नई दिल्ली। देश में बुजुर्गो की बढ़ती आबादी के साथ केंद्र सरकार अब उनसे जुड़ी सुविधाओं और उत्पादों को उन तक आसानी से पहुंचाने में जुट गई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इसे लेकर सेज (सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजन) नाम से एक नई योजना बनाई है। जिसमें बुजुर्गो के जुड़ी सेवाएं प्रदान करने वाले और उत्पाद बनाने वाली स्टार्टअप को मंत्रालय की ओर से एक करोड़ का इक्विटी फंड सहित दूसरी मदद मुहैया कराएगी। मंत्रालय का मानना है कि बुजुर्गो से जुड़ी सेवाओं के विस्तार व उत्पादों की सहज उपलब्धता होने से उन्हें भटकना नहीं होगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक इस योजना की शुरुआत पांच जून से होगी। इस दौरान बुजुर्गो से जुड़े उत्पादों और सेवाओं की पहचान की जाएगी। साथ ही इसके आधार पर इस क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप को मदद दी जाएगी। वहीं स्टार्टअप का चयन एक स्वतंत्र स्क्रीनिंग कमेटी के जरिए किया जाएगा। इस दौरान वही स्टार्टअप इसमें हिस्सा ले सकेंगे, जो बुजुर्गो से जुड़े क्षेत्रों में बेहतर और पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं।
मंत्रालय के मुताबिक इस योजना का उद्देश्य बुजुर्गो से जुडे़ उत्पादों, सेवाओं और समाधान की पहचान करना है, साथ ही इसका मूल्यांकन करना, सत्यापित करना और बुजुर्गो तक पहुंचाना भी शामिल है। वहीं इस योजना के जरिए इस क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप को आगे बढ़ाना है। मौजूदा समय में बुजुर्गो से जुड़े उत्पादों की मांग कम होने से इस क्षेत्र में कम स्टार्टअप ही काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि बुजुर्गो से जुड़े यह कदम देश में उनकी तेजी से बढ़ती आबादी को देखते हुए लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2001 में देश की कुल आबादी में बुजुर्गो की संख्या करीब 7.5 फीसद थी, अब करीब 9.5 फीसद है। जबकि वर्ष 2026 तक 12.5 फीसद और वर्ष 2050 तक 19.5 फीसद होने का अनुमान है।
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