Friday, March 29, 2024
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कैप्टन देवेश जोशी को मिला शौर्य पुरस्कार, झारखंड में 21 लोगों की बचाई थी जान

देहरादून, पिथौरागढ़ के गौलचौरा निवासी कैप्टन देवेश जोशी को साहस, वीरता और उत्कृष्ट कार्य करने के लिए शौर्य पुरस्कार प्रदान किया गया है। उन्हें यह वीरता पुरस्कार उन्हें झारखंड के देवघर में रोपवे में फंसे यात्रियों को सकुशल निकालने हेतु ऑपरेशन त्रिकूट की सफलता पर प्रदान किया गया। उनको अवार्ड मिलने पर क्षेत्र में खुशी की लहर है। देवेश जोशी मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के गणाई गंगोली तथा वर्तमान में खटीमा के निवासी हैं। उनके पिता गिरीश जोशी राजकीय विद्यालय में शिक्षक तथा माता गृहिणी है। उन्हें दिल्ली में 15 अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने अदम्य साहस के लिए गैलेंटरी अवार्ड ( शौर्य पुरस्कार) प्रदान किया। उन्हें यह अवार्ड झारखंड के देवघर में रोपवे में ट्राली में 48 घंटे तक फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन त्रिकुट की सफलता पर प्रदान किया गया।

आपको बता दें कि देवघर में 17 विभिन्न रोपवे के खराब होने के कारण सभी ट्रालियां आकाश में झूल रही थी जिनमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और पुरुष पर्यटक शामिल थे। सेना के चलाए ऑपरेशन त्रिकुट में लेफ्टिनेंट देवेश ने टीम का नेतृत्व करते हुए 21 यात्रियों की जान बचाने के साथ ही साहस का परिचय देते हुए क्रासिंग करते हुए ट्रालियों तक पहुंचने और अपने साथियों की सहायता से रस्सियों के सहारे फंसे पर्यटकों को सकुशल निकाला था। उनके इस अदम्य साहस के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है। वही जवान के सम्मान पर प्रदेश और परिवार में खुशी की लहर है। सीएम धामी ने भी कैप्टन देवेश को शौर्य पुरस्कार के लिए बधाई दी गई।

 

फार्च्युन टॉकीज मोशन पिक्चर्स की पलायन, महिला सशक्तीकरण व शिक्षा के विषय पर उत्तराखंडी फिल्म ‘माटी पछयाण’ का टीजर जारीUttarakhandi film Mati Pehchan on the big screen with the theme of  migration women empowerment and education - पलायन, महिला सशक्तीकरण व शिक्षा  के विषय के साथ बड़े पर्दे पर एक ओर

देहरादून, फार्च्युन टॉकीज मोशन पिक्चर्स ने अपनी पहली उत्तराखंडी फीचर फिल्म ‘माटी पछयाण’ का आधिकारिक टीजर (अध्याय एक-पहाड़ों की कहानी) जारी किया है। लखनऊ निवासी निर्माता फराज शेरे ने इस फिल्म का निर्माण किया है। जबकि निर्देशक हैं अजय बेरी के अनुसार यह फिल्म उत्तराखंडी समाज को इन दोनों की ओर से एक पलायन, महिला सशक्तीकरण का मजबूत संदेश देती है। जो टीजर जारी हुआ है उसमें यह लाइन प्रमुखता से उभरता है कि उत्तराखंड में दो तरह के लोग रहते हैं एक वो जो अपनी जरुरतों व महत्वाकांक्षाओं के लिए अपने गांव जमीन को छोड़ देते हैं और दूसरा वो जो यहीं रहकर यहां के संघर्ष को अपनाते हैं। फराज शेरे ने कहा कि यह विषय हमेशा उन्हें अपील करता था, चूंकि वह इस समस्या को करीब से देख व महसूस कर चुके हैं। यह कहानी जब उनके सामने आई तो उन्होंने फौरन इस पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया। माटी पछयाण का मुख्य विषय व्यक्तिगत लाभ के लिए अपनी जमीन को छोड़ने के बजाय अपनी जड़ों से जुड़े रहना है। यह फिल्म ऐसे समय में आ रही है जब पहाड़ में पलायन गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। यह फिल्म न सिर्फ पहाड़ों की कहानी है बल्कि यह अपने खोए हुए बच्चों को घर वापस बुलाती है। निर्देशक अजय बेरी को फिल्म निर्देशन का करीब बीस साल का अनुभव है। उन्होंने विषय को बड़ी संजीदगी से छुआ है। उनका मानना है कि उत्तराखंड में यदि अच्छे स्तर की क्षेत्रीय फिल्म की शुरूआत हेाती है तो राज्य में रोजगार के बहुत रास्ते इन फिल्मों के माध्यम से खुलेंगे। फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में करण गोस्वामी, अंकिता परिहार हैं। संगीत राजन बजली का है। लेखक मनमोहन चौधरी, छायाकार फारूख खान, एडीटर मुकेश झा, कार्यकारी निर्माता प्रज्ञा तिवारी हैं। प्रज्ञा ने बताया कि फिल्म 23 सितम्बर से उत्तराखंड, दिल्ली, एनसीआर, मुबंई, लखनऊ के कुछ सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म हिंदी के अलावा कुछ हद तक कुमाऊंनी डायलॉग के साथ है। फिल्म की शूटिंग कोटाबाग, भीमताल, रामनगर आदि इलाकों में हुई है।

 

सरकार की आंखों को खोलने के लिए हल्द्वानी से सचिवालय तक पदयात्रा

(अतुल अग्रवाल)

हल्द्वानी, एलिंग वेलफेयर नर्सेज फाउंडेशन का अट्ठारह वे दिन भी अनिश्चितकालीन भूखहड़ताल धरना जारी रहा | प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि भूपेंद्र कोरंगा प्रदेश सचिव केशव कुमार प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक मनकोटी , गौरव उप्रेती एवं गौरव जयसवाल के द्वारा भूखहड़ताल धरना समाप्त स्थगित किया गया , जिसके स्थान पर हिमांशी आर्या एव रघुवीर सिंह ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल धरने को जारी रखा |

प्रदेश अध्यक्ष बबलू के द्वारा बताया गया है कि संगठन द्वारा अपनी मांगों को लेकर निरंतर भूख हड़ताल जारी रहेगा, प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा बताया गया है कि हम अपने साथियों के साथ भूख हड़ताल समाप्त कर नर्सेज फाउंडेशन द्वारा हल्द्वानी से सचिवालय देहरादून तक पदयात्रा शुरू कर रहे हैं ,हल्द्वानी से पदयात्रा में प्रदेश अध्यक्ष बबलू भूपेंद्र कोरंगा, प्रदेश सचिव केशव कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक मनकोटी, गौरव उप्रेती एवं गौरव जयसवाल ने 18 अगस्त को शाम 3:30 बजे से पदयात्रा प्रारंभ की, प्रदेश अध्यक्ष बब्बू ने बताया कि यह पदयात्रा सरकार की आंखों को खोलने के लिए की जा रही है इस पद यात्रा के सभी पड़ाव सरकारी एवं प्राइवेट अस्पताल होंगे जहां पर अस्पतालों की स्वास्थ्य अववस्थाओं को उजागर किया जाएगा एवं सभी अस्थाई नर्सेज से मुलाकात कर व्यापक आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी एवं देहरादून पहुंचकर स्वास्थ्य मंत्री ,मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात कर 2621 पदों पर वर्ष भर नियुक्ति पद हेतु ज्ञापन दिया जाएगा इस दौरान नीलिमा, सुषमा ,ज्योति ,संगीता ,इंगिता , बबीता मुकेश राजेश आदि लोग मौजूद रहे |

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