Sunday, May 11, 2025
Home Blog Page 1067

अमूल के बाद अब मदर डेयरी ने भी बढ़ाए दूध के दाम, जानें क्‍या होगी एक लीटर दूध की कीमत

0

नई दिल्‍ली, एएनआइ। अमूल के बाद अब मदर डेयरी (Mother Dairy) ने भी दूध की कीमतें बढ़ा दी हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में अब ग्राहकों को मदर डेयरी के एक लीटर दूध के लिए दो रुपये अधिक चुकाने होंगे। दूध की बढ़ी कीमतें 6 मार्च 2022 यानी रविवार से प्रभावी होंगी। कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे कंपनी ने लागत बढने का हवाला दिया है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि किसानों ने दाम बढ़ा दिए हैं। पैकेजिंग सामग्री और ईंधन की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है जिससे लागत में इजाफा हुआ है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि लागत बढ़ने से समानांतर दूध की कीमतें भी बढ़ानी पड़ रही हैं। नई कीमतें दूध के सभी वैरिएंट पर लागू होंगी। कंपनी ने कहा है कि बीते छह महीनों से इनपुट कास्‍ट में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है… फ‍िर भी हमने उपभोक्‍ताओं के लिए कीमतें स्थिर रखी हैं। कंपनी की ओर से दिल्‍ली-एनसीआर के अलावा देश के अन्‍य हिस्‍सों में भी कीमतों में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं। कंपनी ने कहा है कि हरियाणा, पश्चिमी यूपी और उत्‍तराखंड में भी दूध की कीमतों को लेकर समीक्षा की जा रही है। कंपनी की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक अब एक लीटर फुल क्रीम दूध की कीमत 59 रुपए जबकि इतनी ही मात्रा के टोन्‍ड दूध की कीमत 49 रुपये होगी।

 

वहीं एक लीटर डबल टोन्‍ड दूध की कीमत 43 रुपये होगी। एक लीटर गाय के दूध की कीमत 51 रुपये जबकि आधा लीटर वाले सुपर टी-मिल्‍क की कीमत 27 रुपये होगी। मालूम हो कि हाल ही में अमूल की ओर से भी दूध की कीमतों में इजाफा किया गया था। अमूल ने भी दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया था। जाहिर है इससे आम आदमी की जेब पर और ज्‍यादा बोझ बढ़ेगा।

डीजीपी अशोक कुमार ने की सभी जनपदों और परिक्षेत्र प्रभारियों के साथ समीक्षा बैठक

0

देहरादून। उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने सभी जनपदों और परिक्षेत्र प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की गई।  इस दौरान डीजीपी ने पिछले महीनों से मुख्यालय स्तर से चलाये जा रहे विभिन्न अभियानों के संबंध में अधिकारियों से फीडबैक लिया।  साथ ही मतगणना को लेकर अधिकारियों को महत्त्वपूर्ण निर्देश भी दिये हैं। बैठक में लावारिश वाहनों के निस्तारण के संबंध में जनपदों की समीक्षा में पाया गया कि लावारिश वाहनों के निस्तारण में ज्यादा सफलता नहीं मिली है। ऐसे में डीजीपी ने आपत्ति व्यक्त करते हुए भविष्य में इस पर जनपद प्रभारियों के अतिरिक्त परिक्षेत्र स्तर भी ध्यान देने के निर्देश दिये हैं।  साथ ही इनामी अपराधियों गिरफ्तारी न होने पर उनकी इनामी राशि तो बढ़ाई गई लेकिन जनपदों की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।  ऐसे में डीजीपी ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही डीजीपी ने अज्ञात शवों की शिनाख्त संबंधी अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।  साथ ही 1930 का प्रचार-प्रसार अधिक से अधिक कर जनता को साइबर अपराधों के संबंध में जागरूक करने के लिए कहा है कि ताकि लोग साइबर ठगी से बच सकें। ट्रैफिक चालान करने में ई-चालान मशीन का प्रयोग अधिक से अधिक किया जाए। साथ ही 10 मार्च को मतगणना के मद्देनजर चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन करते हुए सुरक्षा व्यवस्था के लिए सभी तैयारियां पहले से ही पूरी करने के निर्देश दिए हैं।  इसके साथ ही डीजीपी ने आगामी त्योहारों के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देशित किया है और अभियानों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

उत्तराखंड में कोरोना के 48 नए केस

0

देहरादून। उत्तराखंड में  बीते 24 घंटे के भीतर कोरोना के 48 नए मरीज मिले हैं।  ऐसे में एक्टिव केसों की संख्या 537 हो गई है।  वहीं, 48 मरीजों ने कोरोना को मात दी है. पिछले 24 घंटे में किसी भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है।  प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 0.71% है.उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, एक जनवरी 2022 से लेकर अभीतक प्रदेश में 91,591 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 87,581 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 95.62% है वहीं, अब तक 268 मरीजों की मौत हुई है। पिछले 24 घंटे का आंकड़ाः जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा देहरादून में 17 कोरोना मरीज मिले हैं. वहीं, चंपावत में 3, हरिद्वार में 10, नैनीताल में 2, पौड़ी गढ़वाल में 1, पिथौरागढ़ में 1, रुद्रप्रयाग में 4, टिहरी गढ़वाल में 3 और उत्तरकाशीमें 3 नए संक्रमित मिले हैं।
वैक्सीनेशन: प्रदेश में शनिवार को 11,443 लोगों का कोविड वैक्सीनेशन हुआ है। अभी तक कुल 79,39,510 लोग फुल वैक्सीनेट हो चुके हैं। वहीं, 3 जनवरी से शुरू हुए 15 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण में अभी तक 2,67,297 बच्चों को फुल वैक्सीनेट किया गया है।  जबकि 4,66,697 बच्चों को पहली डोज लग चुकी है।

भारतीय संस्कृति एवं समाज सदैव श्री गुरु तेग बहादुर जी का ऋणी रहेगा

0

(अतुल अग्रवाल)

हल्द्वानी, श्री राम लीला मैदान हल्द्वानी में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 में प्रकाश पर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सानिध्य में एक कार्यक्रम आहूत किया गया | कार्यक्रम में सरदार नरेंद्रजीत सिंह कोहली पूर्व अध्यक्ष गुरुद्वारा सिंह सभा कार्यक्रम अध्यक्ष रहे, सरदार हरविंदर सिंह कुकरेजा के द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि विश्व इतिहास में धर्म एव मानवीय मूल्यों आदर्शों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान अद्वितीय है | मुगल शासक औरंगजेब के तमाम जुल्मों के बावजूद गुरु जी ने इस्लाम धर्म कबूल नहीं किया और अपना शीश कटवाना मंजूर किया वनवासी कल्याण आश्रम के प्रान्तीय अध्यक्ष सुरेश पांडे ने गुरु तेग बहादुर जी को भारतीय संस्कृति का रक्षक क्षमाशील परोपकारी पराक्रमी मार्गदर्शक बताया, उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं समाज सदैव श्री गुरु तेग बहादुर जी का ऋणी रहेगा |

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय समाज सेवक संघ के जिला अध्यक्ष व संचालक डॉ नीलांबर भट्ट, नगर संचालक विवेक कश्यप ,कमल कपिल, गोदान, तनुज गुप्ता, कमलेश, अतुल अग्रवाल, पंकज क्षति गिरीश तिवारी अशोक आर्य सैकड़ों लोग उपस्थित रहे |

8 और 9 मार्च को आयोजित होगा वसंतोत्सव, उत्तराखंड को एक पुष्प प्रदेश बनाए जाने का प्रयास

0

देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल (रिटा.) लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा इस वर्ष 8 और 9 मार्च को आयोजित होने वाले वसंतोत्सव में कई प्रकार के नए प्रयोग किये जा रहे हैं। इस वर्ष वसंतोत्सव वसंत, संत और उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इसके साथ ही प्रयास रहेगा कि उत्तराखंड को एक पुष्प प्रदेश बनाया जाए। क्योंकि इस देवभूमि में स्वयं प्रकृति ने इतने सुंदर पुष्प दिए हैं। अब आवश्यकता है कि उनको इकोनॉमी से जोड़ा जाए। राज्यपाल लेफ्टिनेंटजनरल गुरमीत सिंह ने कहा आज प्रदेश में 609 हेक्टेयर भूमि पर फूलों का उत्पादन होता है। आज प्रदेश में 250 करोड़ रुपए का फूलों का व्यापार होता है, जिसे वसंतोत्सव के माध्यम से अब बढ़ाने का प्रयास जारी है। जल्द ही इसको नया मुकाम मिलेगा। डाक विभाग की ओर से वसंतोत्सव में जो डाक टिकट जारी किया गया है, उस पर यमुना तुलसी का चित्रण किया गया है।

यह यमुना तुलसी यमुनोत्री धाम में यमुना जी को अपर्ण की जाती हैं। राज्यपाल ने कहा कि इसके साथ ही पहली बार बच्चों के लिए भी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। उद्यान विभाग की ओर से एक बुकलेट भी बनाई गई है। वहीं, इस थीम के साथ वसंतोत्सव में प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा कि क्या आप जानते हैं, अपने पुष्पों के बारे में? वसंतोत्सव में 12 प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। जिसमें अलग-अलग केटेगरी निश्चित की गई है। साथ ही 153 पुरस्कार वितरित किए जाएंगे.उन्होंने बताया कि वसंतोत्सव में 30 विभाग प्रतिभाग करेंगे। इसके साथ ही केंद्रीय संस्थान और नगर निगम देहरादून भी विशेष रूप से प्रतिभाग करेंगे। वसंतोत्सव में जैविक खेती से बने उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण हेतु प्रभावी कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के लिए सेमिनार आयोजित किया जाएगा: राज्यपाल

0

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से०नि०) ने कहा कि में शीघ्र महिला सशक्तीकरण पर एक सेमिनार आयोजित किया जाएगा, जिसमें उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण हेतु प्रभावी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि ) की पहल पर राजभवन उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के जीवन एवं संघर्ष पर हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में दो शोधपरक पुस्तकों के लेखन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी वर्ष यह पुस्तकें राजभवन से प्रकाशित की जाएंगी।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से०नि०)की पहल पर ही राजभवन की त्रैमासिक पत्रिका नंदा का विमोचन आगामी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किया जाएगा। यह पत्रिका उत्तराखंड की महिलाओं के संघर्ष को समर्पित की गई है। शनिवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि ) ने राजभवन में उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने हेतु महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव हरी चंद्र सेमवाल, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया, संस्कृति निदेशक सुश्री बीना भट्ट , राजभवन की महिला अधिकारियों, उत्तराखंड की प्रतिष्ठित महिला लेखिकाओं, पत्रकारों तथा महिला समाज सेवकों व कार्यकर्ताओं की बैठक ली। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से०नि०) ने कहा कि महिला सशक्तीकरण मात्र 8 मार्च के दिन तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह एक मिशन है। उन्होंने कहा कि वास्तव में महिला सशक्तीकरण हेतु सोच विचार के क्षेत्र में क्रांति की जरूरत है। राज्य में महिला सशक्तीकरण तथा बालिका शिक्षा हेतु सरकारी तथा सामाजिक एवं निजी प्रयासों का एकीकरण आवश्यक है। महिलाएं ही समाज तथा देश में परिवर्तन ला सकती हैं, यदि उन्हें अवसर प्रदान किए जाए।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं का समाज एवं राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन उत्तराखंडी महिलाओं को उनके संघर्ष तथा योगदान का उचित श्रेय नहीं दिया गया है। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूह क्रांतिकारी कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए प्रयास होने चाहिए। स्वयं सहायता समूह के उत्पादों को बेहतर मार्केटिंग, एडवर्टाइजमेंट तथा अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के रूप में स्थापित किए जाने की जरूरत है। राज्य में एमएसएमई, डायरेक्ट टू बैंक तथा माइक्रोफाइनेंस के माध्यम से स्वयं सहायता समूहो को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं को लीडरशिप में हिस्सेदारी मिलनी भी जरूरी है, उन्हें सभी क्षेत्रों में नेतृत्व करने हेतु प्रोत्साहित करना होगा। राज्य में अधिक से अधिक महिलाओं को निर्णायक पदों पर होना चाहिए। डिसीजन मेकिंग में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होनी चाहिए। राज्य में महिलाओं की नीति निर्माण में भागीदारी बढ़नी चाहिए।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से०नि०)ने उपस्थित अधिकारियों तथा महिला लेखकों व पत्रकारों को महिला सशक्तिकरण पर एक ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी महिला सशक्तीकरण की अवधारणा को सशक्त किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर वित्त नियंत्रक राजभवन डा। तृप्ति श्रीवास्तव, लेखिका बीना बेंजवाल, हरविंदर नोनी बग्गा, अंजलि नौडियाल, स्पाइस मेके संस्था से राधा, सामाजिक कार्यकर्ता विद्या चटर्जी, अन्य राजभवन अधिकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

सेवा अधिनस्थ चयन आयोग : एलटी के 1431 पदों पर कोर्ट ने लगाई रोक

0

देहरादून, सेवा अधिनस्थ चयन आयोग के द्वारा 1431 एलटी के पदों पर कोर्ट के द्वारा रोक लगा दी गई है। आपको बता दें कि आयोग के द्वारा सहायक अध्यापक यानी कि एलटी के पदों को लेकर रिजल्ट जारी कर दिया गया था, जिसके तहत 9 मार्च से लेकर और 23 मार्च के बीच चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन भी होना था।

लेकिन कोर्ट ने आयोग की भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। आयोग के द्वारा जानकारी दी गई है कि 9 मार्च से लेकर 23 मार्च के बीच जिन चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन होना था उस पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर आयोग ने यह फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक फिजिकल एजुकेशन यानी कि व्यायाम शिक्षक के अभ्यर्थी के द्वारा कोर्ट में किसी सवाल को लेकर मामला दायर किया गया था, जिसके बाद कोर्ट के द्वारा पहली सुनवाई में ही पूरी भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।

भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाए जाने से जिन चयनित अभ्यार्थियों को जल्द रोजगार मिलने की आस जगी थी फिलहाल उस पर भी ब्रेक लग गया। वही बात अगर भर्ती प्रक्रिया की करें तो कला विषय की भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगी हुई थी लेकिन अब पूरी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लग गई है।

गंगोत्री से बंगाल तक निकला गंगा साइकिल अभियान दल का तीर्थनगरी में हुआ स्वागत

0

ऋषिकेश, गंगोत्री से बंगाल तक निकला गंगा साइकिल अभियान दल का तीर्थनगरी ऋषिकेश पहुंचने पर स्वागत किया गया

गंगा संरक्षण और संवर्धन का संदेश देने के लिए अतुल्य गंगा परियोजना के तहत निकले अभियान दल के सदस्यों ने नागरिकों से गंगा की स्वच्छता व अविरलता को बनाए रखने अपील की।

शनिवार को सीमा सड़क संगठन की शिवालिक परियोजना कार्यालय में अतुल्य गंगा साइकिल अभियान दल का स्वागत शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर एके श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर अभियान दल के मुख्य सदस्य अतुल्य गंगा प्रोजेक्ट के संस्थापक अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने अतुल्य गंगा परिक्रमा अभियान के दूसरे चरण साइकिल अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह अभियान गंगोत्री से एक मार्च को महाशिवरात्रि के मौके पर आरंभ किया गया था। जो उत्तरकाशी से टिहरी, कोटेश्वर, देवप्रयाग, शिवपुरी होते हुए ऋषिकेश पहुंचा है। यहां से साइकिल अभियान कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी व पटना होते हुए बंगाल के लिए कूच करेगा।
अभियान दल के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल आलोक कलेर ने बताया कि इस अभियान दल में कुल 25 सदस्य शामिल हैं, जिनमें से 16 सदस्य साइकिल से गंगोत्री से बंगाल तक की 2850 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। इस बीच विभिन्न शहर और कस्बों में नागरिकों से संवाद कर गंगा स्वच्छता के लिए जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अतुल्य गंगा साइकिल अभियान पांच चरणों में संचालित किया जा रहा है। जिसमें गंगा परिक्रमा, नागरिकों से संवाद, गंगा में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर जागरूकता, पौधारोपण तथा सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के प्रति नागरिकों को सचेत करना है,
उन्होंने बताया कि यह अभियान दो अप्रैल को बंगाल में संपन्न होगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान में पांच वर्तमान सैन्य अधिकारियों के अतिरिक्त पूर्व सैन्य अधिकारी तथा विभिन्न वर्गों से जुड़े स्वयंसेवी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व अतुल्य गंगा परियोजना के तहत पहले चरण में 2020-21 में गंगोत्री से गंगासागर तक की 5530 किमी की पैदल यात्रा की थी।

अतुल गंगा प्रोजेक्ट के तहत अगले 11 वर्षों तक लगातार इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। इस अभियान के दौरान विभिन्न स्थानों से गंगा के जल के सैंपल भी एकत्र किए जाएंगे। जिसके बाद केंद्र सरकार को भी गंगा की सेहत के संबंध में रिपोर्ट दी जाएगी।

इस अवसर पर ब्रिगेडियर रोहिल्ला, कर्नल दर्शन, कर्नल माईके, कर्नल विवेक, कर्नल आनंद स्वरूप, अवधेश त्यागी, लेफ्टिनेंट कर्नल मोहित, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्चना पटेल, भार्गव, योगेश, दीक्षांत, वैभव, राघव, संजय, सक्षम, लेफ्टिनेंट कर्नल हेम, विष्णु सेमवाल आदि शामिल रहे।

लिपुलेख मोटर मार्ग के ठूलगैर पर सड़क में गिरा मलवा 9 माह बाद भी नहीं हटाया गया, जिप सदस्य ने डीएम को भेजा पत्र

0

पिथौरागढ़, धारचूला ब्लॉक के तवाघाट- लिपुलेख मोटर मार्ग के वर्ती घाट के निकट ठूलगैर नामक स्थान पर 9 माह से सड़क में गिरा मलवा अभी तक नहीं हटाया गया है। इस स्थान पर आने जाने वाले वाहनों तथा राहगीरों के लिए अपने जीवन बचाने का संकट बना हुआ है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज सीमा सड़क संगठन की चीफ इंजीनियर टनकपुर तथा जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मलवा साफ करने की मांग की है।

चीन सीमा को जोड़ने वाले तवाघाट लिपुलेख मोटर मार्ग में वर्ती घाट के निकट बरसात के समय आया मलवा आज 9 माह बीत जाने के बाद भी साफ नहीं किया गया है। इस जगह पर ऊपर से पहाड़ी टूट कर भारी मात्रा में मलवा तथा पत्थर जमा हुआ है। इस कारण मोटर मार्ग मात्र 4 फीट भी बचा हुआ नहीं है। नीचे काली नदी बह रही है। ऊपर से मलवा व पत्थर गिरने का भय सता रहा है। वाहनों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कभी भी इस स्थान पर ऊपर से मलवा तथा पत्थर गिर सकता है। जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना घट सकती है।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने सीमा सड़क संगठन तथा स्थानीय प्रशासन को इस संदर्भ में दर्जनों पत्र दे दिए है, लेकिन कोई भी इसकी सुध नहीं ले रहा है।इस स्थान पर 400 मीटर की दूरी का भाग मलवे से फटा हुआ है। जान हथेली पर रखकर वाहन तथा पैदल राहगीर आर-पार जा रहे है।
हल्की सी बरसात में ऊपर से पत्थर का मलवा नीचे आ रहा है। जिसे साफ करके मात्र वाहनों का आवागमन सुचारू किया जा रहा है। इस स्थान पर पहाड़ी से आए मलबे को साफ कर चौड़ा करने की आवश्यकता है। ताकि आवागमन सुचारू तथा सुरक्षित किया जा सके।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज चीफ इंजीनियर तथा जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इस सड़क का संज्ञान लिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि 15 दिन के भीतर इस मार्ग पर आया मलवा साफ नहीं किया जाता है, तो सीमा सड़क संगठन के मुख्यालय पर क्षेत्रवासियों को साथ में लेकर धरना एवं प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सीमा सड़क संगठन तथा स्थानीय प्रशासन को आम जनता की समस्याओं को लेकर संवेदनशील होकर कार्य करना चाहिए। इस तरह की मांगों को जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए जाने की नौबत ही नहीं आनी चाहिए।

महिला कल्याण समिति नेशविला रोड़ का गठन, अध्यक्षा लक्ष्मी बहुगुणा, सचिव सुजाता पाटनी बनी

0

देहरादून, सामाजिक सरोकारों को लेकर गठित महिला कल्याण समिति नेशविला रोड़ का आज विधिवत् नयी कार्यकारणी का गठन किया गया, समिति की नयी कार्यकारिणी में अध्यक्षा लक्ष्मी बहुगुणा, सचिव सुजाता पाटनी को बनाया गया | जबकि उपाध्यक्ष सरस्वती रतूडी, उपसचिव रोशनी सकलानी, कोषाध्यक्ष का पदभार मंजू बड़ोनी को दिया गया, इसके साथ ही प्रचार मंत्री नंदा तिवाड़ी, लेखा निरीक्षक दीपा असवाल, भंडारपाल चंदा बडोनी को बनाया गया | समिति के नवगठित सदस्यों ने क्षेत्र के विकास के साथ साथ महिलाओं को सशक्त बनाने, उन्हें रोजगार परक कार्यो की जानकारी देने के अलावा सांस्कृतिक क्षेत्र में भी कार्य करने का संकल्प लिया | इस अवसर पर अध्यक्षा लक्ष्मी बहुगुणा ने कहा कि महिला समाज की रीढ़ है और कोई भी समाज बिना महिला आगे नहीं बढ़ सकता | महिलाओं के समग्र विकास को लेकर सचिव सुजाता पाटनी ने बेटा बेटी के फर्क को दूर करने का आह्वान किया | अंत में निर्वाचित सभी महिलाओं ने जिम्मेदारी के साथ क्षेत्र का सार्थक समस्याओं को दूर करने का एकजुटता से प्रण लिया |