Wednesday, April 30, 2025
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स्पोटर्स कॉलेज में विभिन्न खेलों में प्रवेश हेतु चयन ट्रायल्स की तिथियां हुई तय

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देहरादून, महाराणा प्रताप स्पोटर्स काॅलेज रायपुर देहरादून ,के प्रधानाचार्य राजेश मंमगाई ने अवगत कराया है कि आगामी सत्र 2022-23 हेतु महाराणा प्रताप स्पोर्टस काॅलेज रायपुर देहरादून में बालकों हेतु 08 खेल (एथलेटिक्स, बाॅक्सिंग, बैडमिन्टन, फुटबाल, क्रिकेट, हाॅकी, वाॅलीबाल, जूडो) एवं हरि सिंह थापा स्पोर्टस काॅलेज पिथौरागढ़ में 03 खेल (एथलेटिक्स, बाॅक्सिंग एवं फुटबाल) उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न जनपदों में कक्षा-6 में प्रवेश हेतु चयन ट्रायल्स आयोजित कराये जा रहें है।

उन्होंने बताया कि एथलेटिक्स, बाॅक्सिंग, बैडमिन्टन, फुटबाल, क्रिकेट, हाॅकी, वाॅलीबाल, जूडो हेतु प्रवेश के लिए प्रथम चरण में चयन स्थल स्पोर्टस स्टेडियम काशीपुर में 04 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम रूद्रपुर में 5 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम टनकपुर में 6 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम चम्पावत में 7 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम पिथौरागढ़ में 8 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम बागेश्वर में 9 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम अल्मोड़ा में 10 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम हल्द्वानी में 11 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम रामनगर में 12 अप्रैल, तथा द्वितीय चरण में स्पोर्टस स्टेडियम पुरोला में 15 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम उत्तरकाशी में 16 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम नई टिहरी में 17 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम पौड़ी गढ़वाल में 18 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम गोपेश्वर (चमोली) में 19 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम अगस्त्यमुनि (रूद्रप्रयाग) में 20 अप्रैल, तथा तृतीय चरण में स्पोर्टस स्टेडियम कोटद्वार में 22 अप्रैल, स्पोर्टस स्टेडियम हरिद्वार में 23 अप्रैल एवं स्पोर्टस स्टेडियम देहरादून में 24 अप्रैल को निर्धारित समय प्रातः 8 बजे से हैं।

वही इस दौरान अन्तिम चयन ट्रायॅल्स महाराणा प्रताप स्पोर्टस काॅलेज रायपुर देहरादून में आयोजित किया जाएगा जिसमें एथलेटिक्स/हाॅकी के लिए 27 एवं 28 अप्रैल, फुटबाल/जूडो के लिए 29 एवं 30 अप्रैल, बैडमिन्टन/वालीबाल के लिए 1 एवं 2 मई व क्रिकेट/बाॅक्सिंग के लिए 3 एवं 4 मई को निर्धारित ट्रायल्स समय प्रातः 7 बजे से है।

 

चिल्ड्रन होम एकेडमी का बाल आयोग और शिक्षा विभाग की टीम ने किया निरीक्षणChildrens Home Academy inspected the team of Childrens Commission and  Education Department - देहरादून: बाल आयोग और शिक्षा विभाग की टीम ने  चिल्ड्रन होम एकेडमी का किया निरीक्षण, मिली ...

देहरादून, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ भोगपुर स्थित चिल्ड्रन होम एकेडमी का निरीक्षण किया। जिसमें पीटीए का गठन न होने, काउंसलर न होने समेत कई खामियां पाई गई। आयोग ने स्कूल प्रबंधक को दस्तावेजों के साथ छह अप्रैल को उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।

आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण के नेतृत्व में टीम स्कूल का निरीक्षण किया। टीम ने पाया कि छात्र वासु हत्याकांड के बाद स्कूल की मान्यता खत्म कर दी गई, लेकिन इसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा निरीक्षण के बाद इसे एक से आठवीं तक मान्यता दी गई। वर्तमान में यहां विभिन्न क्षेत्रों से 93 छात्र शामिल हैं। जो सुबह पढ़ाई के बाद शाम को घर जाते हैं। बालिका हास्टल के पास कब्रिस्तान वाली दीवार को बंद कर दिया है। स्कूल परिसर में 12 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। आयोग की अनु सचिव रोशनी सती ने बताया कि निरीक्षण के दौरान बच्चों के लिए न तो काउंसलर है और न ही यहां पीटीए का गठन हो पाया है। यहां तक कि स्कूल के पास बच्चों के पता के साथ सूची उपलब्ध नहीं करा पाए, पुरानी घटना दोबारा न हो इस पर आयोग ने स्कूल प्रबंधक को सख्त हिदायत भी दी। साथ ही जरूरी दस्तावेजों के साथ स्कूल प्रबंधक को छह अप्रैल को आयोग में प्रस्तुत होने के निर्देश दिए हैं। इस मौके पर उपशिक्षा अधिकारी हेमलता गौड़, संकुल प्रभारी भोगपुर जय कौशल ममता रौथाण आदि मौजूद रहे।

रेडक्रास सोसायटी उत्तराखंड़ की वित्त समिति की बैठक सम्पन्न

देहरादून, रेडक्रास सोसायटी उत्तराखंड शाखा की वित्त समिति की बैठक शनिवार को अध्यक्ष डा. गौरव जोशी की अध्यक्षता में हुई। जिसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 के आय व्यय और 2022-23 के अनुमानित आय-व्यय पर चर्चा हुई।बैठक में जनपद स्तर पर स्कूलों से शुल्क एवं सदस्यता शुल्क नियमित तौर पर प्राप्त न होने पर नाराजगी व्यक्त की गई। जिला सचिव को इसके लिए पत्राचार करने को कहा गया। विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, फस्ट एड, आपदा राहत और आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ जागरूकता कार्यक्रमों पर जोर दिया गया। स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाए जाने पर जोर दिया गया। इस दौरान कोषाध्यक्ष मोहन खत्री, सदस्य वित्त समिति गंभीर सिंह, महासचिव डा. एमएस अंसारी, हरीश चंद्र शर्मा और आशीष कुमार चनालिया आदि मौजूद रहे।

 

फिल्म ‘गुडबाय’ की शूटिंग महानायक अमिताभ बच्चन संग फिल्माया गया मीटिंग का दृश्यBig-B in Rishikesh: गुडबाय की शूटिंग के लिए ऋषिकेश पहुंचे अमिताभ बच्‍चन,  ऐसे याद किए 47 साल पुराने दिन - amitabh bachchan start shooting bollywood movie  goodbye in rishikesh nodark – News18 ...

ऋषिकेश, उत्तराखण्ड़ में अब लगातार अब फिल्मों की शूटिंग हो रही है, अब सदी के महानायक अमिताभ बच्चन फिल्म गुडबाय की शूटिंग ऋषिकेश विभिन्न क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर की गई। शहर के प्रसिद्ध नटराज होटल में अमिताभ बच्चन के साथ बोर्ड आफ डायरेक्टर की मीटिंग का दृश्य फिल्माया गया। परमार्थ निकेतन में सन्यासी का अभिनय कर रहे अभिनेता सुनील ग्रोवर के ऊपर कीर्तन और यज्ञ के सीन फिल्माए गए।

फिल्म निर्देशक विकास बहल की फिल्म गुडबाय की शूटिंग के सिलसिले में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, पुष्पा द राइस फिल्म में अल्लू अर्जुन की हीरोइन के रूप में नजर आने वाली श्रीवल्ली यानी रश्मिका मंदाना, अभिनेता सुनील ग्रोवर इस फिल्म में अहम किरदार निभा रहे हैं।
ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में शनिवार को फिल्म के कई दृश्य फिल्माए गए। रविवार को भी शूटिंग जारी रही।देहरादून रोड स्थित नटराज होटल के सभागार को फिल्म के लिए डायरेक्टर आफ बोर्ड की मीटिंग के हाल के रूप में तैयार किया गया। शनिवार सुबह से ही यहां शूटिंग की तैयारी शुरू कर दी गई थी। करीब डेढ़ बजे अभिनेता अमिताभ बच्चन कार से यहां पहुंचे और फिर
करीब एक घंटा मीटिंग का दृश्य तथा स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन में कुछ अन्‍य दृश्य फिल्माए गए। गंगा यमुना गार्डन में कीर्तन की शूटिंग के लिए सेट तैयार किया गया। शूटिंग में जाने से पहले सुनील ग्रोवर बगीचे में स्वयं को तैयार करते नजर आए। फिल्म में सन्यासी के रूप में नजर आने वाले सुनील ग्रोवर पर कीर्तन के अलावा परमार्थ आश्रम के भीतर स्थित नव ग्रह यज्ञशाला में भी कुछ दृश्य फिल्माए गए। जिसके लिए यहां कई यज्ञशाला तैयार की गई।

 

एक नई वैचारिक लड़ाई को धार देनी पड़ेगी और नौजवानों को करना होगा तैयार : डा. डीएन भटकोटीSeminar organized by Ved Uniyal Vichar Manch at Uttaranchal Press Club on  Saturday - युवा पीढ़ी राज्य आंदोलनकारियों के संघर्षों को रखे याद, वेद  उनियाल विचार मंच के सेमिनार में ...

देहरादून, वेद उनियाल विचार मंच के सेमिनार में वक्ताओं ने राज्य आंदोलन के संघर्ष को याद
किया। सेमिनार में वक्ताओं ने युवा पीढ़ी से आंदोलनकारियों के संघर्ष को याद रखने की अपील की और राज्य सरकार से आंदोलनकारियों की मांग पर शीघ्र कार्रवाही करने की मांग की जिससे उनके सपने पूरे हो सकें। उत्तरांचल प्रेस क्लब में ‘उत्तराखंड के नव निर्माण की संभावना विषय पर सेमिनार हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. डीएन भटकोटी, धाद के संस्थापक लोकेश नवानी, जय सिंह रावत, जगदीश कुकरेती रहे। इस दौरान स्व. वेद उनियाल के संघर्षों और योगदान को याद किया गया। डा. डीएन भटकोटी ने कहा कि एक नई वैचारिक लड़ाई को धार देनी पड़ेगी और नौजवानों को तैयार करना होगा। राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी ने कहा कि राज्य आंदोलन के लिए बच्चे, महिलाएं और बड़े सभी ने मिलकर संघर्ष किया।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी ने कहा कि सत्ता में किसी भी पार्टी की सरकार आए, लेकिन जिन सपनों के साथ राज्य बनाया गया उस पर अमल नहीं हुआ। ओमी उनियाल ने कहा कि जिन्होंने राज्य बनने का सपना देखा था उनके संघर्षों को याद रखना चाहिए। पहले शिक्षक-छात्र, जनता- प्रशासन के बीच में बेहतर तालमेल होने के कारण समस्या का निस्तारण भी शीघ्र होता था, आज आमजन विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है।
इस दौरान मंच की ओर से मैती आंदोलन के प्रणेता पद्मश्री कल्याण सिंह रावत को पर्यावरण, डा. महेश कुडियाल को चिकित्सा, विजय जुयाल को सामाजिक कार्य, डा. अतुल शर्मा को साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इंदु नौडियाल, उर्मिला शर्मा, सतीश धौलाखंड़ी, डीके पाल, मिनाक्षी घिल्डिय़ाल आदि ने भी विचार रखे। इस मौके पर स्व. वेद उनियाल की पत्नी महेंद्र कौर उनियाल, मंच के संयोजक सुनील ध्यानी, बबीता, अनंत आकाश, मुकेश पाठक, विपिन रावत आदि मौजूद रहे।

 

तीन दिवसीय दून लिटरेचर
फेस्टिवल एक अप्रैल से, विवेक अग्निहोत्री, इम्तियाज अली, रस्किन बांड, प्रसून जोशी लेंगे भागदेहरादून- द कश्मीर फाइल के विवेक अग्निहोत्री, इम्तियाज अली, रस्किन बॉन्ड, प्रसून  जोशी जैसे प्रसिद्ध पैनेलिस्ट लेंगे भाग, यहां होगा लिटरेचर ...

देहरादून, दून लिटरेचर फेस्टिवल (डीएलएफ) का चौथा संस्‍करण इस बार एक अप्रैल से शुरू होगा।
कला, साहित्य, संस्कृति का संगम इस फेस्टिवल में फिल्‍म द कश्‍मीर फाइल्‍स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, निर्देशक इम्तियाज अली, प्रख्यात साहित्यकार पद्मभूषण रस्किन बांड, गीतकार कवि और लेखक प्रसून जोशी पैनेलिस्ट भाग लेंगे। जो विभिन्‍न विषयों पर चर्चा करने के साथ ही अपने अनुभव भी साझा करेंगे। फेस्टिवल का प्रवेश निश्‍शुल्‍क होगा।

तीन दिवसीय यह फेस्टिवल हयात रीजेंसी और द दून इंटरनेशनल स्कूल रिवरसाइड कैंपस में होगा। देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल के संस्थापक समरांत विरमानी ने बताया कि दो वर्ष कोरोनाकाल में डीएलएफ न होने से इस बार बच्‍चों और देहरादून की जनता में काफी उत्‍साह है।

इस साल के डीएलएफ में अभिनेता तुषार कपूर, सोनू निगम, मालिनी अवस्थी, प्रीति शेनाय, इम्तियाज अली, ताहिरा कश्यप, विवेक अग्निहोत्री, पल्लवी जोशी, प्रलाद कक्कड़, पीयूष पांडे, जोनाथन गिल हैरिस, इयान कार्डोजो, जसबीर जस्सी, मिली अश्वर्या, माधवी मेनन, सईद नकवी, अक्षत गुप्ता, ऋचा द्विवेदी, वासु एडा, मिनी भारद्वाज, विश्वास परचुरे, दीपम चटर्जी, किरण मनराल, सुभाष गर्ग, नयनिका महतानी समेत कई अन्य प्रमुख लेखक व प्रसिद्ध पैनलिस्ट शामिल होंगे।

 

उन्‍होंने बताया कि इसका मूल उद्देश्य सभी के बीच और विशेष रूप से युवा पीढ़ी में पढ़ने की आदत पैदा करना और समान विचारधारा वाले लोग को एक ही छत के नीचे एकत्रित करना है। उन्‍होंने बताया कि डीएलएफ में भाग लेने वाले साहित्य प्रेमियों को कई अवसर प्रदान करता है। यहां प्रसिद्ध लेखकों और मशहूर हस्तियों से मिलना व अभिवादन, पुस्तक पर हस्ताक्षर, पुस्तकों, पेंटिंग, कैरिकेचर और हस्तनिर्मित शिल्प की प्रदर्शनी, वाद-विवाद, लेखकों और वक्ताओं के बीच पैनल चर्चा, युवा लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यशाला की जाती है।
देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होने के लिए पहले आनलाइन पंजीकरण करना होगा। इसके लिए वेबसाइट www.dehradunliteraturefestival.com पर जाकर पंजीकरण करने के बाद फेस्टिवल में शामिल हो सकते हैं।

 

 

निवेशकों को झटका, 1 अप्रैल से फिक्स्ड डिपॉजिट समेत अन्य स्कीम्स पर कैश में इंट्रेस्ट का भुगतान नहीं

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नई दिल्ली ,। अगर आप पोस्ट ऑफिस जमाकर्ता हैं तो आपके लिए यह बड़ी खबर है। डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट ने एक सर्कुलर जारी कर इंट्रेस्ट पेमेंट को लेकर बड़ा ऐलान किया है। इस सर्कुलर में कहा गया है कि 1 अप्रैल 2022 से पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम , सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम , पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट पर इंट्रेस्ट का भुगतान कैश में नहीं किया जाएगा। इंट्रेस्ट का भुगतान केवल अकाउंट होल्डर के पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट या बैंक अकाउंट में किया जाएगा। अगर किसी अकाउंट होल्डर ने अपने बैंक डिटेल को सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, मंथली इनकम स्कीम या टर्म डिपॉजिट के साथ लिंक नहीं किया है तो टोटल इंट्रेस्ट का भुगतान या तो चेक की मदद से किया जाएगा या फिर उसके पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में किया जाएगा।
डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट ने कहा कि स्ष्टस्स्, रूढ्ढस् और टर्म डिपॉजिट के कुछ अकाउंट होल्डर्स ने अभी तक अपना सेविंग अकाउंट अपडेट नहीं किया है। सेविंग अकाउंट पोस्ट ऑफिस के अलावा बैंक में भी हो सकता है। इन स्कीम्स में इंट्रेस्ट का भुगतान महीनवारी, तिमाही और सालाना आधार पर किया जाता है।
सर्कुलर के मुताबिक, कई टर्म डिपॉजिट अकाउंट होल्डर्स को ये भी पता नहीं है को उनको इंट्रेस्ट का भुगतान किया जा रहा है। इन तमाम स्कीम्स के लिए इंट्रेस्ट अमाउंट पोस्ट ऑफिस के सुंद्री ऑफिस में जमा है। इसमें आगे कहा गया है कि पोस्ट ऑफिस सेविंग बैंक ऑपरेशन पर बेहतर कंट्रोल, डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देन, किसी तरह की मनी लॉन्ड्रिंग को रोकन के मकसद से यह जरूरी किया गया है। अगर पोस्ट ऑफिस अकाउंट या बैंक अकाउंट को इन तमाम सेविंग्स स्कीम्स के लिंक कर दिया जाता है तो अवैध गतिविधि रोकी जा सकती है।

2 साल से फोन पर सुनाई दे रही कोरोना की कॉलर ट्यून होने जा रही है बंद

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नई दिल्ली, । पिछले 2 साल से कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम कर रही मोबाइल फोन की हेलो ट्यून को सरकार बहुत जल्द बंद कर सकती है। इंडिया टीवी की खबर के मुताबिक, कोरोना महामारी के शुरुआत से ही टेलिकॉम कंपनियों ने जो प्री कॉल ऑडियो लोगों के मोबाइल पर सेट किया गया था, उसे अब हटाने की तैयारी सरकार कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस कॉलर ट्यून की वजह से लोगों को किसी इमरजेंसी में भी महत्वपूर्ण कॉल में देरी हो रही थी। ऐसी समस्याओं को सुनने के बाद सरकार इसे हटाने की तैयारी कर रही है।

टेलिकॉम मंत्रालय ने हेल्थ मिनिस्ट्री को लिखा खत

रिपोर्ट के मुताबिक, दूरसंचार विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर इन कॉल-पूर्व घोषणाओं और कॉलर ट्यून को हटाने का अनुरोध किया है। दूरसंचार विभाग ने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COA) के साथ-साथ मोबाइल कस्टमर की ओर से मिले फीडबैक के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय से इसे हटाने की अनुमति मांगी है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय अब देश में महामारी की स्थिति में हो रहे सुधार को देखते हुए भी इस ऑडिय क्लिप को लोगों के फोन से हटाने पर विचार कर रहा है। हालांकि वायरल बीमारी के खिलाफ सुरक्षा उपायों के बारे में जन जागरूकता फैलाने के अन्य उपाय जारी रहेंगे।

आपको बता दें कि कोविड -19 कॉलर ट्यून को दो साल पहले ही जारी किया गया था, जब इस बीमारी की वजह से भारत में लॉकडाउन लगाया गया था। कॉलर ट्यून में बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की आवाज थी जिसमें अभिनेता ने महामारी के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में बताया था। बाद में टीकाकरण को लेकर भी जानकारी इस कॉलर ट्यून के जरिए दी गई थी। अब लगभग 21 महीने बाद इसे बंद करने की प्लानिंग सरकार कर रही है।

source: oneindia.com

6 दिनों में महंगाई का 5वां झटका, आज फिर बढ़ें पेट्रोल-डीजल के दाम

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नई दिल्ली , । देश के 5 राज्यों में असेंबली चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी का सिलसिला तेज हो गया है। सरकार ने पांचवीं बार तेल के दाम में वृद्धि का ऐलान किया है। यह बढ़ोतरी आज सुबह से लागू हो गई हैं। बता दें कि बीते 6 दिनों में आज 5वीं बार तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। रविवार, 27 मार्च को दिल्ली में पेट्रोल 50 पैसे और डीजल 55 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ है। जिसके बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 99.11 रुपये और डीजल 90.42 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
दाम में स्थिरता के बाद जिस दिन से तेल की कीमतें बढऩी शुरू हुई हैं, तब से लेकर अभी तक यानी 6 दिनों में दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 3.70 रुपये महंगा हो चुका है। दिल्ली में आज पेट्रोल के दाम 50 पैसे बढ़ाए गए हैं, जबकि इससे पहले दिल्ली में पेट्रोल के भाव में चार बार 80-80 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी। नए बदलाव के बाद दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत एक बार फिर से 100 रुपये प्रति लीटर के काफी करीब पहुंच गई है।
मुंबई में भी पेट्रोल-डीजल के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं। मुंबई में आज पेट्रोल की कीमत में 53 पैसे और डीजल की कीमत में 58 पैसों की बढ़ोतरी की गई है। जिसके बाद मुंबई में आज पेट्रोल के भाव 113.35 रुपये और डीजल के भाव 98.13 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। दिल्ली और मुंबई के अलावा देश के लगभग सभी जिलों, शहरों और कस्बों में भी पेट्रोल और डीजल के भाव बढ़ा दिए गए हैं। अगर आप अपने शहर में पेट्रोल और डीजल की ताजा कीमतें देखना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
उधर दूसरी ओर, कच्चे तेल के भाव में भी लगातार तेजी बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के ताजा भाव 120.7 डॉलर प्रति बैरल पर हैं। रविवार को डब्लूटीआई क्रूड की कीमतें 113.9 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड की कीमतें 120.7 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर हैं।

शपथ ग्रहण के चार दिन बाद मंत्रियों के महकमें बांटने के लिए होमवर्क हुआ पूरा, किसी भी वक्त विभागों का होगा आवंटन

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देहरादून, राज्य में भाजपा सरकार शपथ ग्रहण हो गया, लेकिन 4 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक मंत्रियों को कोई पोर्टफोलियो नहीं दिया गया। वहीं विभागों के बंटवारे पर सभी की नजरें भी लगी हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों के महकमें बांटने के लिए होमवर्क पूरा कर लिया गया है और हाईकमान की हरी झंडी मिलने का इंतजार है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वित्त, ऊर्जा, लोक निर्माण, गृह विभाग, कार्मिक, सूराज एवं भ्रष्टाचार, एवं उन्मूलन, उद्योग, सूचना विभाग सरीखे अहम विभाग अपने पास रख सकते हैं।

मंत्रियों के विभागों के बंटवारे पर भी सबकी नजर लगी है। सूत्रों के अनुसार कई मंत्री महत्वपूर्ण विभागों के लिए लॉबिंग करने में जुटे हैं। अब जबकि विभागों के बंटवारे का होमवर्क पूरा हो चुका है। अब सबकी नजरें हाईकमान के हरी झंडी मिलने पर लगी है। अब माना जा रहा है कि हाईकमान के हरी झंडी मिलने के बाद किसी भी वक्त मंत्रियों के विभागों का आवंटन हो सकता है।

शैलेश मटियानी पुरस्कार : शिक्षा सचिव ने जारी किए आदेश,18 शिक्षकों को किया जाएगा सम्मानित

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देहरादून, राज्य शिक्षा विभाग ने शिक्षा के उन्नयन एवं गुणात्मक सुधार के लिए उत्कृष्ट कार्य के लिए वर्ष 2021 के राज्य शैक्षिक शैलेश मटियानी पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। प्रारंभिक शिक्षा में 13, माध्यमिक में चार और प्रशिक्षण संस्थान के एक शिक्षक सहित कुल 18 शिक्षकों को यह पुरस्कार दिया जाएगा।

शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। आदेश के मुताबिक राज्य चयन समिति की बैठक में की गई सिफारिश और शिक्षा महानिदेशक की ओर से उपलब्ध कराए गए प्रस्ताव पर शिक्षकों का चयन किया गया है। पुरस्कार के लिए उन शिक्षकों का चयन किया गया है, जिन्होंने शिक्षा के उन्नयन एवं गुणात्मक सुधार के लिए उत्कृष्ट कार्य किया है।

इन्हें मिलेगा पुरस्कार
प्रारंभिक शिक्षा में पौड़ी से गबर सिंह बिष्ट, चमोली से अंजना खत्री, उत्तरकाशी से सरिता, देहरादून से राजीव कुमार पांथरी, हरिद्वार से बीना कौशल, टिहरी से हृदय राम अंथवाल, रुद्रप्रयाग से हेमंत कुमार चौकियाल, चंपावत से मंजू बाला, बागेश्वर से ललित मोहन जोशी, ऊधमसिंह नगर से मोहन सिंह, नैनीताल से नंद लाल आर्य, पिथौरागढ़ से हरीश चंद पांडेय, अल्मोड़ा से मनोज कुमार पंत का चयन किया गया है।

कॉमरेड बच्चीराम कौंसवाल को श्रद्धांजलि : सामाजिक और नागरिक आंदोलनों में उनकी भूमिका को किया गया याद

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देहरादून, विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने रविवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में दिवंगत कॉमरेड बच्चीराम कौंसवाल को याद किया। कॉमरेड कौंसवाल सीपीएम से जुड़े थे। वे कई जनआंदोलनों में शामिल रहे। पिछले महीने उनका निधन हो गया था।

जन संवाद समिति के बैनर तले आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि बच्चीराम कौंसवाल बेशक एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए थे, लेकिन उनका वैचारिक और सामाजिक फलक बहुत बड़ा था। उनके चाहने वालों में लगभग सभी पार्टियों के नेता शामिल थे और सभी पार्टियों में उन्हें सम्मान की नजरों से देखा जाता था।

कॉमरेड बच्चीराम कौंसवाल को एक शिक्षक, एक पत्रकार, एक एक्टिविस्ट और पार्टी के एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में याद करते हुए सामाजिक और नागरिक आंदोलनों में उनकी भूमिका को याद किया गया। वक्ताओं का कहना था कि वे हर जन आंदोलन में साथ रहे। उत्तराखंड राज्य आंदोलन में वे पार्टी लाइन से अलग होकर भी शामिल हुए। शिक्षकों को उनके अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़ दी थी। पौड़ी में पत्रकार उमेश डोभाल के हत्यारों को सलाखों के पीछे पहुंचाने तक वह लगातार संघर्ष के अगुवाई करते रहे। परिवार की जिम्मेदारियों के बावजूद वे लगातार आम लोगों के हित में आवाज उठाने में अगली पंक्ति में रहे।

वक्ताओं का कहना था कि कॉमरेड कौंसवाल के अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है। उनके सहयोगी रहे लोगों को उन पर संस्मरण लिखकर और उनके विभिन्न कार्यों पर लेख आदि लिखकर उनका डॉक्यूमेंटेशन किया जाना चाहिए। देहदान की उनकी इच्छा कुछ कारणों से पूरी नहीं हो पाई, लेकिन इस काम को भी आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

इस अवसर पर मौजूद लोगों में कांग्रेस के सुरेन्द्र अग्रवाल, सीपीआई के समर भंडारी, सीपीएम के गंगाधर नौटियाल, सुरेन्द्र सिंह सजवाण, सीपीआई एमएल के इंद्रेश मैखुरी, उक्रंाद के ओमी उनियाल, सुनील ध्यानी, जनवादी महिला मंच की इंदु नौडियाल, नूरेसा अंसारी, चंदा ममगाईं, उमा नौटियाल, महिला मंच की कमला पंत व निर्मला बिष्ट, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, भारत ज्ञान विज्ञान समिति की उमा भट्ट, सोबन सिंह रावत, विजय भट्ट, कमलेश खंतवाल, अखिल भारतीय किसान सभा के जाहिद अंजुम, नौजवान भारत सभा से गीतिका श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार योगेश भट्ट, अंबुज शर्मा, आशीष उनियाल, साहित्यकार जितेन्द्र भारती, वेदिका वेद, कृष्णा खुराना, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच से प्रदीप कुकरेती, राम लाल खंडूरी, मोहन सिंह रावत, सुरेश सिंह नेगी, विजय प्रताप मल्ला, शीशराम कौंसवाल, कॉमरेड कौंसवाल के पुत्र मदन मोहन कौंसवाल, पुत्रवधू शोभा कौंसवाल, पोता अमन कौंसवाल, बेटी ममता कोठियाल सहित अनेक लोग शामिल थे।

इस मौके पर जन संवाद समिति के सचिव सतीश धौलाखंडी और त्रिलोचन भट्ट ने जनगीत गाये। संचालन गीता गैरोला और वेदिका वेद ने किया।

सीमान्त जनपदों को मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने से आम जनता खफा, भरत चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग

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रुद्रप्रयाग, सीमान्त जनपदों को मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने से आम जनता खफा, विधायक भरत चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग।
“सीमान्त जनपद रुद्रप्रयाग व चमोली की पॉच में से चार सींटे भाजपा की झोली में गई है, रुद्रप्रयाग सीट से लगातार दूसरी बार रिकार्ड मतों से विजयी अनुभवी नेता भरत सिंह चौधरी को मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से जनता में मायूसी”।
रुद्रप्रयाग- उत्तराखंड में धामी सरकार आकार ले चुकी है दोबारा मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंहं धामी सरकार में एक महिला सहित आठ मंत्रियों को जगह मिली है। एक ओर मंत्रियों के विभाग बंटवारे की कवायदें तेज है वहीं दूसरी ओर सरकार में प्रतिनिधित्व न मिलने से अंसतोष के स्वर उभर रहे हैं। पहाड़ी प्रदेश के पहाडी जनपदों की अनदेखी से आम जनता सहित पार्टी कार्यकर्ता आहत नजर आ रहे है। भाजपा के कद्दावर नेताओं के अंसतोष के बाद अब पहाड़ी छैत्रों के सीमान्त जनपदों को प्रतिनिधित्व न मिलने का दर्द पार्टि कार्यकर्ताओं व जनता में साफ देखने को मिल रहा है। ऐंसा ही कुछ अंसतोष रुद्रप्रयाग की दोनों सीटों पर भारी अंतर से भाजपा प्रत्याशियों को विजयश्री दिलाकर विधानसभा पहुंचाने वाली जनता व पार्टी कार्यकर्ताओं में देखने को मिल रहा है। मंत्रिमंडल में लगातार दूसरी बार रिकार्ड मतों से विजय हासिल करने वाले अनुभवी कद्दावर नेता भरत सिंह चौधरी को स्थान न मिलने से कार्यकर्ता व जनता मे भारी मायूसी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में देहरादून स्थित परेड मैदान में हुये भब्य शपथ ग्रहण के जश्न में सरकार में प्रतिनिधित्व की आस लगाये बैठे सीमान्त जनपद रुद्रप्रयाग व चमोली के लोगों को एक बार फिर मायूसी मिली। पिछले चुनावों की भॉति इस बार भी दोनों जनपदों से भाजपा प्रत्याशियों को प्रंचड बहुमत देने वाली जनता सरकार में प्रतिनिधित्व न मिलने से खासा नाराज है।
दोनो जनपदों की बात करें तो यहाँ की पॉच मे से चार सीटें जनता जनार्दन ने भाजपा के खाते में डाली है केवल बद्रीनाथ सीट पर काग्रेस प्रत्याशी मामूली अंतर से जीत हासिल करने मे कामयाब रहे जबकि अन्य सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने बड़े अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाई। इन सभी सीटों से अलग विधानसभा छैत्र रुद्रप्रयाग की बात करें तो यहाँ कद्दावर नेता भरत चौधरी ने पिछली बार की तरह इस बार भी अपना दबदबा बरकरार रखते हुए बहुत बड़े अंतर से जीत हासिल कर भाजपा संगठन ही नहीँ जनता का विश्वास जीता है।
अपने लम्बे राजनीतिक अनुभव व जनता के बीच उनकी सक्रिय भागीदारी के चलते वे भारी अंतर से जीत हासिल करने में कामयाब रहे। सदन में अपने संसदीय ज्ञान व सड़को पर जनमुद्दों के प्रति उनकी संजीदगी के कारण वे जनता व पार्टी पदाधिकारियों के बीच चर्चाओं में रहे। उन्होंने पार्टी द्वारा जताये विश्वास पर खरा उतरते हुये लगातार दूसरी बार भारी अंतर से जनता का विश्वास जीता है। रुद्रप्रयाग सहित चमोली जनपद के कार्यकर्ताओं के बीच उनकी अच्छी पैंठ है , जनपद के कार्यकर्ता व जनता को पूर्ण विश्वास था कि इस बार सीमान्त जनपद रुद्रप्रयाग व चमोली से मंत्री बनाया जायेगा। दोनों जनपदों में भारी मतों से विजयी अनुभवी भरत सिंह चौधरी को मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की आस लगाये बैठे कार्यकर्ताओं व जनता को निराशा मिली है गांव की दुकान हो या शहर के चौराहे रुद्रप्रयाग सहित जनपद में सीमान्त जनपद को प्रतिनिधित्व न मिलने से आहत भाजपा कार्यकर्ताओं सहित आम जनता के बीच चर्चा का विषय बना है।

दिव्य प्रेम सेवा मिशन का रजत जयंती समारोह : उत्तराखण्ड की पवित्र धरती आध्यात्म् के साथ ही शांति एवं ज्ञान की भूमि रही हैं : राष्ट्रपति

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हरिद्वार, राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द ने रविवार को हरिद्वार स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के रजत जयंती समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंने दिव्य प्रेम सेवा मिशन को संकल्प और सेवा की भावना के साथ मानव कल्याण हेतु संवेदनशीलता से कार्य करने वाली संस्था बताते हुए कहा कि आज से 25 वर्ष पूर्व इस संस्था को एक छोटे बीज के रूप में बोने में उनकी भी भूमिका रही है, जो आज बड़ा वृक्ष बन गई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखण्ड की पवित्र धरती आध्यात्म् के साथ ही शांति एवं ज्ञान की भूमि रही हैं। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ के साथ हरिद्वार व हर द्वार भगवान विष्णु एवं शिव की प्राप्ति के द्वार हैं। पतित पावनी जीवन दायिनी गंगा भी इसकी साक्षी है। उन्होंने कहा कि जब वे पहली बार राज्य सभा के संसद बने तब भी तथा राष्ट्रपति बनने के बाद भी उनकी पहली यात्रा उत्तराखण्ड की रही। उन्होंने कहा कि पवित्र गंगा के तट पर स्थापित यह मिशन मानव सेवा के लिए समर्पित हैं। संस्था द्वारा कुष्ठ रोगियों की समर्पित भाव से की जा रही सेवा सराहनीय है।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद संविधान द्वारा जाति एवं धर्म पर आधारित अस्पृश्यता का तो अंत कर दिया गया लेकिन अभी भी कुष्ठ के प्रति अस्पृश्यता का भाव समाप्त नहीं हो पाया है। कुष्ठ रोग को कलंक के रूप में देखे जाने की अवेज्ञानिकता के अवशेष आज भी देखे जाते हैं। कुष्ठ रोगियों के प्रति व्याप्त आशंकाओं को दूर करने के प्रयास किये जाने चाहिए। उन्हें भी बीमारी के दौरान तथा उसके बाद स्वास्थ्य होने पर अन्य रोगों से मुक्त होने वाले रोगियों की तरह ही अपनाया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में समाज मे फैली आंशकाओं को दूर करने के प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बतायी।
राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी कुष्ठ रोगियों की सेवा कर समाज को इसके लिये प्रेरित किया था। महात्मा गांधी का जन्मदिन राष्ट्रीय कुष्ठ दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग असाधारण नही है। इसे असाधारण समझने वाले ही असली रोगी है। राष्ट्रपति ने कहा कि कुष्ठ रोगियों के बीच कार्य करने वालों का आत्मविश्वास कितना ऊंचा होता है, इस संस्था से जुड़े लोग इसका उदाहरण है।

इससे पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन, सेवाकुंज परिसर पहुंचने पर शिव अवतरण, शिव ज्ञान से जीव सेवा यज्ञ, सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग पूजन, एक वर्षीय अनुष्ठान कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इसके पश्चात उन्होंने दिव्य प्रेम सेवा मिशन, सेवाकुंज परिसर में बिल्ब के पौधे का रोपण भी किया।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल से.नि. गुरमीत सिंह ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम ‘सेवा की साधना’ को समर्पित है, सेवा की साधना की प्रेरणा हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों की देन है। भारतीय शास्त्रों की देन है, जिनमें परोपकार को सबसे बड़ा पुण्य कहकर महिमामण्डित किया गया है। पवित्र गुरुवाणी और सिक्ख जीवन दर्शन में सेवा और परिश्रम को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। संस्था की इन स्वर्णिम उपलब्धियों’ की पृष्ठभूमि में पिछले पच्चीस वर्षों की तपस्या, सेवा और निष्ठा छिपी हुई है।

उन्होंने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन ने, ‘नर सेवा, नारायण सेवा’ के मंत्र को समझा और एक कठिन कार्य को अपने हाथों में लिया है। कुष्ठ रोगियों के बच्चों के भविष्य को उज्जव बनाने का संकल्प लिया, उनकी शिक्षा और दीक्षा का संकल्प लिया, कला और कौशल विकास का संकल्प लिया यह सब असंभव को संभव बनाने जैसा है। ये कार्य एक सच्चा देशभक्त, राष्ट्रभक्त ही कर सकता है।
स्वामी विवेकानन्द जी ने दुनियां के सामने विश्व गुरू भारत की संकल्पना दी थी, उस संकल्पना की पूर्ति भारतीय ज्ञान के विस्तार और सेवा की सच्ची भावना से ही हो सकती है। भारत के युवा जितने ज्ञानी और सेवा भावी होंगे हमारा देश उसी गति से विश्वगुरू के अपने पद को प्राप्त कर सकेगा।
राज्यपाल ने कहा कि सेवाभावी भारत के निर्माण के लिए युवाओं द्वारा गरीबों, वंचितो, निर्बलों की सेवा का संकल्प लेना होगा। स्वामी विवेकानन्द के ‘नर सेवा, नारायण सेवा’ के मंत्र को सच्चे अर्थो में अपनाना होगा। ज्ञान की उपासना और सेवा की पराकाष्ठा ही हमें विश्व गुरू के पथ पर अगे ले जा सकती है। यह समारोह इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरणा देने वाला है।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन से जुड़े लोगों ने वर्ष 1997 से आजतक तिल तिल जलाकर इस मिशन को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि जिसके प्रेम में दिव्यता होती है उनके लिये दूसरों की सेवा करना ही धर्म बन जाता है। कुष्ठ रोगियों के हित के लिये यह संस्था निरन्तर कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सैनिक के पुत्र है और सैनिक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता हैं। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति सहित अन्य अतिथियों का उत्तराखण्ड की जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की जनता ने राज्य के अंदर एक नया इतिहास बनाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि मिशन के संकल्प में कोई विकल्प नहीं है। अतः इस विकल्प रहित संकल्प के सेवा के मिशन को पूर्ण करने में उनका सहयोग रहेगा।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के डॉ आशीष गौतम ने संस्था के कार्यों की जानकारी दी।
इस अवसर पर देश की प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविन्द, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डा0 धन सिंह रावत, सांसद रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, विधायक श्री आदेश चौहान, श्री प्रदीप बत्रा सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

नई सरकार के सामने पांच बड़ी चुनौतियां, पांच विशेषज्ञों ने इन पांच चुनौतियों से निपटने के लिए दिये टिप्स

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देहरादून, उत्तराखंड की नई सरकार को अगले पांच वर्षों में पांच बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा। राज्य सरकार जन उपयोगी नीतियां बनाकर इन चुनौतियों से निपट सकती है। ये चुनौतियां हैं – शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन व रोजगार, उद्योग और गवर्नेंस। पीएचडी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स उत्तराखंड और एसडीसी फाउंडेशन द्वारा वाउ कैफे में आयोजित उत्तराखंड एट 25 कार्यक्रम में अलग-अलग विषय विशेषज्ञों ने इन चुनौतियों से निपटने की टिप्स दिये।

250 स्कूलों को पूरी तरह सुधारो :

शिक्षाविद् और डीआईटी यूनिवर्सिटी के चांसलर एन रविशंकर ने कहा कि 250 उत्कृष्ट श्रेणी के स्कूल पूरे शिक्षा जगत में आमूलचूल परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 189 स्कूलों को अटल आदर्श विद्यालय के रूप में डेवलप किया जा रहा है। इसके अलावा 13 जवाहर नवोदय विद्यालय और 13 राजीव गांधी नवोदय विद्यालय भी राज्य में हैं। कुछ जीआईसी और जीजीआई से इनमें शामिल करके 250 स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन की व्यवस्था कर सरकार को एक बड़ा संदेश देना चाहिए। इन स्कूलों की देखादेखी अन्य स्कूलों में भी स्थिति सुधर जाएगी। उन्होंने कहा कि आईटीआई और पॉलीटेक्निक को सिर्फ सर्टिफिकेट का साधन न बनाया जाए, बल्कि इंडस्ट्री का सहयोग लेकर वहां छात्रों को कौशल विकास किया जाए।

अरबन हेल्थ पर ध्यान दें :
उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन के चैयरमैन डॉ. राकेश कुमार ने 1947 के आंकड़ों के साथ तुलना करके बताया की हेल्थ संबंधी स्थितियों में कई सुधार हुए हैं, लेकिन अब भी स्थितियां पूरी तरह से संतोषजनक नहीं हैं। उन्होंने अरबन हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत बताते हुए कहा कि बढ़ते शहरीकरण के साथ इस सेक्टर पर ध्यान देने की जरूरत है। डॉ. राकेश कुमार का कहना था कि संक्रामक बीमारियों से निपटने के लिए हम अलर्ट मोड पर होते हैं, जो एक अच्छी बात है, लेकिन गैर संक्रामक बीमारियां ज्यादा लोगों की जान ले रही हैं। कैंसर, डायबिटीज, हाईपर टेंशन, कार्डिक अटैक जैसे गैर संक्रामक रोगों से निपटने की वर्तमान की व्यापक नीतियों और योजनाएं को और बेहतर क्रियान्वित करने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं को तंबाकू और अल्कोहल से दूर रखने के प्रयास करने की भी जरूरत बताई।

ब्लॉक मुख्यालयों में हो हर सुविधा :
दून यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के हेड डॉ. आरपी मममाईं का कहना था कि राज्य के सभी 95 ब्लॉक मुख्यालयों में हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाकर राज्य के हर क्षेत्र का विकास किया जा सकता है। ब्लॉक मुख्यालय पर एजुकेशन, पब्लिक हेल्थ, सरकारी आवास, एग्री बिजनेस और आईटी सर्विस जैसी हर सुविधा उपलब्ध करवाएंगे तो कम से कम 500 लोगों को रोजगार मिलेगा और लोकल प्रोडक्ट की खपत भी बढ़ेगी और विकास की चेन गांवों तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पिछड़ने का सबसे मुख्य कारण पहाड़ केन्द्रित नीतियां न बनाया जाना है। स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास और रोजगार संबंधी नीतियां पहाड़ों को ध्यान में रखकर बनाई जानी चाहिए। आयुष्मान भारत योजना का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना में जो भी पैसा आ रहा है वह मैदानों के अस्पतालों को मिल रहा है। डॉ. ममगाईं ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में 50 प्रतिशत ग्रेजुएट युवाओं के पास रोजगार नहीं है। पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन करने वालों में 64 प्रतिशत पूरे परिवार के साथ पलायन करते हैं और जो महिलाएं पहाड़ों में रह कर आर्थिकी की धुरी होती हैं वे शहर में आकर इस चेन से बाहर हो जाती हैं।

इंडस्ट्री ग्रोथ का माहौल बने:

पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स उत्तराखंड चैप्टर के चैयरमैन हेमंत कोचर का कहना था कि राज्य में परिस्थितियां औद्योगिक विकास के अनुकूल बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में जहां भी इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किये गये हैं, वहां स्थितियों को सुधारने की बहुत बड़ी ज़रूरत है । इन जगहों पर सड़कों, ट्रक पार्किंग, पीने का पानी, खाने की व्यवस्था और टॉयलेट जैसी मूलभूत सुविधा की ज़रूरत हैं । इसके अलावा कोई इंडस्ट्री आती है तो कुशल स्टाफ नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि पॉलीटेक्निक और आईटीआई से बेहतर है कि युवाओं को किसी इंडस्ट्री में भेजा जाए, जहां वे ज्यादा सीख सकते हैं। टूरिज्म को उन्होंने राज्य की सबसे बड़ी इंडस्ट्री बताया। कहा कि अच्छी सड़कें बनने से ज्यादा टूरिस्ट आने लगे हैं, लेकिन टूरिस्ट को अपने पसंदीदा डेस्टिनेशन तक पहुंचाने के लिए सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने टूरिज्म बेस्ड ट्रांसपोर्ट व्यवस्था शुरू करने की जरूरत बताई। उन्होंने लेबर पॉलिसी में बदलाव की जरूरत भी बताई। कहा कि 70 प्रतिशत स्टाफ लोकल रखने की शर्त के कारण ठेका प्रथा को बढ़ावा मिला है। उन्होंने इंडस्ट्री के लिए सपोर्ट सेंटर बनाने और फिल्म निर्माण के लिए पैकेज देने की भी सिफारिश की।

दूर-दराज से शुरू हो विकास :

पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी में पूर्व निदेशक संजीव चोपड़ा ने कहा कि अन्य अनेक राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में विकास की ज्यादा संभावनाएं हैं और यहां काम भी हुए हैं। उनका कहना था राज्य का सर्वांगीण विकास करना है तो इसके लिए जरूरी है कि विकास सुदूर क्षेत्रों से शुरू करके राजधानी की तरफ आये। फिलहाल पूरा ध्यान राजधानी पर है और दूर-दराज के क्षेत्र उपेक्षित हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार नियमों के साथ और पारदर्शिता अपनाते हुए काम करे तो हर तरह की समस्या का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने सरकार को सलाह दी की राज्य को देश का पहला बीपीएल मुक्त राज्य बनाने की दिशा में काम करे। दुनिया का बेस्ट मॉडल भारत में कहीं न कहीं उपलब्ध हैं, उन्हीं मॉडल के अनुरूप काम किया जाना चाहिए। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में आवास को बड़ी चुनौती बताया। कहा कि आवास संबंधी योजना बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जब अफोर्डेबल आवास की बात हो तो उसमें सिर्फ बजट का ही नहीं, इस बात का ध्यान भी रखा जाए कि वह आवास ठीक-ठाक रहने लायक भी हो।

उत्तराखंड एट 25 संवाद का संचालन एसएससी फाऊंडेशन के अनूप नौटियाल ने किया। संवाद मे रश्मि चोपड़ा, विशाल काला, विक्रम जीत, सटस लेपचा, संजय भार्गव, डॉ. मयंक बडोला, अनिल सती, त्रिलोचन भट्ट, स्नेहा, अमन और अन्य उपस्थित रहे ।