Friday, March 29, 2024
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नई फिल्म नीति-2022 पर बैठक : स्थानीय कलाकारों को लाभ के साथ ही प्रदेश के पर्यटन को मिले बढ़ावा : विशेष प्रमुख सचिव, अभिनव कुमार

देहरादून, उत्तराखंड़ सचिवालय स्थित कक्ष में सूचना विभाग की समीक्षा बैठक विशेष प्रमुख सचिव, अभिनव कुमार ने ली। बैठक में मुख्य रूप से नई फिल्म नीति-2022 के संबंध में उन्होंने निर्देश दिये हैं कि फिल्म निर्माण उत्तराखण्ड राज्य के विशेष सन्दर्भ में व्यवहारिक और सरल बनाया जाय। इसका उदे्दश्य राज्य में अधिक से अधिक फिल्मों की शूटिंग हो, रोजगार के साधन सृजित हो, स्थानीय कलाकारों को लाभ हो तथा प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिले।

प्रमुख सचिव, अभिनव कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड के दूर-दराज के पर्वतीय क्षेत्रों वाले डेस्टिनेशन को चिन्हित कर वहां पर फिल्म निर्माण के लिए फिल्म निर्माता/निर्देशकों को प्रेरित किया जाये। बैठक में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की भांति एक फिल्म समारोह करके अभिनेता, अभिनेत्री, फिल्म निर्माता एवं निर्देशक को पुरस्कार देने के लिए वार्षिक समारोह का आयोजन किया जाय। बैठक में यह भी निर्देश दिये है कि स्थानीय बोली/भाषा पर आधारित फिल्म निर्माण के लिए अंग्रेजी/हिन्दी भाषा पर आधारित फिल्म निर्माण के समकक्ष महत्व दिया जाय। फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट पूने एवं सत्यजीत राय फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट कोलकत्ता में प्रवेश लेने वाले उत्तराखण्ड मूल के निवासी छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति के विशेष प्राविधान किये जाय। नई फिल्म नीति से अधिक से अधिक रोजगार का सृजन होगा, होटल, टैक्सी व्यवसाय में बढोतरी होगी, स्थानीय कलाकारों को लाभ मिलेगा, राज्य को एस.जी.एस.टी. के रूप में अधिक धनराशि राजस्व के रूप में प्राप्त होगी तथा पर्यटन को बढावा मिलेगा।

बैठक में सूचना विभाग ई-ऑफिस का ढांचा शीघ्र विकसित करने के निर्देश दिये गये तथा विभागीय आवश्यकता के अनुरूप सूचना विभाग के पुनर्गठन का प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये तथा कार्मिकों को अधिक दक्ष बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित करने के भी निर्देश दिये गये।

बैठक माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित विभागीय बैठक के पूर्व तैयारियों के संबंध में ली गई थी। बैठक में अनु सचिव, रजनीश जैन, संयुक्त निदेशक, आशिष कुमार त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक, केएस चौहान, उप निदेशक, नितिन उपाध्याय एवं उप निदेशक, मनोज श्रीवास्तव मौजूद थे।

 

कुमाऊं मंडल विकास निगम संयुक्त कर्मचारी महासंघ के दिनेश गुरुरानी 27वीं बार अध्यक्ष चुने गए

नैनीताल, कुमाऊं मंडल विकास निगम के संयुक्त कर्मचारी महासंघ के दिनेश गुरुरानी लगातार 27वीं बार अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। सोमवार को मुख्यालय स्थित पर्यटक आवास गृह सूखाताल में आयोजित हुए महासंघ के अधिवेशन में श्री गुरुरानी के साथ नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसके बाद नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बतौर मुख्य अतिथि निगम के प्रबंध निदेशक विनीत तोमर ने शपथ दिलाई। इस अवसर पर रिकॉर्ड 27वीं बार अध्यक्ष चुने गए श्री गुरुरानी ने कहा कि निगम में सबसे बड़ी समस्या बनी लंबे समय से संविदा में कार्य कर रहे कर्मियों का नियमितीकरण किए जाने, निगम को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए महासंघ की ओर से संघर्ष करने की बात कही। महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कंचन चंदोला ने कहा कि अब नियमितीकरण की लड़ाई के लिए सभी संविदा कर्मचारियों को आगे आना होगा। इस दौरान पर्यटक आवास गृह परिसर में श्री गुरुरानी के ‘एक पौधा धरती मां के नाम’ अभियान के तहत पौधरोपण किया गया।

 

इससे पूर्व कार्यकारिणी के चुनाव का संचालन महामंत्री गुमान सिंह कुमटिया ने किया। नई कार्यकारिणी में दिनेश सांगुड़ी को संयोजक, दिनेश गुरुरानी को अध्यक्ष, कंचन चंदोला, रमेश कपकोटी व गणेश रियाल को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महिमन सिंह कफलिया, पीतांबर दुम्का, रमेश पंत, अमर शाह, मंजुल सनवाल व गौतम कुमार को उपाध्यक्ष, गुमान सिंह कुमल्टिया को महामंत्री, तारा दत्त भट्ट को कोषाध्यक्ष, कैलाश आर्य व महेश चंद्र को सचिव, त्रिभुवन पुनेठा को प्रचार मंत्री तथा दीपक पांडे व धर्मानंद जोशी को मीडिया सलाहकार मनोनीत किया गया है।
कार्यक्रम में महासंघ के संयोजक दिनेश सागुडी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कंचन चंदोला, रमेश कपकोटी, पीतांबर दुम्का, गौतम कुमार, कैलाश आर्य, गणेश चन्याल, त्रिभुवन पुनेठा, संदीप सहाय, धर्मानंद जोशी, महेंद्र आर्य, मंजुल सनवाल, रमेश पंत, कोषाध्यक्ष तारा दत्त भट्ट, वेद प्रकाश भट्ट, संदीप सहाय, दीपक पांडे, महिमन कफलिया, सुरेंद्र नेगी, गिरीश भट्ट, ललित सहाय और हरीश पांडे आदि मौजूद रहे।

 

हरेला पर्व को लेकर तैयारी में जुटा वन विभाग, राज्यभर में 15 लाख पौधे लगाने का रखा लक्ष्य

देहरादून, जुलाई माह शुरू होते ही वर्षाॠतु का आगमन हो जाता है और इसी माह लोकपर्व हरेला भी मनाया जाता है, इस लोकपर्व को लेकर वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए 16 जुलाई से वन क्षेत्रों से इतर राज्यभर में 15 लाख पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें 50 प्रतिशत फलदार प्रजातियां होंगी। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सोमवार को वन मुख्यालय के मंथन सभागार में हुई हरेला पर्व की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए।

पौधारोपण में जनसहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए विभिन्न संस्थाओं, पंचायतों वन पंचायतों, विभागों, निगमों को पौधारोपण के लिए कुछ पैच दिए जाएंगे। यही नहीं, लोग अपने पूर्वजों के नाम पर भी पौधे लगाने के साथ ही इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेंगे। पौधों की उपलब्धता व तकनीकी सहयोग वन विभाग सुनिश्चित करेगा।

वन मंत्री उनियाल ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हरेला पर्व के उपलक्ष्य में होने वाले पौधारोपण में स्थानीय जलवायु के आधार पर पौधों का चयन किया जाएगा। पौधारोपण के अंतर्गत वन विभाग अन्य विभागों व संस्थाओं से समन्वय कर वाटिकाएं भी विकसित करेगा। अन्य विभाग व संस्थाएं इन वाटिकाओं को नाम देने के साथ ही संरक्षण की जिम्मेदारी भी लेंगे। उन्होंने बताया कि हरेला पर्व पर होने वाले पौधारोपण में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों के साथ ही नगर व ग्रामीण निकायों के पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में राज्य की 12089 वन पंचायतों में प्रत्येक पंचायत में विभिन्न प्रजातियों के 75 पौधे लगाए जाएंगे। वन मंत्री के अनुसार संबंधित वन पंचायत इन पौधों के संरक्षण का दायित्व निभाएंगी। उन्होंने बताया कि निजी भूमि और वन पंचायतों में होने वाले पौधारोपण में पौधों के जीवित रहने की दर पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वन पंचायतों के अधीन क्षेत्रों में फलदार प्रजातियों के पौधों का रोपण किया जाएगा। इससे आजीविका के अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही लोग पौधों का संरक्षण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन भी करेंगे। इसके साथ ही राज्य में महिला पौधालयों को महत्व देते हुए उनसे पौधों की खरीद की व्यवस्था वन विभाग करेगा। इसमें पौधों की गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा जाएगा |

 

वन मंत्री ने बताया कि राज्य में वृक्ष संरक्षण अधिनियम में व्यवहारिकता के हिसाब से संशोधन किए जाएंगे। इसमें छूट प्रजातियां चिह्नित की जाएंगी, ताकि जरूरत पडऩे पर स्थानीय निवासियों को इसकी अनुमति लेने के लिए विभाग के चक्कर न काटने पड़ें। साथ ही वे पेड़ों के संरक्षण-संवर्धन के लिए भी प्रेरित होंगे।

इसके साथ ही पौधारोपण नीति में भी राज्य की परिस्थितियों व जलवायु के हिसाब से बदलाव किया जाएगा। इन दोनों विषयों के संबंध में अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पौधारोपण की किसी भी योजना में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए विभाग दीर्घकालीन नीति पर कार्य कर रहा है, इस अवसर पर वन मंत्री ने विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक में हरेला पर्व की तैयारियों को लेकर गहन विमर्श किया। साथ ही सभी वन प्रभागों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े वनाधिकारियों से जानकारी व सुझाव लिए। उन्होंने अधिकारियों को नवोन्मेष पर भी जोर देने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक विनोद सिंघल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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