देहरादून, विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने और फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा पर जल्द फैसला लेने की मांग पर देहरादून में एनएसयूआई ने सचिवालय कूच किया। इस दौरान उनके साथ पूर्व सीएम हरीश रावत भी शामिल रहे। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस ने 250 से अधिक कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
मंगलवार को दोपहर करीब एक बजे कांग्रेस भवन से एनएसयूआई के कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सचिवालय की ओर बढ़े। पुलिस ने इससे पहले ही बेरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी पर प्रदेश सरकार आंख बंद किए बैठी है। एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारी सतवीर चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड में सरकारी क्षेत्र में हजारों पद खाली हैं। सरकार गरीबों के साथ छलावा कर रही है। वर्षों से युवा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और ठगे जा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस भवन में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाएं लंबित हैं। जो परीक्षाएं हुईं, वह वन आरक्षी भर्ती की तरह धांधली की भेंट चढ़ गई। पुलिस विभाग में चार साल से भर्ती नहीं हुई है। कोरोना के बाद हजारों प्रवासी युवा घर लौटे हैं। उन्हें स्वरोजगार देने का दावा भी हवा हवाई है, एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि एक ओर कोरोना संक्रमण रोकने में नाकाम है तो दूसरी ओर युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार भी दूर की कौड़ी है। उन्होंने युवाओं से भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।
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