देहरादून, देहरादून, आजादी के अमृत महोत्सव के तहत शनिवार को एकलव्य थिएटर देहरादून और अविकल थिएटर कंपनी की ओर से स्वदेश दीपक के लिखे नाटक का मंचन किया | समाज का विकास केवल बाहरी रूप से हो रहा है, भीतर से जाति और वर्ण व्यवस्था समाज को खोखला कर रही है। जातिवाद ने सेना जैसी बड़ी संस्था तक को नहीं छोड़ा तो सार्वजनिक स्थानों पर यह आम बात है। ड्यूटी के दौरान एक सैनिक की कहानी को दर्शाते हुए नाटक ‘कोर्ट मार्शल’ का मंचन कर जातिवाद पर प्रहार किया गया।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत शनिवार को एकलव्य थिएटर देहरादून और अविकल थिएटर कंपनी की ओर से स्वदेश दीपक के लिखे और अखिलेश नारायण द्वारा निर्देशित नाटक ‘कोर्ट मार्शल’ का इंदर रोड स्थित नन्हीं दुनिया स्कूल के अविकल स्टूडियो में मंचन किया गया। नाटक का मुख्य पात्र रामचंदर सेना में जवान है। वह अपने सीनियर आफिसर कैप्टन मोहन वर्मा की हत्या और कैप्टन बीडी कपूर पर जानलेवा हमला करता है। रामचंदर का कोर्ट मार्शल होता है, जिसमें वह अपने अपराध को स्वीकार भी कर लेता है।
जब डिफेंस काउंसिल कैप्टन बिकाश राय इस हत्या के पीछे की सच्चाई को उजागर करते हैं तो यह सामने आता है कि समाज में लंबे समय से चली आ रही जाति प्रथा और उससे उपजे भेदभाव का ही यह परिणाम है। रामचंदर को जातिसूचक शब्दों से बुलाया जाता, अपशब्द कहे जाते, उसे प्रताडि़त किया जाता था।
जब सहनशक्ति की सीमा पार हो गई तो रामचंदर ने विरोध स्वरूप अफिसरों पर गोलियां चला दीं। नाटक में कैप्टन बिकाश राय कहते हैं कि विरोध के अन्य रास्ते बंद करने और आवाज दबाने से बढ़ता हुआ लावा ज्वालामुखी लेकर ही आता है। रामचंदर भी इसी का शिकार हुआ, जिस कारण उसने यह कदम उठाया। इस मौके पर अनमोल खुराना, अक्षत मैंदोली, महेश नारायण, अंतरा, आकांक्षा, हिमांशु, शुभम, पंकज भट्ट आदि मौजूद रहे।
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