Friday, April 26, 2024
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रचनात्मक, शांति, स्थिरता और समृद्धि पर फोकस, कितना कामयाब रहा QUAD समिट ?

टोक्यो, भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रेस कॉनफ्रेंस करते हुए पीएम मोदी के जापान दौरे को लेकर जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर पीएम नरेंद्र मोदी टोक्यो में आयोजित चौथे क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति, ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी की। उन्होंने बताया कि शिखर सम्मेलन के दौरान वैश्विक नेताओं के बीच एक सार्थक चर्चा हुई। जो कि एक सहकारी और रचनात्मक एजेंडे पर आधारित थी |
विदेश सचिव विनय क्वात्र ने कहा कि क्वाड नेताओं ने कड़े शब्दों में हर तरह की आतंकी गतिविधियों की निंदा की और मुंबई और पठानकोट आतंकी हमलों के दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया। क्वाड नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। कोविड-19 महामारी, कोविड के बाद चुनौतियों,भविष्य के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के संदर्भ में तैयारियों पर बहुत विस्तार से चर्चा हुई।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के उद्देश्य से एक मुक्त, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक के लिए क्वाड पार्टनर्स और इंडो-पैसिफिक के देशों के बीच कार्रवाई-उन्मुख सहयोग। चर्चा पारस्परिक रूप से लाभकारी परामर्श पर केंद्रित थी। शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं के बीच एक उत्कृष्ट गर्मजोशी थी और उन सभी ने उत्पादक और सार्थक चर्चा की जो एक रचनात्मक एजेंडे और सार्थक चर्चा के लिए बहुत ही सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं।

 

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टोक्यो (जापान),एक गुरु बनने के लिए क्या आवश्यक है इसकी व्याख्या भारत को इस बात की अभिलाषा देने वाले स्वामी विवेकानंद ने स्वयं की थी। अपने निबंध ‘माई मास्टर’ (1901) में उन्होंने लिखा : ‘‘अगर आप सच्चे सुधारक बनना चाहते हैं तो तीन चीजें आवश्यक हैं। पहली है महसूस करना। क्या आप सचमुच अपने भाइयों की पीड़ा अनुभव करते हैं? क्या आप सहानुभूति से ओत-प्रोत हैं?… क्या आपने बिना किसी अशुद्धि उस सोने को सहेजने के तरीके खोज लिए हैं? अगर आपने ऐसा कर लिया है, एक और चीज आवश्यक है। आपका इरादा क्या है? क्या आपको विश्वास है कि आप लालच, प्रसिद्धि या शक्ति की पिपासा से प्रेरित नहीं हैं?…तब आप एक सच्चे सुधारक हैं, आप मानवता के लिए एक शिक्षक, एक गुरु, एक आशीष हैं।’’ विश्व गुरु की पदवी पर भारत का दावा प्राचीन विचार पर आधारित है : वसुधैव कुटुंबकम, समूचा विश्व एक परिवार है। नरेंद्र मोदी यानि भारत की कूटनीति का वो सिक्का जिसका संसार की चौपालों पर डंका बज रहा है। नरेंद्र मोदी के रूप में दुनिया को एक ग्लोबल लीडर मिला है जिसने वक्त पड़ने पर अन्य देशों के लिए सहयोग का हाथ भी बढ़ाया और युद्ध के माहौल में शांति का पाठ भी याद कराया।

क्वाड सम्मेलन में भाग लेने गए पीएम नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में पीएम मोदी आगे चल रहे हैं और सुपरपावर मुल्क के मुखिया जो बाइडेन, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, ऑस्ट्रेलिया के नए नवेले प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस उनके पीछे कदम से कदम मिलाकर चलते नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर के सामने आते ही बीजेपी के नेता इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा है इंडिया लीड।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस तस्वीर को ट्वीट किया है। उन्होंने इसे ट्वीर करते हुए लिखा कि प्रधान सेवक- नो द वे, गोज द वे, शो द वे। मतलब प्रधानसेवक (पीएम मोदी) रास्ता जानते हैं, रास्ते पर चलते हैं और रास्ता दिखाते भी है। इसी तस्वीर को बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि लीडिंग द वर्ल्ड, हजार शब्दों के बराबर की एक तस्वीर।

 

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