Monday, May 12, 2025
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दर्दनाक हादसा : स्योली मल्ली के पास बारात से लौट रहा वाहन दुर्घनाग्रस्त, छह की मौत और आठ घायल

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पौड़ी, उत्तराखण्ड़ के पौड़ी जिले के पैठाणी थाना क्षेत्र में बारात से लौट रहा मैक्स वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। जिसमें पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया है। दो घायलों का सीएचसी पैठाणी व छह घायलों का उपचार जिला अस्पताल पौड़ी में चल रहा है।दुर्घटना की सूचना मिलते ही डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, एसएसपी यशवंत सिंह चौहान ने जिला अस्पताल पौड़ी पहुंच घायलों का हालचाल जाना।

मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को थाना क्षेत्र पैठाणी के डोबरी गांव से एक बारात सिलोली गांव गई थी। देर शाम बारात विदाई के बाद वापस डोबरी लौट रही थी। लेकिन इसी दौरान बारातियों से भरी एक मैक्स स्योली मल्ली-टीला मोटर मार्ग पर स्योली मल्ली के पास अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। घटना की सूचना पर पुलिस टीम ने मौके पर पहुंच स्थानीय लोगों के साथ रेस्क्यू अभियान चलाया। दुर्घटना में जाख गांव की एक ही परिवार की दो बेटियों की मौत हो गई है।
थानाध्यक्ष पैठाणी वीरेंद्र रमोला ने बताया कि बरातियों से भरी मैक्स दुर्घटना में चालक अंकित (25) पुत्र प्रकाश लाल निवासी स्योली तल्ली, हयात सिंह पुत्र प्रताप सिंह सिलोली, मेहरवान सिंह पुत्र केदार सिंह सिलोली, जांख निवासी कलम की बड़ी बेटी अंबिका (18) और पांच वर्षीय दृष्टि की मौके पर ही मौत हो गई थी। थानाध्यक्ष रमोला ने बताया कि 108 सेवा के सहयोग से दो घायलों को सीएचसी पैठाणी व सात को सीएचसी पाबौ में भर्ती कराया गया। सीएचसी पाबौ में उपचार के दौरान मोनिका ने दमतोड़ दिया। यहां से छह घायलों को जिला अस्पताल पौड़ी रेफर किया गया। हादसे के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है। प्रदेश के शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री ने घायलों के उपचार को लेकर जिलाधिकारी को दिशा-निर्देश दिए हैं, जबकि छह घायलों का जिला अस्पताल पौड़ी व दो घायलों का उपचार सीएचसी पैठाणी में चल रहा है। जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गौरव रतूडी ने बताया वीरेंद्र, कंचन, दिया, राहुल, प्रिया, किरन का उपचार चल रहा है। थानाध्यक्ष पैठाणी रमोला ने बताया घायल रविंद्र पुत्र रोशन सिंह ग्राम इसोटी एकेश्वर ब्लॉक, मोहन सिंह पुत्र हयात सिंह सिलोली का उपचार सीएचसी पैठाणी में चल रहा है।
14 लोग से वाहन में सवार
दुर्घटनाग्रस्त वाहन बरातियों से ओवरलोड होकर चल रहा था। थानाध्यक्ष वीरेंद्र रमोला ने बताया कि मैक्स वाहन में 14 बराती सवार थे। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के कारणों की पड़ताल की जा रही है।

दुर्घटना पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने मृतक व्यक्तियों के प्रति गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने मृत आत्माओं की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। राज्यपाल ने दुर्घटना में घायल लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए। स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दुख जताते हुए संवेदना प्रकट की।

विशेष प्रमुख सचिव सूचना ने की सूचना विभाग के कार्यों की समीक्षा

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शासन एवं विभाग के उच्चाधिकारी समीक्षा बैठक में रहे मौजूद।

देहरादून , विशेष प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना  अभिनव कुमार ने सोमवार को सचिवालय में सूचना विभाग के कार्य कलापों की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में शासन एवं विभाग के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में विशेष प्रमुख सचिव सूचना ने निर्देश दिये कि आधुनिक संचार तकनीकि के वर्तमान बदलती परिस्थिति के अनुकूल विभागीय कार्यकलापों को बेहतर ढंग से सम्पादित करने के लिये विभागीय ढांचे के पुनर्गठन का प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि शासकीय योजनाओं एवं कार्य कलापों की जानकारी राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक सुगमता एवं त्वरित ढंग से सुनिश्चित हो इसकी प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रति क्या प्रतिक्रिया रहती है इसके अनुश्रवण का भी प्रभावी तंत्र विकसित करने पर ध्यान दिया जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विभागीय कार्यकलापों एवं प्रक्रियाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने, आधुनिक संचार सुविधाओं की जानकारी एवं वर्तमान परिस्थितियों के अनुकूल अपने कार्य दायित्वों के बेहतर ढंग से सम्पादन के लिये सूचना अधिकारियों एवं अपर जिला सूचना अधिकारियों को प्रतिष्ठित जन संचार संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
विशेष प्रमुख सचिव ने पत्रकारों के कल्याण के लिये गठित पत्रकार कल्याण कोष की नियमित बैठक आयोजित किये जाने के साथ ही उत्तराखण्ड की फिल्म नीति को और बेहतर बनाये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि फिल्म नीति फिल्मांकन के अनुकूल होने पर अधिक से अधिक फिल्मकार यहां आयेंगे तथा इससे राज्य को बेहतर पहचान मिलने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर अपर सचिव एवं महानिदेशक सूचना श्री रणवीर सिंह चौहान, संयुक्त सचिव श्री एस.एस.टोलिया, अपर निदेशक डॉ. अनिल चंदोला, संयुक्त निदेशक श्री आशीष त्रिपाठी, श्री के.एस. चौहान, उपनिदेशक श्री मनोज श्रीवास्तव, श्री रवि बिजारनियां, अनुसचिव श्री रजनीश जैन, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

गर्भवती महिला कर्मचारी के पेट पर महिला पुलिसकर्मी ने पैर रख दिया

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देहरादून। कोरोना काल में आउटसोर्सिंग के माध्यम से नौकरी पर रखे गए और अब हटा दिए गए स्वास्थ्य कर्मियों ने सेवा विस्तार की मांग को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर रहे गर्भवती महिला कर्मचारी के पेट पर महिला पुलिसकर्मी ने पैर रख दिया जिस कारण उसकी हालत खराब हो गयी।
बताते चलें कि कोरोना काल में आउटसोर्सिंग के माध्यम से नौकरी पर रखे गए और अब हटा दिए गए स्वास्थ्य कर्मियों ने सेवा विस्तार की मांग को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया तो इस दौरान पुलिस प्रशासन ने मुख्यमंत्री आवास से काफी पहले हाथीबड़कला गेट के सामने बैरिकेडिंग लगाकर कर्मचारियों को रोक लिया। विरोध में कर्मचारी वहीं धरने पर बैठ गए। इस दौरान दोनों तरफ से जाम लग गया। पुलिस प्रशासन ने कोरोना योद्धाओं को जबरन उठाने का प्रयास किया। इस दौरान कोरोना योद्धायों ने इसका विरोध किया तो पुलिस और कर्मचारियों में हाथापाई, धक्का-मुक्की और तीखी नोकझोंक हो गई। पुलिस ने लगभग 100 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को पीएससी के ट्रकों में भरकर पुलिस लाइन के लिए रवाना किया। इसी धक्का-मुक्की में एक आउट सोर्स गर्भवती महिला कर्मचारी, एक और अन्य महिला कर्मचारी चोटिल हो गई। कर्मचारियों का आरोप है कि गर्भवती महिला कर्मचारी के पेट पर महिला पुलिसकर्मी ने पैर रख दिया। जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई। वह लगातार उल्टियां कर रही है। साथी कर्मचारियों द्वारा गर्भवती महिला को उपचार के लिए राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया।
आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि जिस अस्पताल में उन्होंने कोरोना मरीजों की सेवा की उसी अस्पताल में उनकी एक साथी गर्भवती महिला की हालत बिगड़ने पर उसे भर्ती नहीं किया जा रहा है। अब उसे राजकीय जिला अस्पताल कोरोनेशन रेफर कर दिया गया है। इस बीच दूसरी घायल महिला कर्मचारी को भी कोरोनेशन अस्पताल ले जाया जा रहा है। कर्मचारियों में सरकार और शासन प्रशासन व पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।

भारतीय रेलवे विद्युत संयंत्रों को कोयला आपूर्ति की अपनी गति बरकरार रखे हुए

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नई दिल्ली । विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय रेलवे द्वारा अपने नेटवर्क के माध्यम से कोयले के आवाजाही बढ़ाने के लिए अतिरिक्त ट्रेनों और रेकों के उपयोग की शुरुआत की गई है। भारतीय रेलवे द्वारा कोयले की ढुलाई में तेजी लाई गई है, जिसके कारण सितंबर 2021 से मार्च 2022 के दौरान 32 प्रतिशत अधिक कोयले की लोडिंग हुई है। 22 अप्रैल के बाद संसाधन को कुशलतापूर्वक जुटाकर माल ढुलाई में भी 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वर्ष 2021-22 के दौरान भारतीय रेलवे ने कोयले ढुलाई में 111 मिलियन टन की रिकॉर्ड वृद्धि की है और 653 मिलियन टन कोयले की रिकॉर्ड लोडिंग की है, पिछले वर्ष 542 मिलियन टन कोयले का लदान किया गया था। इस प्रकार कोयले की लोडिंग में 20.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
इसके अलावा सितंबर-2021 से मार्च-2022 तक की अवधि के दौरान विद्युत संयंत्रों को कोयले की लोडिंग में केवल 2 तिमाहियों में ही 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
अप्रैल 2022 में भारतीय रेलवे ने विद्युत संयंत्रों को कोयले की लोडिंग को प्राथमिकता देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं जिसके कारण एक सप्ताह के दौरान ही कोयले की आपूर्ति में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
कोयले की आपूर्ति में यह सुधार भारतीय रेलवे द्वारा किए गए विभिन्न उपायों के कारण संभव हुआ है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
कोयला ट्रेनों की आवाजाही को प्राथमिकता दी गई है और प्रत्येक ट्रेन की लोडिंग से लेकर आवाजाही और अनलोडिंग तक की पूरी प्रक्रिया के चक्र के दौरान व्यापक रूप से गहन निगरानी की जा रही है।
इस प्राथमिकता और निगरानी के माध्यम से दूरदराज के संयंत्रों तक कोयला ट्रेनों के पारगमन समय में प्रमुख विद्युत संयंत्रों के लिए 12 से 36 प्रतिशत की महत्वपूर्ण कमी आई है।
भारतीय रेलवे ने लंबी दूरी के विद्युत संयंत्रों तक कोयले की ढुलाई को प्राथमिकता दी है जो इस तथ्य से साबित होता है कि कोयला ट्रेनों की औसत लीड में 1 से 10 अप्रैल की औसत लीड की तुलना में पिछले पांच दिनों में 7 प्रतिशत की बढोतरी हुई है।
इस बढोतरी के बावजूद कोयला ट्रेनों की औसत लीड में इन स्टॉक के लिए एक ही रेक की दो लगातार लोडिंग के बीच लगने वाले समय में भी 10 प्रतिशत की कमी आई है।
इन परिचालन नवाचारों के साथ भारतीय रेलवे ने विदयुत संयंत्रों को कोयला ट्रेनों की आपूर्ति में बढ़ोतरी करने के साथ-साथ सतत आधार पर अधिक कोयला रेक लोड किए हैं।

66 साल के पूर्व क्रिकेटर अरुण लाल दूसरी बार बनेंगे दूल्हा, 28 साल छोटी लड़की से करेंगे, नई दुल्हन बुलबुल

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Arun Lal Marriage: भारत में क्रिकेट बहुत ही लोकप्रिय है. क्रिकेट को भारत में धर्म माना जाता है. अब भारत के पूर्व क्रिकेटर अरुण लाल (Arun Lal) ने बड़ा फैसला लिया है. अरुण ने 66 साल की उम्र में शादी करने का फैसला किया है. उनकी होने वाली पत्नी उनसे 28 साल छोटी है.

66 की उम्र में अरुण करेंगे शादी

भारत के पूर्व ओपनर अरुण लाल (Arun Lal) 66 साल की उम्र में बुलबुल (Bulbul Saha) साहा से शादी करने वाले हैं. बुलबुल 38 साल की हैं. दोनों एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं. अरुण लाल की ये दूसरी शादी है. इससे पहले उन्होंने रीना से शादी की थी. रीना ने इस शादी के लिए रजामंदी दे दी है. रीना लंबे समय से बीमार हैं. वह पति की दूसरी शादी से काफी खुश हैं. अरुण और बुलबुल ने एक महीने पहले ही सगाई की है. दोनों काफी समय से रिलेशनशिप में हैं.

बंगाल के रह चुके हैं कोच

अरुण लाल (Arun Lal) का जन्म 1955 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुआ. बुलबुल साहा से उनकी शादी 2 मई को कोलकाता (Kolkata) के पीयरलेस इन होटल में होगी. अरुण ने शादी के कार्ड भी बांटने शुरु कर दिए हैं. अरुण ने कमेंट्री में भी हाथ आजमाया था, लेकिन साल 2016 में उन्हें कैंसर हो गया, जिसके बाद उन्होंने कमेंट्री छोड़ दी. अरुण बंगाल क्रिकेट टीम (Bengal Cricket Team) के कोच भी रह चुके हैं.

भारत के लिए खेला क्रिकेट

अरुण लाल (Arun Lal) ने साल 1982 से 89 के बीच भारत के लिए कुल 16 टेस्‍ट और 13 वनडे मैच खेले. इस दौरान उनके बल्‍ले से टेस्‍ट में 729 और वनडे में 122 रन निकले. टेस्‍ट में उनके बल्‍ले से छह अर्धशतक और वनडे एक अर्धशतक आया. दोनों ही फॉर्मेट में अरुण एक भी शतक नहीं लगा पाए. खराब फॉर्म की वजह से उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया. फिर वह कभी टीम इंडिया में वापसी नहीं कर पाए. अरुण लाल ने भारत के लिए अपना डेब्यू 1982 में श्रीलंका के खिलाफ किया था.Arun Lal and Bulbul Saha

जबड़े के कैंसर से उभरे भारतीय क्रिकेटर ARUN LAL 66 की उम्र में रचाएंगे  बुलबुल से शादी - indian cricketer arun lal will marry bulbul at the age of  66 - Sports Punjab Kesari

Motorola ने भारत में Moto G52 किया लॉन्च; जानिए क्या है इसमें खास

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देहरादून, आज, मोटोरोला ने अपनी जी सीरीज़ फ्रैंचाइज़ी में एक और पावर-पैक स्मार्टफोन, मोटो जी 52 को शामिल किया है, जो कि प्रीमियम फीचर्स और शानदार प्रदर्शन से भरा एक स्मार्टफोन है। इसमें है रेवॉल्यूशनरी पोलेड की 90 हर्ट्ज़ एफएचडी+ डिस्प्ले, जो कि इसे सबसे पतले बेज़ेल्स के साथ मैक्सिमम व्यू और इमर्सिव व्यूइंग का अनुभव प्रदान कर, विविड कलर्स, कंट्रास्ट के साथ शानदार व्यूइंग एंगल प्रदान करता है। इसके अलावा यह नियमित ओलेड/एमोलेड डिस्प्ले की तुलना में अधिक टिकाऊ भी है – जो कि वास्तव में एक सबसे अच्छी ओलेड तकनीक है। यह सब आपको अपनी पसंदीदा कंटेंट को वास्तविक करने में सक्षम बनाती है।
इसके अलावा यह फोन बड़े पैमाने पर 360हर्ट्ज़ की टच सैंपलिंग रेट और डीसीआई -पी3 की तकनीक के साथ 25% अतिरिक्त रंगों के विस्तार के साथ आता है। जिसमे डीसी डिमिंग और 5एसजीएस ब्लू लाइट तथा मोशन ब्लर रिडक्शन सर्टिफिकेशन भी है।
मोटो जी52 को बड़ी ही बारीक डिटेलिंग के साथ डिजाइन किया गया है जो इसे एक खूबसूरत टच और फील प्रदान करता है। जो कि केवल 7.99 मिमी पतला और 169 ग्राम हल्का होने के साथ साथ, इस सेगमेंट में भारत का सबसे पतला और हल्का स्मार्टफोन है।
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दुर्घटना: दो अलग-अलग सड़क हादसों में मैक्स खाई में गिरी, छह की मौत-15 घायल

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उत्तराखंड के पौड़ी जिले में सोमवार को दो अलग-अलग सड़क हादसे हुए हैं। पहले हादसे में एक मैक्स गहरी खाई में गिर गई, जिसमें छह यात्रियों की मौत और चार ग्रामीण घायल हो गए। जबकि, दूसरे सड़क हादसे में एक अन्य मैक्स गाड़ी के खाई में गिरने से 11 यात्री घायल हो गए हैं। पुलिस-प्रशासन की टीमों ने घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया है।

दूसरा हादसा, जयहरीखाल विकासखंड में टसीला के समीप सतपुली दुधारखाल सिद्धखाल मोटर मार्ग पर धुमाकोट से हंस अस्पताल सतपुली जा रही है एक मैक्स के दुर्घटनाग्रस्त होने से चालक समेत उसमें सवार 11 लोग घायल हो गए। दुर्घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची दुधारखाल पुलिस, एसडीआरएफ समेत ग्रामीणों ने सभी घायलों को खाई से निकालकर हंस अस्पताल सतपुली पहुंचाया।

जहां सभी का उपचार किया जा रहा है। थानाध्यक्ष सतपुली लाखन सिंह ने बताया कि धुमाकोट से हंस अस्पताल सतपुली जा रही एक मैक्स टसीला के समीप दोपहर डेढ़ बजे के आसपास दुर्घटनाग्रस्त होकर लगभग 80 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। दुर्घटना में चालक समेत कार सवार 11 लोग घायल हो गए। दुर्घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची दुधारखाल पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से घायलों को खाई से निकाल कर हंस अस्पताल सतपुली पहुंचाया। सभी लोग हंस अस्पताल में आंखों का इलाज करवाने जा रहे थे। सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
घायलों में धुमाकोट क्षेत्र के 80 वर्षीय सुल्तान सिंह, ग्राम-बाडागाड़, 75 वर्षीय चेतन सिंह, ग्राम-भौन, 65 वर्षीय श्यामा देवी, ग्राम-बाडागाड़, 61 वर्षीय सविता देवी, ग्राम-सलाणा।

70 वर्षीय मनवर सिंह, ग्राम-पतगांव, 75 वर्षीय विजय सिंह, ग्राम-बाडागाड़, 60 वर्षीय कपौत्री देवी, ग्राम-सलाणा, वाहन चालक 25 वर्षीय तेजपाल सिंह, 64 वर्षीय शंकर सिंह, ग्राम- भोंपाटी, 66 वर्षीय सरस्वती देवी,ग्राम- सलाणा, 70 वर्षीय चमन लाल,ग्राम- भोंपाटी है । जिनका उपचार हंस अस्पताल चमोलीसैंण में चल रहा है

 

मधुसूदन बने गुरुकुल कांगडी स्नातक परिषद के उपाध्यक्ष

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हरिद्वार 25 अप्रैल (कुलभूषण) गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालयए हरिद्वार की स्नातक परिषद् के सचिव डा0 दीनदयाल ने विश्वविद्यालय के स्नातक मधुसूदन अग्रवाल पुत्र स्व0 बालकृष्ण निवासी हरिद्वार को स्नातक परिषद का उपाध्यक्ष मनोनीत किया है। इस अवसर पर डा0 दीनदयाल ने कहा कि मधुसूदन अग्रवाल विश्वविद्यालय के विकास को गति देने के लिए कार्य करते हुए विश्वविद्यालय के पूर्व स्नातकों के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित कर शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों के प्रचार.प्रसार व गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली को बढ़ाने में अपना योगदान देंगे।
मधुसूदन अग्रवाल को स्नातक प्रतिनिधि का उपाध्यक्ष मनोनीत होने पर रमेश चन्द्र गुप्ताए डी0सी0 गुप्ताए डा0 प्रेम प्रकाश डा0 पवन सिंहए डा0 अतर सिंहए डा0 विशाल गर्गए जगदीश लाल पाहवा कमला जोशीए रत्नेश गौतमए अन्नपूर्णा बंधुनीए रतिका आर्य ने बधाई देते हुए कहा कि मधुसूदन अग्रवाल ने विश्वविद्यालय को प्रगति के पथ पर ले जाने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

स्वास्थ्य मंत्री से मिले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

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हरिद्वार 25 अप्रैल (कुलभूषण)  चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तराखंड ने स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत  से मुलाकात कर उनको उनके आवास के  केम्प कार्यालय में ज्ञापन दिया और कई वर्षों से लंबित पदोन्नति लिपिक संवर्ग लेब सहायकए डार्करूम सहायक ओ टी सहायक के पदों पर आई पी एच एस के मानकों के तहत50ःपदों पर हाईस्कूलएइंटरमीडिएट के कर्मचारियों की पदोन्नति पशुपालन विभाग की भांति किया जानाए पोष्टिक आहारए भत्ता एक माह का मानदेयए कोविड ड्यूटी में कार्य कर रहे सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मियों संविदा उपनल ठेका कर्मियों को प्रोहत्साहन भत्ता दिया जाए जो चिकित्सा अधिकारियों को दिया जा चुका है किंतु मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी छोटे कर्मचारियों को आज तक नही मिला ।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा महामन्त्री सुनील अधिकारी ने कहा कि कर्मचारियों की पदोन्नति और पौष्टिक आहार भत्ता की फाइल शासन में अटकी हुई है जबकि पशुपालन विभाग के चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की पदोन्नति वेक्सीनेटर के पद पर हो चुकी है एक ही राज्य में दो मानक नही किये जा सकते हैं राज्य में स्टाफ नर्सेस संवर्ग को पोष्टिक आहार भत्ता दिया जा रहा है जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मी सबसे ज्यादा रोगियों के संपर्क में रहता है किन्तु चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को आज तक पोष्टिक आहार भत्ता नही दिया गया हैए पुलिस के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों द्वितीय शानिवारए रविवार के बदले में एक माह का मानदेय दिया जाता है जबकि स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की छुट्टी राष्ट्रीय अवकाशोंए होलीए दीवालीए में भी नहीं होती है किंतु हमारी मांग को स्वीकार नहीं किया जा रहा है एमाननीय मंत्री जी से अनुरोध किया गया कि सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य महोदय से जल्द से जल्द पदोन्नति पोष्टिक आहार भत्ता व अन्य मांगों पर कार्यवाही करने की अपील की।
गढ़वाल मंडल अध्यक्ष राजेंद्र रावत जिलाध्यक्ष नागेश नोडियालएमुकेश सिंह उपशाखा अध्यक्ष ऋषिकुल छत्रपाल सिंह गुरुकुल उपशाखा के मंत्री आशुतोष गैरोला कोषाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि सभी अधिकारियों और मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों को कोविड प्रोहत्साहन भत्ता आयुर्वेद और ऐलोपैथिक होमियोपैथी के कर्मचारियों संविदा कर्मचारियों को प्रोहत्साहन भत्ता नही दिया गया जो मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी न दिया जाना नाइंसाफी है स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध है कि कृपया अपने स्तर से उच्च अधिकारियों को आदेशित करने की कृपा करेंगे।
ज्ञापन देने वालों में गुरुप्रसाद गोदियाल राजेन्द्र रावत नागेश नोडियाल मुकेश सिंह  सुनील अधिकारी नेलसन अरोड़ा छत्रपाल सिंह आसुतोष गैरोला शिवनारायण सिंह नितिनए अजय कुमार विनोद कुमार उपस्थित थे।

राजनीति में धार्मिक क्रियाकलापों के सख्त खिलाफ थे बहुगुणा धर्म को मानते थे व्यक्तिगत मामला और राज्य को धर्मनिरपेक्ष : धस्माना

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देहरादून, आज देश के महान नेता रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री व सत्तर से 80 के दशक के अंत तक विपक्ष की राजनीति के महत्वपूर्ण ध्रुव रहे स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की 103 वीं जयंती के अवसर पर देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट ने ईसी रोड स्थित ट्रस्ट के कार्यालय में धर्मनिरपेक्षता व एच एन बहुगुणा विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने सबसे साथियों सहित पहले घंटाघर स्थित श्री बहुगुणा की मूर्ति पर मालार्पण कर उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए। तत्पश्चात ट्रस्ट कार्यालय ईसी रोड में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए बहुगुणा जी को आज़ाद भारत का नेहरू व इंदिरा के बाद का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष नेता बताया।

उन्होंने बहुगुणा जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तराखंड के गढ़वाल संभाग के पौड़ी जिले में ख़िरसु ब्लॉक के बुघाणी गांव में कानून गो रेवतीनंदन बहुगुणा के घर 25 अप्रैल 1919 में जन्में हेमवती नंदन बहुगुणा अपनी प्रारंभिक शिक्षा ख़िरसु व माध्यमिक शिक्षा देहरादून के डीएवी कॉलेज से करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद चले गए ।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक में प्रवेश लेते ही बहुगुणा छात्र राजनीति में शामिल हो गए और वहीं से राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हो गए। देश की आज़ादी के आंदोलन का ऐसा रंग चढ़ा कि हेमवती नंदन पर अंग्रेजी सरकार ने जिंदा मुर्दा दस हज़ार रुपये इनाम रख दिया। बहुगुणा गिरफ्तार हो कर जेल गए व महीनों तक जेल में रहे। जेल से रिहा होने के बाद देश की आज़ादी तक स्वतंत्रता संग्राम में नेहरू व लाल बहादुर शास्त्री जैसे राष्ट्रीय नेताओं के संपर्क में आये व देश की आज़ादी के बाद हुए पहले विधानसभा चुनावों में इलाहाबाद से चुन कर विधानसभा पहुंचे और फिर संसदीय सचिव से लेकर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री तक की यात्रा फिर सीएफडी का गठन उसका जनता पार्टी में विलय फिर देश के पेट्रोलियम मंत्री फिर वित्त मंत्री फिर कांग्रेस में अल्प समय के लिए वापसी और फिर कांग्रेस से व लोक सभा से त्यागपत्र व ऐतिहासिक उप चुनाव लोकदल में अध्यक्ष के रूप में और फिर लोकदल का विभाजन पूरा एक इतिहास है। 17 मार्च 1989 को अमरीका में हार्ट सर्जरी के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी।

स्वर्गीय बहुगुणा के साथ बिताए अनुभवों को किया साझा
श्री धस्माना ने श्री हेमवती नंदन बहुगुणा जी के 1981 में संपर्क में आने से लेकर उनकी मृत्यु तक के अनेक संस्मरण सुनाए।उन्होंने कहा कि लगभग सात आठ वर्षों में श्री बहुगुणा जी के सानिध्य में जो राजनैतिक संस्कार हमें मिले वो हमारी सबसे बड़ी पूंजी है । उन्होंने कहा की उनका सबसे बड़ा गुण व्यक्तिगत रूप से एक पक्का कर्मकांडी ब्राह्मण होते हुए राजनेता के रूप में एक सच्चा धर्मनिरपेक्ष नेता होना था और शायद उनकी मृत्यु पर देश के प्रसिद्द स्तम्भकार खुशवंत सिंह ने उनको श्रद्धांजलि देते हुए एक लेख लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि आज़ाद भारत में नेहरू के बाद का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष नेता देश ने खो दिया। श्री धस्माना ने बताया कि बहुगुणा जी ने एक बार गढ़वाल दौरे के दौरान अपने गांव बुघाणी में जहां वे उनके साथ रात्रि प्रवास में रुके थे अपने मुख्यमंत्रित्व काल का रोचक किस्सा सुनाया, हुआ यूं कि राजधानी लखनऊ में उनको एक पुल का उद्धघाटन करना था , बहगुणा जी समय पर कार्यक्रम स्थल पहुंच गए जहां विभाग के मुख्य अभियंता सहित राज्य के प्रमुख अधिकारी मौजूद थे , बहुगुणा जी का काफिला जैसे ही कार्यक्रम स्थल पर रुका उनकी गाड़ी के दरवाजे पर मुख्य अभियंता लपक कर पहुंचे और बहुगुणा जी से बोले सर दो तीन मिनट गाड़ी में ही रुकें, बहुगुणा जी ने कारण पूछा तो वे बोले पंडित जी दो मिनट में पहुंच जाएंगे , बहुगुणा जी ने पूछा पंडित जी का क्या काम तो मुख्य अभियंता बोले सर पूजा तो वे ही करेंगे इस पर बहुगुणा जी बोले तो क्या मौलवी पादरी और ग्रंथि पहुंच गए, बहुगुणा जी के इस सवाल से मुख्य अभियंता बगलें झांकने लगे और बहुगुणा जी गाड़ी से उतरे उद्धघाटन स्थल पर लगे रिबन को काट कर उद्धघाटन कर दिया बिना किसी धार्मिक क्रियाक्लाप के । बहुगुणा जी ने कहा कि फिर सचिवालय पहुंच कर बाकायदा यह आदेश जारी कर दिया कि राज्य के किसी भी कार्यक्रम में कोई धार्मिक क्रियाक्लाप नहीं होगा क्योंकि राज्य सबका है और राज्य का अपना कोई धर्म नहीं वो धर्मनिरपेक्ष है और सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वो इस धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करे यही शपथ हम लेते हैं जब हम सरकार के रूप में संविधान की शपथ लेते हैं। दूसरी ओर मैंने स्वयं श्री हेमवती नंदन बहुगुणा जी को श्री बद्रीनाथ जी में विष्णु सहस्त्रनाम अनुष्ठान करते देखा है। बद्रीनाथ जी में एक सभा में जब उन्होंने अपना संबोधन आदि गुरु शंकराचार्य को स्मरण कर उनके द्वारा भारत में चार धामों की स्थापना और बद्रीनाथ धाम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए शुरू किया तो ऐसा लगा जैसे कोई शास्त्रों का प्रकांड विद्वान प्रवचन कर रहा हो। उनके इस व्यक्तिगत स्वरूप और एक राजनेता के स्वरूप का अनुसरण आज शायद ही कोई नेता कर रहा हो। श्री धस्माना ने कहा कि भारत के वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य में आज की वास्तविक आवश्यकता है भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को बचाने के लिए राजनेताओं में इस प्रकार की धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता है।