कि स्कूल को जिस तरह की भी जरूरत हो या कोई कमी लग रही हो तो उसमें छावनी परिषद की ओर से पूरा सहयोग किया जायेगा। इस मौके पर उन्होंने शिक्षकों को अनुरोध किया कि विद्यालय में बच्चों की संख्या बढाने के साथ ही स्तरीय शिक्षा देकर उनका भविष्य बनाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि ये बच्चे ही देश का भविष्य हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय मंे पढ़ने वाले बच्चों के लिए टेªक सूट देने की मांग पूर्व सभासद पुष्पा पडियार ने की थी जिसे पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि छावनी परिषद विद्यालय का पूरा सहयोग करेगी क्यों कि भले ही विद्यालय राज्य सरकार का हो लेकिन वहां पढने वाले बच्चे छावनी परिषद के निवासियों के हैं। इस मौके पर पूर्व सभासद पुष्पा पडियार ने कहा कि छावनी परिषद में जब से सीईओ अभिषेक राठौर आये है तब से पता चला कि ऐसे भी अधिकारी होते हैं। उन्होंने छावनी परिषद क्षे़त्र के विकास में जो सहयोग दिया इससे पूर्व किसी ने नहीं दिया। उन्होंने विकास के साथ ही छावनी की आर्थिकी बढाने में भी अच्छा कार्य किया है। उन्होंने कहा कि स्कूल में बच्चों की संख्या बढाई जाने का प्रयास किया जायेगा वहीं सीईओं ने भरोसा दिया है कि वह विद्यालय के सुधार में सहयोग करेंगे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक परविंद्र रावत ने किया व धन्यवाद प्रधानाचार्य उदित शाह ने दिया। इस मौके पर छावनी परिषद के कार्यालय अधीक्षक सिकंदर, अवर अभियंता शशांक चौहान आदि भी मौजूद रहे।

छावनी में बनाया जायेगा देश का पहला इलेक्टिक व्हीकल हिलस्टेशन 

मसूरी। छावनी क्षेत्र में लगातार जाम लगने से जो परेशानी आम जनता व वाहनों को हो रही है उसे छावनी परिषद ने गंभीरता से लिया है और इसके समाधान के लिए प्लान बनाया है। जिसके तहत लंढौर छावनी को देश का पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हिलस्टेशन बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है साथ ही मल्टी लेवल पार्किंग भी बनायी जायेगी। छावनी परिषद के सीईओ अभिषेक राठौर ने बताया कि लंढौर छावनी क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ रहा है तथा एक नया डेस्टिनेशन बन गया है। जिसके कारण बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से रोड पर जाम लगा रहता है। रोड संकरी होने के कारण इससे निजात पाने के लिए छावनी परिषद ने गंभीरता से मंथन किया है और इससे निजात दिलाने का प्लान तैयार किया है जिसके तहत छावनी परिषद लंढौर को देश का एकमात्र पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हिल स्टेशन बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिसके तहत देश की कई इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियांे को प्रजेंटेशन के लिए बुलाया गया है जिसमें दो कंपनियों ने अपना प्रजंटेशन दिया है। उसके टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। जो यहां आकर रोड व चढाई को देखकर उस हिसाब से व्हीकल तैयार करेंगे। शीघ्र ही इसका डेमो एक कंपनी द्वारा दिया जाने वाला है। उन्होंने बताया कि छावनी में एक मल्टीलेवल पार्किग के निर्माण की दिशा में भी प्रयास किया जा रहा है जिसके लिए कई स्थानों को चयनित किया गया है जिसके लिए पेयजल निर्माण निगम को इसकी डीपीआर बनाने को कहा गया है। उनकी पूरी टीम पहले निरीक्षण कर चुकी है और सौ वाहनों की पार्किग को फाइनल किया गया है। इसी कड़ी में उनकी एक टीम आज मसूरी आ रही है जिनके साथ उन्हें भी निरीक्षण करना है। हो सकता है कि बहुत शीघ्र यह प्रपोजल फाइनल कर इसके वित्तीय अनुदान के लिए भारत सरकार को भेजेंगे ताकि इसका कार्य शुरू किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि छावनी परिषद क्षेत्र में कई कैफे उच्च स्तर के आ रहे हैं जिसमे छावनी परिषद ने अपनी संपत्ति को ऑक्सशन किया है जिसमें अच्छे नामी कैफे आ रहे है। लेकिन इसमें विशेष ध्यान इस पर दिया जायेगा कि यहां के पर्यावरण को देखते हुए उससे छेड़छाड न हो। तथा उसका बहुत अधिक व्यावसायी करण न करें उसके साथ ही उन्हें प्रापर्टी दी जा रही है। क्यों कि यह प्राकृतिक सौदर्य से भरपूर क्षेत्र है जिसमें अभी कोई छेडछाड नहीं की गई है। पर्यटक यहां आकर उसका आनंद ले पर्यटकों को सुविधा मिले। इस मौके पर छावनी की पूर्व सभासद पुष्पा पडियार, छावनी के कार्यालय अधीक्षक सिकंदर, जेई शशांक चौहान आदि मौजूद रहे।

चारा घोटाला के दोषी लालू यादव को 5 साल की सजा…60 लाख जुर्माना,

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डोरंडा कोषागार से अवैध न‍िकासी मामले में दोषी ठहराए गए ब‍िहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू यादव को आज सीबीआइ की व‍िशेष अदालत ने 5 साल की सजा सुना दी है। 60 लाख जुर्माना लगाया गया है। अनुमान के मुताबिक आज सोमवार को दोपहर करीब 2 बजे सजा की घोषणा की गई। लालू यादव के अलावा चारा घोटाला के इस बड़े मामले में 37 अन्‍य दोष‍ियों को भी सजा सुनाई गई है।सीबीआई के जज एस के शशि ने इन दोषियों को सजा सुनाई। इससे पूर्व सभी दोषियों ने ऑनलाइन कोर्ट में हाजिरी लगाई। लालू प्रसाद यादव इस समय रांची र‍िम्‍स में इलाजरत हैं। यहां पर होटवार जेल प्रशासन की ओर से उन्‍हें एक लैपटाप उपलब्‍ध कराया गया था। इसी लैपटाप के सहारे लालू यादव ने अपनी सजा सुनी। सजा सुनाए जाने से पहले लालू प्रसाद की ओर से उनके वकील प्रभात कुमार ने अदालत में बहस की। उन्होंने कहा कि लालू यादव की उम्र 75 साल हो गई है। लालू को कुल 17 तरह की बीमारियां है। बीपी और शुगर का भी हवाला दिया। अदालत से उन्होंने कम से कम सजा देने की मांग की। उधर सीबीआई के वकील ने बहस करते हुए सभी दोषियों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग की।
जानिए- किसे कितनी सजा, कितना जुर्माना

लालू यादव को पांच साल की सजा 60 लाख जुर्माना,
मोहम्मद सईद- पांच साल सजा एक करोड़ पचास लाख जुर्माना,
जगमोहन लाल-चार साल सजा एक करोड़ जुर्माना,
आरके राणा-पांच साल की सजा,
त्रिपुरारी मोहन प्रसाद-पांच साल की सजा, दो करोड़ जुर्माना
उल्लेखनीय है कि चारा घोटाला के इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने कुल 40 दोषियों को सजा सुनाई है। जिन लोगों को वारंट जारी हुआ था, वे लोग भी आज अदालत पहुंचे थे। इस फैसले की सबसे बड़ी बात यह है, कि अधिकतम सजा पांच साल और अधिकतम जुर्माना दो करोड़ रुपये सुनाया गया है। अधिकतम सजा पाने वालों की सूची में लालू प्रसाद यादव, मोहम्मद सईद, आरके राणा और त्रिपुरारी मोहन प्रसाद शामिल हैं। वहीं अधिकतम जुर्माना जिस दोषी पर लगाया गया है वह त्रिपुरारी मोहन प्रसाद हैं।
लालू यादव ने रांची रिम्स में लैपटाप पर सुनी सजा

उधर, जेल प्रबंधन ने होटवार जेल में भी पुख्‍ता प्रबंध कर रखा था। वहां वीड‍ियो कांफ्रेंस‍िंंग रूम में बारी-बारी सभी दोषी पेश क‍िए गए। सीबीआई अदालत ने उन्‍हें सजा सुनाई। वहीं लालू यादव ने रांची रिम्स के पेइंग वार्ड में सजा सुनी। मालूम हो क‍ि 15 फरवरी को सीबीआइ अदालत ने इन सभी को चारा घोटला मामले में दोषी ठहराया था। 15 फरवरी को अदालत ने 35 अभ‍ियुक्‍तों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी। वहीं, 24 अभ‍ियुक्‍तों को कोर्ट ने बरी कर द‍िया था। शेष दोषियों को आज सजा सुनाई गई।

जज एसके शशि ने सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी कर ली है

इससे पहले सीबीआई कोर्ट के जज एसके शशि ने सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी की। कई लोगों की ओर से कहा गया कि इस मामले में ट्रायल 26 साल तक चला है जो अपने आप में एक सजा है। वही बीमारी और उम्र के कारण लोगों पर अदालत रहम करते हुए कम से कम सजा सुनाए। लालू यादव की ओर से अधिवक्ता देवर्षि मंडल और प्रभात कुमार ने अदालत को बताया कि लालू की उम्र 75 साल हो गई है और उन्हें 17 तरह की बीमारियां हैं। बीपी और शुगर हमेशा बढ़ा रहता है। एक अन्य बीमारी है जिसके चलते उनका अंग सुना पड़ जाता है। इसलिए उन्हें कम से कम सजा दी जाए।