Tuesday, April 29, 2025
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राजकीय विद्यालयों में किए गए आधुनिकरण एवं नवीनीकरण कार्यों का मुख्यमंत्री धामी ने किया लोकार्पण

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रुद्रपुर, काशीपुर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय बांसखेड़ा, काशीपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए बहल पेपर निगम लिमिटेड काशीपुर द्वारा सी.एस.आर के माध्यम से काशीपुर में विभिन्न राजकीय विद्यालयों में किए गए आधुनिकरण / नवीनीकरण कार्यों का लोकार्पण किया।इस दौरान राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बाँसखेड़ा कला, काशीपुर (उधम सिंह नगर), राजकीय प्राथमिक विद्यालय, गिन्नीखेड़ा, काशीपुर (उधम सिंह नगर ), राजकीय प्राथमिक विद्यालय, गिरधई, काशीपुर (उधम सिंह नगर), राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बॉसखेड़ा खुर्द, काशीपुर (उधम सिंह नगर ), राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बघेलेवाला, काशीपुर (उधम सिंह नगर), राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, बघेलेवाला काशीपुर (उधम सिंह नगर ), राजकीय प्राथमिक विद्यालय, ढकिया गुलाबो, काशीपुर (उधम सिंह नगर) के आधुनिकरण / नवीनीकरण कार्यों का लोकार्पण किया गया।इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विद्यालयों में दी गई सुविधा एवं इनके निर्माण बच्चों की सुविधा अनुसार हैं।

आने वाले समय में यह विद्यालय संपूर्ण उत्तराखंड में मॉडल विद्यालय के रूप में स्थापित होंगे। सरकार की प्राथमिकता है कि प्रत्येक सरकारी विद्यालय आधुनिकता से जुड़े। सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा सुविधा हेतु हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि तमाम संकल्पों को पूरा करते हुए हमारी सरकार शिक्षा, चिकित्सा, उद्यान, कृषि जैसे प्रत्येक क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ काम कर उत्तराखंड को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी। उन्होंने कहा उत्तराखंड का विकास यहां की युवा पीढ़ी एवं स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य पर निर्भर करती है। नन्हे बच्चे उत्तराखंड राज्य के साथ ही देश का भविष्य है।मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि सरकार तीन मंत्र सरलीकरण, समाधान, और निस्तारण के आधार पर प्रदेश में विकास कार्य को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।

आगामी चार धाम यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु आने का अनुमान है, बिजली सड़क पेयजल जैसी तमाम सुविधाएं श्रद्धालुओं तक पहुंचाने हेतु सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि सही समय पर सही कार्य करते हुए अपने सपनों को साकार करना ही हमारा एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए। मौजूद छात्रों से उन्होंने कहा की अपना हर पल हर क्षण अपने सपनों को समर्पित करें एवं अपने लक्ष्य पर केंद्रित करें। उन्होंने कहा हमारी सरकार नई खेल नीति लाई है जिसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि सुविधाओं के अभाव में कोई भी खिलाड़ी आगे बढ़ने से न रुके।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार “विकल्प रहित संकल्प” के ध्येय वाक्य पर काम कर रही है। सरकार की प्राथमिकता है कि जो घोषणा पूर्व में की गई हैं उनके शासनादेश भी जारी हो रहे हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आने वाला दशक उत्तराखंड का दशक होगा। रजत जयंती के अवसर पर उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य होगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत सीट से लड़ेंगे उपचुनाव, केंद्रीय नेतृत्व ने दिये संकेत

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देहरादून, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा की चम्पावत सीट से ही उप चुनाव लड़ेंगे। सूत्रों के अनुसार भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इसके लिए धामी को हरी झंडी दे दी है। धामी ने अपने तीन दिन के दिल्ली दौरे के दौरान इस संबंध में केंद्रीय नेताओं के साथ मंथन किया। वर्तमान में चम्पावत से कैलाश गहतौड़ी भाजपा के विधायक हैं और उन्होंने ही सबसे पहले मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की थी।

विस अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र सौंपेंगे गहतौड़ी :

सूत्रों के मुताबिक कैलाश गहतौड़ी दो-तीन दिन में देहरादून पहुंचकर विधानसभा अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र सौंपेंगे। उधर, संपर्क करने पर विधायक गहतौड़ी ने कहा कि उनकी तरफ से सीट छोड़ना फाइनल है। अब निर्णय पार्टी संगठन और मुख्यमंत्री को लेना है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री चम्पावत से विधायक होंगे तो क्षेत्र में विकास की बयार बहेगी। मुख्यमंत्री यहां आते हैं तो उनके लिए 10 बार की विधायकी भी कुर्बान होगी।

बता दें कि राज्य के पांचवें विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत के साथ 70 सदस्यीय सदन में 47 सीटें हासिल की, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं खटीमा सीट से चुनाव हार गए। इसके बावजूद भाजपा नेतृत्व ने धामी पर ही विश्वास जताया और उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री पद सौंप दिया।

अब धामी को छह महीने के अंदर विधानसभा की सदस्यता लेनी है। धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर सबसे पहले चम्पावत के भाजपा विधायक कैलाश गहतौड़ी ने उनके लिए अपनी सीट छोडऩे की घोषणा की। इसके बाद विधायक महेंद्र भट्ट, भरत चौधरी समेत पार्टी के कुछ अन्य विधायक भी ऐसी पेशकश कर चुके हैं।

न सिर्फ सत्तापक्ष के विधायक, बल्कि हरिद्वार जिले की खानपुर सीट से निर्दलीय उमेश कुमार और फिर कांग्रेस से नाराज चल रहे पिथौरागढ़ जिले की धारचूला सीट के विधायक हरीश धामी ने भी मुख्यमंत्री के लिए सीट छोडऩे की पेशकश की थी। इस सबको देखते हुए मुख्यमंत्री धामी के सामने अपनी सीट के चयन के लिए एक नहीं अनेक विकल्प सामने आ गए। दिल्ली प्रवास के दौरान उन्होंने पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से भेंट कर अपने उपचुनाव के संबंध में चर्चा की। सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व ने उनके चम्पावत सीट से उप चुनाव लडऩे की सहमति दे दी है। जल्द ही पार्टी इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकती है। चम्पावत के भाजपा जिलाध्यक्ष व महामंत्री को इस सिलसिले में देहरादून बुलाया गया है।

उधर, विधायक गहतौड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी उनके क्षेत्र के हैं। बचपन से उन्हें जानते हैं। वह सक्रिय मोड में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उन पर पूरा विश्वास है, जो चुनिंदा व्यक्तियों को ही हासिल होता है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री धामी चम्पावत का नेतृत्व करेंगे तो स्वाभाविक रूप से इस क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा।

विद्युत कटौती के विरोध में व्यापारियों ने किया प्रदर्शन

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हरिद्वार 18 अप्रैल (कुलभूषण) शहर व्यापार मंडल ज्वालापुर द्वारा सोमवार को अघोषित बिजली कटौती के विरोध में विद्युत विभाग के विरूद्व प्रदर्शन किया ।
शहर अध्यक्ष विपिन गुप्ता एवं शहर महामंत्री विक्की तनेजा ने कहा कि प्रत्येक व्यापारी पिछले 2 साल से कोरोना महामारी के चलते बहुत बड़ी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है । पूरे 2 साल बाद अब व्यापार थोड़ा थोड़ा पटरी पर आना शुरू हुआ है परंतु अब पिछले एक माह से निरंतर अघोषित बिजली की कटौती चल रही है । जिससे व्यापारी वर्ग हो या नौकरी पेशा वर्ग हो सभी को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैए व्यापारी वर्ग में अधिकतर व्यवसाय ऐसे है जो बिना बिजली आपूर्ति के संभव नहीं हैए वैवाहिक सीजन के चलते अक्सर व्यापारी ग्राहक को समय पर काम नही दे पा रहे है । घरों में बिजली न होने के कारण एक ओर जहां भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है दूसरी ओर बिजली के बिना पानी की बहुत अधिक किल्लत झेलनी पड़ती है । इस विषय में जब भी संबंधित अधिकारियों को फोन किया जाता है तब केवल एक ही जवाब मिलता है कि ऊपर से कटौती है इससे अधिक हमारे पास कोई सूचना नहीं हैए न तो वो अधिकारीगण ये बता पाते कि बिजली आपूर्ति कब सामान्य होगी और न अधिकारी बिजली कटौती की पूर्व सूचना से अवगत करा पाते ।
संरक्षक शहर व्यापार मंडल रवि धींगरा एवम प्रवीण कुमार ने कहा कि मार्च में बिजली विभाग ने बकाया बिजली के बिलों की वसूली का कार्य पूरी तत्परता से किया है अगर कोई व्यापारी या अन्य व्यक्ति आर्थिक तंगी के चलते बिल समय पर जमा करने में असमर्थ रहा तो उसका बिजली कनेक्शन तुरंत काट दिया गया जितनी तत्परता बिजली के बकाया की वसूली में विभाग करता हैए उतनी तत्परता सेवाए प्रदान करने में भी होनी चाहिए।
अगर समय रहते विद्युत विभाग ने अपनी कार्यशैली में एवम अपनी सेवाओं में सुधार नहीं किया तो मजबूरन क्रमवार आंदोलन करने को विवश होना पड़ेगा ।
प्रदर्शन में ओम प्रकाश विरमानी तिशू अरोड़ा शेखर सतीजा पारस अरोड़ा कमल अरोड़ाएसुमित अग्रवाल अनुज मेहता प्रमोद तनेजाएसन्नी खंडूजा अनिरुद्ध मिश्र रमेश वर्मा कौशल तनेजा मोहन सतीश सहित विभिन्न व्यपारियो ने भाग लिया ।

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देश में फिर बढ़ने लगी कोरोना की रफ्तार, 24 घंटे में आए 2,183 नए मामले

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नई दिल्ली, देशभर में अब कोरोना की रफ्तार एक बार फिर से डराने लगी है 24 घंटे में कोरोना के 2, 183 नए मामले सामने आए हैं वहीं, 204 मरीजों की मृत्यु भी हो गई है 1 दिन पहले यानी शनिवार को 1,150 मामले सामने आए थे और 4 लोगों की मृत्यु हुई थी वहीं, सबसे ज्यादा डराने वाले आंकड़े दिल्ली एनसीआर से सामने आ रहे हैं आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना का हर चौथा नया केस दिल्ली नोएडा में सामने आ रहा है।

वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना का संक्रमण और बढ़ता जा रहा है संक्रमण दर भी बढ़ रही है 24 घंटे में देश में 2.61 लाख जांच हुई जिसमें 2, 183 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है संक्रमण दर बढ़कर 0.83% थी, रोजाना मिलने वाले नए केस भी तेजी से बढ़ रहे हैं 4 से 11 अप्रैल के बीच देश में 7, 348 संक्रमित मिले थे जिनकी संख्या 11 से 17 अप्रैल में बढ़कर 8, 348 हो गई है यानी कि 1 हफ्ते में कोरोना के मामले 10 फ़ीसदी बढ़े |

वहीं राजधानी दिल्ली में कोरोना के 517 नए मामले सामने आए हैं वहीं नोएडा में 65 नए के साए जिनमें से 19 छात्र हैं दिल्ली नोएडा में मिलाकर 582 नए संक्रमित मिले हैं यानी कि देश का हर चौथा संक्रमित दिल्ली नोएडा में ही मिल रहा है हालांकि राहत की खबर यह है कि दोनों ही जगह एक भी मौत नहीं हुई है। बता दें कि दिल्ली नोएडा के अलावा एनसीआर के बाकी इलाकों में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा 157 मामले गुरुग्राम में सामने आए हैं रविवार को फरीदाबाद में 32 और गाजियाबाद में 27 नए केस आए हैं गाजियाबाद और नोएडा में बड़ी संख्या में स्कूल छात्र भी कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं मामलों में एक बार फिर से बढ़ोतरी के बाद यूपी सरकार ने एनसीआर के सभी जिलों को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है।

आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली में संक्रमण दर बढ़ने के बाद डॉक्टरों ने चिंता जताई है डॉक्टरों की मानें तो फिर से मास्क को अनिवार्य कर देना चाहिए डॉक्टरों ने लोगों से भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी है साथ ही दिल्ली के सरकारी अस्पताल में इमरजेंसी डिपार्टमेंट की प्रमुख डॉ रितु सक्सेना ने बताया है कि अब बड़ी गैदरिंग को अवाॅयड करना चाहिए साथ ही अब लोगों को मास्क पहनना और सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन सख्ती से करना चाहिए अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टर सूरनजीत चटर्जी ने कहा है कि अभी भी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम है और संक्रमितों में लक्षण भी हल्के हैं लेकिन फिर भी हमें सावधानी बरतनी चाहिए उन्होंने भी दोबारा मास्क को अनिवार्य बनाने की मांग की है

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी संभाला कार्यभार, आधे विधायक रहे नदारद नाराजगी बरकरार

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देहरॎदून, उत्तराखंड कांग्रेस में अभी भी अंतर्कलह समाप्त नहीं हुई, लेकिन इन सब के बीच यशपाल आर्य ने नेता प्रतिपक्ष का पद संभाल लिया है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अलावा पांच-सात विधायक मौजूद रहे। वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कांग्रेस के विधायकों की आज बैठक बुलाई है, जिसमें विधायकों के असंतोष को खत्म करने के साथ-साथ आगे की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। बता दें कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद से ही कांग्रेस में अंतर्कलह बढ़ गई है। प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के बाद तो कांग्रेस में घमासान और तेज़ हो गया है।
वहीं पार्टी के नए अध्यक्ष करण माहरा ने रविवार को अपना कार्यभार संभाल लिया, लेकिन इस दौरान कांग्रेस के महज आठ विधायक ही मौजूद रहे। जबकि नाराज़ विधायकों के गुट ने कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी।कांग्रेस में मची घमासान के बीच राज्य में कांग्रेस के दस विधायक प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को लेकर नाराज हैं। नाराज विधायकों का कहना है कि उनकी वरिष्ठता को अनदेखा कर इन पदों पर नियुक्ति की है। विधायकों का कहना है कि यशपाल आर्य चुनाव से पहले कांग्रेस में वापस लौटे हैं। लिहाजा उन्हें पार्टी को इस पद पर नियुक्त नहीं करना चाहिए था। क्योंकि वह पहले पार्टी छोड़ चुके थे। यशपाल आर्य को हरीश रावत का करीबी माना जाता है और चुनाव से पहले कांग्रेस में वापसी के लिए हरीश रावत ने ही लॉबिंग की थी। फिलहाल यशपाल आर्य की आज होने वाली विधायकों की बैठक को लेकर संशय बना हुआ है और उन्होंने सभी विधायकों को देहरादून पहुंचने का निर्देश दिया।

 

नेता प्रतिपक्ष का पदभार ग्रहण करने बाद यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड की जनता , कांग्रेस पार्टी विधानमंडल दल के सदस्यों के आशीर्वाद और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के विश्वास से मैं आप लोगों के सामने उत्तराखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के रूप में उत्तराखंड की जनता की सेवा के लिए प्रस्तुत हूँ । उत्तराखंड की जनता ने हमें विपक्ष की भूमिका में रहकर जनता की आवाज को बुलंद करने हेतु जनादेश दिया है । कांग्रेस पार्टी भले ही जीत कर सरकार नही बना पाई हो लेकिन प्रदेश के कुल मतदाताओं में से 36% ने कांग्रेस पार्टी पर भरोसा किया है । हम जनादेश को विनम्रता पूर्वक स्वीकार करते हुए सकारात्मक और सजग विपक्ष की भूमिका में रहते हुए राज्य हित में और राज्य की जनता की बेहतरी व खुशहाली के लिए कार्य करने को तैयार हैं । कांग्रेस पार्टी स्वच्छ लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास करती है इसलिए विधानसभा के भीतर और बाहर लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुसार सकारात्मक विरोध की राजनीति करेगी । 19 सदस्यों वाला कांग्रेस विधायक दल भले ही सत्ता पक्ष की तुलना में संख्या बल में छोटा हो लेकिन हमारा विधायक दल विविधताओं से भरा है , जिसमें आदरणीय प्रीतम सिंह जी जैसे राज्य की सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक विधायक हैं तो हमारे इस विधानसभा में ऊर्जा से लवरेज 5 नए विधायक भी हैं । विधायक मंडल दल में पंचायतों में विभिन्न स्तरों पर प्रतिनिधित्व कर विधायक तक पहुंचे विधायक हैं पूर्व मंत्री हैं तो ममता राकेश जी और अनुपमा जी के रूप में दो महिला विधायक भी सम्मिलित है । मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं कि हमारे विधायक संपूर्ण देवभूमि उत्तराखंड और उत्तराखंडियत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं और पूरे उत्तराखंड की आवाज बन सकते हैं।
नेता प्रतिपक्ष के रूप में मेरी कोशिश होगी की हम विधानसभा का अधिकतम प्रयोग प्रदेश की जनता की खुशहाली और प्रगति के लिए करें । उत्तराखंड में विधानसभा के सत्रों की समयावधि धीरे धीरे कम होती जा रही है। उत्तराखंड की विधानसभा की सत्रों की समयावधि की तुलना यदि हमारे साथ बने दो राज्य झारखंड और छत्तीसगढ़ तथा अपने पड़ोसी राज्य हिमाचल से करें तो इन सभी राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में विधानसभा के सत्रों की समयावधि बहुत छोटी है। विधानसभा के सत्र छोटे होने से माननीय विधायकों को विधानसभा में अपने क्षेत्र और प्रदेश की जनता की आवाज उठाने के लिए बेहद कम समय मिलता है। हम सरकार पर लंबे और प्रभावी विधानसभा सत्र आहूत करने हेतु दबाव डालेंगे। सरकार को यदि सत्र की समयावधि बढ़ानी है तो सरकार को पहले से तैयारी कर विधान सभा हेतु सरकारी कार्य और विधायन की मात्रा बढ़ानी होगी। क्योंकि बिना सरकारी कामकाज के सत्र चलाना मुश्किल होता है।

अभी भी प्रदेश में सैकड़ों तरह के विधायन कार्य अधूरे हैं । हम अनेकों कानूनों और नियमावलियों के लिए अपने पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश पर निर्भर हैं । कांग्रेस सरकार के समय विधानसभा से पास कर महामहिम राज्यपाल को स्वीकृति हेतु भेजे गए लोकायुक्त कानून और राजकीय सेवाओं में राज्य आंदोलनकारियों से संबंधित कानून अभी भी स्वीकृत होकर नहीं आये हैं सरकार को शीर्ष स्तर के भ्रष्टाचार पर रोक लगाने तथा राज्य आंदोलनकारियों को सम्मान देने के लिए इन दोनों विधायकों और ऐसे अनेकों विधेयकों पर फिर से कार्य शुरू करना चाहिए। इसलिए सरकार अब सदन चलाने के लिए पर्याप्त सरकारी काम काज का बहाना नही बना सकती है ।
यदि सरकार उत्तराखंड की जनता के हित में और जनता की परेशानियों को हल करने के लिए पर्याप्त संख्या में विधेयक नहीं लाती है तो मजबूर होकर हम उन विषयों पर कांग्रेस विधानमंडल दल के माननीय विधायकों के द्वारा प्राइवेट मेंबर बिल सदन में प्रस्तुत करेंगे जो सरकार को आईना दिखाने का काम करेंगे। पिछली विधानसभा में भी कांग्रेस के विधायक द्वारा लाए गए प्राइवेट मेंबर बिल चारधाम देवस्थानम बोर्ड कानून को निरस्त करने में महत्वपूर्ण हथियार व कारण बना था। इसी तरह उत्तराखंड जमीदारी उन्मूलन कानून में गलत बदलाओं को समाप्त करने वाले प्राइवेट मेंबर बिल के कारण सरकार दबाव में आई और शसक्त भू-कानून हेतु एक उच्चस्तरीय समिति बनाई थी। हालांकि शसक्त भू-कानून के मामले में अभी भी सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है।
कांग्रेस विधानमंडल दल के माननीय विधायकगण व्यापक राज्य हित के विषयों को विभिन्न नियमों के तहत उठाएंगे और प्रश्नकाल का पूरा सदुपयोग किया जाएगा ।

यशपाल आर्य ने कहा, हमारी कोशिश होगी की हम न केवल विधानसभा में सरकार के कदम भटकने पर उन्हें चेताएँगे बल्कि संबैधानिक प्रक्रिया के तहत सरकार को रास्ता दिखाते हुए बेहतर विकल्प भी देंगे।
यदि सरकार सदन में संख्या बल के दम पर हमारे सकारात्मक विकल्पों को दबाती है या स्वीकार नहीं करती है तो हम कांग्रेसी पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा इन विकल्पों को लेकर जनता के सामने जाएंगे और जनता के साथ मिलकर उत्तराखंड की बेहतरी के लिए सड़कों पर संघर्ष करेंगे। इन सभी कार्यों के लिए मुझे और कांग्रेस के विधानमंडल दल को उत्तराखंड की जनता का आशीर्वाद और सहयोग मिलता रहेगा ऐसा मेरा भरोषा है। उत्तराखंड की प्रेस और मीडिया ने देश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलन और आज तक बहुत ही जिम्मेदार और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेरा उत्तराखंड की प्रेस और विभिन्न माध्यमों के पत्रकार साथियों से निवेदन है की आप विपक्ष की इस सकारात्मक लड़ाई में सहयोग देंगे और इन सकारात्मक मुद्दों को विभिन्न माध्यमों से जनता के बीच पहुंचाने में विपक्ष की सहायता करेंगे।

महाराज ने किया गढ़वाली गीत के वीडियो ‘चंदना’ का विमोचन

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देहरादून, प्रदेश के पंचायत राज, पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड की प्रसिद्ध गायिका श्रीमती बीना बोरा द्वारा गाये गये गढ़वाली गीत वीडियो ‘चंदना’ का विमोचन किया।

प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायत राज, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को अपने मुनिस्पिल रोड़ स्थित आवास पर उत्तराखंड की प्रसिद्ध गायिका श्रीमती बीना बोरा द्वारा गाये गये गढ़वाली गीत का एक बेहद सुंदर वीडियो ‘चंदना’ का विमोचन किया।
उन्होने वीडियो के निर्माण से संबंधित सभी लोगों को इसके लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह इसी प्रकार गीतों का फिल्मांकन और प्रस्तुतिकरण कर देश-विदेश में ‘देवभूमि’ की संस्कृति तथा कला का लगातार प्रचार-प्रसार करते रहें।

इस मौके पर गढ़वाली गीत
वीडियो ‘चंदना’ की निर्मात्री दर्शनी रावत, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुभाष भट्ट एवं समाज सेवी बचन सिंह रावत मौजूद थे।

चारधाम यात्रा के लिये ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया हुई शुरू, सुविधा 30 अप्रैल तक रहेगी उपलब्ध

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ऋषिकेश, प्रदेश में चारधाम यात्रा की तैयारियों पर सरकार लगातार नजर बनाये हुये है, इस वर्ष चारधाम यात्रा के लिये सोमवार (आज) से ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस वर्ष चार धाम यात्रा में परिवहन विभाग ने अपनी तैयारियों को धरातल पर उतार दिया है। यात्रा पर जाने वाले व्यवसायिक वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड बनाने का कार्य विधिवत रूप से शुरू कर दिया गया। सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में एआरटीओ प्रशासन अरविंद कुमार पांडे ने वाहन स्वामी को पहला ग्रीन कार्ड जारी किया। सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय ऋषिकेश में इस सेवा के लिए चार काउंटर बनाए गए हैं। 30 अप्रैल तक उत्तराखंड के वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड सुविधा उपलब्ध होगी। एक मई से अन्य प्रांत के वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड सुविधा जारी की जाएगी। एक मई से यात्रा मार्ग पर परिवहन विभाग की चेकपोस्ट सक्रिय हो जाएंगी।

चारधाम यात्रा को लेकर परिवहन विभाग की ओर से सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार की ओर से ऋषिकेश में आयोजित यात्रा की तैयारी बैठक में परिवहन विभाग को इस वर्ष ग्रीन कार्ड सुविधा को लेकर विशेष निर्देश दिए गए थे। आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि परिवहन कार्यालय में कार्ड बनाने के लिए आने वाले वाहन चालकों की भीड़ नहीं लगनी चाहिए।

इसके लिए काउंटर और कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि कर ली जाए। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन ऋषिकेश अरविंद कुमार पांडे की ओर से परिवहन आयुक्त को यात्राकाल को देखते हुए यहां आठ लिपिकीय कर्मचारी, 16 पीआरडी के जवान और दो आरआइ की अतिरिक्त नियुक्ति करने के लिए पत्र लिखा गया था। इस पर अभी तक कोई अमल नहीं हुआ है।

एआरटीओ प्रशासन अरविंद कुमार पांडे ने बताया कि सोमवार से ऋषिकेश कार्यालय में ग्रीन कार्ड बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अभी फिलहाल ग्रीन कार्ड के लिए चार काउंटर बनाए गए हैं। एक मई के बाद आवश्यकता को देखते हुए काउंटर की संख्या बढ़ा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि वाहन स्वामी को कार्यालय में सिर्फ वाहन की फिटनेस के लिए आना होगा। फिटनेस की अवधि एक वर्ष होगी।

 

एआरटीओ अरविंद पांडे के मुताबिक पूर्व में ग्रीन कार्ड की वैधता मात्र दो माह के लिए निश्चित की गई थी लेकिन इस वर्ष चारधाम यात्रा में ग्रीन कार्ड की वैधता 30 नवंबर तक निर्धारित की गई है। वाहन स्वामी को ग्रीन कार्ड के लिए विभाग के दोबारा चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उन्होंने बताया कि ग्रीन कार्ड व्यवस्था पूरी तरह से आनलाइन की गई है।

इसमें आवेदक आनलाइन शुल्क जमा करेगा। वाहन स्वामी आनलाइन ही ग्रीन कार्ड प्राप्त कर सकता है। जो लोग ऐसा नहीं कर पा रहे हैं उनके लिए कार्यालय में आफलाइन ग्रीन कार्ड जारी करने की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। शासन से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में कुल 15000 ग्रीन कार्ड जारी किए गए थे। जिनमें 4000 बस और 11000 मैक्सी और टैक्सी वाहन शामिल हैं। दो वर्ष तक कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा प्रभावित रही।

एआरटीओ अरविंद पांडे ने बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा में उत्तराखंड की करीब 1500 बसें और 3500 मैक्सी और टैक्सी वाहन शामिल हैं। 13 सीटर वाहन को टैक्सी और मैक्सी की श्रेणी में शामिल किया गया है। इससे अधिक सीटर वाहन को बस की श्रेणी में शामिल किया गया है।

विकास के नाम पर हो रहे जंगलों के कटान, पर्यावरण, विकास व उसके स्वरूप पर खुल कर हुआ विचार विमर्श, बनायी गयी आगे की रणनीति

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देहरादून, शहीद स्मारक में आयोजित विचार गोष्ठी में भारी संख्या में जुटे विषय विशेषज्ञ एवं विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों व नगर के जागरूक विचारवान नागरिकों ने जमीन से जुड़े मुद्दों, विकास के नाम पर हो रहे जंगलों के कटान , पर्यावरण , विकास व उसके स्वरूप पर खुल कर व्यापक विचार विमर्श किया I
जल जंगल जमीन पर जनता के अधिकार और पर्यावरण के साथ संतुलन स्थापित करते हुए विकास की नीति व योजनाओं के संचालन की बात को चर्चाओं में पुरजोर तरीके से उठाया गया I
संगोष्ठी का आयोजन संयुक्त रूप से राज्य आंदोलनकारी मंच, गढ़वाल सभा, संयुक्त नागरिक संगठन, स्वराज अभियान, उत्तराखंड महिला मंच एवं संयुक्त मोर्चा के द्वारा किया गया था I
विचार गोष्ठी की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद डॉo रवि चोपड़ा के द्वारा की गई I संगोष्ठी का संचालन उत्तराखंड महिला मंच के संयोजक कमला पंत द्वारा किया गया I उन्होंने बैठक की शुरुआत करते हुए सिटीजन फॉर दून का आभार व्यक्त किया, जिसने एक्सप्रेसवे के नाम पर राजाजी नेशनल पार्क के ठीक बगल में हजारों पेड़ों के कटान के विरोध की पहल करते हुए इन सभी मुद्दों पर विचार करने के करने के लिए देहरादून के सभी जागरूक जनों व संगठनों को प्रेरित किया I

सिटीजन फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोरा ने विकास के नाम पर जंगलों का जो अनवरत कटान होता जा रहा है उस पर चिंता व्यक्त करते हुए इस के जन विरोध का विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया I इस बात को आगे बढ़ाते हुए रवि चोपड़ा ने सड़कों के चौड़ीकरण के नाम पर पहाड़ों में जो जंगलों का कटान किया जा रहा है उस से होने वाले नुकसान की वैज्ञानिक विवेचना प्रस्तुत की और पर्यावरण के साथ संतुलन उठाते हुए विकास कार्यों की बात को वैज्ञानिक आधार पर प्रामाणिक रूप से जरूरी बताते हुए चर्चा को आगे बढ़ाया l

विचार संगोष्ठी को संबोधित करते हुए संयुक्त नागरिक संगठन के सुशील त्यागी ने पर्यावरण को बचाने के लिए सभी जागरूक संगठन और नागरिकों की एकजुटता का आह्वान किया और इसके लिए संयुक्त प्रयास की जरूरत पर जोर दिया l

विचार गोष्ठी में प्रमुख वक्ता के रूप में एस एस पाँगती ,बीजू नेगी , बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट कंडवाल, रोशन धस्माना , समर भंडारी, डाक्टर हिमांशु धामी , शंकर गोपालन , राम लाल खंडूरी , श्री जगदीश बावला , भोपाल चौधरी , मनोज ध्यानी, श्री अरुण श्रीवास्तव , डा. हेमंत ध्यानी , एडवोकेट एस डी पंत आदि ने अपने विचारों को प्रस्तुत किया I
बैठक में उक्त वक्ताओं के अलावा सर्व श्री मेहंदीरत्ता , प्रकाश थपलियाल, सतीश धौलाखंडी , जयदीप सकलानी , हिमांशु चौधरी , आरिफ खान , बॉबी पवार , रामलाल खंडूरी , प्रभात डंडरियाल , रविंद्र प्रधान , मोहन रावत ,सुशील सैनी , मुकुल देव शर्मा , यशवीर आर्या , जबर सिंह पावेल , दिनेश भंडारी, गणेश डंगवाल , उदयवीर पवार सुरेश नेगी ,राम चन्द्र रतूडी निर्मला बिष्ट, पदमा गुप्ता मातेश्वरी रजवार , हेमलता नेगी ,आयुष राणा ,आदि अनेक जागरुक साथियों ने प्रतिभाग किया l व्यापक विचार विमर्श से जो मुख्य प्रस्ताव निकले , वे निम्नवत रहे l

1. पर्यावरण को बचाने के लिए समन्वय समिति का गठन व संयुक्त रूप से जन जागरण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा I

2. अप्रैल 22, को पृथ्वी दिवस पर गांधी पार्क में संयुक्त प्रदर्शन किया जाएगा I
3. सरकार से मांग की जाएगी कि कोई भी विकास कार्य पर्यावरण व प्रकृति से संतुलन बनाते ही किया जाए और जंगलों के भारी कटानवाली विकास योजनाओं की जगह वैकल्पिक योजनाएं बनाई जाए I
4 – जमीन के प्रबंधन को अत्यंत गंभीरता से लिया जाए l जमीन जल जंगल पर प्राथमिक रूप से जनता के अधिकारों का संरक्षण किया जाए I इसके लिए स्थानीय स्तर पर ग्राम सभा व स्थानीय निकायों को इस विषय पर निर्णय का अधिकार / निर्णय में प्रमुख भागीदारी दी जाए l
5 – वर्तमान में लागू भू कानून को तत्काल निरस्त करके , राज्य का अपना सशक्त नया भू कानून बनाया जाए I
6 – शहरीकरण की जगह गांव को विकसित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और इसके लिए खेती बागवानी एवं कुटीर उद्योग को विकसित करने के लिए सरकार के द्वारा सघन गंभीर प्रयास किए जाए I

संगोष्ठी के अंत में चर्चा को समाप्त करते हुए समयाभाव के कारण कई विद्वान जागरुक साथियों को जिन्हें विचार व्यक्त करने का अवसर नहीं मिल पाया उसके लिए संचालक कमला पंत द्वारा उनसे क्षमा निवेदन भी किया गया I

दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के 6 करोड़ पीएफ कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

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नई दिल्ली, बढ़ती महंगाई और कम होती कमाई के बीच निजी संस्थानों में कार्यरत देशभर के 6 करोड़ पीएफ कर्मचारियों को नरेंद्र मोदी सरकार अगले कुछ महीनों ने अच्छी खबर देने जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के 6 करोड़ निजी संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों के पीएम खातों में ब्याज का पैसा डालने वाली है। इससे महंगाई और बढ़ती खाने-पीने की चाजों से जूझ रहे संबंधित कर्मचारियों को कुछ हद तक राहत मिलेगी। यहां पर बता दें कि पिछले दिनों ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 2021-22 के लिए पीएफ जमा पर 8.10 प्रतिशत ब्याज दर के रूप में मंजूरी दी है। यह अलग बात है कि यह चार दशकों में सबसे कम है। वर्ष 1977-78 में ईपीएफओ ने ब्याज दर के रूप में 8.0 प्रतिशत जमा किया था। ऐसे में इस साल पीएफ कर्मचारियों को जमा रकम पर सबसे कम दर से ब्याज मिलेगा। बावजूद इसके 8.10 प्रतिशत से जमा पीएए की रकम पर ब्याज मिलने से करीब 6 करोड़ लोगों को फायदा होगा। 30 जून तक खाते में आ सकती है ब्याज की रकम

ईपीएफओ के सूत्रों के अनुसार, ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा ब्याज का ऐलान होने के साथ ही 30 जून तक ब्याज का पैसा खाते में आ जाएगा। हालांकि, इस बाबत संबंधित केंद्रीय मंत्रालय अथवा ईपीएफओ की ओर से कोई आधिकारिक ऐलान अभी नहीं किया गया है।

रकम आने पर ऐसे चेक करें बकाया

ईपीएफओ अपने खाताधारकों को कई तरह की सुविधाएं और सहूलियतें मुहैया कर रहा है, जिससे उसके 6 करोड़ कर्मचारियों को दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ें। अगर आप भी पीएफ में जमा रकम का बकाया जानना चाहते हैं तो पीएफ अकाउंट से लिंक रजिस्टर नंबर से 011-22901406 पर मिस्ड-काल दें। इसके कुछ सेकंड्स में पीएफ खाते में जमा रकम की जानकारी एसएमएस के जरिये मिल जाएगी। इसके अलावा, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 7738299899 पर EPFO UAN LAN भेजकर भी बैलेंस जान सकते हैं।

 

यूआईडीएआई ने लॉन्च किया नया आधार कार्ड

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नई दिल्ली  । भारत के हर नागरिक के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है। बैंक के काम से लेकर पोस्ट ऑफिस और पासपोर्ट तक के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है। आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई ने अब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने एक नई सुविधा शुरू की है।
यूआईडीएआई ने हाल ही में एक पीवीसी कार्ड पर आधार विवरण प्रिंट करने के लिए आधार पीवीसी कार्ड लॉन्च किया है। इसे विशेषत: सुरक्षा की दृष्टि से लॉन्च किया गया है।
क्या है आधार पीवीसी?
यूआईडीएआई ने जानकारी देते हुए कहा है, ‘आधार पीवीसी कार्ड ऑर्डर करें’ यूआईडीएआई द्वारा शुरू की गई एक नई सेवा है जो आधार धारक को नाममात्र शुल्क देकर अपने आधार विवरण को पीवीसी कार्ड पर मुद्रित करने की सुविधा प्रदान करती है। जिन निवासियों के पास पंजीकृत मोबाइल नंबर नहीं है वे गैर-पंजीकृत / वैकल्पिक मोबाइल नंबर का उपयोग करके भी ऑर्डर कर सकते हैं।
50 रुपये लगेगा चार्ज
आधार पीवीसी कार्ड में सुरक्षित क्यूआर कोड होलोग्राम, माइक्रो टेक्स्ट, घोस्ट इमेज, जारी करने और प्रिंट की तारीख, गिलोच पैटर्न और आधार कार्ड धारक की सुविधा के लिए आधार लोगो दिया हुआ है। अगर आप भी इसे मंगवाना चाहते हैं तो किसी भी मोबाइल नंबर का उपयोग करके ऑर्डर कर सकते हैं। आप अपने पूरे परिवार के लिए भी केवल एक ही मोबाइल नंबर का उपयोग करके ऑर्डर कर सकते हैं। यूआईडीएआई आधार पीवीसी कार्ड के लिए आपको 50 रुपये का शुल्क देना पड़ेगा।