Sunday, November 24, 2024
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सीएम धामी के निर्देश के बाद पुलिस ने 8 घंटे के अंदर बच्चे को किया बरामद, पुलिस जांच पड़ताल में जुटी

हरिद्वार, अपहृत आठ माह के बच्चे को बरामद करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा एक्शन लेते हुए हरिद्वार पुलिस को तुरंत बच्चे को बरामद करने के निर्देश दिए थे जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार अजय सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 8 घंटे के अंदर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है जिसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली है तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया ।
गौरतलब है कि बीते रोज हरिद्वार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया 8 माह के बच्चे के अपहरण को बेहद गंभीरता से लिया था तथा बच्चे के अपहरण पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्होंने एसएसपी हरिद्वार को बच्चे की बरामदगी हेतु कार्यवाही हेतु सख्त निर्देश दिए गए थे।
जिस पर हरिद्वार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हरिद्वार में अपहृत आठ माह के बच्चे को पुलिस ने बरामद कर लिया है। ब
हरिद्वार पुलिस ने क्षेत्र के सभी सीसीटीवी खंगालने के साथ ही विभिन्न मुखबिर तंत्र, मीडिया, जनता के मध्य सूचना प्रचारित प्रसारित की।
इसका परिणाम भी देखने को मिला और बच्चे के संबंध में जानकारी मिलने पर 8 माह के बच्चे को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है |

पुलिस की ने की थी त्वरित कार्रवाई :

डीआईजी गढ़वाल ने बताया कि अपहरण का मुकदमा दर्ज कर तत्काल पुलिस और एसओजी की टीमें खोजबीन में लगा दी गई थीं। संदिग्ध मोबाइल फोन नंबरों को ट्रेस करते हुए खोजबीन शुरू की गई। रविवार को भारत माता मंदिर के पास एक मोबाइल फोन नंबर की लोकेशन मिलने पर घेराबंदी कर आशा कार्यकर्ता रूबी निवासी गागलहेड़ी सहारनपुर उत्तर प्रदेश हाल पता सीतापुर, कड़च्छ मोहल्ला निवासी आशा जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है और श्यामपुर कांगड़ी निवासी कपड़ा व्यापारी संजय को दबोचा।

इन लोगों से बच्चा बरामद किया गया। इनसे पूछताछ के बाद अपहरण मामले में शामिल किरन, अनिता, सुषमा निवासीगण मोहल्ला कड़च्छ और कपड़ा कारोबारी संजय की पत्नी पारुल को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि किरन, सुषमा और अनिता ने मिलकर बच्चे का अपहरण किया था।
उन्होंने बताया कि रविंद्र के घर के बराबर में रहने वाली किरन ही मौका पाकर सोते बच्चे को उठाकर लाई थी। उसने दूसरी गली में रहने वाली सुषमा को बच्चा सौंप दिया, सुषमा ने पड़ोस में रहने वाली अनीता को दिया। अनीता बच्चे को लेकर आशा कार्यकर्ता रूबी के हवाले किया।
रूबी और आशा ने शनिवार को ही बहादराबाद क्षेत्र में जाकर कपड़ा व्यापारी संजय को बच्चा सौंप दिया। संजय ने 50 हजार रुपये नकद दिए और दो लाख रुपये बाद में देने का वादा किया। इसके बाद संजय बच्चे को अपनी पत्नी के पास ले गया।

बच्चा चोरी की सूचना फैलने के बाद संजय डर गया। उसने रविवार सुबह रूबी और आशा को फोन किया। भारत माता मंदिर के पास बुलाकर बच्चा उन्हें वापस कर दिया। इसी दौरान तीनों को पकड़ लिया गया और सारे मामले का खुलासा हो गया। उन्होंने बताया कि 50 हजार रुपये भी बरामद कर लिये गए हैं।

 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी द्वारा “नवनिर्मित महिला हेल्प डेस्क” का किया गया उद्धाटन

महिलाओ के हित में पौड़ी पुलिस का फैसला कोटद्वार में भी महिला हेल्प डेस्क हुई शुरू - Khabar Sameeksha (ख़बर समीक्षा)

 

पौड़ी (कोटद्वार), जनपद का कोटद्वार शहर एक घनी आबादी वाला शहर है। थाना कोटद्वार पर पीड़ित महिलायें अपनी शिकायतें लेकर काफी संख्या में थाना परिसर में पूर्व से ही बने महिला हेल्प डेस्क पर आती थी। पूर्व से बने महिला हेल्प डेस्क में अपेक्षाकृत जगह कम होने के कारण पीड़ित महिलायें पुलिस को अपनी शिकायत बताने में भीड़-भाड़ होने के कारण असहज महसूस करती थी। पीड़ित महिलाओं की इस समस्या के दृष्टिगत घरेलू हिंसा, पारिवारिक मामलों एवं उत्पीड़न जैसी शिकायतों के निस्तारण में पारदर्शिता लाने हेतु थाना परिसर में ही महिला हेल्प डेस्क हेतु पृथक से एक कक्ष तैयार किया गया, जिसका आज दिनांक 12.12.2022 को श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदया पौड़ी गढ़वाल श्रीमती श्वेता चौबे द्वारा उद्धाटन किया गया। महोदया द्वारा “महिला हेल्प डेस्क” में नियुक्त कर्मियों को निम्न आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये:

“महिला हेल्प डेस्क” पर अपनी शिकायत लेकर आने वाली पीड़ित महिला को विश्वास में लेकर उनकी शिकायत को गम्भीरता से ध्यानपूर्वक सुनकर शिकायत का तत्काल निस्तारण करेंगी। “महिला हेल्प डेस्क” पर आने वाले प्रत्येक पीड़ित की शिकायत के सम्बन्ध में एक रजिस्टर तैयार किया जायेगा जिसमें पीड़िता का नाम, पता, सम्पर्क नम्बर, शिकायत का विवरण अंकित किया जायेगा। उक्त रजिस्टर में Feed Back का कॉलम अवश्य बनाया जाये, जिसमें शिकायत के निस्तारण के पश्चात पीड़िता द्वारा अपनी संतुष्टि/असंतुष्टि के सम्बन्ध में टिप्पणी अंकित की जायेगी। “महिला हेल्प डेस्क” में नियुक्त कार्मिकों को उत्तराखण्ड पुलिस एप के गौरा शक्ति का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर पीड़ित महिलाओं को विश्वास में लेकर एप की उपयोगिता के बारे में जानकारी देकर उनका स्वः रजिस्ट्रेशन करने हेतु प्रेरित करेंगे। जिससे अल्प समय में पीड़िता को पुलिस सहायता उपलब्ध हो सके। थाने पर आने वाली पीड़ित महिलाओं की नियमानुसार कॉउन्सलिंग करने हेतु निर्देशित किया गया।

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