Friday, November 22, 2024
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यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने भारत को दिया सस्ते कच्चे तेल का ऑफर, दुनिया में मच जाएगा तहलका

नई दिल्ली, भारत में रूस के राजदूत निस एल्पोव ने रूसी मीडिया के साथ हाल ही में बात करते हुए कहा है कि अगर भारत दिलचस्पी दिखाता है तो रूस भारत को अपना सबसे घातक और सबसे ज्यादा उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम एस 500 तक बेचने को राजी है।

यूक्रेन युद्ध जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे दुनिया के देशों के दोस्ती और दुश्मनी के नए-नए समीकरण सामने आते जा रहे हैं। अब खबर आई है कि रूस भारत के साथ अपनी दोस्ती को और ज्यादा मजबूत बनाने के लिए भारत को अपना वो हथियार बेच सकता है जिसे उसने अभी तक किसी और देश के साथ शेयर नहीं किया है। भारत में रूस के राजदूत डेनिस एल्पोव ने रूसी मीडिया के साथ हाल ही में बात करते हुए कहा है कि अगर भारत दिलचस्पी दिखाता है तो रूस भारत को अपना सबसे घातक और सबसे ज्यादा उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम एस 500 तक बेचने को राजी हो गया |

पहले इसी कैटेगरी का एयर डिफेंस सिस्टम एस 400 ही ऑपरेशनल है। रूस ने इसे भारत के अलावा तुर्की और चीन को भी बेचा है। एस 400 एक जबरदसस्त सर्फेस टू एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है। लेकिन रूस में उससे भी आगे एस 500 को बनाने की प्रक्रिया चल रही है। जिसके एक दो सालों में ऑपरेशनल होने की उम्मीद है। रूस उसे भी भारत को बेचने के लिए राजी हो गया है।

अंतरिक्ष में मौजूद किसी भी लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम

एस-500 कितना शक्तिशाली है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें लगी मिसाइलें अंतरिक्ष में मौजूद किसी भी लक्ष्य को पलक झपकते ही नष्ट करने में सक्षम है। । S-500 मिसाइल सिस्टम को रूसी हथियार कंपनी अल्माज-एनेटी कॉर्पोरेशन ने बनाया है। यह वही कंपनी है, जिसने इसके पहले S-300 और S-400 का उत्पादन किया है। रूस का दावा है कि इस सिस्टम के अत्याधुनिक रडार से दुश्मनों के स्टील्थ लड़ाकू विमान भी बच नहीं पाएंगे।
पिछले दिनों यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने अमेरिका के तमाम दबाव के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस का विरोध नहीं किया। इसके साथ ही भारत ने न ही यूक्रेन पर रूस के हमले की कोई आलोचना की। यही नहीं भारत को अब अमेरिकी प्रतिबंधों को धता बताकर रूस के साथ कच्चे तेल की भी एक डील करने का मन बना चुका है। जिसके तहत रूस भारत को 25 से 27 फीसदी के डिस्काउंट पर कच्चा तेल बेचने जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूस इस डील में तेल के ट्रांसपोर्टेशन और इंशोरेंस का खर्च भी वहन करने को राजी हो गया है।

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