हरिद्वार 01 अक्टूबर (कुल भूषण शर्मा) कोरोना वायरस की कोई दवा अभी नहीं बनी है, ज्यादातर लोग जो कोरोना से स्वस्थ हुए हैं वह अपनी इम्युनिटी (शरीर की स्वंय रोगों से लड़ने की ताकत) से ही ठीक हुए हैं। हमे अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाना है। किसी भी बीमारी से जंग के लिए मजबूत इम्यून सिस्टम बेहद जरूरी है।यह कहना है
एसोसियेशन ऑफ फिजीशियन्स ऑफ इण्डिया (एपीआई) के उत्तराखण्ड चैप्टर के वाईस प्रेजिडेन्ट डा. संजय शाह का उन्होने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों ने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए न सिर्फ योग—व्यायाम का सहारा लिया बल्कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाघ पदार्थों की भी मदद ली। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना और तमाम तरह के बैक्टीरिया व वायरस से सुरक्षा कवच तैयार करना जरूरी हो गया है।
डा.संजय शाह ने कहा कि खांसी और बुखार आते ही लोग दहशत में आ जाते हैं क्योंकि कोरोना वायरस और सामान्य फ्लू के शुरूआती लक्षण काफी मिलते— जुलते हैं लेकिन पहचान करना संभव है। तेज बुखार, सूखी खांसी, बदन में दर्द, खांसी के साथ गले में खराश है तो व्यक्ति को पास के सरकारी चिकित्सालय की फ्लू क्लिनिक में जाकर अवश्य ही चिकित्सक से संपर्क करना चाहिये।
डा.शाह ने कहा कि खून में आक्सीजन की कमी का पता लगाने के लिये पल्स आक्सीमीटर नाम की मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। इस मशीन को हाथ की किसी भी उंगली में लगाने पर आक्सीजन लेवल पता चल जाता है जिससे कोरोना संक्रमण के प्राथमिक लक्षण का पता लगाने में सुविधा होती है।
डा. संजय शाह ने जनसामान्य से मजबूत इम्युनिटी के लिये योगा, प्राणायाम—व्यायाम, घर पर बना शुद्ध भोजन, आवंला, फल सिजनल एवं सब्जियां, गुड़, शक्कर, दालें, देशी गाय का दूध, गिलोय, एलोवेरा, तुलसी आदि का सेवन करने के साथ ही मैदा, रिफाइंड एवं प्रोसेस से बने खाघ पदार्थ, जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक, धुम्रपान से परहेज करने की सलाह दी है।
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