Thursday, April 25, 2024
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कुंभ 2021 में फर्जी टेस्टिंंग का मामला : फरार चल रहे पंत दंपति नोएडा से हुये गिरफ्तार

देहरादून/हरिद्वार, कोरोना जांच घोटाले में फरार चल रहे मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के साझेदार पंत दंपत्ति को हरिद्वार पुलिस की टीम ने नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। दोपहर तक आरोपी दंपत्ति को पुलिस टीम यहां लेकर पहुंच सकती है। कुंभ 2021 में करोना जांच को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया था। उस वक्त सीएमओ रहे शंभू नाथ झा ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था।

आरोप था कि कोरोना जांच के नाम पर करोड़ों रुपए की रकम की चपत लगाई गई है और फर्जी नाम टेस्टिंग में दर्शाए गए हैं। हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने इस पूरे खेल में मुख्य भूमिका निभाने वाली मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के पार्टनर शरत पंत और उसकी पत्नी मल्लिका पंत एवं एक लैब स्वामी के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई शुरू करते हुए मुनादी करा दी थी।

लेकिन आरोपी हत्थे नहीं चढ़े थे। दो दिन पहले हरिद्वार पुलिस की एक टीम आरोपी दंपत्ति की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली रवाना हुई थी । संभावित स्थानों की छापेमारी के बाद पुलिस टीम ने आरोपी दंपत्ति को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया।

क्या था मामला :
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 शम्भू नाथ झा द्वारा कोतवाली नगर, हरिद्वार में मैसर्स मैक्स कार्पोरेट सर्विस, नालवा लैब व डां0 लाल चंदानी लैब के विरुद्ध दिनांक 17 जून 2021 को हरिद्वार में कुम्भ मेला 2021 के दौरान कोविड टेस्ट की फर्जी एन्ट्रियां करने, सरकारी धन की चोरी की मंशा व आपदा के अंतर्गत मानव जीवन को हानि पहुँचाने के कृत्य व आपराधिक लापरवाही के सम्बन्ध में मु0अ0सं0 593/21 धारा 188, 269, 270, 420, 468, 471,120 बी भादवि व 3 महामारी अधि0 व 53 आपदा प्रबन्धन अधिनियम पंजीकृत करवाया गया। अभियोग की विवेचना राजेश साह, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर हरिद्वार द्वारा द्वारा प्रारम्भ की गयी।

प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद हरिद्वार द्वारा मे एसआईटी का गठन किया गया। विवेचना के दौरान अभियोग में गवाहो के बयान अंकित कर दस्तावेजी साक्ष्य संकलित किये गये, विवेचना में यह तथ्य प्रकाश में आये कि मैक्स कोरपोरेट सर्विसेस फर्म के पार्टनर्स मुख्य अभियुक्तगण शरत पन्त तथा उसकी पत्नी श्रीमती मल्लिका पन्त द्वारा कुम्भ मेला अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को गुमराह करते हुये एक एमओयू जो नलवा लैब हिसार तथा लालचन्दानी लैब दिल्ली के साथ था, को दर्शाते हुये कुम्भ मेले के दौरान कोविड -19 टेस्टिंग का ठेका सरकार से लिया गया। उक्त फर्म के पार्टनर्स शरत पन्त तथा उनकी पत्नी श्रीमती मल्लिका पन्त के द्वारा एक आपराधिक षडयन्त्र के तहत आशीष वशिष्ठ, डेलफिया लेब भिवानी हरियाणा, जो स्वयं में आईसीएमआर में कोविड टेस्ट के लिये अधिकृत नही है, को शामिल किया गया। जबकि नियमानुसार कोविड-19 टैस्टिंग हेतु केवल आईसीएमआर से अधिकृत लैब ही टैस्टिंग हेतु आवेदन कर सकती थी।

उक्त प्रकरण की विवेचना में एसआइटी द्वारा अभियुक्त आशीष वशिष्ठ को पूर्व मे ही दिनांक 21जुलाई को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश कर न्यायिक हिरासत मे जिला कारागार हरिद्वार भेजा जा चुका है। जो वर्तमान में भी जिला कारागार हरिद्वार मे निरुध है। विवेचना के दस्तावेजो के अध्ययन करने पर यह पाया गया कि अधिकांश एन्ट्रीयाँ जनपद से बाहर अन्य राज्यों ( राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि) में की गयी है, यह भी प्रकाश मे आया कि कुंभ मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के नाम पर फर्जी फर्जी कोविड टैस्टिंग के आंकडे तैयार किये गये, जिसमें 1,24031 व्यक्तियों की कोविड टेस्टिंग करना बताते हुये 4 करोड से अधिक का बिल प्रस्तुत किया था, जिनमें से 15,41670 रूपये के बिल अभियुक्त प्राप्त करने में सफल हो चुके हैं। इस प्रकार अभियुक्तों द्वारा आईसीएआर के पोर्टल पर वास्तविक टैस्टिंग के मुकाबले भारी संख्या में फर्जी टैस्टिंग दिखाकर फर्जी बिल, आँकडे व फर्जी कार्यवाही करते हुये आईसीएमआर की साइट पर अपलोड कर सरकार को उन आंकडों के आधार पर सरकार से 354 रू0 प्रति व्यक्ति के टैस्टिंग के हिसाब से बिल बनाकर 04 करोड से अधिक रूपये सरकारी धन को धोखे से अपने पक्ष में अवमुक्त कराने का प्रयास किया गया तथा अभियुक्त गण द्वारा अन्य सह अभियुक्त गण के साथ मिलकर आपराधिक षडयन्त्र के तहत कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कुम्भ मेला अधिकारीयों के समक्ष प्रस्तुत कर धोखे से टैण्डर प्राप्त किये जाने सम्बन्धित साक्ष्य प्राप्त होने पर विवेचना में धारा 467 भादवि की वृद्धि की गयी। विवेचना में प्रकाश में आये मुख्य अभियुक्तगण मैसर्स मैक्स कार्पोरेट सर्विस के पार्टनर शरद पंत एंव मल्लिका पंत के विरुद्ध एसआईटी द्वारा माननीय न्यायालय से एनबीडब्ल्यू प्राप्त किये गये तत्पश्चात उक्त मुख्य अभियुक्तों के विरुद्ध कुर्की सम्बन्धी उद्घोषणा माननीय न्यायालय से प्राप्त कर उनके घर पर मुनादी कराकर धारा 82 सीआरपीसी का नोटिस चस्पा कराया गया। अभियुक्तों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल से अपनी गिरफ्तारी पर रोक सम्बन्धी आदेश प्राप्त किया गया किन्तु उक्त आदेश के समाप्त होने के पश्चात से अभियुक्त फरार चल रहे थे।

मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु डॉ0 योगेन्द्र सिह रावत, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिदवार द्वारा दिये गये निर्देशो के क्रम में श्रीमती कमलेश उपाध्याय, पुलिस अधीक्षक नगर व क्षेत्राधिकारी ज्वालापुर के निर्देशन मे प्रभारी निरीक्षक श्री राकेन्द्र कठैत के नेतृत्व में पुलिस टीमो द्वारा निरंतर अभियक्त गण के सम्भावित ठिकानो पर दबिश दी जा रही थी। साथ ही एसओजी हरिद्वार के सहयोग से अभियुक्तों के मोबाईल को सर्विलांस पर लेते हुए पुलिस द्वारा ठोस सुरागरसी-पतारसी करते हुए मुखबिर मामूर किये गये थे। पुलिस टीम को सूचना प्राप्त हुई कि दिनांक 7 नवम्बर की रात्रि में अभियुक्त कुछ सामान आदि लेने अपने आवास B-56 सेक्टर 48 नोयडा पहुंच रहे है, जिस पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त शरद पंत एवं उनकी पत्नी मल्लिका पंत को दिनांक 08 नवम्बर को समय 00.15 बजे उनके आवास से हस्व कायदा से पुलिस हिरासत मे लिया गया, जिन्हे आज मा0 न्यायालय में पेश किया जा रहा है। अभियुक्तों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में श्रीमति कमलेश उपाध्याय, पुलिस अधीक्षक नगर हरिद्वार, सुश्री रेखा यादव, सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी ज्वालापुर हरिद्वार, श्री राकेन्द्र कठैत प्रभारी, निरीक्षक कोतवाली नगर हरिदवार, उ0नि0 रणजीत सिंह, प्रभारी सीआईयू हरिद्वार, व0उ0नि0 अरविन्द रतूडी, कोतवाली नगर हरिद्वार, उ0नि0 लक्ष्मी मनोला , कोतवाली नगर हरिद्वार, उ0नि0 संजीत कण्डारी, पुलिस कार्यालय हरिद्वार, का0 शशिकान्त त्यागी, कोतवाली नगर हरिद्वार, का0 रविपंत, कोतवाली नगर हरिद्वार, का0 रोहित नौटियाल, कोतवाली नगर हरिद्वार, म0का0 रजनी बिष्ट, कोतवाली नगर हरिद्वार प्रमुख हैं।

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