देहरादून, रायपुर पुलिस ने ज्वेलरी शॉप में चोरी करने वाला अंतर्राज्यीय गिरोह के एक महिला सहित कुल चार सदस्य को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। अब ने आरोपियों के आपराधिक इतिहास को खंगालने में जुट गई है पुलिस। 24 मार्च को मनोज कुमार निवासी पोलिटैक्निक रोड ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मेरी दुकान रिद्धि ज्वैलर्स नालापानी बस स्टैंड रायपुर के पास है। जहां 4 अज्ञात व्यक्तियों ने दुकान पर आकर ज्वैलरी चोरी कर ली थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर इनकी धरपकड़ के लिए दो टीमों का गठन किया गया था। थाना रायपुर प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि गठित टीमों द्वारा आरोपियों के आने जाने वाले रास्तों पर लगे करीब 50 सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया। कैमरे चेक करने पर पता चला कि आरोपियों का वाहन दिखाई दिया। पुलिस द्वारा वाहन के सम्बंध में जानकारी की गयी तो वाहन का स्वामी दिल्ली का निकला,जिस पर वाहन स्वामी से जानकारी की तो वाहन स्वामी ने बताया कि यह गाड़ी उसने कार डीलर के माध्यम से बेच दी थी। जिसके बाद पुलिस टीम डीलर के माध्यम से दूसरे मालिक तक पहुंची तो उसके द्वारा भी वाहन बेच देना बताया गया। वहीं, करीब सात दिनों तक पुलिस टीम द्वारा कई स्थानों पर छापे मारी की गई। इसके बाद मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने आरोपी जितेन्द्र, विशाल, राजू और सुनीता को तीस हजार रुपए व घटना में प्रयोग वाहन के साथ गिरफ्तार किया है।
दो आईएफएस अधिकारियों के खिलाफ फाइल तैयार, दिखाया जा सकता है विभाग से बाहर का रास्ता
देहरादून, उत्तराखंड में धामी सरकार के विभागों के मंत्रियों ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, उत्तराखंड वन विभाग में दो आईएफएस अधिकारियों पर गम्भीर आरोप लगे है बता दें कि अधिकारियों के खिलाफ फाइल तैयार हो चुकी है. अब बस मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन मिलते ही महकमे के 2 आईएफएस अधिकारियों को विभाग से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। उत्तराखंड में धामी सरकार के एक्शन में आते ही विभागों के मंत्रियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है. खास तौर पर पहले दिन से ही वन मंत्रालय मिलने के बाद सुबोध उनियाल भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुखर दिखाई दे रहे । हैं। स्थिति यह है कि विभागीय मंत्री ने महकमे का चार्ज लेते हीसबसे पहले अपर मुख्य सचिव वन आनंद वर्धन से गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों की फाइलें ही तलब की थी ।किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि वन विभाग में कई गंभीर आरोपों में घिरे अधिकारियों पर इतनी तेजी से कार्रवाई हो सकेगीमीडिया के अनुसार कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने ऐसे अधिकारियों पर अपना चाबुक चला दिया है।
फिलहाल 2 आईएफएस अधिकारियों की फाइल तैयार की जा चुकी है और इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय मंत्री ने अपनी कलम चलाते हुए फाइनल अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में फाइल भेज दी है.जानकारी के मुताबिक, इन दोनों आईएफएस अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला लिया गया है. इन दोनों अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं. फिलहाल, फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में मौजूद है और अब मुख्यमंत्री की तरफ से यदि ऐसे अधिकारियों पर सख्ती दिखाई जाती है तो निश्चित तौर से वन विभाग में अधिकारियों को एक बड़ा संदेश दिया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वैसे तो विभाग के कई आईएफएस अधिकारियों की फाइलें विभागीय मंत्री और शासन तक विचार के लिए पहुंच चुकी है. लेकिन इनमें पहले चरण में दो अधिकारी चिन्हित करते हुए उन्हें उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है. बताया जा रहा है कि ये दोनों अधिकारी डीएफओ रेंक है हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही लिया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने मनाया स्थापना दिवस, डीएवी काॅलेज में आयोजित किया रक्तदान शिविर
देहरादून, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में महानगर कांग्र्रेस अध्यक्ष श्री लाल चंद शर्मा ने ध्वजारोहण के साथ राष्ट्रीय गीत गाकर मनाया गया।
इस अवसर पर वक्ताओं नें स्व. श्रीमती गांधी को याद कर नए छात्रों को संगठन के विचारों से अवगत कराया। साथ ही इन विचारों को सभी छात्रों तक पहुंचाने का संकल्प लिया। इसमें बड़ी संख्या में एनएसयूआई के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल थे। इस अवसर पर एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक विकास नेगी नें कहा की एनएसयूआई संगठन भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा छात्र संगठन है जोकि समय-समय पर छात्रों के अधिकारों की मांग की उनकी आवाज बुलंद करता आया है। नौ अप्रैल, 1971 को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की नींव भारत की पूर्व शक्त महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी। उनका इस संगठन को बनाने का उद्देश्य देश को युवा नेतृत्व प्रदान करना था। उनकी इसी दूरदर्शी सोच के कारण आज भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन से इस देश को बड़े-बड़े नेता मिले हैं।
इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष एनएसयूआई उदित थपलियाल ने कहा कि एनएसयूआई हमेशा छात्रों के हितों की लड़ाई लड़ती आई है तथा आगे भी छात्रों के हितों में लड़ाई लड़ते रहेंगे व हमारा संगठन छात्रों के मुद्दों को सरकार व प्रशासन के समक्ष जोरों-शोरों से रखेगी। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन तिरंगे को अपना आदर्श मानता है तथा यह एकमात्र ऐसा संगठन है जिसकी विचारधारा इस देश को जोडने का काम करती है तथा कट्टरपंथी सोच से हटकर सभी जाति धर्मों को एक समानता भाव से लेकर साथ चलता है। आज देश के अंदर ऐसे विचारधारा के लोग सत्ता में बैठे है जो विचारधारा एक कट्टरपंथी सोच को लेकर चलती है तथा जाति धर्म के नाम पर देश को बांटने का काम कर रही है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन अपनी विचारधारा को घरों-घरों तक पहुंचाएगी तथा देश में कट्टरपंथी सोच वाले सत्ताधारियों को उखाड़ फेंकेगी।
उन्होनें कहा एनएसयूआई कांग्रेस पार्टी की नींव होती है। इसलिए एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को राजनीति के साथ साथ सामाजिक कार्यक्रमों में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए क्योंकि युवाओं के बिना श्री राहुल गांधी का मिशन पूरा नहीं हो सकता। उन्होनें कहा युवा ही देश का भविष्य होते हैं। आज का युवा ही कल का राजनेता है, इसलिए युवाओं को साफ सुथरी राजनीति करनी चाहिए, एनएसयूआई लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिपेक्षता को मानने वाला संगठन है। संगठन बिना कोई जाति या धर्म देखे छात्र और समाजिक हितों के लिए काम करता है। संगठन छात्र और सामाजिक हितों के लिए हमेशा तत्परता से काम करता रहेगा। ततपश्चात डीएवी काॅलेज में रक्तदान शिविर में पहुंचे निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष श्री प्रीतम सिंह ने रक्तदान का महत्व बताते हुए कहा कि रक्तदान जीवन दान देने जैसा है, समय पर रक्त की एक बूंद से किसी जरूरतमंद इंसान की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की तथा एनएसयूआई के राश्ट्रीय संयोजक विकास नेगी द्वारा रक्तदान षिविर के आयोजन में षामिल एनएसयूआई के छात्र नेताओं व कंाग्रेस कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया है।
इस अवसर पर महानगर कांग्रेस अध्यक्ष श्री लाल चंद शर्मा ने कहा रक्त की जरूरत कब किस इंसान को पड़ जाए, कहा नहीं जा सकता। क्या पता आपके खून की कुछ बूंदे किसी जरूरतमंद की सांसों को थमने से रोक दें। प्रचार-प्रसार के बावजूद आज भी बहुत से लोगों के दिलोदिमाग में रक्तदान को लेकर कुछ गलत धारणाएं विद्यमान हैं। यही वजह है कि बहुत प्रयास के बावजूद बमुश्किल कम रक्त उपलब्ध हो पाता है। आमजन को रक्तदान के लिए प्रेरित करने और उसके फायदे समझाने के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरण अभियान चलाया जाए।
रक्तदान शिविर में सर्व श्री राजेन्द्र साह, संदीप चमोली, आयुष नेहरा, नवनीत कुकरेती, सुधांशु अग्रवाल, अंजलि चमोली, सागर सेमवाल, अक्षित सजवाण, राहुल जग्गी, प्रकाश नेगी, उज्जवल सेमवाल, शुभम रावत, आरती, नम्रता, गायत्री आदी मौजूद रहे। इस अवसर पर अभिशेक डोबरियाल, सिद्धार्थ, कु0 दिव्या रावत, मीनाक्षी सिन्हा, हर्शिता, एष्वर्या, हरजीत सिंह, नमन शर्मा, अरूण टम्टा, षीतल रावत, वैभव, बुषरा, बलबीर, उत्कर्श, नूर मोहम्मद फरीदी, अभिशेक रावत, हेमन्त सोनी, आदित्य आदी छात्र मौजूद रहे।
नकलंक धाम के नवनिर्मित भवन का सीएम ने किया लोकार्पण, श्रीमद् भागवत कथा में भी किया प्रतिभाग
हरिद्वार(कुलभूषण), मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को भूपतवाला हरिद्वार में नकलंक धाम के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया एवं श्रीमद् भागवत कथा में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह धाम सेवा के धाम से जाना जाएगा। उन्होंने प्रदेश वासियों एवं कार्यक्रम में मौजूद विभिन्न राज्यों से आये लोगों को रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रामनवमी के मौके पर श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हो रहा है, यह शुभ संयोग और सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कथा सुनने का अवसर सौभाग्यशाली लोगों को ही मिलता है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है। मई में उत्तराखण्ड में चार धाम यात्रा शुरू होगी। चारधाम यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आयेंगे। राज्य सरकार सुरक्षित चार धाम यात्रा को लेकर संकल्पवध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि चार धाम यात्रा में आने वाले हर एक यात्री को बेहतर से बेहतर सुविधा मिल सके, इसके लिए उच्च स्तरीय बैठक की जा चुकी है। देवभूमि उत्तराखंड “अतिथि देवो भवः”के ध्येय वाक्य को अपनाकर सुरक्षित चार धाम यात्रा के लिए तैयार है, इसके लिए सभी व्यवस्था कर दी गई है।
कार्यक्रम में आयोजनकर्ताओं ने मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। इस दौरान पूर्व केबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद, नकलंक धाम के संस्थापक स्वामी राजेंद्र दास, जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पांडे, एसएसपी डॉ योगेंद्र रावत, संतगण एवं श्रद्धालु मौजूद थे।
पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के 28वें संन्यास दिवसोत्सव के साथ ‘मानस गुरुकुल’ कथा का समापन
हरिद्वार 10 अप्रैल (कुलभूषण)। पतंजलि विश्वविद्यालय में ‘मानस गुरुकुल’ विषयक राम कथा का समापन आज रामनवमी तथा पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के 28वें संन्यास दिवस के भव्य कार्यक्रम के साथ हुआ। इस अवसर पर पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम राष्ट्र के प्राण हैं, वे हमारे आराध्य भी हैं, साधन भी हैं, साध्य भी हैं, आदर्श भी हैं, वर्तमान भी हैं, भविष्य भी हैं, भारत के सांस्कृतिक गौरव भी हैं और राम हमारे लिए योग विद्या, अध्यात्म विद्या हैं, राम हमारे राष्ट्र हैं।
पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि मैं 27 वर्ष का संन्यासी हो चुका हूँ और 28वें वर्ष के युवा संन्यस्त जीवन में प्रवेश कर रहा हूँ। संन्यासी का एक ही धर्म है- योगधर्म से राष्ट्रधर्म, सेवाधर्म और युगधर्म का निर्वहन करते हुए इस राष्ट्र को स्वास्थ के साथ-साथ समृद्धि और संस्कार देना। इसलिए संस्कृति मूलक समृद्धि के सौपान पतंजलि योगपीठ चढ़ रहा है। पतंजलि अब देश के करोड़ों लोगों तक स्वास्थ्य से लेकर समृद्धि की योजना पर कार्य कर रही है। इसके लिए रुचि सोया की लिस्टिंग प्रथम चरण था जो 650 प्राइस बैण्ड पर लिस्ट हुआ और इसने एक ही दिन में 939 तक की उड़ान भरी। यह विश्वास दिलाता है कि यात्र बहुत लम्बी होगी। अब पूरे फूड बिजनेस को रुचि सोया में शामिल किया जाएगा, साथ ही रुचि सोया का नाम भी रूपान्तरित किया जाएगा और एक नये संकल्प का उद्घोष होगा। एफएमसीजी की सबसे बड़ी कम्पनी पतंजलि होगी और लोकल को ग्लोबल करने का शंखनाद पतंजलि से होगा। भारत को परम वैभवशाली बनाने के साथ-साथ विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक व आध्यात्मिक शक्ति बनाने में पतंजलि अपना योगदान देगा।
पाकिस्तान में राजनैतिक अस्थिरता पर पूज्य स्वामी जी ने कहा कि पाकिस्तान एक अस्थिर देश है। यह सच है कि हम पड़ोसी नहीं बदल सकते लेकिन यह भी सच है कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के रहते पाकिस्तान तो क्या कोई भी विरोधी ताकत भारत का कुछ नहीं बिगाड़ सकती।
इस अवसर पर पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि हमारी संस्कृति पर्व और त्यौहारों में प्रमुख है। आज भगवान राम का प्राकट्य दिवस ‘रामनवमी’ और नवरात्रों का पावन पर्व है। आज से 27 वर्ष पूर्व श्रद्धेय स्वामी जी ने ब्रह्मचर्य से सीधे संन्यास ग्रहण करके भारतीय संस्कृति, परम्परा व मूल्यों को पूरी दुनिया में गौरव देने का कार्य किया और भारत की गौरवशाली परम्परा की पहचान पूरे विश्व में कराई। आज से 5 वर्ष पूर्व पूज्य स्वामी जी महाराज ने शताधिक शिष्यों को तैयार करके संन्यास की दीक्षा दी तथा भारतीय संस्कृति के ध्वज को दिग-दिगांतर में फहराया। संन्यास की दीक्षा भी ग्रहण की थी। उन्होंने कहा कि हम सबने पूज्य मोरारी बापू के श्रीमुख से पिछले नौ दिन भगवान राम की कथा के माध्यम से भारतीय संस्कृति को जाना, यह हमारा सौभाग्य है।
आचार्य जी ने कहा कि वेदधारा का कार्य बहुत जटिल व श्रमसाध्य होता है। फिर भी हमने वेदों पर कार्य करने वाले 50 विद्वान भाष्यकर्ताओं की प्रकाशित-अप्रकाशित पुस्तकों को प्रकाशित करने का कार्य किया है। उन्होंने ‘वेदों की शिक्षाएँ’ के आठ वॉल्यूम पूज्य महर्षि दयानन्द, पूज्य मोरारी बापू तथा पूज्य स्वामी जी को समर्पित किए।
आचार्य जी ने कहा कि वेदों को विज्ञान से जोड़ना आवश्यक है, हम उस पर भी गहन अध्ययन कर रहे हैं। इसी क्रम में पतंजलि ने पहली बार विश्वस्तरीय शोध पत्रों को शोध का सार संस्कृत तथा हिन्दी में प्रकाशित कराया। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानन्द ने कहा कि वेदों में सम्पूर्ण विज्ञान है। हमने योग और आयुर्वेद को आधुनिक वैज्ञानिक मापदण्डों पर परिभाषित करके समग्र रूप से प्रस्तुतिकरण का कार्य ‘योगायु रिसर्च’ द्वारा किया है। यह एक विश्वस्तरीय रिसर्च जर्नल का पोर्टल है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शोध पत्र प्रकाशित होंगे। इसका विमोचन पूज्य मोरारी बापू के कर-कमलों से किया गया।
इस अवसर पर पूज्य बापू, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पूज्य स्वामी जी महाराज तथा विश्वविद्यालय के कुलपति पूज्य आचार्य जी महाराज ने विश्वविद्यालय की प्रथम डी-लिट उपाधि साध्वी आचार्या देवप्रिया को भेंट की। प्रति-कुलपति प्रो- महावीर जी ने कहा कि साधना का जीवन जीने वाली देवप्रिया जी ने ‘पुराणों में अष्टांग योग’ विषय पर शोध कर यह उपलब्धि प्राप्त की।
कार्यक्रम मेें पूज्य बापू ने कहा कि नौ दिवसीय इस अनुष्ठान का आज विराम का दिन है। उन्होंने कहा कि राम विश्वरूप हैं, जग निवास हैं, राम भगवान हैं, परमात्मा हैं, परब्रह्म हैं। त्रेता में जो योग भगवान राम के जन्म के समय बना था, वही योग सन 1631 में पुनः बना और गोस्वामी तुलसीदास के अनुसार यही रामचरित मानस का भी प्राकट्य दिवस है। और यह दिव्य संगम है कि आज ही पूज्य स्वामी जी महाराज ने अपने संन्यस्त जीवन के 27 वर्ष पूर्ण किए हैं। आज ही पूज्य आचार्य जी ने वेदों की शिक्षाएँ के रूप में अष्ट वरदान दिए हैं और प्रसन्नता है कि पूज्या साध्वी देवप्रिया जी को भी आज के दिन व्यासपीठ से सम्मान मिला। पूज्य बापू ने रामजन्म, अहिल्या उद्धार, धनुष यज्ञ, परशुराम संवाद, वनवास, दशरथ मरण, भरत मिलाप, सीता हरण से लेकर मेघनाथ, कुम्भकरण व रावण वध की कथा सुनाई। गुरुकुल के विषय में पूज्य बापू ने कहा कि सत्य आता है तो समर्पण स्वतः ही आ जाता है। बीज दिखता नहीं, दबता है लेकिन दबने से ही उसमें अंकुर फूटता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम् विश्व का विश्राम बनेगा और विश्व को रस देगा।
इस अवसर पर केन्द्रिय राज्य शिक्षा मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा जी ने आरती कर रामकथा का समापन किया।
कार्यम में पूज्य सतुआ बाबा, पूज्य बापू चिन्मयानन्द, डॉ. यशदेव शास्त्री जी, माता सुनिता पौद्दार, श्री एन.पी. सिंह, साध्वी आचार्या देवप्रिया जी, बहन ऋतम्भरा जी, प्रो. महावीर अग्रवाल, श्री ललित मोहन, रूड़की विधायक श्री प्रदीप बत्र, आचार्य आनंद प्रकाश, आचार्य सौद्युम्न, बहन प्रवीण पूनीया, डॉ. निर्विकार, श्री एन.सी. शर्मा सपत्नीक, बहन अंशुल, बहन पारूल, श्री अजय आर्य, स्वामी परमार्थ देव, भाई जयदीप आर्य, भाई राकेश कुमार, प्रो. के.एन.एस. यादव, प्रो. वी.के. कटियार, श्री वी.सी. पाण्डेय, श्री पद्मसेन आर्य के साथ-साथ पतंजलि विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षकगण, कर्मचारी तथा छात्र-छात्राओं, पतंजलि संन्यासाश्रम के संन्यासी भाई व साध्वी बहनों व विभिन्न प्रांतों से पधारे हजारों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण का लाभ लिया।
पर्यावरण की लड़ाई विकास से हारती हुई आ रही नजर, आसारोडी रेंज के दो सौ साल पुराने दुर्लभ पेड़ कटने हो गये शुरू
देहरादून, विकास की दौड़ में दून की आसारोडी रेंज के साल के दो सौ साल पुराने दुर्लभ पेड़ कटने शुरू हो गए हैं । सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी में दायर अपील निरस्त हो चुकी है इसलिए कोर्ट में न्याय मिलने का कोई सवाल नही है। कुछ एनजीओ प्रदर्शन कर रहे है और आवाज उठा रहे हैं लेकिन कटान रुकने की संभावना अब कम ही लगती है।
पर्यावरण की लड़ाई विकास से हारती हुई नजर आ रही है। विकास का तर्क है कि मोहंड से मोहब्बेवाला पर अक्सर लगने वाला जाम खत्म हो जाएगा, समय की बचत होगी। इस तर्क के समर्थन में देहरादून की एक अच्छी खासी प्रतिशत जनता का समर्थन है। शायद इन्हें वनों के कटने से होने वाले गंभीर खतरों का अंदेशा नहीं है। यह एक सत्य है कि देहरादून से दुनिया से लोग यहां की हरियाली और पहाड़ देखने आते हैं, कंक्रीट के जंगल नही।
जब यह मसला उभरा था तो ईकोग्रूप ने दोनो पहलुओं को गंभीरता से आकलन करते हुए एक सुझाव NHAI को भेजा था । इस प्रस्ताव की विशेषता यह थी कि इसमें wildlife का मार्ग भी disturb नहीं होता और 2 टियर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे होने के कारण यातायात भी तेज गति से चलता रहता। 2500 दुर्लभ पेड़ को भी इस निर्दयता से न काटा जाता। 2 टियर होने से रोड की चौड़ाई मौजूदा रोड की चौड़ाई तक ही सीमित रहती , इसलिए पेड़ नही कटते । इस प्रस्ताव को सरकारी और वन अधिकारियों, NGOs, पर्यावरण प्रेमियों और जनता ने भी काफी सराहा था। इसपर सफलता शायद इसलिए नही मिली कि रोड निर्माण के टेंडर जारी हो चुके थे।
हालांकि पानी सर के ऊपर से निकल चुका है फिर भी समय की मांग है कि बाकी बचे पेड़ों को कटने से बचाने के लिए इस प्रस्ताव को पूरी ताकत से सरकार के सामने रखा जाए। हालांकि देर हो चुकी है पर फिर भी उम्मीद है । फिर भी एक आस बंधी है कि सरकार कहीं न कहीं पर्यावरण से जुड़े इस मुद्दे पर जरूर कोई निर्णय अवश्य लेगी, संभावनायें अभी बरकरार है |
प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों-शिक्षकों के तबादले को बदले नियम, 10 जुलाई तक होंगे ट्रांसफर-शेड्यूल जारी
देहरादून, उत्तराखंड सरकार ने कर्मचारी-शिक्षकों के अनिवार्य तबादलों की डेडलाइन 10 जुलाई तक तय की है। स्थानांतरण आदेश के एक हफ्ते के भीतर हर हाल में नई तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग देनी होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अनुमोदन के बाद सचिव कार्मिक अरविंद सिंह ह्यांकी ने तबादला ऐक्ट की तय तिथियों में संशोधन के यह आदेश किए हैं, कोविड महामारी के चलते सरकार ने पिछले दो साल से तबादला सत्र शून्य कर दिया था। अब अनूकुल स्थिति आने पर ऐक्ट के कड़ाई से पालन के निर्देश दिए हैं। इसके तहत 10 फीसदी कर्मचारी-शिक्षक तबादलों की जद में आएंगे। इससे लंबे समय से दुर्गम से सुगम में तैनाती का ख्वाब पाले कर्मचारी-शिक्षकों को राहत मिलेगी।
सचिव कार्मिक अरविंद ह्यांकी ने बताया कि पांच जुलाई तक हर सूरत में शासन, मंडल और जिलास्तर पर गठित समितियां तबादलों की संस्तुति करेंगी। तबादला करने की अंतिम तिथि 10 जुलाई निर्धारित की गई है। पिछले सालों में यह तिथि 10 जून थी। उन्होंने बताया कि स्थानांतरण आदेश होने के सात दिन के भीतर कर्मचारी-शिक्षक अनिवार्य रूप से कार्यमुक्त होंगे।
जबकि आदेश के 10 दिन के भीतर नई तैनाती स्थलों पर कार्यभार ग्रहण करना होगा। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और विभागाध्यक्षों को ऐक्ट का कड़ाई से पालन के निर्देश भी दिए हैं।
तबादला प्रक्रिया की समय सारिणी
30 अप्रैल तक विभागाध्यक्ष करेंगे मानकों के हिसाब से चिन्हीकरण |
1 मई तक स्थानांतरण समितियों का गठन
15 मई तक सुगम-दुर्गम कार्यस्थल का निर्धारण
20 मई तक अनिवार्य तबादलों की जद में आने वाले कर्मचारियों से मांगे जाएंगे विकल्प
31 मई अनुरोध के आधार पर आवेदन आमंत्रित करने की तिथि
15 जून आवेदन प्राप्त करने की तिथि
20 जून प्राप्त आवेदन व विकल्प वेबसाइट करने होंगे अपलोड
25 जून से 5जुलाई तक-स्थानांतरण समितियों की बैठक व सिफारिश |
10 जुलाई स्थानांतरण आदेश जारी करने की अंतिम तिथि |
स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन की हेल्थी इंडिया मुहिम जारी, गढ़ीकैंट के दुर्गामाता मंदिर में निःशुल्क चिकित्सा शिविर का 150 से आधिक महिलाओं ने उठाया लाभ
देहरादून, स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन द्वारा आज गढ़ीकेंट दुर्गामाता मंदिर में निःशुल्क चिकित्सा शिविर के माध्यम से निःशुल्क रक्त जाँच शिविर एवं हैल्थ कार्ड रजिस्ट्रेशन का आयोजन किया गया, जिसमें १५० से अधिक महिलाओं ने लाभ उठाया | स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन की मुहिम मिशन हेल्थी इंडिया से लोग लगातार जुड़कर लाभान्वित हो रहे हैं। संस्था अब तक विभिन्न जगहों पर आयोजित चिकित्सा शिविरों में एक माह में लगभग ५०० से अधिक हेल्थ कार्ड बना चुकी है । इस कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुये मुख्य अतिथि वरिष्ठ आंदोलनकारी सुशीला बलूनी ने कहा स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन की यह मुहिम चिकित्सा जगत में एक स्वास्थ्य जागरूकता आंदोलन की भूमिका अदा करेगी। श्रीमती बलूनी ने संस्था की सराहना करते हुए कहा की चिकित्सा के क्षेत्र में ऐसे क्रान्तिकारी कार्य जीवनदान देने का काम करेंगे, संस्था के सहयोगी एम्बुलेंस एसोसिएशन देहरादून के सचिव अनिल थापा द्वारा मिशन हेल्थी इंडिया को घर घर की मुहिम बताया और इसे पूर्ण करने का संकल्प लिया, इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (युवा मोर्चा) नेहा जोशी ने कहा की ऐसे स्वास्थ्य शिविर विशेष रूप से महिलाओं की समस्याओं के लिए अति आवश्यक है, महिलायें किसी कारणवश अपने चिकित्सक से परामर्श नहीं कर पाती है उनके स्वास्थ्य समस्याओं का निवारण का यह एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जिसे स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन कई वर्षो से निरंतर कर रहा है | इस मौके पर डा. स्वाती बिजल्वाण ने महिलाओं को होने वाली कई गंभीर बीमारियों के प्रति आगाह किया, डा. स्वाती ने महिलाओं के चैकअप के साथ उनकों किस तरह जीवन में स्वस्थ्य रहे उसके टिप्स भी दिये, शिविर में डा. नवीन जगूड़ी ने उपस्थित लोगों का ब्लड़ प्रेशर कू साथ दूसरी बीमारियों की जांच की | इस अवसर पर एम्बुलेंस एसोसियेशन के अध्यक्ष सरदार मंजीत सिंह ने कहा कि मानव सेवा ही मनुष्य का धर्म है और उसको इस तरह के सकारात्मक कार्य करते रहना चाहिये, श्री मंजीत सिंह ने कहा कि हमारी एसोसियेशन स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन के इस अभियान का एक हिस्सा है और हम मदद के लिये हमेशा तैयार रहेंगे |
संस्था के सदस्य मनीष नेगी , संजीत ठाकुर राघव खोलिया सुमन बहुगुणा ,भावना अग्रवाल, रश्मि जुयाल आदि मौजूद रहे।
केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में भारत स्काउट गाइड्स राष्ट्रपति पुरस्कार परीक्षण कैम्प का समापन
देहरादून, केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में भारत स्काउट्स गाइड्स राष्ट्रपति पुरस्कार, परीक्षण शिविर का कैम्प फायर के साथ समापन हो गया , मुख्य अथिति देहरादून संभाग की उपायुक्त मीनाक्षी जैन एवं विशिष्ट अथिति सहायक आयुक्त सुकृति रैवानी ने समापन अवसर पर परीक्षण कार्यशाला में आये बच्चों को भारत स्काउट गाइड के उद्देश्यों को पूरा करने के लिये सेवा भावना से इसके साथ जुड़ने एवं कार्य करने के लिये प्रेरित किया !
केंद्रीय विद्यालय बीरपुर देहरादून में भारतीय स्काउट गाइड परीक्षण कार्यशाला के समापन पर 50 बच्चों ने इस परीक्षण टेस्ट में भाग लिया , जिसके परिणाम क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा कुछ दिन बाद जारी किये जायेंगे ! परीक्षा में सफल अभियार्थी राष्ट्रीय परीक्षा के लिये देहरादून संभाग से भाग लेंगे !
विद्यालय की प्राचार्य उमा चंद्रा ने सभी अतिथियों तथा उपस्थित सदस्यों का औपचारिक स्वागत किया ! इस अवसर पर रविन्द्र मोहन काला राज्य सचिव भारत स्काउट एंड गाइड उत्तराखंड ,बुद्धि सारा पवार मुख्य परीक्षक उत्तराखंड ,राजीव कुमार जैन मुख्य परीक्षक उत्तर प्रदेश, मनोज कुमार मलिक एएलटी एवं मंजू वर्मा उपस्थित थे श्रीमती तारा राणा गाइड ने कैंप रिपोर्ट प्रस्तुत की पुष्पा असवाल ने उपस्थित सभी सदस्यों का आभार प्रकट किया !
इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य उमा चंद्रा ,स्कॉउट प्रभारी उमेश कुमार एवं वरिष्ठ शिक्षक विनय कुमार उपस्थित थे
माँ शाकुम्भरी देवी मन्दिर खतेणा में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन, निकाली गयी जल कलश यात्रा
रुद्रप्रयाग(सतेराखाल), जनपद के तल्लानागपुर क्षेत्र के खतेणा गांव में मां शाकुम्भरी मन्दिर में शनिवार को भव्य जल कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा का पुष्प वर्षा कर जगह-जगह स्वागत किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तों ने आशीर्वाद लिया। नौ दिनों के आयोजन का आज रविवार को पूर्णाहुति के साथ समापन । पहले नवरात्र से सतेराखाल के खतेणा गांव में मंदिर में सकलीकरण एवं मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का नौ दिवसीय कार्यक्रम वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू हुआ। ग्राम खतेणा, सान्दर, बेला, बेलणी की अधिष्ठात्री देवी मां शाकुम्भरी का इस क्षेत्र में एकमात्र मन्दिर है। जिसका निर्माण पिछले डेढ़ वर्षों में किया गया। श्रद्धालुओं यहां भव्य जल कलश यात्रा निकाली, जिसमें गांव के साथ ही आसपास के बड़ी संख्या में गांवों से लोग यहां पहुंचे। आज नवमी को इस धार्मिक अनुष्ठा का समापन हो गया। इस धार्मिक अनुष्ठान के मौके पर बृजमोहन बिष्ट, जयकृत बिष्ट, राय सिंह बिष्ट, गम्भीर सिंह बिष्ट, मनोज बिष्ट, सिदार्थ बिष्ट, मस्तान बिष्ट सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय ग्रामीण मौजूद रहे।