Sunday, May 18, 2025
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सुविधा स्‍टोर में लगी भीषण आग, लाखों का हुआ नुकसान

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देहरादून, पटेलनगर के सुविधा डिपार्टमेंटल स्टोर में भीषण आग लग गई है। सुविधा डिपार्टमेंटल स्टोर के एक हिस्से को आग की तेज लपटों ने घेर लिया। अग्नि कांड की जानकारी तुरंत दमकल विभाग को दी गई और आग बुझाने के लिए दमकल की गाड़ियां पहुंच गई है, बाजार चौकी से पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग को बुझाया। घटना में कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ।

मिली जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह करीब 9:45 पर स्टोर की चौथी मंजिल पर आग लग गई और देखते पूरे स्टोर में आग की लपटें उठने लगीं। स्टोर में स्टाफ अपने काम पर लगा हुआ था, अचानक ऊपरी मंजिलों से धुंआ निकलने लगा।
स्टाफ ने सभी को सूचित किया और तुरंत बाहर निकल गए। आग की सूचना तुरंत फायर ब्रिगेड को दी गई। फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया।

बताया जा रहा है कि आग चौथी मंजिल से लगते हुए नीचे की तरफ आई। स्टोर के बगल के मकान में छत से जब धुआं उठ रहा था तब आग लगने की सूचना पर हड़कंप मच गया। आग लगने के कारणों का पता नहीं लग पाया है ।

उत्तराखण्ड़ : धामी नहीं तो फिर कौन, राजनैतिक गलियारों में उठ रहे सवाल

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देहरादून, उत्तराखंड़ में विधान सभा चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत पाते ही सत्तापाने की कांग्रेस की उम्मीद पर पानी फेर दिया, लेकिन प्रदेश के मुखिया के चुनाव हारने के बाद भाजपा सत्ता की कमान किसके हाथों में सौंपेगी, इस सवाल पर पार्टी में मथापच्ची जारी है, ऐसे में अब किसके सिर ताज चढ़ेगा इस प्रश्न पर भाजपा फंसती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर भाजपा ने चुनाव लड़ा। भाजपा के हलकों में चर्चाएं गर्म है कि पार्टी चुनाव हारने के बावजूद धामी को ही सत्ता की बागडोर सौंप सकती है। जबकि पश्चिम बंगाल का उदाहरण सामने जहां ममता को चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री बनी | लेकिन राजनैतिक गलियारों यह सवाल भी चर्चा में बना है आखिर कौन होगा राज्य मुखिया |

देखा जाय तो अंतिम समय में धामी को प्रदेश की कमान सौंपना और उनका पूरी मेहनत से राज्य भाजपा के लिये माहौल तैयार करने में वे सफल रहे और उन्होंने पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार किया। खटीमा विधानसभा सीट पर प्रचार की कमान उनकी पत्नी के हाथों में रही। हालांकि आखिरी समय में उन्होंने ताकत झोंकी लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए।
मुख्यमंत्री के सवाल पर पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी का कहना है कि इस बारे में केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय करना है और सरकार गठन को लेकर एक-दो दिन में स्थिति साफ हो जाएगी। यानी विधानमंडल दल की बैठक भाजपा जल्द बुला सकती है। उन्होंने भाजपा की जीत का श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और सीएम पुष्कर सिंह धामी के काम को दिया।
सियासी हलकों में यह सवाल भी तैर रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने यदि धामी को कमान नहीं सौंपी तो फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पार्टी किसे बैठाएगी।
मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर विधायकों में से सतपाल महाराज और धन सिंह के नामों की चर्चा है। दोनों नाम पूर्व में भी चर्चा में रहे हैं, विधायकों से जुदा यदि पार्टी बाहर से मुख्यमंत्री के चेहरा तलाशती है तो उसके लिए तीन प्रमुख नामों की चर्चा शुरू हो गई है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के नाम लिए जा रहे हैं।

पेट्रोल 77 रुपये, डीजल 55 रुपये महंगा, श्रीलंका में एक और तेल कंपनी ने बढ़ाई कीमत

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नई दिल्ली । वैसे तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर हैं लेकिन पड़ोसी देश श्रीलंका में तेल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर हैं। हाल ही में भारत की प्रमुख तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी लंका आईओसी ने ईंधन की कीमतें बढ़ायी थीं।
सरकारी तेल कंपनी ने बढ़ाई कीमतें : अब श्रीलंका की सरकारी तेल और गैस कंपनी सीलोन पेट्रोलियम ने भी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए हैं। सीलोन पेट्रोलियम ने पेट्रोल की कीमत में 77 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 55 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है।
ये है रेट लिस्ट: सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीपीसी) द्वारा कीमतों में बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल की कीमत 43.5 प्रतिशत बढक़र रिकॉर्ड 254 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल 45.5 प्रतिशत बढक़र 176 रुपये प्रति लीटर के भाव पर पहुंच गया है।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की श्रीलंकाई सब्सिडरी ने पेट्रोल की कीमत में 50 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 75 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। इस बढ़ोतरी के बाद श्रीलंका में इंडियन ऑयल के पेट्रोल की कीमत 254 रुपये प्रति लीटर और डीजल के 214 रुपये प्रति लीटर है।
भारत में हाल: भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर हैं। देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार को एक लीटर पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये बनी हुई है, जबकि डीजल की कीमत 86.67 रुपये है। पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद भारत में ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पेट्रोल और डीजल के दाम 20 रुपये तक बढ़ सकते हैं।

सामने आया यूक्रेन का घातक पिशाच! आसमान से बरपा रहा रूसी सेनाओं पर कहर

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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच अब यूक्रेन का घातक पिशाच सामने आया है जो रूस की सेना का काल बन चुका है। यूक्रेन के सुरक्षा बल ने अपने वेरिफाइड फेसबुक अकाउंट से इसकी तस्वीर पोस्ट की है। इस तस्वीर में एक फाइटर पायलट को दिखाया गया है। इस तस्वीर का कैप्शन है- ‘हेलो, रूसी खलनायकों, मैं तुम्हारी आत्मा के लिए आ रहा हूं- कीव का पिशाच!’ यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। एक ही दिन में इस तस्वीर को एक फेसबुक पेज पर 7700 से अधिक बार शेयर किया गया है। असल में यूक्रेन में इस तरह की चर्चा चल रही है कि Ghost of Kyiv नाम के एक फाइटर पायलट ने 10 रूसी फाइटर जेट्स को मार गिराया है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है और कई लोग इसे काल्पनिक कहानी भी कह रहे है। लेकिन इसी बीच यूक्रेन के सुरक्षा बल ने जब यह तस्वीर पोस्ट की तो फिर से यूक्रेन के ‘पिशाच’ की चर्चा होने लगी। अब तक रूस के आक्रमण का मजबूती से सामना कर रही यूक्रेन की सेना और आम लोगों के लिए यह ‘पिशाच’ साहस का प्रतीक भी बन गया है। यूक्रेन की पूरी वायु सेना के लिए भी इस प्रतीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

हालांकि, यूक्रेन के सुरक्षा बल ने जो तस्वीर पोस्ट की है उसमें पायलट का नाम या पहचान जाहिर नहीं की गई है। इसमें एक पायलट ऑक्सीजन मास्क लगाए हुए, डार्क वाइजर के साथ कॉकपिट में नजर आता है। वह MiG-29 जेट में बैठा मालूम पड़ता है। यूक्रेन दावा करता रहा है कि उसने रूस के कई एयरक्राफ्ट को मार गिराया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के वक्त रूस के पास करीब 1200 लड़ाकू जहाज थे। वहीं, यूक्रेन के पास सिर्फ 124 फाइटर एयरक्राफ्ट थे।

EPF ने ब्याज दरों में कर दी कटौती, जानें आम आदमी को कितना होगा नुकसान और कहां करें अब निवेश?

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EPF Interest Rate: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार (Modi Government) ने पांच राज्यों के चुनाव खत्म होते ही आम जनता को बड़ा झटका दिया है. सरकार ने देश के करीब 6 करोड़ नौकरीपेशा लोगों की जमापूंजी पर फिक्स्ड कमाई के सबसे बड़े जरिए में कटौती कर दी है. EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए EPF की ब्याज दर को 8.5 फीसदी से घटा कर 8.1 फीसदी कर दिया गया है.

40 सालों में है सबसे कम दर
आपको बता दें पिछले 40 सालों में ये सबसे कम ब्याज दर है. इससे पहले ईपीएफ पर सबसे कम ब्याज दर 8 फीसदी 1977-78 में थी. सरकार के इस कदम से पीएफ खातों पर ब्याज ले रहे ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को अब कम ब्याज मिलेगा यानी उनकी कमाई कम होगी.

लगातार कई सालों से घट रही हैं ब्याज दरें
कोरोना महामारी और यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से वित्तीय संकट तो अभी आया है, लेकिन EPF की ब्याज दरें पिछले कुछ सालों से लगातार कम की जा रही हैं. वित्त वर्ष 2015-16 में EPF पर ब्याज दर 8.80 फीसदी थी. इसके बाद 2019-20 में घटते हुए ये 8.50 फीसदी हुई औऱ अब यानी 2021-22 में इसे 8.1 फीसदी कर दिया गया है.

निवेश के मौके लगातार हो रहे कम
पिछले कुछ सालों की कटौती के ट्रेंड को भी देखें तो ये सबसे तीखा प्रहार है. आम आदमी औऱ खास तौर पर मिडिल क्लास के लिए निवेश के मौके लगातार कम हो रहे हैं. बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट की दरें बहुत कम कर दी हैं. शेयर बाजार में अनिश्चितता के कारण निवेश मुश्किल है, सोना खरीदना भी सबके बस की बात नहीं है और अब ईपीएफ पर भी ब्याज कम कर दिया गया है तो ऐसे में आम आदमी आखिर करे तो क्या करें? कहां निवेश करें? अपना पैसा कैसे बढ़ाए?

EPF की ब्याज दर कम होने से एक नौकरीपेशा व्यक्ति को कितना नुकसान होता है इसे एक उदाहरण के जरिए समझते हैं –

उदाहरण से समझिए ब्याज दरें बढ़ने पर कितना होगा नुकसान-
मान लीजिए आपके पीएफ फंड में फिलहाल 5 लाख रुपये हैं. इसमें हर साल आपकी सैलरी से 50 हजार रुपये कट कर पीएफ फंड में और जमा होते हैं तो 9 फीसदी की दर से बीस साल बाद आपका फंड 56 लाख रुपये हो जाता है, लेकिन अगर बाकी चीजें वैसी ही रहें और ब्याज दर घटकर 8 फीसदी हो जाए तो ये रकम बीस साल बाद 48 लाख रुपये होगी. यानी आपको सीधे-सीधे 8 लाख रुपये का घाटा होगा, लेकिन सच ये है कि हर साल कमाई बढ़ने पर PF में पैसे भी ज्यादा जमा होते हैं और Compound Interest के आधार पर ये नुकसान और भी बड़ा हो जाता है.

जानें क्यों हुई ब्याज दरों में कटौती?
कई जानकारों के मुताबिक, EPFO के हाथ भी बंधे हैं उन्हें अपने करोड़ों सब्सक्राइबर्स के हितों का ध्यान रखना होता है. दरअसल, EPFO जो भी पेंशन फंड इकट्ठा करता है वो उसे लोन पर चढ़ा देता है और थोड़ा सा हिस्सा शेयर बाजार में भी निवेश करता है. साल भर में डिविडेंड और ब्याज की कमाई को ही वो अपने सब्सक्राइबर्स में बांटता है, लेकिन इस बार कोविड के साथ-साथ यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण माहौल थोड़ा अनिश्चित है. ऐसे में उन्हें ये डर है कि जहां-जहां निवेश किया है उसमें रिटर्न शायद कम मिले. शायद इसी वजह से उन्होंने ईपीएफ की ब्याज दरों में कटौती की है.

खत्म हो रहा ऊंची ब्याज दरों का दौर
आपको बता दें भारत में अब ऊंची ब्याज दरों का दौर धीरे धीरे खत्म हो रहा है. चाहे वह EPF हो या या फिर बैक FD, हर चीज पर ब्याज लगातार कम हो रहा है. विकसित देशों में भी ऐसा ही होता है. अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन जैसे देशों में ब्याज दर अधिकतम 1 या 2 फीसदी ही होती है. वहां, निवेश पर रिटर्न कम होने की वजह से ही अंतर्राष्ट्रीय निवेशक भारत जैसे कई एशियाई बाजारों में पैसे लगाते है क्योंकि यहां ब्याज दरें ऊंची है.

शेयर बाजार से मिल सकता है अच्छा रिटर्न
बता दें इससे शेयर बाजार को भी मदद मिलती है, लेकिन ऐसा कब तक चलेगा, ये कोई नहीं जानता… घूम फिर कर आम भारतीय निवेशक को अगर ज्यादा रिटर्न चाहिए तो उसे जोखिम उठाना पड़ेगा यानी सीधे इक्विटी या म्यूचुअल फंड में निवेश करना पड़ेगा. दुनिया के ज्यादातर आर्थिक एक्सपर्ट हमेशा से यही मानते रहे हैं कि महंगाई से निपटने के लिए लंबी अवधि में शेयर बाजार से ही अच्छा रिटर्न मिल सकता है, लेकिन इसके लिए बहुत संयम और अनुशासन की जरूरत है.

रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव: गेहूं 44 रुपये तो सरसों तेल 250 के पार, इन शहरों में जीना मुहाल, आपके यहां क्या है हाल

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रूस-यूक्रेन युद्ध के 17 दिन बाद भी खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। उधर रूस यूक्रेन के शहरों को भीषण बमबारी कर तबाह कर रहा है तो भारत में महंगाई बम आपके किचन के बजट को।हो सकता है आपके शहर में गेहूं 20-22 रुपये किलो मिल रहा हो, सरसों तेल 200 रुपये लीटर के नीचे हो, दालें सस्ती हों पर अपने ही देश में कई ऐसे शहर हैं, जहां शुक्रवार को गेहूं का फुटकर भाव 44 रुपये किलो पर पहुंच गया। यह हम नहीं बल्कि खुद केंद्र सरकार के आंकड़े कह रहे हैं।

उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए आवश्यक वस्तुओं के खुदरा भाव के आंकड़े आपको मायूस कर सकते हैं। शुक्रवार 11 मार्च को बरेली में सामान्य चावल 60 रुपये किलो था तो तुरा में 22 रुपये। राहुल गांधी केरल के जिस संसदीय क्षेत्र वायनाड से चुनकर आते हैं, वहां शुक्रवार को एक किलो गेहूं के लिए 44 रुपये चुकाने पड़े। हालांकि सबसे सस्ता गेहूं 17 रुपये मालदा में था। बगर गेहूं के आटे की बात करें तो देश में सबसे महंगा आटा 55 रुपये किलो देवनगिरि में तो सबसे सस्ता 21 रुपये पुरुलिया में है।
दालों का ये है हाल

चाल और रोटी के बाद आते हैं आम आदमी की सबसे बेसिक चीज दाल पर। देश में सबसे सस्ता चना दाल वाघई में 54 रुपये किलो है तो सबसे महंगा हल्द्वानी में 137 रुपये किलो। अगर अरहर दाल की बात करें तो सबसे महंगा 134 रुपये किलो बीकानेर में तो सबसे सस्ता 70 रुपये जगदलपुर में था। एर्नाकुलम में उड़द दाल सबसे महंगी है। यहं एक किलो उड़द दाल के लिए 137 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। वहीं, उड़द दाल का सबसे कम रेट 73 रुपये प्रति किलो रीवा में है। मूंग दाल हल्द्वानी में 128 तो होशंगाबाद में 84 रुपये है। मसूर दाल 134 रुपये तुमाकुरु में तो होशंगाबाद में 66 रुपये है।
खाद्य तेल के दाम में भी जमीन आसमान का अंतर

मूंगफली तेल का एक किलो का पैकेट लोहरदगा में 245 रुपये है तो वारंगल में 148 रुपये का। रामनापुरम में एक किलो सरसों तेल का पैकेट 260 रुपये में मिल रहा है तो सबसे सस्ता जबलपुर में 138 रुपये। वनस्पति सूरत में 92 रुपये है तो मैसूर में 229, सोय तेल साहिबगंज में 209 तो सूरत में 124 रुपये किलो। सूरजमुखी तेल 267 रुपये बीकानेर में तो 139 रुपये सूरत में जबकि, पाम तेल कटक में 177 रुपये तो 98 रुपये जबलपुर में है।
आलू-प्याज-टमाटर के भाव

अभी सब्जियों के तेवर नरम हैं। आलू 8 रुपये से 42 रुपये किलो तक मिल रहा है। शुक्रवार को बीकानेर में 42 रुपये किलो के रेट से आलू बिका तो पुरुलिया में मात्र 8 रुपये प्रति किलो। अगर प्याज की बात करें तो भोपाल में 18 रुपये तो आइजोल में 63 रुपये किलो है। टमाटर के भाव बेल्लारी में 7 रुपये तो सोहरा में 70 रुपये किलो है। बता दें आवश्यक वस्तुओं के दाम में अंतर उनकी क्वालिटी और ट्रांस्पोटेशन की वजह से है।

सीतारमण ने बढ़ती जिंस कीमतों पर चर्चा की

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक बैठक की और जिंस कीमतों में बढ़ोतरी के विश्व अर्थव्यवस्था पर असर सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

उन्होंने शुक्रवार को आईएमएफ कोटा की 16वीं आम समीक्षा और उभरते बाजारों तथा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की जरूरत पर भी चर्चा की। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, ”वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, दोनों ने कोविड-19 टीकों की घटती वैश्विक आपूर्ति पर चिंता जताई।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने लोगों को 1.79 अरब खुराकें दीं। साथ ही जरूरतमंद देशों को 16.29 करोड़ खुराकें भेजीं।’ उन्होंने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के प्रभावित होने, जिंस कीमतों में तेजी और इसके विश्व अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों पर भी चर्चा की।

उत्तराखंड में हटाई गई आचार संहिता

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देहरादून।  प्रदेश में अब विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ सकेंगे। विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद आदर्श आचार संहिता भी निष्प्रभावी हो गई है। निर्वाचन आयोग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि 08 जनवरी 2022 को निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही उत्तराखण्ड राज्य में आदर्श आचार संहित प्रभावी हो गयी थी। आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रमानुसार समस्त संबंधित रिटर्निंग ऑफिसरों द्वारा विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 के मतगणना परिणाम घोषित किये गये है। राज्य में अब क्योंकि निर्वाचन की प्रक्रिया खत्म हो गई है, इसलिए आदर्श आचार सहिता निष्प्रभावी हो गयी है। आयोग ने इस संबंध में शासन को सभी विभागों और कार्यालयों को जरूरी निर्देश देने को कहा है। बता दें कि पूर्व में शासन स्तर से कई नई परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाने के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने के कारण करीब दो माह से विकास कार्य थमे हुए थे। यहां तक कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से चल रहे कार्य भी रुक गए थे। आचार संहिता हटने के साथ ही पिछले दो महीने से रुके पड़े विकास कार्यों को फिर से रफ्तार देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। लंबे समय से लंबित विकास के कई नए प्रोजेक्ट भी शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रशासनिक अमला अब फिर से लंबित परियोजनाओं की फाइलों को खंगालने में जुट गया है। चारधाम यात्रा की तैयारियां भी तेजी से चल रही हैं।

सड़क हादसे में स्कॉर्पियो में सवार पिता पुत्र की दर्दनाक मौत

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देहरादून। जयपुर से स्कॉर्पियो में सवार एक परिवार स्नान करने के लिए हरिद्वार जा रहा था। सड़क हादसे में स्कॉर्पियो में सवार पिता पुत्र की दर्दनाक मौत हो गई है। मामले की जानकारी लगने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।

घटना कोर कॉलेज से आगे बढेडी राजपूतान के पास हुई है। वही राजस्थान के जयपुर से एक परिवार गंगा में स्नान करने के लिए अपनी स्कॉर्पियो कार में सवार होकर आ रहे थे। सूत्रों से ज्ञात कि स्कार्पियो सवार जैसे ही रुड़की पार करते हुए बढेरी राजपूतान पहुंचे तो इसी दौरान स्कार्पियो चालक की आंख लगने से स्कॉर्पियो के आगे चल रही ट्रैक्टर ट्राली में जा घुसी। ट्रैक्टर ट्राली में घुसने से स्कॉर्पियो में बैठे पिता पुत्र की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। बताया गया है कि पिता की गोद में पुत्र बैठा हुआ था। बाकी पीछे बैठे स्कार्पियो सवार को सकुशल बाहर निकाल लिया गया कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद स्कॉर्पियो गाड़ी को काटकर पिता पुत्र के शव को बाहर निकाला गया। बहादराबाद थानाध्यक्ष ने बताया कि पिता पुत्र के शव का पंचनामा भर शव को पोस्टमार्टम के लिए हरिद्वार भिजवाया है। पुलिस ने मृतक का नाम रामस्वरूप निवासी जयपुर बताया है। हादसे के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।

प्रमुख सेवक के रूप में मिले मदन कौशिक को सरकार में जिम्मेदारी पदम प्रकाश

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हरिद्वार 12 मार्च (कुलभूषण) ऑल इंडिया ब्राह्मण फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री पंडित पदम प्रकाश शर्मा ने देव भूमि के द्वार धर्म नगरी हरिद्वार से लगातार पांचवीं बार उत्तराखंड विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले मदन कौशिक की विजय पर मिष्ठान वितरण कर प्रसन्नता व्यक्त की तथा मदन कौशिक के नेतृत्व में भाजपा द्वारा लगातार दूसरी वार सत्ता हासिल करने पर उन्हें विशेष जिम्मेदारी सौंपने की भाजपा नेतृत्व से मांग की है।
पंडित पदम प्रकाश शर्मा ने मदन कौशिक के राजनैतिक कौशलए मत प्रबंधन तथा आम जनता में अपनी अलग पहचान के साथ ही कैबिनेट मंत्री के रूप में दो बार संगठन और सरकार में सामजस्य बनाने की सराहना करते हुए कहा कि राज्य को मुख्य सेवक के रूप में मदन कौशिक जैसे योग्य और सत्ता संचालन के अनुभवी राजनेता की आवश्यकता है । मदन कौशिक के राजनीतिक कौशल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा की क्रमवार सरकारें बनती रहीं ।कांग्रेस हो या भाजपा कोई भी दल अपनी सरकार की लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी नहीं करवा सका । भाजपा ने मदन कौशिक के जज्बे और कूटनीति को परखा तथा उन्हें प्रदेश अध्यक्ष जैसी अहम जिम्मेदारी सौंपी इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड में भाजपा ने नया इतिहास रचा । मदन कौशिक के नेतृत्व में उत्तराखंड के विकास और आर्थिक रूप से संपन्न बनने की संभावना व्यक्त करते हुए उन्होंने भाजपा हाईकमान से मांग की है कि मदन कौशिक को उत्तराखंड की मुख्य सेवा का अवसर प्रदान कर नया राज्य निर्माण का सपना साकार करें । इस मौके पर प्रदीप शर्मा भानूप्रताप कुर्ल अशोक कुमार मिश्रा राधेश्याम शर्मा मनोज शुक्ला कौशल मिश्रा अनूप प्रकाश भारद्वाज तथा महंत बिहारी शरण उपस्थित रहे।

एन एस एस स्वयंसेवको ने निकाली जागरूकता रैलीMay be an image of 3 people, people standing and outdoors

हरिद्वार 12 मार्च (कुलभूषण) एचईसी ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स, जगजीतपुर हरिद्वार की एनएसएस युनिट का सात दिवसीय शिविर में दूसरे दिन एनएसएस के स्वंयसेवियों द्वारा जागरूकता रैली निकाली गयी सभी स्वंयसेवी एवं संस्थान के शिक्षक ने ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण किया एवं ग्रामीण संस्कृति से रूबरू हुए। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी उमराव सिंह ने बताया कि दूसरे दिन स्वंयसेवियों ने ग्रामीण स्कूल मंे बच्चों को पढाया व उनका ज्ञानवर्धन किया।

इस आयोजन में शुभांग वालिया प्रिया वर्मा जया उप्रेती आदि शिक्षकों के साथ ही आकाश गुनसारिया मेघा सिंह शुभम वंशिका विवेक सैनी विवेक अरोडा आदि स्वंयसेवी उपस्थित रहे।

प्रकृति में गणित विषय पर व्याख्यान माला का आयोजनMay be an image of 13 people, people standing and indoor

हरिद्वार 12 मार्च (कुलभूषण) एस एम जे एन पी जी कालेज में आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ तथा गणित विभाग के संयुक्त तत्वाधान में प्रकृति में गणित विषय पर में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
व्याख्यान में आईएफटीएम विश्वविद्यालय मुरादाबाद की गणित विभाग की असिस्टैंट प्रोफेसर डा निधि तिवारी ने प्रकृति में गणित की उपस्थिति व उपयोगिता को विस्तार से समझाया। डा तिवारी ने प्राकृतिक वस्तुओं की समरुपता का गणितीय विश्लेषण किया और प्रकृति में गणित की उपस्थिति का विवेचन किया।
डॉ निधि तिवारी ने 16 सूत्रों और 13 उपसूत्रों के आधार पर अंकगणित बीजगणित एवं ज्यामिति आदि के प्रश्नों को वैदिक गणित विधि से बहुत कम समय में उत्तर तक पहुंचा जा सकता है। वैदिक गणित अंकों के रहस्य में प्रकृति की जानकारी देता है। डॉ निधि तिवारी ने कहा कि थोड़े से अभ्यास के बाद वैदिक गणित से मानसिक गणना संभव हो जाती है। वैदिक गणित के अभ्यास से तर्कशक्तिए विश्लेषण और संश्लेषण की क्षमता बढ़ती हैए जो नए शोध और अनुसंधान के लिए अत्यावश्यक है। इसका पूरा श्रेय भारतीय मनीषियों को जाता है।
कालेज के प्राचार्य डा सुनील कुमार बत्रा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि गणित में छात्र छात्राओं की रुचि बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रम संचालित किये जाने चाहिए।
मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा संजय कुमार माहेश्वरी व मुख्य अनुशासन अधिकारी डा सरस्वती पाठक एवं डा जे सी आर्य के मार्गदर्शन में कार्यक्रम को आयोजित किया गया।
व्याख्यान माला का सफल संचालन डा विजय शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर डा पदमावती तनेजा डा प्रज्ञा जोशी डा पूर्णिमा सुन्दरियाल नेहा गुप्ता विनीत सक्सेना प्रियंका प्रजापति डा महिमा प्रीति लखेड़ा प्रिंस श्रोत्रिय सहित कालेज के छात्र विवेक राहुल खुशी हर्षिता दिपाशा अर्शिका अंजली विशाल पुष्कर विवेक सहित अनेक छात्र छात्रा उपस्थित थे।

एन सी सी परीक्षा का आयोजन

हरिद्वार 12 मार्च (कुलभूषण) गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के दयानंद स्टेडियम में एन सी सी के ग्रुप मुख्यालय रूडकी द्वारा सी प्रमाण पत्र परीक्षा का आयोजन किया गया जिसमें 223 एन सी सी कैडेस ने प्रतिभाग किया। शानिवार को आयोजित इस परीक्षा कार्यक्रम में एन सी सी के कैडेटस ने आर्मस को चलाने उन्हे खोलने व जोडने मैप रीडिंग मार्च पास्ट के नियमों आदि परीक्षाओ में प्रतिभाग किया।
दो दिनों तक चलने वाली इस परीक्षा कार्यक्रम में रविवार को लिखित परीक्षा का आयोजन किया जायेगा। दोनो परीक्षाओ को उत्र्तीण करने वाले कैडेस को सी प्रमाण पत्र दिया जायेगा। परीक्षा की सभी तैयारिया गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के एन सी सी यूनिट के कैप्टन राकेश भूटियानी के नेतृत्व में की गयी इस मौके पर ओफिसेटिंग सूबेदार मेजर सूबेदार अर्जुन सिंह थापा ट्रेनिंग जे सी ओ सूबेदार राम बहादूर गुरूंग सूबेदार मुकेश चन्द सूबेदार जी बी थापा उपस्थित रहे।

चिकित्सा शिविर का आयोजनMay be an image of 9 people and people standing

हरिद्वार 12 मार्च(कुलभूषण) नेहा फाउडेशन द्वारा चण्डी घाट क्षेत्र स्थित हठयोगी बाबा महाराज के आश्रम में निशुल्क स्वास्थ्य जाच शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें बडी संख्या में क्षेत्र में रहने वाले गरीब परिवार के लोगो के स्वास्थ्य की जांच की गयी। तथा उन्हे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया। इस मौके पर बोलते हुए बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि समाज के आम आदमी के स्वास्थ्य की जांच कर उनको स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना व उन्हे उपचार उपलब्ध कराना ही सच्ची ईश्वर सेवा है। इस अवसर पर समाजसेवाी जगदीश लाल पाहवा नेहा मलिक सहित विभिन्न समाजसेवी उपस्थित रहे ।

डॉ. कंचन नेगी ने उत्तराखंड को एक बार फिर वैश्विक मंच पर किया गौरवान्वित

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देहरादून, उत्तराखंड की डॉ. कंचन नेगी ने “शी इज़ ग्लोबल”, ग्रेस लेडीज़, सिंगापुर द्वारा आयोजित “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह” पर अपने नाम पर एक और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, “महिला सशक्तिकरण और प्रेरणा पुरस्कार 2022 का वैश्विक पुरस्कार” जोड़ लिया है। डॉ कंचन नेगी, एक अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक, अनुसंधान और विकास विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, मीडिया और इवेंट विशेषज्ञ, लाइफ स्किल्स कोच, डीडी उत्तराखंड के साथ समाचार वाचक और एक सामाज सेविका हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर , अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए 40 से अधिक पुरूस्कार अपने नाम किये हैं । वे आपका बिजनेस सॉल्यूशंस की संस्थापिका हैं, राष्ट्रीय स्तरीय एनजीओ-संगुइन वी केयर वेलफेयर सोसाइटी-वी केयर फॉर बेटर टुमॉरो की संस्थापिका और अध्यक्ष हैं और साथ ही – उत्तराखंड हेरिटेज मीडिया की एडिटर इन चीफ हैं, डॉ. कंचन कॉर्पोरेट, शिक्षा संस्थानों और सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करती हैं, उन्हें अनुकूलित प्रशिक्षण देती हैं और आईईसी सेवाएं भी प्रदान करती हैं। एक शिक्षाविद्, एक उत्साही पाठक, लेखक और वक्ता होने के नाते, वह न केवल भारत और विदेशों में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों के लिए एक मार्गदर्शक सितारा रही हैं, बल्कि उनके प्रशिक्षण सत्र कॉर्पोरेट के साथ-साथ सरकारी क्षेत्रों के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद हैं। इसके अलावा, डॉ नेगी ने विभिन्न विभागों के लिए विभिन्न कार्यक्रमों / सेमिनारों / सम्मेलनों के आयोजन और प्रबंधन के साथ-साथ माननीय प्रधान मंत्री के कार्यक्रमों का तीन बार संचालन भी किया है। इसके अलावा, वह एक सामाजिक सुधारक के रूप में बहुत सक्रिय हैं, और महिलाओं के उत्थान और उनके सशक्तिकरण के लिए सर्वदा कार्यरत हैं , जिसके लिए उन्हें विश्व स्तर पर पहचान मिली है। इसके अलावा, डॉ कंचन को पूर्व में एशिया की असाधारण महिला उत्कृष्ट पुरस्कार, एशिया प्रशांत उत्कृष्टता पुरस्कार, अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक के रूप में उत्कृष्टता का पुरस्कार, महिला सुपर अचीवर अवार्ड, मोस्ट इंस्पीरेशनल वुमन अवार्ड , नारी शक्ति सम्मान, ग्लोबल बिजनेस आइकन पुरस्कार ,राज्य का सबसे प्रतिष्ठित तीलू रौतेली पुरस्कार के साथ – साथ कई एनी पुरूस्कार मिले हैं . ये मानती हैं कि अनुभव कहता है कि यदि मेहनत आदत बन जाए तो कामयाबी मुकद्दर ज़रूर बन जाती है , इसीलिये चाहे जो भी उतार चढ़ाव आयें , हमें मेहनत करना नहीं छोड़ना चाहिए.