Friday, May 3, 2024
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कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने किया नवनिर्मित मॉ शाकुम्बरी अस्पताल का उद्घाटन

देहरादून, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने नत्थनपुर, जोगीवाला स्थित 20 बेड के नवनिर्मित मॉ शाकुम्बरी एलोपैथिक एवं आयुर्वेदिक अस्पताल के उद्घाटन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अस्पताल की डायरेक्टर, डॉ0 पूजा वर्मा को शुभकामनाएं देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मैं आप लोगों को बस यही याद लिदलवाना चाहता हूं, कि आप चिकित्सकों को धरती का भगवान कहा जाता है, और आपका काम बहुत जिम्मेदारी का है। मुझे प्रसन्नता है कि इस अस्पताल में एलोपैथिक चिकित्सा के साथ ही साथ प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली, आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली अर्थात मिक्सपैथी दी जाती है। मैं किसी भी चिकित्सा प्रणाली का विरोधी नहीं हूं, परंतु यह जरूर कहना चाहता हूं कि भारत की आयुर्वेदिक जीवन पद्वति आज पूरी दुनिया में अपना डंका बजा रही है। आयुर्वेद पांच हजार साल पुरानी चिकित्सा पद्धति है जो हमें हजारों वर्षों से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रहा है। प्राचीन भारत में आयुर्वेद को रोगों के उपचार और स्वस्थ जीवन शैली व्यतीत करने का सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता था। मैं आशा करूंगा कि यह अस्पताल कम कीमत में भरोसेमन्द चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा और आप लोग लाभ कमाने के लिए कम और सेवा करने के उद्देश्य के साथ कम आय वाले वर्ग के लोगों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगें। मैं अस्पताल प्रबंधन से यह भी आग्रह करूंगा कि आप आयुष्मान योजना से भी जुड़ें ताकि आम नागरिकों को भरोसेमंद चिकित्सा सुविधाएं निशुल्क अथवा बहुत ही कम दामों पर उपलब्ध करवाई जा सकें।
अस्पताल की डायरेक्टर, डॉ0 पूजा वर्मा (स्त्री रोग विशेषज्ञ) ने बताया कि अस्पताल में क्षारसूत्र विशेषज्ञ के तौर पर डा0 अनुराग उनियाल, बाल रोग विशेषज्ञ डा0 राहुल वशिष्ट, आई0सी0यू0 स्पेशलिस्ट, डा0 एन0के0 अग्रवाल, जनरल सर्जन, डॉ0 इशाक, फिजीशियन डा0 विकास की सेवाएं उपलब्ध हैं। अस्पताल में हर प्रकार के ऑपरेशन की सुविधा के साथ ही पंचकर्म आयुर्वेद की सुविधा भी उपलब्ध हैं। आई0सी0यु0 क्रिटिकल केयर की सुविधा भी है और आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार भी इलाज किया जाता है।
इस अवसर पर सविता पंवार, क्षेत्रीय पार्षद जगदीश प्रसाद सेमवाल, शोभा नेगी, कमला बिष्ट, अभिषेक सिंह नेगी, भूपेन्द्र कंडारी, डीएस नेगी भी उपस्थित रहे।

 

‘‘उत्तराखण्ड शौर्य सम्मान मण्डल अभियान’’ ने किया कृषि मंत्री गणेश जोशी को सम्मानितMay be an image of 7 people and people standing

देहरादून, “डाल्यों का दगडिया’’ संस्था की ओर से संचालित ‘‘उत्तराखण्ड शौर्य सम्मान मण्डल अभियान’’ द्वारा कृषि मंत्री गणेश जोशी को उनके शिविर कार्यालय में सम्मान पत्र, अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कृषि मंत्री द्वारा राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन की समस्या को संबोधित करने के लिए कृषि तथा बागवानी के कार्योंं को दिए जा रही प्राथमिकता एवं प्रोत्साहन तथा उत्तराखण्ड राज्य के इतिहास में पहली बार राज्य के शहीदों को सम्मान दिलाने के लिए राज्यव्यापी शहीद सम्मान यात्रा के आयोजन के लिए संस्था द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।
अंतरिम सरकार (2000-2002) में कैबिनेट मंत्री रहे मोहन सिंह रावत ‘‘गांववासी’’ जो कि ‘‘उत्तराखण्ड शौर्य सम्मान मण्डल अभियान’’ के संरक्षक हैं, ने बताया कि श्रीनगर गढ़वाल स्थित ‘‘डाल्यों का दगडिया’’ सामाजिक संस्था जो कि ‘‘राष्ट्रीय इंदिरा गांधी वृक्ष मित्र पुरस्कार’’ से सम्मानित है के माध्यम से यह मण्डल अभियान वर्ष 2015 से संचालित किया जा रहा है।

अनसंग हीरोज् (गुमनाम नायकों) को किया जाता है सम्मानित :

गढ़वाल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रो. मोहन सिंह पंवार जो कि इस अभियान के सदस्य भी हैं, ने बताया कि राज्य में अपने अनूठे एवं समाजोपयोगी मिशन के द्वारा अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके सामाजिक रत्नों को ‘‘उत्तराखण्ड शौर्य सम्मान मण्डल अभियान’’ द्वारा उनके कार्यस्थल पर स्वयं जा कर सम्मानित किया जा रहा है। ‘‘हम विशेष तौर पर ऐसे अनसंग हीरोज् को खोज कर समाज के सामने ला रहे हैं, जो अपने – अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य तो कर रहे हैं परंतु प्रचार-प्रसार से बहुत दूर, चुपचाप अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।
सम्मान मण्डल के सदस्य डॉ0 अरविंद दरमोड़ा ने बताया कि अब तक इस अभियान के तहत 190 हिडन हीरोज को चिन्हित किया गया है। जिन्हें सम्मानित किया जा रहा है और इनके कामों को ’’आशा की किरणें’’ नाम से संकलित कर राज्य सरकार, केन्द्र सरकार तथा संबंधित विभागों को भेजा जा रहा है।

इन्हें किया गया है सम्मानित :

जनपद रूद्रप्रयाग के जगत सिंह चौधरी जंगली – 60 प्रकार की बृ़क्षों के प्रजातियों को एक ही क्षेत्र में उगाया और वन खेती का मॉडल स्थापित किया। सुरजीत सिंह बरनाला भी विजिट कर चुके हैं।
राजकीय प्रा. वि. कोटमल्ला, घोलतिर, रूद्रप्रयाग, सत्येन्द्र भण्डारी – जिन्होंने एक सरकारी स्कूल की समस्त व्यवस्थाओं को मॉडनाईज किया। आज इस सरकारी स्कूल को रूद्रप्रयाग का ऑक्फोर्ड कहते हैं।
प्रेम चन्द्र शर्मा – जिन्होंने चकराता तहसील के अटाल गांव में कृषि विविधीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया।
नारायणबगड़ के नारायण सिंह नेगी – वनोत्पादों को मार्केट से लिंक कर गांव वालों की आय संवर्धन का काम किया, जिससे वन पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया।
अनिल किशोर जोशी – टिहरी जिले के मलेथा गांव में शहतूत के मदरप्लांट की नर्सरी बना कर रेशम उत्पादकों के सहयोग के लिए उल्लेखनीय कार्य किया।

इस दौरान मोहन सिंह गांववासी, मोहन सिंह पंवार, डॉ. प्रणव पॉल, पद्मश्री प्रेम चन्द्र शर्मा, प्रेम पंचोली, एचडी शर्मा आदि भी उपस्थित रहे।

 

‘‘जहां ना पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि’’, साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन पर बोले कैबिनेट मंत्री गणेश जोशीMay be an image of 8 people and people standing

देहरादून, रेसकोर्स स्थित ट्रांजिट हॉस्टल में आयोजित काव्य महाकुम्भ का औपचारिक उद्घाटन करने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पहुंचे। महामंडलेश्वर, ऋषिकेश, परमानन्द जी महाराज एवं सूर्य चन्द्र सिंह चौहान भी इस अवसर पर मौजूद रहे। इस अवसर पर कविता संग्रह, ‘‘नया प्रेम गीत’’ सहित कई पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि, बचपन से सुनता आया था कि ‘‘किताबें मानव की सबसे अच्छी मित्र होती हैं’’ पर इस अहसास को मैंने सबसे नजदीकी से जेल में महसूस किया। मेरे खिलाफ एक राजनीतिक षणयंत्र करके मुझे जब कांग्रेस सरकार द्वारा जेल में डाल दिया गया था उस समय जेल के बाहर मेरे समर्थकों और जेल की भीतर किताबों ने ही मुझे संबल दिया। उन्होंने कहा कि साहित्यकारों के लिए कहावत है कि ‘‘जहां ना पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि’’। अर्थात जहां सूरज की किरणें भी नहीं पहुंचती वहां भी साहित्यकार की कल्पना और नजर पहुंच जाती है। किसी भी समाज के स्वस्थ्य विकास के लिए बुद्धीजीवियों / साहित्यकारों / कलाकारों तथा चिंतकों का होना अत्यंत आवश्यक शर्त है। मैं आज के इस आयोजन में आ कर इसलिए भी अत्यधिक धन्य महसूस कर रहा हूं कि मुझे आप जैसी महान विभूतियों और विद्यानों की संगति का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इस कार्यक्रम के सहसंयोजक सूर्य चन्द्र चौहान और श्रंगार कवि भूदत शर्मा मेरे अच्छे मित्र भी हैं। ‘‘उत्तराखंड की ज़िया’’ साहित्य संस्था के पदाधिकारियों को मैं एक बार फिर से ऐसे महाकाव्य कुम्भ के आयोजन के लिए धन्यवाद और शुभकामनाएं देता हूं।
इस अवसर पर देवबंद से आए कवि, गुलजार जिगर, भूदत शर्मा, जिया शर्मा एवं सूर्य चन्द्र सिंह चौहान एवं विभिन्न राज्यों से पधारे कविगण उपस्थित रहे।

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