Tuesday, November 26, 2024
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दो दिवसीय वसंतोत्‍सव आठ और नौ मार्च को होगा आयोजित, फूलों की होली सांस्कृतिक कार्यक्रम की रहेगी मुख्य थीम

देहरादून, प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी राजभवन आयोजित होने वाला वसंतोत्‍सव-2022 आगामी आठ और नौ मार्च को आयोजित किया जाएगा। वसंतोत्‍सव की शुरुआत उत्‍तराखंड के लोकपर्व फूलदेई से की जाएगी। शुक्रवार को देहरादून स्थित राजभवन में ओयाजित बैठक में यह फैसला लिया गया।
यह बैठक राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस दौरान बताया गया कि दून के विभिन्न चौराहों पर फूलों के गुलदस्ते बेचने वाले छोटे कारीगर भी उत्सव में प्रतिभाग कर सकेंगे। उत्सव में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्तराखंड के स्थानीय भोजन की व्यवस्था भी रहेगी। इस दौरान मशरूम, शहद उत्पादन, जड़ी-बूटी, जैविक खेती आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पांच ब्रांड अम्बेसडर को राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जाएगा। उत्‍सव में शहद उत्पादन, इत्र, ऐरामेटिक पौधों, औषधीय जड़ी बूटियों को प्रोत्साहित किया जाएगा |
पुष्प प्रदर्शनी आम जनता के लिए आठ मार्च को दोपहर 12 बजे से शाम छह बजे तक तथा नौ मार्च को सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक खुली रहेगी। इस बार कुल 13 श्रेणियों में 147 पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। इस बार वसंतोत्‍सव में फूलों की होली सांस्कृतिक कार्यक्रम की मुख्य थीम रहेगी।
इस वर्ष राजभवन में वसंतोत्सव का आयोजन आठ और नौ मार्च को किया जाएगा। इस दौरान मां यमुना के मंदिर में अर्पित किए जाने वाली यमुना तुलसी या कुण्ज पर स्पेशल पोस्टल कवर, डाक विभाग के सौजन्य से जारी किया जाएगा। उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकपर्व फूलदेई के आयोजन के साथ राजभवन में वसन्त उत्सव 2022 का शुभारंभ किया जाएगा। इस अवसर पर नन्ही बालिकाओं द्वारा राजभवन परिसर में फूलदेई पर्व मनाया जाएगा। वहीं उत्तराखण्ड के लोकगीतों के साथ राज्यपाल का स्वागत किया जाएगा।

राज्यपाल ने निर्देश दिए हैं कि इस वर्ष वंसत उत्सव पर आईएचएम व जीएमवीएन के साथ ही राज्य के महिला स्वयं सहायता समूहों के सौजन्य से फूड कोर्ट स्थापित किए जाएं। इसमें राज्य के स्थानीय भोजन को वरीयता दी जाएगी। राज्यपाल ने कहा कि खाद्य फूलों के उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। वसंत उत्सव में पाचं से 18 वर्ष आयु वर्ग के सभी स्कूली बच्चों के लिए पेंटिग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें विभिन्न अनाथालयों में रहने वाले बच्चों, दिव्यांग बच्चों तथा रैग पिकर्स बच्चों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। पेंटिग प्रतियोगिता के लिए 21 पुरस्कारों की घोषणा की गई है। राज्यपाल बच्चों को सम्मानित करेंगे और उनका उत्साहवर्धन करेंगे।

 

शहीद जगेंद्र सिंह चौहान
के पार्थिव शरीर का हरिद्वार स्थित घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

देहरादून (डोईवाला), देश की रक्षा करते हुए अपना बलिदान देने वाले बलिदानी हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर शुक्रवार उनके आवास पर लाया गया, जहां पर सैकड़ों की संख्या में एकत्र ग्रामीणों ने नम आंखों से वीरगति को प्राप्त जगेंद्र को अपनी श्रद्धांजलि दी। सरकार की ओर से प्रतिनिधि के रूप में आए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने शहीद को नमन किया।

इसी माह 20 फरवरी को बलिदानी जगेंद्र सिंह चौहान सियाचिन में ड्यूटी में गश्‍त करने के दौरान ग्लेशियर टूटने से चोटिल हो गए थे। जिनका अस्पताल में उपचार के दौरान 21 फरवरी को निधन हो गया था। जिसकी सूचना परिवार को रात्रि 11:45 पर सेना के अधिकारियों ने दी। सूचना के बाद से ही परिवार में मातम छा गया। सूचना के बाद बलिदानी के पिता सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह चौहान, माता विमला चौहान, पत्नी किरन चौहान, भाई अजेंद्र व मनमोहन चौहान को स्थानीय ग्रामीणों ने ढांढस बंधाया। साथ ही भारी संख्या में ग्रामीणो ने बलिदानी के घर पहुंच कर अपनी सांत्वना व्यक्त की।शुक्रवार को बलिदानी जगेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर उनके आवास पर कान्हरवाला डोईवाला लाया गया, जहां पर सेना की ओर से सलामी देने के बाद शहर वासियों की ओर से बलिदानी के पार्थिव शरीर को उनके आवास से लेकर भानियावाला तिराहे तक अपने कंधों में उठाकर ले जाया गया और भारत माता की जय, शहीद जगेंद्र सिंह अमर रहे के नारों के बीच अंतिम विदाई दी गई। इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को हरिद्वार स्थित घाट पर ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया।
देश के वीर सपूत बलिदानी जगेंद्र सिंह चौहान की अंतिम यात्रा के दौरान स्थानीय व्यापारियों ने भी शोक व्यक्त करते हुए भानियावाला का बाजार बंद रख कर अपनी ओर से श्रद्धांजलि देकर शोक संवेदना व्यक्त की, सरकार के प्रतिनिधि की ओर से उपस्थित कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है। शहीद के परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। साथ ही परिवार के एक व्यक्ति को योग्यतानुसार सरकारी नौकरी देने के साथ ही शहीद के नाम पर सड़क व स्कूल का नाम भी रखा जाएगा। ताकि जगेंद्र की शहादत को हमेशा याद रखा जा सके।

गणेश गोदियाल (प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस) ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है और हमेशा से हमारे जवानों ने आगे बढ़ चढ़कर देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। आज जगेंद्र चौहान के परिवार पर जो दुखों का पहाड़ टूटा है उसकी भरपाई तो नहीं कर सकते। लेकिन शहीद की शहादत को बार-बार नमन जरूर करेंगे।
शहीद की अंतिम यात्रा में मुख्य रूप से तहसीलदार सुशील सैनी, उपनिरीक्षक मुकेश डिमरी, पूर्व प्रधान नरेंद्र सिंह नेगी, मनवीर सिंह बिष्ट, गौरव सिंह, ब्रज भूषण गैरोला, मनोज नौटियाल, ईश्वर रौथान, मोहित उनियाल, दिनेश सजवाण, विनय कंडवाल, सुखदेव चौहान, सागर मनवाल आदि सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।

बलिदानी के पार्थिव शरीर को ले जाते समय उनकी अंतिम यात्रा में कान्हरवाला के निजी विद्यालय के बच्चों ने भी पंक्ति बद खड़े होकर पुष्प वर्षा कर अपनी श्रद्धांजलि दी।

 

पत्रकार किशोर राम को फर्जी मुकदमे में जेल भेजने पर पुलिस प्रशासन की जिप सदस्य मर्तोलिया ने की कड़ी आलोचना

पिथौरागढ़, जिप सदस्य तथा उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार संघ के राज्य संयोजक जगत मर्तोलिया ने पीड़ित परिवार की आवाज को मंच देने वाले पत्रकार किशोर राम को फर्जी मुकदमे में जेल भेजने पर पुलिस प्रशासन की कड़ी आलोचना की। कहा कि पुलिस का हिटलरशाही देखकर लोकतंत्र के सभी स्तंभ स्तब्ध है।
मर्तोलिया ने कहा कि पुलिस के साइबर सेल ने जो एफआईआर दर्ज की है, वह झूठ का पुलिंदा है। पत्रकार किशोर द्वारा बनाए गए वीडियो को सुनकर लगता है कि पुलिस पगला गयी है।
मर्तोलिया ने कहां की दो बेटियों को न्याय देने के लिए एक पिता 18 जनवरी से पुलिस व प्रशासन से गुहार लगा रहा था।उसकी बात को कोई सुनने को तैयार नहीं है।उल्टा पुलिस उस परिवार का उत्पीड़न करने पर तुली हुई है।
अपराधियों के द्वारा लगातार परिवार को धमकाया व डराया जा रहा है। इस स्थिति में एक पत्रकार के द्वारा पीड़ित परिवार के पक्ष को अपने मंच से उठाया गया, इससे नाराज पुलिस ने पत्रकार को झूठ एवं फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेज दिया।
उन्होंने कहा कि पुलिस मारपीट तथा अराजकता फैलाने वाले अपराधियों को पुलिस थाने से जमानत दे दी है। लेकिन एक पत्रकार को जो समाज के दबे कुचले वर्ग की आवाज को उठा रहा है, उसे फर्जी मुकदमे में जेल भेजने से अपने को गौरवान्वित महसूस कर रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई का हर मंच से पुरजोर विरोध किया जाएगा।
इसके लिए मानवाधिकार आयोग तथा राज्य एवं केंद्र के अनुसूचित जाति आयोग का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ जनपद में इस तरह के पुलिस उत्पीड़न की घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने जिलाधिकारी से मांग किया कि इस घटना की किसी वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराई जाए।
पुलिस के जिन अफसरों ने इस तरह की ना समझी भरा कार्य किया है, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने जिले के पत्रकार संगठनों तथा न्याय पसंद संगठनों से अपील किया कि वे एक मंच पर आकर किस प्रकार के पुलिस उत्पीड़न की घटनाओं का मुंहतोड़ जवाब दें।
उन्होंने 24 घंटे के भीतर पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है।

 

देश के वीर सपूत बलिदानी जगेंद्र सिंह चौहान की अंतिम यात्रा के दौरान स्थानीय व्यापारियों ने भी शोक व्यक्त करते हुए कान्हरवाला, भानियावाला का बाजार बंद रख कर अपनी ओर से श्रद्धांजलि देकर शोक संवेदना व्यक्त की, सरकार के प्रतिनिधि की ओर से उपस्थित कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है। शहीद के परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। साथ ही परिवार के एक व्यक्ति को योग्यतानुसार सरकारी नौकरी देने के साथ ही शहीद के नाम पर सड़क व स्कूल का नाम भी रखा जाएगा। ताकि जगेंद्र की शहादत को हमेशा याद रखा जा सके।

गणेश गोदियाल (प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस) ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है और हमेशा से हमारे जवानों ने आगे बढ़ चढ़कर देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। आज जगेंद्र चौहान के परिवार पर जो दुखों का पहाड़ टूटा है उसकी भरपाई तो नहीं कर सकते। लेकिन शहीद की शहादत को बार-बार नमन जरूर करेंगे।

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