Thursday, June 26, 2025
Home Blog

दुःखद हादसा- रुद्रप्रयाग में घोलतीर के पास यात्रियों से भरा टैंपो ट्रैवलर दुर्घटनाग्रस्त 2 की मौत 10 लापता

0

रुद्रप्रयाग- आज प्रातः काल लगभग 08:00 बजे रुद्रप्रयाग के घोलतीर के निकट स्टेट बैंक मोड़ के पास एक वाहन (बस संख्या UK08 PA 7444) दुर्घटनाग्रस्त होकर हाईवे से सीधे खाई में गिरकर अलकनन्दा नदी में चला गया है। जिसमें सवार 2 यात्रियों की मौत एँव 10 के लापता होने की खबर है। जबकि 8 घायलों को रेसक्यू कर जिला अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।

आज प्रातःकाल रुद्रप्रयाग से बद्रीनाथ जा रहा यात्रियों से भरा वाहन घोलतीर के पास अलकनंदा में समा गया।

दुर्घटना की सूचना मिलने पर जिला पुलिस, अग्निशमन इकाई, एस.डी.आर.एफ. सहित तमाम रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंची तथा स्थानीय व्यक्तियों द्वारा भी रेस्क्यू कार्य में सहयोग दिया गया। वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने तथा नदी में समाने से पूर्व इस वाहन में सवार कुछ व्यक्ति जो कि छिटक गये थे, का रेस्क्यू टीमों द्वारा स्थानीय लोगों की मदद से ऊपर सड़क पर लाया गया। इन घायल व्यक्तियों को तत्काल जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग भिजवाया गया है।

वाहन संख्या UK 08 PA 7444 बस में जो कि 31 सीटर बस है, में वाहन चालक सहित कुल 20 व्यक्ति सवार थे। इस वाहन में उदयपुर राजस्थान व गुजरात का सोनी परिवार चारधाम यात्रा पर आया हुआ था।

 

विवरण –

कुल 20 सवारी (वाहन चालक सहित)

08 घायल जिनका कि रेस्क्यू के उपरान्त जिला चिकित्सालय भिजवाया गया है।

02 मृतक

10 मिसिंग चल रहे हैं (इनकी तलाश जारी है) मौके पर रेस्क्यू कार्य जारी है।

 

दुर्घटना में घायलों का विवरण-

 

1- दीपिका सोनी, निवासी सिरोही मीना वास, राजस्थान उम्र 42 वर्ष।

2- हेमलता सोनी, निवासी प्रताप चौक, गोगुण्डा गोगुण्डा, राजस्थान, उम्र 45 वर्ष।

3- ईश्वर सोनी, निवासी ई 202 पर्वत सिलिकॉन पैलेस, नियर अर्चना स्कूल, गुजरात उम्र 46 वर्ष।

4- अमिता सोनी, निवासी 701 702 बिल्डिंग नं. 3 मीरा रोड, महाराष्ट्र, उम्र 49 वर्ष।

5- सोनी भावना ईश्वर, निवासी ई 202 पर्वत सिलिकॉन पैलेस, नियर अर्चना स्कूल, गुजरात, उम्र 43 वर्ष।

6- भव्य सोनी, निवासी ई 202 सिलिकॉन पैलेस, बाम्बे मार्केट, नियर अर्चना स्कूल, गुजरात, उम्र 07 वर्ष।

7- पार्थ सोनी, निवासी वार्ड नं. 11, राजगढ़, वीर सावरकर मार्ग ग्राम राजगढ़ मध्य प्रदेश, उम्र 10 वर्ष।

8- सुमित कुमार(चालक), पुत्र नरेश कुमार, निवासी बैरागी कैम्प, हरिद्वार, उम्र 23 वर्ष।

चमोली के बंधक को छुड़ाने अनिल बलूनी ने पंजाब के राज्यपाल से की बात

0

देहरादून(आरएनएस)।  सालों से पंजाब के तरन तारन जिले में बंधक बनाए गए नारायणबगड़ (चमोली) के एक युवक को छुड़ाने के लिए बुधवार को गढ़वाल सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से टेलीफोन पर बात की। उन्होंने राज्यपाल से बंधक बनाए गए युवक को जल्द उनके पैतृक आवास छोड़ने का आग्रह किया। बलूनी ने बताया किमुझे सोशल मीडिया के जरिए एक वीडियो मिला है जिसमें बताया गया है कि उत्तराखंड के नारायणबगड़ (चमोली) का एक नौजवान राजेश लाल पंजाब के किसी जगह पर एक गौशाला मालिक ने पंद्रह साल से बंधुआ मजदूर बनाकर रखा हुआ है। उन्होंने बताया कि वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने इस युवक को मुक्त कराने और मदद करने की गुहार की जा रही है। जैसे ही यह मसला सांसद बलूनी के संज्ञान में आया, तो उन्होंने पंजाब के राज्यपाल कटारिया से बात कर युवक को रिहा कराने का आग्रह किया। उन्होंने राज्यपाल से संबंधित युवक को उनके घर नारायणबगड़ सकुशल पहुंचाने का भी अनुरोध किया। राज्यपाल कटारिया ने भी इस विषय पर चिंता व्यक्त की और इस घटना की पूरी जांच शीघ्र कराने के लिए आश्वस्त किया। बलूनी ने बताया कि इसके बाद पंजाब राजभवन कार्यालय से उन्हें जानकारी दी कि युवक को मुक्त कर लिया गया है और इस घटना की जांच को पुलिस महानिदेशक पंजाब को निर्देश दिए गए हैं। उधर, उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के महासचिव मोहित डिमरी ने पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर बंधक बनाए गए युवक को जल्द रिहा करने की मांग की है।

चमोली के राजेश को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराने हेतु तत्काल कार्रवाई की मांग

0

देहरादून, उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायणबगड़ निवासी राजेश पंजाब में बंधुआ मजदूरी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में राजेश ने खुलासा किया कि वह पिछले 15 वर्षों से पंजाब में एक गौशाला/तबेले में बंधुआ मजदूर के रूप में कैद है।

इस मामले को लेकर उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के महासचिव मोहित डिमरी ने उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। पत्र में श्री डिमरी ने मांग की है कि राजेश की स्थिति का पता लगाने के लिए तुरंत जांच शुरू की जाए, उसे बंधुआ मजदूरी से मुक्त करवाया जाए, और दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।

साथ ही, राजेश के परिजनों को सूचित कर उनकी सुरक्षित वापसी और सहायता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर जनता में आक्रोश देखा जा रहा है। कई यूजर्स ने पंजाब और उत्तराखंड सरकार से इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है। एक पोस्ट में लिखा गया, “उत्तराखंड का एक युवक 15 साल से पंजाब में बंधुआ मजदूर बना हुआ है। यह अमानवीय है। सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”

उत्तराखंड पुलिस और पंजाब पुलिस से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मामले में समन्वय स्थापित कर राजेश की पहचान, स्थिति और मुक्ति के लिए त्वरित कदम उठाएंगी। इस घटना ने बंधुआ मजदूरी जैसे गंभीर अपराध के खिलाफ जागरूकता और सख्त कानूनी ढांचे की आवश्यकता को फिर से रेखांकित किया है। इस मामले में आगे की जानकारी की प्रतीक्षा है, और उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इस संवेदनशील मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करेगा ताकि राजेश को न्याय मिल सके।

https://www.facebook.com/share/p/1BrYUyX2zG/

 

 

आपदा प्रबंधन की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने ली अधिकारियों की बैठक

0

रुद्रप्रयाग- मानसून काल के लिये आपदा प्रबंधन की पूर्व तैयारियों के दृष्टिगत जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने जिला सभागार में राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, विद्युत, जल संस्थान, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, डीडीआरएफ, खाद्य व विकास आदि संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ एक आवश्यक बैठक ली। बैठक में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन की पूर्व तैयारी के संबंध में विस्तृत चर्चा की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होने यात्रा मार्ग पर विशेष ध्यान देते हु्ये मशीनें तैनात रखने के लिये सड़क निर्माण से जुड़े विभाग लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर भू-स्खलन वाले चिह्नित स्थानों पर जेसीबी आदि मशीनें तैनात रखी जाएं तथा मानसून काल में भू-स्खलन से मार्ग बाधित होने पर आपसी समन्वय बनाकर कार्य करते हुए तत्काल ही यात्रा मार्गों को सुचारु करने के कार्य किए जाएं।उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे प्राइवेट संस्थान जिनके पास जेसीबी आदि मशीनें उपलब्ध हैं, उनके फोन नंबर भी एकत्र कर रखे जाएं ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनसे संपर्क स्थापित कर मशीनों को हायर किया जा सके।उन्होंने पीएमजीएसवाई एवं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जेसीबी मशीनों के साथ उनके ऑपरेटर को भी रखना सुनिश्चित करें, जिससे आपदा के दौरान रेस्पॉन्स समय में कमी आ सके।
उन्होने निर्देश दिया कि यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग व राहत सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए । सड़क बंद होने तथा केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर आपदा की स्थिति में यात्रियों हेतु भोजन के पैकेट, पेयजल आदि व्यवस्थाएं सुचारु रखने के निर्देश दिए। समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार व बीडीओ को आपदा से संवेदनशील क्षेत्रों के समस्त सड़क मार्गों व पैदल मार्गों की जानकारी एकत्र करने के साथ ही जनपद के ऐसे स्कूलों/इंटर कॉलेजों को चिन्हित करने के निर्देश दिए ताकि आपदा की स्थिति में आम जनमानस को उक्त स्थलों पर ठहराया जा सके।
जिलाधिकारी ने सड़क निर्माण से जुड़े विभागों के साथ ही वन व राजस्व विभाग को यात्रा मार्गों से सटे वैकल्पिक मार्गों को चिन्हित कर झाड़ियाँ आदि काटने और मार्गों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए।उन्होंने सभी हेलीपैडों की स्थिति की जानकारी लेने तथा वहाँ तक जाने वाले रास्तों को सुचारु करने के निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जनपद में तैनात सभी मशीनों (जेसीबी, डोज़र, लोडर आदि) का विशेषज्ञों द्वारा निरीक्षण कर उन्हें सक्रिय व सुव्यवस्थित रखा जाए ताकि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके। उन्होंने सभी मशीनों की तकनीकी जांच समयबद्ध रूप से कराने के निर्देश भी दिए।
उन्होने सूचना संप्रेषण और सतर्कता तंत्र को मजबूत करने पर बल दिया।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपदा की स्थिति में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के लिए सभी संसाधनों की पूर्व तैयारी कर ली जाए।उन्होंने सेटेलाइट फोन एवं वायरलेस सेट को संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेटों तक व्यवस्थित वितरण करने, उनकी सूची बनाने व संचालन हेतु प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।साथ ही केदारनाथ यात्रा मार्ग सहित सभी पत्थर गिरने वाले संवेदनशील स्थलों पर चेतावनी संकेतक व साइन बोर्ड लगाने, रात्रि के लिए रिफ्लेक्टिव बोर्ड लगाने के निर्देश दिए।उन्होंने यातायात नियंत्रित करने के लिए पुलिस व प्रशासन की सतत निगरानी टीम भी सक्रिय रखने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे तहसील क्षेत्र अंतर्गत संवेदनशील भवनों का चिन्हांकन कर उनमें निवासरत परिवारों को मानसून काल में अन्यत्र शिफ्ट करें। उन्होंने शेल्टर हाउस के रूप में चिन्हित भवनों का स्थलीय निरीक्षण करने तथा कंट्रोल रूम की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए।आपदा कंट्रोल रूम के फोन नंबर आम जनता तक पहुँचाने एवं दूरस्थ क्षेत्रों में टेलीफोन कनेक्टिविटी व मोबाइल टावर की स्थिति की जानकारी एकत्र करने के निर्देश भी दिए गए।साथ ही, एसएमएस अलर्ट को लेकर आमजन को जागरूक करने के निर्देश भी दिए गए।मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि ऐसे स्कूल भवनों का चिन्हांकन किया जाए जो जर्जर स्थिति में हैं तथा उनमें बरसात के समय कक्षाएं न चलाई जाएं।
जिलाधिकारी ने विद्युत एवं जल संस्थान को निर्देश दिए कि मानसून काल में विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में तत्काल सुधार हेतु कार्य योजना प्रस्तुत की जाए।नगर निकायों को नालों की नियमित सफाई एवं स्वास्थ्य विभाग को स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रल्हाद कोंडे, अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, जिला विकास अधिकारी अनीता पंवार, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला, जखोली के उप जिलाधिकारी भगत सिंह फोनिया, प्रशिक्षु उप जिलाधिकारी याक्षी अरोड़ा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम प्रकाश, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रबेंद्र बिष्ट, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवाड़, जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे, जिला पूर्ति अधिकारी के. एस. कोहली, खंड विकास अधिकारी अनुष्का तथा तहसीलदार ऊखीमठ प्रदीप नेगी उपस्थित रहे।

रिश्वतखोरी में पकड़े गए पूर्व सैनिक कल्याण अधिकारी की जमानत अर्जी खारिज

0

नैनीताल, विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रम की अदालत ने बागेश्वर के पूर्व जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी सुबोध शुक्ला की जमानत अर्जी खारिज कर दी। शुक्ला को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था।
अभियोजन के अनुसार, बागेश्वर सैनिक कल्याण कार्यालय में कार्यरत कल्याण कार्यकर्ता कैलाश चंद्र ने टोल-फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज की थी कि सुबोध शुक्ला ने उनके सेवा विस्तार के बदले 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। गोपनीय जांच के बाद 24 मई 2025 को ट्रैप कार्रवाई में शुक्ला को रिश्वत लेते पकड़ा गया। उनके कब्जे से लिफाफे में रखी 50 हजार रुपये की रकम बरामद हुई, जिसे उन्होंने जेब में छिपाया था। कार्रवाई की वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील शर्मा ने बताया कि शिकायतकर्ता के सेवा विस्तार से संबंधित बांड भी आरोपी के कार्यालय से मिले, जो उनकी भ्रष्ट छवि को उजागर करते हैं।
वहीं, बचाव पक्ष ने दलील दी कि शुक्ला निर्दोष हैं और उन्हें शिकायतकर्ता से पूर्व विवाद के चलते झूठा फंसाया गया। उन्होंने ट्रैप कार्रवाई में नियमों के उल्लंघन और झूठे साक्ष्य तैयार करने का आरोप लगाया। शुक्ला ने 50 प्रतिशत विकलांगता का हवाला देकर रहम की अपील की, लेकिन कोर्ट ने सबूतों के आधार पर जमानत खारिज कर दी। मामले की जांच जारी है।

खेत की मेड़ को लेकर हुआ विवाद, चाचा की हत्या कर भतीजे हुए फरार

0

देहरादून, जनपद में रिश्तों को तार—तार करने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां सहसपुर क्षेत्र में खेत की मेड़ को लेकर हुए विवाद के चलते भतीजों ने चाचा की ही हत्या कर डाली जिसके बाद वह फरार हो गये। सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आरोपी भतीजों की तलाश शुरू कर दी है।
हत्या की यह वारदात सहसपुर थाना क्षेत्रांर्तगत केदारवाला में घटित हुई है। जानकारी के अनुसार आज सुबह केदारवाला गांव निवासी वाजिद अली (65) अपने खेत की मेड़ दुरस्त कर रहा था। इस दौरान उसके दो भतीजे मनीष और असलम अपने खेत में आये और मेड़ सही तरीके से करने को लेकर चाचा—भतीजों में विवाद हो गया। बताया जा रहा है कि विवाद इतना बढ़ा कि दोनोे पक्षों में हाथापाई हो गयी। जिसके चलते वाजिद अली खेत में मौजूद पानी में जा गिरे। वाजिद अली के पानी में गिरते ही उनके दोनो भतीजों मनीष और असलम ने उनका पानी में मुंह दबाकर उनकी हत्या कर डाली। वहीं शोर शराबा सुनकर मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों को देख कर दोनो हत्यारे भाग खड़े हुए। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक वाजिद अली के शव को कब्जे में लेकर हत्यारोपी मनीष व असलम की तलाश शुरू कर दी है। वहीं मामले में क्षेत्रवासियों का कहना है कि इन दोनो परिवारों का खेत की मेड़ को लेकर लम्बे समय से विवाद चल रहा था। बहरहाल पुलिस अब हत्यारोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

अस्तित्व संस्था के 24 बच्चों ने दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र का किया भ्रमण

0

देहरादून, बुधवार की सायं अस्तित्व एनजीओ के 2 शिक्षकों के साथ 24 बच्चों का एक दल बातचीत और शैक्षिक जानकारी प्राप्त करने क़े लिए दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र क़े भ्रमण में आया, दीप नगर क़े वंचित समुदायों से आने वाले बच्चों ने जुगल किशोर पेटशाली संग्रहालय, हिमालयी अनुसंधान केंद्र, रीडिंग रूम, स्टैक रूम और बाल प्रभाग खंड सहित पुस्तकालय के विभिन्न अनुभागों का अवलोकन किया ।
इस यात्रा में कई बच्चों ने इस तरह क़े संस्थान का पहली बार अवलोकन किया, बच्चों को पुस्तकालय के आंतरिक कामकाज और पुस्तकों के साथ जुड़ने और इस वातावरण का एक अनूठा अवसर मिला । ख़ासकर बच्चों के आकर्षण का केंद्र जुगल किशोर पेटशली संग्रहालय देखना रहा. बच्चों ने उत्सुकता से संग्रहालय में रखी वस्तुओं को देखा ।

सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री दीपा कौशलम क़े नेतृत्व में अस्तित्व एनजीओ, रचनात्मक, बाल-केंद्रित दृष्टिकोण यथा – विज्ञान मेलों, कठपुतली शो और शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से वंचित बच्चों को सशक्त बनाने के लिए काम करता है। सुश्री कौशालम ने कहा कि इस तरह क़े बच्चे नगर के झुग्गियों से आते हैं। कई बच्चों के लिए, पुस्तकालय को देखने का अनुभव नया व पहली बार का था, वास्तव में बच्चों का उत्साह स्पष्ट दिख रहा था ।
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र बच्चों तक साहित्य की समावेशी पहुंच प्रदान करने और क्षेत्र के सभी बच्चों के लिए सीखने के लिए प्रतिबद्ध है, विशेष रूप से सीमित संसाधनों वाले समुदाय के लिए । इस दौरान केंद्र क़े प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी, प्रशासनिक अधिकारी कर्नल शैलेन्द्र सिंह रौतेला,बाल अनुभाग प्रभारी मेघा एन विलसन, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष मधु डंगवाल भी मौजूद थे.विजय बहादुर, अनिल कुमार व आर्यन का विशेष सहयोग रहा ।

एम्स ऋषिकेश में साक्ष्य आधारित चिकित्सा शिक्षा पर वृहद कार्यशाला

0

-एम्स ऋषिकेश में साक्ष्य आधारित चिकित्सा शिक्षा पर वृहद कार्यशाला

-केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने की स्वास्थ्य सशक्तिकरण की वकालत

देहरादून, एम्स ऋषिकेश में साक्ष्य आधारित चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक वृहद कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा रहे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का सपना स्वास्थ्य के क्षेत्र में मजबूती के बिना अधूरा है। केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि स्वास्थ्य सशक्तिकरण के बिना न समाज समृद्ध हो सकता है और न ही देश विकसित। हमें ऐसी स्वास्थ्य शिक्षा की ज़रूरत है, जो आधुनिक विज्ञान, संवेदनशीलता और साक्ष्य आधारित निर्णय को एक साथ लेकर चले। उन्होंने मेडिकल छात्रों और शिक्षकों से अपील की कि वे अनुसंधान को प्राथमिकता दें और तकनीकी प्रगति को अपनाएं। एम्स ऋषिकेश के निदेशक और आयोजन समिति ने बताया कि यह कार्यशाला देश में मेडिकल एजुकेशन को ग्लोबल स्टैंडर्ड पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुतियाँ, केस स्टडीज और पैनल चर्चा के ज़रिए प्रतिभागियों को व्यावहारिक दृष्टिकोण भी सिखाया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य था चिकित्सकों और स्वास्थ्य पेशेवरों को क्लीनिकल मामलों में ‘एविडेन्स बेस्ड प्रैक्टिस’ को अपनाने के लिए प्रशिक्षित और प्रेरित करना। यह कार्यशाला डिपार्टमेंट ऑफ एविडेन्स सिंथेसिस, सेंट्रल लाइब्रेरी एम्स ऋषिकेश और अंतरराष्ट्रीय मेडिकल प्रकाशन संस्था वोल्टर क्लूवर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई। कार्यशाला का शुभारंभ केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में चिकित्सकों का योगदान केंद्रीय भूमिका में है। एक सक्षम, संवेदनशील और वैज्ञानिक सोच रखने वाला स्वास्थ्य तंत्र ही देश की असली पूंजी है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रयास कर रहा है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या कम हो सके। उन्होंने डॉक्टरों से आह्वान किया कि वे आपात स्थिति में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर मदद देने में निर्णायक भूमिका निभाएं। एम्स ऋषिकेश प्रशासन ने कहा कि यह कार्यशाला देश में चिकित्सा शिक्षा को साक्ष्य और वैज्ञानिक पद्धतियों के साथ जोड़ने की दिशा में एक बड़ी पहल है। भविष्य में इस तरह के विशेषज्ञ-आधारित कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा।
एम्स ऋषिकेश में आयोजित साक्ष्य आधारित चिकित्सा शिक्षा पर वृहद कार्यशाला के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने चिकित्सकों से आह्वान किया कि वे उपचार की नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर हर रोगी के जीवन को बचाने में पूरी निष्ठा से जुटें। उन्होंने कहा कि यह कार्य राष्ट्र को सशक्त बनाने की दिशा में सीधा योगदान है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सिर्फ सेवा नहीं, राष्ट्र निर्माण का एक स्तंभ है। जब डॉक्टर हर रोगी के लिए नवीनतम और सटीक इलाज अपनाते हैं, तो वह भारत को स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी विकसित बनाते हैं। कार्यशाला की सह-अध्यक्षता कर रहीं संस्थान की कार्यकारी निदेशक और डिपार्टमेंट ऑफ एविडेंस सिंथेसिस की प्रमुख प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि एविडेंस सिंथेसिस एक गंभीर वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो प्रयोगशालाओं, केस स्टडीज़ और शोध के ज़रिए ज्ञान उत्पन्न करती है। शैक्षणिक अनुसंधान कार्यों के दौरान जनरेट होने वाला एविडेंस भविष्य की चिकित्सा नीतियों और उपचार विधियों के लिए बेहद अहम होता है। प्रो. सिंह ने चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे अपने शोध आधारित निष्कर्षों को अवश्य प्रकाशित कराएं, ताकि वैश्विक चिकित्सा समुदाय को लाभ हो सके।
वोल्टर क्लूवर ग्लोबल ग्रोथ मार्केट्स इंडिया की वाईस प्रेजिडेन्ट रूचि तुषीर ने डिजिटल स्वास्थ्य उपकरणों के उपयोेग और इसके प्रभाव के बारे में बारीकी से बताया। उन्होने कहा कि वोल्टर्स क्लूवर विश्वसनीय नैदानिक तकनीक और साक्ष्य-आधारित समाधान प्रदान करता है जो चिकित्सकों, रोगियों, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की अगली पीढ़ी को प्रभावी निर्णय लेने और स्वास्थ्य सेवा में बेहतर परिणाम देगा। कार्यशाला के दूसरे सत्र में वोल्टर क्लूवर की अपर निदेशक शीनम अग्रवाल ने जनरल में आर्टिकल प्रकाशित करवाने के बारे में चिकित्सकों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी। कार्यशाला के दौरान साफटवेयर अप टू डेट, डिस्कवरी प्लेटफार्म, ओविड आदि ऑन लाईन डिजिटल टूलों के उपयोग के संबन्ध में विस्तार से बताया गया।
कार्यशाला के समन्वयक और संस्थान के वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष व सूचना अधिकारी संदीप कुमार सिंह ने कहा कि कार्यशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) के साथ अप टू डेट एक्शन के माध्यम से नैदानिक निर्णय और साक्ष्य उपयोग को सशक्त बनाने पर जोर दिया गया। साथ ही मेडिकल क्षेत्र में एविडेन्स टूल, पुस्तकें, आर्टीकल पब्लिकेशन व अनुसंधान आदि के माध्यम से लाभ लेने के बारे में भी चिकित्सकों को जागरूक किया गया।

उत्तराखंड़ में शिक्षा विभाग का बड़ा फेरबदल, 9512 शिक्षक होंगे एलटी में समायोजित

0

-2043 शिक्षकों को मिल सकती है प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी

देहरादून, उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर कैडर पुनर्गठन की तैयारी चल रही है। जूनियर हाईस्कूलों में कार्यरत 9512 शिक्षकों को अब सहायक अध्यापक एलटी (TGT) के पदों में समायोजित किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है।
शिक्षा विभाग ने प्रदेश में केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर त्रिस्तरीय पीआरटी, टीजीटी और पीजीटी व्यवस्था लागू करने का खाका तैयार किया है। प्रस्ताव के अनुसार, जूनियर हाईस्कूल में कार्यरत कुल 11,555 सहायक अध्यापकों में से 2043 को प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर, जबकि शेष 9512 को एलटी ग्रेड (TGT) में समायोजित किया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों से विकल्प भी लिए जाएंगे।
इसी तरह, जूनियर हाईस्कूलों के 1998 प्रधानाध्यापकों में से 955 को प्राथमिक विद्यालयों में वरिष्ठ प्रधानाध्यापक और 1043 को माध्यमिक विद्यालयों में पीजीटी के रूप में समायोजित करने का प्रस्ताव है। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे शैक्षिक ढांचे में अनुशासन और दक्षता बढ़ेगी।
भविष्य में इन पदों पर सीधी नियुक्ति या पदोन्नति नहीं की जाएगी। विकासखंड और संकुल मुख्यालयों के प्राथमिक विद्यालयों तथा आदर्श प्राथमिक विद्यालयों में वरिष्ठ प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी।
अपर शिक्षा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, पदमेंद्र सकलानी ने बताया कि प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है और त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था को शीघ्र लागू करने की योजना है।

हाईकोर्ट ने उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर स्टे बरकरार, फिर होगी सुनवाई

0

नैनीताल, उत्तराखंड़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट में आज हुई सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया। इस मामले में अब कल गुरूवार 26 जून को फिर सुनवाई होगी, जिसमें यह तय होगा कि चुनावों पर रोक हटेगी या नहीं।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा। सरकार ने बताया कि पंचायत चुनाव के लिए 9 जून को नियमावली तैयार की गई थी, 11 जून को आरक्षण और रोटेशन की सूची जारी हुई और 14 जून को इसका गजट नोटिफिकेशन भी प्रकाशित किया गया। सरकार का दावा था कि सभी प्रक्रियाएं नियमों के अनुसार पूरी की गई हैं। इसके समर्थन में सरकार ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला भी दिया।
हालांकि, हाई कोर्ट ने अभी कोई अंतिम फैसला नहीं सुनाया। कोर्ट ने मामले की गहनता को देखते हुए अगली सुनवाई के लिए कल का समय निर्धारित किया है। इस फैसले का इंतजार राज्य के पंचायत चुनावों की तैयारियों पर असर डाल सकता है। वहीं चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी फिलहाल अपनी तैयारी में लगे हैं l