Wednesday, April 30, 2025
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प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्तद के नाम पर धोखाधड़ी : स्कूल संचालक पर हॉस्टल बेचने के नाम पर साढ़े 10 करोड़ से अधिक रकम हड़पने का आरोप

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देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य बनने के बाद से राजधानी देहरादून में प्रापर्टी खरीदने बेचने का धंधा खूब चमक रहा है, ऐसी ही एक प्रापर्टी बेचने के नाम पर धोखाधड़ी को लेकर हाई प्रोफाइल मामला सामने आया है. एक नामी शिक्षण संस्थान संचालक पर हॉस्टल बेचने के नाम पर धोखाधड़ी कर 10 करोड़ 50 लाख (साढ़े दस करोड़) रुपए हड़पने का आरोप है. इस मामले में पीड़ित कॉन्ट्रैक्टर ने थाना राजपुर में आरोपित स्कूल मालिक के खिलाफ तहरीर दी. जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो पीड़ित ने एसएसपी, डीजीपी और गृह विभाग से न्याय की गुहार लगाई है.
पीड़ित गुरविंदर सिंह नागपाल का आरोप है कि बसंत विहार स्थित स्कूल मालिक द्वारा अपने शिक्षण संस्थान से सटे एक हॉस्टल बिल्डिंग को विक्रय (sales) के नाम पर पहले साढ़े दस करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई. गुरविंदर सिंह नागपाल के अनुसार इस मामले में आरोपी रसूखदार लोगों का भय दिखाकर कानूनी कार्रवाई को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में पुलिस से उनकी मांग है कि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच कर करोड़ों रुपए के बैंक ट्रांजैक्शन व अन्य सबूतों के आधार पर आरोपी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.प्रॉपर्टी बेचने के नाम पर साढ़े 10 करोड़ की धोखाधड़ी.सौदे की रकम बढ़ाकर रुपए हड़पने की साजिश: शिकायतकर्ता गुरविंदर सिंह नागपाल ने बताया कि वह एक पेशेवर बिल्डिंग कॉन्ट्रैक्टर हैं, जिसके चलते वह साल 2015 से इकोल ग्लोबल और एशियन स्कूल से संबंधित हॉस्टल और बिल्डिंग बनाने का कार्य कॉन्ट्रैक्ट बेस पर कर रहे थे. इसी कारण वर्षों के कार्य अनुभव और विश्वासपात्र होने के चलते उनको शिक्षण संस्थान के संचालक ने अपने स्कूल के हॉस्टल को खरीदने का प्रस्ताव 13 करोड़ में रखा.

इसके एवज में गुरविंदर सिंह नागपाल ने पिछले साल साढ़े 10 करोड़ रुपए दे दिए. उसके बाद शिक्षण संस्थान के संचालक ने रजिस्ट्री नहीं की. गुरविंदर सिंह नागपाल ने कहा कि वो ढाई करोड़ रुपए देने को तैयार हैं, लेकिन शिक्षण संस्थान के संचालक ने प्रॉपर्टी देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जमीन के दाम बढ़ गए हैं. ऐसे में अब उनको प्रॉपर्टी के 38 करोड़ रुपए चाहिए.
शिकायतकर्ता नागपाल ने बताया कि वो आरोपी शिक्षण संस्थान संचालक की कई बिल्डिंगों का पिछले 6-7 साल से निर्माण कर रहे थे. उसी विश्वास के चलते उन्होंने स्कूल संचालक की कम्पनी द्वारा देहरादून के राजपुर रोड पर “फाइव स्टार होटल” के निर्माण कार्य को वर्ष 2020 में कॉन्ट्रैक्ट के तहत शुरू किया था लेकिन स्कूल संचालक की नीयत में खोट आ गया. उसने निर्माण कार्य के लंबित करोड़ों रुपए का भुगतान रोक दिया. साथ ही दबंगों की मदद से करोड़ों के सामान और सामग्री कब्जे में लेकर काम बंद करा दिया गया.नागपाल का कहना है कि प्रॉपर्टी खरीदने में धोखाधड़ी और पांच सितारा होटल निर्माण में करोड़ों के लंबित भुगतान के कारण वह बाजार के कर्ज से न सिर्फ सड़क पर आ चुके हैं, बल्कि इस ठगी के कारण उनकी कंस्ट्रक्शन कंपनी से जुड़े 200 से अधिक मजदूर-कारीगर (मिस्त्री) व लोग रोजी-रोटी के संकट से गुजर रहे हैं. शिकायतकर्ता गुरविंदर सिंह के मुताबिक, इस मामले में आरोपी स्कूल संचालक के रसूखदार रुतबे को देखते हुए पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है |

स्लीपर फैक्ट्री की चिमनी गिरने से मची अफरा तफर, जनहानि होने से बची

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(मुन्ना अंसारी)

लालकुआँ में रेलवे के लिये स्लीपर बनाने वाली फैक्ट्री में शनिवार की दोपहर भीषण हादसा हो गया । जिसमें स्लीपर फैक्ट्री की एक विशालकाय चिमनी फैक्ट्री के टीन शेड में भरभरा कर गिर पड़ी। भारी भरकम चिमनी के टीन सैड में गिरने से पूरा टीन शेड क्षतिग्रस्त होकर जमीन में आ गिरा, गनीमत रही की घटना के समय कोई भी कर्मचारी मौके पर मौजूद नही था, जिसके चलते जनहानि होने से बच गई, अचानक हुई घटना से फैक्ट्री में कार्य करने वाले श्रमिकों में हड़कंप मच गया ।
वही फैक्ट्री प्रबंधन मामले को छुपाने का पूरा प्रयास करता रहा लेकिन इतनी बड़ी घटना का किसी श्रमिक ने वीडियो वायरल कर दिया जिससे उक्त घटना के बारे में जानकारी हो सकी । घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुँचे कोतवाल संजय कुमार ने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए कहा कि सिलिपर फैक्ट्री में चिमनी गिरने की सूचना प्राप्त हुई थी जिसके बाद घटनास्थल का निरीक्षण कर मामले की जाँच शुरू कर दी है साथ ही घटना की रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को प्रेषित की जा रही है ।
वही लालकुआँ क्षेत्र में हुई इतनी बड़ी घटना के घण्टो बीत जाने के बाद भी पुलिस के अलावा प्रशासन का कोई भी अधिकारी घटना का जायजा लेने नही पहुँचा, वही स्लीपर फैक्ट्री के मजदूरों में दहशत की स्थिति बनी हुई है ।

खास खबर : लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित

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‘लेखक दीवान सिंह बजेली को भी किया गया सम्मानित’

देहरादून, उत्तराखण्ड़ के सुप्रसिद्ध लोकप्रिय लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी को भारत सरकार ने शनिवार को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया। श्री नेगी के साथ लेखक दीवान सिंह बजेली को भी सम्मानित किया गया। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने दोनों को दिल्ली में विज्ञान भवन में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया।President will honor folk singer Narendra Singh Negi with Sangeet Natak  Akademi Award at New Delhi - लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी को राष्ट्रपति  करेंगे संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से ...

शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में देशभर की 44 हस्तियों के साथ उत्तराखंड से प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नरेंद्र सिंह नेगी को उत्तराखंड में लोक संगीत के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए वर्ष 2018 के पुरस्कार के लिए चुना गया था। नरेंद्र सिंह नेगी 12 अप्रैल को दिल्ली के मंडी हाउस में लोकगीतों की प्रस्तुति भी देंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी मौजूद रहेंगे। 12 अगस्त 1949 को पौड़ी में जन्मे नरेंद्र सिंह नेगी ने जीवन शैली, संस्कृति, राजनीति को लेकर अनगिनत गीत गाए हैं। नए गायकों के आने के बावजूद उत्तराखंड के लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों की चमक बरकरार है। अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के कलेत गांव में जन्मे दीवान सिंह बजेली का लेखन में 30 वर्षों का अनुभव है। थियेटर और फिल्म से जुड़े विषयों पर उनकी कलम हमेशा सामाजिक जागरूकता और नागरिकों को सामर्थ्यवान बनाने में अपना योगदान देती रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी तथा अभिनय कला के क्षेत्र में योगदान के लिये दीवान सिंह बजेली को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि पारम्परिक लोक गीत के क्षेत्र में नरेन्द्र सिंह नेगी तथा अदाकारी के क्षेत्र में दीवान सिंह बजेली को दिया गया सम्मान प्रदेश का भी सम्मान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के लोक गीत संगीत एवं अभिनय कला को भी पहचान मिली है। ज्ञातव्य है कि लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी को पारंपरिक लोक गीत व संगीत के क्षेत्र में तथा दीवान सिंह बजेली को अभिनय कला में योगदान/छात्रवृति के क्षेत्र में यह पुरस्कार दिया गया है। नरेन्द्र सिंह नेगी पौड़ी गढ़वाल तथा दीवान सिंह बजेली सोमेश्वर अल्मोड़ा के मूल निवासी है।

श्रद्धालुओं के वाहन की टक्कर से दो राहगीरों की मौत, छह घायल

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चंपावत, जनपद के टनकपुर में मां पूर्णागिरी के दर्शन करने व मेला देखने जा रहे श्रद्धालुओं के वाहन की टक्कर से दो राहगीरों की मौत हो गई। वाहन में सवार छह लोग घायल है। हादसा पूर्णागिरी मार्ग पर हुआ, घायलों का उपचार चल रहा है। मृतक युवक की पहचान कृष्ण कुमार और विक्रम सिंह के रूप में हुई है।

वाहन में सवार सभी लोग बरेली निवासी थे, जोकि माता के दर्शन के लिए जा रहे थे, लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि माता के दर्शन करने से पहले ही वह हादसे का शिकार हो जाएंगे। घायलों में कुछ की स्थिति गंभीर है। अस्पताल में सभी का उपचार जारी है।

कोरोना काल में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए मुख्यमंत्री ने किया डा.नरेश चौधरी को सम्मानित

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हरिद्वार 9 अप्रैल (कुलभूषण) उत्कृष्ठ एवं समर्पित सेवा कार्यों के लिये ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष/रेड क्रास सचिव प्रोफेसर (डा0) नरेश चौधरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
गत दिवस ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष एवं रेड क्रास सचिव प्रोफेसर (डा0) नरेश चौधरी को कोरोना काल एवं वैक्सीनेशन में उत्कृष्ठ एवं समर्पित सेवा कार्यों के लिये ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सभागार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वास्तव में डा0 नरेश चौधरी बहुत ही कर्मठ एवं ऊर्जावान है जो कार्य डा0 चौधरी द्वारा किये गये हैं वे वास्तव में अतुल्यनीय और प्रेरणास्त्रोत हैं। डा0 नरेश चौधरी के व्यक्तित्व और उनकी समर्पित सेवा भावना से जनपद हरिद्वार ही नहीं अपितु उत्तराखण्ड प्रदेश भी गौरवान्वित है, ऐसी समर्पित सेवा जनसमाज के लिये मिसाल बनती है और अन्य सामाजिक सवेा करने वाले समर्पित स्वयं सेवक के लिये बढ चढकर कार्य करने केक लिए प्रेरणा देती है और उत्कृष्ठ कार्य करने वाले को सम्मानित करने से सम्मानित व्यक्ति का उत्साहवर्धन तो होता ही है साथ ही साथ वह और अधिक कार्य करने के लिये विशेष ऊर्जा प्राप्त होती है जिससे वह और अधिक समर्पित भावना से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करता है। ज्ञात हो कि हरिद्वार में डा0 नरेश चौधरी एक ऐसा नाम है जो किसी भी सेवा कार्यों में सबसे आगे खडे नजर आते हैं उन्होनें कभी भी अपने कार्यों को राजकीय सेवा की तरह नहीं किया और न ही कभी यह सोचा कि वो एक सरकारी अधिकारी है, बल्कि एक समर्पित स्वयं सेवक की तरह धरातल पर सेवा कार्यों में लगे नजर आये। डा0 नरेश चौधरी ने प्रथम लहर में फंसे श्रद्धालु यात्रियों को उनके गंत्वय स्थान तक पहुचवाने, जरूरतमंदों को राहत सामग्री वितरण, कोरोना रोगियों को समय पर कोविड अस्पतालों में भर्ती कराकर उनका उचित इलाज कराना और प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचवाना आदि अहम टास्क का निर्वहन किया। जब प्रथम लहर में जनमानस में कोरोना से एक विशेष डर था तब भी डा0 चौधरी ने रात दिन जरूरत मंदों की समर्पित सेवा की। द्वितीय लहर में जब कोरोना रोगियों को बेड एवं आक्सीजन सिलेण्डर तथा उचित इलाज की कमी आ रही थी तब डा0 नरेश चौधरी ने कोरोना रोगी भर्ती नोडल अधिकारी के रूप में सभी कोरोना रोगियों को सही समय पर उत्कृष्ठ व्यवस्था दिलाने की मुख्य जिम्मेदारी का निर्वहन किया।

जब जनपद हरिद्वार में प्रथम दिन 08 जनवरी 2021 में कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिये ड्राई रन किया गया एवं 16 जनवरी 2021 से वैक्सीनेशन कार्य प्रारम्भ हुआ तब भी डा0 नरेश चौधरी ने प्रथम दिन सबसे पहले स्वयं को वैक्सीन लगवाकर जनमानस को संदेश दिया कि कोविड-19 वैक्सीन सुरक्षित वैक्सीन है इससे किसी को डरना नही है और सबको कोविड-19 वैक्सीन सर्वोच्च प्राथमिकता से लगवानी है क्यों कि उस समय समाज में वैक्सीन लगवाने से विशेष डर बैठा हुआ था तब डा0 नरेश चौधरी ने जनसमाज को विशेष रूप से जागरूक किया जिसकी हरिद्वार में जगह जगह सराहना हो रही है। वैक्सीनेशन कार्य में डा0 नरेश चौधरी ने भारत में एक विशेष रिकार्ड कायम किया है कि किसी एक वैक्सीनेशन सैन्टर/प्लेटफार्म पर किसी एक संस्था द्वारा लगभग 05 लाख लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन लगाकर सुरक्षित किया गया हो जिसकी हर लाभार्थी मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहा है। डा0 नरेश चौधरी द्वारा ऋषिकुल जम्बो वैक्सीनेशन सैन्टर को एक माडल के रूप में प्रस्तुत किया गया जिसको नीति आयोग की टीम ने भी उत्कृष्ठ वैक्सीनेशन सेन्टर करार दिया।

जिसमें प्रथम दिन से ही पुरूषों, महिलाओं, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों के लिये वैक्सीन लगाने की ऐसी उत्कृष्ठ व्यवस्थाएं की गयी जिससे किसी भी लाभार्थी को कोई भी परेशानी महसूस न हो साथ ही साथ चलने फिरने में असमर्थ लाभार्थियों को भी अपने वाहन से उनके घर से लाकर वैक्सीन लगवाकर वापिस उनके घर छोडना तथा अपने अपने वाहनों से जो स्वयं वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांग लाभार्थी आते थे तो उनके वाहन में ही वैक्सीन लगवा देना भी सभी लाभार्थियों के लिये एक अनोखी पहल थी जिसका अन्य राज्यों एवं संस्थाओं ने बाद में अनुसरण किया। पूर्व में भी डा0 नरेश चौधरी को महामहिम राष्ट्रपति, उत्तराखण्ड राज्य के माननीय राज्यपाल ,माननीय मुख्यमंत्री, माननीय वरिष्ठ मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ अधिकारियों, विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी स्वयं सेवी तथा सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी समय समय पर सम्मानित किया गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, रानीपुर विधानसभा के विधायक आदेश चौहान, रूडकी विधानसभा के विधायक प्रदीप बत्रा, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, डी0आई0जी0/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र सिंह रावत, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 सुनील कुमार जोशी, मुख्यचिकित्साधिकारी डा0 कुमार खगेन्द्र सिंह, अपर जिलाधिकारी (वित्त) वीर सिंह बुधियाल, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) प्यारे लाल शाह , नगर मजिस्ट्रेट अवधेश सिंह, एस0डी0एम0 पूरन सिंह राना, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एच0डी0 शाक्य ने डा0 नरेश चौधरी को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित करने के लिये विशेष रूप से बधाई दी।

राज्य में समूह-ग भर्ती के बीच आयोग ने लिया फैसला, आवेदन की अंतिम तिथि तक वैध सर्टिफिकेट होना जरूरी

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देहरादून, राज्य में समूह-ग की भर्ती के लिए ओबीसी प्रमाणपत्र को लेकर पैदा हो रहे असमंजस के बीच आयोग ने फैसला लिया है। सभी प्रमाणपत्र उपलब्ध न होने पर आवेदन निरस्त किया जा सकता है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की समूह ग की भर्तियों में आवेदन की अंतिम तिथि तक ओबीसी सहित सभी सर्टिफिकेट पूरे होने जरूरी होंगे। आयोग ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। दरअसल, ओबीसी सर्टिफिकेट को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी सामने आ रही थी। राज्य के कई जिलों से आयोग ने स्पष्टीकरण भी मांगा था लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया था। लिहाजा, आयोग ने बैठक बुलाई। बैठक में तय किया गया कि ओबीसी, एससी, एसटी से लेकर तमाम सर्टिफिकेट, जिनका लाभ कोई उम्मीदवार ले रहा हो, वह आवेदन की अंतिम तिथि तक पूरे होने चाहिए। अगर कोई उम्मीदवार ओबीसी का लाभ ले रहा है तो आवेदन की अंतिम तिथि तक उसके पास ओबीसी सर्टिफिकेट होना चाहिए। आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि सभी प्रमाणपत्र उपलब्ध न होने पर उसका आवेदन निरस्त किया जा सकता है।

कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के आगे फफक-फफक रो पड़ी महिला

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(मुन्ना अंसारी)

हल्द्वानी, राज्य के परिवहन मंत्री चंदन राम दास के सामने एक दुखियारी महिला अपनी फरियाद लेकर पहुंची और व्यथा बताते हुए फफक-फफक कर रोने लगी। महिला के रोने का कारण नौकरी न लगना था। महिला ने बताया कि उसके पति रोडवेज में काम करते थे, जिनकी चार वर्ष पूर्व मौत हो गई थी। सरकारी नियमानुसार मृतक आश्रित में पति की जगह पत्नी को नौकरी दी जाती है, ऐसे में महिला गुरुवार को बीजेपी कार्यालय में कैबिनेट मंत्री के सामने अपनी फरियाद लेकर पहुंची। महिला ने कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास से नौकरी दिए जाने को लेकर प्रार्थना की। इस पर परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने महिला को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे। महिला से बात करने में पता चला कि उसके पति परिवहन निगम में सहायक कैशियर के पद पर नियुक्त थे। जिनकी किडनी खराब होने के कारण 21 जुलाई 2018 को मृत्यु हो गई थी । उसके बाद से उनके द्वारा विभागीय अधिकारियों को मृतक आश्रित की जगह नियुक्ति देने को लेकर कई बार चक्कर काटे गए, लेकिन कुछ नही हुआ। पीड़ित महिला का कहना है कि उनके दो छोटे बच्चे हैं, जिनकी भरण पोषण और पढ़ाई लिखाई में उन्हें आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है |

डा. निधि उनियाल प्रकरण पर सरकार के एक्शन गढ़वाल सभा असंतुष्ट, स्वास्थ्य सचिव को तत्काल हटाया जाय

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देहरादून, अखिल गढ़वाल सभा ने डा. निधि उनियाल प्रकरण पर सरकार के रवैए और इस पर लिए गए अभी तक के एक्शन से नाराजगी व्यक्त की है। सभा ने जनहित में स्वास्थ्य सचिव और दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को तत्काल हटाने की मांग की है।

राज्य की स्वास्थ्य सचिव की पत्नी द्वारा डा. निधि उनियाल के साथ किए गए गलत व्यवहार के मामले में सरकार गंभीर नहीं दिख रही है। मामले को दबाने के लिए जांच-जांच हो रही है। इसको लेकर लोगों में नाराजगी है।

शुक्रवार को अखिल गढ़वाल सभी ने प्रेस वार्ता कर इस मामले में कड़ी नाराजगी व्यक्त की। सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, महासचिव गजेंद्र भंडारी, उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट ने दो टूक कहा कि इस मामले में सरकार के स्तर से उठाए गए कदम नाकाफी हैं।

इस बात पर खासा आक्रोश व्यक्त किया गया कि दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा डा. निधि उनियाल पर सचिव की पत्नी से माफी मांगने का दबाव बनाया गया। ये राज्य की महिलाओं का अपमान है। इसे कतई सहन नहीं किया जाएगा।

गढ़वाल सभा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से स्वास्थ्य सचिव और दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को पद से हटाने की मांग की है। साथ ही सचिव की पत्नी डा. निधि उनियाल से माफी मांगे। इस मौके पर संतोष गैरोला, दिनेश बौड़ाई, डा. सूर्य प्रकाश भटट, कुसुमलता शर्मा, उदयवीर सिंह पंवार आदि मौजूद थे।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से सीएम धामी ने की भेंट, राज्य में शिक्षा, कौशल विकास विभिन्न बिंदुओं पर हुई चर्चा

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देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भेंट की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री के बीच राज्य में शिक्षा के विकास और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा देवभूमि उत्तराखंड को शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग मेहनती एवं कर्मशील हैं। प्रदेश के युवाओं की प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा राज्य को पूरी मदद दी जाएगी। हुनरमंद लोगों की प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। रोजगार के साथ ही युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में स्वरोजगार की ओर लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर हो रहा है। केंद्र सरकार का हर क्षेत्र में राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने 3 करोड़ से ज्यादा मकान, PM मोदी बोले-महिला सशक्तीकरण का प्रतीक

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केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत अब तक 2.52 करोड़ पक्के मकानों का निर्माण पूरा कर लिया गया है जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत 58 लाख पक्के मकान का भी निर्माण पूरा हो चुका है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक तीन करोड़ से अधिक आवासों का निर्माण पूरा किया जा चुका है और मूलभूत सुविधाओं से युक्त ये आवास आज महिला सशक्तीकरण का प्रतीक बन चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”देश के हर गरीब को पक्का मकान देने के संकल्प में हमने एक अहम पड़ाव तय कर लिया है। जन-जन की भागीदारी से ही तीन करोड़ से ज्यादा घरों का निर्माण संभव हो पाया है। मूलभूत सुविधाओं से युक्त ये घर आज महिला सशक्तिकरण का प्रतीक भी बन चुके हैं।”