Saturday, May 4, 2024
HomeStatesUttarakhandयूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला : एक और गिरफ्तारी, हरिद्वार से कनिष्ठ सहायक...

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला : एक और गिरफ्तारी, हरिद्वार से कनिष्ठ सहायक गिरफ्तार, आयोग के सचिव रहे संतोष बडोनी निलंबित

देहरादून, उत्तराखंड़ में आजकल यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण समाचारों की सुर्खियों में बना हुआ है, लगातार हो रही गिरफ्तारियों ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के माथे पर चिन्ता की लकीरें खेंच दी है, पेपर लीख मामले की जांच लखनऊ, धामपुर, कुमाऊं, उत्‍तरकाशी व टिहरी के बाद अब हरिद्वार पहुंच गई है। एसटीएफ ने एक कनिष्ठ सहायक को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है, आरोपित राजबीर निवासी लक्सर हरिद्वार क्षेत्र के कुछ अभ्यर्थियों को पेपर हल करवाने के लिए धामपुर ले गया था। पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि राजबीर वर्तमान में कनिष्ठ सहायक राजकीय पॉलीटेक्निक हिंदोलखाल टिहरी गढ़वाल में नियुक्त है।

पेपर लीक प्रकरण में एसटीएफ ने उत्तराखंड पुलिस के एक कांस्टेबल को गुरुवार को गिरफ्तार किया था। आरोपित का भाई कनिष्ठ सहायक (न्यायिक) के पद पर तैनात था और इसी प्रकरण में वर्तमान में जेल में है। इस प्रकरण में एसटीएफ अब तक 32 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।

लाखों रुपये लेकर पेपर लीक किया और नकल करवाई
गिरफ्तार आरोपितों दो पुलिस कर्मचारी, कनिष्ठ सहायक (न्यायिक), अपर निजी सचिव और शिक्षक शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपित वह हैं, जिन्होंने लाखों रुपये लेकर पेपर लीक किया और अभ्यर्थियों को नकल सेंटर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।

आयोग के सचिव रहे संतोष बडोनी निलंबित :

सरकार ने आयोग के सचिव पद पर प्रतिनियुक्ति समाप्त कर वापस सचिवालय भेजे गए संतोष बडोनी को गुरुवार की देर रात निलंबित कर दिया। सचिवालय प्रशासन प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने आदेश जारी किया, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद से ही मुख्यमंत्री धामी इस पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने शुरुआत में ही इसकी जांच एसआइटी से कराने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार कह रहे हैं कि इस प्रकरण में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, चाहे आरोपित कितना बड़ा व्यक्ति क्यों न हो। वह यह भी कह चुके हैं कि जरूरत पडऩे पर जांच का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है। इस प्रकरण की जांच सीबीआइ अथवा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने पर भी चर्चा हुई है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments