केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा है कि कोरोना महामारी के नए वैरिएंट ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप से दुनियाभर में आए संक्रमण के मामले पिछली लहरों के मुकाबले छह गुना अधिक थे, लेकिन भारत इसके प्रसार को रोकने में कामयाब रहा। सरकार ने कहा कि इस दौरान अस्पतालों में भी कम संख्या में मरीज भर्ती हुए और पहले के मुकाबले कम मौतें हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 15 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में औसतन 3,536 मामले आए। संक्रमण के वैश्विक मामलों में भारत का योगदान केवल 0.21 प्रतिशत रहा। उन्होंने कहा कि, कई देशों में अब भी मामले बढ़ रहे हैं जो पिछली लहरों के मुकाबले अधिक हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कोविड-19 से निपटने में भारत की जन स्वास्थ्य प्रतिक्रिया पर एक वेबिनार में कहा, भारत में न केवल मामले बहुत कम आए बल्कि निरंतर प्रयासों से जल्द ही मामलों में गिरावट आनी शुरू हो गयी। भारत अन्य देशों के मुकाबले ओमीक्रोन से अच्छी तरह से निपटा। अधिकारियों ने बताया कि, भारत में तेजी से चल रहे टीकाकरण अभियान के साथ ही रोकथाम के प्रभावी उपायों और मामलों की जल्द पहचान किए जाने के कारण कोरोना वायरस की तीसरी लहर के दौरान अस्पतालों में कम संख्या में मरीज भर्ती हुए और कम मौतें हुई। अधिकारी ने बताया कि 31 दिसंबर 2021 तक भारत में 90.8 प्रतिशत आबादी को कोरोना वायरस रोधी टीके की पहली खुराक दे दी गयी और 65.4 प्रतिशत को दूसरी खुराक दी है जो जिंदगियों को बचाने में अहम साबित हुई।
अमेरिका और फ्रांस से ज्यादा लोगों को लगाया गया है टीका
भारत ने टीके की 180 करोड़ से अधिक खुराकें दे दी हैं जो अमेरिका से 3.2 गुना और फ्रांस से 12.7 गुना अधिक है। मंत्रालय के अनुसार, 96.74 करोड़ वयस्क लाभार्थियों ने भारत में कम से कम पहली खुराक ले ली है जो अमेरिका में दी गई खुराकों से 2.96 गुना और रूस में दी गई खुराकों से 6.71 गुना अधिक है। मंत्रालय ने कहा कि समय से टीकाकरण, चेहरे पर मास्क पहनना और कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करना जारी है। उसने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में बढ़त हासिल करने के लिए गैर लाभकारी संगठनों से साझेदारी करना महत्वपूर्ण है।
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